गर्भवती महिलाओं के लिए आंगनबाड़ियों में क्या-क्या योजनाएं हैं?

|| गर्भवती के लिए आंगनबाड़ियों में क्या-क्या योजनाएं हैं? | What are the schemes in anganvadis for pregnant women? | प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (PM Matrutva Vandan yojana | जननी सुरक्षा योजना (Janani Suraksha Yojana | आंगनबाड़ी लाभार्थी योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को कितनी सहायता राशि प्रदान की जा रही है? ||

मां बनना किसी भी महिला का सपना और एक सुखद एहसास होता है। लेकिन अनेक ऐसी महिलाएं हैं, जो अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति अथवा कार्य की मजबूरी के चलते इस सुखद एहसास को पूरी तरह से अनुभव नहीं कर पातीं। उनके लिए गर्भावस्था के दौरान पोषण एवं स्वास्थ्य की देखभाल एक मुश्किल काम साबित होता है। है हमारी केंद्र सरकार इस संबंध में बहुत संवेदनशील है और उसने आंगनबाड़ियों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि गर्भवती के लिए आंगनबाड़ियों में क्या-क्या योजनाएं हैं आइए शुरू करते हैं-

Contents show

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (PM Matrutva Vandan yojana)

इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को केंद्र सरकार के द्वारा ₹6000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है जो उन्हें गर्भावस्था की विभिन्न अवस्थाओं के दौरान मिलती है। इस राशि को पाने की पहली शर्त यह है कि महिला का आंगनवाड़ी केंद्र में रजिस्ट्रेशन हो दूसरे उसने इससे पूर्व इस प्रकार के किसी योजना का लाभ ना उठाया हो।

गर्भवती महिलाओं के लिए आंगनबाड़ियों में क्या-क्या योजनाएं हैं

इस योजना का लाभ लेने के लिए गर्भवती महिलाओं को जो दस्तावेज जमा करने होते हैं उनमें महिला का आधार कार्ड सरकारी अस्पताल अथवा पीएचसी द्वारा जारी किया गया स्वास्थ्य कार्ड महिला के बैंक खाते का ब्यौरा शामिल है। दोस्तों आपको जानकारी दे दें कि गर्भवती महिलाओं को यह सहायता राशि 3 किस्तों में प्रदान की जाती है जो कि इस प्रकार से हैं-

  • * गर्भ धारण करने के पश्चात : गर्भधारण करने के बाद एवं इसके रजिस्ट्रेशन के पश्चात महिलाओं को ₹1000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
  • * योजना के तहत दूसरी किस्त ₹2000 की होती है, जो कि महिला को गर्भावस्था के छह माह उपरांत सभी प्रकार के टीकाकरण पश्चात प्रदान की जाती है।
  • * बालक के जन्म के पश्चात और उसके जन्म के रजिस्ट्रेशन के बाद लाभार्थी महिला को ₹2000 की राशि प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त उसे जननी सुरक्षा योजना के तहत एक हजार रुपए का अतिरिक्त लाभ भी प्रदान किया जाता है। इस प्रकार लाभार्थी महिला को कुल 6 हजार रुपए बतौर सहायता राशि प्रदान किए जाते हैं।

जननी सुरक्षा योजना (Janani Suraksha Yojana):

मित्रों, अब जननी सुरक्षा योजना की बात कर लेते हैं। इस योजना के संबंध में हम आपको इसी पोस्ट में ऊपर भी अवगत करा चुके हैं। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के साथ ही ₹1000 का जो अतिरिक्त लाभ (extra benefit) प्रदान किया जाता है, वह जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत ही प्रदान किया जाता है। आपको बता दें कि संस्थागत प्रसव के माध्यम से सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National health mission) के अंतर्गत इस योजना का संचालन किया जा रहा है।

दोस्तों, आपको बता दें कि प्रसव के दौरान होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु दर (child mortality rate) में कमी लाने के लिए इस योजना के माध्यम से महिलाओं को प्रोत्साहन राशि देकर सरकारी अस्पतालों पर संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित किया जा रहा है। विशेष बात यह है कि इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरी (rural and urban) दोनों प्रकार की गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल (government hospital) में प्रसव कराने पर अलग-अलग प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है।

यह ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं के लिए 1400 रुपए एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं के लिए 1000 रुपए है। इतना ही नहीं दोस्तों, इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों पर संदर्भित करने के लिए आशा (ASHA) को भी प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान (provision) किया गया है। उन्हें प्रति प्रसव ग्रामीण क्षेत्रों में 600 रुपए एवं शहरी क्षेत्रों इसी कार्य के लिए 400 रुपए प्रदान किए जाते हैं।

आंगनबाड़ी लाभार्थी योजना (anganvadi labharthi yojana) :

मित्रों, आपको बता दे कि यह आंगनवाड़ी लाभार्थी योजना करीब 12 वर्ष पुरानी है। इसका शुभारंभ सन् 2011 में हुआ था। पूर्व में इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को 5 किलो राशन प्रदान किया जाता था। लेकिन जब कोरोना महामारी ने पूरे देश को अपनी गिरफ्त में लिया तो इस योजना के तहत सरकार द्वारा राशन देना बंद कर दिया गया।

उसके स्थान पर महिलाओं के बैंक खाते (bank account) में सीधे 1500/- रुपए बतौर सहायता राशि भेजे जाने की शुरूआत कर दी गई। इस व्यवस्था को डीबीटी (DBT) यानी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (direct bank transfer) भी पुकारा जाता है। महिलाओं को गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान पोषण की बेहद आवश्यकता होती है। ऐसे में उसे राशन के लिए किसी प्रकार की दिक्कत ना हो, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सरकार द्वारा इस योजना का शुभारंभ किया गया था।

भारत में गर्भावस्था/प्रसव के दौरान महिलाओं की मृत्यु दर क्या है? (What is the woman’s mortality rate during pregnancy/delivery?)

दोस्तों, अब बात कर लेते हैं भारत में महिलाओं की गर्भावस्था अथवा प्रसव के दौरान मृत्यु दर की। आपको बता दें दोस्तों कि भारत में गर्भावस्था अथवा प्रसव के दौरान प्रतिदिन करीब 66 महिलाओं की मौत हो जाती है। इसका सीधा सा अर्थ यह है कि देश में गर्भावस्था अथवा प्रसव के दौरान प्रत्येक वर्ष 24 हजार से भी अधिक भावी माताएं काल के गाल में समा जाती हैं।

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक दो मिनट में दुनिया के किसी न किसी कोने में एक महिला की गर्भावस्था अथवा प्रसव के दौरान जान चली जाती है। इस वजह से प्रत्येक वर्ष सीधे-सीधे करीब 2,87,000 महिलाओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। दोस्तों, यदि दुनिया भर की बात करें तो भारत एवं नाइजीरिया के पश्चात भारत दुनिया का दूसरा ऐसा देश है, जहां इतनी बड़ी संख्या में गर्भावस्था अथवा प्रसव के दौरान माताओं की मौत हो रही है।

देश में गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल को लेकर क्या स्थिति है? (What is the condition of pregnancy women in India in terms of health care?)

दोस्तों यदि बात गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति पर करें तो आपको बता दें कि इस स्थिति कोई बहुत अच्छी नहीं है। यद्यपि पहले की अपेक्षा स्वास्थ्य देखभाल की स्थितियों में सुधार दर्ज किया गया है। आज से करीब दो वर्ष पूर्व संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक नई रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसका नाम Trends in maternal mortality 2000-2020 था। इस रिपोर्ट में जारी किए गए आंकड़े यह बताते हैं कि अभी भी देश में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य देखभाल को बेहतर बनाने के लिए कहीं प्रयास करने की आवश्यकता है।

यह अच्छा संकेत है कि सन् 2000 के बाद से भारत में मातृ मृत्यु अनुपात (maternal mortality rate) यानी एमएमआर (MMR) में लगातार गिरावट आई है। सन् 2000 में देश में मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) 384 था, जो कि सन् 2020 में घटकर 103 रह गया है। यह गिरावट करीब 73 प्रतिशत है, लेकिन अफसोस यह है कि यह गिरावट उतनी नहीं है, जितनी कि होनी चाहिए थी। दोस्तों, आपको बता दें कि सतत विकास के लक्ष्यों यानी एसडीजी के तहत भारत सहित दुनिया भर के देशों में सन् 2030 तक मातृ मृत्यु अनुपात को 70 पर लाने का लक्ष्य रखा गया था।

लेकिन हकीकत यह है कि हम यह अनुपात हासिल करने से अभी काफी दूर है। दोस्तों, आलम तो यह है कि दुनिया में लगभग एक तिहाई महिलाओं की आठ प्रसव पूर्व जांचों में से चार जांचें भी ठीक से नहीं हो पाती हैं। इसके अलावा यदि आवश्यक प्रसव पश्चात देखभाल (after delivery care) की बात करें तो वह भी उन्हें ठीक से प्राप्त नहीं होती।

लगभग 27 करोड़ महिलाओं की परिवार नियोजन (family planning) के आधुनिक तरीकों तक पहुंच बेहद सीमित (reach very limited) है। इसके अतिरिक्त आय (income), शिक्षा (education) आदि से संबंधित असमानताएं गर्भवती महिलाओं के लिए जोखिम (risk) को और बढ़ा रही हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो महिलाओं के लिए आज भी यह दुनिया बेहद आसान नहीं है।

FAQ

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को कितनी सहायता राशि प्रदान की जाती है?

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को कुल ₹6000 की राशि प्रदान की जाती है।

क्या प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के तहत लाभार्थियों को सारी सहायता राशि एक साथ प्राप्त होती है?

जी नहीं, इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी महिलाओं को सहायता राशि तीन किस्तों में प्रदान की जाती है।

जननी सुरक्षा योजना का लाभ किस प्रकार दिया जाता है?

गर्भवती महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के तहत ही जननी सुरक्षा योजना के ₹1000 का अतिरिक्त लाभ दिया जाता है। यह राशि शहरी क्षेत्र के महिलाओं के लिए है ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को ₹1400 प्रदान किए जाते हैं।

आंगनबाड़ी लाभार्थी योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को कितनी सहायता राशि प्रदान की जा रही है?

आंगनबाड़ी लाभार्थी योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को डेढ़ हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जा रही है।

आंगनबाड़ी लाभार्थी योजना की सहायता राशि महिलाओं को कैसे प्राप्त होती है?

इस योजना के तहत सहायता राशि को सीधे लाभार्थी महिलाओं के बैंक खाते में हस्तांतरित कर दिया जाता है। इसे डीबीटी भी पुकारा जाता है।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि गर्भवती महिलाओं के लिए आंगनबाड़ियों में क्या-क्या योजनाएं हैं। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई सवाल है तो उसे आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हम तक भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
[fluentform id="3"]

Leave a Comment