सिबिल स्कोर क्या है? | सिबिल स्कोर बढ़ाने के कुछ आसान तरीकें | What is cibil score in Hindi

|| सिबिल स्कोर क्या होता है? | What is cibil score in Hindi | Cibil score kaise sudhare | सिबिल स्कोर 750 का क्या मतलब है? | Cibil score kitna hona chahiye | सिबिल स्कोर तुरंत कैसे बढ़ाएं हिंदी में? ||

Cibil score kaise badhaye :- आज के समय में बहुत लोगों को बैंक से या अन्य किसी संस्था से लोन लेने की जरुरत होती है। किसी को शिक्षा जारी रखने या उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए लोन चाहिए होता है तो किसी को होम लोन तो किसी को पर्सनल लोन। ऐसे में ज्यादातर माध्यम वर्ग को लोन की जरुरत होती ही है। इतना ही नहीं, आज के समय में तो उच्च आय से लेकर निम्न आय वाले लोगों को भी बैंक से लोन लेने की जरुरत पड़ती (Cibil score kaise sudhare) है।

किन्तु क्या आप जानते हैं कि यदि आपको सस्ता लोन चाहिए तो आपका सिबिल स्कोर अच्छा होना चाहिए। अब बहुत से लोगों को यह भी नहीं पता होगा कि यह सिबिल स्कोर होता क्या है और यदि पता भी होगा तो उन्हें यह नहीं पता होगा कि उनका खुद का सिबिल स्कोर कितना है या उसके लिए उन्हें क्या कुछ करना चाहिए। तो जिस भी व्यक्ति को बैंक से या अन्य किसी संस्था से सस्ता लोन लेना है तो उसके लिए उसे सबसे पहला जो काम करना है वह है अपना सिबिल स्कोर (How to improve cibil score in Hindi) सुधारना।

आज के इस लेख में हम आपको सिबिल स्कोर के बारे में तो जानकारी देंगे ही देंगे, बल्कि इसी के साथ साथ अपना सिबिल स्कोर कैसे बढ़ाएं, इसके बारे में भी समूची जानकारी देंगे। यदि आपका सिबिल स्कोर बढ़ जाता है तो आपके लिए सस्ती दरों पर लोन लेना बहुत ही सरल हो जाएगा। तो आइये जाने सिबिल स्कोर को बढ़ाने के तरीकों के बारे (Cibil score kaise badhta hai) में।

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सिबिल स्कोर क्या होता है? (What is cibil score in Hindi)

सबसे पहले हम सिबिल स्कोर के बारे में बात कर लेते हैं और यह जानने का प्रयास करते हैं कि आखिरकार यह सिबिल स्कोर होता क्या है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि भारत सरकार के द्वारा भारत के हरेक उस व्यक्ति जिसका पैन कार्ड बना हुआ है या बैंक में खाता है, या यूँ कहें कि लगभग हर व्यक्ति का सिबिल स्कोर बनाया जाता है। यह सिबिल स्कोर उसके द्वारा आर्थिक स्थिति और पैसों के लेनदेन के आधार पर उसे तीन अंकों में दी गयी एक संख्या होती (Cibil score explained in Hindi) है।

What is cibil score in Hindi

अब जिस प्रकार हम किसी चीज़ को 10 में से रेटिंग देते हैं जिसमें 10 का अर्थ हुआ बहुत अच्छा और जैसे जैसे रेटिंग 10 से कम होती चली जाती है तो हमें पता चलता है कि वह चीज़ इतनी अच्छी नहीं है। ठीक इसी तरह हमारी आर्थिक स्थिति पहचानने या हमें सस्ता लोन देने के लिए हमारा सिबिल स्कोर निर्धारित किया जाता (Cibil score kya hota hai) है। यह सिबिल स्कोर 300 से 900 अंकों के बीच में होता है। जिस व्यक्ति का सिबिल स्कोर जितना ज्यादा होगा, वह उतना ही उत्तम व्यक्ति माना जाएगा जिसे बैंक लोन देने के लिए लालायित रहेंगे।

अच्छा सिबिल स्कोर क्या होता है? (Cibil score kitna hona chahiye)

अब आपको यह भी जान लेना चाहिए कि अच्छे सिबिल स्कोर का क्या अर्थ होता है। तो जिस भी व्यक्ति का सिबिल स्कोर 700 या फिर 750 से अधिक होता है, उस व्यक्ति को अच्छे सिबिल स्कोर वाला व्यक्ति माना जाता है। ऐसे सिबिल स्कोर वाले व्यक्ति का अर्थ हुआ कि वह ना केवल समय से अपने लोन की किश्त को चुकाता है बल्कि अपने क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान भी समय पर करता है। उस व्यक्ति ने जहाँ से भी कोई भी लोन लिया है तो वह उसका भुगतान एक दम समय और सही राशि में करता (Cibil score kitna hota hai) है।

ऐसे में 750 या फिर न्यूनतम 700 से अधिक अंक वाले सिबिल स्कोर को एक अच्छा सिबिल स्कोर कहा जा सकता है। जिस भी व्यक्ति का सिबिल स्कोर 700 से अधिक होता है उसे सभी तरह के बैंक लोन देने को तैयार रहते हैं और उसे किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता (Cibil score kitna achha hota hai) है। वहीं जिस तरह से व्यक्ति का सिबिल स्कोर बढ़ता चला जाता है, उसे सस्ती दरों पर मिलने वाले लोन का आंकड़ा भी बढ़ता चला जाता है। ऐसे में आपको यह अवश्य पता होना चाहिए कि आपका सिबिल स्कोर क्या है और आप इसे कैसे बढ़ा सकते हैं।

अपना सिबिल स्कोर कैसे चेक करें? (Cibil score check in Hindi)

अब यदि आप सिबिल स्कोर के बारे में इतना सब जानकर अपना भी सिबिल स्कोर जानने को इच्छुक हैं तो इसकी प्रक्रिया बहुत ही सरल है व इसके लिए आपको सिबिल स्कोर वाली वेबसाइट पर जाना होगा और वहां रजिस्टर करना होगा। उसके पश्चात आप स्वयं के सिबिल स्कोर को जान तो सकते ही (Cibil score check karna hai) हैं बल्कि भूतकाल में या वर्तमान काल में आपके नाम पर जो भी लोन चल रहा था या है और जो क्रेडिट कार्ड आपके पास है, उसकी पूरी रिपोर्ट आपके सामने होगी। ऐसे में आइये जाने किस तरह से आप खुद का सिबिल स्कोर चेक कर सकते हैं।

  • सबसे पहले तो आपको सिबिल स्कोर की अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा जिसका लिंक https://www.cibil.com/hi है।
  • यहाँ पर आपको ऊपर दाएं कोने में सदस्य लॉग इन करके विकल्प दिखाई देगा जिस पर आपको क्लिक करना होगा।
  • अब यदि आपने पहले से ही इस पर रजिस्टर किया हुआ है तो आपको बस यूजर नाम और पासवर्ड डालना होगा और लॉग इन हो जाएगा।
अपना सिबिल स्कोर कैसे चेक करें
  • यदि आपने पंजीकरण नहीं किया हुआ है तो आपको कुछ जानकारी उपलब्ध करवा कर खुद का पंजीयन करवाना होगा। इसी के साथ ही वह आपकी आधिकारिक ईमेल आईडी या मोबाइल नंबर पर एक कोड भेजेगा जिसे आपको स्क्रीन में प्रविष्ट करना होगा।
  • उसके पश्चात आपको फिर से अपनी ईमेल आईडी व बनाये गए पासवर्ड को डालकर लॉग इन करना होगा।
  • वहां पर आपको सामने ही अपना सिबिल स्कोर दिख जाएगा। यदि आपका सिबिल स्कोर 700 से अधिक है तो यह बहुत ही अच्छी बात कही जाएगी। यदि नहीं है तो इसे सुधारने के लिए आपको हमारे द्वारा नीचे बताये गए उपायों को करना होगा।

इस तरह से आप ऑनलाइन घर बैठे ही अपना सिबिल स्कोर चेक कर सकते हैं और उसे सुधारने की दिशा में काम कर सकते (Cibil score kaise check kare) हैं। आप CIBIL रिपोर्ट पर क्लिक कर अपने सिबिल स्कोर के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और साथ ही उसका प्रिंट आउट भी निकलवा सकते हैं।

सिबिल स्कोर कैसे बढ़ाएं? (Cibil score kaise badhaye)

अब हम बात करेंगे आपका सिबिल स्कोर बढ़ाने की अर्थात उसे ऊपर ले जाने की। इस बात का ध्यान रखें कि जितना ज्यादा आपका सिबिल स्कोर होगा, उतनी ही सस्ती दरों पर और वो भी बहुत ही आसानी से लोन मिलने में सुविधा होगी। ऐसे में यदि आपका सिबिल स्कोर कम है या जितना भी (Cibil score kaise thik hota hai) है लेकिन यदि आप उसे और बढ़ाना चाहते हैं तो यहाँ हम आपको सिबिल स्कोर बढ़ाने के एक से बढ़कर एक उपाय बताने जा रहे हैं। तो आइये जाने किन किन तरीकों के माध्यम से आप अपना सिबिल स्कोर सुधार सकते हैं।

लोन की किश्त का समय पर भुगतान

जिस वजह से आपका या किसी अन्य व्यक्ति का सिबिल स्कोर सबसे ज्यादा ख़राब होता है या नीचे गिर जता है, वह होता है समय पर अपने द्वारा ली गयी लोन की राशि को नहीं चुकाया जाना। अब आपको लोन की राशि का भुगतान मुख्य तौर पर महीने में एक बार या 2 से 3 महीने में एक बार करना होता है। किन्तु यदि आपने इसे समय पर नहीं चुकाया है या कुछ भी दिन की देरी हो गयी है तो यह अच्छे खासे सिबिल स्कोर को नीचे कर देती (Cibil score kaise increase kare) है।

मान लीजिये कि आपने 12 महीने की किश्त पर कोई लोन लिया है और उस समय आपका सिबिल स्कोर 700 है। अब यदि आप चाहे 11 लोन की किश्त को समय पर चुका देते हैं लेकिन यदि एक भी लोन किश्त में थोड़ी सी भी देरी होती है तो यह आपके सिबिल स्कोर को 700 से नीचे ले जाकर 650 तक कर सकती है। इसलिए लोन की किश्त का देरी से किया गया भुगतान गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है और यह हमेशा के लिए आपके रिकॉर्ड में दर्ज हो सकता है।

क्रेडिट कार्ड का उपयोग

आज के समय में बहुत से लोग क्रेडिट कार्ड का भी इस्तेमाल करने लगे हैं। अब डेबिट कार्ड तो सभी के पास ही होता है जिसे हम सामान्य भाषा में एटीएम कार्ड भी कह देते हैं किन्तु क्रेडिट कार्ड कुछ कुछ लोग लेकर रखते हैं। आपको भी मोबाइल पर या ईमेल इत्यादि पर क्रेडिट कार्ड खुलवाने के कई कॉल या मेल आते होंगे और उनके द्वारा आपको तरह तरह के ऑफर दिए जाते (Cibil score kaise improve kare) होंगे।

ऐसे में यदि आपने अभी तक क्रेडिट कार्ड नहीं खुलवाया है तो इसे आज ही खुलवा लीजिये। इसके लिए आप अपने आधिकरिक बैंक से संपर्क करें और उन्हें बताएं कि आप अपना क्रेडिट कार्ड खुलवाना चाहते हैं। आज के समय में अधिकतर बैंक बिना किसी चार्ज या शुल्क के केवल फ्री में ही क्रेडिट कार्ड खुलवाने की सुविधा दे रहे हैं। इससे भी आपका सिबिल स्कोर अच्छा होता है।

जॉइंट खाता ना खुलवाएं

अब यदि आपने बैंक में किसी के साथ जॉइंट खाता खुलवा रखा है या आपने किसी के साथ सांझेदारी में लोन ले रखा है तो आपको सामने वाले व्यक्ति का बहुत ध्यान रखना होता है। वह इसलिए क्योंकि उसके द्वारा की गयी एक गलती केवल उसका ही नहीं बल्कि आपका भी नुकसान करेगी। कहने का अर्थ यह हुआ कि किसी के साथ जॉइंट में लोन लेने पर आप दोनों के उस पर समान अधिकार व दंड (Cibil score kaise thik hoga) होंगे।

ऐसे में आप चाहे अपने लोन की किश्त एकदम समय पर या उससे पहले ही चुका देते हो लेकिन यदि आपका साझेदार उसमे देरी करता है तो इससे उसका तो सिबिल स्कोर ख़राब होगा ही लेकिन साथ में आपका सिबिल स्कोर भी ख़राब हो जाएगा। ऐसे में आप जिसके भी साथ में अपना जॉइंट अकाउंट खुलवा रहे हैं उसका बहुत ध्यान रखें।

रिमाइंडर सेट करें

कई बार ऐसा देखने में आता है कि हमें अपने लोन की किश्त चुकानी पहले तो याद रहती है लेकिन जब समय आता है तो किसी कारणवश हम भूल जाते हैं या किसी अन्य काम में व्यस्त हो जाते हैं जिस कारण समय पर किश्त नहीं चुका पाते हैं या इसमें कोई और समस्या आ जाती है। ऐसा यदि आपके साथ नहीं हुआ है तो भविष्य में हो सकता है और उसके परिणाम आपको ही भुगतने पड़ सकते (Cibil score increase tips in Hindi) हैं।

इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आप अपने लोन की किश्त को चुकाना ना भूलें तो उसके लिए अपने मोबाइल पर रिमाइंडर का सहारा लिया जा सकता है। आपको बस अपने मोबाइल पर लोन की किश्त चुकाने से कुछ दिन पहले का रिमाइंडर सेट करना है और इसे हर महीने के अनुसार सेट कर देना है। इससे आप अपने लोन की किश्त को चुकाना कभी नहीं भूलेंगे।

बकाया रखने से बचें

कई बार यह देखने में आता है कि हम लोन का या फिर क्रेडिट कार्ड में कुछ बकाया राशि को यूँ ही अनदेखा कर देते हैं और वह महीने दर महीने यूँ ही घसीटती चली जाती है। इसी के साथ ही जब हम लोन या क्रेडिट कार्ड की राशि का भुगतान करते हैं तो वहां आपको अधिकतम भुगतान, न्यूनतम भुगतान का भी विकल्प मिलता होगा।

आप बहुत बार उसमें न्यूनतम भुगतान का चुनाव कर लेते होंगे और इसके लिए आप पर कोई ब्याज या चार्ज भी नहीं लगता होगा। हालाँकि बाद में जाकर आपको बचे हुए पैसों का भुगतान करना ही होता है किन्तु यह आपको शायद ही पता होगा कि इससे भी आपके सिबिल स्कोर पर फर्क देखने को मिलता है। आप जिन भी बकाया को लेकर चलते हैं, वह प्रत्यक्ष रूप से आपके सिबिल स्कोर को प्रभावित कर ही रहा होता है।

क्रेडिट लिमिट का ध्यान रखें

अब हम में से जिनके पास भी है क्रेडिट कार्ड होता है, वे उसका भरपूर इस्तेमाल करते हैं। वह इसलिए क्योंकि हमें उसका भुगतान एक महीने बाद या फिर योजना के हिसाब से एक निश्चित समय के बाद करना होता है। ऐसे में चाहे ऑनलाइन शॉपिंग करनी हो या मॉल में जाकर कुछ खरीदना हो, हम अपने क्रेडिट कार्ड का भरपूर इस्तेमाल करते हुए दिखाई देते हैं।

अब क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया जाना तो ठीक है लेकिन यदि आप इसकी लिमिट तक की खरीदारी कर लेते हैं तो उससे भी आपका सिबिल स्कोर प्रभावित होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट एक लाख है और आप किसी महीने पूरे एक लाख या 90 हज़ार से ऊपर की खरीदारी कर लेते हैं तो इससे भी आपका सिबिल स्कोर कम हो सकता है। ऐसे में आपके क्रेडिट कार्ड की जितनी भी लिमिट हो उसका 70 प्रतिशत तक ही खर्च करें।

एक साथ कई लोन ना लें

आज के समय में लगभग हर बैंक और अन्य संस्थाएं लोन देने को तैयार बैठी है और आप ले भी लेते होंगे। इसके लिए उनके द्वारा कॉल, मैसेज, मेल इत्यादि सब किया जाता है लेकिन यदि आप एक साथ कई लोन ले लेते हैं तो यह भी आपके सिबिल स्कोर को कम कर सकता है। ऐसे में आपकी जितनी जरुरत हो उतने ही पांव पसारने चाहिए अर्थात लोन लेने चाहिए।

यदि आपको जरुरत भी है तो भी एक साथ 3 से अधिक लोन ना लें। जब आपका पहले वाला लोन समाप्त हो जाता है और आप उसकी सभी किश्तों का सफलतापूर्वक भुगतान कर देते हैं तो उसके बाद आप नया लोन ले सकते हैं। इससे आपका सिबिल स्कोर भी अच्छा बना रहता है और आप सस्ती दरों पर लोन भी ले पाते हैं।

क्रेडिट रिपोर्ट को चेक करते रहें

कई बार तकनीकी खामी या बैंक के कर्मचारी के द्वारा भी कोई गलती की जा सकती है और उसका खामियाजा आपको भुगतना पड़ सकता है। वह इसलिए क्योंकि दोष आप पर ही लगेगा और उसका प्रभाव आपके सिबिल स्कोर पर दिखाई देगा। अब मान लीजिये कि आपने तो समय पर अपने लोन की किश्त का भुगतान कर दिया लेकिन बैंक के कर्मचारी से कोई त्रुटी हो गयी या बैंक में ही कोई तकनीकी कमी आ गयी तो सरकार तो यही समझेगी कि आपने ही लोन की किश्त को देरी से भरा है।

ऐसे में आपको सिबिल स्कोर की वेबसाइट से समय समय पर अपनी रिपोर्ट की जांच करते रहना चाहिए और देखना चाहिए कि इसमें किसी तरह की कोई कमी तो नहीं रह गयी है। यदि किसी तरह की कमी दिखाई दे तो आपको तुरंत उस पर काम करना चाहिए ताकि आपका सिबिल स्कोर प्रभावित ना होने पाए।

लंबी अवधि का विकल्प चुने

कई बार यह देखने में आता है कि लोग जल्दी किश्त चुकाने के चक्कर में किश्त की अवधि को कम लेते हैं। उदाहरण के तौर पर आपने 60 हज़ार का टीवी लिया है और उसके लिए आपने 3 महीने की अवधि रखी है। ऐसे में आपको हर महीने 20 हज़ार रुपये का भुगतान करना होगा। अब मान लिया कि आपकी अभी की स्थिति अच्छी है या व्यापार में अच्छी आय हुई है और आप 20 हज़ार का भुगतान करने में सक्षम हैं किन्तु तब क्या हो जब तीसरे महीने कोई दिक्कत आ जाए।

अब यह दिक्कत किसी भी तरह की हो सकती है, जैसे कि लाभ कम हुआ है या फिर घर में किसी का स्वास्थ्य ख़राब हो गया है और अधिकतर पैसा उसमे लग गया है या ऐसा ही कुछ। तो ऐसे में आपके पास पैसे तो होंगे लेकिन 20 हज़ार से कम होंगे जिस कारण आप चाहकर भी क़िस्त का भुगतान नहीं कर पाएंगे। तो आपको जितनी भी लंबी अवधि की किश्तें मिल रही है, उतना ही आपके लिए सही रहता है।

एक किश्त पहले ही भुगतान कर दें

ऊपर वाली अधिकतर समस्याओं से बचने के लिए एक अचूक उपाय यह भी है कि आप अपनी एक किश्त का पहले ही भुगतान करके चलें ताकि उस महीने में कोई दिक्कत भी आये तो उसकी आंच आपके ऊपर ना आने पाए। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप फरवरी महीने में भरी जाने वाली किश्त का भुगतान जनवरी में ही कर दें और फिर फरवरी में मार्च वाली किश्त का भुगतान करें।

इस तरह से आप एक किश्त का एडवांस में भुगतान कर रहे होंगे। ऐसा करने से ना तो किश्त को देरी से भरने की कोई दिक्कत होगी और ना ही आपका सिबिल स्कोर बुरा होगा। बल्कि ऐसा करने से तो आपका सिबिल स्कोर अच्छा होगा और समय के साथ बढ़ता चला जाएगा।

सिबिल स्कोर कैसे बढ़ाएं – Related FAQs

प्रश्न: सिबिल स्कोर तुरंत कैसे बढ़ाएं हिंदी में?

उत्तर: सिबिल स्कोर बढ़ाने के बारे में संपूर्ण जानकारी को हमने इस लेख में विस्तार से दिया है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: सिबिल स्कोर को 600 से 750 तक कैसे बढ़ाएं?

उत्तर: इसके लिए आप ऊपर का लेख पढ़ कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

प्रश्न: नॉर्मल सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए?

उत्तर: नॉर्मल सिबिल स्कोर 700 से अधिक होना चाहिए।

प्रश्न: सिबिल स्कोर कैसे पता चलेगा?

उत्तर: सिबिल स्कोर पता करने के लिए आप https://www.cibil.com/hi इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।

प्रश्न: सिबिल स्कोर 750 का क्या मतलब है?

उत्तर: अगर आपका साइबिल स्कोर 750 है तो वह बहुत अच्छा सिबिल स्कोर माना जायेगा।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि सिबिल स्कोर को कैसे बढ़ाया जा सकता है। साथ ही आपने जाना कि सिबिल स्कोर क्या होता है एक अच्छा सिबिल स्कोर क्या होता है और आप अपना सिबिल स्कोर कैसे चेक कर सकते हैं। आशा है कि जो जानने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह जानकारी आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई शंका आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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