आर्थिक नियोजन क्या है? | आर्थिक नियोजन के प्रकार, परिभाष, महत्व व उद्देश्य | Aarthik niyojan kya hai

|| आर्थिक नियोजन क्या है? | Aarthik niyojan kya hai | आर्थिक नियोजन को अंग्रेजी में क्या कहते हैं? | आर्थिक नियोजन कौन करता है? | आर्थिक नियोजन का उद्देश्य | Objectives of economic planning in Hindi | आर्थिक नियोजन का महत्व क्या है? ||

Aarthik niyojan kya hai :- क्या आप इस लेख के माध्यम से आर्थिक नियोजन के बारे में जानने को आये हैं? यदि हां, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आये हो क्योंकि आज के इस लेख में आपको आर्थिक नियोजन के बारे में हरेक जानकरी मिलने वाली है। दरअसल कुछ कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो हमें सुनने में तो कई बार मिल जाते हैं और हमें उनके बारे में थोड़ा बहुत आईडिया भी होता है लेकिन असलियत में उनका क्या मतलब है या वह शब्द क्यों अस्तित्व में आया, इसके बारे में हमें ज्ञान नहीं होता (Aarthik niyojan kya hai in Hindi) है।

कुछ वैसा ही आर्थिक नियोजन शब्द के साथ हुआ है जो हर वर्ष इस्तेमाल में लाया जाता है, सरकार इस शब्द का बार बार इस्तेमाल करती है और हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत में तो इसकी बहुत चर्चा की जाती है क्योंकि इसी के आधार पर ही सभी तरह की नीतियाँ तय होती है। ऐसे में यह शब्द समाचार पत्र की हैडलाइन भी बना रहता है किन्तु लोगों को इसके बारे में सही से पता ही नहीं होता (Aarthik niyojan kya hota hai) है।

ऐसे में आज हम आपके साथ इसी आर्थिक नियोजन शब्द के बारे में चर्चा करने वाले हैं। आज के लेख को पढ़कर आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि आखिरकार यह आर्थिक नियोजन होता क्या है और यह कैसे काम करता है। साथ ही आर्थिक नियोजन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी आपको इस लेख के माध्यम से जानने को (Economic planning meaning in hindi) मिलेगी।

आर्थिक नियोजन क्या है? (Aarthik niyojan kya hai)

सबसे पहले हम बात करते हैं आर्थिक नियोजन शब्द के बारे में। तो यह आर्थिक नियोजन क्या है या फिर आर्थिक नियोजन का क्या मतलब होता है, यह प्रश्न बहुत ही मायने रखता है। यहाँ पर आर्थिक का अर्थ होता है पैसों से संबंधित व नियोजन का अर्थ होता है प्रबंधित (Economic planning in India in Hindi) करना। कहने का अर्थ यह हुआ कि जब हम कोई ऐसा काम करते हैं जो हमारे उत्थान के लिए या पैसों को कमाने के लिए सुनियोजित ढंग से किया जाए तो उसे ही आर्थिक नियोजन माना जाता है।

आर्थिक नियोजन क्या है आर्थिक नियोजन के प्रकार, परिभाष, महत्व व उद्देश्य Aarthik niyojan kya hai

अब यह आर्थिक नियोजन छोटे स्तर पर तो होता नहीं है क्योंकि हर व्यक्ति अपने अनुसार तो सही काम करेगा ही और इसमे कोई दो राय नहीं है। ऐसे में इस आर्थिक नियोजन शब्द का इस्तेमाल वृहद् या बड़े स्तर पर किया जाता है। मुख्य तौर पर सरकार या केंद्र सरकार के द्वारा आर्थिक नियोजन के लिए कदम उठाये जाते हैं। एक तरह से सरकार के द्वारा अपनी नीतियों को बनाने और उनके क्रियान्वयन के लिए ही आर्थिक नियोजन का काम किया जाता (Economic planning kya hai) है।

अब भारत देश बहुत ही विशाल है और इसकी सीमायें कई देशों से लगती है। ऐसे में भारत देश में पहाड़, नदियाँ, मरुस्थल, समुंद्र, वन इत्यादि सब कुछ है। देश में तरह तरह के संसाधनों की कोई कमी नहीं है और ना ही काम करने वाले लोगों की। ऐसे में इन सभी संसाधनों को खुला छोड़ देने की बजाये उन्हें सरकार के नियंत्रण में लिया जाना जरुरी होता है। यही काम भारत सरकार करती है और उन्हें पूर्ण रूप में या आंशिक रूप में अपने नियंत्रण में ले लेती है और फिर आर्थिक नियोजन का काम करती (Economic planning kya hota hai) है।

आर्थिक नियोजन के द्वारा भारत सरकार या अन्य किसी सरकार या कंपनी के द्वारा अपने पास उपलब्ध संसाधनों का इस तरह से उपयोग या नियोजन किया जाता है कि उससे ज्यादा काम लिया जा सके, सही काम लिया जा सके, उसका सही उपयोग किया जा सके और देश, समाज या निश्चित क्षेत्रफल का उत्थान किया जा सके। इस तरह से उन संसाधनों का उचित उपयोग करना और उसके लिए नीतियाँ बनाना ही आर्थिक नियोजन होता (Aarthik niyojan ko samjhaiye) है।

आर्थिक नियोजन को अंग्रेजी में क्या कहते हैं? (Aarthik niyojan in English)

अब यदि हम आर्थिक नियोजन को अंग्रेजी में बोलना चाहें तो वह भी आपको जाना लेना चाहिए। आर्थिक नियोजन को अंग्रेजी में फाइनेंशियल प्लान (Financial Plan) कहा जाता है और आपने अवश्य ही इसका नाम सुन रखा होगा। इसमें आर्थिक शब्द को अंग्रेजी में फाइनेंशियल व नियोजन को प्लान कहते हैं। तो इस तरह से आर्थिक नियोजन को इंग्लिश में फाइनेंशियल प्लान कहा जाता है।

अब आप फाइनेंशियल प्लान शब्द से बहुत हद्द तक समझ गए होंगे कि ऊपर के लेख में हम आपको क्या समझाना चाह रहे थे। इसमें अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत, सुदृढ़ करने के उद्देश्य से ही संसाधनों का उचित प्रयोग करना होता है और देश को आगे तक लेकर जाना होता है ताकि देश तेज गति के साथ उन्नति कर सके।

आर्थिक नियोजन की परिभाषा (Aarthik niyojan ki paribhasha)

अब हम आपको संक्षिप्त या स्पष्ट रूप में आर्थिक नियोजन की परिभाषा भी समझा देते हैं ताकि आपको कोई शंका ना रहने पाए। तो आर्थिक नियोजन का अर्थ वह होता है जब किसी देश की सरकार के द्वारा देश के संसाधनों को इस तरह से उपयोग में लाया जाए कि उनका ज्यादा से ज्यादा और सही अर्थ में उपयोग किया जा सके और देश की उन्नति करवायी जा सके। इस तरह से वह सरकार अपने देश में आर्थिक नियोजन का काम करती है और देश को आगे बढ़ाती (Aarthik niyojan ko paribhashit kijiye) है।

अब भारत सरकार के द्वारा जिस भी क्षेत्र में काम करवाए जाते हैं या जिन भी क्षेत्रों में पैसा दिया जाता है, वह आर्थिक नियोजन का ही तो काम होता है। एक तरह से सरकार किसी क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए उसमे पैसों का निवेश करती है और उसमें तरह तरह के संसाधन लगाती है तो यह सब आर्थिक नियोजन का ही तो काम होता (Economic planning definition in Hindi) है। इसके लिए देश के वित्त मंत्री के द्वारा हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत में एक बजट पेश किया जाता है, जिसमें वह बताता है कि किस योजना या किस क्षेत्र में कितने पैसों का निवेश उस वित्तीय वर्ष के दौरान किया (Aarthik niyojan ko paribhashit karen) जाएगा।

आर्थिक नियोजन कौन करता है?

अब बात करते हैं कि आर्थिक नियोजन किसके द्वारा किया जाता है या फिर इसमें किसकी भूमिका मुख्य तौर पर निभाई जाती है। ऐसे में जिस भी जगह आर्थिक नियोजन का काम हो रहा होता है वहां यह काम मुख्य तौर पर वहां की केंद्र सरकार के द्वारा ही किया जाता है क्योंकि वही बजट बनाने और उसे पेश करने का कार्य करती है। एक तरह से भारत देश में भारत सरकार के द्वारा ही आर्थिक नियोजन का काम किया जाता है और उसमे यह काम करने का जिम्मा वित्त मंत्रालय के अधिकृत होता है।

अब वित्त मंत्रालय का मुखिया वित्त मंत्री ही होता है और वही अपने देश में आर्थिक नियोजन का काम करता है। उसी के द्वारा ही यह निर्णय लिया जाता है कि भारत सरकार की किस योजना के लिए कितने रुपयों का आवंटन किया जाएगा या किस क्षेत्र में कितने तक का निवेश किया जाएगा। साथ ही इसके द्वारा वह किसी डूबते हुए क्षेत्र या चीज़ में भी निवेश कर उसे बचाने का कार्य करती है।

इसके अलावा कोई व्यक्ति, कंपनी या संस्था अपने स्तर पर भी आर्थिक नियोजन का काम कर सकती है और यह सभी पर अलग अलग रूप में लागू होता है। अब मान लीजिये कि रिलायंस कंपनी है तो वह अपनी प्रगति के लिए अपनी ओर से आर्थिक नियोजन के कार्य कर सकती है। यह हर किसी पर अलग अलग रूप से लागू होता है लेकिन मुख्य तौर पर जब भी आर्थिक नियोजन की बात आती है तो वह देश की सरकार से ही जुड़ी होती है।

आर्थिक नियोजन का महत्व (Aarthik niyojan ka mahatva)

अब आपको साथ के साथ यह भी जान लेना चाहिए कि आखिरकार भारत सरकार को आर्थिक नियोजन करने की क्या ही जरुरत पड़ती है या फिर आर्थिक नियोजन का क्या कुछ महत्व होता है। इससे देश में क्या ही अंतर पड़ जाता है या आम नागरिकों पर इसका क्या प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे में आपको आर्थिक नियोजन का महत्व पता होना चाहिए ताकि आपको इसकी जरुरत समझ में आ (Bharat me aarthik niyojan ka mahatva bataiye) सके।

तो भारत सरकार के द्वारा आर्थिक नियोजन का काम इसलिए किया जाता है ताकि वह किसी योजना या क्षेत्र विशेष में संसाधनों व पैसों का इस्तेमाल कर उसे सुचारू रूप से जारी रख सके या उसका क्रियान्वयन कर सके। अब मान लीजिये कि भारत सरकार ने देश में अच्छे इंजीनियर बनाने के लिए उच्च शिक्षण संस्थान खोलने की योजना बनायी है तो उसके लिए पैसा कहाँ से आएगा। तो इसका उत्तर है हर वित्तीय वर्ष में बनायी जाने वाली योजनायें और इसके तहत किया जाने वाला आर्थिक (Economic planning importance in Hindi) नियोजन।

इसके लिए भारत सरकार का वित्त मंत्रालय उन शिक्षण संस्थानों को खोलने के लिए आर्थिक नियोजन की रूपरेखा बनाएगा और यह बतायेगा कि उसमे किस वित्त वर्ष में और किस किस तरह से कितने पैसों की मदद की जाएगी ताकि योजना को शुरू किया जा सके और उसका क्रियान्वयन हो सके। अब उसी आर्थिक नियोजन के आधार पर ही शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे, संसाधनों को खरीदा जाएगा और उनका उचित उपयोग किया जाएगा। यह सब आर्थिक नियोजन का ही एक हिस्सा होते हैं।

आर्थिक नियोजन के प्रकार (Aarthik niyojan ke prakar)

अब आपको यह भी जान लेना चाहिए कि यह आर्थिक नियोजन किस किस तरह से किया जाता है या इसके क्या कुछ आधार होते हैं। तो इसमें भी कई तरह के प्रकार होते हैं जिनकी कोई सीमा नहीं (Aarthik planning types and objectives in Hindi) है। यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि सभी का उद्देश्य तो एक जैसा ही होता है लेकिन वह किस तरह से और किसके द्वारा किया जा रहा है, इस पर उसका प्रकार बदल जाता है जिसके बारे में आपको जानना चाहिए।

समय के आधार पर

अब भारत सरकार या अन्य किसी के द्वारा किसी क्षेत्र में आर्थिक नियोजन का काम किया जा रहा है तो इसके लिए कोई ना कोई अवधि तो निश्चित की गयी होती (How many types of economic planning in Hindi) है। अब कोई कोई आर्थिक नियोजन किसी वित्तीय वर्ष के लिए आवंटित किया जाता है और फिर अगले वर्ष उसकी फिर से समीक्षा की जाती है तो किसी किसी को दीर्घकालीन अवधि के लिए बनाया जाता है जैसे कि भारत सरकार की पंचवर्षीय योजनाएं इत्यादि।

सरकार के आधार पर

अब इसे किस तरह की सरकार के द्वारा संचालित किया जा रहा है। क्या वह केंद्र सरकार या राज्य सरकार या दोनों सरकार मिलकर इसे चला रही है। यदि दोनों मिलकर चला रही है तो किसका कितने प्रतिशत योगदान है इत्यादि। इस पर भी आर्थिक नियोजन के प्रकार बदल जाते हैं।

योजना के आधार पर

किस तरह की योजना का निर्माण किया गया है और वह कितनी बड़ी है। अब एक बहुत बड़ी योजना है और उसके तहत कई अन्य योजनाओं को शुरू किया गया है तो वह अलग हो गयी और यदि वह एक छोटी योजना है तो वह आर्थिक नियोजन का अलग प्रकार हो गया। इस तरह अलग अलग प्रकार हो सकते हैं।

आर्थिक नियोजन का उद्देश्य (Objectives of economic planning in Hindi)

आर्थिक नियोजन के बारे में इतना सब कुछ जानने के बाद आपको अंत में आर्थिक नियोजन क्यों जरुरी है या फिर आर्थिक नियोजन के क्या लाभ होते हैं या फिर आर्थिक नियोजन के क्या उद्देश्य होते हैं, इसके बारे में भी जानकारी ले लेनी चाहिए ताकि आपको मिली जानकारी पूरी हो (Aarthik niyojan ke uddeshya) सके। तो किसी भी सरकार या अन्य व्यक्ति विशेष के द्वारा किसी क्षेत्र में आर्थिक नियोजन के लिए गए निर्णयों का कोई ना कोई औचित्य तो होता ही है और आज हम आपके समक्ष उसी औचित्य के बारे में ही बात करने वाले (Arthik niyojan ke uddeshya) हैं।

आर्थिक नियोजन को करने के एक नहीं बल्कि कई तरह के उद्देश्य होते हैं जिनमे हमें या देश को कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं। अब सभी तरह के उद्देश्य या लाभों के बारे में इस लेख में लिखना तो सम्भव नहीं है लेकिन हम उनमे से कुछ मुख्य उद्देश्यों के बारे में आपको जानकारी देने वाले (Bharat me aarthik niyojan ke uddeshya) हैं।

  • आर्थिक नियोजन को करने का सबसे मुख्य उद्देश्य तो देश के संसाधनों का उचित उपयोग करना होता है ताकि उनसे देशवासियों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
  • अब यदि सरकार के द्वारा उच्च शिक्षण संस्थान खोलकर लोगों को उच्च शिक्षा दी जा रही है तो आगे चलकर वे लोग देश के ही काम आने वाले हैं। हालाँकि यह देश का दुर्भाग्य ही है कि देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र आगे चलकर विदेशियों के लिए काम करने लग जाते हैं।
  • देश को आत्म निर्भर बनाना भी आर्थिक नियोजन का मुख्य उद्देश्य होता है और यह इसका मुख्य लाभ भी है। एक तरह से आर्थिक नियोजन के माध्यम से देश की निर्भरता बाकि देशों पर कम हो जाती है और हम अपना कार्य खुद ही कर पाने में सक्षम बनते हैं।
  • देश का संतुलित विकास करने के लिए भी आर्थिक नियोजन को अंजाम दिया जाता है। अब देश लगातार विकास करता रहे और आगे बढ़ता रहे, यह तो हर सरकार का लक्ष्य होता है।
  • देशवासियों में प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने के लिए भी आर्थिक नियोजन को किया जाता है ताकि देश लगातार प्रगति करता रहे और वहां के नागरिकों का जीवन भी उत्तम बने।
  • देश के सभी लोगों का समान रूप से विकास करने के लिए भी भारत सरकार के द्वारा आर्थिक नियोजन का काम किया जाता है। अब भारत सरकार जो योजना बनाती है या किसी क्षेत्र में निवेश करती है तो उसका लाभ किसी व्यक्ति विशेष को नहीं बल्कि संपूर्ण समाज को मिलता है।
  • भारत सरकार कई तरह के टैक्स से हमसे जो पैसा ले रही है, उस धन का समुचित उपयोग करने के लिए भी आर्थिक नियोजन किया जाता है। अब सरकार के द्वारा जो टैक्स लिया जाता है, वह आर्थिक नियोजन के लिए ही तो लिया जाता है।
  • भारत देश की राष्ट्रीय आय बढ़ाने के लिए भी आर्थिक नियोजन को किया जाता है ताकि देश की आय को बढ़ाया जा सके। कहने का अर्थ यह हुआ कि भारत सरकार केवल हमारे टैक्स पर ही निर्भर नहीं होती है बल्कि आर्थिक नियोजन के द्वारा भी उसके द्वारा पैसे कमाए जाते हैं जिसका इस्तेमाल वह हमें सुख सुविधाएँ देने में करती है।
  • भारत देश का कर्जा कम करने के लिए भी आर्थिक नियोजन को किया जाता है ताकि देश पर चढ़ा कर्जा उतारा जा सके और आगे बढ़ा जा सके।

इनके अलावा भी कई तरह के उद्देश्य व कारण होते हैं जिनके लिए आर्थिक नियोजन को किया जाता है। तभी हमने आपको ऊपर ही कहा कि आर्थिक नियोजन के सभी उद्देश्यों को इस लेख में लिखा जाना संभव नहीं है और ना ही यह उचित लगेगा। ऐसे में समय व परिस्थिति के अनुसार भी आर्थिक नियोजन की परिभाषा और उससे मिलने वाले लाभ बदलते रहते हैं।

आर्थिक नियोजन क्या है – Related FAQs 

प्रश्न: भारत में आर्थिक नियोजन क्या है?

उत्तर: आर्थिक नियोजन के बारे में संपूर्ण जानकारी को हमने इस लेख के माध्यम से बताने के प्रयास किया है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: आर्थिक नियोजन के प्रमुख उद्देश्य क्या हैं?

उत्तर: आर्थिक नियोजन के प्रमुख उद्देश्य हमने इस लेख में बताए हैं जो आपको पढ़ने चाहिए।

प्रश्न: आर्थिक नियोजन का महत्व क्या है?

उत्तर: आर्थिक नियोजन के महत्व को हमने इस लेख में बताया है जो आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: आर्थिक नियोजन को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

उत्तर: आर्थिक नियोजन को Financial plan कहा जाता है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने आर्थिक नियोजन के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली है। आपने जाना कि आर्थिक नियोजन क्या है आर्थिक नियोजन को अंग्रेजी में क्या कहा जाता है आर्थिक नियोजन कौन करता है और इसके क्या कुछ प्रकार हैं। साथ ही हमने आपको आर्थिक नियोजन का महत्व और उद्देश्य भी इस लेख में बताए हैं। आशा है कि जो जानकारी लेने आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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