|| आयकर क्या है? | Aaykar kya hai | Income tax kon pay karta ha | आयकर की परिभाषा | Definition of income tax in Hindi | आयकर कौन लेता है? | Income tax kaun lagata hai | आयकर भरने की श्रेणियां | Income tax types in India in Hindi ||
Aaykar kya hai :- अब हर देश में कई तरह के टैक्स या कर लिए जाते हैं जो भिन्न-भिन्न चीज़ों से संबंधित होते हैं। एक तरह से हम सरकार को हरेक चीज़ के लिए कर चुकाते हैं फिर चाहे वह किसी चीज़ की खरीदारी करने से संबंधित हो या कमाई करनी हो या कुछ और। आप यदि बाजार से कोई भी चीज़ खरीदने जाएंगे या फिर किसी सेवा का लाभ उठाएंगे तो आपको उसके लिए भी सरकार को कर चुकाना होगा। बिना कर चुकाए आप किसी भी चीज़ को नहीं खरीद सकते हैं और यह कर पहले से ही उस वस्तु के मूल्य में जोड़कर आपसे ले लिया जाता (Income tax kon pay karta hai) है।
अब यह तो बात हो गयी किसी उत्पाद की खरीदारी किये जाने पर या किसी सेवा का लाभ उठाकर चुकाए जाने वाले टैक्स पर किन्तु यहाँ हम बात करेंगे आयकर के ऊपर। आज के समय में लोग आयकर के बारे में बहुत बात करने लगे हैं क्योंकि केंद्र सरकार निरंतर उन लोगों पर पकड़ मजबूत बना रही है जो समय पर अपना आयकर नहीं भरते हैं या फिर इसमें किसी तरह की धोखाधड़ी करते हैं या सरकार को चुना लगाते हैं या अवैध रूप से कमाई करते (Income tax slab kya hai) हैं।
ऐसे में यह आयकर क्या होता है और इसे कौन लेता है। साथ ही इस आयकर को लेने के पीछे क्या उद्देश्य होते हैं और उनसे कोई सरकार क्या कुछ करती (Income tax kaisa tax hai) है। ऐसी ही सभी बातों की जानकारी आपको इस लेख के माध्यम से मिलने वाली है। आज के इस लेख में हम आयकर के ऊपर विस्तृत चर्चा करने वाले हैं ताकि आपके मन में किसी भी तरह की शंका शेष ना रहने पाए, आइये जाने यह आयकर क्या है।
आयकर क्या है? (Aaykar kya hai)
सबसे पहले बात करते हैं इस आयकर की परिभाषा के बारे में और जानते हैं कि आखिरकार यह आयकर होता क्या है और इससे हमारा क्या तात्पर्य है। तो आयकर भी एक तरह का कर ही होता है जिसे हम अंग्रेजी में इनकम टैक्स भी कह सकते हैं। कर को अंग्रेजी में टैक्स कहा जाता है और टैक्स से समझना आपके लिए सरल हो जाता है। वह इसलिए क्योंकि कर शब्द को हम सामान्य भाषा में भी इस्तेमाल करते हैं जो किसी काम को करने से जुड़ा (Income tax kya hota hai) है।
ऐसे में आयकर का अर्थ होता है आपकी आय पर लगने वाला कर या टैक्स। अब जो व्यक्ति पढ़ रहा है या कुछ नहीं कर रहा है सीधे शब्दों में कहें कि वह कोई कमाई नहीं कर रहा है तो उस पर किसी तरह का कर नहीं लगाया जाता है क्योंकि वह तो कोई कमाई कर ही नहीं रहा है। किन्तु जो व्यक्ति कमाई कर रहा है फिर चाहे वह किसी भी चीज़ से कमाई कर रहा हो। वह चाहे व्यापार कर रहा हो या निजी नौकरी या सरकारी नौकरी या कुछ (Income tax kya hai) और।
अब यदि उसके द्वारा काम किये जाने पर उसकी कुछ आय हो रही है और वह पैसे कमा रहा है तो भारत सरकार उसकी कमाई पर एक निश्चित अनुपात में उससे कर लेती है। उसी कर को ही हम आयकर के नाम से जानते (Income tax return kya hai) हैं। आइये सामान्य रूप में आयकर की परिभाषा को समझ लेते हैं।
आयकर की परिभाषा (Definition of income tax in Hindi)
किसी देश की सरकार के द्वारा अपने देश में रह रहे नागरिकों से फिर चाहे वे उसी देश के मूल नागरिक हो या विदेश से आकर वहां पर व्यापार या अन्य कोई कार्य कर रहे हो, उन सभी से लिया जाने वाला ऐसा कर या टैक्स जो उनकी आय पर लगाया गया हो। इसमें वह आय उस व्यक्ति विशेष से लेकर किसी कंपनी, संस्थान, परिवार इत्यादि से संबंधित भी हो सकती है।
साथ ही यह आयकर केवल वैध रूप से किये गए कार्य पर होने वाली कमाई पर लगाया जाता है फिर चाहे वह नौकरी करके आय करना हो या व्यपार करके या अन्य कोई कार्य करके। एक तरह से व्यक्ति विशेष या परिवार या कंपनी के द्वारा एक वित्तीय वर्ष में जितनी कमाई की जाती है और यदि वह आय आयकर के दायरे में आती है तो उस पर भारत सरकार या अन्य देश की सरकार के द्वारा अपने देश के आयकर के बनाये गए नियमों के तहत आयकर लिया जाता है।
आयकर कौन लेता है? (Income tax kaun lagata hai)
अब आपका अगला प्रश्न यह होगा कि आपकी कमाई के ऊपर यह जो आयकर लगता है उसे किस तरह की सरकार के द्वारा लिया जाता है। क्या उसे केंद्र सरकार लेती है या फिर उस पर केंद्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकार या लोकल सरकार का भी अधिकार होता है। तो यहाँ हम आपको इसके बारे में बता दें कि आयकर पर पूर्ण रूप से केंद्र सरकार का नियंत्रण होता है जो किसी भी देश की सर्वोच्च सरकार होती है और वही देश को नियंत्रित करने और आगे चलाने का कार्य करती है।
इस तरह से भारत देश में आयकर लेने का अधिकार केवल और केवल केंद्र सरकार अर्थात भारत सरकार के पास होता है। इस पर किसी भी राज्य की राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है। इसके लिए भारत सरकार ने एक अलग से मंत्रालय का भी गठन किया हुआ है जो वित्तीय संबंधित सभी तरह के कार्यों को देखता है। उस मंत्रालय का नाम वित्त विभाग है और भारत का वित्त विभाग ही हम सभी से आयकर लेने की भूमिका को निभाता है।
आयकर कब लगता है? (Income tax kab lagta hai)
अब आप सोच रहे होंगे कि क्या हर महीने होने वाली कमाई पर आयकर भरना होता है तो यहाँ हम आपको बता दें कि आपको इतना कष्ट उठाने की कोई जरुरत नहीं (Income tax kab jata hai) है। वह इसलिए क्योंकि भारत सरकार के द्वारा किसी व्यक्ति या समूह से हर महीने की कमाई का हिसाब किताब नहीं माँगा जाता है और ना ही हर महीने उनसे आयकर लिया जाता है क्योंकि यह तो सरकार के लिए भी सिरदर्दी वाला काम हो जाएगा।
ऐसे में भारत सरकार का वित्त विभाग हर वर्ष के आधार पर लोगों से उनकी कमाई पर आयकर लेता है। इसके लिए एक वित्तीय वर्ष को आधार बनाया जाता है और उस वित्तीय वर्ष के दौरान आपने जहाँ जहाँ से भी जो भी कमाई की है, उसके आधार पर आपको भारत सरकार को आयकर चुकाना होता है। अब आप सोच रहे होंगे कि क्या यह वित्तीय वर्ष 1 जनवरी से लेकर 31 दिसंबर तक का होता है तो आप गलत हैं क्योंकि यह अंग्रेजी कैलेंडर है और अंग्रेज हमारे देश से बहुत पहले ही जा चुके (Income tax kab bharna padta hai) हैं।
भारत सरकार का वित्तीय वर्ष हिन्दू कैलेंडर के अनुसार 1 अप्रैल से लेकर 31 मार्च तक चलता है और इसी के अनुसार ही संसद में हमारे वित्त विभाग का बजट पेश किया जाता है। देश की सभी नीतियाँ व नियम इसी वित्तीय वर्ष को देखकर ही बनाये जाते हैं और किस क्षेत्र में कितना निवेश किया जाएगा, यह सभी भी वित्तीय वर्ष को आधार मानकर ही देखा जाता है। ऐसे में आपको किसी भी वर्ष के लिए आयकर चुकाना है तो उसका आधार 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच में की गयी कमाई (Income tax kab bhara jata hai) होगी।
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आयकर भरने की श्रेणियां (Income tax types in India in Hindi)
आपने यह तो जान लिया है कि हम सभी को अपने द्वारा की जाने वाली कमाई पर भारत सरकार को आयकर चुकाना होता है लेकिन यह जरुरी तो नहीं है कि कोई व्यक्ति अकेला ही कमाई कर रहा हो। अब यदि आप कहीं पर नौकरी करते हैं फिर चाहे वह सरकारी नौकरी हो या निजी नौकरी तो आपके द्वारा की जाने वाली कमाई आपकी ही होगी लेकिन तब क्या हो जब आप व्यापार कर रहे हो और वो भी सांझेदारी में या अपने परिवार के सदस्यों के (Income tax types in Hindi) साथ।
अब मान लीजिये कि आप संयुक्त परिवार में रहते हैं और आप तीन भाई हैं। तीनो भाई मिलकर एक ही दुकान चलाते हैं और कमाई करते हैं। इस तरह से उस दुकान के जरिये होने वाली कमाई केवल आपकी तो नहीं हुई ना। ऐसे में किस तरह से आपके द्वारा या आपके भाइयों के द्वारा आयकर को चुकाया जाएगा। तो इसके लिए भारत सरकार ने आयकर को चुकाने के लिए तीन तरह की श्रेणियां या केटेगरी बनायी हुई है, आइये उनके बारे में जान लेते हैं।
इंडिविजुअल या व्यक्ति विशेष
इसमें वे सभी लोग आ जाते हैं जो नौकरी कर रहे हैं या अलग से काम कर रहे हैं। उनके द्वारा की जाने वाली कमाई केवल उन्हीं की होती है और उस पर किसी अन्य व्यक्ति विशेष का कोई अधिकार नहीं होता है। ऐसे में उन्हें इस श्रेणी में क्लिक कर अपना आयकर चुकाना होता है।
कंपनी
अब इसमें भारत देश में काम कर रही वह हरेक कंपनी आती है जो आय कर रही है और आयकर के दायरे में आती है। इसमें चाहे देशी कंपनी हो या विदेशी कंपनी। यदि वह भारत की भूमि में रहकर काम कर रही है और उसके जरिये आय कर रही है तो निश्चित तौर पर उसे भारत सरकार को आयकर चुकाना होगा।
अन्य या हिन्दू अविभाजित परिवार
अब इसी स्थिति के बारे में हमने आपको ऊपर बताया था जो आप इसका नाम पढ़कर ही समझ गए होंगे। तो इसमें केवल हिन्दू अविभाजित परिवार या परिवार के सदस्य ही नहीं आते हैं बल्कि वे लोग भी आते हैं जो किसी मित्र या जान पहचान वाले के साथ सांझेदारी में व्यापार या अन्य कोई काम कर रहे हैं और उनके द्वारा होने वाली कमाई पर केवल उन्हीं का ही अधिकार नहीं होता है।
यदि इसमें होने वाली कमाई पर अधिकार का प्रतिशत अलग अलग है तो वह भी आपको आयकर भरे जाने पर पता चल जाएगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि एक व्यापार को आप तीन लोग चला रहे हैं और उसमे आपने 20 प्रतिशत, दूसरे ने 30 प्रतिशत और तीसरे ने 50 प्रतिशत का योगदान दिया है तो निश्चित तौर पर उसके जरिये होने वाली कमाई भी इसी अनुपात में बंटेगी और उस पर लगने वाला आयकर भी इसी आधार पर ही लिया जाएगा।
कितनी आय पर कितना आयकर लगेगा? (Kitni income par tax lagega)
यह सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है क्योंकि बहुत से लोगों को इसके बारे में सही से जानकारी नहीं होती है जिस कारण उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अब इसको लेकर बहुत से लोग भ्रम में रहते हैं और अक्सर आयकर नहीं भरने को लेकर या सही से ना भरने पर चिंतित रहते (Kitni income pe tax lagta hai) हैं। यही कारण है कि भारत सरकार इतने लोगों पर कार्यवाही करती है या फिर लोगों को किसी प्रोफेशनल व्यक्ति की सलाह लेनी होती है और उनको पैसे चुकाने होते हैं।
तो आपकी यह सब दुविधा को दूर करने और आपकी सहायता करने के उद्देश्य से आज का यह लेख हमने लिखा है और अब हम आपको कितनी आय पर कितना इनकम टैक्स लगता (Income tax applicable amount in Hindi) है और आपको उसे कहाँ चुकाना होगा, इसके बारे में भी जानकारी देंगे। आइये जाने भारत देश में कितनी आय पर कितने प्रतिशत इनकम टैक्स लगता है।
इनकम टैक्स स्लैब 2023-24 (Income tax slab 2024 in Hindi)
- 3 लाख तक की आय पर 0 प्रतिशत आयकर
- 3 से 6 लाख तक की आय पर 5 प्रतिशत आयकर
- 6 से 9 लाख तक की आय पर 10 प्रतिशत आयकर
- 9 से 12 लाख तक की आय पर 15 प्रतिशत आयकर
- 12 से 15 लाख तक की आय पर 20 प्रतिशत आयकर
- 15 लाख से अधिक आय होने पर 30 प्रतिशत आयकर
इस तरह से यदि आपकी एक वित्तीय वर्ष के दौरान होने वाली आय 3 लाख रुपये से कम है अर्थात आपने उस वर्ष के दौरान कुल 3 लाख रुपये की ही आय की है तो इसका अर्थ हुआ कि आप भारत सरकार को एक रुपये का भी आयकर नहीं (Income tax kitna lagta hai) चुकायेंगे। वहीं इससे ऊपर होने वाली आय पर लगने वाले आयकर की सूची हमने आपको ऊपर दे ही दी है। जिन व्यक्तियों की आय 15 लाख से भी अधिक है तो उन्हें उस वर्ष में 30 प्रतिशत का टैक्स चुकाना (Income tax kitna percent katata hai) होगा।
आयकर में मिलने वाली छूट
आपने कितनी आय पर कितना आयकर लग सकता है, इसके बारे में तो जानकारी ले ली है लेकिन हाल ही में भारत सरकार के द्वारा पेश किये गए नए इनकम टैक्स स्लैब में आपने अवश्य ही न्यूज़ में यह सुना होगा कि अब से 7 लाख तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा। तो फिर ऊपर तो अलग ही गणित दिया गया है। आपके इस प्रश्न का उत्तर है आयकर में मिलने वाली तरह तरह की छूट।
दरअसल यह जो आयकर लगता है, यह आपकी कुल सैलरी पर नहीं अपितु बेसिक सैलरी पर लिया जाता है। यदि आप अपने को मिलने वाली सैलरी स्लिप को खोलकर देखेंगे तो पाएंगे कि उसमे आपकी सैलरी या वेतन को कई भागों में विभाजित करके दिया जाता है। इसमें आपकी बेसिक सैलरी, रहने का खर्चा इत्यादि सभी को जोड़कर आपको पैसे दिए जाते हैं। ऐसे में आपकी केवल बेसिक सैलरी पर ही टैक्स लगेगा।
इसी के साथ ही यदि आपने किसी ऐसे क्षेत्र में निवेश किया है या कहीं ऐसी जगह पर खर्चा किया है जो आयकर के नियमों के तहत छूट मिलने में सक्षम है, तो आपकी बेसिक आय को और कम कर दिया जाएगा। उदाहरण के तौर पर घर का किराया देना, बच्चों की पढ़ाई में होने वाला खर्चा, LIC की किसी पॉलिसी को लेना इत्यादि। तो इसमें लगने वाले खर्चे को भी कुल आय में से घटा दिया जाता है जिस कारण आपको इनकम टैक्स में छूट मिल जाती है।
इनकम टैक्स कैलकुलेटर (Income tax calculator 2024 in Hindi)
अब भी बहुत से लोग इसको लेकर आशंकित होंगे कि किस तरह से आपके द्वारा होने वाली कमाई पर लगने वाले आयकर को कैलकुलेट किया जाए। तो आज हम आपकी इसमें थोड़ी सहायता कर देते हैं ताकि आप इसे सही से समझ सकें। आपको आयकर कैलकुलेट के बारे में समझाने के लिए हम कुछ उदाहरणों का सहारा लेंगे, आइये (Income tax calculator India in Hindi) समझें।
मान लीजिये कि आप एक वर्ष में 10 लाख रुपये कमाते हैं लेकिन उसमे से आपकी बेसिक सैलरी केवल 7 लाख रुपये हैं। अब आपने कई तरह की ऐसी जगहों पर निवेश किया हुआ है जिसके द्वारा आपको आयकर में छूट मिल सकती है और आपके कुछ अन्य खर्चे भी हैं। तो यह सब छूट मिलाकर मान लीजिये कि 2 लाख हो जाती है। ऐसे में 7 लाख में से यह 2 लाख घटा दिए जाएंगे और बची हुई आय 5 लाख रह जाएगी। तो अब आपको 5 लाख की आय पर आयकर चुकाना होगा और वह लगेगा 5 प्रतिशत। इस हिसाब से आपको उस वित्तीय वर्ष में कुल 25 हज़ार रुपये का आयकर चुकाना (Aaykar calculator) होगा।
अब मान लीजिये कि आप व्यापार करते हैं और आपको अपने व्यापार से एक वित्तीय वर्ष में 50 लाख रुपये की कमाई हुई। किन्तु इसी के साथ ही आपने अपने व्यापार में चीज़ों को खरीदने या अन्य काम में 20 लाख रुपये खर्च किये। इस हिसाब से आपकी बेसिक सैलरी या सही रूप में आय 30 लाख रुपये ही हुई, फिर चाहे आपका माल 50 लाख का ही क्यों ना बना हो। अब आपके द्वारा किये गए अन्य खर्चे व निवेश 5 लाख के हैं तो बाकि बची आय 25 लाख हो गयी। तो इस 25 लाख की आय पर 30 प्रतिशत आयकर के हिसाब से आपको उस वित्तीय वर्ष में 7.5 लाख रुपये आयकर में चुकाने होंगे।
आयकर नहीं चुकाने पर क्या होता है? (Income tax nahi bharne par kya hoga)
अंत में आप यह भी जान लें कि यदि आपके द्वारा आयकर के दायरे में आने पर भी यदि उसे नहीं भरा जाता है या उसमे देरी की जाती है तो आपके ऊपर क्या कार्यवाही हो सकती है। तो इसके लिए भारत सरकार का आयकर विभाग आपके ऊपर कार्यवाही करता है और आपको मेल या लिखित रूप में नोटिस जारी करता है। इस नोटिस में आपसे संबंधित विषय पर सफाई मांगी जाती है और जल्द से जल्द आयकर भरने को कहा जाता (Aaykar nahi bharne par kya hoga) है।
इसी के साथ ही देरी से आयकर भरने पर आपको अपनी आय पर लगने वाले कर के साथ साथ अतिरिक्त शुल्क भी देना होता है जो जुर्माने की राशि होती है। अब यदि आप देर से आयकर को नहीं भरते हैं तो नोटिस मिलते हैं। नोटिस मिलने के बाद भी यदि आयकर नहीं भरा जाता (Aaykar nahi bhara to kya hoga) है तो फिर से नोटिस मिलता है। तब भी आयकर नहीं भरा जाता है तो आपके ऊपर न्यायिक प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है और न्यायालय के द्वारा आपको कई तरह के दंड दिए जा सकते हैं।
वहीं यदि आप अवैध रूप से कमाई कर रहे हैं या भारत सरकार के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं तो आपके ऊपर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) कार्यवाही करता है। वह आपकी संपत्ति को जब्त कर सकता है, आपसे पूछताछ कर सकता है, आपके काम को रोक सकता है या आपको गिरफ्तार भी कर सकता है। ऐसे में वैध तरीके से ही कमाई करें और सरकार को पूरा आयकर चुकाएं।
आयकर क्या है – Related FAQs
प्रश्न: आयकर क्या है स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: आयकर वह कर है जो सरकार द्वारा लोगों की आय पर लगाया जाता है।
प्रश्न: आय कर कौन लगाता है?
उत्तर: आय कर भारत में भारत सरकारी लगाती है।
प्रश्न: आयकर कितने होते हैं?
उत्तर: इसके बारे में संपूर्ण जानकारी आपको ऊपर के लेख में पढ़ने को मिलेगी जो आपको पढ़नी चाहिए।
प्रश्न: आयकर की प्रमुख विशेषताएं क्या है?
उत्तर: आयकर की विशेषताएं हमने ऊपर के लेख में बताई है जिन्हे आपको पढ़ना चाहिए।
प्रश्न: भारत में कितनी आय कर मुक्त है?
उत्तर: भारत में 3 लाख तक की आय पर कोई कर नही लिया जाता है।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने आयकर के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर ली है। आपने जाना कि आयकर क्या होता है आयकर कौन लेता है आयकर कितनी आय पर लगता है आयकर में क्या कुछ छूट मिलती है और अंत में हमने आपको आयकर नही भरने पर क्या परिणाम देखने को मिलते हैं वह भी बताया। आशा है कि जो जानकारी लेने आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। यदि आपके मन में कोई शंका शेष रह गई है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।