एक्सेस पॉइंट क्या है? | एक्सेस पॉइंट की परिभाषा, प्रकार, फायदे व नुक्सान | Access point kya hai

|| एक्सेस पॉइंट क्या है? | Access point kya hai | एक्सेस पॉइंट क्या करते हैं? | एक्सेस पॉइंट की परिभाषा | एक्सेस पॉइंट काम कैसे करता है? | एक्सेस पॉइंट के प्रकार (Access point types in Hindi | एक्सेस प्वाइंट और राउटर में क्या अंतर है? ||

Access point kya hai :- दोस्तों, हम सभी ही इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं और यह आज के समय में बहुत आवश्यक हो गया है। बिना इंटरनेट के कोई भी काम नहीं हो सकता है या यूँ कहें कि हम हर काम के लिए इंटरनेट पर ही निर्भर होते जा रहे हैं। आज के समय में तो ज्यादातर कंपनियों में नौकरियां भी इंटरनेट पर ही आधारित हो गयी हैं और उस पर ही करोड़ों लोग अपना गुजर बसर कर रहे हैं। ऐसे में इंटरनेट कनेक्शन देने के लिए तरह तरह के उपकरण काम में लिए जाते हैं जिन्हें हम अपने घरों से लेकर कार्यालयों व बड़े बड़े भवनों में लगाते (Access point in Hindi) हैं।

आपके घर में भी इंटरनेट कनेक्शन के लिए वाई फाई लगा होगा और उसके लिए किसी ना किसी उपकरण को वह कनेक्शन देने के लिए लगाया गया होगा। हालाँकि आज के समय में भी बहुत से लोग मोबाइल इंटरनेट का ही उपयोग करते हैं लेकिन जहाँ आवश्यक होता है वहां वाई फाई कनेक्शन देने के लिए किसी ना किसी उपकरण का उपयोग किया ही जाता है। इसके लिए राऊटर, मॉडेम व एक्सेस पॉइंट इत्यादि का इस्तेमाल किया जाता है। तो आज के इस लेख में हम आपके साथ इसी एक्सेस पॉइंट की ही चर्चा करने जा रहे (Access point kya hota hai) हैं।

यदि आप इंटरनेट की दुनिया से परिचित हैं तो आपने अवश्य ही एक्सेस पॉइंट का नाम सुन रखा होगा या इसे देख रखा होगा। वहीं जो लोग बड़ी बड़ी कंपनी में काम करते हैं, उन्होंने तो अवश्य ही इस एक्सेस पॉइंट का उपयोग किया होगा। ऐसे में यह एक्सेस पॉइंट है क्या और इसका इंटरनेट या वाई फाई से क्या कुछ संबंध होता है, इसके बारे में जानना जरुरी हो जाता है। ऐसे में आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको एक्सेस पॉइंट के बारे में ही संपूर्ण जानकारी देने वाले (Access point ka matlab kya hai) हैं।

एक्सेस पॉइंट क्या है? (Access point kya hai)

तो आज के इस लेख में हम आपके साथ एक्सेस पॉइंट की ही चर्चा करने वाले हैं और जानने वाले हैं कि किस तरह से एक्सेस पॉइंट का संबंध इंटरनेट व वाई फाई से देखने को मिलता है। तो इसे हम उदाहरण सहित बेहतर तरीके से आपको समझाने का प्रयास करते हैं ताकि आप एक्सेस पॉइंट को अच्छे से समझ सकें। तो आपने अपने घर में मॉडेम या राऊटर को तो लगे हुए देखा ही होगा। जो लोग अधेड़ उम्र के हैं या जिनकी आयु 30 वर्ष से ऊपर हो चुकी है, उन्होंने पहले अपने कंप्यूटर पर मॉडेम लगाकर इंटरनेट का इस्तेमाल किया ही (What is access point in Hindi) होगा।

एक्सेस पॉइंट की परिभाषा, प्रकार, फायदे व नुक्सान

वहीं आज के समय में हम जिस भी घर में इंटरनेट का वाई फाई के रूप में इस्तेमाल करते हैं तो उसके लिए घर पर राऊटर को लगाया जाता है। यह राऊटर ही हमें वायरलेस इंटरनेट कनेक्शन देने की सुविधा प्रदान करता है। फिर चाहे वह मोबाइल से इंटरनेट जोड़ना हो या फिर लैपटॉप के माध्यम से उसका इस्तेमाल करना हो। तो जो कार्य मॉडेम या राऊटर किया करते हैं, वही कार्य यह एक्सेस पॉइंट भी करता (What is access point meaning in Hindi) है।

कहने का अर्थ यह हुआ कि एक्सेस पॉइंट के माध्यम से हम वायरलेस इंटरनेट कनेक्शन देने या वाई फाई की सुविधा देने का कार्य करते हैं। एक तरह से यह राऊटर की गति को बढ़ाने का कार्य करता है ताकि लंबी दूरी तक इंटरनेट का उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। यदि आप अभी भी एक्सेस पॉइंट के बारे में सही से नहीं समझ पाए तो आइये इसकी परिभाषा समझ लेते (Access point meaning in Hindi) हैं।

एक्सेस पॉइंट की परिभाषा (Access point definition in Hindi)

एक्सेस पॉइंट (Access Point) एक नेटवर्क डिवाइस होता है जो वायरलेस नेटवर्क के बीच संचालन स्थापित करने के लिए उपयगी होता है। यह एक प्रकार की हॉटस्पॉट बनाने में मदद करता है ताकि वायरलेस डिवाइसेस जैसे कि लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट और अन्य डिवाइसेस को नेटवर्क से जोड़ा जा सके। अब हम अपने तरह तरह के नेटवर्क डिवाइस से इंटरनेट को कनेक्ट करने के लिए ही इस एक्सेस पॉइंट का इस्तेमाल करते हैं।

एक्सेस पॉइंट का मुख्य कार्य होता है वायरलेस नेटवर्क की पहुंच को बढ़ाना और नेटवर्क के वायरलेस क्लाइंट्स को कनेक्ट करने का माध्यम बनना। एक तरह से यह राऊटर का ही आधुनिक या ऊँचे दर्जे का वर्जन होता है जो उसे एक लंबी दूरी तक इंटरनेट की सुविधा देने में सहायता करता (Define access point in Hindi) है। यह वायरलेस डिवाइस को वायरलेस नेटवर्क के साथ जोड़ने के लिए एक SSID (Service Set Identifier) के साथ आता है जिससे हम नेटवर्क को चुन सकते हैं और पासवर्ड के माध्यम से इसका उपयोग कर सकते हैं।

एक्सेस पॉइंट आमतौर पर वायरलेस रूप से पूरे नेटवर्क को कवर करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है जो वायरलेस डेटा केबल के बिना होता है। यह व्यापक वायरलेस कवरेज प्रदान करता है और वायरलेस डिवाइसेस को नेटवर्क से कनेक्ट करने की अनुमति देता है जिससे हम वायरलेस इंटरनेट और नेटवर्क सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।

एक्सेस पॉइंट काम कैसे करता है? (How does access point work in Hindi)

अब आप सोच रहे होंगे कि यह एक्सेस पॉइंट काम कैसे करता होगा या इसकी कार्यप्रणाली क्या है। तो इसकी कार्यप्रणाली राऊटर या मॉडेम से कुछ भिन्न होती है और यही उसे उन सभी से अलग भी बनाती (Access point working process in Hindi) है। ऐसे में आपके लिए एक्सेस पॉइंट की कार्य प्रणाली को समझना आवश्यक हो जाता है। तो आइये जाने एक्सेस पॉइंट काम कैसे करता है:

  • एक्सेस पॉइंट वायरलेस सिग्नल को इमिट करता है जिसे हम SSID के नाम से जानते हैं। यह सिग्नल वायरलेस डिवाइसेस तक पहुंचाता है और वे नेटवर्क को खोज सकते हैं।
  • इसके लिए इस एक्सेस पॉइंट को इस तरह से डिजाईन किया जाता है कि यह LAN अर्थात लोकल एरिया नेटवर्क पर आधारित होता है और उसी तरह ही काम करता है।
  • इसके लिए इसे राऊटर स्विच या हब या फिर ईथरनेट केबल के माध्यम से जोड़ दिया जाता है और फिर ही आगे सिग्नल भेजने का कार्य होता है।
  • एक्सेस पॉइंट वायरलेस डिवाइस से आयातित डेटा को वायरलेस रूप से रूट करता है और वायरलेस नेटवर्क के साथ प्राप्त करता है।
  • फिर यह डेटा पैकेट्स को वायरलेस माध्यम से अन्य डिवाइसेस तक पहुँचाता है जिससे हम उससे कनेक्ट कर पाते हैं।
  • एक्सेस पॉइंट वायरलेस नेटवर्क की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए विभिन्न सुरक्षा प्रोटोकॉल्स का उपयोग करता है, जैसे WEP, WPA, WPA2 आदि। इन सुरक्षा प्रोटोकॉल्स का उपयोग अनधिकृत पहुँच से बचाने के लिए किया जाता है।

सीधे शब्दों में कहा जाए तो एक्सेस पॉइंट वह इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जो राऊटर के साथ ही जुड़कर या फिर अलग से हब या ईथरनेट केबल से तो जुड़ा होता है लेकिन उसका लक्ष्य लंबी दूरी तक बिना केबल के इंटरनेट कनेक्शन देना होता है। साथ ही यह लोकल एरिया नेटवर्क पर काम करने वाली तकनीक होती है।

एक्सेस पॉइंट को कॉन्फ़िगरेशन करने के प्रकार (Access point configuration in Hindi)

अब यदि आप अपने घर या कार्यालय में एक्सेस पॉइंट का इस्तेमाल करने जा रहे हैं तो उसके लिए उसे कॉन्फ़िगर करना होता है अर्थात उसका सेटअप करना होता (Common types of access point configuration in Hindi)है। अब यह सेटअप कैसे किया जा सकता है या इसकी क्या तकनीक होती होती है, उसके बारे में भी समझना जरुरी हो जाता है। तो आइये जाने एक्सेस पॉइंट को किस तरह से कॉन्फ़िगर किया जा सकता है या फिर उसके क्या कुछ प्रकार होते हैं।

  • बेसिक सेटिंग्स कॉन्फ़िगरेशन: इसमें आपको अपने एक्सेस पॉइंट का नाम, SSID (वायरलेस नेटवर्क का नाम), पासवर्ड और वायरलेस चैनल के लिए सेटिंग्स कॉन्फ़िगर करने होते हैं।
  • सुरक्षा सेटिंग्स कॉन्फ़िगरेशन: इसमें आपको अपने वायरलेस नेटवर्क की सुरक्षा को समझने और कॉन्फ़िगर करने की आवश्यकता होती है। जैसे कि WEP, WPA, WPA2 पासवर्ड, मैक फ़िल्ट्रेशन और गेस्ट नेटवर्क सेटिंग्स।
  • IP सेटिंग्स कॉन्फ़िगरेशन: आपके एक्सेस पॉइंट को नेटवर्क के साथ कैसे जोड़ा जाए, इसके लिए IP एड्रेस, डिफ़ॉल्ट गेटवे और DNS सर्वर की सेटिंग्स कॉन्फ़िगर करनी होती है।
  • वायरलेस एंटीना सेटिंग्स: आपके एक्सेस पॉइंट के एंटिना की दिशा, पॉवर और अन्य फिजिकल सेटिंग्स को कॉन्फ़िगर किया जा सकता है।
  • वायरलेस मोड कॉन्फ़िगरेशन: आपके एक्सेस पॉइंट को वायरलेस रूप से कम करने के लिए तैयार किया जाता है। जैसे कि रूटर, ब्रिज, रिपीटर या क्लायंट मोड में कॉन्फ़िगर करना।
  • मैनेजमेंट सेटिंग्स कॉन्फ़िगरेशन: इसमें आपको एक्सेस पॉइंट के विभिन्न टूल्स और सेटिंग्स की पहचान करने की आवश्यकता होती है। जैसे कि लॉगिंग, रिमोट मैनेजमेंट और फर्मवेयर अपडेट्स।
  • गेस्ट नेटवर्क सेटिंग्स कॉन्फ़िगरेशन: आपके एक्सेस पॉइंट पर गेस्ट नेटवर्क की सेटिंग्स कॉन्फ़िगर करके आप अपने मेहमानों और अन्य यूजर के लिए अलग वायरलेस नेटवर्क प्रदान कर सकते हैं।

एक्सेस पॉइंट के प्रकार (Access point types in Hindi)

अब जब हमने एक्सेस पॉइंट को कॉन्फ़िगर करने की बात कर ली है तो अब बारी आती है एक्सेस पॉइंट के प्रकारों के बारे में जानने की। तो एक्सेस पॉइंट को उसके उपयोग करने के आधार पर कई हिस्सों में बांटा जा सकता (Access point ke prakar) है। कहने का अर्थ यह हुआ कि इसे बड़े स्तर से लेकर छोटे स्तर तक और व्यक्ति विशेष इत्यादि कई रूप में उपयोग में लाया जा सकता है। तो आइये जाने एक्सेस पॉइंट के उपयोग करने के आधार पर उसके प्रकारों के बारे में।

  • इंडोर एक्सेस पॉइंट (Indoor Access Point): ये एक्सेस पॉइंट इंडोर उपयोग के लिए होते हैं और आमतौर पर ऑफिस, घर, दुकान और अन्य इंडोर जगहों में इंस्टॉल किए जाते हैं। इनमें वायरलेस नेटवर्क कवरेज को बढ़ाने के लिए एंटीना और वायरलेस ब्रॉडकास्ट करने की क्षमता होती है।
  • आउटडोर एक्सेस पॉइंट (Outdoor Access Point): इन एक्सेस पॉइंट्स को आउटडोर में इंस्टॉल किया जाता है और यह वायरलेस कवरेज को बढ़ाने के लिए उपयोग में आता है। ये आमतौर पर पार्क, स्टेडियम, बिल्डिंगों के बाहर और खुले मैदानों में इंस्टॉल किए जाते हैं।
  • सिंगल मोड एक्सेस पॉइंट (Single Mode Access Point): ये एक्सेस पॉइंट केवल वायरलेस कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं और डेटा को एक ही वायरलेस नेटवर्क में ट्रांसमिट करते हैं।
  • ड्यूअल बैंड एक्सेस पॉइंट (Dual Band Access Point): ये एक्सेस पॉइंट दो वायरलेस बैंड्स (2.4 गीगाहर्ट्ज और 5 गीगाहर्ट्ज) पर काम कर सकते हैं और वायरलेस डिवाइसेस को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए डेटा को विभिन्न बैंड्स पर बांट सकते हैं।
  • पॉइंट टू पॉइंट एक्सेस पॉइंट (Point-to-Point Access Point): इन एक्सेस पॉइंट्स का उपयोग एक से दूसरे एक्सेस पॉइंट के साथ डेटा कनेक्शन स्थापित करने के लिए किया जाता है जो दो लोकेशन्स के बीच डेटा संचालन के लिए काम आता है।

एक्सेस पॉइंट व राऊटर में अंतर (Access point or router in Hindi)

अब बहुत से लोग राऊटर व एक्सेस पॉइंट को एक ही समझ लेते हैं और उन्हें लगता है कि दोनों के बीच कोई अंतर नहीं है लेकिन जैसा कि हमने पहले ही कहा कि यह दोनों ही अलग अलग तकनीक है और इनमें बहुत कुछ अंतर देखने को मिल जाता (Difference between access point or router in Hindi) है। ऐसे में आज हम आपके सामने एक्सेस पॉइंट और राऊटर के बीच क्या कुछ अंतर होता है, उसी के बारे में ही बात करने वाले हैं।

  • एक्सेस पॉइंट नेटवर्क की वायरलेस कनेक्टिविटी को प्रदान करता है और वायरलेस डिवाइसेस को नेटवर्क से कनेक्ट करने में मदद करता है। यह वायरलेस डिवाइसेस को नेटवर्क से जोड़ने के लिए उपयोग में लाया जाता है लेकिन डेटा का रूटिंग नहीं करता है। तो वहीं राउटर नेटवर्किंग करता है और वायरलेस और वायरड कनेक्टिविटी को प्रबंधित करता है। यह डेटा पैकेट्स को नेटवर्क के बीच रूट करता है और इंटरनेट से कनेक्ट करता है।
  • एक्सेस पॉइंट को सामान्य तौर पर वायरलेस कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है जबकि राऊटर का इस्तेमाल एक सीमित स्थल तक ही हो पाता है। एक तरह से कहा जाए तो एक्सेस पॉइंट राऊटर के लिए रिपीटर का काम कर रहा होता है।
  • एक्सेस पॉइंट डाटा पैकेट्स को रूट नहीं कर सकता है और ना ही यह आईपी एड्रेस दे पाने में सक्षम होता है। वहीं राऊटर के माध्यम से डाटा पैकेट्स को रूट किया जा सकता है और इसी के साथ ही इससे जुड़े कंप्यूटर या अन्य उपकरण के आईपी एड्रेस निकाले जा सकते हैं।
  • राऊटर का मुख्यतया इस्तेमाल छोटी जगह पर या एक सीमित स्थल पर इंटरनेट प्रदान करने के लिए किया जाता है जैसे कि घर लेकिन एक्सेस पॉइंट का इस्तेमाल बड़े कार्यालयों व भवन में किया जाता है।
  • एक एक्सेस पॉइंट राऊटर की तरह काम नहीं कर सकता है जबकि राऊटर एक्सेस पॉइंट की भूमिका निभा सकता है और अपने आप को एक्सेस पॉइंट में कन्वर्ट कर सकता है।

तो यह कुछ पॉइंट्स थे जो एक्सेस पॉइंट को राऊटर से भिन्न बनाते हैं और हम इन दोनों के बीच में अंतर को जान सकते हैं। ऐसे में आपको यह अच्छे से समझ में आ गया होगा कि एक्सेस पॉइंट व राऊटर के बीच में क्या कुछ अंतर देखने को मिलता है।

एक्सेस पॉइंट के फायदे (Access point benefits in Hindi)

अब हम बात करेंगे एक्सेस पॉइंट को इस्तेमाल में लाने के क्या कुछ फायदे देखने को मिलते (Benefits of access point in Hindi) हैं ताकि आपको इसके उपयोग के बारे में बेहतर जानकारी मिल सके। आइये जाने एक्सेस पॉइंट के लाभ।

  • इसका सबसे मुख्य और प्रथम लाभ तो यही है कि एक्सेस पॉइंट के माध्यम से आप एक लंबी दूरी तक इंटरनेट कनेक्शन पहुँचाने में सक्षम हो पाते हैं। इसी कारण इसका इस्तेमाल बड़ी बड़ी कंपनियों में कर्मचारियों तक इंटरनेट का एक्सेस पहुँचाने के लिए किया जाता है।
  • इससे एक बारी में बहुत से लोग इंटरनेट कनेक्शन से जुड़ सकते हैं और इसकी कोई सीमा नहीं होती है अर्थात यह एक्सेस पॉइंट सेटअप करने वाले के अधिकार क्षेत्र में होता है कि वह इससे कितने लोगों को या कितने कनेक्शन को जोड़ना चाहता है।
  • इससे नेटवर्क के प्रदर्शन में भी बेहतर विकास देखने को मिलता (Access point ke fayde) है। जो भी लोग एक्सेस पॉइंट के जरिये इंटरनेट का उपयोग कर रहे होते हैं उनके यहाँ इंटरनेट स्पीड फास्ट होती है।
  • आप एक्सेस पॉइंट के जरिये ऐसे लोगों को भी आसानी से जोड़ सकते हैं जो उसका कुछ समय के लिए ही उपयोग करना चाहते हैं या एक सीमित संख्या या समय के लिए उपयोग में लेना चाहते हैं।
  • यह नेटवर्क प्रदान करने के क्षेत्र में अत्यधिक सुरक्षित होता है और ना ही इसे हैक किया जा सकता है। ऐसे में यह इंटरनेट चलाने के लिए एक सुरक्षित माध्यम होता है।

एक्सेस पॉइंट के नुकसान (Disadvantages of access point in Hindi)

अब हम बात करेंगे एक्सेस पॉइंट का उपयोग करने पर आपको क्या कुछ नुकसान देखने को मिल सकते हैं ताकि आपको एक्सेस पॉइंट के दोनों पहलुओं के बारे में सही से जानकारी हो जाए।

  • एक्सेस पॉइंट को इनस्टॉल करने के लिए आपको राऊटर की तुलना में अधिक पैसा खर्च करना होता है जिस कारण यह डिवाइस महंगे सिद्ध होते हैं।
  • इन्हें संभालने के लिए आपको एक अलग से कर्मचारी रखना होता है जो निरंतर इन्हें मॉनिटर करता है।
  • समय के साथ साथ इसकी लागत बढ़ती जा रही है जिस कारण बहुत से लोगों के लिए अपने यहाँ एक्सेस पॉइंट लगाना बहुत ही खर्चीला सिद्ध हो रहा है।
  • इसको कॉन्फ़िगर किया जाना भी राऊटर की तुलना में कठिनाई भरा रहता है और इसके लिए आपको किसी एक्सपर्ट की सहायता लेनी होती है।
  • इसी के साथ ही यह बैटरी की भी ज्यादा खपत करता है जिस कारण डिवाइस जल्दी डिस्चार्ज हो जाते हैं।

इस तरह से एक्सेस पॉइंट को इस्तेमाल करने के कई तरह के फायदे होते हैं तो वहीं दूसरी ओर हमें इससे नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं। तो आपको स्थिति व पैसों के अनुसार ही अपना निर्णय लेना चाहिए।

एक्सेस पॉइंट क्या है – Related FAQs 

प्रश्न: एक्सेस पॉइंट क्या करते हैं?

उत्तर: एक्सेस पॉइंट के माध्यम से हम वायरलेस इंटरनेट कनेक्शन देने या वाई फाई की सुविधा देने का कार्य करते हैं। एक तरह से यह राऊटर की गति को बढ़ाने का कार्य करता है ताकि लंबी दूरी तक इंटरनेट का उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।

प्रश्न: एक्सेस प्वाइंट नाम क्या है?

 उत्तर: एक्सेस पॉइंट (Access Point) एक नेटवर्क डिवाइस होता है जो वायरलेस नेटवर्क के बीच संचालन स्थापित करने के लिए उपयगी होता है।

प्रश्न: एक्सेस प्वाइंट कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: एक्सेस प्वाइंट के विभिन्न प्रकारों के बारे में जानकारी आपको ऊपर का लेख पढ़ कर मिल जायेगी जो आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: एक्सेस प्वाइंट और राउटर में क्या अंतर है?

उत्तर: एक्सेस प्वाइंट और राउटर में जो भी अंतर है उसके बारे में हम ने ऊपर के लेख में विस्तार से बताया है जो आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: एक्सेस प्वाइंट का फायदा क्या है?

उत्तर: एक्सेस प्वाइंट के सभी फायदे हमने इस लेख में बताए हैं जो आपको पढ़ना चाहिए।

https://www.youtube.com/watch?v=6MByW6xRj3c

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने एक्सेस पॉइंट के बारे में जानकारी हासिल कर ली है। आपने जाना कि एक्सेस पॉइंट क्या है यह काम कैसे करता है इसके प्रकार क्या हैं और इसके फायदे और नुकसान क्या हैं इत्यादि। आशा है कि एक्सेस पॉइंट से संबंधित हरेक जानकारी आपको इस लेख के माध्यम से मिल गई होगी जो आप जानना चाहते थे। यदि आपके मन में कोई प्रश्न एक्सेस पॉइंट से संबंधित रह गया है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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