अग्निपथ सेना भर्ती योजना, योग्यता, आयु सीमा | अग्निपथ योजना कैसे ज्वाइन करें? Agnipath Scheme 2024

अग्निपथ सेना भर्ती योजना क्या है? पूरी जानकारी यहां से पाएं। Agnipath sena bharti Yojana kya hai? Puri jankari.

हमारे देश के युवाओं में सेना में जाकर देश सेवा करने का जज्बा कूट-कूटकर भरा हुआ है। ढेरों युवा ऐसे हैं, जो 10वीं पास करने के साथ ही सेना में भर्ती होने के लिए घोर तैयारी शुरू कर देते हैं। उनका फोकस शारीरिक रूप से स्वयं को सेना के योग्य बनाने पर होता है।

अब युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती का अवसर देने के लिए केंद्र सरकार अग्निपथ सेना भर्ती योजना लेकर आई है। यदि आप भी सेना में भर्ती होकर देशसेवा का ख्वाब देखते हैं तो आप एकदम सही जगह आए हैं। आज हम आपको केंद्र की इस अग्निपथ भर्ती योजना के विषय में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-

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अग्निपथ सेना भर्ती योजना क्या है?

अग्निपथ सेना भर्ती योजना, योग्यता, आयु सीमा  | अग्निपथ योजना कैसे ज्वाइन करें? Agnipath Scheme 2024

दोस्तों, यह तो आप जानते ही हैं कि पिछले कुछ समय से यह योजना चर्चा में है। 14 जून, 2024 को हमारे देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (defence minister Rajnath Singh) ने इस योजना का विधिवत शुभारंभ किया। आपको जानकारी दे दें दोस्तों कि यह सैनिकों, वायु सैनिकों एवं नौसैनिकों/ सशस्त्र बलों के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता आधारित भर्ती योजना है।

पूर्व में रक्षा मंत्रालय (defence ministry) द्वारा इस योजना को टूर ऑफ ड्यूटी (tour of duty) का नाम दिया गया था। इस योजना के माध्यम से साढ़े 17 वर्ष से लेकर 21 वर्ष तक के युवाओं को 4 वर्ष के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा। ये 10वीं/12वीं के छात्र होंगे। जो युवा इस योजना के माध्यम से सेना में भर्ती होंगे उन्हें अग्निवीर (agniveer) पुकारा जाएगा।

इनमें से केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों का चयन नियमित यानी रेगुलर कैडर (regular cadre) के रूप में एक केंद्रीयकृत (centralised), पारदर्शी (transparent) एवं कठोर प्रक्रिया (hard process) के आधार पर होगा। उनकी योग्यता एवं प्रदर्शन (eligibility and performance) ही उनके चयन (selection) का आधार होगा।

आपको जानकारी दे दें दोस्तों कि जिस वक्त ये अग्निवीर नौकरी छोड़ेंगे, उन्हें सेवा निधि पैकेज (sewa Nidhi package) प्रदान किया जाएगा। दरअसल, यह अग्निवीर के वेतन से कटने वाला पैसा ही होगा। इसे अग्निवीर कार्प्स फंड (agniveer corpus fund) में जमा किया जाएगा।

आपको बता दें कि जितना पैसा अग्निवीर का इस कार्प्स फंड में जाएगा, उतनी ही राशि का योगदान सरकार भी करेगी। यही पैसा उसे सेवा निधि पैकेज के रूप में मिलेगा। यह राशि टैक्स फ्री (tax free) होगी।

अग्निपथ सेना भर्ती योजना का उद्देश्य क्या है?

मित्रों, अब हम आपको बताएंगे कि इस अग्निपथ सेना भर्ती योजना का उद्देश्य क्या है। माना यह जा रहा है कि सरकार अग्निपथ सेना भर्ती योजना के माध्यम से पेंशन बजट एवं खर्च (pension budget and expenses) में बड़ी मात्रा में कटौती करना चाहती है। यदि सरकार की मंशा पर भरोसा किया जाए तो इसके उद्देश्य इस प्रकार से हैं-

  • देशसेवा की भावना से ओतप्रोत युवाओं को सेना में कार्य करने का अवसर देना।
  • जल, थल एवं वायु, तीनों सेनाओं में युवाओं की भागीदारी बढ़ाना।
  • सेना में शार्ट एवं लांग टर्म नौकरी का अवसर प्रदान करना।
  • पेंशन एवं वेतन के रूप में सेना को करोड़ों रूपये के व्यय से बचाना।
  • सैनिक सेवा की औसत उम्र को 32 वर्ष से कम करके 26 वर्ष करने का प्रयास करना।

क्या अग्निपथ सेना भर्ती योजना जवानों और अफसरों के लिए है?

बहुत सारे युवाओं के दिमाग में यह प्रश्न उठ रहा है कि क्या यह भर्ती योजना जवानों और अफसरों दोनों के लिए है? तो आपको स्पष्ट कर दें मित्रों कि यह योजना फिलहाल केवल जवानों के लिए ही है। अधिकारियों की भर्ती को इस योजना से अलग रखा गया है।

आपको लगे हाथ यह जानकारी भी दे दें कि वर्तमान में भी सेना में शार्ट सर्विस कमीशन (short service commission) यानी एसएससी (SSC) के आधार पर अफसरों की भर्ती (officers recruitment) की जाती है। दोस्तों, यह भर्ती मूल रूप से 10 वर्ष के लिए होती है, जिसे 14 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।

इस वर्ष अग्निपथ सेना भर्ती योजना के अंतर्गत कितने अग्निवीरों की भर्ती होगी?

यदि आप भी इस योजना के अंतर्गत सेना में भर्ती होना चाहते हैं तो अपनी तैयारी शुरू कर दीजिए। न केवल शारीरिक रूप (physically) से खुद को फिट कर लीजिए, बल्कि मानसिक रूप से (mentally) भी स्वयं को दृढ़ कर लीजिए। दरअसल, इस वर्ष अग्निपथ सेना भर्ती योजना के अंतर्गत कुल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी।

अग्निपथ सेना भर्ती योजना के तहत पहली भर्ती रैली कब होगी?

मित्रों, 14 जून, 2024 को हमारे देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने योजना को लांच करते हुए तीनों सेनाध्यक्षों संग मीडिया को इस योजना के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहली भर्ती रैली 90 दिन यानी 3 महीने के भीतर की जाएगी।

अग्निपथ सेना भर्ती योजना के अंतर्गत अग्निवीर बनने के लिए आवेदन कैसे किया जा सकेगा?

साथियों, यदि आप भी अग्निपथ सेना भर्ती योजना से जुड़कर बतौर अग्निवीर सेना में सेवा देने के इच्छुक हैं तो अब हम आपको बताएंगे कि आप इसके लिए आवेदन कैसे कर सकते हैं।

पहले आपको अपने करियर के बारे में डिसाइड करना होगा कि आप आर्मी में जाना चाहे हैं, नेवी में अथवा एयरफोर्स में। इसके पश्चात आप अपनी पसंद एवं योग्यता के अनुसार भारतीय थल सेना (indian army) की ऑफिशियल वेबसाइट joinindianarmy.nic.in, भारतीय नौसेना (indian Navy) की आधिकारिक वेबसाइट joinindiannavy.gov.in एवं भारतीय वायुसेना (indian airforce) की ऑफिशियल वेबसाइट careerindianairforce.cdac.in के जरिए आवेदन कर सकेंगे।

अग्निपथ योजना के अंतर्गत भर्ती होने वाले युवाओं को कितनी सैलरी मिलेगी?

मित्रों, अब आते हैं मुख्य बात यानी इस योजना के अंतर्गत अग्निवीरों को मिलने वाले वेतन पर। आपको जानकारी दे दें कि अग्निपथ योजना के अंतर्गत युवाओं को पहले वर्ष वार्षिक 4.76 लाख रुपए का पैकेज (package) मिलेगा। चौथे साल यह 6.92 लाख रुपये तक पहुंच जाएगा।

इसके अतिरिक्त अग्निवीरों को रिस्क एवं हार्डशिप अलाउंस (risk and hardship allowance) भी दिए जाएंगे। 4 वर्ष की नौकरी के पश्चात युवाओं को 11.7 लाख रूपये का सर्विस फंड मिलेगा। आपको बता दें कि इस पर कोई टैक्स (tax) नहीं पड़ेगा। यदि माहवार वेतन की बात करें तो एक अग्निवीर का मासिक वेतन इस प्रकार रहेगा-

वर्ष मासिक वेतन कैश इन हैंड –

  • प्रथम वर्ष 30,000 21,000
  • द्वितीय वर्ष 33,000 23,100
  • तृतीय वर्ष 36,000 25,580
  • चतुर्थ वर्ष 40,000 28,000

इसके अतिरिक्त अग्निवीरों को सेवा मुक्ति पर स्किल सर्टिफिकेट (skill certificate) मिलेगा तथा बैंक लोन (Bank loan) के माध्यम से उन्हें दूसरी नौकरी अथवा कार्य शुरू करने में सहायता प्रदान की जाएगी।

क्या 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेना में सीधे भर्ती मिल जाएगी?

जी नहीं। इन अग्निवीरों को सेना में तभी बनाए रखा जाएगा, यदि उस वक्त सेना में भर्ती निकली हो। यहां आपको यह भी बता दें कि सेना में भर्ती की इस योजना को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

किसी को यह योजना बेहतर लग रही है तो कोई इस योजना को युवाओं के साथ धोखा करार दे रहा है। बहरहाल, दुश्मन देश पाकिस्तान (pakistan) एवं चीन (china) से दोहरे मोर्चे पर जूझ रहे भारत में इस योजना के नतीजों पर सबकी निगाहें बनी रहेंगीं।

चार वर्ष की सेवा के पश्चात बाहर होने वाले 75 प्रतिशत अग्निवीरों का क्या होगा?

साथियों, अब आपके मन में यह सवाल अवश्य उठ रहा होगा कि चार वर्ष की सेवा के पश्चात बाहर होने वाले 75 प्रतिशत अग्निवीरों का क्या होगा? तो दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि सक्षम एवं निपुण 25 प्रतिशत जवानों के सेना में बने रहने के पश्चात जिन 75 प्रतिशत जवानों को बाहर होना पड़ेगा उन्हें अन्यत्र नौकरी दिलाने में सेना अहम भूमिका अदा करेगी।

दरअसल, सेना का मानना है कि यदि कोई सेना में चार वर्ष काम कर लेगा तो उसकी प्रोफाइल बेहतरीन बन जाएगी। ऐसी दशा में सेना प्रशिक्षण (army training) प्राप्त युवाओं को हायर करने में प्रत्येक कंपनी दिलचस्पी दिखाएगी।

अग्निपथ सेना भर्ती योजना से जुड़े खास बिंदु क्या क्या हैं?

मित्रों, अब आपको एक नजर में अग्निपथ सेना भर्ती योजना से जुड़े सभी खास बिंदुओं पर जानकारी देते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • अग्निपथ सेना भर्ती योजना अखिल भारतीय सेना भर्ती योजना है। इसमें मेरिट के आधार पर भारत की तीनों सशस्त्र बलों में भर्ती की जाएगी।
  • अग्निपथ सेना भर्ती योजना के अंतर्गत युवाओं को चार वर्ष के लिए भर्ती किया जाएगा।
  • चार वर्ष के कार्यकाल में 10 हफ्ते से लेकर 6 माह तक की ट्रेनिंग भी शामिल है।
  • इस योजना के अंतर्गत केवल साढ़े 17 साल से लेकर 21 वर्ष के युवा तक आवेदन कर सकेंगे।
  • अग्निवीर बनने के लिए 10वीं/12वीं के छात्र आवेदन कर सकेंगे।
  • सेवा मुक्ति (service exit) के समय अग्निवीरों को 11.7 लाख रुपए का सेवा निधि पैकेज मिलेगा।
  • यदि देश सेवा के दौरान कोई अग्निवीर शहीद हो जाता है तो उसके परिजनों को सेवा निधि के साथ ही 1 करोड़ रुपए की राशि मय ब्याज (with interest) प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त उन्हें अग्निवीर का शेष वेतन भी दिया जाएगा।
  • यदि सेवा के दौरान कोई अग्निवीर विकलांग (disable) हो जाता है तो उसे 44 लाख रूपये तक की राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही उसे उसकी शेष सेवा का वेतन भी प्रदान किया जाएगा।

भारतीय सेना से हर वर्ष कितने जवान सेवानिवृत्त होते हैं?

जैसा कि हमने आपको बताया कि सरकार द्वारा लांच की गई अग्निपथ सेना भर्ती योजना का मुख्य उद्देश्य सेना के पेंशन-वेतन खर्चों में कटौती लाना है। दोस्तों, ऐसे में यह जानना भी प्रासंगिक होगा कि भारतीय सेना से हर वर्श कितने सैनिक सेवानिवृत्त (retire) होते हैं।

आपको बता दें दोस्तों भारत में इस समय करीब 24-25 लाख पूर्व सैनिक होने का अनुमान है। यदि तीनों सेनाओं की बात करें तो प्रत्येक वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले जवानों की संख्या करीब 60-70 हजार बैठती है।

अमूमन ये जवान 38-42 वर्ष की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। इसके पश्चात अधिकांश की आजीविका पेंशन पर ही निर्भर होती है। बहुत से सैनिक बैंक गार्ड, सिक्योरिटी गार्ड आदि के रूप में भी कार्य करने लगते हैं।

रक्षा क्षेत्र के आवंटन का कितना हिस्सा पेंशन पर व्यय होता है?

यह तो आप जान ही गए हैं कि सरकार पेंशन खर्च में कटौती करना चाहती है। अब हम आपको बताएंगे कि रक्षा क्षेत्र के आवंटन का कितना हिस्सा पूर्व सैनिकों की पेंशन पर व्यय होता है। मित्रों, यदि इसी वर्ष का उदाहरण लें तो आपको बता दें कि इस वर्ष सवा पांच लाख करोड़ रुपए के कुल रक्षा बजट (defence budget) से 1.19 करोड़ रुपए पूर्व सैनिकों (ex serviceman) को पेंशन के लिए आवंटित किए गए हैं।

आपको बता दें दोस्तों कि इससे पूर्व पेंशन के लिए आवंटित की जाने वाली राशि 1.33 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी थी। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यह राशि उतनी है, जितनी इस समय तीनों सेनाओं के वेतन-भत्तों एवं संचालन (salary-allwance and operations) पर खर्च होती है।

ऐसे में पेंशन के बढ़ते खर्च को रोकना सरकार के लिए एक चुनौती (challenge) वाला मामला है। जाहिर सी बात है कि सरकार के पेंशन खर्च कम करने के लिए अग्निपथ सेना भर्ती योजना लाने का दूरगामी असर होगा। फिलहाल माना जा रहा है कि अग्निपथ सेना भर्ती योजना से पेंशन खर्च (pension expanses) 75 फीसदी तक कम हो जाएगा।

क्या अग्निवीरों के रूप में महिलाओं की भी भर्ती की जाएगी?

साथियों, यह तो आप जानते ही हैं कि इस समय महिलाएं भी सेना में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही हैं, लेकिन क्या अग्निवीरों के रूप में महिलाओं की भी भर्ती की जाएगी?

यह सवाल सेना में जाने का ख्वाब देखने वाली बहुत सी छात्राओं के मन में उमड़ घुमड़ रहा है तो इसका जवाब यह है कि फिलहाल अग्निपथ सेना भर्ती योजना के अंतर्गत फिलहाल महिलाओं को अग्निवीर के रूप में भर्ती नहीं किया जाएगा।

लेकिन भविष्य में (in future) अवश्य ऐसा किया जा सकता है। महिलाओं को अग्निवीर के रूप में सेना में भर्ती होने का मौका मिल सकता है।

टूर ऑफ ड्यूटी प्रक्रिया की शुरूआत कब एवं कहां से हुई थी?

साथियों, मित्रों, हमने अभी आपको बताया कि अग्निपथ सेना भर्ती योजना को पूर्व में टूर ऑफ ड्यूटी (tour of duty) का नाम दिया गया था। अब आपको बताते हैं कि टूर ऑफ ड्यूटी की शुरूआत कब हुई थी। दरअसल, इसकी पहल द्वितीय विश्वयुद्ध (second world war) के दौरान हुई थी।

दरअसल, उस समय ब्रिटिश एयरफोर्स (British airforce) में विमान चालकों यानी पायलटों (pilots) की कमी हो गई थी। उस वक्त एक निश्चित एवं सीमित समय के लिए टूर ऑफ ड्यूटी प्रक्रिया के तहत युवाओं को एयरफोर्स में शामिल किया गया था।

उनके लिए दो वर्ष में न्यूनतम 200 घंटे विमान उड़ाना अनिवार्य किया गया था। इसके बाद से दुनिया के कई देशों में इस प्रक्रिया को अपनाया गया।

वर्तमान में किन किन देशों में टूर ऑफ ड्यूटी अनिवार्य है?

दोस्तों, आपको बता दें कि दुनिया के कई देश ऐसे हैं, जहां पहले से ही टूर ऑफ ड्यूटी अनिवार्य है। अब हम आपको इन देशों के बारे में विस्तार से बताएंगे-

चीन (China): चीन को दुनिया की एक महाशक्ति (super power) के रूप में जाना जाता है। वहां भी नागरिकों को अनिवार्य रूप से टूर ऑफ ड्यूटी के तहत सेना में सेवा देनी पड़ती है।

इसके लिए न्यूतनम 18 से अधिकतम 22 वर्ष की उम्र रखी गई है। सेना की सेवा न्यूनतम दो साल के लिए की जा सकती है। यद्यपि दोस्तों, हांगकांग (hongkong) एवं मकाऊ (makau) को इस अनिवार्यता से छूट प्रदान की गई है।

रूस (Russia): रूस को भी विश्व में महाशक्ति का दर्जा प्राप्त है। इस देश में भी टूर ऑफ ड्यूटी का प्रावधान किया गया है। यहां प्रत्येक नागरिक के लिए न्यूतनम एक वर्ष सैन्य सेवा करना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए न्यूनतम 18 से लेकर 21 वर्ष तक की आयु सीमा निर्धारित की गई है।

यूक्रेन (eukrain): हाल ही में रूस से लोहा लेने की वजह से यूक्रेन काफी चर्चा में रहा। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन के ढेरों नागरिक हथियार उठाए नजर आए। ये टूर ऑफ ड्यूटी के तहत ट्रेनिंग पाए नागरिक ही थे। यद्यपि यहां टूर ऑफ ड्यूटी के लिए कोई आयु सीमा (age limit) निर्धारित नहीं की गई है।

नार्वे (Norway): नार्वे को उगते सूरज का देश भी पुकारा जाता है। दोस्तों, ये वह देश है, जहां महिलाओं एवं पुरुषों को अनिवार्य रूप से टूर ऑफ ड्यूटी प्रक्रिया में शामिल होना होता है।

इसके लिए 19 वर्ष से लेकर 24 वर्ष की आयु तक कभी भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। वहां महिलाओं के लिए आज से 6 वर्ष पूर्व यानी कि सन् 2016 में बराबरी के अधिकार के तहत इस प्रक्रिया में शामिल होना अनिवार्य किया गया।

इजराइल (Israel): दोस्तों, अब इजराइल की बात करते हैं। इजराइल भारत को सैन्य सामग्री एवं हथियारों की सप्लाई करने वाला देश भी है। इजराइल रक्षा बल में पुरुषों को तीन वर्ष तक, जबकि महिलाओं को दो वर्ष तक सेवा करनी होती है।

धार्मिक एवं स्वास्थ्य कारणों (religious and health reasons) के आधार पर यद्यपि गर्भवती (pregnant) महिलाओं को इस सेवा से छूट प्रदान की जाती है। यह वहां सेवा एवं सम्मान का एक बड़ा जरिया है।

उत्तर कोरिया (north Korea): उत्तर कोरिया अपने शासक किम जोंग उन की गतिविधियों के चलते अक्सर सुर्खियों में रहता है। आपको बता दें दोस्तों कि यहां पुरुषों को तीनों सेनाओं में टूर ऑफ ड्यूटी अनिवार्य किया गया है। इसके तहत उसे 21 माह आर्मी में, 23 महीने नेवी में, जबकि 24 महीने एयरफोर्स में सेवा देनी होती है।

दक्षिण कोरिया (south Korea): यदि बात दक्षिण कोरिया की करें तो यहां भी उत्तर कोरिया की तर्ज पर पुरुषों को एक निश्चित समय के लिए तीनों सेनाओं में सेवा देना अनिवार्य किया गया है। इसके तहत एक नागरिक को 24 महीने एयरफोर्स, 23 महीने नेवी, जबकि 21 महीने थल सेना में सेवा देनी होती है।

स्विट्ज़रलैंड (Switzerland): यह तो आप जानते ही हैं मित्रों कि स्विट्जरलैंड की गिनती दुनिया के खूबसूरत देशों में होती है, लेकिन यह बात आप शायद नहीं जानते होंगे कि देश के युवाओं के लिए टूर ऑफ ड्यूटी को अनिवार्य किया गया है।

इसके लिए उन्हें 21 सप्ताह की बेसिक ट्रेनिंग (basic training) देना जरूरी किया गया है। यद्यपि महिलाओं के लिए यह आवश्यक नहीं है। उनके लिए यह कदम स्वैच्छिक है।

ब्राजील (Brazil): ब्राजील फुटबाल (football) के जादूगर पेले की वजह से अधिक जाना जाता है। आपको बता दें दोस्तों कि फुटबाल पर जान छिड़कने वाले इस देश में भी 10 माह से लेकर एक वर्ष तक अनिवार्य टूर ऑफ ड्यूटी का प्रावधान किया गया है। भविष्य में उनकी क्षमता के आधार पर उन्हें परमानेंट कमीशन (permanent commission) देने का प्रावधान भी किया गया है।

ईरान (Iran): ईरान में भी टूर ऑफ ड्यूटी को अनिवार्य किया गया है। यहां पुरुष नागरिकों को 24 महीने यानी दो वर्ष अनिवार्य रूप से सैन्य सेवा करनी होती है।

ऐसा ईरान के सत्ता शासकों ने देश के प्रत्येक नागरिक को सैनिक प्रशिक्षण के लिहाज से आवश्यक किया है। दोस्तों, आपको बता दें कि यूनान (Greece) में भी 19 वर्ष की उम्र वाले युवाओं को न्यूनतम 9 महीने टूर ऑफ ड्यूटी करना ही होता है।

तुर्की (Turkey): यहां 20 वर्ष से अधिक उम्र के युवाओं के लिए सेना में सेवा देना अनिवार्य किया गया है। तीन वर्ष अथवा इससे अधिक समय से विदेशों में रह रहे नागरिकों (citizens) को इससे छूट का प्रावधान है। लेकिन इसके लिए उन्हें एक निश्चित राशि अदा करनी होती है। महिलाओं के लिए यहां सेना में सेवा देना अनिवार्य कदम नहीं है।

किन देशों में टूर ऑफ ड्यूटी अनिवार्य नहीं है?

मित्रों, अभी हमने आपको उन राष्ट्रों की जानकारी दी, जहां कि टूर ऑफ ड्यूटी अनिवार्य रूप से लागू है। अब आपको हम उन मुल्कों की जानकारी देंगे, जहां टूर ऑफ ड्यूटी को अनिवार्य नहीं किया गया है। इस फेहरिस्त में अमेरिका (America), जर्मनी (Germany), फ्रांस (France), इंग्लैंड (England), इटली (Italy) एवं पाकिस्तान (pakistan) जैसे तमाम देश शामिल हैं। यदि बात भारत की करें तो यहां अग्निपथ सेना भर्ती योजना, जिसका नाम पूर्व में टूर ऑफ ड्यूटी था, को अब लांच (launch) कर दिया गया है।

अग्निपथ सेना भर्ती योजना क्या है?

इस योजना के अंतर्गत देश के साढ़े 17 साल से लेकर 21 वर्ष तक के 10वीं, 12वीं की शिक्षा प्राप्त युवाओं को 4 वर्ष के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा।

अग्निपथ सेना भर्ती योजना को कब लांच किया गया?

इस योजना को 14 जून, 2024 को लांच किया गया।

अग्निपथ सेना भर्ती योजना का शुभारंभ किसने किया?

अग्निपथ सेना भर्ती योजना का शुभारंभ हमारे देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया।

यह किस स्तर की योग्यता आधारित भर्ती योजना है?

यह अखिल भारतीय स्तर की योग्यता आधारित भर्ती योजना है।

अग्निपथ सेना भर्ती योजना के तहत भर्ती किस सेना में की जाएगी?

इसके तहत नौसेना, थल सेना एवं वायु सेना के सशस्त्र बलों में भर्ती की जाएगी।

अग्निपथ सेना भर्ती योजना लाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इसका उद्देश्य देशभक्ति के जज्बे से ओतप्रोत युवाओं को देश सेवा का अवसर देना एवं सेना का पेंशन आदि पर व्यय होने वाला बजट खर्च कम करना है।

अग्निपथ सेना भर्ती योजना के अंतर्गत भर्ती जवानों को क्या नाम दिया जाएगा?

इस योजना के अंतर्गत भर्ती जवानों को अग्निवीर नाम दिया जाएगा।

क्या अग्निपथ योजना के तहत भर्ती जवान सेना में परमानेंट कमीशन प्राप्त करेंगे?

जी नहीं, इनमें से 75 प्रतिशत जवानों को 4 वर्ष की सेवा के पश्चात सेवामुक्त कर दिया जाएगा। शेष 25 प्रतिशत जवानों को उस वक्त सेना में भर्ती खुली होने पर बनाए रखा जाएगा।

इस योजना के तहत पहली भर्ती रैली कब होगी?

इस योजना के अंतर्गत पहली भर्ती रैली 90 दिन के भीतर होगी।

सेवामुक्त किए जाने वाले 75 प्रतिशत जवानों का क्या होगा?

इन जवानों को सेना दूसरे क्षेत्रों में नौकरी हासिल करने में सहायता करेगी।

अग्निपथ योजना के तहत भर्ती जवान के शहीद होने पर उसके परिजनों को कितनी राशि दी जाएगी?

यदि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती जवान सेवाकाल के दौरान शहीद हो जाता है तो उसके परिजनों को 1 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी।

अग्निपथ सेना भर्ती योजना के अंतर्गत इस वर्ष कितनी भर्ती की जाएगी?

अग्निपथ सेना भर्ती योजना के अंतर्गत इस वर्ष कुल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी।

सेवा मुक्ति के पश्चात अग्निवीरों को क्या मिलेगा?

सेवा मुक्ति के पश्चात अग्निवीरों को 11.7 लाख रुपए का सेवा निधि पैकेज मिलेगा।

अग्निवीर के दिव्यांग होने की स्थिति में सेना की ओर से कितनी राशि प्रदान की जाएगी?

अग्निवीर के दिव्यांग होने की स्थिति में सेना की ओर से 44 लाख रुपए की राहत राशि प्रदान की जाएगी।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में अग्निपथ सेना भर्ती योजना के संबंध में जानकारी दी। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके सेना में जाने का सपना साकार करने में सहायक होगी। यदि इस योजना के संबंध में आपका कोई सवाल है तो हमसे बेधड़क नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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