|| एयर क्वालिटी इंडेक्स या AQI क्या है? | AQI in Hindi | Air quality index kya hota hai | एयर क्वालिटी इंडेक्स के प्रकार | Air quality index types in Hindi | AQI फुल फॉर्म | एयर क्वालिटी इंडेक्स कैसे मापा जाता है? | AQI kaise check kare ||
AQI in Hindi :- पिछले कुछ वर्षों से आपने एक शब्द का नाम बहुत सुना होगा और वह है AQI। वह इसलिए क्योंकि भारत सहित पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है और इसके कई कारण है। इसका सबसे प्रमुख कारण बढ़ती जनसंख्या व उनके बढ़ते नखरे। जी हां सही सुना आपने। आज के समय में जनसंख्या जितनी तेजी से बढ़ रही (AQI kya hota hai) है और उनकी सुख सुविधा को बढ़ाने के लिए जिस तरह से प्रकृति का दोहन हो रहा है, वह इतिहास में आज तक कभी नहीं हुआ।
यही कारण है कि वायु में लगातार जहर घुलता ही जा रहा है और उसका खामिजा हम सभी भुगत रहे हैं। हर वर्ष लाखों नहीं बल्कि करोड़ों मौते इसी ख़राब AQI के स्तर या बुरी हवा के (Air quality index kya hai) कारण हो रही है। इतना ही नहीं करोड़ो करोड़ लोगों को इस ख़राब श्रेणी की वायु के कारण कई तरह की गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ रहा है जिसमे से एक कैंसर भी है।
तो यह AQI है क्या चीज़ और इसका हवा से या वायु की शुद्धता से क्या संबंध होता है। आज इसके बारे में जानना आपके लिए बहुत ही आवश्यक (AQI kya hai) है। यदि आप वाकई में पर्यावरण व वायु की शुद्धता के लिए गंभीर है तो आज हम आपके साथ AQI के बारे में समूची जानकारी साँझा करेंगे। आइए जाने इस एयर क्वालिटी इंडेक्स या AQI के बारे में।
एयर क्वालिटी इंडेक्स या AQI क्या है? (AQI in Hindi)
एयर क्वालिटी इंडेक्स या जिसे हम शोर्ट फॉर्म में AQI भी कह देते है, यह वायु की गुणवत्ता को माप कर बताने वाला एक अंक होता है। इस AQI के आधार पर ही हमें पता चलता है कि कही की हवा कितनी श्रेणी है या किस श्रेणी में है। कहने का अर्थ यह हुआ (AQI kya hai in Hindi) कि इसके द्वारा हम किसी शहर या भूभाग की हवा को नंबर देते हैं। उसी नंबर के आधार पर यह पता चल सकता है कि उस शहर की हवा सांस लेने लायक है या नहीं। इसी AQI के आधार पर सरकार के द्वारा नागरिकों के लिए दिशा निर्देश जारी किये जाते हैं।
अब यदि आप इसे समझने में विफल रहे हैं तो इसे हम एक उदाहरण देकर समझाते हैं। जिस प्रकार हम किसी परीक्षा में बैठते हैं या कोई भी छात्र परीक्षा में बैठता (AQI kya h) है। तो हम उस छात्र की बुद्धि या होशियारी का आंकलन उस परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर करते हैं। यदि किसी छात्र के किसी विषय में 100 में से 40 अंक आये हैं तो वह छात्र नालायक माना जाता है, यदि उसकी 60 या 70 नंबर आये हैं तो वह मध्यम श्रेणी का छात्र माना जाता है और वही यदि उसके 90 के आसपास नंबर आये हैं तो उसे उस विषय में बुद्धिमान या होशियार छात्र की संज्ञा दी जाती है।
ठीक उसी तरह एयर क्वालिटी इंडेक्स के द्वारा भी किसी शहर या भूभाग की हवा को नंबर दिए जाते हैं लेकिन यह प्रक्रिया परीक्षा में मिले अंकों की तुलना में उल्टी होती (AQI kya hota h) है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि यदि किसी जगह की हवा का एयर क्वालिटी इंडेक्स कम है तो मतलब वहां की हवा शुद्ध है। अब जितना जितना उसका एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ता चला जाता है, उतना ही उसे अशुद्ध या हानिकारक माना जाता है।
तो यह हानिकारक तत्व कितने भी अधिक हो सकते हैं। इस कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स के नंबर का कोई (AQI level kya hota hai) अधिकतम अंक नहीं होता है और यह कितनी भी जा सकती है। वही यदि दुनिया में किसी भूभाग की हवा का एयर क्वालिटी इंडेक्स शून्य अर्थात जीरो है तो इसका मतलब वह भूभाग दुनिया में सबसे शुद्ध भूभाग वाला क्षेत्र होता है। अब जैसे ही इस शून्य में अंक जुड़ते चले जाते हैं तो मान लीजिए वहां की हवा उतनी ही अधिक अशुद्ध होती चली जाती है।
AQI की फुल फॉर्म क्या है? (AQI full form in Hindi)
अब यदि हम AQI की फुल फॉर्म की बात करें तो उसे एयर क्वालिटी इंडेक्स कहा जाता है। इसे अंग्रेजी में Air Quality Index नाम दिया गया है। इसी अंग्रेजी के तीनो शब्दों के पहले पहले अक्षरों को लेकर इसे AQI नाम दिया गया है। तो यदि आगे से कोई यदि आपसे AQI की फुल फॉर्म को पूछे तो आप एक मिनट में ही उसे इसकी फुल फॉर्म बता सकते हैं जो है एयर क्वालिटी इंडेक्स।
एयर क्वालिटी इंडेक्स को हिंदी में क्या कहते है? (Air quality index in Hindi)
अब एयर क्वालिटी इंडेक्स तो अंग्रेजी भाषा का एक नाम हो गया जिसे शोर्ट फॉर्म में AQI कह दिया जाता है किंतु इसका हिंदी नाम क्या होता है? यह जानना भी तो आपके लिए जरुरी है। तो यदि हम एयर क्वालिटी इंडेक्स के हिंदी नाम की बात करे तो उसे वायु गुणवत्ता सूचकांक कहा जाता है। इसमें एयर का मतलब वायु होता है, क्वालिटी का मतलब गुणवत्ता व इंडेक्स का मतलब सूचकांक होता है। तो इस तरह से एयर क्वालिटी इंडेक्स का पूरा नाम हिंदी में वायु गुणवत्ता सूचकांक हो जाता है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स कैसे मापा जाता है? (AQI kaise check kare)
आपको यह भी जानना चाहिए कि विभिन्न देशों की सरकारों के द्वारा किसी क्षेत्र या भूभाग का एयर क्वालिटी इंडेक्स कैसे मापा जाता है या लोगों को यह कैसे बताया जाता है कि उस भूभाग का वायु गुणवत्ता सूचकांक क्या है। तो यह केवल भारत सरकार ही नहीं मापती (Air quality index kya hota hai) है बल्कि आप भी अपने आप इसको माप सकते हैं। इसके लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स मापने के लिए कई तरह की डिवाइस आती है जिनके द्वारा हवा में मौजूद हानिकारक तत्वों का पता लगाया जाता है। उसी के आधार पर ही उस हवा को अंक दिए जाते हैं।
तो यह डिवाइस आपको बाजार में या ऑनलाइन कहीं भी मिल जाएगी। इसी के साथ आपके मोबाइल में ही कई सारी होंगी जिन्हें आप गूगल प्ले स्टोर (how is the AQI calculated in Hindi) से डाउनलोड कर इनस्टॉल कर सकते हैं। उन ऐप के द्वारा भी भारत के प्रत्येक भूभाग के वायु गुणवत्ता सूचकांक का नंबर जारी किया जाता है जिससे यह पता लगाया जाता है कि कहां की हवा कितनी शुद्ध या अशुद्ध है।
तो इसको मापने के लिए हवा में मौजूद PM 10, PM 2.5, NO2, O3, CO, SO2, NH3 व Pb को आधार माना जाता है। यह सभी ऐसे तत्व होते हैं जो जितने ज्यादा हवा में मौजूद होंगे, हवा उतनी ही ज्यादा दूषित होती है। ज्यादातर मामलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स का पता लगाने के लिए केवल PM 10 व PM 2.5 को ही आधार माना जाता है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स के प्रकार (Air quality index types in Hindi)
अब हम आपको एयर क्वालिटी इंडेक्स के बारे में सबसे महत्वपूर्ण सूचना देने जा रहे हैं जो आपके लिए जाननी अति आवश्यक है। इसी से ही आप यह पता लगा पाएंगे कि कही की हवा को मापने के लिए जो AQI बताया जाता है, उसमे किस (Air quality index (AQI) basics) स्तर की हवा को कितना शुद्ध और हानिकारक माना गया है। कहने का अर्थ यह हुआ कि इसमें हवा को मिले अंक के आधार पर आप यह पता लगा सकते हैं कि आपको उस स्थिति में क्या कुछ करना चाहिए।
0 से 50 AQI – उत्तम
यदि किसी क्षेत्र की हवा का AQI शून्य से लेकर 50 के बीच में होता है तो वह बहुत ही अच्छा माना जाता है और इसे उत्तम या Good नाम से जाना जाता है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि यदि हम दुनिया के ऐसे भूभागों की बात करे जहाँ प्रदूषण ना के बराबर है तो वही पर ही हमें वायु गुणवत्ता सूचकांक का यह पैमाना देखने को मिलेगा। किंतु दुःख की बात यह है कि ऐसे क्षेत्र पूरी दुनिया में बहुत ही कम बचे हैं। इसे मुख्य तौर पर गहरे हरे रंग में दिखाया जाता है।
- PM 10 का स्तर – 0-50
- PM 2.5 का स्तर – 0-30
- NO2 का स्तर – 0-40
- O3 का स्तर – 0-50
- CO का स्तर – 0-1.0
- SO2 का स्तर – 0-40
- NH3 का स्तर – 0-200
- Pb का स्तर – 0-0.5
चेतावनी- अब यदि आपके यहाँ की हवा का स्तर 0 से 50 के बीच में है तो आपको डरने की कोई जरुरत नहीं है, बल्कि आपको तो खुश होने की जरुरत है। वह इसलिए क्योंकि यदि आपके यहाँ की हवा इतनी ज्यादा स्वच्छ है तो आप दुनिया के चंद लकी लोगों में से एक है जो इतनी शुद्ध हवा में सांस ले रहे हैं। तो आपके लिए किसी भी तरह की हेल्थ एडवाइजरी नहीं होगी।
51 से 100 AQI – अच्छा
इस तरह की हवा को भी वायु गुणवत्ता सूचकांक के पैमाने पर अच्छा ही माना जाता है। हालाँकि यह उत्तम नहीं होती है लेकिन अच्छी कही जा सकती है। इसे सामान्य तौर पर हल्के हरे रंग से प्रदर्शित किया जाता है। इस तरह की जगह पर प्रदूषण बहुत ही कम होता है। यदि आपके यहाँ की हवा का स्तर इतना है तो भी आपको डरने की कोई जरुरत नहीं है। इस तरह की हवा को अंग्रेजी में Satisfactory कहा जाता है।
- PM 10 का स्तर – 51-100
- PM 2.5 का स्तर – 31-60
- NO2 का स्तर – 41-80
- O3 का स्तर – 51-100
- CO का स्तर – 1.1-2.0
- SO2 का स्तर – 41-80
- NH3 का स्तर – 210-400
- Pb का स्तर – 0.5-1.0
चेतावनी- जिस भूभाग का एयर क्वालिटी इंडेक्स 51 से 100 के बीच में होता है तो वहां सामान्य नागरिकों को तो घबराने की कोई जरुरत नहीं है और उनके लिए किसी तरह की हेल्थ एडवाइजरी जारी नहीं की जाती है। किंतु जो लोग अस्थमा या सांस से जुड़ी अन्य किसी बीमारी से ग्रस्त है तो उन्हें बाहर ज्यादा परिश्रम या वर्कआउट नहीं करना चाहिए। हालाँकि आप सामान्य तौर पर वर्कआउट या अन्य कोई काम कर सकते हैं।
101 से 200 AQI – मध्यम
इस तरह की हवा का स्तर भारत के लगभग हर शहर में बना रहता है और वो भी पूरे वर्ष। कहने का अर्थ यह हुआ कि हम भारत के लोगों ने मध्यम दर्जे की हवा में रहना सीख लिया है और इसी को ही अपना भाग्य मान लिया है। इसे अंग्रेजी में Moderate कहा जा सकता है जिसे पीले रंग में दिखाया जाता है। हालाँकि इस तरह की हवा को भी बुरी हवा में नहीं माना जाता है लेकिन सेंसिटिव लोगों के लिए यह अवश्य ही हानिकारक सिद्ध होती है।
- PM 10 का स्तर – 101-250
- PM 2.5 का स्तर – 61-90
- NO2 का स्तर – 81-180
- O3 का स्तर – 101-168
- CO का स्तर – 2.1-10
- SO2 का स्तर – 81-380
- NH3 का स्तर – 401-800
- Pb का स्तर – 1.1-2.0
चेतावनी- यदि आप स्वस्थ है और आपको कोई बीमारी नहीं है तो आपको मध्यम दर्जे का एयर क्वालिटी इंडेक्स होने पर भी घबराने की जरुरत नहीं है और आप अपना जरुरी काम कर सकते हैं और बाहर भी निकल सकते हैं। किंतु यदि आपको अस्थमा या फेफड़ों से जुड़ी कोई बीमारी है तो आपको लंबे समय तक बाहर वर्कआउट नहीं करना चाहिए। इसी के साथ बुजुर्गों व नवजात शिशुओं को भी ज्यादा समय तक बाहर नहीं रहने की सलाह दी जाती है।
201 से 300 AQI – ख़राब
जैसे ही किसी भूभाग का वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से ऊपर चला जाता है तो वह हवा ख़राब श्रेणी में आने लग जाती है। इसे अंग्रेज़ी में Poor नाम से बताया जाता है और इस हवा को दिखाने के लिए ऑरेंज अर्थात संतरी रंग का इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह की हवा किसी भी नागरिक के स्वास्थ्य को प्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचा रही होती है।
- PM 10 का स्तर – 251-350
- PM 2.5 का स्तर – 91-120
- NO2 का स्तर – 181-280
- O3 का स्तर – 169-208
- CO का स्तर – 10-17
- SO2 का स्तर – 381-800
- NH3 का स्तर – 801-1200
- Pb का स्तर – 2.1-3.0
चेतावनी- अब यदि आपके क्षेत्र का AQI स्तर 201 से 300 के बीच में पहुँच चुका है तो इसका अर्थ हुआ जो लोग अस्थमा या फेफड़ों के मरीज है वे तो 2 घंटे से ज्यादा बाहर ना ही रहे। साथ ही जो लोग स्वस्थ भी है, उन्हें भी हैवी वर्कआउट या लंबे समय तक वर्कआउट ना करने की चेतावनी जारी कर दी जाती है। साथ ही बुजुर्गों, बच्चों व रोगियों को मास्क लगाकर रखने की सलाह दी जाती है।
301 से 400 AQI – बहुत ख़राब
जैसे ही किसी भी जगह का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 को पार कर जाता है तो वहां की हवा को बहुत ख़राब की श्रेणी में डाल दिया जाता है ताकि उसी के अनुसार ही दिशा निर्देश जारी हो सके। इसमें हवा को अंग्रेजी के Severe शब्द से कह कर संबोधित किया जाता है जिसे बहुत बुरा या अत्यधिक ख़राब कहा जाता है। हवा का वायु गुणवत्ता सूचकांक बताने के लिए लाल रंग का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें उस भूभाग के सभी नागरिकों के लिए चेतावनी जारी कर दी जाती है।
- PM 10 का स्तर – 351-430
- PM 2.5 का स्तर – 121-250
- NO2 का स्तर – 281-400
- O3 का स्तर – 209-748
- CO का स्तर – 17-34
- SO2 का स्तर – 801-1600
- NH3 का स्तर – 1200-1800
- Pb का स्तर – 3.1-3.5
चेतावनी- अब यदि आपके यहाँ की हवा का AQI 301 से 400 के बीच में पहुँच चुका है तो इसका मतलब हुआ जो कोई भी अपने घर से बाहर निकले, वह मास्क का आवश्यक तौर पर इस्तेमाल करे। इसी के साथ जो बुजुर्ग, बच्चे व रोगी है, खासतौर पर सांस की बीमारी के रोगी, वे बिल्कुल भी बाहर ना निकले। इसमें आपको सांस लेने में परेशानी हो सकती है और आँखों में भी जलन हो सकती है। सरकार के द्वारा भी स्वास्थ्य सेवाओं को अलर्ट मोड पर रखा जाता है।
401 से 500 AQI – गंभीर
यह एक बहुत ही ज्यादा बुरी स्थिति मानी जाती है जो नागरिकों के शुद्ध हवा के अधिकारों का खुले तौर पर उल्लंघन होता है। जैसे ही किसी भूभाग का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 को पार कर जाता है तो वह बहुत ही ज्यादा ख़राब जिसे गंभीर कहा जाता है, उस श्रेणी में पहुंच जाती है। इसे अंग्रेजी में Hazardous कहा जाता है जिसे मैरून रंग या गहरे लाल रंग में दिखाया जाता है। यह नागरिकों के लिए बहुत ही दयनीय स्थिति हो जाती है।
- PM 10 का स्तर – 430+
- PM 2.5 का स्तर – 250+
- NO2 का स्तर – 400+
- O3 का स्तर – 748+
- CO का स्तर – 34+
- SO2 का स्तर – 1600+
- NH3 का स्तर – 1800+
- Pb का स्तर – 3.5+
चेतावनी- यदि आपके यहाँ का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 को पार कर चुका है तो इसका मतलब होता है वहां आपातकालीन स्थिति आ चुकी है। राज्य सरकार व जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर रहता है, सभी डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियाँ रद्द कर दी जाती है। एम्बुलेंस को तैयार रहने को कहा जाता है। सभी नागरिकों को घर से बाहर ना निकालने और घर पर भी मास्क लगाकर रखने को कहा जाता है। घर की खिड़कियाँ व दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं तथा निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी जाती है।
भारत में एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर (AQI of India In Hindi)
अब यदि हम भारत देश की बात करे तो यहाँ पर अलग अलग शहरों और राज्य के अनुसार AQI का अलग अलग स्तर देखने को मिलता है। साथ ही यह महीनो के अनुसार भी अलग अलग होता है। हालाँकि ज्यादातर भारतीय शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स पूरे वर्ष में 50 से लेकर 200 के बीच में रहता है। दक्षिण भारत के राज्यों का वायु गुणवत्ता सूचकांक मुख्य तौर पर अच्छा रहता है जबकि उत्तर भारत में इसकी स्थति ख़राब रहती है। वही यदि हम पहाड़ों पर जाएंगे या फिर समुंद्र के पास वाले इलाको में तो वहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत अच्छा रहता है।
इनके अलावा हवा की ख़राब गुणवत्ता के कारण देश की राजधानी व उसके आसपास का क्षेत्र हमेशा ही न्यूज़ में बना रहता है। खासतौर पर अक्टूबर व नवंबर के महीने में। आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन आज हम आपको बता दे कि ऊपर जो आपने पढ़ा, जिसमे हवा का स्तर 401 से ऊपर जाते ही वह गंभीर श्रेणी में पहुँच जाता है तो वही दिल्ली व उसके आसपास के इलाको में यह एयर क्वालिटी इंडेक्स अक्टूबर सितंबर के महीने में एक हज़ार या उसके पार भी पहुँच जाता है। यह एक बहुत ही ज्यादा खतरनाक स्थिति होती है।
ऐसी स्थिति में मनुष्य लगातार हर सांस के साथ जहर ले रहा होता है जिसे वह रोक भी नहीं सकता है। यह देश के लिए अत्यंत ही दयनीय स्थिति होती है जिस पर कोई भी सरकार गंभीर नहीं है। वही समान्य तौर पर दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स अन्य महीनो में भी ख़राब श्रेणी में ही रहता है। इसी कारण दिल्ली में इतनी मौते होती है और लोगों को कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियाँ हो जाती है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या है – Related FAQs
प्रश्न: Aqi लेवल कितना होना चाहिए?
उत्तर: Aqi लेवल 0 से 100 के बीच में होना चाहिए।
प्रश्न: Aqi का मतलब क्या होता है?
उत्तर: Aqi का मतलब होता है एयर क्वालिटी इंडेक्स जो वायु की शुद्धता को मापने का अंक होता है।
प्रश्न: एयर इंडेक्स कैसे पता करें?
उत्तर: एयर इंडेक्स को पता करने की कई वेबसाइट व ऐप है जहाँ से आप एयर क्वालिटी इंडेक्स आसानी से पता कर सकते हैं।
प्रश्न: एयर क्वालिटी इंडेक्स कौन जारी करता है?
उत्तर: एयर क्वालिटी इंडेक्स भारतीय पर्यावरण मंत्रालय जारी करता है।
तो इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या होता है और इसको मापने के लिए क्या इस्तेमाल में लाया जाता है। तो हम आपसे यह विनती करना चाहते हैं कि आप अपने स्तर पर पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाए और उसके सरंक्षण के लिए कार्य करे ताकि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को एक बेहतर भविष्य दे सके।