एआईएस एप क्या है? इससे इनकम टैक्स रिटर्न भरना कैसे आसान होगा? (What is AIS app? How it will make filing income tax return easy?)
हमारे देश में लोग इनकम टैक्स बचाने के सौ तरीके ढूंढते हैं। अधिकांश लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने को आमतौर पर एक उलझाने वाली प्रक्रिया मानते हैं। यद्यपि सरकार द्वारा इसकी प्रक्रिया को आसान करने के लिए कई सुधार किए गए हैं। इनकम टैक्स विभाग द्वारा आयकरदाताओं को और सहूलियत देने के लिए उसके द्वारा एआईएस की शुरुआत करने के बाद अब इसी नाम से एआईएस एप लाया गया है। आज इस पोस्ट में हम आपको आपको विस्तार से जानकारी देंगे। आपको इस पोस्ट को शुरू से अंत तक ध्यान से पढ़ना होगा। आइए, शुरू करते हैं –
एआईएस क्या होता है? (What is AIS?)
मित्रों, इससे पूर्व कि हम आगे बढ़े सबसे पहले एआईएस (AIS) की फुल फॉर्म (full form) के बारे में जान लेते हैं। साथियों, इसकी फुल फॉर्म एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (annual information statement) होती है। इसे हिंदी में सालाना या वार्षिक सूचना रिपोर्ट भी कहा जाता है। सामान्य तौर पर इस रिपोर्ट में एक आयकर दाता के वित्तीय वर्ष (financial year) के दौरान हुए वित्तीय लेन-देन (transactions) का पूरा ब्योरा (details) रहता है। इससे साफ है कि यह रिपोर्ट किसी भी आयकरदाता को रिटर्न दाखिल करते समय बेहद काम आती है।
एआईएस की शुरुआत कब हुई? (When did AIS start?)
दोस्तों, आपको बता दें कि इनकम टैक्स से जुड़े मामले को आसान करने के लिए आयकर विभाग (income tax department) की ओर से एआईएस (AIS) की शुरुआत की गई थी। इससे पूर्व आयकरदाताओं द्वारा किए गए रीती लेन-देन की जानकारी रखने के लिए उसके पास केवल फॉर्म-26s का ही सहारा था। एआईएस के आने के बाद से विभाग का काम बेहद आसान हो गया है।
एआईएस एप क्या है? (What is AIS app)
मित्रों, यह तो आप जानते ही हैं कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट करदाताओं की सुविधाओं के लिए अनेक प्रकार के कदम उठाता है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल की प्रक्रिया को सरल करने के लिए उसने प्रयास किया है। इसी दिशा में एक और कदम उठाते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने करदाताओं की सुविधा के मद्देनजर एक नया मोबाइल एप लांच किया है। इस मोबाइल ऐप को एआईएस एप का नाम दिया गया है।
इस एप में इनकम टैक्स पेयर्स द्वारा साल भर किए गए प्रत्येक लेन-देन की जानकारी उपलब्ध रहेगी। इसकी सहायता से उसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना आसान होगा। एआईएस के जरिए वह इनकम टैक्स पर रिटर्न दाखिल करते वक्त किसी भी प्रकार की चूक से बच सकता है। क्योंकि उन्हें किसी प्रकार के आकलन के फेर में नहीं पड़ना होगा। उनके पास उनके द्वारा पिछले वित्तीय वर्षों में किए गए सभी वित्तीय लेन-देन आदि का ब्योरा सामने उपलब्ध होगा।
एआईएस एप पर आयकरदाता के कौन-कौन से लेन-देन से संबंधित सूचनाएं रहेंगी? (Which type of transaction’s information will be there on AIS app?)
मित्रों अब आपके दिमाग में ही है सवाल उठ रहा होगा कि एआईएस एप पर किसी आयकर दाता के किस प्रकार के लेनदेन से संबंधित सूचनाएं उपलब्ध रहेंगी? तो आपको बता दें कि सामान्य रूप से इस एप पर करदाता की कुल सालाना आय, निवेश खर्च टीडीएस, टैक्स पेमेंट, बकाया व रिफंड समेत कुल 46 प्रकार के लेन-देन की सूचनाएं मिलेंगी। इस एप पर आयकरदाता के संबंध में जो जानकारियां उपलब्ध होंगी, वे इस प्रकार से हैं-
- -आयकरदाता की सालाना आय कितनी है?
- -संबंधित व्यक्ति द्वारा कितना किराया प्राप्त किया गया है?
- -आयकरदाता के पास कितना बैंक बैलेंस है?
- -संबंधित व्यक्ति द्वारा कितना कैश जमा किया गया है?
- -संबंधित व्यक्ति द्वारा कितना कैश अपने खाते से निकाला गया है?
- -आयकरदाता द्वारा अपने क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड से कितने लेनदेन किए गए हैं?
- -आयकरदाता द्वारा कितना लाभांश प्राप्त किया गया है?
- -संबंधित व्यक्ति द्वारा कितना ब्याज प्राप्त किया गया है?
- -उसके द्वारा मैचुअल फंड में कितने रुपए जमा किए गए हैं?
- -संबंधित व्यक्ति द्वारा कितने रुपए विदेश भेजे गए हैं? आदि।
एआईएस एप को कैसे डाउनलोड व इस्तेमाल करें? (How to download and use AIS app?)
मित्रों, अब हम आपको जानकारी देंगे कि आप एआईएस एप को कैसे डाउनलोड (download) कर सकते हैं? इसकी प्रक्रिया (process) इस प्रकार से है-
- सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर जाएं। यहां एआईएस फॉर टैक्सपेयर (AIS for taxpayer) टाइप करें।
- -लॉग-इन (log-in) करने के बाद अपना पैन कार्ड नंबर (PAN Card number) व जन्मतिथि (date of birth) दर्ज करें।
- -अब आपको पैन से जुड़ा मोबाइल नंबर (mobile number) एवं ईमेल एड्रेस (email address) डालना होगा।
- -इसके पश्चात आपके मोबाइल फोन एवं ईमेल पर एक ओटीपी (OTP) आएगा।
- -इन ओटीपी को दिए गए बॉक्स (box) में दर्ज करें एवं मोबाइल सिक्योरिटी पिन (mobile security PIN) बनाएं। (याद रखें कि इसके बगैर एप नहीं खुलेगा)
- -पिन दर्ज करने से आप का ब्योरा खुल जाएगा।
- -इसके बाद एआईएस (AIS) पर क्लिक (click) करें।
- -आपके पिछले तीन वित्तीय वर्ष का ब्योरा आपके सामने खुल जाएगा।
- – आप इनमें से जिस साल का ब्योरा चाहते हैं, उस पर क्लिक कर दें। सारी सूचना आपके सामने होगी।
क्या इनकम टैक्स की वेबसाइट से भी एआईएस प्राप्त किया जा सकता है? (Can a person get an AIS from income tax’s website too?)
जी हां दोस्तों, आपको बता दें कि यदि आप चाहें तो इनकम टैक्स की वेबसाइट www.incometax.gov.in पर लॉगिन करके भी सालाना सूचना रिपोर्ट यानी AIS प्राप्त कर सकते हैं। इसकी प्रक्रिया इस प्रकार से है-
- Step- 1 : अपने इन्कम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल www.incometax.gov.in पर जाएं और लॉग इन (login) करें।
- Step- 2 : इसके पश्चात होम पेज के टॉप पैनल (top-panel) पर दिख रहे Services के विकल्प पर क्लिक करें।
- Step-3 : अब ड्रॉप-डाउन (drop down) मेनू से ‘वार्षिक सूचना विवरण’ पर क्लिक करें।
- Step- 4 : अब आपको एआईएस होमपेज (home page) पर रीडायरेक्ट (redirect) करने वाला एक पॉप-अप (pop-up) नजर आएगा। यहां Next के विकल्प पर क्लिक करें।
- Step-5 : redirect होने के बाद आपको होम पेज पर करदाता सूचना सारांश यानी Tax payer information summary (TIS) और वार्षिक सूचना विवरण (AIS) मिलेगा।
- Step 6 : अब आपको वित्तीय वर्ष (financial year) का चयन करना होगा। इस प्रकार एक बार डाटा (data) मिल जाने पर आप संबंधित टाइलों पर क्लिक (click) करके इसे पीडीएफ (PDF) या जेएसओएन (JSON) प्रारूपों (formats) में डाउनलोड (download) कर सकते हैं।
एआईएस में आयकरदाता के बारे में जानकारी कितने भागों में भरी जाती है? (In how many parts details of a taxpayer is recorded in an AIS?)
मित्रों, एक एआईएस में आयकर दाता के संबंध में दो भागों भाग (part)-A व भाग (part)-B में जानकारी भरी जाती है, जो कि इस प्रकार से है-
* भाग A में सामान्य जानकारी शामिल होती है, जैसे –
- नाम
- जन्म की तारीख
- पैन कार्ड
- आधार संख्या
- करदाता का संपर्क विवरण
* भाग B में निम्नलिखित जानकारी शामिल होती है-
- टीडीएस/टीसीएस
- एसएफटी
- करों का भुगतान
- रिफंड पर ब्याज
- विदेश भेजी मुद्रा
- विदेशी मुद्रा की खरीद, आदि।
एआईएस एप से सबसे बड़ा लाभ क्या है? (What is the biggest advantage of AIS app?)
दोस्तों, एआईएस एप का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हुए आयकर दाता अपने खाते की जानकारी गलत दिए जाने जैसी किसी भी प्रकार की चूक से बच सकता है। आपको बता दें कि हाल ही में आयकर विभाग द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि कि साल 2019- 20 के दौरान करीब 68 हजार मामले ऐसे मिले, जहां आयकरदाता द्वारा दाखिल किए गए इनकम टैक्स रिटर्न और आयकर विभाग के पास मौजूद जानकारी के बीच कई प्रकार की विसंगतियां थीं।
इसके अतिरिक्त यह सरकार एवं करदाताओं दोनों को एक वित्तीय वर्ष में वित्तीय गतिविधियों के लेखे-जोखे को रिकार्ड करने एवं लेनदेन पर नज़र रखने में सक्षम बनाता है। इसके अतिरिक्त एक एआईएस वार्षिक आईटीआर फाइल करते समय महत्वपूर्ण मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें सभी जानकारी पहले से ही रखी जाती है। करदाता को ज्यादा कैलकुलेशन में दिमाग नहीं खपाना पड़ता।
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एआईएस की फुल फॉर्म क्या है?
एआईएस की फुल फॉर्म एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (annual information statement) है।
आयकर विभाग द्वारा एआईएस को कब शुरू किया गया?
आयकर विभाग द्वारा एआईएस को नवंबर, 2021 में शुरू किया गया।
एआईएस में क्या सूचना होती है?
एआईएस में आयकर दाता द्वारा किए गए प्रत्येक लेनदेन से संबंधित सूचनाएं होती हैं।
एआईएस में कितने प्रकार के लेन-देन संबंधी सूचनाएं होती हैं?
एआईएस में 46 प्रकार के लेन-देन संबंधी सूचनाएं होती हैं। जैसे -आयकरदाता की सालाना आय, प्राप्त लाभांश राशि, ब्याज राशि आदि।
एआईएस एप को कैसे डाउनलोड कर सकते हैं?
इसकी प्रक्रिया हमने आपको विस्तार से ऊपर पोस्ट में बता दी है। आप वहां से देख सकते हैं।
एआईएस एप से सबसे बड़ा लाभ क्या है?
एआईएस एप से सबसे बड़ा लाभ यह है कि इनकम टेक्स रिटर्न फाइल करते हुए आयकरदाता से किसी भी प्रकार की चूक होने की आशंका बेहद कम रह जाएगी।
दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको एआईएस एप के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। यदि इस पोस्ट को लेकर आपकी कोई सलाह अथवा सुझाव है तो उसे आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हम तक पहुंचा सकते हैं। ।।धन्यवाद।।
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