देश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए लाॅकडाउन लगाया गया था। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार छिन गए, काम धंधे ठप हो गए। ऐसा कमोबेश हर राज्य में हुआ। बड़े पैमाने पर छंटनी हो जाने की वजह से ढेरों लोगों की नौकरी चली गई। ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए कई राज्य सरकारों ने अपने अपने यहां तरह तरह की योजनाएं चलाईं। ऐसे विरल समय में राजस्थान सरकार अपने यहां के बेरोजगार युवाओं के लिए राजस्थान अपनी दुकान अपना व्यवसाय योजना लेकर आई है। आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसी योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। जैसे कि यह योजना क्या है? इसके उद्देश्य क्या हैं? इसका लाभ किसको मिलेगा आदि आदि।आइए शुरू करते हैं-
अपनी दुकान अपना व्यवसाय योजना क्या है? What is Apni Dukan Apna Vyavsay Yojana?
दोस्तों, आपको बता दें राजस्थान अपनी दुकान अपना व्यवसाय योजना के तहत राज्य के 13 शहरों में 1681 दुकानें और व्यावसायिक भूखंड बिक्री के लिए मुहैया रहेंगे। इस योजना की खास बात यह है कि योजना के तहत बेचे जाने वाली दुकानें और व्यावसायिक भूखंड विकसित कालोनियों में स्थित हैं। यानी यहां पहले से ही आबादी की बसावट है। इसका सीधा लाभ यह है कि यहां दुकान लेकर व्यवसाय शुरू करने पर व्यक्ति को पहले ही दिन आमदनी सुनिश्चित हो सकेगी।
13 शहरों के अधिक से अधिक लोग खरीदारी की प्रक्रिया मेंहिस्सा ले सकें, इसके लिए भूखंडों और दुकानों की कीमत को बाजार मूल्य से काफी कम रखा गया है। इन दुकानों और भूखंडों की शुरूआती कीमत केवल 2.88 लाख रूपये ही निर्धारित की गई है।
अपनी दुकान अपना व्यवसाय योजना का उद्देश्य क्या है? Purpose of Apni Dukan Apna Vyavsay Scheme
मित्रों, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, राजस्थान अपनी दुकान अपना व्यवसाय योजना स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए लाई गई है। इस योजना के संचालन का जिम्मा राजस्थान आवासन मंडल यानी राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के पास है। हाउसिंग बोर्ड इससे पहले गृह संबंधी कई योजनाओं का संचालन कर रहा है। इनमें लोगों को रियायती दरों पर घर उपलब्ध कराए जाने की योजनाएं भी शामिल हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से की शुरूआत –
अपनी दुकान अपना व्यवसाय योजना का शुभारंभ राजस्थान के मुख्यममंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर किया। इसके लिए उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग का तरीका अपनाया। दोस्तों, आपको लगे हाथ यह भी बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 28 सितंबर, 2020 को यूडीएच की कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उसी के दौरान इस अपनी दुकान अपना व्यवसाय योजना का भी सीएम ने शुभारंभ किया।
राजस्थान अपनी दुकान अपना व्यवसाय योजना ऑनलाइन आवेदन कैसे करें? Registration Process Of Apni Dukan Apna Vyavsay Scheme
अपनी दुकान अपना व्यवसाय योजना का शुभारंभ बेशक मुख्यमंत्री ने कर दिया है, लेकिन योजना को विधिवत राश्ट्र्पिता महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर दो अक्टूबर को लांच किया जाएगा। यानी कि दो अक्टूबर से योजना के लिए आवेदन किया जा सकेगा। खुद श्री अशोक गहलोत ने योजना का शुभारंभ करते हुए इस बात को कहा कि यह योजना महात्मा गांधी के देखे स्वरोजगार के सपने को साकार करेगी।
दरअसल, आत्मनिर्भर और स्वनिर्भर भारत की कल्पना महात्मा गांधी ने ही की थी। इस दौरान अलबत्ता मुख्यमंत्री ने विपक्षियों और उनकी आवासीय योजनाओं को भी निशाने पर रखा। वह बोले कि पता नहीं वह कौन लोग थे, जिन्होंने बिना जरूरत के 20 हजार मकान बनाकर खड़े कर दिए। अब देखो मंडल कहां से कहां आ गया।
इन 13 शहरों के लिए शुरू की गई है राजस्थान अपनी दुकान अपना व्यवसाय योजना –
राजस्थान के जिन 13 शहरों के लिए राज्य सरकार ने अपनी दुकान अपना व्यवसाय योजना शुरू की है, उन शहरों में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर, अलवर, जैसलमेर, पाली, भिवाड़ी, दौसा, धौलपुर, चित्तौड़गढ़ और बांसवाड़ा शामिल हैं। यह सभी शहर राजस्थान राज्य के प्रमुख शहर हैं। राजस्थान की आर्थिकी में भी इन शहरों का सर्वाधिक योगदान है। हाउसिंग बोर्ड का मानना है कि इन शहरों में इस योजना को अभूतपूर्व रिस्पांस हासिल होगा। नीलामी प्रक्रिया में लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे।
ईएमडी के रूप में बोर्ड को एक बड़ी धनराशि बतौर आय प्राप्त होगी। जिस तरह बोर्ड ने इस योजना का प्रचार किया है, वह भी युवाओं के दिलों में योजना के जरिये बेहतर भविष्य हासिल करने की उम्मीद भरने के लिए काफी है। सरकार भी कोविड के इस कठिन समय में अपनी दुकान और व्यवसाय की किफायती सुविधा देकर युवाओं की मदद करने के काम से पीछे नहीं हटना चाहती।
भूखंडों की बिक्री के लिए यह रहेगी रणनीति –
राजस्थान आवासन मंडल के आयुक्त पवन अरोड़ा ने योजना के शुभारंभ के वक्त भूखंडों की बिक्री के लिए अपनाई जाने वाली रणनीति का भी खुलासा किया। उनके मुताबिक भूखंड किफायती दरों पर उपलब्ध होंगे। राजस्थान अपनी दुकान अपना व्यवसाय योजना के अंतर्गत 27 वर्गमीटर तक की दुकानों और भूखंडों का निस्तारण ई बिड सबमिशन से, जबकि 27 वर्गमीटर से बड़े भूखंडों और दुकानों का आवंटन ई-नीलामी के जरिये किया जाएगा।
दोस्तों, आपको लगे हाथों यह भी बता दें कि जिन दुकानों, भूखंडों की बिक्री होनी है, उनमें 27 वर्ग मीटर तक के 1544 भूखंड और दुकानें, जबकि 27 वर्गमीटर से अधिक के 137 भूखंड और दुकानें शामिल हैं।
जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि यह दुकानें और भूखंड शहर की प्राइम लोकेशन पर स्थित हैं। 27 वर्गमीटर तक की दुकानों की संख्या 284, जबकि भूखंडों की संख्या 1280 निर्धारित की गई है, वहीं 27 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाली 19 दुकानें और 118 भूखंड बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे। दोस्तों, राजस्थान आवासन मंडल की ओर से यह भी स्पश्ट किया गया है कि नीलामी के दौरान दुकानों और भूखंडों की संख्या में परिवर्तन किया जा सकता है यानी कि उन्हें घटाया और बढ़ाया जा सकता है।
राजस्थान हाउसिंग बोर्ड ने भुगतान राशि में छूट का आफर दिया है
राजस्थान आवासन मंडल यानी राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की ओर से नीलामी में हिस्सा लेने के लिए भुगतान राशि में भी छूट दी जा रही है। ई बिड सबमिशन और ई आक्शन दोनों ही स्थितियों में अब अमानत राशि यानी ईएमडी बिड मूल्य के पांच प्रतिशत के स्थान पर दो प्रतिशत ली जाएगी। सफल बिड राशि की 15 फीसदी राशि तीन दिनों में जमा करानी होगी, जिसमें दो प्रतिशत ईएमडी को समायोजित कर लिया जाएगा। संपूर्ण नीलामी राशि मांग पत्र जारी होने के 15 दिन में जमा कराने पर नीलामी मूल्य में दो प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
साथियों, यदि आप भी नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने के इच्छुक हैं और अधिक जानकारी चाहते हैं तो इसके लिए राजस्थान आवासन मंडल की वेबसाइट www.urban.rajasthan.gov.in/rhb को विजिट किया जा सकता है। इसमें अपनी दुकान अपना व्यवसाय के साथ ही सरकार की अन्य योजनाओं मसलन व्यावसायिक और आवासीय योजनाओं की जानकारी भी मुहैया कराई गई है। नीलामी प्रक्रिया, इसके समय आदि समेत अन्य सभी बिंदुओं के बारे में विस्तार से बताया गया है।
राजस्थान में बड़े पैमाने पर अन्य स्थानों से लौटे थे युवा
राजस्थान में ढेरों ऐसे युवा थे, जो बहुत पढ़े लिखे नहीं थे। महाराष्ट्र, गुजरात जैसे अन्य स्थानों की ओर से रोजगार की तलाश में गए थे और रच बस गए थे। ऐसे युवा कोरोना काल के चलते लाकडाउन होने पर अपने घरों की ओर लौट आए। या तो इनका काम ठप हो गया, या फिर उद्योग-धंधों पर मार पड़ने से इनका रोजगार छिन गया। अब इनके सामने दुकान, व्यवसाय का संकट है। वह अपना रोजगार फिर से जमाने की इच्छा रखते हैं। वह खास तौर पर राज्य सरकार की इस योजना से बेहद आशान्वित हैं। वह मानते हैं कि इस योजना के जरिये उन्हें अपना रोजगार खड़ा करने का एक बेहतर अवसर प्राप्त होगा। वह इस योजना के तहत आवेदन करने को कमर कसे हुए हैं।
ऐसे युवाओं के परिजन भी यह देखकर बेहद खुश हैं कि उन्हें कम से कम उनके रोजगार का एक जरिया तो मिल ही जाएगा। और उनकी जिंदगी फिर से सुचारू रूप से पटरी पर दौड़ने लगेगी। सरकार की ओर से इस योजना का अच्छा प्रचार, प्रसार भी किया गया है। बिंदुवार जानकारी योजना पुस्तिका में भी उपलब्ध है, जिसमें राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।
कोरोना को देखते हुए सरकार ने आवासीय योजनाएं भी शुरू की हैं
दोस्तों, आपको लगे हाथों यह भी बता दें कि राजस्थान की सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्थानीय लोगों के लिए न केवल दुकान, बल्कि आवासीय योजनाएं भी निकाली हैं, जिनके लिए आवेदन शुरू हो चुके हैं। यह भी बाजार मूल्य से कम मूल्य पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इनमें एक वाटिका योजना सांगानेर में शुरू की गई है, जबकि एक महला, अजमेर रोड पर। इन योजनाओं के लिए इस वक्त रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया चल रही है। इन इस आवासीय योजनाओं की ओर भी खरीदारों का रूझान देखने को मिल रहा है।
इन योजनाओं का लाभ कोई भी उठा सकता है। वेबसाइट पर ही कोरोना से बचने के लिए टिप्स भी दिए जा रहे हैं। मास्क के बगैर प्रवेश नहीं स्लोगन के जरिये इस महामारी से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल अवश्य करने का संदेश दिया जा रहा है। सरकार की ओर से राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की वेबसाइट पर सारी जानकारी आंनलाइन पुस्तिका के जरिए उपलब्ध कराई गई है, जिसमें इन योजनाओं के संबंध में सारी जानकारी दी गई है। रजिस्ट्रेशन कराने के इच्छुक पुस्तिका डाउनलोड कर योजनाओं से जुड़ी जानकारी विस्तार से हासिल कर सकते हैं।
कोरोना के मद्देनजर अन्य राज्यों में भी सरकारें लाई हैं स्व रोजगार योजनाएं
दोस्तों, आपको बता दें कि कोरोना के मद्देनजर अन्य राज्य सरकारें भी स्वरोजगार योजनाएं लाई हैं। इन स्वरोजगार योजनाओं का लाभ उन युवाओं को हुआ है जो अपने रोजगार के लिए प्रवास में जाकर बस गए थे और कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान उन्हें अपने राज्य में वापस लौटना पड़ा। उत्तराखंड एक ऐसा ही राज्य है, जहां पर बड़ी संख्या में प्रवासी युवा लौटे हैं और सरकार ने बड़ी संख्या में इस तरह की स्व रोजगार योजनाएं शुरू की हैं। उसने कुछ एकीकृत प्रोग्राम भी शुरू किए हैं।
जैसे कि गो पालन, मछली पालन, मुर्गी पालन, मशरूम उत्पादन, पर्यटन आदि। इन योजनाओं के तहत अलग-अलग जिलों में अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं और बड़ी संख्या में युवा इन योजनाओं की तरफ रुझान दिखा रहे हैं। उन्होंने अपने रजिस्ट्रेशन कराएं है। हालांकि इन स्वरोजगार योजनाओं के तहत यहां पर रजिस्ट्रेशन की मुख्य शर्त यह भी है कि युवा उत्तराखंड राज्य का ही नागरिक हो। बाहरी युवा यहां सरकार की ओर से चलाई गई स्वरोजगार योजनाओं का लाभ नहीं ले सकते।
दोस्तों, हमने आपको राजस्थान अपनी दुकान अपना व्यवसाय योजना ऑनलाइन आवेदन, उद्देश्य, पात्रता मापदंड की जानकारी दी। उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि आप इसी तरह की जनहित योजनाओं की जानकारी हमसे चाहते हैं तो उसके लिए नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट करके अपनी बात हम तक पहुंचा सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं और सुझावों का हमें हमेशा की तरह इंतजार है। ।।धन्यवाद।।
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