हाल ही में साहित्य एकेडमी की ओर से एकेडमी अवार्ड विजेताओं की घोषणा की गई है। साहित्य के क्षेत्र में यह एक प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है, जिसे पाने की कामना इस क्षेत्र से जुड़े हर लेखक, कवि, नाटककार, उपन्यासकार को होती है। इस बार के अवार्ड विजेताओं के नामों की घोषणा से सोशल मीडिया पर भी बधाईयों की बाढ़ है।
पुरस्कार पाने वालों के साथ ही उन्हें पढ़ने वाले भी आनंदित हैं। आज इस पोस्ट में हम आपको साहित्य एकेडमी अवार्ड के लिए आवेदन, चयन प्रक्रिया की जानकारी देंगे, ताकि आप इस प्रतिष्ठित अवार्ड के हर पहलू से अवगत हो सकें। आइए, शुरू करते हैं-
साहित्य एकेडमी क्या है, इसकी स्थापना कब हुई? (what is sahitya academy, when it was formed)
दोस्तों, इससे पहले कि साहित्य एकेडमी अवार्ड (sahitya academy award) की बात करें आइए, साहित्य एकेडमी के विषय में जान लेते हैं। मित्रों, आपको बता दें कि तत्कालीन भारत सरकार ने 1952 में नेशनल एकेडमी ऑफ लेटर्स (national academy of letters) स्थापित करने का निर्णय लिया।
सरकार ने 12 मार्च, 1954 में साहित्य एकेडमी का आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया। एकेडमी एक स्वायत्त संस्था (autonomous organization) के तौर पर काम करती है। सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट (societies registration act)-1860 के अंतर्गत इसे सात जनवरी, 1956 को एक सोसायटी के रूप में रजिस्टर किया गया। एकेडमी का मुख्यालय (head quarter) वर्तमान में नई दिल्ली की फीरोजशाह रोड पर स्थित रबिंद्र भवन में है।
इसके अतिरिक्त कोलकाता (kolkata), बंगलूरू (bengaluru), चेन्नई (chennai), मुंबई (mumbai) एवं अग्रतला (Agartala) में इसके क्षेत्रीय कार्यालय (regional offices) हैं। आज की तारीख में यह अंग्रेजी के साथ साथ 24 भारतीय भाषाओं में साहित्यिक गतिविधियों (literary activities) का संचालन करती है।
प्रत्येक 19 घंटे में साहित्य एकेडमी से एक पुस्तक का प्रकाशन होता है। यहां से अभी तक 6000 पुस्तकें निकल चुकी हैं। इनमें जर्नल (journal), मोनोग्राफ (monograph), एनसाइक्लोपीडिया (encyclopaedia), डिक्शनरी (dictionary), बिबलियोग्राफी (bibliography), लेखक कौन क्या (who’s who) एवं साहित्य का इतिहास (history of literature) आदि शामिल हैं।
साहित्य एकेडमी में वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिनमें लेखक संवाद, कवि संधि, कथा संधि, लोका, माई विंडो, मुलाकात, अस्मिता, अंतराल, अविष्कार, नारी चेतना, युवा सहिति, बाल सहिति, पूर्वोतरी एवं लिटरेरी फोरम जैसे कई आयोजन, बैठकें आदि शामिल हैं।
साहित्य एकेडमी के उद्देश्य क्या हैं? (what are the purpose of sahitya academy)
मित्रों, अब हम आपको बताएंगे कि साहित्य एकेडमी की शुरुआत के उद्देश्य क्या थे। ये इस प्रकार से हैं-
- भारतीय भाषाओं का विकास।
- उच्च साहित्यिक मानदंडों की स्थापना।
- तमाम भारतीय भाषाओं में हो रही साहित्यिक गतिविधियों का समन्वय एवं इनमें तीव्रता लाना।
- साहित्यिक गतिविधियों के जरिए भारत की सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना।
साहित्य एकेडमी अवार्ड की स्थापना कब हुई? (when sahitya academy award was formed)
दोस्तों, आपको बता दें कि साहित्य एकेडमी के औपचारिक शुभारंभ के साथ ही साहित्य एकेडमी अवार्ड की स्थापना भी आज से लगभग 67 वर्ष पूर्व सन् 1954 में हुई। ये लिटरेरी मेरिट (literary merit) की किसी भी प्रमुख भारतीय भाषा में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट किताबों को दिया जाता है। किसी भी भाषा के लेखक को साहित्य एकेडमी अवार्ड मिलना एक बेहद प्रतिष्ठा का विषय माना जाता है।
पहला साहित्य एकेडमी अवार्ड कब दिया गया, इनाम राशि कितनी है? (when first sahitya academy award given? What was the amount)
आपको बता दें कि पहला अवार्ड सन् 1955 में दिया गया। यह अवार्ड माखन लाल चतुर्वेदी को दिया गया। उस वक्त अवार्ड राशि 5,000 रूपये थी। इसे सन् 1983 में बढ़ाकर 10,000 किया गया।
इसके पांच ही साल बाद सन् 1988 में इनाम राशि 25,000 कर दी गई। 2001 में इसे बढ़ाकर 40,000 रूपये किया गया। 2003 में इनाम राशि 50,000 कर दी गई। एवं आज की तारीख में एक लाख रूपये की राशि बतौर इनाम दी जाती है।
साहित्य एकेडमी अवार्ड इन श्रेणियों व भाषाओं में मिलता है? (sahitya academy award is given in these categories)
दोस्तों, अब आपको बताते हैं कि साहित्य एकेडमी अवार्ड किन किन श्रेणियों में दिया जाता है। ये श्रेणियां हैं- कविता, लघुकथा, उपन्यास, जीवनी, आत्मकथा, नाटक, आलोचना एवं महाकाव्य कविता। इसके साथ ही ये अवार्ड अंग्रेजी समेत 24 भारतीय भाषाओं में दिए जाते हैं।
साहित्य एकेडमी पुरस्कार के तौर पर क्या मिलता है?
दोस्तों, यदि यह सवाल आपके दिमाग में भी चल रहा है कि साहित्य एकेडमी पुरस्कार के रूप लेखक/उपन्यासकार/कवि को क्या मिलता है तो हम आपको बताते हैं। साहित्य एकेडमी अवार्ड के रूप में एक प्रशस्ति ताम्रपत्र, एक शाॅल एवं एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
साहित्य एकेडमी अवार्ड के लिए आवेदन कैसे करें (how to apply for sahitya academy award)
दोस्तों, जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि यह एक बेहद प्रतिष्ठित अवार्ड है, ऐसे में इसके लिए लेखक की ओर से आवेदन का प्रावधान नहीं किया गया है। साहित्य एकेडमी अवार्ड के लिए निर्धारित किए गए नियमों में यह स्पष्ट किया गया है कि लेखक एवं प्रकाशक स्वयं अपनी पुस्तकें जमा नहीं कर सकते।
साहित्य एकेडमी अवार्ड प्रदान करने के लिए एकेडमी के नियम (sahitya academy’s rules to give academy award)
दोस्तों, एक प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था होने के नाते साहित्य एकेडमी अवार्ड प्रदान करने के लिए एकेडमी की ओर से कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। जाहिर सी बात है कि अवार्ड पाने के लिए विजेता को इन नियमों की कसौटी पर खरा उतरना बेहद आवश्यक है। ये नियम इस प्रकार से हैं-
- लेखक का भारतीय होना आवश्यक है।
- पुरस्कार एक संबंधित लेखक को वर्ष के ठीक पहले के पांच वर्षों में एकेडमी से मान्यता प्राप्त भाषाओं में से किसी भी भाषा में प्रकाशित सर्वाेत्कृष्ट साहित्यिक कृति के लिए प्रति वर्ष दिया जाता है।
- पुस्तक सृजनात्मक अथवा समालोचनात्मक हो सकती है।
- पुरस्कार पर केवल तभी विचार होगा, जब अंतिम निर्णय (final selection) प्रक्रिया में न्यूनतम तीन किताबें शामिल हों।
- यदि जूरी (jury) की राय में किसी भाषा में पुरस्कार वर्ष के पहले के तीन वर्ष में प्रकाशित कोई किताब पुरस्कार योग्य नहीं होती तो उस वर्ष उस भाषा के लिए पुरस्कार नहीं दिया जाता।
- जहां दो अथवा अधिक किताबें समान योग्यता की होंगी, वहां पुरस्कार निर्धारण के वक्त लेखकों के कुल साहित्यिक योगदान एवं संबद्ध भाषा में उनकी प्रतिष्ठा को ध्यान में रखा जाएगा।
- पुरस्कार के विचारार्थ किताब किसी की अनूदित कृति अथवा संकलन, टीका, किसी विश्वविद्यालय अथवा परीक्षा की तैयारी के लिए की गई रिसर्च न हो।
- न ही किताब ऐसे लेखक की हो, जिसे एकेडमी से पहले भी पुरस्कार मिल चुका हो (बाल साहित्य एवं युवा पुरस्कार के अतिरिक्त)।
- भाषा सम्मान कार्यकर्ता अथवा साहित्य एकेडमी के महतर सदस्य अथवा ऐसे लेखक की रचना, जो एकेडमी के एक्जीक्यूटिव बोर्ड (executive board) का सदस्य है, भी पुरस्कार के योग्य नहीं होगी।
- पहले से प्रकाशित किताबों में शामिल रचनाओं से तैयार नए संग्रह (collection) अथवा उनके संशोधित संस्करणों को भी पुरस्कार पर विचार नहीं होगा।
- किसी भी अपूर्ण रचना को विचार के लिए भेजा जा सकता है, यदि पुस्तक में शामिल भाग अपने आप में पूर्ण हो।
- लेखक की मृत्यु के पश्चात प्रकाशित रचना को पुरस्कार के लिए तभी विचार होगा, यदि लेखक की मृत्यु पुरस्कार के निर्धारित पांच वर्ष के भीतर अथवा उसके पश्चात हुई हो।
- ऐसी किताब, जिसे पुरस्कार दिलाने के लिए समर्थन जुटाया गया है, उसे भी पुरस्कार के अयोग्य माना जाएगा।
- लेखक एवं प्रकाशक सीधे पुस्तकें जमा नहीं कर सकेंगे।
साहित्य एकेडमी अवार्ड के लिए किताबों के चयन की प्रक्रिया क्या है? (what is the book selection process for sahitya academy award)
दोस्तों, साहित्य एकेडमी के सालाना अवार्ड के लिए प्रक्रिया पूरे 12 महीने चलती है। इस प्रतिष्ठित अवार्ड के लिए किताबों के चयन की साहित्य एकेडमी ने एक प्रक्रिया निर्धारित की है। आइए, अब आपको बता दें कि यह क्या प्रक्रिया है-
- साहित्य एकेडमी हर साल मान्यता प्राप्त भाषा की विचारणीय किताबों की एक बेस लिस्ट तैयार करेगी। इसे तैयार करने का जिम्मा वह दो विशेषज्ञों को सौंप सकती है।
- भाषा परामर्श मंडल (language consultation board) का हर सदस्य अधिक से अधिक पांच नामों का एक पैनल (panel) भेज सकता है। एकेडमी के अध्यक्ष के पास इन पैनल में से विशेषज्ञों के चयन का अधिकार होगा।
- बेस लिस्ट तैयार करते वक्त विशेषज्ञ साहित्य एकेडमी अवार्ड के लिए निर्धारित नियमों का कड़ाई से पालन करेंगे।
- वे लिस्ट को संबद्ध भाषा परामर्श मंडल के सदस्यों को निर्धारित तिथि तक दो पुस्तकें अनुमोदित करके भेजने का अनुरोध करेंगे।
- प्रत्येक सदस्य को बेस लिस्ट से दोनों पुस्तकें, अथवा एक किताब लिस्ट एवं दूसरी अपनी रुचि की, अथवा दोनों पुस्तकें अपनी रुचि की चुनने का अधिकार होगा।
- इसके पश्चात 10 जजों के एक प्रारंभिक पैनल, जिनका चयन अध्यक्ष करता है, वे भाषा परामर्श मंडल के सदस्यों से प्राप्त संस्तुतियों को एकत्र कर प्रत्येक जज को भेजेंगे।
- अब प्रत्येक जज दो पुस्तकें अनुमोदित करेगा। यहां जज अपने विवेक से किताबों का चयन कर सकते हैं।
- इन जजों की संस्तुति पर अध्यक्ष द्वारा चुनी गई एक तीन सदस्यीय जूरी विचार करेगी।
- प्रारंभिक पैनल के जज अनुशंसित किताबें खरीदकर जूरी के सदस्यों एवं संयोजक को भेजेंगे। बता दें कि संयोजक ही जूरी एवं एकेडमी के बीच संपर्क सूत्र होंगे।
- जूरी के सदस्य सर्व सम्मति से अथवा बहुमत से पुरस्कार के लिए एक किताब को रिकमेंड करेंगे। वे यह भी रिकमेंड कर सकते हैं कि इस वर्ष कोई भी पुस्तक पुरस्कार योग्य नहीं।
- भौतिक रूप से उपस्थिति संभव न होने पर कोई सदस्य टेलीफोन से भी अपना विचार रख सकता है।
- जूरी की रिकमेंडेशन को सूचना एवं औपचारिक घोषणा के लिए एक्जीक्यूटिव बोर्ड के सामने रखा जाता है। इसके पश्चात साहित्य एकेडमी अवार्ड के लिए चुनी गई किताबों की सूची घोषित कर दी जाती है।
- एक्जीक्यूटिव बोर्ड की ही ओर से पुरस्कार समारोह की तिथि एवं स्थान तय किया जाता है।
- यदि पुरस्कार से पूर्व किसी विजेता की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में वह पुरस्कार उसके पति पत्नी अथवा किसी कानूनी उत्तराधिकारी को दे दिया जाता है।
साहित्य एकेडमी के 2021 के विजेता कौन कौन हैं? (what are the winners of 2021 sahitya academy)
1. कविता के लिए- मदाई गहाई (बोडो), संजीव वेरेंकर (कोंकणी), हृषिकेश मलिक (उड़िया), मीतेश निर्मोही (राजस्थानी), विंदेश्वरी प्रसाद मिश्र ‘विनय’ (संस्कृत), अर्जुन चावला (सिंधी), गोराती वेंकन्ना (तेलुगु)।
2. लघुकथा के लिए- राज राही (डोगरी), किरण गुरव (मराठी), खालिद हुसैन (पंजाबी), निरंजन हंसदा (संथाली), अंबाई (तमिल)।
3. उपन्यास के लिए- अनुराधा शर्मा पुजारी (असमिया), नम्रता गोखले (अंग्रेजी)।
4. जीवनी के लिए- डीएस नागभूषण (कन्नड़)।
5. आत्मकथा के लिए- जाॅर्ज ओणाक्कुर (मलयालम)।
6. नाटक के लिए- भृत्य बसु (बंगाली), दया प्रकाश सिन्हा (हिंदी)।
7. आलोचना के लिए- वली मोहम्मद, असीर किश्तवाड़ी (कश्मीरी)।
8. महाकाव्य कविता के लिए-छबिलाल उपाध्याय (नेपाली)।
दोस्तों, आपको बता दें कि 2021 में इन अवार्डों की घोषणा अभी 20 भारतीय भाषाओं में दिए जाने के लिए हुई है। इस बार के अवार्डों पर साहित्य एकेडमी के एक्जीक्यूटिव बोर्ड की डाॅ चंद्रशेखर कंबा की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुहर लगी।
इसमें 31 दिसंबर, 2015 से लेकर 31 दिसंबर 2019 के बीच प्रकाशित पुस्तकों पर तीन सदस्यीय ज्यूरी की अनुशंसा पर यह पुरस्कार दिए गए। आपको यह जानकारी भी दे दें कि जैसा कि यह अवार्ड 24 भाषाओं में दिए जाते हैं। चार भाषाओं यानी गुजराती, मणिपुरी, मैथिली एवं उर्दू भाषा के पुरस्कारों की घोषणा अभी नहीं की गई है।
साहित्य एकेडमी प्रशस्ति पटि्टका का बदलता स्वरूप
दोस्तों, यह एक रोचक जानकारी है। आपको बता दें कि साहित्य एकेडमी प्रशस्ति पटि्टका का स्वरूप निरंतर बदलता रहा है। विजेताओं को शुरूआत में मार्बल (marble) से बनी पट्टिका प्रदान की जाती थी। लेकिन इसका वजन अधिक होने की वजह से इसमें बदलाव किया गया।
इसका डिजाइन मशहूर भारतीय फिल्म निर्माता सत्यजीत रे (Satyajit Ray) ने तैयार किया। आपको यह भी बता दें कि 1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध (Indo-Pak war) के दौरान पट्टिका को नेशनल सेविंग्स बांड (national savings bonds) से प्रतिस्थापित किया गया था।
कई विद्वानों ने साहित्य एकेडमी पुरस्कार लौटाए भी
इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों से जुड़ी यह महत्वपूर्ण जानकारी भी आपको दे दें। आपको बता दें कि कई विद्वानों ने साहित्य एकेडमी अवार्ड लौटाए भी हैं। 1973 में जीए कुलकर्णी ने उनके मराठी लघु कथा संकलन ‘काजल माया’ के लिए दिया अवार्ड लौटा दिया। इसकी वजह यह थी कि किताब की प्रकाशन तिथि एवं उनके पुरस्कार पाने की योग्यता पर विवाद खड़ा हो गया था।
सन् 1969 में स्वामी आनंद ने गुजराती साहित्य में योगदान के लिए दिया गया साहित्य एकेडमी अवार्ड लौटा दिया। सन् 1981 में तेलुगु लेखक वीआर नरला ने अपने नाटक ‘सीता जोयसम’ पर मिला साहित्य एकेडमी अवार्ड इसलिए लौटा दिया, क्योंकि एकेडमी के जर्नल में इस नाटक का नकारात्मक रिव्यू छप चुका था।
सन् 1982 में ही देशबंधु डोगरा ने अपने डोगरी उपन्यास ‘कैदी’ पर दिया अवार्ड यह कहते हुए लौटा दिया कि उन्हें बहुत पहले यह अवार्ड मिल जाना चाहिए था। सन् 1983 में गुजराती लेखक सुरेश जोशी ने अपनी पुस्तक ‘चिंतायामी मनसा’ पर मिला अवार्ड यह कहकर लौटा दिया कि उनके विचार में किताब इसके लायक नहीं। इसके अतिरिक्त 1990 एवं 2000 के दशक में भी कई लेखकों ने विभिन्न आधारों पर अपने साहित्य एकेडमी अवार्ड लौटाए।
साहित्य एकेडमी की ओर से युवा पुरस्कार 2021 किसको दिया गया है-
दोस्तों, आपको बता दें कि 2021 में ये पुरस्कार 22 भारतीय भाषाओं में दिए गए हैं। राजस्थानी में इस बार किसी को अवार्ड नहीं मिला है, वहीं तमिल पुरस्कारों की घोषणा बाद में की जाएगी। इन साल जिन लोगों को अवार्ड मिला है, उनमें शामिल हैं-
अभिजीत बोरा (असमिया), गौरव चक्रवती (बंगाली), गौतम दाईमारी (बोडो), अरुण आकाश देव (डोगरी), मेघा मजूमदार (अंग्रेजी), दृष्टि सोनी (गुजराती), हिमांशु वाजपेयी (हिंदी), एच लक्ष्मीनारायण स्वामी (कन्नड़), राजी ताहिर भगत (कश्मीरी), श्रद्धा गराड (कोंकणी), अमित मिश्र (मैथिली), मोबिन मोहन (मलयालम), लेनिन खुमांचा (मणिपुरी), प्रणव शाखादेव (मराठी), महेश दहल (नेपाली), देवब्रत दास (उड़िया), वीरदविंदर सिंह (पंजाबी), श्वेतापद्रमा सत्पथी (संस्कृत), राकेश शेवानी (सिंधी), टी गोपाल (तेलुगु), उमर फरहत (उर्दू)।
साहित्य एकेडमी की ओर से बाल साहित्य पुरस्कार-2021 किसे मिला है
मित्रों, आपको बता दें कि इस पुरस्कार के तहत साहित्यकारों को एक ताम्रपत्र एवं 50 हजार रुपए की राशि का चेक प्रदान किया जाता है। 2021 में गुजराती एवं पंजाबी में यह पुरस्कार नहीं दिया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त प्रत्येक भाषा के तीन जूरी सदस्यों के वोट से इस वर्ष यह पुरस्कार 22 लेखकों को दिया गया है, जिनका ब्योरा इस प्रकार से है-
1. उपन्यास के लिए- मृणाल चंद्र काल्टा (असमिया), बासु बेविनागिदा (कन्नड़), रघुनाथ पालेरी (मलयालम), संजय वाघ (मराठी), कीर्ति शर्मा (राजस्थानी), नरसिंह देव जमवाल (डोगरी), सुमेधा कामत देसाई (कोंकणी)।
2. लघुकथा के लिए- सुनिर्मल चक्रवर्ती (बंगाली), मजीद मजाजी (कश्मीरी), आशा अग्रवाल (संस्कृत), मु. मुरुगेश (तमिल)।
3. लोकगाथा के लिए- रत्नेश्वर नजारी (बोडो)।
4. जीवनी के लिए- अनिता वाच्छारगानी (अंग्रेजी)।
5. नाटक के लिए- देवेंद्र मेवाड़ी (हिंदी), निंगोंबम जादूमणि सिंह (मणिपुरी), देवराजू महाराजू (तेलुगू)।
6. कविता के लिए- अनमोल झा (मैथिली), सुदर्शन अंबाते (नेपाली), दिगराज ब्रह्रमा (उड़िया), सेवा हंसदा (संथाली), किशिन खूबचंदानी (सिंधी), कौसर सिद्दीकी (उर्दू)।
साहित्य एकेडमी से आनलाइन किताबें भी खरीद सकते हैं?
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि साहित्य एकेडमी से किताबें आनलाइन भी खरीदी जा सकती हैं। इसके लिए https://sahitya-akademi.org.in/ लिंक पर क्लिक किया जा सकता है। इसके बाद विभिन्न पुस्तकों के कैटलाॅग उनकी कीमत के साथ आपके सामने आ जाएंगे। आप यहां से मनपसंद किताबों को चुनकर उनके लिए आर्डर दे सकते हैं। निर्धारित कीमत अदा कर किताबें आपके द्वारा दिए गए पते पर पहुंचा दी जाएंगी।
साहित्य एकेडमी अवार्ड की स्थापना कब हुई?
साहित्य एकेडमी अवार्ड की स्थापना आज से लगभग 67 वर्ष पूर्व 1954 में हुई।
पहला साहित्य एकेडमी अवार्ड कब और किसे मिला?
पहला साहित्य एकेडमी अवार्ड 1955 में माखन लाल चतुर्वेदी को मिला।
साहित्य एकेडमी का मुख्यालय कहां है?
साहित्य एकेडमी का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
साहित्य एकेडमी अवार्ड की शुरूआती राशि कितनी थी?
शुरूआत में साहित्य एकेडमी अवार्ड के तौर पर पांच हजार रुपये की राशि मिलती थी।
अब साहित्य एकेडमी अवार्ड विजेता को क्या क्या दिया जाता है?
अब साहित्य एकेडमी अवार्ड विजेता को एक ताम्र पत्र, शाॅल एवं एक लाख रूपये की राशि प्रदान की जाती है।
साहित्य एकेडमी कितनी भाषाओं में एकेडमी अवार्ड देती है?
साहित्य एकेडमी यह अवार्ड अंग्रेजी समेत 24 भारतीय भाषाओं के लिए देती है।
साहित्य एकेडमी अवार्ड किन श्रेणियों में मिलता है?
साहित्य एकेडमी अवार्ड कविता, लघुकथा, उपन्यास, जीवनी, आत्मकथा, नाटक, आलोचना, महाकाव्य कविता की श्रेणियों में मिलता है।
इस बार किन भाषाओं के लिए अभी अवार्ड घोषित नहीं किया गया है?
इस बार चार भाषाओं गुजराती, मणिपुरी, मैथिली एवं उर्दू के लिए अभी अवार्ड घोषित नहीं किए गए हैं।
दोस्तों, हमने आपको साहित्य एकेडमी के लिए आवेदन, चयन प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आप ऐसे ही किसी जानकारीपरक विषय पर पोस्ट चाहते हैं तो विषय के नाम सहित हमें नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में लिख भेजें। आपकी प्रतिक्रियाएं एवं सुझाव हमारे लिए अनमोल हैं। ।।धन्यवाद।।
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I have written ‘ Parishranta ‘ a devotional book, published by Blue Rose Publisher,New Delhi in the year 2021.
My second book is ‘ Ganga Ke Kichore San’ a poetry, published by Notion Press inthe year 2022.
My third book is ‘ Shad Yatra’ a travelogue published by Notion Press in the year 2022.
बेस लिस्ट बनाने के लिए पुस्तकें कहाँँ से उपलब्ध होती है, इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी नहीं है।क्या ये पुस्तकें अकादमी को प्राप्त पुस्तकों से ही चयनित की जाती हैं अथवा अन्य स्थानों से भी उपलब्ध करवाई जाती हैं? जैसे आपने लिखा है कि जूरी के जज अपनी पसंद की पुस्तक भी सम्मिलित कर सकते हैं आदि ।
मैंने अपनी आत्मकथा- ‘संघर्ष और भाग्य’ लिखी है जो सन् 2021 में मॉडर्न लॉ पब्लिकेशन, 8 हैस्टिंगस्
रोड, प्रयागराज से प्रकाशित हुयी। इस पुस्तक को क्या हिन्दी साहित्य अकादमी के लिये विचारार्थ रखा जा सकता है, यदि हां तो कैसे ?
आदरणीय महोदय
मैं अपना गीत एवं नवगीत काव्य संग्रह ‘ चल बन्धु उस ठौर चलें ‘ साहित्य एकेडमी उत्तर प्रदेश को भेजना चाहती हूँ कृपया इसकी प्रक्रिया से अवगत कराएं।
धन्यवाद
1. Who can submit the books?
2. Is there any proforma for applying?
3. Upto which date the two books may be submitted?
कोई भी व्यक्ति जिसने अपनी खुद की पुस्तक लिखी हो सबमिट कर सकता है । सबमिट करने से पहले अपना आईएसबीएन रजिस्ट्रेशन करा लें पुस्तक सबमिट करने के अन्य रूल्स आप ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं ।
“साहित्य एकेडमी अवार्ड के लिए आवेदन Apply For Sahitya Academy Award 2022”
जूरी किताब कहाँँ से एकत्र करती है? उन स्थानों का उल्लेख जहाँँ लेखकों या रचनाकारों को अपनी किताबें भेजते रहना चाहिए ताकि जूूरी द्वारा चयन के लिए उपलब्ध पुस्तकों में वह सम्मिलित रहे। यह जानकारी उपर्युक्त सूचना में नहीं है। जूरी किताबों को कहीं से तो उपलब्ध करती होगी। अधिकतर लेखकोंं की किताबें अकादमियों की पहुँच में नहीं होतीं। राज्य अकादमियाँँ तो लेखक से सीधे पुस्तकें प्राप्त करती हैं। मूल प्रश्न यह है कि लेखक की किताब की जूरी तक पहुँच की प्रक्रिया क्या है? इस संदर्भ में कोई जानकारी होना चाहिए। ताकि योग्य और समर्थ साहित्य जूरी की दृष्टि तक पहुँच बन सके ।
क्या अहिंदी भाषिक साहित्यकारों की हिंदी साहित्य कृती केलिए कोई अलग पुरस्कार व्यवस्था है?
साहित्य अकादमी पुरुस्कार 2024 कृति सम्मान के लिए प्रविष्ठि कैसे भेजें।
यह पुरुस्कार लेखकों के लिए उत्साह वर्धक है।
एक लेखक के लिए उसके लेखन को उचाइया हासिल करना एक सपना होता है।
साहित्य अकादमी की पुस्तक चयन प्रक्रिया से ज्ञात होता है यह आम लेखकों की पहुँच से बाहर है कितना भी अच्छा लिखा हो यदि आप साहित्य अकादमी की जूरी से परिचित नहीं हैं तो आप कभी भी पुरस्कार प्रपट नहीं कर सकते जूरी उनही पुस्तकों को तो देखेगी जो उनकी पहुँच मैं होंगी जिसे मालूम है कि कौन जूरी के सदस्य हैं उन तक पहुँच करेगा हो गया काम
बहुत उपयोगी जानकारी हम लेखकों के लिए धन्यवाद।
किन्तु इस पुरस्कार हेतु आवेदन की तिथि आपने नहीं बताई
अभी 2024 के लिए क्या तिथि है
खुद अप्लाई नहीं कर सकते हैं पुस्तकें सेलेक्ट की जाती हैं । और जिन पुस्तकों को यह पुरस्कार दिया जाता है उनकी लिस्ट हर साल प्रकाशित की जाती है । जिसके पश्चात पुस्तक के लेखकों को भी इसकी सूचना दी जाती है ।
बिल्कुल सही बात है
I am maithili writer,how can I send my litrature for Sahitya Acadmi Award ?
Mai Hindi Sahityekar hoo, award ke liye apna sahitye kaise bhej skta hoo