What is Article 35A In Hindi? अनुच्छेद 35ए क्या है? सरकार ने आर्टिकल 35ए क्‍यों हटाया?

इन दिनों भारत से लेकर पाकि‍स्‍तान तक और जापान से लेकर अमेरिका तक Article 35A को लेकर हलचल मची हुई है। आखिर यह Article 35A है क्‍या? हम सभी के मन में यह सवाल देर सवेर उठता ही है। इस अनुच्‍छेद 35 ए में ऐसा क्‍या था? जिसकी वजह से सरकार इसे हटना चाहती थी। असल में भारत के हिस्‍से वाले कश्‍मीर में धारा 370 लागू थी। जिसमें Article 35A भी जुड़ा हुआ था। जिसकी वजह से जम्‍मू कश्‍मीर राज्‍य की विधानसभा को कुछ विशेष शक्तियां और अधिकार हासिल थे। जिसको लेकर देश के प्रमुख राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी लगातार कई वर्षों से सख्‍त रवैया अपनाये हुए थी।

What is Article 35A in Hindi article 35a kya hai in hindi

यही कारण था कि जब देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री चुन कर सत्‍ता में आये तो अपने पहले 3 माह के कार्यकाल में ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री श्री अमित शाह ने अनुच्‍छेद 35 ए को हटा कर पाकिस्‍तान समेत पूरी दुनिया में खलबली मचा दी।

Article 35A क्‍या है? Government ने इसे क्‍यों हटाया?

What is Article 35A in Hindi : Article 35A धारा 370 के खंड 1 में उल्‍लेखित एक बहुत महत्‍वपूर्णं व्‍यवस्‍था थी। जिसकी वजह से पूरे जम्‍मू कश्‍मीर को विशेष राज्‍य का दर्जा था। अनुच्‍छेद 35 को 14 मई, सन 1954 में भारत भारत सरकार की सहमति पर भारत के राष्‍ट्रपति की ओर से जोड़ा गया था। इस अनुच्‍छेद के कारण जम्‍मू कश्‍मीर की विधानसभा को विशेष शक्तियां हासिल हुई थीं। जम्‍मू कश्‍मीर विधानसभा को यह अधिकार प्राप्‍त था। कि वह तय कर सके कि कौन जम्‍मू कश्‍मीर राज्‍य का नागरिक होगा। तथा कश्‍मीर के स्‍थायी नागरिकों को विशेष अधिकार प्रदान करना और देश के अन्‍य नागरिकों पर जम्‍मू कश्‍मीर का नागरिक बनने से रोकना।

जम्मू कश्मीर को प्राप्त विशेष अधिकार –

अनुच्‍छेद 35 ए के चलते जम्‍मू कश्‍मीर विधानसभा यह तय कर सकती थी, कि राज्‍य का स्‍थायी नागरिक कौन होगा? और राज्‍य में किसे नौकरी दी जाएगी?

  • > ऐसे लोग जो राज्‍य के स्‍थायी नागरिक नहीं हैं। या फिर जिन्‍होंनें अपने राज्‍य की नागरिकता गवां दी है, उनकी चल व अचल संपत्ति को जब्‍त करना।
  • > जम्‍मू कश्‍मीर विधानसभा यह तय कर सकती थी, उनके राज्‍य में कौन बस सकता है और कौन नहीं।
  • > राज्‍य सरकार के द्धारा दी जाने वाली स्‍कॉलरशिप तथा अन्‍य योजनाओं का लाभ राज्‍य के स्‍थायी निवासियों के लिये सुनिश्चित किया जाना।
  • > जम्‍मू कश्‍मीर राज्‍य राज्‍य की हर व्‍यवस्‍था सिर्फ और सिर्फ राज्‍य केंद्रित थी। जिसका देश के अन्‍य नागरिकों को लाभ प्रदान नहीं किया जाता था। यदि अन्‍य लोगों को लाभ दिया जाता तो, यह जम्‍मू कश्‍मीर राज्‍य के विशेषाधिकार का हनन माना जा सकता था।
  • > जम्‍मू कश्‍मीर राज्‍य की कोई लड़की यदि देश के अन्‍य राज्‍य के व्‍यक्ति से शादी कर लेती थी, तो उसकी नागरिकता समाप्‍त हो जाती थी।
  • > इसके अतिरिक्‍त जम्‍मू कश्‍मीर में देश के अन्‍य राज्‍यों के निवासी किसी प्रकार की अचल संपत्ति नहीं खरीद सकते थे।

History of Article 35A : अनुच्‍छेद 35ए और Jammu Kashmir का इतिहास –

History of Jammu Kashmir in Hindi : सन 1947 में जब देश आज़ाद हुआ तो अंग्रेजों ने इसे 2 हिस्‍सों में बांट कर भारत और पाकिस्‍तान में विभाजित किया था। जिसके बाद देश की रियासतों को यह खुली छूट दी गयी थी, कि वह जिस देश में चाहे उस देश में विलय कर सकती थीं। और यदि वह दोनों देशों में विलय नहीं करना चा‍हती तो उन्‍हें स्‍वतंत्र देशों का दर्जा भी दिया जा सकता है। उस समय कश्‍मीर की रियासत के महाराजा हरिसिंह थे। वह न तो कश्‍मीर के पाकिस्‍तान में विलय के पक्ष में थे और न ही भारत के विलय के पक्ष में। इसके उलट वह कश्‍मीर को एक स्‍वतंत्र राष्‍ट्र बनाना चाहते थे। लेकिन पाकिस्‍तान की नजर मुस्लिम बाहुल्य कश्‍मीर पर लगी हुई थी। यही कारण था कि पाकिस्‍तान ने कबालियों को भेज कर कश्‍मीर पर आक्रमण कर दिया।

कबालियों की फौज कश्‍मीर के बड़े इलाके पर कब्‍जा करती हुई चली आ रही थी। जिससे घबरा कर महाराजा हरिसिंह ने भारत से मदत मांगी। जिसके फलस्‍वरूप भारत ने जम्‍मू कश्‍मीर के भारत में‍ विलय का प्रस्‍ताव उन्‍हें दिया। वहीं दूसरी ओर कश्‍मीर के नेता शेख अब्‍दुल्‍ला भी कश्‍मीर के भारत में विलय के पक्ष में थे। और इस मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने के लिये लगातार मुहिम चला रहे थे। महाराजा हरिसिंह पर एक तरफ पाकिस्‍तान का दबाव था तो दूसरी ओर शेख अब्‍दुल्‍ला का जो लगातार उनके लिये परेशानी खड़ी कर रहे थे।

35 A Dhara In Hindi Kya Hai –

आखिरकार महाराजा हरिसिंह ने कश्‍मीर के भारत में विलय के मसौदे पर हस्‍ताक्षर कर दिये। जिससे पूरा जम्‍मू कश्‍मीर राज्‍य भारत का अभिन्‍न अंग बन गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। Pakistan Army ने कश्‍मीर के एक बड़े भूभाग पर कब्‍जा कर लिया था़। जिसे अब पाक अधिकृत कश्‍मीर के तौर पर जाना जाता है।

भारत पाकिस्‍तान में कश्‍मीर को लेकर जंग हुई और युद्ध विराम होने पर दोनों देशों की सेनायें जिस भूभाग पर कायम थीं, वहीं थम गयीं। जिसके बाद पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर की राजधानी मुज्‍फराबाद बनाई गयी। और भारत के हिस्‍से वाले कश्‍मीर की राजधानी श्रीनगर (ग्रीष्‍मकालीन राजधानी) तथा जम्‍मू (ग्रीष्‍मकालीन राजधानी) बनाया गया।

सन 1952 में जम्‍मू कश्‍मीर के नेता शेख अब्‍दुल्‍ला तथा प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बीच एक समझौता हुआ। जिसके तहत पूरे जम्‍मू कश्‍मीर राज्‍य को एक विशेष दर्जा दिया जाना था। धारा 370 में Article 35A को भारत के राष्‍ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद की मंजूरी के बाद इसे अपना लिया गया। जिसके तहत जम्‍मू कश्‍मीर राज्‍य के नागरिकों को राज्‍य नागरिकता के साथ साथ भारतीय नागरिकता पर भी मुहर लग गयी।

धारा 370 के अनुच्‍छेद 35 ए के तहत जम्‍मू कश्‍मीर विधानसभा को यह अधिकार प्राप्‍त था, कि अनुच्‍छेद 35ए को चाहे तो अपनी सहमति देकर हटवा सकती थी। अथवा बनाये रख सकती थी। लेकिन सन 2019 में देश के गृहमंत्री ने जम्‍मू कश्‍मीर राज्‍य की विधानसभा को भंग स्थिति में रखते हुए वहां की विधानसभा की शक्तियों को देश की संसद में समाहित करते हुए। Article 35A को हटाने की सिफारिश भारत के राष्‍ट्रपति श्री रामकोविंद से की। जिसे मानते हुए राष्‍ट्रपति रामकोविंद ने अनुच्‍छेद 35ए को अपनी मुहर लगाते हुए हटा दिया।

आर्टिकल 35 ए के नुकसान –

  • (1) आर्टिकल 35 ए को महिला विरोधी माना जाता था।
  • (2) यह जम्‍मू कश्‍मीर के नागरिकों को भारत से विभाजित कर उन्‍हें देश के साथ जुड़ने में बाधा उत्‍पन्‍न कर रहा था।
  • (3) भारत में रहने वाले मुसलमानों के साथ भी कश्‍मीर के मुसलमानों के बीच रोटी बेटी के रिश्‍तों में कठिनाइयां उत्‍पन्‍न करता था।
  • (4) भारत के लोग जम्‍मू कश्‍मीर में किसी भी प्रयोजन से भूमि नहीं खरीद सकते थे।

अनुच्‍छेद 35 ए के कुछ लाभ जिन्‍हें कश्‍मीरियों के लिये उपयोगी माना जाता था –

  • (1) धारा 370 के अनुच्‍छेद 35 ए के तहत मिलने वाले विशेषाधिकारों के कारण कश्‍मीरियों को अपनी संस्‍कृति और कला को बचाये रखने में सहायता मिल रही थी।
  • (2) अपने इस विशेषाधिकार के कारण जम्‍मू कश्‍मीर में होने वाले विकास कार्यों में देश के अन्‍य राज्‍यों से काफी ऊपर था।

Article 35A हटाने के लाभ –

आर्टिकल 35 ए को अब पूरी तरह हटाया जा चुका है। आने वाले समय में इसके कुछ लाभ भी दिखाई पड़ने लगेंगें –

  • (1) जम्‍मू कश्‍मीर राज्‍य में औद्योगिक निवेश में बढ़ोत्‍तरी होगी।
  • (2) राज्‍य में Foreign Investment आने की संभावना बढ़ जाएगी।
  • (3) देशी विदेशी कंपनियों के निवेश से राज्‍य में औद्धोगिक वातावरण बनेगा।
  • (4) कश्‍मीर के लोगों को नये रोजगार का लाभ मिलेगा।
  • (5) राज्‍य अलगाव वादी नेता अब विशेषाधिकारों से वंचित हो जाएंगें।
  • (6) कश्‍मीर समस्‍या के समाधान के बाद राज्‍य में पर्यटन में बढ़ोत्‍तरी दर्ज की जाएगी।

दोस्‍तों Article 35A के बारे में हमने आपको विस्‍तार से जानकारी देने का प्रयास किया है। इसके इतिहास से लेकर इसके नफे नुकसान के बारे में आपको बताया गया है। यदि आपको हमारी यह पोस्‍ट पसंद आई और आपके लिये उपयोगी साबित हुई है, तो कृप्‍या कमेंट करके हमें जरूर अवगत करायें। साथ ही अपने दोस्तों  के साथ शेयर करें ।। धन्यवाद ।।

शिवा
शिवा
हिंदी मेरी मूल भाषा है और हिंदी लेखन में काफी रूचि है। लेखन कार्य से काफी लम्बे समय से जुड़े हैं। बच्चों क लिए कहानी लिखना ज्यादा पसंद है और काफी कहानी कई पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं।
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