कृत्रिम अंग सहायक अनुदान योजना 2024 आवेदन प्रक्रिया, अनुदान राशि, उद्देश्य, लाभ

यूपी कृत्रिम अंग सहायक अनुदान योजना 2024 आवेदन प्रक्रिया – हमारे समाज में कई प्रकार के समुदाय रहते है जिसमें हम सभी एक दूसरे के साथ प्रेम भाव और एकता के साथ जीवन व्यतीत करते हैं। समाज के इन वर्गों में कुछ उच्च और कुछ निम्न वर्ग होते हैं जिनमें समय-समय पर भेदभाव भी देखा जाता है। ऐसे ही हमारे समाज में विकलांग व्यक्तियों का भी एक समुदाय है जिन्हें कभी ना कभी भेदभाव का सामना करना पड़ता है।

ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक मुख्य योजना “यूपी कृत्रिम अंग सहायक उपकरण योजना” की शुरुआत की है जिस से विकलांग व्यक्ति भी आगे बढ़कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं। आज हम आपको विकलांग व्यक्तियों की मुख्य योजना “यूपी कृत्रिम अंग सहायक उपकरण योजना” के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाले हैं।

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यूपी कृत्रिम अंग सहायक उपकरण योजना [Prosthetic Accessories Scheme]

यह योजना मुख्य रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए बनाई गई योजना है। जिसके माध्यम से अब विकलांग व्यक्ति भी खुद के बारे में विचार विमर्श करते हुए विभिन्न प्रकार के यूपी कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण खरीद सकेंगे। साथ ही साथ इस योजना के माध्यम से रोजगार के अवसर भी प्राप्त किए जाएंगे। ताकि किसी भी विकलांग व्यक्ति को अब भेदभाव का सामना ना करना पड़े।

इस योजना के माध्यम से विकलांग व्यक्तियों के अंदर खुशी की लहर उत्पन्न हो चुकी है। इस योजना के माध्यम से शारीरिक कमी को भी दूर किया जा सकता है और निरंतर आगे बढ़ने की कोशिश भी की जा सकती है।

यूपी कृत्रिम अंग सहायक उपकरण योजना डिटेल

योजना का नामयूपी कृत्रिम अंग सहायक उपकरण योजना
लाभार्थीविकलांग नागरिक
उद्देश्यविकलांग नागरिकों को सहायक उपकरण प्रदान करना
आवेदन प्रक्रियाऑनलाइन एवं ऑफलाइन
ऑफिशल वेबसाइटhttps://uphwd.gov.in/
यूपी कृत्रिम अंग सहायक अनुदान योजना 2024 आवेदन प्रक्रिया, अनुदान राशि, उद्देश्य, लाभ

यूपी कृत्रिम अंग सहायक उपकरण योजना की मुख्य शर्ते

यदि आप में से कोई भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो हम आपको इसकी मुख्य शर्तों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो आपके लिए आवश्यक है–

  1. यह योजना मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के दिव्यांग जनों के लिए बनाई गई योजना है, जो किसी भी आयु वर्ग के अंतर्गत आते हैं।
  2. ऐसे दिव्यांगजन जिनके द्वारा किसी चिकित्सक के माध्यम से दिव्यांग और सहायक उपकरण हेतु प्रमाण पत्र दिया गया हो वही इस योजना का लाभ ले सकेंगे।
  3. ऐसे दिव्यांगजन जिनमे न्यूनतम 40% की दिव्यांगता प्रमाणित की गई हो वही इस योजना का लाभ लेने के लिए बाध्य हैं।
  4. ऐसे दिव्यांगजन जो शहरी क्षेत्रों में ₹56460 प्रति वर्ष प्रति परिवार की आय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ₹ 46080 प्रतिवर्ष प्रति परिवार की आय हो वही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

यूपी कृत्रिम अंग सहायक उपकरण योजना में दिए जाने वाले उपकरणों का विवरण

यदि आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं,तो उन्हें इन मुख्य उपकरण को प्रदान किया जाएगा।

  1. दृष्टिबाधित दिव्यांग जनों के लिए ब्लाइंड स्टिक की उपलब्धता।
  2. मानसिक रूप से विकलांग बच्चों एवं विद्यार्थियों के लिए मल्टीसेंसरी एजुकेशन डेवलपमेंट किट की उपलब्धता।
  3. दृष्टिबाधित दिव्यांगता से पीड़ित लोगों के लिए अंकगणितीय प्रेस, अबाकस एवं एजुकेशनल कीट की उपलब्धता।
  4. कुछ मुख्य उपकरण जैसे ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर, वाकिंग स्टिक, सीपी चेयर की उपलब्धता।
  5. इसके अतिरिक्त कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्तियों के लिए एडीएल किट की उपलब्धता।
  6. यदि एक से अधिक सहायक उपकरण की आवश्यकता हो तो एक बार में अधिकतम ₹8000 की वित्तीय अनुदान स्वीकृत की जाएगी।

यूपी कृत्रिम अंग सहायक अनुदान योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज

यूपी कृत्रिम अंग सहायता योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आपको कुछ आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न करना होगा। यह आवश्यक दस्तावेज कुछ इस प्रकार है –

  • आधार कार्ड [Aadhar card]
  • दिव्यांगता का प्रमाण पत्र [certificate of disability]
  • पासपोर्ट साइज फोटो [Passport size photo]
  • मूल निवासी प्रमाण पत्र [domicile certificate]
  • आय प्रमाण पत्र [income certificate]
  • मोबाइल नंबर [mobile number]
  • जाति प्रमाण पत्र [caste certificate]

यूपी कृत्रिम अंग सहायक अनुदान योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया

यदि आप भी इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आप जन सुविधा केंद्र या सार्वजनिक जिला पीडब्ल्यूडी सशक्तिकरण अधिकारी कार्यालय के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं और अपने आवेदन की स्थिति भी प्राप्त कर सकते हैं। जहां पर मुख्य दस्तावेजों को संलग्न करते हुए इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया जा सकता है।

उपकरण वितरण की प्रक्रिया

प्रथम आवक एवं प्रथम पावक के सिद्धांत के आधार पर विभिन्न जिलों में शिवारों के माध्यम से लाभार्थीयों को सहायता उपकरण वितरित किया जाएंगे।

यूपी कृत्रिम अंग सहायक अनुदान योजना हेतु आवश्यक बातें

यूपी कृत्रिम अंग सहायक अनुदान योजना बहुत ही मुख्य योजना है जिसमें अनुदान योजना का भी प्रावधान रखा गया है। जिसमे सहायक उपकरण खरीदने के लिए पहले 8000 रुपए अनुदान राशि निश्चित की गई थी जिसे बढ़ाकर ₹10000 कराने का फैसला किया गया है। ऐसी स्थिति में विकलांग व्यक्तियों के लिए बहुत ही अच्छा मौका है, जब वे आसानी से ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

इस योजना के अंतर्गत कितने रुपए का अनुदान मिलता है?

इस योजना के अन्तर्गत दिव्यांग जन को यूपी कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण इत्यादि खरीदने हेतु वित्तीय अनुदान की अधिकतम धनराशि प्रति लाभार्थी रू. 8000/- अनुमन्य होगी, अथवा उत्तर प्रदेश शासन द्वारा समय-समय पर संशोधित दर अनुमन्य होगी।

देश के अन्य राज्यों में भी हुई इस योजना की शुरुआत

इस बेहतरीन योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश के कई विकलांग व्यक्तियों को लाभ प्राप्त हुआ हैं और वे अब आगे बढ़कर अपने भविष्य को संवारने की कगार पर खड़े हैं। ऐसे में इस मुख्य योजना की शुरुआत देश के अन्य राज्यों जैसे छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में भी की गई है ताकि वहां भी विकलांग व्यक्तियों को सहारा देते हुए नई दिशा दी जाए और उन्हें भी आगे बढ़ने का सुनहरा अवसर प्रदान किया जाए।

इस योजना के लिए पारिवारिक वार्षिक आय कितनी होनी चाहिए?

गरीबी की रेखा (वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में रू. 46080/- तथा शहरी क्षेत्रों में रू. 56460/- प्रति परिवार प्रति-वर्ष निर्धारित है) की परिभाषा के अन्दर आने वाले दिव्यांगजन अनुदान के पात्र होंगे अथवा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संशोधित निर्देशों के अनुरूप। अनुदान प्राप्त करने हेतु मा0 सांसद, मा0 विधायक, महापौर, पार्षद, नगर पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष, जिले के प्रथम श्रेणी के मजिस्टेªट, तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी अथवा ग्राम प्रधान द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र मान्य होगा।

उत्तर प्रदेश में है विकलांग व्यक्तियों की संख्या सबसे ज्यादा

एक सर्वे के अनुसार यह बात सामने आई है कि अब तक उत्तर प्रदेश में विकलांग लोगों की संख्या सबसे ज्यादा देखी गई है जिसमें मुख्य रुप से दृष्टि, श्रवण, मानसिक विकलांगता, मानसिक बीमारी से संबंधित लोगों के बारे में जानकारी मिली है। एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में पूरे भारत में विकलांग लोगों की आबादी लगभग 16% है, देश में कुल पीड़ित विकलांग 677713 है।

यूपी कृत्रिम अंग सहायक अनुदान योजना से मिली एक नई राह

सामान्य तौर पर ऐसा देखा जाता है कि विकलांग व्यक्तियों को हमेशा नीचे नजरों से देखा जाता है और कई बार उनसे भेदभाव भी किया जाता है। उनकी शारीरिक कमी का मजाक बनाकर समाज में अवहेलना किया जाता है। ऐसे में इस योजना के माध्यम से उन विकलांग व्यक्तियों को एक नई राह मिल जाती है जिसमें चलकर वह खुद को आत्मनिर्भर बना सकते हैं और अपनी शारीरिक कमी को दूर करते हुए आगे बढ़ सकते हैं।

इसके साथ ही साथ समाज में एक नया आयाम प्राप्त कर सकते हैं और किसी के सामने खुद को ऊंचा रख सकते हैं। इस नई राह से विकलांग व्यक्तियों में एक नया जोश उत्पन्न हुआ है जिसमें वे भी अब भविष्य को संवार सकते हैं।

यह योजना मुख्य रूप से किस राज्य के लिए बनाई गई है ?

यह योजना मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के लिए बनाई गई है लेकिन अब धीरे-धीरे विस्तार करते हुए अन्य राज्यों में भी इस योजना का प्रसार किया जा रहा है।

यह योजना मुख्य रूप से किसके लिए बनाई गई है?

मुख्य रूप से यह योजना उत्तर प्रदेश के विकलांग व्यक्तियों के लिए बनाई गई है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के विकलांग व्यक्तियों को बिना भेदभाव के आगे बढ़ाना है और उन्हें वह हर सुविधा देना है जिसके माध्यम से वे आगे बढ़ सके।

इस योजना के लिए अनुदान राशि कितनी रखी गई है?

इस योजना के लिए आवश्यक अनुदान राशि ₹8000 से बढा़कर ₹10000 कर दिया गया है।

अंतिम शब्द

इस प्रकार से आज हमने आपको कृत्रिम अंग सहायक अनुदान योजना 2024 आवेदन प्रक्रिया, अनुदान राशि, उद्देश्य, लाभ के बारे में जानकारी दी है जो राज्य के विकलांग व्यक्तियों के लिए बहुत ही कारगर योजना है। इसके माध्यम से शारीरिक कमी को दूर किया जा सकता है और आगे बढ़कर जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है।

अगर आप के आस पास भी कोई विकलांग व्यक्ति हो, तो निश्चित रूप से इस योजना के बारे में जानकारी देकर उनका मनोबल बढ़ाया जा सकता है। उम्मीद करते हैं आपको हमारा ये लेख पसंद आएगा इसे अंत तक पढ़ने के लिए बहुत-बहुत ।। धन्यवाद ।।

श्वेता रायजादा
श्वेता रायजादा
श्वेता रायजादा हिंदी में स्नातकोत्तर हैं। उनके पास बीएड की डिग्री भी है। वह अध्यापन के पेशे में हैं और शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहीं हैं। अध्यापन के साथ ही उन्हें लिखना अच्छा लगता है। उनकी रुचि में समाजसेवा, लेखन और लोगों से बात कर उनकी समस्याओं को जानना शामिल है।
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