अरविंद केजरीवाल बायोग्राफी, अरविंद केजरीवाल फ़ोन नंबर व्हाट्सएप्प नंबर

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुरीद बड़ी संख्या में हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी यानी आप नाम से एक नई पार्टी बनाकर लोगों का विश्वास जीता और दिल्ली में सत्तानशीन हो गए। वह भी कोई एक-दो नहीं, बल्कि तीन-तीन बार। जी हां, दोस्तों, आज इस post के माध्यम हम आपका परिचय अरविंद केजरीवाल की संपूर्ण शख्सियत से कराएंगे। आपको उनके शुरुआती जीवन से लेकर राजनीति के सफर की पूरी जानकारी देंगे। साथ ही, आपको उनके व्यक्तिगत जीवन के बारे में भी विस्तार से बताएंगे। आइए, शुरू करते हैं-

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अरविंद केजरीवाल बायोग्राफी – Arvind Kejriwal Biography In Hindi

अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त, 1968 को हरियाणा राज्य के भिवानी जिले में सिवानी नामक स्थान पर हुआ। वह आने आने वाले अगस्त में उम्र के 52 साल पूरे कर लेंगे। उनके पिता गोविंद राम केजरीवाल बीआईटी मेसरा के इंजीनियरिंग ग्रेजुएट थे और जिंदल स्ट्रिप्स में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे। उनकी माता गीता देवी हैं। अरविंद केजरीवाल का बचपन सोनीपत, गाजियाबाद, हिसार आदि शहरों में गुजरा।

नाम अरविंद केजरीवाल
जन्मदिन 16 अगस्त 1968
उम्र (Age) 51
जन्म स्थान सिवानी, हरियाणा
गृहनगर हरियाणा
नागरिकता भारतीय
धर्म हिन्दू
जाति (Caste) वैश्य (बनिया)
भाषा ज्ञान हिंदी, अंग्रेजी
पेशा मुख्य मंत्री

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की शिक्षा दीक्षा कहां से हुई

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अरविंद केजरीवाल की स्कूली शिक्षा मिशनरी स्कूल से हुई। उन्होंने ने आईआईटी खड़कपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया हुआ है। उन्होंने 1985 में आईआईटी-जेईई का एग्जाम दिया था और उनकी ऑल इंडिया रैंक (AIR) 563 थी।

पहले इंजीनियर बने, फिर राजस्व सेवा में आए

अरविंद केजरीवाल ने इंजीनियरिंग का कोर्स पूरा करने के बाद सन् 1989 में जमशेदपुर में टाटा स्टील ज्वाइन कर लिया। उन्हें यहां काम करते हुए केवल तीन ही साल हुए थे कि उनके मन में प्रशासनिक सेवा में जाने की ललक जाग उठी। उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए यहां से रिजाइन दे दिया। सन् 1993 में उन्होंने सिविल सेवा पास की और भारतीय राजस्व सेवा यानी आईआरएस (IRS) में शामिल हो गए। उनको पहली पोस्टिंग दिल्ली में मिली।

आईआरएस अधिकारी से ही की शादी

आज से करीब 25 साल पहले यानी 1995 में अरविंद केजरीवाल की शादी भारतीय राजस्व सेवा यानी इंडियन रिवेन्यू सर्विसेज (IRS) के 93 बैच की अधिकारी सुनीता केजरीवाल से हुई। सुनीता से उनकी मुलाकात मसूरी की लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में ट्रेनिंग के दौरान हुई थी। आपको बता दें कि आज से चार साल पहले अरविंद केजरीवाल की व्यस्त्तता बढ़ जाने पर 2016 में सुनीता ने भी इनकम टैक्स कमिश्नर के पद से इस्तीफा दे दिया। उस वक्त वह इन्कम टैक्स अपीलेंट ट्रिब्यूनल यानी ITAT में तैनात थीं। इस वक्त उनके दो बच्चे हैं एक बेटी हर्षिता और एक बेटा पुलकित। हर्षिता एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करती हैं, वहीं पुलकित आईआईटी कर रहे हैं।

मदर टेरेसा के संपर्क में रहे, परिवर्तन नाम से संगठन बनाया –

आपको सुनकर भले ही हैरानी होगी, लेकिन यह सच है कि कुछ समय अरविंद केजरीवाल कोलकाता में भी रहे। वहां उन्होंने मदर टेरेसा से मुलाकात की। मिशन ऑफ चैरिटी में वालंटियर के तौर पर काम किया इसके अलावा रामकृष्ण मिशन और नेहरू युवा केंद्र में भी उन्होंने कुछ समय काम किया। 1999 में उन्होंने बिजली, आयकर और खाद्य राशन से जुड़े मामलों में नागरिकों की सहायता करने के मकसद से एक गैर सरकारी संगठन परिवर्तन की स्थापना की।

2006 में छोड़ी संयुक्त आयकर आयुक्त की नौकरी

सन 2000 में उन्होंने हायर स्टडीज के लिए नौकरी से अवकाश लिया। उन्हें अवकाश इसी शर्त पर दिया गया था कि वह वापसी के बाद 3 साल तक नौकरी नहीं छोड़ेंगे। और अगर वो ऐसा करेंगे तो उनको अभी तक की सारी तनख्वाह वापस करनी होगी। ऐसे में नवंबर, 2002 में वह नौकरी पर लौट आए। लेकिन इसके बाद 1 साल तक उन्हें कोई पोस्टिंग नहीं मिली। इसके 18 महीने बाद उन्होंने एक बार फिर से लीव विदाउट पे के लिए अप्लाई कर दिया। आखिरकार 2006 में आयकर विभाग में संयुक्त आयुक्त की अपनी नौकरी उन्होंने छोड़ दी।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ा, आरटीआई की पैरवी की –

नौकरी में रहते हुए अरविंद केजरीवाल ने पाया कि प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। विभागों में भ्रष्टाचार है। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जनलोकपाल बिल लाए जाने को लेकर चले अभियान में हिस्सा लिया। दिल्ली में पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी और समाजसेवी अन्ना हजारे के साथ अनशन पर बैठे। सूचना का अधिकार अधिनियम को लेकर भी वह बहुत सक्रिय रहे। उन्होंने लोगों को आरटीआई के प्रति जागरूक करने का भी काम किया। दिल्ली विधानसभा के बाद सन् 2005 में देश की संसद ने भी सूचना का अधिकार अधिनियम यानी आरटीआई एक्ट पर मुहर लगा दी।

आम आदमी पार्टी के गठन के साथ राजनीतिक सफर की शुरुआत –

अरविंद केजरीवाल ने महात्मा गांधी के जन्मदिवस दो अक्तूबर, 2012 से अपने राजनीतिक सफर की औपचारिक शुरुआत की। उन्होंने लोकपाल आंदोलन के कई सहयोगियों के साथ मिलकर जंतर मंतर पर 26 नवंबर, 2012 को आम आदमी पार्टी का गठन किया। इसी दिन भारतीय संविधान अधिनियम की 63वीं सालगिरह भी थी। लिहाजा, औपचारिक रूप से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने के लिए यह बेहतर दिन था। उन्होंने गांधी टोपी पर मैं भी आम आदमी लिखवाकर पहनी। यही पार्टी कार्यकर्ताओं की पहचान बन गई। इसी रोज उन्होंने अपने भावी राजनीतिक दल का दृष्टिकोण पत्र भी प्रस्तुत किघ्या। विधिवत घोषणा की।

हालांकि, उनके पुराने सहयोगी किरण बेदी और अन्ना हजारे उनके इस कदम से खुश नहीं थे। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने डीएलएफ घोटाले का खुलासा किया। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और रीयल एस्टेट डेवलपर डीएलएफ के बीच कथित भ्रष्टाचार का खुलासा शामिल था। बाद में उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय विधि मंत्री सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी लुई खुर्शीद के ट्रस्ट के खिलाफ आंदोलन भी छेड़ा। इससे उनकी छवि एक भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करने वाले इंसान की बनी।

पहली बार 49 दिन ही रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री

आप जानते ही हैं कि इस वक्त अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। पहली बार वह 28 दिसंबर 2013 को मुख्यमंत्री बने थे। उनकी पार्टी को 70 में से 28 सीटें हासिल हुई थीं। लेकिन केवल 49 दिनों के बाद 14 फरवरी को उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। जिसका कारण उन्होंने यह बताया कि वह सरकार में रहते हुए अल्पसंख्यक सरकार के नाते भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक पास कराने में नाकाम हैं।

दूसरी ओर तीसरी बार भी केजरीवाल के हाथ आई सत्ता

आपको बता दें कि इसके बाद 2015 में फिर से दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए और 14 फरवरी 2015 को भी अरविंद केजरीवाल ने बतौर मुख्यमंत्री फिर से दिल्ली की सत्ता संभाली। इस बार केजरीवाल के हाथ 70 में से 67 सीटें आई। यानी उनकी सरकार बहुमत से बनी। इसके बाद इस साल यानी 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें अपने नाम कीं और अरविंद केजरीवाल लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन हुए।

2024

शीला दीक्षित जैसी धुरंधर को परास्त कर सबको चौंकाया –

अरविंद केजरीवाल की डगर आसान नहीं थी। दिल्ली विधानसभा के 2013 में हुए चुनाव में अरविंद केजरीवाल की टक्कर 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित से थी। उन्होंने शीला को 25,864 वोट से हराया। अरविंद केजरीवाल को 44,269 मत प्राप्त हुए, जबकि शीला दीक्षित को केवल 18,405 वोट ही हासिल हो सके। इस तरह आम आदमी पार्टी ने नई दिल्ली में 70 से 28 सीट हासिल कीं। चुनाव में आम आदमी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि कांग्रेस को तीसरे स्थान पर जाने को मजबूर होना पड़ा।

लेकिन केवल 49 दिन बाद अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया। इसके पीछे कारण उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक विधेयक पास होने के लिए बहुमत की सरकार न होना बताया। दरअसल, लोकपाल के मुद्दे से अरविंद को देश भर में पहचान मिली थी। लेकिन इसे सदन में रखा ही न जा सका। विपक्षी दलों कांग्रेस और भाजपा ने इस बिल को असंवैधानिक बताते हुए इसे सदन में रखे जाने का विरोध किया।

इसके चलते 14 फरवरी को इस बिल को विधानसभा के समक्ष रखा ही न जा सका। विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा के भ्रष्ट नेताओं पर लगाम कसने वाले इस लोकपाल बिल के विरोध में एक हो जाने पर नैतिक आधार पर अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया।

पहली बार सीएम बने तो इन कदमों से चर्चा में रहे –

  • सिक्योरिटी वापस लौटाई
  • बिजली की दरों में 50 प्रतिशत कटौती की घोषणा की
  • दिल्ली पुलिस और केंद्रीय गृह मंत्रालय के खिलाफ धरना दिया
  • रिटेल सेक्टर में एफडीआई को खारिज किया
  • केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री रहे मुरली देवड़ा, वीरप्पा मोइली, उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनकी कंपनी रिलांयस के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए

मोदी के खिलाफ चुनाव में उतरे, लेकिन हार गए –

अरविंद केजरीवाल ने इस बीच 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा। उन्हें करीब 3,70,000 वोट से हार का सामना करना पड़ा।

अरविंद केजरीवाल की पसंद क्या- क्या –

अब हम आपको बताएंगे कि अरविंद केजरीवालको सियासत से परे हटकर निजी जिंदगी में क्या क्या करना पसंद है। सबसे पहली बात-वह अपना काम खुद करना पसंद करते हैं। अरविंद केजरीवाल वेजिटेरियन हैं और उन्हें आलू के परांठे खाने का बहुत शौक है। इसके अलावा वे योग और ध्यान पर भी पूरा जोर देते हैं वे विपश्यना का अभ्यास करते हैं। उन्हें डायबिटीज भी है, इसलिए वह खान-पान पर विशेष ध्यान देते हैं।

बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान के अभिनय के मुरीद हैं। वह ज्यादातर कॉमेडी यानी हंसी-मजाक से भरी फिल्में देखना पसंद करते हैं। उन्हें शतरंज खेलने का बहुत शौक है। इसके अलावा स्केचिंग करना भी उन्हें अच्छा लगता है। वह बैठे बैठे किसी भी वस्तु का स्केच बना देते हैं।

मफलर मैन का तमगा, खांसी करने वाली इमेज –

अरविंद केजरीवाल अपनी खांसी की वजह से भी न केवल दिल्ली, बल्कि देश भर में मशहूर हुए । मफलर को कानों पर बांधने के चलते उन्हें मफलरमैन भी पुकारा जाता है। दोस्तों, क्योंकि खांसी उनके लिए मुसीबत बनी हुई, इसके लिए उन्होंने सर्जरी भी कराई। अब उनकी खांसी कम देखने को मिलती है।

केजरीवाल पर किताब आई, डाक्यूमेंट्री भी बनी

अरविंद केजरीवाल पर एक किताब भी आई, सन 2016 में। इसको प्राण कुरूप ने लिखा था। इसका नाम था- अरविंद केजरीवाल एंड द आम आदमी पार्टी : एन इंसाइड लुक। इसके अलावा अरविंद केजरीवाल पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनी थी, जिसका निर्माण खुशबू रांका और विनय शुक्ला ने किया था। विनय शुक्ला इसके सह निर्माता थे। कई दिन तक सेंसरशिप में फंसे रहने के बाद आखिर कोर्ट के जरिए यह मूवी 2016 में रिलीज हुई और दिल्ली के एक थिएटर में यह लगातार 8 सप्ताह तक चली थी।

अरविंद केजरीवाल किताब भी लिख चुके

बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि अरविंद केजरीवाल किताब भी लिख चुके हैं। सन 2012 में आई यह हार्पर कोलिंस की ओर से प्रकाश में आई थी। स्वराज नाम की इस किताब के केजरीवाल सहायक लेखक रहे हैं। इसमें उन्होंने भ्रष्टाचार और भारतीय लोकतंत्र की स्थिति पर अपने विचार रखे। हैं। इससे पहले वह सूचना का अधिकार : व्यावहारिक मार्गदर्शिका के भी सह लेखक रह चुके हैं।

प्रतिष्ठित रामन मैग्सेसे सहित कई पुरस्कार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 2006 में रामन मैग्सेसे अवार्ड भी मिल चुका है, जो कि एक बेहद प्रतिष्ठित अवार्ड है और किरण बेदी आदि को मिला है। उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद रामन मैग्सेसे अवार्ड की धनराशि पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना के लिए कॉरपस फंड के बतौर दे दी था। अरविंद केजरीवाल को इसके अतिरिक्त और कौन कौन से अवार्ड मिले हैं, आइए एक नजर इन पर डाल लेते हैं-

  • 2005 सत्येंद्र दुबे मेमोरियल अवार्ड
  • 2006 रामन मैग्सेसे अवार्ड
  • 2009 विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार
  • 2013 अमेरिकी पत्रिका फॉरेन पॉलिसी ने 2013 के सौ सर्वोच्च वैश्विक चिंतक में शामिल किया।
  • 2014 प्रतिष्ठित पत्रिका टाइम ने विश्व के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में उन्हें शामिल किया।

अरविंद केजरीवाल कोरोना टैक्स लगाकर हाल में ही चर्चा में आए

हाल ही में अरविंद केजरीवाल कोरोना टैक्स लगाकर चर्चा में आए हैं। कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए जहां देशभर में लाकडाउन था, ऐसे में राजस्व के लिए शराब की दुकानों को खोले जाने की परमिशन दे गई तो ऐसे में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शराब पीना लोगों का विशेषाधिकार नहीं है और इसके लिए टैक्स चुकाना होगा। उन्होंने दिल्ली में शराब पीने वाले लोगों पर कोरोना टैक्स आयद कर दिया।

अरविंद केजरीवाल की कुल संपत्ति (Net Worth)

नाम अरविंद केजरीवाल
मासिक आय 1.25 लाख रूपए साथ में अन्य भत्ते
कुल संपत्ति रू 2.1 करोड़
उत्तरदायित्व ₹41 लाख
शुद्ध संपत्ति ₹1.69 करोड़

Arvind Kejriwal’s address and phone number – अरविंद केजरीवाल फ़ोन नंबर व्हाट्सएप्प नंबर

अब हम आपको दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पते और फोन नंबर की जानकारी देंगे, जो कि इस प्रकार है-

स्थायी पता –

ब्लॉक 87, बीके दत्त कॉलोनी, नई दिल्ली-110001

वर्तमान पता –

बंगला नंबर-6, फ्लैग स्टाफ रोड, सिविल लाइंस, नई दिल्ली।

फोन नंबर-011-23994177, 011-239941950

Email: cmdelhi@nic.in

दिल्ली सीएम से कांटेक्ट कैसे करें? How to contact Delhi CM?

आप सोशल मीडिया के जरिये अपनी बात दिल्ली सीएम तक पहुंचा सकतें हैं –

Arvind Kejriwal Twitter Account: https://twitter.com/arvindkejriwal

Arvind Kejriwal Facebook Account: https://www.facebook.com/AAPkaArvind/

Arvind Kejriwal Instagram Account: https://www.instagram.com/arvindkejriwal/

Arvind Kejriwal Email Account: cmdelhi@nic.in

Arvind Kejriwal Mobile Number: Not Available

तो दोस्तों यह थी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल बायोग्राफी के बारे में आवश्यक जानकारी। यदि आपको अरविंद केजरीवाल बायोग्राफी, अरविंद केजरीवाल फ़ोन नंबर व्हाट्सएप्प नंबर की जानकारी अच्छी लगे तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। साथ ही यदि आपका किसी भी प्रकार का कोई सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करें। हम जल्द ही आपके सवालों का जवाब देंगे ।। धन्यवाद ।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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