|| बड़ा मंगलवार क्या है? | Bada Mangal in Hindi | बड़ा मंगलवार कब आता है? | Bada Mangal kab aata hai | बड़ा मंगलवार के दिन और क्या हुआ था? | बड़ा मंगलवार का क्या इतिहास है? | बड़े मंगलवार का क्या महत्व है?||
Bada Mangal in Hindi :- हिंदू धर्म में कई तरह की कथाएं व मान्यताएं प्रचलित है और उसी में एक कथा है बड़ा मंगलवार से जुड़ी हुई। अब हम जब भी मंगलवार की बात करते है तो हमारे दिमाग में सबसे पहले हनुमान की छवि बनती है क्योंकि मंगलवार (Bada Mangalvar kya hota hai) का संबंध हनुमान जी से ही है। अब इसी मंगलवार में एक बड़ा मंगलवार भी आता है जिसका हनुमान जी से मुख्य संबंध माना जाता है लेकिन क्यों।
अवश्य ही आपके दिमाग में यह प्रश्न चल रहा होगा कि आखिरकार क्यों बड़ा मंगलवार बनाया जाता है और आखिरकार इस दिन हुआ क्या था जो इस दिन भगवान हनुमान की विशेष पूजा की जाती है। तो आज हम आपके सामने बड़ा मंगलवार क्या है और इस दिन का क्या महत्व (Bada Mangal kya hai) है, इत्यादि से जुड़ी सब जानकारी शेयर करने वाले हैं। इसके लिए आपको यह लेख अंत तक पढ़ना होगा ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके।
बड़ा मंगलवार क्या है? (Bada Mangal in Hindi)
सप्ताह में 7 दिन होते हैं और हर दिन को अलग नाम से जाना जाता है। तो इन 7 दिनों के नाम होते हैं:
- सोमवार
- मंगलवार
- बुधवार
- गुरुवार
- शुक्रवार
- शनिवार
- रविवार
तो इसमें से जो दिन हिंदुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है वह होता है मंगलवार क्योंकि इसका संबंध भगवान हनुमान से होता है। साथ ही इस दिन कई चीज़ों को करने की मनाही होती है। यहाँ तक कि जो व्यक्ति रोजाना दारू पीता है वह भी भगवान हनुमान के डर से इस दिन दारू को हाथ तक नहीं लगाता है। तो अब आप इसी से ही इस दिन की अर्थात मंगलवार की महत्ता को समझ सकते हैं।
तो अब जब बात बड़ा मंगलवार की हो रही है तो इसे ऐसा क्यों कहा जाता है और इसके पीछे कौन सी कथा जुड़ी हुई है। इसके बारे में जानने के लिए आपको (Bada Mangalvar in Hindi) यह लेख अंत तक पढ़ना होगा तभी आपको इसकी महत्ता समझ में आएगी। तो यह तो हम आपको पहले ही स्पष्ट कर दे कि बड़ा मंगलवार का संबंध हनुमान जी से ही होता है लेकिन आखिरकार उस दिन ऐसा हुआ क्या था और यह कब पड़ता है, इसके बारे में आपको आगे जानने को मिलेगा।
बड़ा मंगलवार कब आता है? (Bada Mangal kab aata hai)
जिस तरह अंग्रेजी कैलेंडर में 12 महीने होते हैं ठीक उसी तरह हिंदू कैलेंडर में भी 12 महीने होते हैं लेकिन उनके नाम अलग होते हैं। तो इन्ही बारह माहो में एक माह आता है ज्येष्ठ माह। यह ज्येष्ठ माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जून जुलाई के महीने के बीच में पड़ता है। तो एक महीने में लगभग 4 से 5 मंगलवार आते हैं तो आप यह मत सोचिये कि ज्येष्ठ माह में आने वाले हर मंगलवार को बड़ा मंगलवार कहते हैं।
दरअसल जब भी ज्येष्ठ माह की शुरुआत होती है तो उसके पहले सप्ताह के पहले मंगलवार को बड़ा मंगलवार के रूप में मनाया जाता है। इसके पीछे भी एक रोचक कथा जुड़ी हुई है जिसके बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं। आइए जाने बड़ा मंगलवार से क्या कथा जुड़ी हुई है जिस कारण इसका महत्व बहुत बढ़ जाता है।
बड़ा मंगलवार का क्या इतिहास है? (Bada Mangal ka itihas)
अब यदि आप बड़ा मंगलवार से जुड़ा इतिहास जानना चाहते हैं तो आज आप बिल्कुल सही जगह पर आये है। अभी तक आपने बड़ा मंगलवार के बारे में बहुत कुछ जानकारी ले ली है और आपको यह भी पता चल गया है कि बड़ा मंगलवार का दिन हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए कितना महत्वपूर्ण होता है लेकिन अभी तक आपने यह नहीं जाना है की इस दिन का क्या महत्व होता है या फिर इस दिन ऐसा क्या हुआ था जिस कारण इसे बड़ा मंगलवार के नाम से जाना जाता है।
तो यहाँ हम आपको बता दें कि इसकी कहानी रामायण काल से जुड़ी हुई है जब भगवान राम अपने चौदह वर्ष के वनवास काल में वनों में भटक रहे थे। उस समय पापी रावण ने माता सीता का हरण कर लिया था और भगवान राम उन्हें जगह जगह ढूँढ रहे थे। जब वे माता सीता को ढूंढते हुए किष्किन्धा पर्वत पहुंचे तो इसकी सूचना सुग्रीव के दूतों ने उन्हें दी। उन्हें लगा कि बालि का भेजा कोई दूत सुग्रीव पर हमला करने आ रहा है। तो उसका पता लगाने के लिए उन्होंने अपने सिपहसालार हनुमान को वहां भेजा।
तो हनुमान ने एक पंडित का भेष बनाया और श्रीराम से मिलने गए। जिस दिन हनुमान जी की श्री राम से भेंट हुई तो वह दिन ज्येष्ठ माह का पहला मंगलवार ही था। तो जब से श्री राम व हनुमान का जन्म हुआ था उसके बाद से वे पहली बार इसी दिन मिले थे और उसके बाद उनका नाम हमेशा के लिए आपस में जुड़ गया। तो उसी दिन की याद में इस दिन का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ गया और हर हिंदू के लिए यह दिन प्रिय हो गया।
उसके बाद से ही भगवान हनुमान व भगवान श्री राम की भेंट के रूप में ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार को बड़ा मंगलवार के रूप में मनाया जाने लगा और सभी भक्त इस दिन हनुमान की भक्ति करने लगे।
बड़ा मंगलवार से जुड़ी एक और कहानी (Bada Mangal ki kahani)
बड़ा मंगलवार के दिन से जुड़ी केवल रामायण काल की ही कहानी ही फेमस नहीं है बल्कि इस दिन कुछ और भी हुआ था जिस कारण इसका महत्व और ज्यादा बढ़ गया। वह समय था महाभारत का प्रचंड समय काल। तो इस कहानी के अनुसार बात तब की है जब पांडव भाइयो में से एक भाई भीम को अपनी शक्ति पर बहुत ज्यादा घमंड हो गया था और वह यह सोचने लगा कि पूरे संसार में उससे ज्यादा शक्तिशाली और कोई नहीं है। वह हमेशा इसी घमंड में ही घूमता रहता था और लोगों पर रॉब झाड़ता था।
इसकी काट के लिए हनुमान जी ने ज्येष्ठ माह के उसी मंगलवार का दिन चुना जिस दिन उनकी श्री राम से मुलाकत हुई थी। तब तक हनुमान जो बहुत बूढ़े हो चुके थे लेकिन उनकी शक्ति में कोई कमी नहीं आई थी। वे बूढ़े रूप में ही भीम के पास गए और उसे चुनौती दे डाली। भीम उस बूढ़े बंदर को देख कर बहुत जोर जोर से हंसने लगा और उनका मजाक बनाया। लेकिन जब बात लड़ाई की आई तो भीम उसमे बुरी तरह हार गया।
इस तरह हनुमान जी ने बूढ़े होकर भी भीम को बुरी तरह हरा दिया था और उसका घमंड चूर चूर कर दिया था। बस उसी दिन के बाद से ही बड़ा मंगलवार की महत्ता बहुत ज्यादा बढ़ गयी और सभी हिंदू इसे और बढ़ चढ़ कर बनाने लगे थे। उस समय हनुमान जी बूढ़े हो गए थे इस कारण इस दिन को बुढवा मंगलवार भी कहा जाने लगा।
बड़ा मंगलवार के दिन क्या होता है? (Bada Mangal ka rahsya)
अब आपको यह भी जानना चाहिए कि इस बड़ा मंगलवार के दिन होता क्या है और भक्त लोग इसे किस तरह से सेलिब्रेट करते हैं। तो इस दिन सबसे पहले तो देशभर के सभी हनुमान मंदिरों को अच्छे से सजाया जाता है। सभी लोग सुबह जल्दी उठते हैं और नहा धोकर नए कपड़े पहनते हैं। नए कपड़े पहनने के बाद वे सभी हनुमान मंदिर जाते हैं और पूरी विधि विधान के साथ उनकी पूजा करते हैं। उनके द्वारा सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा की जाए तो हनुमान इस दिन बहुत ही जल्दी खुश हो जाते हैं।
यदि आपने बड़ा मंगलवार के दिन हनुमान जी की सच्चे मन से भक्ति कर ली और उन्हें याद कर लिया तो वे आपके सभी संकटों को दूर कर देते हैं। इतना ही नहीं यदि आप इस दिन तीन बार या फिर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ कर लेंगे तो आपकी हर इच्छा पूरी हो जाएगी। साथ ही इस दिन गरीबो में दान करने की परंपरा भी है और लोगों के द्वारा जगह जगह दान पुण्य का कार्य किया जाता है। तो आपको भी सुबह जल्दी उठ कर, नहा धोकर, नए कपड़े पहन कर हनुमान मंदिर जाना चाहिए और उनकी पूजा करनी चाहिए।
बड़ा मंगलवार के दिन और क्या हुआ था? (Bada Mangal ki kya kahani hai)
अब यदि आप सोचते हैं कि बड़ा मंगलवार के दिन बस यही दो घटनाएँ हुई थी तो आप गलत है। दरअसल इस दिन का महत्व कुछ ऐसी घटनाओं के कारण और भी बढ़ जाता है जिसके बारे में अब हम आपको बताने जा रहे हैं। तो एक समय में जब देश पर मुगल राजाओं का शासन था और वे भारत की प्रजा पर अत्याचार कर रहे थे तभी लखनऊ के नवाब मोहम्मद अली शाह के बेटे की तबियत अचानक बहुत ख़राब हो गयी। सभी तरह का ईलाज करने के बाद भी उसकी तबियत ठीक नहीं हो रही थी। तब किसी ने उन्हें सलाह दी कि वे अपने बेटे को लेकर ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार अथात बड़ा मंगलवार के दिन वहां के हनुमान मंदिर जाकर प्रार्थना करें।
तब अपने लोगों की बात मानकर वह नवाब अपने बेटे को लेकर हनुमान मंदिर गया और हनुमान जी की पूजा की। कुछ ही दिनों में नवाब का बेटा सही हो गया और एकदम चलने फिरने लगा। यह देखकर वह नवाब बहुत खुश हुआ और उसने उस जगह बहुत बड़े हनुमान मंदिर का निर्माण करवाया। आज के समय में वह हनुमान मंदिर अलीगंज में स्थित है जिसकी बहुत मान्यता है। यही कारण है कि लखनऊ शहर में बड़ा मंगलवार का त्यौहार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
बड़ा मंगलवार क्या है – Related FAQs
प्रश्न: बड़ा मंगल क्या होता है?
उत्तर: बड़ा मंगल का मतलब होता है जिस दिन हनुमान जी और भगवान हनुमान एक दूसरे से पहली बार मिले थे।
प्रश्न: बुढ़वा मंगल का मतलब क्या होता है?
उत्तर: बुढ़वा मंगल का मतलब बड़ा मंगलवार ही होता है जिस दिन हनुमान जी भगवान राम से मिले थे।
प्रश्न: बड़े मंगलवार का क्या महत्व है?
उत्तर: बड़े मंगलवार का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है क्योंकि इसी दिन हनुमान की पहली बार भगवान श्री राम से मुलाकात हुई थी।
प्रश्न: मंगल का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर: मंगल का दूसरा नाम लाल ग्रह या शुभ होता है।
तो इस तरह से आज के इस लेख में आपने बड़ा मंगलवार के बारे में सब जानकारी ले ली है। तो अगली बार जब भी बड़ा मंगलवार का त्यौहार आये तब आप भी भगवान हनुमान की पूरी विधि विधान के साथ पूजा करे और उनसे अपने संकटों को दूर करने की विनती करे। यदि आपका मन सच्चा हुआ तो जरुर ही आपके सभी संकट दूर हो जाएंगे।