|| बादल कैसे फटता है? | Badal kaise fatata hai | Badal kaise banta hai | पहाड़ों से टकराने के कारण | How does cloudburst happen in Hindi | Badal kya hai | How does cloudburst happen in Hindi | बादल के फटने के बाद क्या होता है? | How does cloudburst happen in Hindi ||
Badal kaise fatata hai :- आज के समय में हम कई बार यह खबर सुनते हैं कि फलाना जगह बादल फट गया और इस कारण उस क्षेत्र में भीषण आपदा आ गयी जैसे कि बाढ़ या भुसख्लन इत्यादि। अब यह बादल फटने की स्थिति बनती ही क्यों है और इसका क्या कुछ कारण होता है, इसके बारे में बहुत कम लोगों को ही जानकारी होती है। हम बस बादल फटने की घटना के बारे में जान लेते हैं और उसके बाद क्या कुछ तबाही हुई, इसके बारे में जान लेते हैं लेकिन यह बादल फटता ही क्यों है? यह जानने की कोशिश बहुत ही कम लोग करते (Badal kaise fatta hai) हैं।
इसलिए आज का यह लेख इसी विषय को ही ध्यान में रख कर लिखा गया है। आज के इस लेख को पढ़ कर आप यह जान पाएंगे कि आखिरकार यह बादल फटने का कारण क्या होता है और उसके बाद क्या स्थिति बन जाती है। इसे पढ़ कर आप यह जान पाने में सक्षम होंगे कि किन किन परिस्थितियों में बादल के फटने की घटनाएँ सामने आ सकती (Badal kyu fatta hai) है। आइए जाने बादल फटने के कारण।
बादल क्या होता है? (Badal kya hota hai)
सबसे पहले इस बारे में जानकारी ले लेते हैं कि आखिरकार यह बादल होते क्या हैं और इनका क्या कुछ औचित्य होता है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि बादल और कुछ नहीं बल्कि पानी का ही एक समूह होता है। इस पृथ्वी पर जितना पानी है वह सूर्य की रोशनी से भाप में बदल कर उपर चला जाता है या यूँ कहें कि उड़ जाता है। इस स्थिति में वह ऊपर जाकर एक समूह का रूप ले लेता है जो बादल कहलाता (Badal kya hai) है।
इस तरह से देखा जाए तो यह बादल एक ऐसी चीज़ होती है जो और कुछ नहीं बस पानी का ही एक समूह होता है। अब यह पानी का एक समूह ज्यादा बड़ा भी हो सकता है तो छोटा भी तो हल्का भी या भारी भी। अब कभी बादल होते हैं और हम आसमान में देखते हैं तो यह कभी ज्यादा घने होते हैं तो कभी रुई के जैसे हलके से महसूस होते हैं।
बादल कैसे बनते हैं? (Badal kaise bante hain)
आपको यह भी जानना होगा कि आखिरकार यह बादल बनते कैसे हैं या इनके बनने का क्या कारण होता है। तो बादलों के बनने का मुख्य कारण समुंद्र, नदियाँ, नहर, तालाब, कुँए, जल स्रोत इत्यादि में पड़ा जल और उस पर पड़ने वाली सूरज की रोशनी होती है। अब सूरज तो हर दिन निकलता है और वह अपनी रोशनी या किरणों को हर जगह बिखेरता है। अब यह रोशनी इन समुंद्र, नदियों इत्यादि पर भी पड़ती (Badal kaise banta hai) है।
जब सूरज की रोशनी इन जल स्रोतों पर पड़ती है तो वहां का जल सूख कर ऊपर जाता रहता है। सीधे शब्दों में समझाया जाए तो इन जल स्रोतों पर सूरज की गर्मी पड़ने के कारण इनका जल धीरे धीरे सूख कर भाप के रूप में ऊपर पहुँचता है और बादल का रूप ले लेता है। अब जो भाप जिस भी बादल के साथ जुड़ जाती है वह बादल उतना ही बड़ा बनता जाता है और उतना ही अधिक शक्तिशाली भी।
बादल कैसे फटता है? (Badal kaise fatata hai)
अभी तक आपने बादल क्या होता है और यह कैसे बनता है, के बारे में पूरी जानकारी ले ली है। अब आपको यह भी जान लेना चाहिए कि आखिरकार इन बादलों के फटने की क्या संभावनाएं होती है या फिर इसके क्या कुछ कारण हो सकते हैं जिस कारण इतनी ज्यादा तबाही आ जाती (How does cloudburst happen in Hindi) है। अब बादल के फटने का एक नहीं बल्कि कई कारण हो सकते हैं जिनमे से कुछ कारण प्रमुख है तो कुछ कम महत्ता रखते हैं।
ऐसे में आज के इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ बादल के फटने के हरेक कारण के बारे में चर्चा करने वाले हैं ताकि आपको पता चल सके कि इन बादलों के फटने का क्या कुछ कारण हो सकता है। आइए जाने बादल क्यों फट जाते (Badal fatne ke karan) हैं।
पहाड़ों से टकराने के कारण
आपने समाचार में भी ज्यादातर यही पढ़ा होगा कि फलाना पहाड़ी इलाके में बादल फट गया या वहां पर बादल फटने के कारण इतनी बड़ी आपदा आ गयी इत्यादि। तो क्या कभी आपने यह सोचा है कि बादल के फटने की घटनाएँ ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में ही क्यों होती है और मैदानी इलाको में यह कम देखने को मिलता है!! तो इसका मुख्य कारण होता है यही पहाड़ जो बादलों को फाड़ देते हैं या यूँ कहें की उनसे टकरा कर बादल फट जाते हैं।
अब जो बादल होते हैं वे एक जगह स्थिर नही रहते हैं और हवा के बहाव के साथ इधर से उधर चलते रहते हैं। इसी कारण बादलों से पूरे देशभर में बारिश होती है और हर कोई इनका आनंद उठाता है। अब कभी ऐसी स्थिति आती है कि कोई बादल चलता हुआ किसी ऊँचे पहाड़ से टकरा जाता है तो उसके अंदर दबाव होता है और वह फट जाता है। इसी कारण उस जगह में बहुत ज्यादा वर्षा होती है और बाढ़ आ जाती है। इस तरह से बादल के फटने का मुख्य कारण पहाड़ ही माने जाते हैं।
गर्म हवा के कारण
बादल जहाँ भी होते हैं वहां ठंडक कर देते हैं क्योंकि यह सूरज की किरणों को धरती पर पहुँचने से रोकते हैं। इसी कारण जिस भी जगह पर बादल हो जाते हैं वहां पर अचानक से तापमान में कमी आ जाती है और ठंडक का अहसास होने लगता है। किंतु तब क्या हो जब ये बादल ऐसी जगह पहुँच जाए जहाँ पर गर्म हवा चल रही हो या फिर गर्म हवा बह कर इन बादलों की ओर आ जाए!! इस स्थिति में भी बादल के फटने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
अब जब गर्म हवा इन बादलों के पास आती है तो उन बादलों में अत्यधिक दबाव उत्पन्न होता है जिसे वह सह नहीं पाते हैं। इसी दबाव के कारण ही उन बादलों में प्रतिक्रिया होती है और वे फट जाते हैं। बादलों के फटने का एक मुख्य कारण यह भी है और इसी कारण इस घटना पर नज़र रखी जाती है।
कम नमी वाले क्षेत्र के कारण
बादलों के फटने का मुख्य कारण केवल गर्म हवा ही नहीं होती है बल्कि शुष्क मौसम या यूँ कहें कि कम नमी वाला क्षेत्र भी होता है। यदि बादल तैरते हुए या हवा में चलते हुए किसी ऐसी जगह पहुँच जाते हैं जहाँ की हवा में बहुत ही ज्यादा हल्कापन है या नमी है तो उस जगह बादल इस परिवर्तन को सह नहीं पाता है। अब जिस प्रकार अंतरिक्ष में बाहरी दबाव नहीं होता और यदि वहां मनुष्य बिना किसी सूट के बाहर निकल जाए तो उसका शरीर फट जाता है। यही कारण है कि अंतरिक्ष यात्री को हमेशा ही सूट पहनने को दिया जाता है।
अब यही स्थिति बादलों के केस में भी देखने को मिलती है। जब बादल किसी ऐसी जगह पहुँच जाते हैं जहाँ हवा में नमी बहुत कम है तो बादलों के अंदर जो दबाव है, वह बाहर आ जाता है। इसी दबाव के चलते ही वह फट जाता है और उसमे स्थित सारा पानी झरने की भांति नीचे गिरने लग जाता है।
पेड़ों का कटाव व जंगल नष्ट होना
पहले के समय में मनुष्य धरती पर सीमित संख्या में और क्षेत्रफल में रहते थे लेकिन आज के समय में मनुष्यों की संख्या दिन भर दिन बढ़ती ही जा रही है। इस बढ़ी हुई जनसंख्या का ही परिणाम है कि पेड़ों का लगातार कटाव किया जा रहा है, जंगल नष्ट किये जा रहे हैं, उनमे आग लग रही है और बड़े बड़े भवन खड़े किये जा रहे हैं। अब इतना अधिक परिवर्तन देखने को मिल रहा है तो प्रकृति भी तो अपना प्रकोप दिखाएगी और उसी का परिणाम है यह बादल फटना।
अब जो पेड़ या जंगल होते थे, उनके कारण बादल सही दिशा में चलते थे और बारिश उन जंगल में कर दिया करते थे। किंतु अब जब यह सब ही तेजी के साथ नष्ट हो रहे हैं तो बादलों के मित्र ख़त्म हो रहे हैं। ऐसे में उनका फट जाना या अचानक से अपनी दिशा बदल देना बहुत ही आम बात हो गयी है जिसका परिणाम हम सभी भुगत रहे हैं।
तापमान में बढ़ोत्तरी
मनुष्यों की बढ़ती जनसंख्या के साथ ही उन्नति के नाम पर प्रकृति का दोहन बढ़ता ही जा रहा है। पहले के समय में मनुष्य जो भी काम करता था वह प्रकृति के साथ मिल कर ही किया करता था जिससे कि प्रकृति को किसी तरह का नुकसान ना हो। किंतु आज के समय में यह परिभाषा एकदम बदल चुकी है और आज के समय में मनुष्य अपने ऐशो आराम के लिए प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने से भी नहीं हिचकिचाता है।
इसी का परिणाम है कि प्रकृति अपना प्रकोप दिखा रही है और तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही है। हर वर्ष पृथ्वी का तापमान बढ़ता ही जा रहा है और इस कारण बहुत कुछ देखने को मिल रहा है जिसमे से एक बादलों का फटना भी शामिल है। तो बादल फटने के यह कुछ मुख्य कारण हो सकते थे जिसके बारे में हमने आपको जानकारी दे दी है।
बादल के फटने के बाद क्या होता है? (Badal fatne se kya hota hai)
आपको यह भी जान लेना चाहिए कि यदि किसी जगह पर बादल फट जाता है तो वहां पर कैसी स्थिति बन जाती है या किस तरह का प्रभाव उस इलाके में पड़ता है इत्यादि। तो यहाँ हम आपको बता दें कि यदि किसी भूभाग में बादल फट रहा है तो वहां पर सामान्य से अधिक वर्षा होने लग जाती है या पानी अधिक मात्रा में और एक साथ नीचे गिरने लग जाता है। यह पानी झरने के रूप में भी गिर सकता है और बहुत ही तेज व कई देर तक वर्षा भी हो सकती है।
लगातार वर्षा के होने के कारण उस क्षेत्र के सभी तरह के जल स्रोत भर जाते हैं और वे ओवर फ्लो करने लगते हैं। फिर भी पानी रुकने का नाम नहीं लेता है और लगातार बारिश होती रहती है। इस कारण उस जगह पर पानी एकत्रित होने लगता है जो बढ़ता ही चला जाता है और अन्तंतः वह बाढ़ का रूप ले लेता है। इस कारण जिस भी जगह पर बादल फट जाता है वहां पर आम तौर पर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
बादल कैसे फटता है – Related FAQs
प्रश्न: बादल फटने का कारण क्या है?
उतर: बादल फटने के सभी कारण हमने आपको इस लेख में बताए हैं जिसे आपको पढ़ना चाहिए।
प्रश्न: बादल के अंदर क्या है?
उतर: बादल छोटी छोटी बूंदों से बनते हैं।
प्रश्न: बादलों में पानी कहाँ से आता है?
उतर: पानी नदियों, समुद्रों, तालाबों व अन्य जल स्त्रोतों से सूरज की किरणों से वाष्प बन कर उपर उड़ता है और बादलों में जुड़ता रहता है।
प्रश्न: बादल फटने से क्या क्या नुकसान होते हैं?
उतर: बादल फटने से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन हो जाती है।
तो इस तरह से आपने जाना कि बादल क्या होते हैं यह कैसे बनते हैं और बादल के फटने के पीछे क्या कुछ कारण है। और बादल के फटने के बाद क्या क्या तबाही हो सकती है। आशा है कि अब आपको पता लग गया होगा कि बादल क्यों फटते हैं।