बैंकर के कर्तव्य क्या हैं? | Banker duties in Hindi

|| बैंकर के कर्तव्य क्या हैं? | Banker duties in Hindi | What is the duties of a banker in Hind | Bank PO duties and responsibilities in Hindi | बैंक में क्लर्क की क्या ड्यूटी होती है? | बैंक में पीओ क्या काम करता है? ||

Banker duties in Hindi :- जब भी हम बैंक में जाते हैं तो हमें वहां कई तरह के अधिकारी व कर्मचारी दिखते हैं। ऐसे में हम उन्हें बैंकर कह सकते हैं जो बैंक के अधिकारी या कर्मचारी के रूप में अपना कार्य कर रहे होते हैं। अब वह चाहे सरकारी बैंक का अधिकारी हो या प्राइवेट बैंक का, सभी का बैंक में एक तरह का ही कार्य होता है और उनकी जवाबदेही भी बैंक व ग्राहकों के प्रति एक समान ही होती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि बैंकों का एक ही कर्तव्य होता है और वह होता है ग्राहकों को सभी तरह की वित्तीय सुविधाएँ व सेवाएं उपलब्ध (What is the duties of a banker in Hindi) करवाना।

ऐसे में बैंकर का कर्तव्य इन्हीं सेवाओं के प्रति लगन के साथ काम करना होता है और निर्वहन करना होता है। वैसे तो एक बैंकर के कई तरह के कार्य होते हैं जिनके बारे में हम आपको इस लेख के माध्यम से बताने वाले हैं लेकिन वह उनकी पोस्ट के अनुसार भिन्न भिन्न हो सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि बैंक में क्लर्क होता है तो पीओ भी होता है और मैनेजर भी होता है। सभी के कर्तव्य व दायित्व भिन्न भिन्न होते (What is the role of a banker in Hindi) हैं।

किन्तु इन सभी के बीच में जिस एक बात को लेकर समानता होती है वह होती है बैंक के प्रति अपने सभी तरह के उत्तरदायित्व का निर्वहन करना और ग्राहक को भगवान समान समझ कर उनकी सभी जरूरतों को पूरा (Banker ke kartavya in hindi) करना। ऐसे में एक बैंकर के क्या कुछ कर्तव्य होते हैं और किस तरह से वह इनका निर्वहन कर सकता है, आज हम आपको उसी के बारे में ही विस्तार से बताने वाले हैं। आइये जाने बैंकर के सभी कर्तव्यों के बारे में विस्तार से।

बैंकर के कर्तव्य क्या हैं? (Banker duties in Hindi)

जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि बैंक में काम कर रहे सभी तरह के अधिकारियों व कर्मचारियों को ही हम बैंकर के नाम से बुलाते हैं लेकिन अब उसमें कई तरह की पोस्ट हो जाती है। अब बैंक में काम कर रहा हरेक व्यक्ति और उसका काम अलग अलग होता है और उसी के अनुसार ही उसकी भर्ती की जाती (What are the duties and responsibilities of banker in Hindi) है। ऐसे में बैंक में आपको निम्नलिखित पोस्ट पर काम करते हुए व्यक्ति मिल जाएंगे:

बैंकर के कर्तव्य क्या हैं Banker duties in Hindi
  • क्लर्क
  • पीओ या प्रोबेशनरी ऑफिसर
  • बैंक मैनेजर
  • एसओ या स्पेशलिस्ट ऑफिसर
  • अन्य कर्मचारी जैसे कि सिक्योरिटी गार्ड या चौथी श्रेणी के कर्मचारी

अब बैंक में मुख्य तौर पर यह पांच तरह की पोस्ट होती है जिसके लिए बैंक में चयन किया जाता है। इसमें मैनेजर की पोस्ट सबसे बड़ी होती है जिस पर सीधे तौर पर हायरिंग नहीं की जाती है। एक व्यक्ति को कई वर्षों तक पीओ के पद पर रहने के बाद ही मैनेजर के रूप में नियुक्त किया जाता (Banker duties and responsibilities in Hindi) है। इसी तरह से बैंक में सबसे छोटी पोस्ट चौथी श्रेणी के कर्मचारी की हो जाती है और उसके बाद क्लर्क तथा बाद के अधिकारी आते हैं।

तो इस लेख के माध्यम से आप बैंकर के कर्तव्य और कार्यों के बारे में जानना चाह रहे थे, ऐसे में हम आपको प्रत्येक पद के अनुसार एक बैंकर का क्या कुछ कार्य होता है, उसके बारे में जानकारी देने वाले हैं।

बैंक क्लर्क के कर्तव्य (Bank clerk duties and responsibilities in Hindi)

सबसे पहले हम बात कर लेते हैं बैंक के क्लर्क के बारे में जिनसे आपका सबसे पहले सामना होता है या फिर यूँ कहें कि अधिकारी के रूप में आपका सबसे ज्यादा काम इन्हीं से ही पड़ता है। पहले के समय में क्लर्क की ही मुख्य भूमिका होती थी क्योंकि लोगों का बैंक में काम ज्यादातर पैसे जमा करवाने या पैसे निकलवाने से ही संबंधित होता है। तो बैंक में जो कर्मचारी कैश काउंटर पर बैठकर लोगों से पैसे लेने और पैसे देने का काम करता है, उसे ही हम क्लर्क के रूप में जानते हैं।

यदि आप भी बैंक में क्लर्क की नौकरी लेना चाहते हैं तो सामान्य तौर पर इसके लिए स्नातक की डिग्री या फिर बारहवीं तक ही डिग्री मांगी जाती है और आपका उसमें चयन हो जाता है। हालाँकि सरकारी बैंक में क्लर्क की नौकरी लगने के लिए आपका स्नातक तक पास होना आवश्यक हो जाता है। तो क्लर्क को मुख्य तौर पर अपने कर्तव्यों के रूप में पैसों के प्रबंधन का काम करना होता है।

वह सामान्य तौर पर कैश काउंटर पर बैठकर ग्राहकों के द्वारा जमा करवाए गए पैसों को लेता है, उसकी स्लिप को चेक करता है, कंप्यूटर में एंट्री करता है और उसके खाते में पैसे जमा करवा देता है। इसी के साथ ही जो ग्राहक चेक लेकर आये हैं और पैसे निकलवाने हैं, उसको देखता है और सत्यापन करके उन्हें पैसे दे देता है। इसी के साथ ही बैंक के सभी छोटे काम क्लर्क को ही करने होते हैं और यही उसका कर्तव्य होता है।

बैंक पीओ के कर्तव्य (Bank PO duties and responsibilities in Hindi)

बैंक में क्लर्क के बाद जिस पोस्ट का नंबर आता है उन्हें हम बैंक में पीओ के नाम से जानते हैं। आप भी हर वर्ष बैंक पीओ की होने वाली परीक्षा के बारे में सुनते होंगे। तो यह बैंक पीओ वे होते हैं जो कैश काउंटर के अलावा अलग से बने हुए काउंटर या केबिन में बैठते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि बैंक के कुछ कर्मचारी तो कैश काउंटर पर बैठते हैं जबकि कुछ कर्मचारी अलग से केबिन में बैठते हैं जो ओपन होता है।

अब आपको यदि लोन लेना है, बैंक की किसी सेवा का लाभ उठाना है या ऐसा ही कुछ अन्य काम करना है तो आपको बैंक क्लर्क से नहीं अपितु बैंक के पीओ से ही बात करनी होती है। एक तरह से यह बैंक के कर्मचारी ना होकर बैंक के अधिकारी होते हैं जिन पर बैंक का काम करने की मुख्य जिम्मेदारी होती है। बैंक के लगभग सभी महत्वपूर्ण कार्य इन्हीं पीओ के कंधों पर ही होते हैं।

तो यदि आपको बैंक में पैसों के लेनदेन के अलावा कुछ अन्य काम करवाना है, फिर चाहे वह ऋण, बीमा, योजना का लाभ, म्यूच्यूअल फंड, एफडी इत्यादि कुछ भी हो तो आपको बैंक पीओ के पास ही जाना होगा और उनके साथ बातचीत करनी होगी। इसके अलावा ऑनलाइन बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग से जुड़ी समस्या का समाधान भी इन्हीं पीओ के साथ ही किया जाता है। तो सभी बैंक पीओ का कर्तव्य ग्राहकों के साथ सीधे तौर पर डील करना होता है।

बैंक मैनेजर के कर्तव्य (Bank manager duties and responsibilities in Hindi)

यह किसी भी बैंक की शाखा में सबसे बड़ी पोस्ट या पद होता है। अब एक बैंक की शाखाएं देशभर में कई जगह खुली होती है। जिस बैंक की जितनी ज्यादा शाखाएं है, उसे उतना ही बड़ा बैंक माना जाता है। तो बैंक अपनी हरेक शाखा में मुख्य कार्यकारी अधिकारी बिठाता है जिस पर उस बैंक शाखा का पूरा नियंत्रण होता है। अब उस मुख्य कार्यकारी अधिकारी या बैंकर को ही हम सभी बैंक मैनेजर के नाम से जानते हैं। जो बैंक में पीओ का काम कर रहे होते हैं, वही आगे चलकर अपने अनुभव व काम के आधार पर बैंक मैनेजर की भूमिका में आते हैं।

तो बैंक मैनेजर वह व्यक्ति होता है जिसका उस शाखा में अलग से कमरा होता है और वहां आप सीधे तौर पर नहीं जा सकते हैं। बैंक मैनेजर से मिलने के लिए पहले अपॉइंटमेंट लेनी होती है जो वहां के पीओ से बात करके मिलती है। बैंक में उस शाखा से संबंधित जो भी बड़े निर्णय होते हैं, फिर चाहे वह बड़ा लोन पास करना हो या किसी योजना पर काम करना हो या कहीं निवेश करना हो या कुछ और, तो वह बैंक मैनेजर की अनुमति से ही हो पाता है।

ऐसे में पहले आपको पीओ से ही बात करनी होती है और उसके बाद की सभी कार्यवाही वही निभाता है। यदि उसके लिए बैंक मैनेजर से मिलना होगा तो आपकी उसके साथ मीटिंग भी पीओ ही फिक्स करता है और सभी फाइल्स इत्यादि को भी वही देखता है। बैंक मैनेजर तो बस तैयार हुई फाइल को देखकर अपनी इच्छा शक्ति के आधार पर उस पर आगे की कार्यवाही करने की अनुमति प्रदान कर देता है। तो बैंक के सभी बड़े निर्णयों को समझदारी से करने का कार्य बैंक मैनेजर का प्रमुख कर्तव्य होता है।

बैंक एसओ के कर्तव्य (Bank SO duties and responsibilities in Hindi)

अब इन सभी बैंकर के अलावा बैंक में एक अन्य तरह के अधिकारी भी होते हैं जिनसे हमारा पाला नहीं पड़ता है या फिर यह बैंक की ऐसी शाखा में होते हैं जहाँ पर आम नागरिकों का प्रवेश वर्जित होता है और किसी किसी को ही वहां प्रवेश मिलता है। यह बैंक के स्पेशलिस्ट ऑफिसर या अधिकारी होते हैं जो बैंक की शाखा में ही किसी अन्य मंजिल पर बैठते हैं या इनके लिए एक अलग कार्यालय की व्यवस्था की जाती है।

इन्हें हम सॉफ्टवेयर इंजीनियर, इलेक्ट्रिक इंजीनियर, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर, आईटी इंजीनियर इत्यादि कह सकते हैं। एक तरह से बैंक का इंटरनल काम जो कि ऑनलाइन कोडिंग या सिस्टम से जुड़ा होता है, वह इनके हाथ में ही होता है। आज के समय में प्रतिदिन लाखों करोड़ों के लेनदेन ऑनलाइन होते हैं और उसके लिए हम तरह तरह की वेबसाइट और ऐप का उपयोग करते हैं। इसी के साथ ही बैंक की भी खुद की वेबसाइट व ऐप होती है जिनका लाखों लोग उपयोग करते हैं।

तो उस वेबसाइट व ऐप का प्रबंधन, लोगों की रिक्वेस्ट पर काम करना और उस पर आगे की कार्यवाही करना, टेक्निकल प्रॉब्लम को सोल्व करना इत्यादि सब कार्य यही टीम देखती है। अब आपका सामना इनसे तब होता है जब आपके पैसे ऑनलाइन प्रक्रिया में कहीं अटक जाते हैं या ऐसी ही कुछ घटना घटित हो जाती है। ऐसे में आपको इन बैंकर से ही मिलने को भेजा जाता है और आप सारी स्थिति उनके सामने रखते हैं। फिर यही एसओ ही आपकी दुविधा का समाधान करके देते हैं।

अन्य कर्मचारियों के कर्तव्य

अब बैंक में इन सभी के अलावा कुछ ऐसे कर्मचारी भी होते हैं जो बैंक की व्यवस्था को बनाये रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इनमें सिक्योरिटी गार्ड से लेकर बैंक की चौथी श्रेणी के कर्मचारी, जैसे कि सफाई कर्मी, टॉयलेट साफ करने वाला, पेपर वर्क करने वाला, कैश भरने वाला, सिस्टम ठीक करने वाला, मशीन को चलाने वाला, पानी पकड़ाने वाला इत्यादि सभी आ जाते हैं।

बैंक में इनकी भूमिका भी बहुत ज्यादा महत्व वाली होती है। इन्हीं के द्वारा ही बैंक की पूरी व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाये रखने का काम होता है। इसी के साथ जो लोग बैंक में आ रहे हैं और उन्हें बैंकिंग प्रणाली के बारे में इतनी जानकारी नहीं है, उन्हें सही से मार्गदर्शन देना, कहाँ से क्या मिलेगा इसके बारे में बताना, यह सब कर्तव्य भी यह कर्मचारी बहुत अच्छे से निभाते हैं।

ऐसे में बैंक में इनकी भूमिका को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है क्योंकि ये अपने कर्तव्य से बढ़कर ही काम करते हैं। सामान्य तौर पर यह बैंक में बैंकर या क्लर्क की ही भूमिका निभा रहे होते हैं। बस इनके हाथ में पैसों का प्रबंधन नहीं दिया जाता है लेकिन इन्हें क्लर्क की ही भांति ही सभी तरह की जानकारी होती है जो आम ग्राहकों के लिए बैंक के प्रति अनुभव बेहतर बनाने का कार्य करते हैं।

बैंकर के कर्तव्य क्या हैं – Related FAQs 

प्रश्न: बैंकर कर्तव्य क्या हैं?

उत्तर: बैंकर के कर्तव्य हमने ऊपर के लेख के माध्यम से विस्तार से बताएं हैं जो आपको पढ़ने चाहिए।

प्रश्न: एक बैंकर के दायित्व क्या हैं?

उत्तर: बैंकर के दायित्व आपको ऊपर के लेख के माध्यम से जानने को मिलेंगे जो आप पढ़ सकते हो।

प्रश्न: बैंक में क्लर्क की क्या ड्यूटी होती है?

उत्तर: बैंक में जो कर्मचारी कैश काउंटर पर बैठकर लोगों से पैसे लेने और पैसे देने का काम करता है, उसे ही हम क्लर्क के रूप में जानते हैं।

प्रश्न: बैंक में पीओ क्या काम करता है?

उत्तर: अब आपको यदि लोन लेना है, बैंक की किसी सेवा का लाभ उठाना है या ऐसा ही कुछ अन्य काम करना है तो आपको बैंक क्लर्क से नहीं अपितु बैंक के पीओ से ही बात करनी होती है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने बैंकर के क्या कर्तव्य होते हैं इसके बारे में जानकारी हासिल कर ली है। हमने आपको बैंक क्लर्क, पीओ, एसओ, मैनेजर और अन्य कर्मचारियों के कर्तव्य क्या हैं यह विस्तार से बताया है। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई प्रश्न आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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