विंध्यागिरी युद्धपोत किसके द्वारा लॉन्च किया गया है? | इसे यह नाम क्यों दिया गया है? | विंध्यागिरी युद्धपोत की क्या खासियत है?

विंध्यागिरी युद्धपोत किसके द्वारा लॉन्च किया गया है? | इसे यह नाम क्यों दिया गया है? | विंध्यागिरी युद्धपोत की क्या खासियत है? | Who has launched battleship vindhyagiri? | Why it has been given this name? | What are the specialities of vindhyagiri battleship? | What is Navy ||

इतिहास गवाह है कि दुश्मन ने हमें जब-जब आंख दिखाई है, तब-तब हमारे देश की जांबाजों ने उसे मुंह तोड़ जवाब दिया है। हमारी सेना को लगातार नए नए साजो-सामान से लैस किया जाता रहा है। इसके अलावा आवश्यकता के अनुसार और दुश्मन की क्षमता पर नजर रखते हुए इसके हथियारों, लड़ाकू विमानों एवं युद्धपोतों को भी अपग्रेड किया जाता रहा है। इसी क्रम में नई कड़ी विंध्यागिरी की भी जुड़ी है। आज इस पोस्ट में हम आपको इस युद्धपोत के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं –

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नौसेना क्या होती है? (What is Navy?)

दोस्तों इससे पूर्व कि हम आगे बढ़े आइए सबसे पहले यह जान लेते हैं कि नौसेना क्या होती है? (What is Navy)? साथियों , यदि साधारण शब्दों में कहें तो किसी देश की संगठित समुद्री सेना नौसेना कहलाती है। आपको बता दें दोस्तों कि नौसेना के पास से देश की समुद्री सीमाओं (marine borders) की सुरक्षा का जिम्मा होता है।

विंध्यागिरी युद्धपोत किसके द्वारा लॉन्च किया गया है

इसके अंतर्गत युद्धपोत (battleship), क्रूज़र (cruiser), वायुयानवाहक, ध्वंसक (destroyer), सुरंगें बिछाने, उन्हें नष्ट करने के साधन एवं सैनिक आदि सभी कुछ आता है। इसके अतिरिक्त समुद्री तटों पर निर्माण (construction) , उनकी देखभाल (care), प्रशासन (administration), कमान, आयोजन आदि को भी इसमें शामिल किया जाता है।

भारतीय नौसेना की स्थापना कब हुई? When Indian Navy was established?)

दोस्तों, यदि भारतीय नौसेना के गठन के इतिहास पर जाएं तो उसका सिरा अंग्रेजों के शासनकाल से जुड़ा है। ब्रिटिश (British) व्यापारियों के जहाजों की रक्षा के लिए सन् 1612 में ईस्ट इंडिया कंपनी मरीन (East India company marine) का गठन किया गया था।

भारत को आजादी (independence) मिलने के बाद रॉयल इंडियन नेवी (Royal Indian Navy) का नाम बदलकर इंडियन नेवी (Indian Navy) यानी भारतीय नौसेना कर दिया गया। इसकी स्थापना (establishment) 26 जनवरी, सन् 1950 को भारतीय गणतंत्र के लागू होने के दिन हुई।

दोस्तों, हमारे भारत देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय नौसेना की ही है। आजादी से लेकर अभी तक नौसेना ने अपनी इस जिम्मेदारी का निर्वहन बखूबी किया है। उसने अपने जंगी जहाजों के जरिए दुश्मन के हौसलों को पस्त किया है। साथ ही, थल सेवा एवं वायु सेवा को भी अवसर आने पर भरपूर सहयोग प्रदान किया है।

भारतीय नौसेना के कितने भाग हैं? There are how many parts of Indian Navy?)

दोस्तों, अब आपको भारतीय नौसेना से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं और आपको बताते हैं कि भारतीय नौसेना के कितने भाग हैं? मित्रों, भारतीय नौसेना मुख्यतः रुप से तीन भागों में बंटी है- वेस्टर्न नेवल कमांड (western naval command), इसका हेडक्वार्टर मुंबई (headquarter Mumbai) में है।

इसके बाद ईस्टर्न नेवल कमांड (eastern naval command), जिसका हेडक्वार्टर यानी मुख्यालय विशाखापत्तनम (vishakhapattnam) में है एवं दक्षिणी नेवल कमांड (southern naval command), इसका मुख्यालय कोच्चि में स्थित है। दोस्तों, इनमें वेस्टर्न व ईस्टर्न कमांड ऑपरेशनल कमांड (operational command) हैं। ये अरब सागर (Arabean सी) एवं बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) की मॉनिटरिंग हैं, जबकि दक्षिणी नेवल कमांड ट्रेनिंग कमांड (training command) है।

वर्तमान में भारतीय नौसेना प्रमुख कौन है? (At present who is the chief of naval staff? )

दोस्तों, आपको बता दें कि भारत में राष्ट्रपति भारतीय नौसेना के सुप्रीम कमांडर (supreme commander) होते हैं, जो कि वर्तमान में द्रोपदी मुर्मू हैं। लेकिन बात नौसेना प्रमुख की करें तो वर्तमान में एडमिरल आर हरि कुमार (Admiral R Hari kumar) भारतीय नौसेना के 25वें प्रमुख हैं। आपको बता दें कि चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एक 4 स्टार अधिकारी होता है। इसे एडमिरल (admiral) पुकारा जाता है।

भारतीय नौसेना में विंध्यागिरी क्या है? (What is vindhyagiri in Indian Navy?)

दोस्तों, आपको बता दें कि विंध्यागिरी एक जंगी जहाज है। यह भारतीय नौसेना (Indian Navy) के प्रोजेक्ट 17 अल्फा (Project 17 Alfa) यानी पी17ए का छठा नौसैन्य युद्धपोत है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह युद्धपोत प्रोजेक्ट 17 क्लास फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) का फॉलो-ऑन (follow-on) हैं।

दोस्तों, आपको बता दें कि पुराने विंध्‍यगिरि ने 8 जुलाई, 1981 से लेकर 11 जून, 2012 तक अपनी 31 साल की सेवा में कई चुनौतीपूर्ण अभियानों में हिस्सा लिया। दोस्तों, विशेष बात यह है कि नया विंध्यागिरी युद्धपोत अपने पूर्ववर्तियों की अपेक्षा तकनीकी रूप से (technically) बेहद उन्नत (upgraded) है। यह स्टील्थ विशेषता, उन्नत हथियारों (weapons), सेंसर (sensor) एवं प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (platform management system) आदि से लैस है।

पी17ए के तहत पहले युद्धपोत का जलावतरण कब हुआ? (When the first battleship under p7a was came into service?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि प्रोजेक्ट 17 अल्फा के तहत पहले युद्धपोत का जलावतरण 2019 एवं 2022 के बीच हुआ था। लगे हाथों आपको यह भी बता दें कि कोलकाता (Kolkata) स्थित युद्धपोत निर्माता गार्डन रीच शिप बिल्डर्स इंजीनियर्स लिमिटेड (garden reach ship builders engineers limited) यानी जीआरएसई (GRSE) द्वारा इस परियोजना (project) के तहत नौसेना के लिए तैयार किया गया विंध्यागिरी उसका तीसरा एवं आखिरी युद्धपोत है।

खास बात यह है कि इस युद्धपोत के उपकरण एवं पी17ए जहाजों की प्रणालियों (systems) के लिए विदेशी फर्मों (foreign firms) के साथ ही करीब 75 प्रतिशत ऑर्डर (order) स्वदेशी कंपनियों (combat companies) से हैं। इनमें सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यम (micro, small and medium enterprises) यानी एमएसएमई (MSME) भी शामिल हैं।

विंध्यागिरी युद्धपोत को यह नाम क्यों दिया गया है? (Why vindhyagiri battleship has been given this name?)

दोस्तों, अब आप आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि इस युद्धपोत को विंध्यागिरी नाम क्यों दिया गया है? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रोजेक्ट 17 अल्फा के तहत जो युद्धपोत उतारे गए हैं, उनके नाम कर्नाटक (Karnataka) की पर्वत श्रृंखला (mountain range) के नाम पर रखे गए हैं। इसी क्रम में इस युद्धपोत का नाम भी विंध्यगिरी दिया गया है। इससे पूर्व इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत लॉन्च किए गए नौसेना के 5 युद्धपोतों के नाम आईएनएस (INS) नीलगिरी (neelgiri), उदयगिरी (Udaygiri), हिमगिरी (himgiri), तारागिरी (taragiri) एवं दूनागिरी (doonagiri) रखे गए हैं।

विंध्यागिरी युद्धपोत किसके द्वारा लॉन्च किया गया है? (Who has launched battleship vindhyagiri?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि विंध्यागिरी युद्धपोत को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा लॉन्च किया गया है। उन्होंने 17 अगस्त, 2024 को कोलकाता में हुगली नदी (hugli river) के तट पर स्थित ‘गार्डन रीच शिप बिल्डर्स इंजीनियर्स लिमिटेड’ (जीआरएसई) केंद्र में इसका जलावतरण किया। दोस्तों , माना जा रहा है कि इस विंध्यागिरी युद्धपोत की लॉन्चिंग से भारत की समुद्री एवं सामरिक ताकत में और अधिक इजाफा होगा।

विंध्यागिरी युद्धपोत की क्या खासियत हैं? (What are the specialities of vindhyagiri battleship?)

दोस्तों, आइए एक नजर विंध्यागिरी युद्धपोत की खासियतों पर डाल लेते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • विंध्यागिरी हमारे देश भारत के स्वदेशी प्रोजेक्ट 17-A फ्रिगेट का छठा युद्धपोत है।
  • समुद्र की लहरों पर विंध्यागिरी 28 नॉट्स यानी कि करीब 52 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार (speed) से दौड़ सकता है ।
  • विंध्यागिरी अपने साथ करीब 6,670 टन असलहा एवं दूसरे सामान का लोड लेकर जा सकता है।
  • विंध्यागिरी बराक-8 मिसाइल लॉन्च करने में भी सक्षम है।
  • यह मिसाइल गाइडेड युद्धपोत घातक मिसाइल ब्रह्मोस (brahmos) को भी लॉन्च करने में सक्षम है। विंध्यागिरी अत्याधुनिक रडार सिस्टम के साथ ही एंटी सब मरीन वेपन सिस्टम (anti sub marine weapon system) से लैस है
  • विंध्यागिरी युद्धपोत की लंबाई 149 मीटर, जबकि इसकी ऊंचाई 37 मीटर है।
  • यह वायु (air), सतह (surface) और सतह से नीचे (below the surface) तीनों तरफ से आने वाले खतरों को बेअसर करने में सक्षम है।

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नौसेना क्या है?

किसी भी देश की संगठित समुद्री सेना नौसेना कहलाती है।

भारतीय नौसेना की स्थापना कब हुई?

भारतीय नौसेना की स्थापना आज से करीब 73‌ वर्ष पूर्व 26 जनवरी, 1950 को हुई थी।

भारत में नौसेना का इतिहास कितना पुराना है?

भारत में नौसेना का इतिहास अंग्रेजों के शासनकाल से जुड़ा है।

वर्तमान में भारतीय नौसेना प्रमुख कौन हैं?

वर्तमान में एडमिरल आर हरि कुमार भारतीय नौसेना प्रमुख हैं।

विंध्यागिरी क्या है?

यह भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17 अल्फा Project 17 Alfa यानी पी17ए का छठा नौसैन्य युद्धपोत है। यह मिसाइल युद्धपोत है।

विंध्यागिरी युद्धपोत की लॉन्चिंग किसने की है?

विंध्यागिरी युद्धपोत की लॉन्चिंग राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा 17 अगस्त, 2024 को कोलकाता में की गई है।

विंध्यागिरी युद्धपोत को यह नाम कहां से मिला है?

विंध्यागिरी युद्धपोत का यह नाम कर्नाटक की पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है।

विंध्यागिरी युद्धपोत की खासियतें क्या हैं?

इन खासियतों को हमने बिंदुवार आपको ऊपर पोस्ट में बताया है। आप वहां से देख सकते हैं।

विंध्यागिरी युद्धपोत की लंबाई और वजन कितना है?

विंध्यागिरी युद्धपोत की लंबाई 149 मीटर, जबकि ऊंचाई 37 मीटर है।

विंध्यागिरी की गति कितनी है?

विंध्यागिरी युद्धपोत की गति 28 नॉट्स यानी समुद्री मील है।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको युद्धपोत विंध्यागिरी के बारे में जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी और आपकी जानकारी बढ़ाएगी। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई सवाल या सुझाव है तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हमें लिख भेजें। हम उसका जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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