|| भारत में कितने राजनीतिक दल हैं? | Bharat me kitne raajnitik dal hai | भारत के राष्ट्रीय राजनीतिक दल | How many political parties are there in India | Bharat me kitne rajnitik party hai | भारत के अन्य राजनीतिक दल ||
Bharat me kitne raajnitik dal hai :- भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहाँ पर समय समय पर कई तरह के चुनाव होते रहते हैं। इनमें लोकसभा से लेकर विधान सभा के चुनाव प्रमुख है। इनके अलावा नगर निगम, नगर पालिका, पंचायती राज, विधान परिषद, राज्य सभा, इत्यादि के चुनाव भी आते हैं। हालाँकि जनता द्वारा केवल तीन लोगों को ही चुना जाता है जिन्हें हम क्रमानुसार सांसद, विधायक व पार्षद कह कर संबोधित करते (Bharat me kitne rajnitik dal hai) हैं। अब यह सभी लोग या तो किसी राजनीतिक दल के साथ जुड़े होते हैं या फिर निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ते हैं।
यह राजनीतिक दल भी राष्ट्रीय स्तर से लेकर राज्य स्तर के या लोकल स्तर के होते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि कुछ कुछ राजनीतिक दल तो राष्ट्रीय स्तर के होते हैं या उन्हें राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी का दर्जा मिला हुआ होता है। वहीं कुछ राजनीतिक दल राज्य स्तर के होते हैं और उनका प्रभाव एक ही राज्य या कुछ राज्यों तक ही सीमित होता (Bharat me kitne raajnitik party hai) है। वहीं कुछ राजनीतिक दल लोकल स्तर के होते हैं और उनका प्रभाव अपने राज्य के एक सीमाई क्षेत्र या भूभाग तक ही होता है या अपनी जाति के लोगों में होता है।
ऐसे में हमारे देश में समय समय पर चुनाव होते हैं और उनमें तरह तरह की राजनीतिक पार्टियाँ भाग लेती है। आप भी जब कभी भी चुनावी प्रक्रिया में भाग लेते होंगे और वोट डालने जाते होंगे तो वहां आपको प्रत्याशियों की एक लंबी चौड़ी सूची दिखाई देती (Bharat me kitne rajnitik party hai) होगी। आपको उनमे से किसी एक प्रत्याशी को अपना नेता चुनना होता है और फिर अगले पांच वर्षों तक वही हम सभी का प्रतिनिधित्व करता है।
ऐसे में भारत देश में कुल कितने राजनीतिक दल है, यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। साथ ही उस राजनीतिक दल का दर्जा क्या है अर्थात वह एक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा लिए हुए है या उसे राज्य स्तर की या लोकल पार्टी का दर्जा प्राप्त है। आज के इस लेख में हम आपके साथ इसी विषय के ऊपर ही बातचीत करने वाले हैं। आइये जाने भारत में कितने राजनीतिक दल हैं।
भारत में कितने राजनीतिक दल हैं? (Bharat me kitne raajnitik dal hai)
आपने प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों के नाम पर भाजपा व कांग्रेस का नाम सुना होगा जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के बाद से हमारे देश पर राज किया है। हालाँकि जब हमारे देश से अंग्रेज शासन करके गए थे तब उस समय सत्ता के हस्तांतरण के रूप में अंग्रेजों से कांग्रेस पार्टी को भारत देश की शीर्ष सत्ता सौंपी गयी (Bharat me kitni rajnitik party hai) थी। उस सत्ता का प्रमुख अंग्रेज़ों व महात्मा गांधी के पसंदीदा जवाहर लाल नेहरु को बनाया गया था जो भोग विलासिता में डूबे रहते थे और देश के कर्मठ नेता सरदार वल्लभ भाई पटेल को दरकिनार कर दिया गया था।
अब देश में तीन तरह की पार्टियाँ है जिन्हें हम राष्ट्रीय पार्टी, लोकल या राज्य स्तर की पार्टी तथा अपरिचित पार्टियाँ कह सकते हैं। तो हम इन्हें क्रमानुसार जानेंगे और किस तरह से एक पार्टी को राष्ट्रीय या लोकल पार्टी का दर्जा दिया जाता है, उसके बारे में भी जानेंगे।
भारत के राष्ट्रीय राजनीतिक दल (Bharat me kitne rashtriya raajnitik dal hai)
अब सबसे पहले बात करते हैं भारत में राष्ट्रीय पार्टियों के बारे में। इसमें समय समय पर चुनाव दल बदलाव करता रहता है और उसके अनुसार बनाये गए मापदंडों के अनुरूप ही किसी पार्टी को राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के रूप में मान्यता मिलती (Bharat me kitne rashtriya rajnitik dal hai) है। इसमें से चुनाव आयोग के द्वारा कुछ मापदंड बनाये गए हैं जो किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे सकती है तो उनसे यह दर्जा छीन भी सकती है।
इसके लिए चुनाव आयोग के द्वारा तीन तरह के नियम बनाये गए हैं जिनमे से किसी एक या उससे अधिक को किसी पार्टी को पूरा करना होता है और उसे पूरा करते ही वह देश में राष्ट्रीय पार्टी बन जाती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि कोई राजनीतिक दल इन तीनो में से किसी एक नियम को पूरा कर देता है तो वह राष्ट्रीय राजनीतिक दल बन जाता (Bharat me kitni rashtriya rajnitik party hai) है। तो भारत देश में राष्ट्रीय राजनीतिक दल बनने के लिए जो नियम बनाये गए हैं, वह इस प्रकार हैं:
- देश की लोकसभा में कुल 543 सीट है और राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए देश के कम से कम तीन अलग अलग राज्यों में लोकसभा की कम से कम 2 प्रतिशत सीट जीतनी होती है अर्थात राजनीतिक पार्टी के कम से कम तीन अलग अलग राज्यों से लगभग 11 या उससे अधिक सांसद होने चाहिए।
- उस राजनीतिक दल को लोकसभा या राज्यों के विधान सभा के चुनावों में चार अलग अलग राज्यों से कम से कम 6 प्रतिशत वोट मिलते हो तथा इसके साथ ही उसके कम से कम 4 लोकसभा सांसद भी हो। इस तरह से वे चार लोकसभा सांसद चाहे एक राज्य से हो या अधिक यह मायने नहीं रखता है, बेशक उसके वोट प्रतिशत का आंकड़ा चार भिन्न भिन्न राज्यों में 6-6 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए और वो भी लोकसभा या विधान सभा के।
- अंतिम नियम के अनुसार उस राजनीतिक दल को चार भिन्न भिन्न राज्यों में एक राज्य पार्टी का दर्जा मिल जाता है जिसके नियम हम आपको नीचे राज्य स्तर की पार्टियों के नाम बताते समय बतायेंगे।
तो इस तरह से भारत देश में राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी बनने के लिए ऊपर बताये गए तीनो नियमों में से किसी भी एक नियम का पालन करना होता है। इसके पूरा होते ही चुनाव आयोग उस पार्टी को राज्य पार्टी से राष्ट्रीय स्तर की पार्टी का दर्जा दे देता है। अब हमारे देश में कुल 6 राजनीतिक दल राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित हैं, आइये उनके बारे में जान लेते हैं।
क्र.सं. | नाम | चुनाव चिन्ह | स्थापना | अध्यक्ष |
1. | भारतीय जानता पार्टी/ भाजपा | कमल का फूल | अप्रैल 1980 | जगत प्रकाश नड्डा |
2. | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस/ कांग्रेस | हाथ | दिसंबर 1885 | मल्लिकार्जुन खड्गे |
3. | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)/ सीपीआईएम | हथौड़ा, दरांती व सितारा | नवंबर 1964 | सीताराम येचुरी |
4. | बहुजन समाज पार्टी | हाथी | अप्रैल 1984 | मायावती |
5. | आम आदमी पार्टी | झाड़ू | नवंबर 2012 | अरविंद केजरीवाल |
6. | नेशनल पीपुल्स पार्टी | पुस्तक | जनवरी 2013 | कोनराड संगमा |
तो इस तरह से आपने देश की 6 की 6 राष्ट्रीय पार्टियों के नाम जान लिए हैं जिनमे से सबसे बड़ी पार्टी आज के समय में भाजपा है और अन्य कोई भी पार्टी इसके बराबर तो क्या दूर दूर तक नहीं है। यहाँ तक कि बाकि सभी पांच राष्ट्रीय दलों को मिला दिया जाए तो भी वे भाजपा के सामने चींटी के बराबर हैं। भाजपा के देशभर के 31 विधानसभाओं में से अपने कुल 10 तथा गठबंधन सहयोगियों के पांच मुख्यमंत्री हैं।
इसी के साथ ही भाजपा की लोकसभा की कुल 543 सीट में से अपने कुल 300 सांसद है अर्थात आधे से भी अधिक। वहीं राज्यसभा के 245 सांसदों में से भाजपा के 93 सांसद है। देशभर में कुल 4123 विधायक अलग अलग राज्यों में हैं जिनमे से भाजपा के कुल 1375 विधायक है। वहीं राज्य परिषदों की कुल 426 सीट में से भाजपा के पास कुल 165 सीट है।
भारत के राज्य स्तर के राजनीतिक दल
अभी तक आपने भारत देश की राष्ट्रीय पार्टियों के बारे में जानकारी ले ली है किन्तु अब आपका भारत में स्थित राज्य स्तर के दलों के बारे में भी जानना आवश्यक है। इनके लिए भी चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाये हुए हैं और उन नियमों का पालन किये जाने के पश्चात ही किसी पार्टी को राज्य पार्टी का दर्जा मिलता है। अब किसी राजनीतिक दल को एक या एक से अधिक राज्यों में राज्य पार्टी का दर्जा मिल सकता है और वह उन्हीं राज्य में ही इसका लाभ उठा सकती है।
एक राज्य पार्टी ज्यादा से ज्यादा तीन राज्यों में ही राज्य पार्टी का दर्जा हासिल कर सकती है क्योंकि जैसे ही उसे चौथे राज्य में भी राजनीतिक पार्टी का दर्जा मिल जाता है तो इसके पश्चात वह राज्य पार्टी ना रह कर राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बन जाती है। राज्य स्तर की पार्टी घोषित होने के लिए चुनाव आयोग ने पांच नियम बनाये हुए हैं जिनमे से किसी एक नियम का पालन करने पर ही उस पार्टी को राज्य पार्टी का दर्जा मिल जाता है। तो यह नियम हैं:
- राज्य पार्टी बनने के लिए उस राजनीतिक दल को उस राज्य की विधानसभा में डाले गए कुल वैध वोट में से कम से कम 6 प्रतिशत वोट हासिल करने होते हैं और इसी के साथ ही कम से कम 2 विधानसभा सीट पर विजय प्राप्त करनी होती है।
- उसे उस राज्य के लोगों के द्वारा डाले गए लोकसभा के चुनाव का कम से कम 6 प्रतिशत वोट प्राप्त करना होगा और साथ ही कम से कम एक लोकसभा की सीट जीतनी होगी।
- यदि वह अपने राज्य की कुल विधान सभा की सीट का 3 प्रतिशत सीट जीत लेती है या फिर कम से कम 3 सीट हासिल करती है, इन दोनों में से जो भी अधिक है। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि किसी विधानसभा की सीट 60 है तो 3 प्रतिशत के हिसाब से वहां 2 सीट होती है इस तरह से उसे इस राज्य में कम से कम 3 सीट जीतनी होगी तभी वह राज्य पार्टी बनेगी। वहीं यदि विधान सभा के सदस्यों की संख्या 180 है तो वहां 3 प्रतिशत के हिसाब से कुल 6 सीट होगी तो उसे 6 सीट तो जीतनी ही होगी।
- उस राज्य को लोकसभा के लिए आवंटित की गयी प्रति 25 सीट में से कम से कम एक लोकसभा की सीट को जीतना होगा।
- इन सभी के अलावा एक नया नियम भी चुनाव आयोग के द्वारा जोड़ा गया है जिसके अनुसार यदि उस राजनीतिक दल को अपने राज्य में कुल वैध मतों का 8 प्रतिशत या इससे अधिक मत मिलता है तो वह वहां की राज्य पार्टी मानी जाएगी।
अब यदि कोई राजनीतिक दल इनमे से किसी भी एक नियम का पालन कर लेता है तो उसे राज्य पार्टी का दर्जा मिल जाता है। वह रजनीतिक दल एक से अधिक राज्यों में यह दर्जा प्राप्त कर सकता है। हमारे देश में कुछ पार्टियाँ 3 राज्यों में राज्य पार्टी है तो कुछ दो राज्यों में तो अधिकांश एक ही राज्य में राजनीतिक दल है। आइये क्रमानुसार उन सभी के नाम व अन्य परिचय जान लेते हैं।
नाम | स्थापना | अध्यक्ष | राज्य |
3 राज्यों में राज्य पार्टी | |||
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी | 1925 | डी राजा | केरल, मणिपुर, तमिलनाडु |
जनता दल (सेक्युलर) | 1999 | एचडी देवेगौड़ा | अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल |
जनता दल (यूनाइटेड) | 2003 | नीतीश कुमार | अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मणिपुर |
तृणमूल कांग्रेस | 1998 | ममता बनर्जी | पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय |
2 राज्यों में राज्य पार्टी | |||
अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम | 1972 | एडप्पादी के पलानीस्वामी | पुडुचेरी, तमिलनाडु |
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम | 1949 | एमके स्टालिन | पुडुचेरी, तमिलनाडु |
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) | 2021 | चिराग पासवान | बिहार, नागालैंड |
नागा पीपुल्स फ्रंट | 2002 | कुझोलुज़ो निएनु | मणिपुर, नागालैंड |
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी | 1999 | शरद पवार | महाराष्ट्र, नागालैंड |
राष्ट्रीय जनता दल | 1997 | लालू प्रसाद यादव | बिहार, झारखंड |
तेलुगु देशम पार्टी | 1982 | एन. चंद्रबाबू नायडू | आंध्र प्रदेश, तेलंगाना |
1 राज्यों में राज्य पार्टी | |||
अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक | 1939 | देवव्रत बिस्वास | पश्चिम बंगाल |
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन | 1958 | असदुद्दीन ओवैसी | तेलंगाना |
अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस | 2011 | एन रंगास्वामी | पोंडिचेरी |
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट | 2005 | बदरुद्दीन अजमल | असम |
ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन | 1986 | सुदेश महतो | झारखंड |
अपना दल (सोनेलाल) | 2016 | अनुप्रिया पटेल | उत्तर प्रदेश |
असम गण परिषद | 1985 | अतुल बोरा | असम |
भारत राष्ट्र समिति | 2001 | के चंद्रशेखर राव | तेलंगाना |
बीजू जनता दल | 1997 | नवीन पटनायक | ओड़िसा |
बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट | 2005 | हगरामा मोहिलरी | असम |
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन | 1974 | दीपांकर भट्टाचार्य | बिहार |
देसिया मुरपोक्कु द्रविड़ कषगम | 2005 | विजयकांत | तमिलनाडु |
गोवा फॉरवर्ड पार्टी | 2016 | विजय सरदेसाई | गोवा |
हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी | 1968 | केपी पांगनियांग | मेघालय |
भारतीय राष्ट्रीय लोकदल | 1996 | ओमप्रकाश चौटाला | हरियाणा |
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग | 1948 | हैदरअली शिहाब थंगल | केरल |
इंडिजिनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा | 2009 | एनसी देबबर्मा | त्रिपुरा |
जम्मू और कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस | 1932 | फारूक अब्दुल्ला | जम्मू व कश्मीर |
जम्मू और कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी | 1982 | भीम सिंह | जम्मू व कश्मीर |
जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी | 1999 | महबूबा मुफ्ती | जम्मू व कश्मीर |
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ | 2016 | रेणु जोगी | छत्तीसगढ़ |
जननायक जनता पार्टी | 2018 | दुष्यंत चौटाला | हरियाणा |
झारखंड मुक्ति मोर्चा | 1972 | शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन | झारखंड |
केरल कांग्रेस | 1979 | जोस के. मणि | केरल |
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना | 2006 | राज ठाकरे | महाराष्ट्र |
महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी | 1963 | दीपक धवलीकर | गोवा |
मिजो नेशनल फ्रंट | 1961 | जोरामथांगा | मिजोरम |
नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी | 2017 | नेफ्यू रियो | नागालैंड |
पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल | 1977 | कामेन रिंगू | अरुणाचल प्रदेश |
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी | 2021 | पशुपति कुमार पारस | बिहार |
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी | 2020 | हनुमान बेनीवाल | राजस्थान |
रिवोल्यूशनरी गोवांस पार्टी | 2022 | वीरेश बोरकर | गोवा |
क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी | 1940 | मनोज भट्टाचार्य | केरल |
समाजवादी पार्टी | 1992 | अखिलेश यादव | उत्तर प्रदेश |
शिरोमणि अकाली दल | 1920 | सुखबीर सिंह बादल | पंजाब |
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट | 1993 | पवन कुमार चामलिंग | सिक्किम |
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा | 2013 | प्रेम सिंह तमांग | सिक्किम |
शिवसेना | 1966 | एकनाथ शिंदे | महाराष्ट्र |
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) | 2022 | उद्धव ठाकरे | महाराष्ट्र |
टिपरा मोथा पार्टी | 2022 | प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मा | त्रिपुरा |
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी | 1997 | मेटबाह लिंगदोह | मेघालय |
यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल | 2015 | उरखाओ गवरा ब्रह्म | असम |
जनता की आवाज पार्टी | 2021 | अर्देंट मिलर बसाइवमोइत | मेघालय |
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी | 2011 | वाईएस जगन मोहन रेड्डी | आंध्र प्रदेश |
ज़ोरम नेशनलिस्ट पार्टी | 1997 | लालदुहोमा | मिजोरम |
तो इस तरह से वर्तमान समय में ऊपर दी गयी सूची में लिखित राजनीतिक दलों को ही एक या ज्यादा से ज्यादा तीन राज्यों में राज्य पार्टी का दर्जा प्राप्त है। इनके अलावा कोई भी ऐसी पार्टी नहीं है जिन्हें किसी भी राज्य में राज्य पार्टी का दर्जा मिला हुआ हो। इसके बाद कुछ ऐसी पार्टियाँ आती हैं जिन्हें ना तो राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है और ना ही वे राज्य पार्टी हैं। आइये उनके बारे में भी जान लेते हैं।
भारत के अन्य राजनीतिक दल
अब ऐसी भी कई राजनीतिक पार्टियाँ है जो किसी एक राज्य या एक से अधिक राज्य में तो लडती है लेकिन वे राज्य पार्टी के लिए बनाये गए किसी भी नियम का पालन नहीं कर पायी (Bharat me rajnitik dal ki sankhya kitni hai) है। इसी कारण उन्हें राज्य पार्टी का दर्जा नहीं मिल पाया है लेकिन वे भी कुछ भूभाग पर अपना प्रभाव रखती है और राष्ट्रीय पार्टी से लेकर राज्य स्तर की पार्टी को नाकों तले चने चबा देती है। उनके नाम हैं:
नाम | स्थापना | अध्यक्ष | राज्य |
अखिल भारतीय हिन्दुस्तान कांग्रेस पार्टी | 2015 | बुद्ध प्रकाश शर्मा | गुजरात, राजस्थान |
अखिल भारतीय महिला अधिकारिता पार्टी | 2017 | नोहेरा शेख | तेलंगाना, कर्नाटक |
अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम | 2018 | टीटीवी दिनाकरन | तमिलनाडु |
अमरा बंगाली | 1983 | प्रभात रंजन सरकार | पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा |
बहुजन मुक्ति पार्टी | 2012 | वी एल मतंग | बिहार, उत्तर प्रदेश |
भारतीय अल्पसंख्यक सुरक्षा महासंघ | 1983 | सुंदर शेखर | महाराष्ट्र |
द्रविड़ कज़गम | 1944 | के वीरमणि | तमिलनाडु, पुडुचेरी |
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा | 2007 | बिमल गुरुंग | पश्चिम बंगाल |
गोवा सुरक्षा मंच | 2016 | सुभाष वेलिंगकर | गोवा |
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी | 1991 | हीरा सिंह मरकाम | छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र |
हिन्दू सेना | 2011 | विष्णु गुप्ता | नयी दिल्ली |
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा | 2015 | जीतन राम मांझी | बिहार |
इंदिया जननायगा काची | 2010 | टीआर पारिवेन्द्र | तमिलनाडु |
भारतीय गांधीवादी पार्टी | 2012 | आशिन यू.एस | केरल |
इंडियन सेक्युलर फ्रंट | 2021 | नवसद सिद्दीकी | पश्चिम बंगाल |
इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल | 2001 | तौकीर रजा खान | उत्तर प्रदेश |
जम्मू और कश्मीर अपनी पार्टी | 2020 | अल्ताफ बुखारी | जम्मू और कश्मीर |
जम्मू और कश्मीर वर्कर्स पार्टी | 2020 | मीर जुनैद | जम्मू और कश्मीर |
जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) | 2015 | पप्पू यादव | बिहार, उत्तर प्रदेश |
भारत की जन शक्ति पार्टी | 2015 | गुरजीत सिंह आजाद | पंजाब |
जन सेना पार्टी | 2014 | पवन कल्याण | आंध्र प्रदेश, तेलंगाना |
जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) | 2018 | रघुराज प्रताप सिंह | उत्तर प्रदेश |
कर्नाटक राष्ट्र समिति | 2019 | रवि कृष्ण रेड्डी | कर्नाटक |
केरल कांग्रेस | 1964 | पीजे जोसेफ | केरल |
केरल कांग्रेस (बी) | 1989 | आर बालकृष्ण पिल्लई | केरल |
केरल कांग्रेस (जैकब) | 1991 | अनूप जैकब | केरल |
कोंगुनाडु मक्कल देसिया काची | 2013 | ईआर ईश्वरन | तमिलनाडु |
कोंगुनाडु मक्कल काची | 2000 | एएम राजा | तमिलनाडु |
लोक सत्ता पार्टी | 2006 | जय प्रकाश नारायण | आंध्र प्रदेश, तेलंगाना |
लोक इंसाफ पार्टी | 2019 | सिमरजीत सिंह बैंस | पंजाब |
मक्कल निधि मय्यम | 2018 | कमल हासन | तमिलनाडु, पुडुचेरी |
मणिपुर पीपुल्स पार्टी | 1968 | सोवाकिरण एन. | मणिपुर |
मनिथनेय मक्कल काची | 2009 | एमएच जवाहिरुल्लाह | तमिलनाडु |
मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम | 1992 | वाइको | तमिलनाडु, पुडुचेरी |
नाम तमिलर काची | 2009 | सेंथमीज़ान सीमन | तमिलनाडु, पुडुचेरी |
निषाद पार्टी | 2016 | संजय निषाद | उत्तर प्रदेश |
ओडिशा जन मोर्चा | 2013 | प्यारीमोहन महापात्र | ओडिशा |
परम दिग्विजय दल | 2014 | कृष्ण मोहन शंकर योगी | उत्तर प्रदेश |
पट्टाली मक्कल काची | 1989 | एस रामदास | पुडुचेरी, तमिलनाडु |
पीस पार्टी ऑफ इंडिया | 2008 | मोहम्मद अयूब | उत्तर प्रदेश |
पीपुल्स डेमोक्रेटिक एलायंस (मणिपुर) | 2012 | बी.डी. बेहरिंग गुदा | मणिपुर |
पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट | 2001 | अजय बिस्वास | त्रिपुरा |
प्लूरल्स पार्टी | 2020 | पुष्पम प्रिया चौधरी | बिहार |
पुथिया तमिलगम | 1996 | के कृष्णसामी | तमिलनाडु |
रायजर दाल | 2020 | अखिल गोगोई | असम |
राष्ट्रीय जन जन पार्टी | 2020 | आशुतोष कुमार | बिहार |
राष्ट्रीय लोकदल | 1996 | जयंत चौधरी | उत्तर प्रदेश, राजस्थान |
राष्ट्रीय समाज पक्ष | 2003 | महादेव जानकर | महाराष्ट्र, केरल |
राष्ट्रीय उलेमा परिषद | 2008 | आमिर रशदी मदनी | उत्तर प्रदेश |
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) | 1999 | रामदास आठवले | नागालैंड |
राइट टू रिकॉल पार्टी | 2019 | राहुल चिमनभाई मेहता | अखिल भारतीय |
समता पार्टी | 1994 | उदय मंडल | बिहार, मणिपुर |
शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) | 1994 | सिमरनजीत सिंह मान | पंजाब |
सोशलिस्ट पार्टी (भारत) | 2011 | थम्पन थॉमस | उत्तर प्रदेश |
सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) | 1948 | प्रोवाश घोष | अखिल भारतीय |
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी | 2002 | ओम प्रकाश राजभर | उत्तर प्रदेश, बिहार |
स्वराज अभियान | 2016 | योगेंद्र यादव | हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र |
तमिल मनीला कांग्रेस | 1996 | जीके वासन | तमिलनाडु |
तमिलनाडु कोंगु इलैंगर पेरावई | 2001 | उ. थनियारासु | तमिलनाडु |
उत्तराखंड क्रांति दल | 1979 | काशी सिंह ऐरी | उत्तराखंड |
वंचित बहुजन आघाड़ी | 2018 | प्रकाश यशवंत अम्बेडकर | महाराष्ट्र |
विदुथलाई चिरुथिगल काची | 1982 | ठोल। थिरुमावलवन | तमिलनाडु |
विकासशील इंसान पार्टी | 2018 | मुकेश सहनी | बिहार |
वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया | 2011 | एसक्यूआर इलियास | केरल |
वाईएसआर तेलंगाना पार्टी | 2021 | वाईएस शर्मिला | तेलंगाना |
इस तरह से ऊपर बताई गयी पार्टियाँ कुछ तो अपने अपने राज्यों में ज्यादा प्रसिद्ध है तो कुछ का कम दबदबा है। इनमे से कुछ पार्टी का किसी एक या दो राज्य के किसी भूभाग या जनजाति पर ज्यादा दबदबा है तो कुछ का कम। यह अलग अलग पार्टी के प्रकार, उसकी सरंचना, उसके आधार, नेताओं इत्यादि कई कारकों पर निर्भर करता है।
भारत में कितने राजनीतिक दल हैं – Related FAQs
प्रश्न: 2024 में भारत में कितने राजनीतिक दल हैं?
उतर: 2024 में भारत में राष्ट्रीय राजनीतिक दल 6, राज्य स्तर पर राजनीतिक दल 56 और लोकल स्तर पर राजनीतिक दल 65 हैं।
प्रश्न: भारत में राजनीतिक दल कौन कौन से हैं?
उतर: इसके बारे में समूची जानकारी को हमने इस लेख के माध्यम से देने का प्रयास किया है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।
प्रश्न: एक राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल के रूप में कैसे पहचाना जाता है?
उतर: इसके बारे में आप ऊपर का लेख पढ़ कर अच्छे से जान पाएंगे।
प्रश्न: राजनीतिक दलों को प्रतीक कौन देता है?
उतर: राजनीतिक दलों को प्रतीक भारत निर्वाचन आयोग देता है।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने भारत में कितने राजनीतिक दल हैं इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर ली है। आपने जाना कि कैसे कोई राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर, राज्य स्तर पर और लोकल स्तर पर बनती है। एक राजनीतिक पार्टी को कौन से नियमों का पालन करते हुए पार्टी का दर्जा दिया जाता है इत्यादि। आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।