Bharat me kitne rashtriya dal hai : भारत लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला देश है। हमारे देश में कई तरह की राजनीतिक पार्टियाँ हैं। मुख्य तौर पर भारत देश में तीन तरह की राजनीतिक पार्टियाँ होती है जिसमें सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी कहा जाता है जबकि राज्य की प्रमुख पार्टियों को क्षेत्रीय या राजकीय पार्टियाँ कहा जाता है। इसके अलावा जिन पार्टियों का प्रभाव एक सीमित क्षेत्र तक या कुछ राज्यों के सीमित जिले या शहरों तक होता है उन्हें अन्य क्षत्रप पार्टियां कहा जाता (Political parties in India in Hindi) है।
भारत देश में जो दो मुख्य राजनीतिक पार्टियाँ हैं उन्हें हम भाजपा व कांग्रेस के नाम से जानते हैं। यह भारत देश की राष्ट्रीय पार्टियाँ या राष्ट्रीय राजनीतिक दल के नाम से भी जाने जाते हैं। किन्तु क्या आप जानते हैं कि चुनाव आयोग के द्वारा कब और किस तरह से किसी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया जाता है और इसकी क्या प्रक्रिया होती है? बहुत से लोगों को इसके बारे में सही से जानकारी नहीं (Updated national party in India in Hindi) होगी।
ऐसे में आज के इस लेख में हम आपको यही बताएँगे कि कब और किस पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया जा सकता है और उसके लिए उसे किन नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। इसी के साथ ही वर्तमान समय में भारत में कौन कौन से राजनीतिक दल के पास राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा है। आइये इन सभी बातों के बारे में एक एक करके जान लेते (List of political parties in India in Hindi) हैं।
भारत में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा कैसे मिलता है? (Bharat me rashtriya party kaise banti hai)
सबसे पहले इस प्रश्न के बारे में ही बात कर लेते हैं कि आखिरकार चुनाव आयोग किस आधार पर किसी राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देता है। उसके लिए किस तरह के नियम बनाये गए हैं जिनके आधार पर कोई राजनीतिक दल राष्ट्रीय पार्टी के रूप में नामित कर लिया जाता है। हाल ही में चुनाव आयोग के द्वारा कुछ राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीन लिया गया था जबकि कुछ को क्षेत्रीय पार्टी से राष्ट्रीय पार्टी बना दिया गया (Rashtriya party kaise banti hai) था।
ऐसे में इसके लिए तीन तरह के नियम बनाये गए हैं। जो भी राजनीतिक दल इन तीन में से किसी एक भी नियम की पूर्ती कर लेता है तो चुनाव आयोग के द्वारा उस राजनीतिक दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया जाता है। वहीं यदि पहले से किसी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है और वह इन तीनों में से किसी भी नियम का पालन नहीं करता है या उनसे चूक जाता है तो उसका राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीन लिया जाता है। तो यह तीन नियम हैं:
राष्ट्रीय पार्टी बनने का पहला नियम
उस राष्ट्रीय पार्टी को देश के लोकसभा चुनावों के दौरान किन्हीं भी तीन राज्यों में कम से कम 2 प्रतिशत सीटें जीतना अनिवार्य होगा। अब यह तीन राज्य कोई भी हो सकते हैं और उन राज्यों की कुल सीट में से उसे लोकसभा की 2 प्रतिशत या उससे अधिक सीट लानी होगी। यदि आप ठीक से समझ नहीं पाए तो हम आपको वर्तमान लोकसभा का उदाहरण देकर समझा देते हैं। वर्तमान में लोकसभा में कुल 543 सीट हैं।
अब यदि इन 543 सीट का 2 प्रतिशत निकाला जाए तो वह 10.86 होता है जिसे हम राउंड फिगर में 11 कह देंगे। तो वर्तमान लोकसभा के परिप्रेक्ष्य में किसी भी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा की कम से कम 11 सीट 3 विभिन्न राज्यों से जीतनी होगी। अब यह मायने नहीं रखता है कि उसे दो विभिन्न राज्यों से लोकसभा की एक या दो सीट मिले और बाकि की बची हुई सीट तीसरे राज्य से मिले।
बस उसे कम से कम 11 सीट तीन राज्यों या उससे अधिक राज्यों से मिलाकर लेनी होगी। अब यदि कोई राजनीतिक दल 20 सीट भी जीत जाता है लेकिन उसे यह 20 सीट केवल 2 राज्यों से ही मिलती है तो भी उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं मिलेगा। आशा है कि आप इस नियम को समझ गए होंगे।
राष्ट्रीय पार्टी बनने का दूसरा नियम
देश में राष्ट्रीय पार्टी बनने का जो दूसरा नियम है, उसके अनुसार उस राजनीतिक दल को लोकसभा चुनावों में कम से कम 4 सीट मिले, फिर चाहे वह उसे किसी भी राज्य से मिली हो, और इसी के साथ ही उसे लोकसभा में या फिर 4 या इससे अधिक राज्यों की विधानसभाओं में 6 प्रतिशत से अधिक मत हासिल हो। इस नियम के अनुसार उसे लोकसभा में कम से कम 4 सीट तो जीतनी ही होगी और इसके लिए राज्यों की संख्या का कोई नियम नहीं है।
दूसरी शर्त के अनुसार, उसे लोकसभा में कम से कम 6 प्रतिशत मत हासिल करने होंगे और यदि वह यह प्राप्त नहीं कर पाती है तो उसे 4 या इससे अधिक राज्यों की विधानसभाओं में कुल मत का 6 प्रतिशत अलग-अलग हासिल करना होगा। ऐसा करते ही वह राजनीतिक दल राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त कर लेगा।
राष्ट्रीय पार्टी बनने का तीसरा नियम
भारत देश में राष्ट्रीय पार्टी बनने के तीसरे नियम के तहत उस राजनीतिक दल को देश के 4 या इससे अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ हो। अब क्षेत्रीय पार्टी बनने के जो नियम हैं, वह हरेक राज्य में एक जैसे ही हैं। ऐसे में यदि उसे 4 राज्यों में या उससे अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है तो फिर चुनाव आयोग उस राजनीतिक दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे देता है।
क्षेत्रीय पार्टी बनने के नियम के अनुसार उस राजनीतिक दल को अपने राज्य की कम से कम 3 विधानसभा की सीट जीतनी होती है या फिर कुल सीट की 3 प्रतिशत सीट के साथ कुल मत में से 6 प्रतिशत मत लेने अनिवार्य होते हैं। इन दोनों में से यदि वह किसी एक नियम को भी पूरा कर देती है तो उसे उस राज्य की क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है।
इस तरह से जो भी राजनीतिक दल राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करना चाहता है, उसे ऊपर बताये गए तीनों नियम में से किसी भी एक नियम को पूरा करना होता है। जैसे ही वह इन नियमों में से किसी भी एक नियम को पूरा कर लेता है तो वह राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त कर लेता है। वहीं जो राजनीतिक दल पहले से ही राष्ट्रीय पार्टी है और वह ऊपर बताये गए तीनों नियमों को ही पूरा करने से चूक जाता है तो उसका राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीन लिया जाता है।
भारत में कितने राष्ट्रीय दल हैं? (Bharat me kitne rashtriya dal hai)
अब बात करते हैं कि वर्तमान समय में चुनाव आयोग के द्वारा किस किस राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता दी गयी है। वर्तमान समय में भारत में कुल 6 राजनीतिक दल ऐसे हैं जिन्हें देश में राष्ट्रीय पार्टी या राष्ट्रीय दल का दर्जा मिला हुआ है। यह सूची कुछ समय पहले ही अपडेट की गयी है और इसमें से कुछ दलों को बाहर निकाल दिया गया है तो कुछ दलों को जोड़ा भी गया है।
ऐसे में यह 6 राजनीतिक दल कौन कौन से हैं और उनकी देश व राज्यों में क्या स्थिति है, आइये उसके बारे में भी जान लेते हैं।
भारतीय जनता पार्टी या भाजपा
वर्तमान समय में यह भारत ही नहीं अपितु पूरी दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है। एक समय पहले तक अटल बिहारी वाजपेयी व लालकृष्ण आडवानी जी के नेतृत्व में खड़ी हुई यह पार्टी दशकों तक विपक्ष में बैठी रही थी। शुरुआत में इस पार्टी के केवल 2 लोकसभा सांसद थे किन्तु श्रीराम मंदिर व हिंदुत्व ने इस पार्टी की विचारधारा को ताकत दी और देखते ही देखते यह अगले चुनावों में 2 से 85 लोकसभा सांसदों वाली पार्टी बन गयी। वर्तमान समय में इसी पार्टी की ही सरकार भारत देश की सत्ता में है।
- स्थापना वर्ष: अप्रैल 1980
- पार्टी अध्यक्ष: जगत प्रकाश नड्डा
- चुनाव चिन्ह: कमल का पुष्प
- विचारधारा: हिंदुत्व, भारतीयता, राष्ट्रवाद, सनातन, विकास
- लोकसभा सीट: 290
- राज्यसभा सीट: 93
- विधानसभा सीट: 1481
- विधान परिषद सीट: 165
- कुल मुख्यमंत्री: 12
वर्तमान समय में भाजपा को देश में पूर्ण बहुमत प्राप्त है। लोकसभा की कुल 543 सीट में से बहुमत के लिए 272 सीट जरुरी होती है जबकि भाजपा के पास बहुमत से 18 सीट ज्यादा अर्थात कुल 290 सीट है। वहीं 40 से 50 सीट इसके सहयोगियों के पास है। वहीं भारत के आधे राज्यों में मुख्यमंत्री भी इसी पार्टी के ही हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस या कांग्रेस
भारत देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस है। एक तरह से हमारे देश ने पहले मुगलों की गुलामी व अत्याचार सहे थे और उसके बाद अंग्रेजों ने शासन किया था। यह कांग्रेस पार्टी अंग्रेजों के शासनकाल में ही बन गयी थी और अंग्रेज यहाँ से जाते जाते भारत देश की सत्ता का हस्तांतरण कांग्रेस पार्टी के जवाहर लाल नेहरु को ही देकर गए थे।
इस तरह से जवाहर लाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे। इस पार्टी में शुरुआत से गांधी व नेहरु के वंशजों का ही आधिपत्य रहा है। मुख्य तौर पर कांग्रेस पार्टी पर जवाहर लाल नेहरु, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी इत्यादि का ही शासन रहा है जो आज तक कायम है।
- स्थापना वर्ष: दिसंबर 1885
- पार्टी अध्यक्ष: मल्लिकार्जुन खड्गे
- चुनाव चिन्ह: हाथ का पंजा
- विचारधारा: चयनित धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र
- लोकसभा सीट: 47
- राज्यसभा सीट: 30
- विधानसभा सीट: 670
- विधान परिषद सीट: 55
- कुल मुख्यमंत्री: 3
एक समय तक देश की लोकसभा की लगभग 80 प्रतिशत सीटें जीतने वाली कांग्रेस पार्टी आज अपनी विचारधारा के कारण 50 से भी कम सीट पर सिमट गयी है। आज देश में कांग्रेस की स्थिति बहुत ही दयनीय हो चुकी है जो कभी भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी खो सकती है।
बहुजन समाज पार्टी या बसपा
दलितों के नाम पर खड़ी हुई बहुजन समाज पार्टी आज देश की एक प्रमुख पार्टी है। हालाँकि अपनी नीतियों के कारण आज इनका वोट बैंक खिसकता जा रहा है जो ज्यादातर भाजपा की ओर जा रहा है। कांशीराम से शुरू हुई आज इस पार्टी की कमान मायावती के हाथों में है।
फिर भी अन्य विपक्षी पार्टियों की तरह मायावती ने अंधाधुंध केंद्र सरकार का विरोध ना करके राजनीतिक परिपक्वता का परिचय अवश्य दिया है। जहाँ एक ओर, अन्य विपक्षी पार्टियों और उनके नेताओं ने केंद्र सरकार का विरोध करते करते देश का भी विरोध कर दिया तो वहीं मायावती हमेशा अपने देश के साथ खड़ी नज़र आयी जो इन्हें अन्य राष्ट्रीय पार्टियों से अलग करता है।
- स्थापना वर्ष: अप्रैल 1984
- पार्टी अध्यक्ष: मायावती
- चुनाव चिन्ह: हाथी
- विचारधारा: सामाजिक न्याय, सामाजिक समानता, आत्म-सम्मान
- लोकसभा सीट: 8
- राज्यसभा सीट: 1
- विधानसभा सीट: 5
- विधान परिषद सीट: 1
- कुल मुख्यमंत्री: 0
एक समय तक मायावती उत्तर प्रदेश जैसे विशाल जनपद की मुख्यमंत्री रही हैं। उन्होंने भाजपा के सहयोग से मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया था। आज भी यह देश के कई राज्यों में महत्वपूर्ण सहयोगी की भूमिका में है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) या सीपीआईएम
यह एक ऐसी पार्टी है जो भारत के समाज में एक धब्बे की तरह है। इस पार्टी के नेताओं का बयां सुना जाए तो ऐसा लगता है कि यह हमारे देश की पार्टी ना होकर शत्रु राष्ट्र की पार्टी है। इस पार्टी के नेताओं ने हमेशा से ही भारत देश, हिन्दू धर्म व सनातन संस्कृति के ऊपर प्रहार करने में झिझक नहीं की है।
फिर भी यह राष्ट्रीय पार्टी है क्योंकि हमारे देश में गद्दारों की कोई कमी नहीं है। किसी ने यह सही बात कही है कि हमारा देश इतने वर्षों से विदेशी आक्रांताओं की वजह से गुलाम नहीं रहा था बल्कि यह तो देश के अंदर बैठे गद्दारों के कारण ऐसा था। आइये इस कम्युनिस्ट पार्टी के बारे में भी जान लेते हैं।
- स्थापना वर्ष: नवंबर 1964
- पार्टी अध्यक्ष: सीताराम येचुरी
- चुनाव चिन्ह: हंसिया-हथौड़ा
- विचारधारा: मुस्लिम तुष्टिकरण, हिन्दू धर्म का खात्मा, मार्क्सवादी
- लोकसभा सीट: 3
- राज्यसभा सीट: 5
- विधानसभा सीट: 79
- विधान परिषद सीट: 0
- कुल मुख्यमंत्री: 1
इस पार्टी का मुख्य जनाधार केरल व पश्चिम बंगाल राज्य में है। इस पार्टी ने बंगाल राज्य में एक लंबे समय तक शासन भी किया है और वर्तमान में इसका मुख्यमंत्री केरल पर शासन कर रहा है।
आम आदमी पार्टी या आप
समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन से उपजी यह आम आदमी पार्टी कुछ ही वर्षों में अपने पैर अन्य राज्यों में पसारती चली गयी। इसके संयोजक अरविंद केजरीवाल हैं जो दिल्ली के मुख्यमंत्री भी हैं। वर्तमान में यह पार्टी मुख्य रूप से दिल्ली व पंजाब राज्य में मजबूत है।
हालाँकि इस पार्टी के कई बड़े नेता भ्रष्टाचार के केस में जेलों में बंद हैं और कभी भी स्वयं अरविंद केजरीवाल भी जेल में जा सकते हैं। आइये इस पार्टी के बारे में भी जान लेते हैं।
- स्थापना वर्ष: नवंबर 2012
- पार्टी अध्यक्ष: अरविंद केजरीवाल
- चुनाव चिन्ह: बांस की झाड़ू
- विचारधारा: धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद
- लोकसभा सीट: 1
- राज्यसभा सीट: 10
- विधानसभा सीट: 160
- विधान परिषद सीट: 0
- कुल मुख्यमंत्री: 2
इस पार्टी को मुख्य तौर पर विधानसभा में ही सीटें मिली है जो दिल्ली व पंजाब राज्य से मिली हुई है। इसी कारण इस पार्टी की सरकार दोनों ही राज्यों में है। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में स्वयं अरविंद केजरीवाल तो वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में भगवंत मान हैं।
नेशनल पीपल्स पार्टी या एनपीपी
बहुत से लोगों ने इस पार्टी का नाम सुना ही नहीं होगा लेकिन यह भी एक राष्ट्रीय पार्टी है। दरअसल यह पार्टी कुछ वर्षों पहले ही कांग्रेस से अलग हो गयी थी और आज यह भाजपा की सहयोगी पार्टियों में से एक है। यह उत्तर पूर्व की पार्टी होने के कारण मुख्य भारत में इतनी प्रसिद्ध नहीं है। आइये इसके बारे में भी जान लेते हैं।
- स्थापना वर्ष: जनवरी 2013
- पार्टी अध्यक्ष: कोनराड संगमा
- चुनाव चिन्ह: पुस्तक
- विचारधारा: क्षेत्रवाद
- लोकसभा सीट: 1
- राज्यसभा सीट: 1
- विधानसभा सीट: 44
- विधान परिषद सीट: 0
- कुल मुख्यमंत्री: 1
इस पार्टी को उत्तर पूर्व के 4 राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है और साथ ही एक राज्य में इनका अपना मुख्यमंत्री भी है। इसी कारण यह देश की एक राष्ट्रीय पार्टी है।
भारत में कितने राष्ट्रीय दल हैं – Related FAQs
प्रश्न: भारत की सबसे बड़ी पार्टी कौन सी है?
उत्तर: भारत की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है।
प्रश्न: राष्ट्रीय दल से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: राष्ट्रीय दल से संबंधित जानकारी आपको ऊपर के लेख में मिल जायेगी जो आपको पढ़ना चाहिए।
प्रश्न: राष्ट्रीय दल कैसे बनता है?
उत्तर: राष्ट्रीय दल कैसे बनता है इसके बारे में जानकारी आपको ऊपर के लेख में मिल जायेगी।
प्रश्न: भारत में कितने राष्ट्रीय दल हैं?
उत्तर: भारत में अभी 6 राष्ट्रीय दल हैं।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने भारत में कितने राष्ट्रीय दल हैं इसके बारे में जानकारी हासिल कर ली है। साथ ही आपने जाना कि भारत में राष्ट्रीय दल का दर्जा कैसे प्राप्त होता है। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई प्रश्न आपके मन में शेष रह गया है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।