भूमि राशि पोर्टल क्या है? उद्देश्य, लाभ, स्टेटस

भूमि राशि पोर्टल इन हिंदी – केंद्र सरकार की इस समय विभिन्न सड़क और हाईवे निर्माण एवं चौड़ीकरण योजनाएं चल रही हैं। सरकार ने अपनी महत्त्वाकांक्षी सड़क और राजमार्ग यानी हाईवे परियोजनाओं के जरिए बहुत दूरस्थ इलाकों को भी हाईवे से जोड़ा है। उत्तराखंड में आलवेदर रोड प्रोजेक्ट भी एक ऐसी ही परियोजना है।

दोस्तों, आपको बता दें कि यह कार्य बहुत आसान नहीं है। सड़क हाईवे निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण करना एक मुश्किल कार्य है। भूमि अधिग्रहण के लिए भूस्वामी संबंधित जमीन के लिए मुआवजा राशि प्रदान करने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल और लंबी होती है। भूमि अधिग्रहण और मुआवजे से जुड़ी इन मुश्किलों को आसान करने के लिए ही केंद्र सरकार ने भूमि राशि पोर्टल शुरू किया है। आज इस पोस्ट के जरिए हम आपको इसी भूमि राशि पोर्टल के बारे में जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं

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भूमि राशि पोर्टल क्या है?

दोस्तों, आपको बता दें कि भूमि राशि पोर्टल केंद्र सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की पहल है। इस योजना के माध्यम से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को जमीन अधिग्रहण को लेकर आसानी हो जाएगी। उसे अधिग्रहण मूल्य और उस जमीन से संबंधित व्यक्ति की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। तमाम प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी आनलाइन उपलब्ध होगी। इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट bhoomirashi.gov.in है।

योजना का नाम भूमि राशि पोर्टल
योजना का उद्देश्यसड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की मुश्किलों को दूर करना
योजना का लाभअधिग्रहण करने की प्रक्रिया सरल एंव तेज करना
किस विभाग ने लांच किया सड़क एवं परिवहन मंत्रालय
ऑफिसियल वेबसाइटhttps://bhoomirashi.gov.in/
भूमी राशी पोर्टल क्या है? उद्देश्य, लाभ, स्टेटस

भूमि राशि पोर्टल का उद्देश्य –

साथियों, आपको बता दें कि भूमि राशि पोर्टल शुरू करने का मुख्य उद्देश्य सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की मुश्किलों को दूर करना है। इससे अधिग्रहण में लगने वाला समय कम होगा और हाईवे, रोड निर्माण के कार्य में तेजी आ सकेगी। आपको बता दें कि भूमि राशि पोर्टल के माध्यम से भूमि अधिग्रहण मामलों की पूरी तरह डिजिटल प्रोसेसिंग (digital processing) होती है। भूमि राशि पोर्टल का दूसरा लाभ यह है कि पोर्टल के जरिए भूमि अधिग्रहण संबंधी मामलों को त्वरित तरीके से पारदर्शिता के साथ निस्तारित किया जा रहा है।

भूमि राशि पोर्टल के लाभ –

दोस्तों, अभी हमने आपको भूमि राशि पोर्टल के अर्थ और उसके उद्देश्य के बारे में जानकारी दी अब हम आपको यह बताएंगे कि भूमि राशि पोर्टल से क्या-क्या लाभ है आई एम पर एक नजर डाल लेते हैं-

  • भूमि अधिग्रहण की जाने की प्रक्रिया सरल हुई।
  • भूमि का अधिग्रहण तेज गति से होता है।
  • पोर्टल के जरिए मुआवजे की धनराशि का व्यक्ति के अकाउंट में ई–ट्रांसफर हो जाता है।
  • भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में दलाली पर रोक।
  • बिचौलियों की मनमानी और बेईमानी पर रोक।
  • भू-स्वामी को उसकी भूमि का उचित मूल्य मिलेगा।
  • भूमि स्वामी किसी भी तरह के फ्राड से बच सकेंगे।
  • किसान और भूस्वामी भ्रष्टाचार के शिकार नहीं बनेंगे।
  • भू-स्वामी या संबंधित अधिकारी भू अधिग्रहण का स्टेटस आनलाइन चेक कर सकते हैं।
  • भू-स्वामी या किसान भूमि अधिग्रहण मुआवजे से जुड़ी शिकायत कर सकता है।

साथियों, इस प्रकार से आपने देखा कि भूमि राशि पोर्टल के कितने लाभ हैं। इसी वजह से यह पोर्टल भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों के त्वरित निराकरण को संभव बना रहा है। यह कहना अतिश्योक्ति न होगी कि जिस उद्देश्य के लिए इसकी शुरुआत की गई थी अभी तक यह अपने उद्देश्य में खरा उतर रहा है।

करीब सात लाख गांवों का राजस्व रिकॉर्ड एकत्र –

मित्रों, आपको जानकर अच्छा लगेगा कि भूमि राशि पोर्टल पर करीब सात लाख गांवों का राजस्व रिकॉर्ड एकत्रित किया गया है। इससे पहले यह सारा डाटा कागजों के रूप होता था। उस वक्त इस कार्य में करीब तीन महीने से लेकर छह महीने तक का वक्त लगता था, लेकिन अब इस कार्य को करने में ज्यादा से ज्यादा एक-दो सप्ताह का ही वक्त लगता है।

मुआवजा प्रक्रिया त्वरित और आसान हुई –

दोस्तों, आपको बता दें कि पहले एनएच, रोड के लिए अधिग्रहण प्रक्रिया थोड़ी लंबी और जटिल थी। लेकिन भूमि राशि पोर्टल के जरिए यह त्वरित और आसान हुई है। आपको बता दें कि पहले मुआवजा प्रदान करने से पूर्व मुआवजा राशि को भूमि अधिग्रहण अधिकारी के पास रखना होता थी। लेकिन भूमि राशि पोर्टल के आ जाने के बाद से वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (financial management system) के माध्यम से पैसा सीधे व्यक्ति के खाते में जमा करा दिया जाता है।

आपको बता दें कि इन दिनों केंद्र सरकार का फोकस अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ लोगों तक आनलाइन प्रक्रिया के जरिए पहुंचाने पर है। ऐसे में भूमि राशि पोर्टल को भी ऑनलाइन तरीके से ही लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया है।

भूमि अधिग्रहण स्टेटस कैसे चेक करें? How to check land acquisition status?

दोस्तों, हमने ऊपर अभी आपको भूमि राशि पोर्टल के लाभ बताए हैं। उसमें से एक लाभ यह भी है कि आप भूमि अधिग्रहण का स्टेटस ऑनलाइन चेक कर सकते हैं। यह आप कैसे करेंगे, अब हम आपको इसके बारे में बताएंगे। मित्रों, यह एक सरल सी प्रक्रिया है, जिसके लिए आपको कुछ स्टेप्स फॉलो करने होंगे। जो कि इस प्रकार से हैं-

Total Time: 20 minutes

सबसे पहले आपको आधिकारिक वेबसाइट bhoomirashi.gov.in पर जाना होगा। होमपेज पर आपके सामने बहुत से ऑप्शन दिखाई देंगे।

आपको यहां सर्च (search) के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपके सामने search projects का option आ जाएगा। भूमि अधिग्रहण स्टेटस कैसे चेक करें? How to check land acquisition status?

आपको यहां मांगी गई जानकारी जैसे- work agency, state, district, Sub-district, highway, land requirement, sanctioned land cost, notification date आदि को भरना होगा।

सारी जानकारी सही सही भरने के बाद आपको कैप्चा यानी security code भरना होगा। इतना करने के बाद आपको सबमिट (submit) के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।

इतना करने के बाद प्रोजेक्ट से संबंधित सारी जानकारी आपके सामने आ जाएगी।

दोस्तों, इस प्रकार आपने देखा कि इस पोर्टल के माध्यम से किस प्रकार बेहद आसानी से अधिग्रहण संबंधी जानकारी हासिल की जा सकती है।

भूमि अधिग्रहण से जुड़े कई मामलों में मुआवजे में देरी

दोस्तों, आपको बता दें कि ढेरों ऐसे सड़क प्रोजेक्ट है जिनके मुआवजे की प्रक्रिया आज तक लटकी हुई है। बहुत सारी जगह ग्रामीणों के अफसरों पर आरोप है कि उन्होंने मुआवजे देने में अनियमितता बरती है। की जगह ट्रिब्यूनल में मुआवजे से जुड़े मामलों में सुनवाई चल रही है।

कुछ मामले अनियमितता के हैं तो कुछ धोखाधड़ी के। कुछ देरी से जुड़े हैं। ऐसा राज्य सरकारों के प्रोजेक्टों के साथ भी होता है। और बहुत सारी जगह लोग धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होते हैं। केंद्र के भूमि राशि पोर्टल से इस स्थिति से कम से कम बचाव होगा ऐसा माना जा सकता है।

देश में तेजी से बनाए जा रहे हाईवे –

साथियों, हाईवे निर्माण से जुड़े मुआवजे के मामलों में बेशक ढिलाई अफसरों की ओर से पूर्व में बरती गई हो, लेकिन आपको बता दें कि नितिन गडकरी के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय का कार्यभार लेने के बाद से राजमार्गों के निर्माण और चौड़ीकरण की गति में तेजी आई है। उत्तराखंड राज्य की ही बात करें तो हाईवे का जाल सा बिछ गया है। बहुत सारे पुराने हाईवे की मरम्मत और चौड़ीकरण का भी काम हुआ है।

इसी राज्य में चार धाम जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन से जुड़े स्थल मौजूद हैं। वहां तक पहुंचने के लिए, जो एनएच है उस पर भी त्वरित गति से काम चल रहा है। सरकार की ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट भी इसी का एक हिस्सा है।

एनएचएआई की स्थापना को हो गए 33 साल

साथियों, आपको बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई (NHAI) की स्थापना आज से करीब 33 वर्ष पूर्व 1988 में हुई थी। यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की नोडल एजेंसी (nodal agency) है। दोस्तों, आपको बता दें कि जानते हैं कि हाईवे (highways) यानी राजमार्ग भारतीय सड़कों का केवल 1.8% हिस्‍सा हैं। लेकिन इनकी सहायता से देश में सड़क यातायात का 40% ट्रैफिक कम होता है।

जम्मू और कश्मीर में श्रीनगर से लेकर तमिलनाडु के सुदूर दक्षिण में कन्याकुमारी तक पहुंचने वाला एनएच 44, भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है। इस राजमार्ग की कुल दूरी 3,745 किलोमीटर है। देश के सबसे छोटे राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 118 और एनएच 548 हैं। एनएच 118 महज़ 5 किमी लंबे ये हाईवे पूर्व झारखंड राज्य के कस्बों आसनबनी और जमशेदपुर को जोड़ता है। एनएच 548 लगभग 5 किमी लंबा महाराष्ट्र राज्य का हाईवे है।

लगभग सवा लाख किलोमीटर का है भारत में रोड नेटवर्क

मित्रों, आपको बता दें कि भारतीय सड़क नेटवर्क करीब सवा लाख किलोमीटर का है। इसकी कुल लंबाई 1,31,899 किलोमीटर है। लेह-मनाली राजमार्ग सबसे ऊंचाई वाला मोटर राजमार्ग है, जो हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर को जम्मू और कश्मीर के लेह से जोड़ता है। यह मोटरेबल हाईवे दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा ऊंचाई वाला मोटर हाईवे भी है।

रंग से भी की जा सकती है हाईवे की पहचान –

रंग राजमार्ग से जुड़ी पहचान को आसान बनाते हैं। आपको बता दें मित्रों कि भारतीय राजमार्ग में तीन अलग-अलग रंग के मील के पत्थर लगाए गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए पीले और सफेद रंग का कोड दिया गया है। वहीं, राज्य के राजमार्गों यानी state highways के लिए हरे और सफेद रंग का इस्तेमाल किया जाता है। और अंतिम रूप से शहर के राजमार्गों के लिए काले और सफेद रंग का कोड है।

आपको यह भी बता दें कि उत्तर से दक्षिण की ओर चलने वाले राजमार्ग को सम संख्या यानी even number दिए गए हैं। जबकि पूर्व से पश्चिम तक चलने वाले राजमार्गों को विषम संख्या यानी (odd number) दी गई है। इसके अलावा, तीन अंकों की संख्या वाले सभी राजमार्ग वे शाखाएं हैं, जो प्राथमिक दो अंकों वाले राजमार्ग से जुड़ती हैं। इस तरह आपने जाना कि इनका वर्गीकरण यानी classification कितने सरल तरीके से किया गया है।

भूमि राशि पोर्टल से जुड़े कुछ आवश्यक सवाल और उनके जवाब

भूमि राशि पोर्टल को किसने लांच किया है?

यहां केंद्र सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की पहल है।

भूमि राशि पोर्टल अधिग्रहण के मामलों में किस तरह मददगार है?

इसके माध्यम से मुआवजे की प्रक्रिया त्वरित और पारदर्शी हुई है। अधिग्रहण जल्द पूरा होता है। कार्य तेजी से हो पाता है।

भूमि राशि पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट क्या है?

भूमि राशि पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट bhoomirashi.gov.in है।

भूमि राशि पोर्टल पर क्या सभी प्रोजेक्ट्स की जानकारी उपलब्ध है?

इस पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), सड़क एवं परिवहन मंत्रालय (MoRTH) के साथ ही NHIDCL के प्रोजेक्ट्स की जानकारी उपलब्ध है।

भूमि राशि पोर्टल के जरिए क्या e-transfer संभव है?

जी हां, इस पोर्टल के माध्यम से भूस्वामी के बैंक खाते में पैसा e-transfer किया जाता है।

साथियों, यह थी भूमि राशि पोर्टल (bhoomi Rashi portal) से जुड़ी सारी जानकारी। यदि आप इसी तरह विभिन्न राज्यों की सरकारी योजनाओं संबंधी उपयोगी जानकारी हम से लेना चाहते हैं तो उसके लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में हमें कमेंट करके भेज सकते हैं। आपकी प्रतिक्रिया का हमें हमेशा की तरह इंतजार रहेगा। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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