भूकंप क्या है? | भूकंप कब, क्यों और कैसे आता है? | Earthquake kya hai

|| भूकंप क्या है? | भूकंप कब क्यों आता है? | Earthquake kya hai | Bhukamp kya hota hai | भूकंप को कैसे मापा जाता है? | Earthquake ko kaise mapa jata ha | भूकंप के प्रकार | Bhukamp types in Hindi | Bhukamp ke effects ||

Earthquake kya hai :- क्या आपको पता है हर वर्ष पृथ्वी के विभिन्न हिस्सों में हजारों भूकंप के केस नोट किये जाते हैं। अब यह जरुरी नहीं है कि हर भूकंप शक्तिशाली ही हो लेकिन यह छोटा हो या बड़ा, भूकंप तो भूकंप ही होता (Bhukamp kya hota hai) है। कोई भूकंप इतना अधिक शक्तिशाली होता है कि इससे जान माल को बहुत ज्यादा नुकसान झेलना पड़ता है तो किसी किसी भूकंप में तो केवल धरती के थोड़ा बहुत हिलने का ही अनुभव होता है।

अब आप सोच रहे होंगे कि यह भूकंप केवल एक प्राकृतिक घटना होती है लेकिन ऐसा नहीं है। भूकंप मानवीय घटनाओं के कारण भी आते हैं और प्राकृतिक घटनाओं के कारण (Earthquake kya hota hai) भी। साथ ही इस भूकंप के आने का मुख्य कारण क्या होता है या फिर यह आते कैसे हैं, इसके बारे में भी आपका जानना अत्यधिक आवश्यक हो जाता है। इसलिए इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ सभी तरह के भूकंप की बात करेंगे और उनके आने का कारण (Earthquake kyo aata hai) बतायेंगे।

भूकंप क्या है? (Earthquake kya hai)

पृथ्वी पर कई तरह की प्राकृतिक तथा मानवीय विध्वंसक घटनाएँ देखने को मिलती है जिन्हें आपदाएं कहा जाता है। इन्हें मुख्य तौर पर प्राकृतिक आपदा ही कहा जाता है लेकिन ज्यादातर प्राकृतिक आपदाओं में मनुष्यों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योगदान देखा गया है। तो अभी तक आपने कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं का नाम सुन रखा होगा जैसे कि बाढ़, सुनामी, जंगल की आग, सूखा, ज्वालामुखी विस्फोट (Bhukamp kyun aata hai) इत्यादि। तो इसी में एक प्राकृतिक आपदा है भूकंप जो मनुष्य जाति के लिए अत्यधिक विनाशकारी होता है।

भूकंप क्या है भूकंप कब क्यों और कैसे आता है Earthquake kya hai

तो यह भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक घटना है जिसमें धरती हिलने लगती है या फट जाती है या उसकी सतह ऊपर नीचे हो जाती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि हम जिस जगह पर रहते हैं वहां एक धरती का होना जरुरी होता (Bhukamp kya hai) है। उसी पर ही हमारे घर, कार्यालय इत्यादि बने होते हैं और हम भी उसी के ऊपर ही चलते फिरते हैं। अब यदि जिस धरती पर हम रहते हैं, वही हिलने लग जाए या फट जाए तो उसे ही भूकंप की संज्ञा दी जाती है।

भूकंप आने की दशा में धरती की आंतरिक सतह में कुछ बदलाव होता है और उसी कारण तेज गति से वह धरती हिलने लगती है। इससे उस धरती के ऊपर रह रहे लोगों तथा साजोसामान को बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है। किसी किसी स्थिति में तो यह भूकंप इतना शक्तिशाली होता है कि इसके प्रभाव से धरती फट तक जाती है। धरती के फटने से बहुत सारी चीज़ें उसके अंदर ही समा जाती है। अब यह भूकंप आता कैसे है, आइए इसके बारे में जान लेते हैं।

भूकंप कैसे आता है? (Earthquake kaise aata hai)

हमारी पृथ्वी की सतह केवल मिट्टी की ही नहीं बनी होती है। अब यदि आप मिट्टी के नीचे खोदते चले जाएंगे तो आपको नीचे केवल मिट्टी ही मिले, यह आवश्यक नहीं होता है। इसके अंदर आपको कई अन्य तरह के तत्व मिलते हैं लेकिन इतना अंदर तक जाना संभव नहीं हो पाता है। पृथ्वी की सतह मुख्य तौर पर चार तरह की परतों से मिल कर बनी होती है जिसे हम इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल तथा क्रस्ट कहते (Bhukamp kaise aata hai) हैं। अब इसमें मेंटल तथा क्रस्ट परत सबसे ऊपर होती है और बाकि दोनों नीचे।

तो मेंटल व क्रस्ट परत ही आपस में मिल कर लीथोस्पेयर नामक एक परत का निर्माण करती है। यह परत धरती के नीचे तक 50 किलोमीटर से भी ज्यादा मोटी होती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि जो धरती की इनर व आउटर परत होती है उनकी शुरुआत ही 50 किलोमीटर नीचे जाने के बाद होती है जहां तक मनुष्य के लिए पहुंचना संभव ही नहीं (Bhukamp kaise aata hai in Hindi) है। तो 50 किलोमीटर तक यही लीथोस्पेयर परत ही देखने को मिलती है लेकिन यह एक परत के रूप में ही नही होती है।

यह लीथोस्पेयर परत सात अलग अलग भागों में बंट कर धरती पे लगी होती है जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट कहा जाता है। अब हमारे नीचे 7 टेक्टोनिक प्लेट होती है जो निरंतर घूमती रहती है। अब यह सातों प्लेट एक साथ ही घूमे या एक ही दिशा में घूमे, यह जरुरी नहीं होता है, बस इनका काम लगातार घूमना होता है और ऊर्जा का निर्माण करना होता है। इसी से ही हमें चुम्बकीय, घर्षण इत्यादि कई तरह की ऊर्जा देखने को मिलती है।

अब यदि इन सातों प्लेट में से कोई भी प्लेट एक दूसरे से टकरा जाती है, रगड़ खाती है या एक दूसरे की राह में बाधा बनती है तो इससे उस जगह की धरती पर दबाव आता है और भूकंप आ जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि अब धरती की निचली सतह पर इतनी बड़ी हलचल हो रही है तो अवश्य ही उसका प्रभाव उसके ऊपर भी पड़ेगा और वही भूकंप होता है। तो इस कारण से हम भूकंप को देख पाते हैं।

भूकंप को कैसे मापा जाता है? (Earthquake ko kaise mapa jata hai)

अब यदि आप यह जानना चाहते हैं कि इस भूकंप को कैसे मापा जाता है तो इसके लिए रिक्टर स्केल को पैमाना बनाया जाता है। इस रिक्टर स्केल का पैमाना एक से लेकर 9 तक का होता है लेकिन कभी कभार कोई भूकंप 9 को भी पार कर जाता (Bhukamp ko kaise mapa jata hai) है। अब भूकंप का प्रभाव तो उसकी गति के अनुसार एक बड़े भूभाग पर देखने को मिलता है लेकिन उसका एक केंद्र बिंदु होता है जहाँ से उस भूकंप का उद्गम हुआ था।

यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि धरती के जिस निचले हिस्से में यह हलचल हुई है वहीं से वह भूकंप उठता है जिसे उसका केंद्र बिंदु या एपीसेंटर कहा जाता है। अब इस केंद्र बिंदु से वह भूकंप आसपास के रेडियस में फैल जाता है जो उसके विनाशकारी होने का सबूत देता है। तो इसे उसी केंद्र बिंदु से मापा जाता है जो उसकी तीव्रता को मापने का एक आकंडा होता है। उसी के आधार पर ही उस भूकंप को एक से लेकर 9 के बीच में रेटिंग दी जाती है और उसी से ही उस भूकंप का प्रभाव देखने को मिलता है।

अब यदि किसी भूकंप को रिक्टर स्केल पर 1 रेटिंग दी गयी है तो इसका मतलब हुआ वह भूकंप बहुत ही धीमा था और उससे किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। अब जैसे जैसे इस रेटिंग में बढ़ोत्तरी होती जाती है तो वह भूकंप उतना ही अधिक शक्तिशाली हो जाता है। यदि किसी भूकंप का रिक्टर स्केल 9 आता है तो इसका मतलब हुआ वह भूकंप अत्यधिक विनाशकारी है और उससे बहुत ज्यादा जानमाल के नुकसान की आशंका है।

भूकंप के कारण (Bhukamp ke karan)

अब बात करते हैं भूकंप के विभिन्न कारणों के बारे में। यदि आपको लगता है यह भूकंप धरती के नीचे प्लेट के आपस में टकराने के कारण ही आता है तो आप गलत (Bhukamp aane ke karan kya hai) हैं। दरअसल इसके पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जिस कारण भूकंप देखने को मिलता है। अब यह कारण कई तरह के हो सकते हैं जो मनुष्य से भी जुड़े हुए हैं तो जिनका संबंध प्रकृति से भी है। तो आइए जाने भूकंप आने के पीछे क्या कुछ कारण हो सकते हैं:

  • इसका सबसे प्रमुख कारण तो यही है कि धरती के नीचे स्थित टेक्टोनिक प्लेट आपस में किसी कारणवश टकरा जाती है या उनमें घर्षण उत्पन्न होता है और इस कारण हमें विनाशकारी भूकंप देखने को मिलता (Earthquake reason in Hindi) है। यह भूकंप का सबसे प्रचंड रूप लाने में सक्षम होता है लेकिन यह मनुष्य जाति या पृथ्वी के लिए अच्छा भी होता है जिसके बारे में हम आपको बाद में बतायेंगे।
  • इसका दूसरा मुख्य कारण मनुष्य की बढ़ती हुई लालसा है और उसका परिणाम भूकंप के रूप में सामने आ रहा है। अब मनुष्य प्रकृति का दोहन करते हुए लगातार उसमें सुरंग खोदेगा, पहाड़ों को काटेगा, उसके नीचे नवनिर्माण करेगा तो इससे परतों के बीच में असंतुलन स्थापित होता है जिससे त्रासदी आती (Earthquake aane ke karan kya hai) है। इसका परिणाम हम पवित्र शहर जोशीमठ में देख ही रहे हैं और आगे चल कर यह कई अन्य शहरों में भी देखने को मिलेगा।
  • अब यदि जमीन के नीचे कोई पहले से ही सुरंग या गुफा बनी हुई है और किसी कारणवश वह टूट जाती है तो भी भूकंप देखने को मिलता है। अब पहले से ही जमीन के अंदर कोई बड़ा खड्डा हो सकता है जिसके कारण जमीन धंस सकती है और भूकंप आ सकता है।
  • यदि जमीन के ऊपर भी बेतहाशा निर्माण कार्य हो रहा है और उसके लिए तरह तरह के विस्फोट किये जा रहे हैं या कोई बहुत बड़ी बिल्डिंग गिर जाती है या ऐसा ही कुछ होता है तो भी भूकंप देखने को मिलता है।
  • यदि किसी देश के द्वारा परमाणु विस्फोट किया जाता है तो उसके कारण भी भूकंप का प्रचंड रूप देखने को मिलता है।

भूकंप के प्रकार (Bhukamp types in Hindi)

अभी तक आपने भूकंप के विभिन्न कारणों के बारे में जान लिया है लेकिन उनके प्रभाव से इसके क्या कुछ रूप हो सकते हैं, इसके बारे में भी जानना जरुरी हो जाता (Earthquake types in Hindi) है। तो अब हम भूकंप के विभिन्न प्रकारों के बारे में बात करेंगे जिन्हें अलग अलग नाम दे दिया जाता है। आइए जाने भूकंप के प्रकारों के बारे में:

प्राकृतिक भूकंप

जो भी भूकंप अपने आप या प्राकृतिक कारणों से आता है और उसमें मनुष्य का कोई योगदान नहीं होता है तो उसे ही प्राकृतिक भूकंप कहा जाता है। यहाँ यह बात ध्यान रखने योग्य है कि मानवीय भूकंप एक सीमा तक अपना प्रभाव दिखा सकता है लेकिन प्राकृतिक भूकंप कितना भी शक्तिशाली हो सकता है और यह एक साथ पूरी पृथ्वी तक को अपनी चपेट में ले सकता है।

मानवीय भूकंप

ऊपर हमने आपको भूकंप आने के जो जो कारण बताए उसमे से अधिकांश मनुष्य के द्वारा होने वाले कारण थे। तो यदि उनमे से किसी कारण की वजह से भूकंप देखने को मिलता है तो वह मनुष्य जनित भूकंप कहा जाएगा जो जोशीमठ में देखने को मिल रहा है।

भूकंप के प्रभाव (Bhukamp ke effects)

अब भूकंप आने पर यदि आपको लगता है कि केवल धरती ही हिलती है तो आप गलत हैं। दरअसल भूकंप आने के कई सारे प्रभाव देखने को मिलते हैं जो मनुष्य जाति के लिए अत्यंत विनाशकारी हो सकते (Earthquake benefits in Hindi) हैं। इसमें केवल धरती का हिलना ही सम्मिलित नहीं है बल्कि कई अन्य चीज़ें भी होती हैं जिन्हें अलग घटनाएँ कह दिया जाता है लेकिन उनका कारण यही भूकंप ही होता है। तो आइए जाने भूकंप आने से क्या कुछ प्रभाव देखने को मिलते हैं।

  • इसका सबसे पहले प्रभाव तो धरती का हिलना ही होता है जिसकी तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। इसके बारे में हमने आपको ऊपर ही बता दिया है कि कितने रिक्टर स्केल की तीव्रता कितनी घातक सिद्ध हो सकती है।
  • अब भूकंप के कारण धरती फट भी सकती है और उसमें एक लंबी चौड़ी खाई का निर्माण हो सकता है। आपने अक्सर न्यूज़ में यह देखा होगा कि किसी जगह धरती में बहुत लंबी दरार आ गयी है और वहां एक लंबी खाई बन गई है तो यह भूकंप के कारण ही होता है।
  • अब इसके प्रभाव में केवल एक लंबी खाई बन जाना ही शामिल नहीं है बल्कि इससे धरती धंस भी सकती है। अर्थात इसमें दरार ही नहीं पड़ती बल्कि किसी जगह पर धरती में एक बड़ा खड्डा बन जाता है और यह मुख्य तौर पर धरती के अंदर किसी गुफा या सुरंग के टूटने के कारण होता है।
  • इसके प्रभाव से धरती के ऊपर स्थित भवन इत्यादि गिर जाते हैं और सभी निर्माण धराशायी हो जाते हैं। साथ ही उनके मलबे में दब कर जान माल का भी बहुत नुकसान उठाना पड़ता है।
  • इससे आग लगने की घटनाएँ भी बहुत आम है क्योंकि बिजली को नुकसान पहुँचता है और वह आग पकड़ लेती है। तो भूकंप आने के बाद आगजनी की घटनाएँ भी बहुत देखी जाती है।
  • भूकंप के कारण ज्वालामुखी विस्फोट तक हो जाता है और उससे भी बहुत ज्यादा नुकसान होता है। हालाँकि यह केवल संवेदनशील जगहों पर ही होता है जहाँ ज्वालामुखी फटते रहते हैं।
  • यदि भूकंप समुंद्र के इलाकों के पास आ रहा है या वह बहुत ज्यादा शक्तिशाली है तो इससे समुंद्र पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलता है और भयंकर सुनामी आ जाती है।

इस तरह से भूकंप के द्वारा कई अन्य तरह की प्राकृतिक घटनाएँ भी घटित हो जाती है जो पूर्ण रूप से भूकंप की तीव्रता पर निर्भर करती है। हालाँकि यह मनुष्य जाति या पृथ्वी के लिए अच्छा भी होता है जिसके बारे में हम आपको नीचे बतायेंगे।

भूकंप से मिलने वाले लाभ (Bhukamp se milne wale labh)

यह सोच कर आप अचम्भे में पड़ गए होंगे कि क्या भूकंप भी लाभदायक होता है और होता है तो इससे हमें क्या कुछ लाभ देखने को मिलते (Bhukamp ke fayde kya hai) हैं। तो यहाँ हम आपको यह कहें कि पृथ्वी का जो स्वरुप आप आज देख रहे हैं, जिसमें कई तरह के महाद्वीप, देश, पहाड़, नदियाँ, वन इत्यादि आते हैं, वह सब इसी भूकंप के कारण ही है। साथ ही हमें पृथ्वी के नीचे से जो प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हो रहे हैं, वह सब भी इसी भूकंप के कारण ही है तो आपको यह सुन कर कैसा लगेगा।

अब सच्चाई तो यही है क्योंकि भूकंप के कारण ही धरती के टुकड़े होकर सात अलग अलग महाद्वीप बने। भूकंप के कारण ही पृथ्वी की सतह ऊपर उठी और उससे हमें पर्वत, पहाड़ इत्यादि देखने को मिले। भूकंप के कारण ही पृथ्वी की सतह में दरारे आई और वहां से जल का प्रवाह हुआ और नदी (Earthquake benefits in Hindi) बनी। भूकंप के कारण ही बहुत सारी चीज़ें धरती में दब गयी और इतने वर्षों तक दबे रहने के कारण वे प्राकृतिक संसाधन जैसे कोयला, कच्चा तेल व गैस इत्यादि में बदल गयी। तो यह सभी प्रभाव भूकंप के ही है जो प्रकृति के लिए अच्छे हैं।

भूकंप क्या है – Related FAQs

प्रश्न: भूकंप क्या होता है?

उत्तर: भूकंप क्या होता है, इसके बारे में समूची जानकारी हमने आपको इस लेख में दी है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: भूकंप किसे कहते हैं यह कितने प्रकार का होता है?

उत्तर: धरती के हिलने को भूकंप कहते हैं और यह दो प्रकार का होता है, एक होता है प्राकृतिक व दूसरा मानव जनित भूकंप।

प्रश्न: भूकंप क्या है और इसके कारण?

उत्तर: भूकंप धरती का हिलना होता है और इसका मुख्य कारण धरती के नीचे स्थित परतों का आपस में टकराना होता है।

प्रश्न: भूकंप के 3 मुख्य कारण क्या हैं?

उत्तर: भूकंप के 3 मुख्य कारण परतों का आपस में टकराना, मनुष्य की बढ़ती लालसा तथा अंधाधुंध होता विकास है।

इस तरह से आज के इस लेख में आपने यह जाना कि यह भूकंप क्या होता है, इसके क्या कुछ कारण होते हैं, इसके प्रकार कौन कौन से हैं, यह आता कैसे है, इसकी तीव्रता कैसे माप जाती है और इसके नुकसान व लाभ क्या क्या हैं इत्यादि।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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