Big data kya hai : पहले हम सोचते थे कि स्वर्ण अर्थात सोना सबसे महंगा होता है। फिर लोग जमीन के बारे में ऐसा सोचने लगे और ऐसे ना जाने कितनी ही चीजें समाज के अनुसार बदलती चली गयी। आज के समय में जो चीज़ सबसे ज्यादा कीमती है, वह है आपका डाटा। अब यही डाटा जब बड़ा रूप ले लेता है तो उसे बिग डेटा कहा जाता है। आज के समय में आपने इस शब्द के बारे में अवश्य ही पहले से सुन रखा होगा क्योंकि यह बहुत ही मूल्यवान चीज़ बन गयी है।
पहले के समय में सब कुछ ऑफलाइन हुआ करता था लेकिन आज के समय में हर काम फिर चाहे वह बिल भरना हो या कोई टिकट कटवाना, पढ़ना हो या शॉपिंग करना, इत्यादि सब ऑनलाइन हो रहा है। तो यही सब मिलकर ही बिग डेटा का रूप लेता जा रहा है जो आम आदमी की समझ में शायद इतनी जल्दी ना (Big data kise kahate hain) आये। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप तो अपने लिए एक दैनिक काम कर रहे होते हैं लेकिन आप ऑनलाइन जो कुछ भी कर रहे हैं, वह एक डाटा के रूप में कहीं ना कहीं एकत्रित हो रहा है।
ऐसे में यह बिग डेटा है क्या चीज़ और यह किस तरह से काम करता है, आज उसके बारे में बात करना और इसके बारे में जानना बहुत ही आवश्यक हो गया (Big data kya h in Hindi) है। आज के इस लेख में ना केवल हम आपको बिग डेटा के बारे में बताएँगे बल्कि इसके प्रकारों, विशेषता, लाभ व नुकसान के बारे में भी चर्चा करने वाले हैं। उक्त लेख को पढ़कर आपको बिग डेटा के बारे में शुरू से लेकर अंत तक संपूर्ण जानकारी मिलने वाली है।
बिग डेटा क्या है? (Big data kya hai)
डाटा से आप क्या समझते हैं? आप कहेंगे कि आपके मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी के साथ ओरों के भी मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी मिला दी जाए तो उसे ही हम डाटा कहते हैं। आप कुछ हद्द तक तो ठीक हैं लेकिन पूरी तरह से नहीं। माना कि किसी व्यक्ति से संपर्क करने का साधन सबसे बड़ा डाटा होता है जैसे कि उसका मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, सोशल मीडिया खाते या फिर उसके घर का पता। किन्तु आज के समय में कंपनियों को केवल संपर्क डाटा ही नहीं चाहिए होता है बल्कि इससे बढ़कर बहुत कुछ चाहिए होता है।
अब आप ऑनलाइन कैसी भी गतिविधि कर रहे (Big data kya hota hai) हैं, वह सब डाटा के रूप में संगृहीत होती जा रही है। उदाहरण के तौर पर आज आपने अपनी फेसबुक प्रोफाइल को कुल एक घंटे तक चलाया। अब आपने एक घंटे के दौरान 100 तरह की पोस्ट को देखा। तो उन 100 पोस्ट में से आपने किस पोस्ट को लाइक किया, किस पर कमेंट भी किया, किस को अच्छे से देखा और किसको रिपोर्ट किया या अन्य गतिविधि की, यह सब डाटा फेसबुक के पास सेव होता जा रहा है।
इस तरह से फेसबुक को पता चल रहा है कि आपकी किस तरह की पोस्ट में रुचि (Big data kya hai Hindi) है। अगली बार वह आपको आपके द्वारा लाइक की गयी पोस्ट से मिलती जुलती पोस्ट को ज्यादा दिखायेगी। इतना ही नहीं फेसबुक आपकी पसंद के अनुसार आपके डेटा को दूसरी कंपनियों को बेच देगी। तो यहाँ तो हमने आपको केवल फेसबुक का ही उदाहरण दिया। इसी तरह का उदाहरण आप ऑनलाइन शॉपिंग, खेल खेलने, बिल भरने, या अन्य कुछ काम करने से जोड़कर देख सकते हैं।
तो यह सब डाटा के रूप में सिस्टम में एकत्र होता जा रहा है। तो यहाँ बिग डेटा का अर्थ होता है ऐसे ही डाटा का बहुत बड़े रूप में होना। कहने का अर्थ यह हुआ कि फेसबुक पर ऐसे हजारों या लाखों लोगों की सूची जिनका झुकाव भाजपा पार्टी में ज्यादा है या जो हॉरर फिल्मों की पोस्ट में ज्यादा रुचि रखते हैं। एक तरह से बिग डेटा वह डाटा होता है जहाँ एक जैसे ही हजारों लाखों लोगों का डाटा निकाला जाता है।
बिग डेटा की परिभाषा (Big data kya h in Hindi)
अब यदि हम सरल व स्पष्ट शब्दों में आपको बिग डेटा की परिभाषा समझायेंगे तो यह ऐसे लोगों का डाटा होता है जिन्हें लगभग एक जैसी रुचि है या फिर यह जरुरी भी नहीं है कि उन्हें एक जैसी ही रुचि हो लेकिन किसी न किसी रूप में उनका आपस में संबंध होता है। अर्थात उन्हें रैंडम तरीके से नहीं उठाया गया होता है बल्कि उनमें किसी ना किसी रूप में समानता होती है।
अब यह डाटा कुछ लोगों का ना होकर बहुत बड़े रूप में होता है। इसमें कम से कम कुछ हज़ार या फिर लाखों या करोड़ों लोगों का डाटा एक साथ होता है। इसी कारण ही इसे बिग डेटा कहा जाता है। यहाँ बिग डेटा में बिग का अर्थ विशाल या बड़े से होता है जबकि डाटा का अर्थ सूचना या जानकारी से होता है। तो बहुत बड़े समूह की सूचना को ही बिग डेटा कहा जाता है।
बिग डेटा के प्रकार (Big data ke prakar)
अब हम आपको बिग डेटा के प्रकारों के बारे में जानकारी दे देते हैं। वैसे तो बिग डेटा के कोई प्रकार नहीं होते हैं क्योंकि अलग अलग चीज़ों से संबंधित यह अलग अलग तरह का डाटा होता है। अब कोई कंपनी किसी रूप में डाटा मांगती है तो कोई कंपनी किसी रूप में। साथ ही डाटा किस तरह का लिया जा रहा है, उसमें भी यह उसके फॉर्मेट में या अन्य चीज़ों पर निर्भर करता है।
फिर भी इस बिग डेटा के फॉर्मेट के अनुसार इसे मुख्य तौर पर तीन भागों में (Big data types in Hindi) बाँट दिया जाता है। आइये जाने बिग डेटा के तीन मुख्य प्रकारों के बारे में।
स्ट्रक्चर्ड बिग डेटा (Structured Big Data)
बिग डेटा के प्रकारों में सबसे पहला जो प्रकार आता है उसे हम स्ट्रक्चर्ड बिग डेटा के नाम से जानते हैं। इसे हिंदी में हम सरंचित बिग डेटा भी कह सकते हैं। यह एक ऐसा डाटा होता है जो पूरी तरह से फॉर्मेट किया गया होता है। अब मान लीजिये किसी कंपनी को उन लोगों की सूची चाहिए जिनका भाजपा पार्टी में रुझान हो और उसमें भी उन्हें हर राज्य के अनुसार अलग अलग लोगों की सूची चाहिए तो वह फेसबुक से या ऐसी ही किसी चीज़ से माँग करेगी।
अब यदि फेसबुक उस कंपनी को ऐसे 10 लाख लोगों की सूची देती है जिनका भाजपा पार्टी के प्रति रुझान है। साथ ही उस बिग डेटा में उन सभी व्यक्तियों को उनके राज्य के अनुसार अलग अलग वर्गीकृत किया गया होता है। इतना ही नहीं उन्हें उनकी शिक्षा या आयु के अनुसार भी वर्गीकृत किया गया है। एक तरह से वह पूरी सूची को विस्तृत फॉर्मेट और अच्छे से डिजाईन करके उस कंपनी को देती है तो इसे हम स्ट्रक्चर्ड डाटा कह सकते हैं।
सेमी स्ट्रक्चर्ड बिग डेटा (Semi Structured Big Data)
स्ट्रक्चर्ड बिग डेटा की तरह ही यह भी स्ट्रक्चर्ड तो होता है लेकिन पूरी तरह से नहीं। कहने का अर्थ यह हुआ कि इसमें कुछ चीज़ों का स्ट्रक्चर सेट करके दिया होता है लेकिन बाकि सब यूँ ही दे दिया जाता है। उदाहरण के लिए हम ऊपर वाले उदाहरण को ही ले लेते हैं। तो अब यदि फेसबुक उस कंपनी को भाजपा पार्टी के प्रति रुचि रखने वाले लोगों का डाटा देती है लेकिन उन्हें केवल राज्यों के अनुसार ही वर्गीकृत किया गया है।
पहले वाली में उन्हें राज्य के साथ साथ उनकी शिक्षा, आयु इत्यादि के अनुसार भी वर्गीकृत किया गया था जो इसमें नहीं किया गया है। इस तरह से सेमी स्ट्रक्चर्ड डेटा में बस एक या दो स्तर पर ही या एक मुख्य स्तर पर ही डेटा को स्ट्रक्चर करके दिया जाता है और बाकि सब यूँ ही होता है।
अन स्ट्रक्चर्ड बिग डेटा (Unstructured Big Data)
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि इस बिग डेटा में सूचना को स्ट्रक्चर किया गया नहीं होगा। यहाँ आपको माँगा गया डाटा तो मिल जाएगा लेकिन उसे स्ट्रक्चर नहीं किया गया होगा। अब ऊपर वाले उदाहरण को ही ले लिया जाए तो उसमें आपको फेसबुक उन एक लाख लोगों का बिग डेटा तो दे देगी जो भाजपा के प्रति रुझान रखते हैं लेकिन इन्हें वर्गीकृत नहीं किया गया होगा।
इसमें एक ही सूची होगी और उसमें सभी राज्यों और शिक्षा, आयु इत्यादि के लोग दिए गए होंगे। हालाँकि इसमें हर व्यक्ति के नाम के साथ यह अवश्य लिखा होगा कि वह किस राज्य से है, उसकी आयु क्या है, उसने कहाँ तक शिक्षा ग्रहण की है इत्यादि किन्तु उन्हें अलग अलग करने का काम आपको ही करना होगा। इस तरह से इस बिखरे हुए डाटा को या डाउनलोड किये डाटा को वैसे का वैसा ही दे देना अन स्ट्रक्चर्ड बिग डेटा के अंतर्गत आता है।
बिग डेटा के उपयोग (Big data ke anuprayog)
अब हम बात करते हैं बिग डेटा के उपयोग करने के बारे में। तो जैसा कि हमने पहले ही बताया कि आज के समय में डाटा ही सबकुछ है और वही डाटा यदि बड़ा रूप ले लेता है तो हम उसे बिग डेटा के नाम से जानते हैं। एक तरह से यह आज के समय में सोने चांदी से कम नहीं है क्योंकि लोगों के बारे में तरह तरह की जानकारी तो हर कंपनी व उद्योग लेना चाहता है। इसी कारण इसका उपयोग भी हर तरह के क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है।
अब हम तो आपके सामने कुछ एक नाम रख (Big data ke anuprayog) देंगे लेकिन वह सही नहीं रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि आज के समय में दुनिया का कोई भी क्षेत्र हो, कोई भी कम्पनी हो, वह किसी भी चीज़ से संबंधित हो, हर जगह डाटा की जरुरत पड़ती ही है। एक तरह से हर कंपनी की रूपरेखा, कार्यप्रणाली, उत्पाद व सेवा इत्यादि सभी कुछ इसी बिग डेटा पर ही निर्भर करती है।
इसलिए आप दुनिया की किसी भी कंपनी या उद्योग को बिग डेटा के साथ जोड़कर देख सकते है। हर कंपनी को किसी ना किसी रूप में बिग डेटा की जरुरत पड़ती ही है। अब किसी को कम डाटा की जरुरत पड़ती है तो किसी को ज्यादा। किसी को किसी रूप में बिग डेटा चाहिए होता है तो किसी को अन्य किसी रूप में।
बिग डेटा के स्रोत कौन कौन से हैं? (Big data sources examples in Hindi)
बिग डेटा का उपयोग कहां होता है या इसकी जरुरत कहाँ पड़ती है, यह जानने से ज्यादा आवश्यक होता है कि आखिरकार बिग डेटा मिलता कहाँ से है!! कहने का अर्थ यह हुआ कि बिग डेटा के सबसे बड़े स्रोत आज के समय में कौन कौन से हैं जहाँ से इसके लिए आवेदन किये जाते हैं। तो आइये जान लेते हैं आज के समय में बिग डेटा को प्राप्त करने के सबसे बड़े पांच स्रोत कौन कौन से हैं:
सरकार
बिग डेटा का सबसे बड़ा स्रोत अलग अलग देशों की सरकारें होती है। इनसे बड़ा सोर्स इस दुनिया में कोई और हो ही नहीं सकता है। अब आप हमारे भारत देश का ही उदाहरण ले लीजिये। हमारे देश में कोई शिशु जन्म ले रहा है तो वह तुरंत सरकार के पास पहुँच जाएगा। किसी की मृत्यु हो रही है तो वह जानकारी भी सरकारी आंकड़ों में दर्ज हो जाएगी। इसी के साथ ही सरकार सभी लोगों के तरह तरह के पहचान पत्र बनाती है, जिस कारण उनके बारे में सब तरह का निजी डाटा है।
इसी के साथ ही समय समय पर सरकार के द्वारा कई तरह की योजनाएं चलायी जाती है और इससे उन्हें सभी तरह का डाटा मिलता रहता है। हम जो भी सरकारी काम करते हैं, वह भी सरकार के पास दर्ज होता चला जाता है। हमारा बिज़नेस, उद्योग, कंपनी इत्यादि सभी की अनुमतियाँ सरकारी विभाग से ही मिलती है। ऐसे में सरकार ही बिग डेटा का सबसे बड़ा स्रोत होती है।
सोशल मीडिया
अब सरकार तो हमारे सामने है लेकिन एक ऐसी अनदेखी सरकार डिजिटल या ऑनलाइन रूप में चल रही है जो अनदेखी होती है। वो कहते हैं ना कि आज के समय में फेसबुक दुनिया का सबसे बड़ा देश है क्योंकि वहां की जनसख्या तो भारत या चीन से भी अधिक है। इस करण डाटा के मामले में यह सरकारों को भी पीछे छोड़ दे रहे हैं।
वह इसलिए क्योंकि किसी देश की सरकर के पास मुख्य तौर पर उसी देश के नागरिकों का ही डाटा होगा लेकिन सोशल मीडिया कंपनियों के पास तो अलग अलग देशों के लोगों का डाटा होता है। कुछ प्रसिद्ध सोशल मीडिया प्लेटफार्म के नाम फेसबुक, व्हाट्सऐप, एक्स, Instagram इत्यादि है।
सर्च इंजन
पहले सर्च इंजन बिग डेटा के मामले में पहले नंबर पर आता था लेकिन आज के समय में यह सोशल मीडिया से इस लड़ाई में पिछड़ता नज़र आ रहा है। वह इसलिए क्योंकि लोग सर्च इंजन पर कम गतिविधि करते है और सोशल मीडिया पर तरह तरह की गतिविधियाँ दिनभर करते रहते हैं।
सर्च इंजन में जो सबसे बड़ा बिग डेटा का स्रोत होता है वह है गूगल। वह इसलिए क्योंकि दुनिया की लगभग 95 प्रतिशत जनता के द्वारा सर्च इंजन के रूप में गूगल का ही उपयोग किया जाता है। इसके अलावा भी कई अन्य सर्च इंजन हैं लेकिन उनका उपयोग बहुत ही सीमित है।
शिक्षा जगत
सरकार, सोशल मीडिया व सर्च इंजन के बाद बिग डेटा में जिस स्रोत का नंबर आता है, वह है शिक्षा जगत। शिक्षा जगत में देश के सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, ट्यूशन क्लासेज, कोचिंग क्लासेज, ऑनलाइन क्लासेज इत्यादि सब आ जाते हैं। अब देश का लगभग हर नागरिक आज के समय में किसी ना किसी रूप में शिक्षा तो ग्रहण करता ही है।
ऐसे में शिक्षण से जुड़े हुए लोग या कंपनियों के पास बिग डेटा का भरमार होता है। इतना ही नहीं, उनके पास तो अपने यहाँ पढ़ रहे छात्र के साथ साथ उसके माता पिता और अन्य लोगों का भी डाटा आ जाता है। अब यही सब मिलकर ही बिग डेटा का रूप ले लेता है।
बैंकिंग प्रणाली
इन चारों के बाद बिग डेटा का जो सबसे बड़ा स्त्रोत है वह है बैंक। एक समय पहले तक बहुत ही कम लोगों के बैंक में खाते हुआ करते थे लेकिन जब से नरेंद्र मोदी जी ने इसका बीड़ा उठाया, तब से देश के लगभग हर व्यक्ति का बैंक खाता खुल चुका है। इससे लोगों का काम बहुत आसान हो गया है।
बैंक में खाता खुलवाने से हमारी वित्तीय जानकारी हमारे बैंक के पास होती है जो बिग डेटा का ही एक रूप है। यहाँ हम यह बता दें कि बैंक का जो बिग डेटा होता है, वह ऊपर वाले चारों बिग डेटा की तुलना में सबसे मूल्यवान माना जाता है। वह इसलिए क्योंकि यह सीधा पैसों से जुड़ा हुआ है।
बिग डेटा के फायदे (Big data benefits in Hindi)
अब हम बिग डेटा के फायदों के बारे में जान लेते हैं। आपने अभी तक बिग डेटा के बारे में जो भी जानकारी ली है, उसे पढ़कर आपको बिग डेटा का उपयोग करने से मिलने वाले फायदों के बारे में पता चल ही गया होगा। फिर भी हम कुछ मुख्य फायदों को आपके सामने रख देते (Big data ke fayde) हैं।
- बिग डेटा का उपयोग कर कंपनियां अपने काम करने की नीति का निर्धारण करती है। इससे कंपनियों को सही रूप में और सही दिशा में काम करने की शिक्षा मिलती है।
- बिग डेटा के कारण ही कंपनियों के द्वारा हमारी पसंद ना पसंद को ध्यान में रखकर उत्पादों का निर्माण किया जाता है। इसी कारण आज के समय में हमें बाजार में तरह तरह के उत्पाद देखने को मिलते हैं।
- समय समय पर हम सभी की जरूरतें बदलती जाती है। इसके लिए हमें तरह तरह की सेवाएं अर्थात सर्विसेज की जरुरत पड़ती है जिसके बारे में कंपनियों को बिग डेटा के जरिये ही पता चलता है।
- जो कंटेंट हमें सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है, वह हमें पसंद आ रहा है या नहीं या उसमें किसी तरह से परिवर्तन करने की आवश्यकता है, वह सब भी इसी बिग डेटा के कारण ही संभव हो पा रहा है।
- बिग डेटा के द्वारा ग्राहक और निर्माता के बीच में विश्वास मजबूत हो रहा है और हमें अपनी पसंद के अनुसार चीजें उपलब्ध हो रही है और निर्माता भी अपने ग्राहकों को बेहतर तरीके से समझ पा रहा है।
इस तरह से बिग डेटा के अपने कई तरह के फायदे देखने को मिलते हैं। हालांकि यह फायदे हर कंपनी की कार्यशैली और उसके क्षेत्र के अनुसार अलग अलग होते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि किस कंपनी को किस चीज़ के लिए बिग डेटा चाहिए, उसी के अनुसार ही उसका फायदा भी अलग होता है।
बिग डेटा के नुकसान (Big data disadvantages in Hindi)
अब आपने बिग डेटा से मिलने वाले फायदों के बारे में तो जान लिया है लेकिन इसके अनुचित इस्तेमाल से किस किस तरह के नुकसान हो सकते हैं, उनके बारे में भी आपको जानकारी होनी चाहिए। तो चलिए जानते हैं बिग डेटा से क्या कुछ नुकसान देखने को मिलते (Big data ke nuksan) हैं।
- डाटा बहुत ही मूल्यवान चीज़ है और यह हमारे लिए किसी स्वर्ण धातु से कम नहीं है। ऐसे में यह डाटा जब तक सुरक्षित हाथों में है तब तक ठीक है लेकिन गलत हाथों में जाने पर इसका उतना ही अनुचित इस्तेमाल किया जा सकता है।
- आज के समय में आपको जो भी स्पैम कॉल्स या मैसेज आ रहे हैं, वह इसी बिग डेटा का ही नुकसान है। कंपनियों के द्वारा पैसे कमाने के लालच में बिग डेटा को किसी को भी बेचा जा रहा है और इसी करण आपको इतने स्पैम कॉल्स आते हैं।
- यदि गलत व्यक्ति के हाथों में आपका संवेदनशील डाटा लग जाता है तो वह इसका इस्तेमाल आपको धमकाने, या आपसे पैसे एंठने के लिए कर सकता है। इसके माध्यम से वह आपको भ्रमित करने का भी प्रयास कर सकता है।
- बिग डेटा की हेराफेरी भी बहुत होने लगी है। आज के समय में बड़ी कंपनियां छोटी कंपनियों को खत्म करने या उनका सामना करने के लिए इसी बिग डेटा की हेराफेरी का ही इस्तेमाल कर रही है।
- बिग डेटा के गलत प्रचार से बहुत कुछ अनहोनी करवायी जा सकती है और इससे देश में उपद्रव भी किया जा सकता है। इसकी वजह से चुनी गयी सरकारें तक गिर सकती है तथा और भी बहुत कुछ हो सकता है।
ऐसे में आपको लग रहा होगा कि बिग डेटा बहुत ही ज्यादा लाभदायक है लेकिन जितना यह लाभदायक है, उतना ही नुकसानदेह भी है। आज के समय में किसी चीज़ का सही उपयोग बहुत कम होता है और उसका अनुचित इस्तेमाल बहुत ज्यादा होता है। इसी कारण बिग डेटा का भी नुकसान देखने को मिल रहा है।
बिग डेटा क्या है – Related FAQs
प्रश्न: बिग डाटा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: बिग डाटा का अर्थ होता है एक ऐसा डाटा जहाँ बहुत से व्यक्तियों का एक जैसा डाटा संगृहीत किया गया होता है। यह डाटा लाखों या करोड़ो में होता है और इसी कारण इसे बिग डाटा कहा जाता है।
प्रश्न: बिग डाटा क्या है और इसके फायदे?
उत्तर: बिग डाटा एक ही जगह पर एकत्रित किये गए लाखों या करोड़ो लोगों का डाटा होता है जो उनके बारे में कोई विशिष्ट जानकारी उपलब्ध करवाता है। इसका सबसे बड़ा फायदा कंपनी को निजी लाभ देना होता है।
प्रश्न: बिग डेटा कब शुरू हुआ?
उत्तर: बिग डाटा की शुरुआत तभी से ही शुरू हो गयी थी जब से इस दुनिया में कंप्यूटर व इंटरनेट की क्रांति आयी थी। इसके माध्यम से लोगों का व्यक्तिगत या सार्वजनिक डाटा बड़े पैमाने पर जुटाने का काम शुरू हो गया था।
प्रश्न: बिग डेटा का उपयोग करने के फायदे और नुकसान क्या हैं?
उत्तर: बिग डाटा का उपयोग करने के फायदे में कंपनी को निजी लाभ पहुंचाना और ग्राहकों तक ज्यादा से ज्यादा और सही जानकारी देना होता है। जबकि इसके नुकसान में ग्राहकों के डाटा के साथ छेड़छाड़ करना या उसका गलत इस्तेमाल करना शामिल है।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने बिग डेटा के बारे में जानकारी हासिल कर ली है। आपने जाना कि बिग डेटा क्या है बिग डेटा के प्रकार, उपयोग, स्त्रोत, फायदे और नुकसान क्या है इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई प्रश्न आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।