बायोटेक्नोलॉजी क्या है? | बायोटेक्नोलॉजी में करियर कैसे बनाये? | Biotechnology kya hai

|| बायोटेक्नोलॉजी क्या है? | Biotechnology kya hai | बायोटेक्नोलॉजी में करियर कैसे बनाये? | बायोटेक्नोलॉजी के प्रकार | Biotechnology ke prakar | बायोटेक्नोलॉजी कोर्स क्या है? | बायोटेक्नोलॉजी में स्कोप क्या है? | बायोटेक्नोलॉजी के फायदे | बायोटेक कितने साल का कोर्स होता है? ||

Biotechnology kya hai :- अब यदि आपकी चिकित्सा या मेडिकल के क्षेत्र में रुचि है लेकिन आप डॉक्टर नहीं बनना चाहते हैं या मेडिकल फील्ड में नहीं जाना चाहते हैं लेकिन मेडिकल से जुड़ी रिसर्च में जाना चाहते हैं तो आपके लिए बायोटेक्नोलॉजी का क्षेत्र बहुत ही सही रहने वाला है। आप सोच रहे होंगे कि अब यह क्या चीज़ हो गयी। आज तक तो आपने डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ, दवाई बेचने वाले, मेडिकल स्टोर वाले, स्कैन करने वाले इत्यादि ही देखे हैं तो यह कौनसी फील्ड हो (Biotechnology kya h) गयी।

तो दोस्तों, मेडिकल एक बहुत ही बड़ा क्षेत्र है और यह केवल दवाइयों से ही जुड़ा हुआ नहीं है। इसमें भी कई तरह के प्रकार होते हैं जो आपको अचंभित कर सकते हैं। तभी तो इसे टेक्नोलॉजी अर्थात तकनीक का नाम दिया गया है क्योंकि जब किसी क्षेत्र में रिसर्च या खोजबीन ही नहीं होगी तो फिर उसमे आगे कैसे बढ़ा जाएगा। तो ऐसे में दवाई, जीव, जंतुओं, पेड़ पौधों इत्यादि किसी भी प्राणी के बारे में रिसर्च करना ही बायोटेक्नोलॉजी का अंग माना जाता (Biotechnology ke baad kya kare) है।

यही कारण है कि आज के समय में बहुत से छात्र जो रिसर्च में रुचि रखते हैं और खासतौर पर वे छात्र जिनका मेडिकल के क्षेत्र में भविष्य बनाने का सपना होता है, वे बायोटेक्नोलॉजी कोर्स कर रहे हैं। ऐसे में यह बायोटेक्नोलॉजी क्या होती है और इसमें क्या कुछ प्रकार देखने को मिलते हैं, इसके बारे में जानना बहुत ही जरुरी हो जाता है। आइये जाने बायोटेक्नोलॉजी के बारे में विस्तार (Biotechnology kise kahate hain) से।

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बायोटेक्नोलॉजी क्या है? (Biotechnology kya hai)

इस पृथ्वी में मनुष्य सहित कई तरह के जीव जंतु हैं और उन्हीं के साथ ही जीवन के लिए कई तत्व मौजूद हैं। उदाहरण के तौर पर जल, वायु, अग्नि, मिट्टी इत्यादि सभी हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं और इसी के साथ ही हम नित्य तौर पर भोजन व पानी का ग्रहण कर जीवित रह पाते हैं। ऐसे में इन सभी के द्वारा ही हम अपना जीवनयापन कर पाने में सक्षम होते हैं। ठीक इसी तरह इस पृथ्वी पर करोड़ों तरह के अन्य जीव जंतु व पेड़ पौधों की प्रजातियाँ (What is biotechnology in Hindi) हैं।

बायोटेक्नोलॉजी क्या है बायोटेक्नोलॉजी में करियर कैसे बनाये Biotechnology kya hai

तो बायोटेक्नोलॉजी के माध्यम से इन सभी पर रिसर्च करना, जीवन प्रक्रिया के बारे में जानना, उसे सरल बनाने का प्रयास करना, कोई नयी खोज करना इत्यादि शामिल होता (Biotechnology ki definition) है। अब यदि हम किसी बीमारी के लिए बनायी जाने वाली दवाई को ले लें तो वह बायोटेक्नोलॉजी की ही खोज कही जाएगी। वह इसलिए क्योंकि जिस व्यक्ति ने बायोटेक्नोलॉजी की हुई थी, उसी ने ही किसी कंपनी में रहकर इस पर काम किया, बीमारी का पता लगाया और वह किन तत्वों के संगम से ठीक की जा सकती है, उसका मिश्रण तैयार करके एक दवाई (Biotechnology in Hindi) बनायी।

तो इस तरह से इस पृथ्वी पर उपस्थित तत्वों व जीव जंतुओं की खोज कर उनके बारे में सटीक जानकारी निकालना, उसके बारे में गहन अध्ययन करना और नयी खोज करना ही बायोटेक्नोलॉजी का अंग है। इसके बारे में बेहतर तरीके से जानने के लिए आप यह समझ लीजिये कि यह पृथ्वी पर उपस्थित सभी तरह के जीवों के विज्ञान और उनकी तकनीक से संबंधित होती (Biotechnology kya hota hai) है।

बायोटेक्नोलॉजी को हिंदी में क्या कहते हैं? (Biotechnology meaning in Hindi)

अब यदि हम बायोटेक्नोलॉजी के हिंदी शब्द के बारे में जानना चाहें तो बायोटेक्नोलॉजी को हिंदी में जीव प्रौद्योगिकी के नाम से जाना जाता है। दरअसल यह दो शब्दों के मेल से बना हुआ शब्द है जिसे हम बायोलॉजी और टेक्नोलॉजी के नाम से जान सकते हैं। ऐसे में बायोलॉजी और टेक्नोलॉजी को मिलाकर ही बायोटेक्नोलॉजी शब्द की रचना की गयी है। स्कूल के स्तर पर हमें बायोलॉजी पढ़ाई जाती थी जिसे हम हिंदी में जीव विज्ञान के नाम से जानते (Biotechnology ki paribhasha) हैं।

अब यदि इसी जीव विज्ञान में तकनीक अर्थात टेक्नोलॉजी का संगम हो जाता है तो उसे ही बायोटेक्नोलॉजी का नाम दिया जाता है। ऐसे में जीव विज्ञान को तकनीक के माध्यम से आधुनिक रूप देने, उसके बारे में खोजबीन व रिसर्च करने को ही बायोटेक्नोलॉजी कहा जाता है जिसे हम हिंदी में जैव या जीव प्रौद्योगिकी कह सकते हैं।

बायोटेक्नोलॉजी के प्रकार (Biotechnology ke prakar)

अब हम बात करने जा रहे हैं बायोटेक्नोलॉजी के प्रकारों के बारे में। तो यह तो हमने आपको ऊपर ही बता दिया था कि बायोटेक्नोलॉजी एक तरह की नहीं होती है और इसमें इनकी खोज के अनुसार ही अलग अलग रूप दिया गया होता (Biotechnology types in Hindi) है। यहाँ हम यह समझाना चाह रहे हैं कि बायोटेक्नोलॉजी में तरह तरह के जीव जंतुओं की खोज के अनुसार ही उन्हें अलग अलग रूप दिया जाता है। ऐसे में बायोटेक्नोलॉजी के प्रकार के बारे में जानना जरुरी हो जाता है। आइये जाने बायोटेक्नोलॉजी के प्रकारों के बारे में।

ब्लू बायोटेक्नोलॉजी (Blue biotechnology biotechnology definition in Hindi)

इस तरह की बायोटेक्नोलॉजी में समुंद्र से जुड़े रहस्यों का पता लगाया जाता है। अब जैसे कि कुछ ही समय में हमारी अंतरिक्ष एजेंसी समुन्द्रयान भेजने की तैयारी में है जो समुंद्र से जुड़े रहस्यों का पता लगाएगी। तो इससे ब्लू बायोटेक्नोलॉजी में भी बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा जो इसकी दशा व दिशा को पूरी तरह से बदल कर रख देगा। एक तरह से समुंद्र के अंदर स्थित जीव जंतुओं के बारे में रिसर्च करना ही ब्लू बायोटेक्नोलॉजी के अंतर्गत आता है।

इसमें समुंद्र के अंदर स्थित माइक्रोऑर्गेनिज्म्स का अध्ययन किया जाता है और यह पता लगाया जाता है कि किस तरह से उनका उपयोग मनुष्य जाति के विकास और बेहतरी के लिए किया जा सकता है। समुंद्री जीवों के उपयोग से बायो प्रोडक्ट्स का निर्माण करना ही ब्लू बायोटेक्नोलॉजी का हिस्सा होता है।

रेड बायोटेक्नोलॉजी (Red biotechnology definition in Hindi)

रेड बायोटेक्नोलॉजी जीवों के शरीर के रक्त और अन्य जीवाणुओं की खोज और उपयोग के लिए होती है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों, औषधियों के निर्माण, रोग निदान और मेडिकल रिसर्च में किया जाता है। एक तरह से बायोटेक्नोलॉजी के सभी तरह के प्रकारों में इस तरह का प्रकार सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है क्योंकि आज के समय में इसी का ही बोलबाला ज्यादा देखने को मिलता है। हालाँकि अन्य प्रकार भी बहुत प्रसिद्ध है लेकिन इसका उपयोग बढ़ता जा रहा है।

ऐसा इसलिए क्योंकि इसके द्वारा मनुष्य जाति को सीधे तौर पर प्रभावित किया जाता है। तरह तरह की बीमारियों के निदान के लिए दवाइयों का निर्माण करना भी इसी में ही शामिल होता है जो उन्हें रोग मुक्त करती है। जहाँ एक ओर ब्लू बायोटेक्नोलॉजी के द्वारा ब्यूटी व फैशन से जुड़े प्रोडक्ट्स बहुतायत में बनाये जाते हैं तो वहीं रेड बायोटेक्नोलॉजी में दवाइयों का निर्माण किया जाता है।

ग्रीन बायोटेक्नोलॉजी (Green biotechnology definition in Hindi)

ग्रीन बायोटेक्नोलॉजी में खेती, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में बायोलॉजिक प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है। यह जैविक खाद्य उत्पादों, जैविक खेती और प्राकृतिक संसाधन संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। रेड बायोटेक्नोलॉजी के बाद जिस तरह की बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है वह ग्रीन बायोटेक्नोलॉजी ही होती है। इस तरह की बायोटेक्नोलॉजी को सरकार के द्वारा भी बहुत सहायता दी जाती है।

वह इसलिए क्योंकि यह देश की अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है। यदि इसमें कोई महत्वपूर्ण खोज हो जाती है तो देश के कृषि क्षेत्र में बदलाव देखने को मिल सकता है और अन्न के भंडार भरे जा सकते हैं। ऐसे में ग्रीन बायोटेक्नोलॉजी का भी अपना अलग ही महत्व होता है।

येलो बायोटेक्नोलॉजी (Yellow biotechnology definition in Hindi)

यह बायोटेक्नोलॉजी का ऐसा प्रकार होता है जिसमें जीवों की गतिविधियों, जीवनकाल और जीवों के जीवन प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। इसका उपयोग जीवों के व्यवहार, जैविक संरचना और पैरामीटर्स के अध्ययन में होता है जो प्रयोगशाला में महत्वपूर्ण होता है। यह एक तरह से रेड बायोटेक्नोलॉजी से ही संबंधित होती है लेकिन उससे कुछ मामलों में भिन्न होती है।

वह इसलिए क्योंकि इसमें मनुष्य की नहीं बल्कि जीव जंतुओं के बारे में रिसर्च की जाती है और उन्हें प्रयोगशाला में रखा जाता है। इस तरह की येलो बायोटेक्नोलॉजी की सहायता से रेड बायोटेक्नोलॉजी को भी बहुत मदद मिल जाती है जो उसमें रिसर्च को आगे बढ़ाने में मदद करती है।

वाइट बायोटेक्नोलॉजी (White biotechnology definition in Hindi)

यह एक तरह से येलो बायोटेक्नोलॉजी का ही भाग कहा जा सकता है लेकिन इसमें मुख्य तौर पर माइक्रो बैक्टीरिया के बारे में रिसर्च की जाती है। वैसे आज के समय में इस तरह की बायोटेक्नोलॉजी को येलो बायोटेक्नोलॉजी में ही मिला दिया गया है लेकिन कई जगह लोग केवल मुख्य तौर पर केवल इसी में ही पढ़ते हैं या रिसर्च करते हैं। वाइट बायोटेक्नोलॉजी को हम एक तरह से येलो बायोटेक्नोलॉजी का उपभाग कह सकते हैं।

बायोटेक्नोलॉजी के मुख्य क्षेत्र (Biotechnology ke kshetra)

अब जब आपने बायोटेक्नोलॉजी के प्रकारों के बारे में जानकारी ले ली है तो उसी के साथ साथ बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्रों के बारे में भी जानकारी ले ली जाए तो यह बेहतर रहता है। तो बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्रों के अनुसार उसे मुख्यतया पांच भागों में बांटा गया है जो उसके रिसर्च करने के बारे में बताता है। यह क्षेत्र हैं:

  1. जीनेटिक इंजीनियरिंग: यह क्षेत्र जीवों के जीनों में परिवर्तन करने और उन्हें नए तरीकों से उपयोग करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है, जैसे कि जीन थैरेपी और जीन मोडिफाइकेशन।
  2. एनिमल बायोटेक्नोलॉजी: इसका जानवरों की जीवन प्रक्रियाओं को समझने, प्रबंधन करने और उन्हें सुधारने के लिए उपयोग किया जाता है, जैसे कि पशुचिकित्सा और पशु प्रजनन।
  3. प्लांट बायोटेक्नोलॉजी: इसका उद्देश्य पौधों के विकास, उत्पादन और संरक्षण को सुधारना है, जैसे कि जैव प्रौद्योगिकी और पौधों का जीनेटिक।
  4. फार्मास्यूटिकल बायोटेक्नोलॉजी: इसका उद्देश्य नई दवाइयों और वैक्सीन की खोज करना और उनका उत्पादन करना है जो मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
  5. इंडस्ट्रियल बायोटेक्नोलॉजी: इसका उपयोग उद्योगों में उत्पादन प्रक्रियाओं को सुधारने और जीवों के साथ उपयोग करने के लिए किया जाता है, जैसे कि जीवन कार्यों के उपयोग में और उत्पादों की उत्पादन प्रक्रियाओं में।

बायोटेक्नोलॉजी कोर्स क्या है? (Biotechnology course kya hai)

अब बहुत से लोग बायोटेक्नोलॉजी के बारे में इतना सब जानकर उसमें अपना करियर बनाने का सोच रहे होंगे। तो हम आपको बता दें कि बायोटेक्नोलॉजी में भी कई तरह के कोर्स होते हैं लेकिन इसमें जो मुख्य तौर पर कोर्स होता है उसे हम इंजीनियरिंग का कोर्स कह सकते हैं। इसे हम बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग के नाम से कह सकते हैं या बायोटेक में इंजीनियरिंग करना भी कह सकते (Biotechnology course details in Hindi) हैं।

बायोटेक्नोलॉजी कोर्स को करने के लिए 4 वर्ष का समय लगता है जिसमें आपको जीव विज्ञान और उनकी तकनीक के बारे में समझाया जाता है। जिस तरह से इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल, मैकेनिकल या सिविल जैसी कई ब्रांच होती है, ठीक उसी तरह ही इसमें बायोटेक्नोलॉजी की भी एक ब्रांच होती है। आज के समय में इस तरह की इंजीनियरिंग ब्रांच में एडमिशन लेने का चलन बहुत ही तेजी के साथ बढ़ रहा है। आप भी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं और अपना भविष्य उज्जवल बना सकते हैं।

बायोटेक्नोलॉजी में करियर कैसे बनाये? (Biotechnology me career kaise banaye)

यदि आप बायोटेक्नोलॉजी में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो पहले तो आपको अपनी दसवीं कक्षा के बाद बायोलॉजी को स्ट्रीम के तौर पर चुनना होता है। अब दसवीं के बाद आपके सामने मुख्य तौर पर चार विकल्प होते हैं जैसे कि आर्ट्स, कॉमर्स, मेडिकल व नॉन मेडिकल। तो यदि आपको बायोटेक्नोलॉजी में करियर बनाना ही है तो आपको 11 वीं कक्षा में स्ट्रीम के तौर पर मेडिकल विषय का चुनाव करना होगा।

फिर जब आप अपनी 11 वीं व 12 वीं कक्षा की पढ़ाई को मेडिकल से कर लेते हैं और अच्छे अंकों के साथ पास हो जाते हैं तो उसके बाद बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग करने के लिए किसी बढ़िया से कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना होता है। इसके लिए आप चाहे तो देश के टॉप मोस्ट कॉलेज जैसे कि IIT या NIT में प्रवेश पाने के लिए JEE की परीक्षा दे सकते हैं या अन्य प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में भी अप्लाई कर सकते हैं।

अब यहाँ से आपको अगले 4 वर्ष के लिए पढ़ाई करनी होती है और उसके बाद आपको बायोटेक्नोलॉजी में इंजीनियर की डिग्री मिल जाती है। ध्यान रखें कि आपका कॉलेज भी बढ़िया हो और आपने 4 वर्ष में वहां अच्छे से बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई की हुई हो। अब यदि आपका कॉलेज बहुत ही बढ़िया है तो आपके कैंपस से ही आपका प्लेसमेंट हो जाएगा, नहीं तो आप कॉलेज के बाहर से ही बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियर को hire कर रही कंपनियों में अपना आवेदन दे सकते हैं। तो कुछ इस तरह से आप बायोटेक्नोलॉजी में अपना करियर बना सकते हैं।

बायोटेक्नोलॉजी में स्कोप क्या है? (Career in biotechnology in Hindi)

इसके बारे में शायद ही आपको बताना पड़े क्योंकि आज के समय में तो क्या पहले भी बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में स्कोप की कोई कमी नहीं थी। हम सभी इतना आगे इसलिए ही बढ़ पाए हैं क्योंकि बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम कर रहे लाखों लोगों ने इसमें बहुत कथिम परिश्रम किया है। उन्हीं के बलबूते ही मेडिकल साइंस से लेकर कृषि के क्षेत्र में इतनी उन्नति हो पायी है। ऐसे में बायोटेक्नोलॉजी में स्कोप कभी भी कम नहीं हो सकता है बल्कि यह तो समय के साथ बढ़ने ही वाला (Biotechnology scope in future in Hindi) है।

एक अच्छा छात्र जिसने बायोटेक्नोलॉजी में ना केवल अच्छे अंक प्राप्त किए हैं बल्कि उसे अच्छी समझ भी है और वह सही से खोजबीन कर सकता है तो उसे बड़ी बड़ी कंपनियां लेने को तैयार रहती है और उसे मनचाही सैलरी देती है। एक तरह से यह किसी को भी बहुत सफल बना सकती है और उसके भविष्य को पंख दे सकती है। तो आपको यदि बायोटेक्नोलॉजी में जाना है तो यह बहुत ही बढ़िया विकल्प है और इसमें आगे चल कर स्कोप ही स्कोप है।

बायोटेक्नोलॉजी के फायदे (Biotechnology karne ke fayde)

अब यदि हम बायोटेक्नोलॉजी से मिलने वाले फायदों के बारे में बात करें तो वह भी किसी से छुपे हुए नहीं है। इससे हमें या आपको ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को और प्रकृति को लाभ देखने को मिलता (Biotechnology benefits in Hindi) है। एक तरह से यह हम सभी के लिए ही बहुत फायदेमंद सिद्ध होती है। ऐसे में बायोटेक्नोलॉजी के उपयोग से जो प्रमुख फायदे देखने को मिलते हैं, वह इस प्रकार हैं:

  • इससे कृषि के क्षेत्र में बहुत बदलाव देखने को मिलता है और आधुनिक रूप से कृषि करने के तरीके निकलते हैं। एक तरह से कम जगह में ज्यादा पैदावार करना भी इसी बायोटेक्नोलॉजी की ही खोज है।
  • कीटनाशकों के प्रयोग से किस तरह से फसल को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है, वह भी हम बायोटेक्नोलॉजी की सहायता से ही संभव बना पाए हैं।
  • फार्मा के क्षेत्र में भी बायोटेक्नोलॉजी ने बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। फार्मा का अर्थ हो गया दवाइयों के क्षेत्र में। आज के समय में तरह तरह की बीमारियों के लिए जो दवाइयां बन रही है और उसमे खोज हो रही है, वह सब बायोटेक्नोलॉजी का ही कमाल है।
  • पर्यावरण को बचाने में भी बायोटेक्नोलॉजी का ही योगदान देखने को मिलता है क्योंकि इसके लिए तरह तरह के संसाधन व उपकरण बनाये जा रहे हैं जो पर्यावरण का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करना सिखाते हैं।
  • जीवन विज्ञान में भी इसका अहम योगदान रहा है और लोगों का जीवन पहले की तुलना में बहुत ही बेहतर हो गया है।

एक तरह से बायोटेक्नोलॉजी ने हमारे जीवन से संबंधित हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है और उसे सफल व सरल बनाने का काम किया है। यह हर दिन के साथ हमारे जीवन को और सरल व शरीर को स्वस्थ बनाने का कार्य कर रही है। यही बायोटेक्नोलॉजी के मुख्य लाभ होते हैं जो हर किसी के लिए लाभदायक सिद्ध होते हैं।

बायोटेक्नोलॉजी क्या है – Related FAQs 

प्रश्न: बायोटेक्नोलॉजी का मतलब क्या होता है?

उत्तर: बायोटेक्नोलॉजी के बारे में संपूर्ण जानकारी आपको ऊपर के लेख में पढ़ने को मिलेगी जो आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: बायोटेक्नोलॉजी में क्या स्कोप है?

उत्तर: बायोटेक्नोलॉजी करने के बाद आप रिसर्चर, फार्मा में, कृषि में इत्यादि में अपना भविष्य बना सकते हैं।

प्रश्न: बायोटेक्नोलॉजी के लिए योग्यता क्या है?

उत्तर: बायोटेक्नोलॉजी करने के लिए आपको 12वीं कक्षा में मेडिकल स्ट्रीम का चुनाव करना पड़ेगा।

प्रश्न: क्या बायोटेक्नोलॉजी से डॉक्टर बन सकते हैं?

उत्तर: बायोटेक्नोलॉजी के बाद आप रिसर्चर बन सकते हो डॉक्टर नहीं।

प्रश्न: बायोटेक कितने साल का कोर्स होता है?

उत्तर: बायोटेक 4 साल का कोर्स होता है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने बायोटेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी जुटा ली है। आपने जाना कि बायोटेक्नोलॉजी क्या है इसके प्रकार क्या हैं इसके क्षेत्र क्या हैं इसमें करियर कैसे बना सकते हैं और उसका स्कोप और फायदे क्या हैं इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। यदि कोई शंका आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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