|| बर्थडे क्यों मनाया जाता है? | Birthday kyu manaya jata hai | बर्थडे का क्या मतलब है? | Birthday ka matlab | बर्थडे पर केक क्यों काटते हैं? | Why cake cutting on birthday in Hindi | Janamdin kya hota hai ||
Birthday kyu manaya jata hai :- हमने जिस दिन जन्म लिया था उस दिन को हम अपने बर्थडे के रूप में सेलिब्रेट करते हैं जिसे हम जन्मदिन भी कहते हैं। पहले के समय में जन्मदिन या बर्थडे को मनाने की परंपरा नहीं होती (Janmdin kyon manate hain) थी और हम केवल ईश्वर के मानव रूप में उदय होने या उनके प्रकट होने के रूप को ही जयंती के तौर पर बनाते थे। फिर समय के साथ साथ मानव सभ्यता ने तरक्की की और आम लोगों का बर्थडे मनाने की परंपरा शुरू हो गयी। किंतु सोचने वाली बात यह है कि यह परंपरा कब और कैसे शुरू हुई।
कहने का अर्थ यह हुआ कि आम लोग अपना जन्मदिन या बर्थडे मनाने लगे, यह कब और कैसे शुरू हुई। साथ ही इस दिन (Janam din kya hota hai) को हम केक क्यों काटते हैं और मोमबत्ती क्यों बुझाते हैं? इसके पीछे का क्या महत्व है और इसमें क्या क्या रहस्य छिपे हुए हैं। यदि आप भी बर्थडे से जुड़े इन रहस्यों के बारे में जानना चाहते हैं तो आज का लेख हम इसी पर ही लेकर आये हैं। आज के इस लेख को पढ़कर आपको यह भलीभांति आईडिया हो जाएगा कि आखिरकार क्यों हम अपना बर्थडे सेलिब्रेट करते हैं।
बर्थडे क्या होता है? (Birthday kya hota hai)
सबसे पहले बात करते हैं कि यह बर्थडे होता क्या है और इसका मतलब क्या है। तो बर्थडे शब्द दो शब्दों के मेल से बना है जिसमे एक है बर्थ और दूसरा है डे। यह दोनों ही अंग्रेजी भाषा के शब्द होते हैं जिसमें बर्थ का अर्थ होता है जन्म और डे का अर्थ होता है दिन। तो इस हिसाब से जिस दिन किसी व्यक्ति का जन्म हुआ था वह उसका बर्थडे माना जाता है। इस दुनिया में हर कोई अपनी माँ के गर्भ से जन्म लेता है और उसके बाद इस दुनिया में अपने (Janam din kya hai in Hindi) उद्देश्य की पूर्ति करता है।
एक शिशु अपने माँ के गर्भ में नौ महीने के लिए रहता है और उसके बाद एक दिन वह इस दुनिया को पहली बार देखने के लिए उस गर्भ से बाहर निकल आता है। तो जिस दिन कोई शिशु अपनी माँ के गर्भ से बाहर आ जाता है तो उस क्रिया को हम उस शिशु के लिए बर्थ होना या जन्म होना कहते हैं। अब जिस दिन को वह क्रिया हुई उसे संपूर्ण रूप में बर्थडे या जन्मदिन कहा जाता है। तो उसी को ही बर्थडे नाम दिया गया है।
बर्थडे का क्या मतलब है? (Birthday ka matlab)
अब यदि हम बर्थडे के मतलब की बात करें तो उसका मतलब होता है जन्म होने वाला दिन। जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि आपका जिस दिन जन्म हुआ था, अर्थात कैलेंडर के अनुसार जिस तिथि को आपका जन्म हुआ था फिर चाहे वह कैलेंडर के अनुसार कोई भी समय हो। तो उसे बर्थडे अर्थात जन्मदिन कहा जाएगा। यदि हम बर्थ टाइम की बात करते हैं अर्थात जन्म के समय की तो वह अलग हो जाएगा जबकि दिन अलग हो जाएगा।
उदाहरण के तौर पर यदि आपका जन्म 3 जनवरी को दोपहर 1 बजे हुआ था तो आपका बर्थडे 3 जनवरी कहा जाएगा जबकि बर्थटाइम दोपहर का एक बजे माना जाएगा। इस तरह से जिस दिन आपका जन्म हुआ था उसे ही बर्थडे के नाम से जाना जाता है।
बर्थडे को हिंदी में क्या कहते हैं? (Birthday ko Hindi mein kya kahate hain)
बर्थडे शब्द अंग्रेजी भाषा का शब्द है और यदि हम इसके हिंदी नाम की बात करें तो उसे जन्मदिन कहा जाता है। बर्थडे शब्द दो शब्दों (Janamdin kya hota hai) को मिलाकर बना हुआ है और इसमें बर्थ का अर्थ जन्म और डे का अर्थ दिन से है। इस तरह से बर्थडे को हिंदी में जन्मदिन के नाम से जाना जाता है।
बर्थडे कब मनाया जाता है? (Birthday kab aata hai)
इस विश्व में बर्थडे का कांसेप्ट या अवधारणा अंग्रेज अर्थात विदेशी लोग लेकर आये थे। ऐसे में हम उनके कैलेंडर के अनुसार ही बर्थडे को मनाते हैं। अब उनका बनाया कैलेंडर पूरे विश्व में मान्य होता है और हर जगह उसी का ही पालन किया जाता है। हमारा जो हिंदू धर्म का कैलेंडर है उसके अनुसार हम भगवान की जयंती, त्यौहार, पर्व इत्यादि का आयोजन करते हैं जबकि अन्य सभी महत्वपूर्ण काम फिर चाहे वह छोटे हो या बड़े, उसके लिए अंग्रेजी कैलेंडर का ही इस्तेमाल किया जाता है।
तो यदि किसी व्यक्ति का जन्म अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 3 जनवरी को हुआ था तो वह अपना बर्थडे 3 जनवरी को ही मनाता है। हालाँकि भारत में कई लोग ऐसे भी है जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार अपना जन्मदिन मनाना चुनते हैं जो कि एक बहुत ही अच्छी बात है। तो अब यह संपूर्ण रूप से आप पर ही निर्भर करता है कि आप अपना बर्थडे कैसे बनाते हैं।
बर्थडे क्यों मनाया जाता है? (Birthday kyu manaya jata hai)
आपके मन में यह प्रश्न भी होगा कि आखिरकार बर्थडे को क्यों मनाया जाता है जबकि जन्म लेना तो एक वैश्विक प्रक्रिया है। अब इस विश्व को आगे बढ़ना है तो अवश्य ही मनुष्य को और मनुष्यों को जन्म देना होगा। इस प्रक्रिया का पालन तो हर जीव जंतु, पशु, पक्षी इत्यादि सभी करते हैं तो वही मनुष्य पर भी समान रूप से लागू होती है। तो बाकि सब अपना जन्मदिन नहीं मना (Birthday kyon manaya jata hai) रहे हैं तो फिर मनुष्य क्यों अपने जन्मदिन या बर्थडे पर इतना जश्न करते हैं।
तो इसका मुख्य कारण है एक मनुष्य के लिए उसके जीवन का स्पेशल दिन जो केवल उसी के ही नाम हो। यदि हम देखे तो हम महीने में कई तरह के उत्सव या त्यौहार या स्पेशल दिन का आयोजन करते हैं जो या तो ऐतिहासिक घटना, धार्मिक घटना से जुड़े (Happy birthday kyu manaya jata hai) होते हैं। इसमें से किसी का धार्मिक महत्व होता है तो किसी का राष्ट्रीय या राज्य से महत्व होता है। किंतु यह सभी चीज़े एक बड़े वर्ग, समाज या विश्व से जुड़ी होती है। इसका व्यक्ति विशेष से कोई संबंध नहीं होता है।
यदि किसी का व्यक्ति विशेष से संबंध होता है तो उन्होंने समाज या राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम कमाया होता है अर्थात वे प्रसिद्ध व्यक्ति होते हैं। वे यदि जीवित होते हैं तो उनका जन्मदिन मनाया जाता है और यदि उनका देहांत हो चुका है तो उनकी जयंती मनाई जाती है। किंतु आम नागरिकों के लिए स्पेशल दिन कोई नहीं जो केवल उन्ही से ही जुड़ा हुआ हो।
तो इसी की काट के लिए ही जन्मदिन या बर्थडे की अवधारणा को लाया गया। अब किसी व्यक्ति ने इस दुनिया में जब पहली बार कदम रखा या यूँ कहे कि वह जब अपनी माँ के गर्भ से निकल कर पहली बार इस दुनिया में आया तो वह उसके लिए एक स्पेशल दिन होता था। तो उसी दिन अर्थात बर्थडे को हम सेलिब्रेट करने लगे। इससे उस व्यक्ति को स्पेशल अनुभव होता है और वह बाकि सभी के साथ इसकी खुशियाँ बांटता है।
बर्थडे कैसे मनाया जाता है? (Birthday kaise banate hain)
बर्थडे को कैसे मनाया जाता है और उस दिन क्या कुछ किया जाता है, यह जानना भी तो आपके लिए जरुरी है ना। दरअसल इस दिन हर मनुष्य अलग अलग गतिविधि करता है जो उसके परिवार, समाज, संस्कृति, धर्म, जाति, संस्कार, राज्य, देश इत्यादि कई कारकों पर निर्भर करती है। तो ऐसे में बर्थडे मनाने की विधि हर किसी के लिए अलग अलग (Janmdin par kya karna chahie) हो सकती है।
फिर भी जो विधि सामान्य तौर पर निभाई जाती है और जो हर जगह की जाती है, उसके बारे में हम आपको जानकारी दे देते हैं। तो यदि (Janamdin par kya kare) आप बर्थडे मनाने जा रहे हैं तो आप उसे कुछ इस तरह से सेलिब्रेट कर सकते हैं।
- बर्थडे वाले दिन रात 12 बजते ही कॉल आने शुरू हो जाते हैं और सभी की ओर से आपको बधाई संदेश दिए जाते हैं। कोई फोन करके बधाई देता है तो कोई मैसेज भेज कर आपको विश करता है। तो आपका भी दायित्व बनता है आप उन्हें उसके बदले में धन्यवाद कहे।
- इसके बाद बर्थडे वाले दिन सुबह उठ कर जल्दी नहा लेना चाहिए और ईश्वर के सामने हाथ जोड़ने चाहिए और उन्हें धन्यवाद कहना चाहिए जिन्होंने आपको यह जीवन दिया।
- इसके बाद आप अपने माता पिता तथा अन्य बड़ों का आशीर्वाद ग्रहण करे और उन्हें भी धन्यवाद कहे। यह संस्कृति भारतीय संस्कृति मानी जाती है जिसका शायद विदेशी लोग पालन नहीं करते हैं।
- इसके बाद बर्थडे वाले दिन केक व मोमबत्ती मंगवाई जाती है ताकि उसका सेलिब्रेशन किया जा सके। यह आप खुद भी मंगवा सकते हैं या फिर इसमें आपके परिवार वाले आपकी सहायता करते हैं और वे आपको surprize देने के लिए इसे मंगवाते हैं।
- साथ ही आप अपने जानने वालों, मित्रों, रिश्तेदार तथा अन्य लोगों को अपने बर्थडे पर invite कर सकते हैं और उन्हें बर्थडे सेलिब्रेशन में हिस्सा लेने के लिए कह सकते हैं।
- जब सब आ जाते हैं तो आप कार्यक्रम के अनुसार मोमबत्ती को फूंक मार कर भुजा देते हैं और केक काटते हैं।
- जैसे ही आप यह करते हैं तो वहां खड़े सभी लोग एक साथ बोलते है हैप्पी बर्थडे टू यू या फिर लोकल कोई भी कविता या पंक्तियाँ।
तो इस तरह से आप अपना बर्थडे सेलिब्रेट करते हैं। हालाँकि इसके अलावा भी कई तरह की चीज़े की जाती है लेकिन जो प्रक्रिया हमने आपको ऊपर बताई वह तो हर बर्थडे पर की ही जाती है। इसके अलावा जो कुछ आप करना चाहते हैं या जो आपके जानने वाले लोग करना चाहते हैं, वह पूर्ण रूप से आप पर ही निर्भर करता है।
बर्थडे पर केक क्यों काटते हैं? (Why cake cutting on birthday in Hindi)
आपके मन में यह प्रश्न कई बार आया होगा कि आखिरकार हम अपने बर्थडे पर केक ही क्यों काटते हैं और यह प्रक्रिया कब से शुरू हुई थी। तो बर्थडे पर केक काटने के रहस्य से पर्दा उठाते हुए हम यह बता दें कि यह प्रक्रिया ग्रीक अर्थात यूनान शहर से शुरू हुई थी। वही ग्रीक जहाँ के राजा सिकंदर को पूरी दुनिया जानती है। तो उसी ग्रीक शहर से ही बर्थडे वाले दिन केक काटने की परंपरा शुरू हुई थी।
हालाँकि बाद में जर्मनी नामक देश ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया और वहां हर घर में बर्थडे वाले दिन केक काटा जाने लगा। जर्मनी को देखते हुए यूरोप के बाकि देश भी इसी प्रक्रिया का पालन करने लगे। फिर देखते ही देखते यह प्रक्रिया पूरी दुनिया में फैल गयी और भारत भी इसकी चपेट में आ गया। उसके बाद लोगों के जन्मदिन पर केक काटने की एक परंपरा सी बन गयी।
बर्थडे पर मोमबत्ती क्यों बुझाते हैं? (Why blow candles on birthday cake in Hindi)
बर्थडे वाले दिन केक काटने से पहले जो एक प्रक्रिया निभाई जाती है वह होती है जलती हुई मोमबत्ती को फूंक मार कर बुझाना। अब आपके मन में यह जानने की जिज्ञासा उठ रही होगी कि यह कहां से आया और इसका क्या ही मतलब हुआ। तो यहाँ भी हम आपको स्पष्ट करते हुए बता दे कि जन्मदिन वाले दिन मोमबत्ती को बुझाने की परंपरा भी ग्रीक देश से ही शुरू हुई थी।
दरअसल वहां के लोगों का यह मानना था कि जब हम मोमबत्ती को भुजा देते हैं तो उसके बाद उसमे से जो धुंआ निकलता है वह सीधा ईसा मसीह तक जाता है। ईसा मसीह का मतलब ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों का ईश्वर। तो इसी कारण केक को काटने से पहले मोमबत्ती को बुझाया जाता है जिसका पालन अब हर कोई करता है। अब तो बर्थडे पर मोमबत्ती को बुझाने की एक परंपरा सी बन गयी है।
बर्थडे क्यों मनाया जाता है – Related FAQs
प्रश्न: जन्म दिन क्यों मनाया जाता है?
उत्तर: जन्म दिन इसलिए मनाया जाता है क्योकि इस दिन कोई व्यक्ति अपनी माँ के गर्भ से निकल कर इस दुनिया में प्रवेश करता है।
प्रश्न: जन्मदिन मनाने का क्या मतलब है?
उत्तर: जन्मदिन मनाने का मतलब होता है अपने जन्म वाले दिन को सेलिब्रेट किया जाना और उसकी खुशियाँ ओरों के साथ मिल कर मनाना।
प्रश्न: जन्मदिन की शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर: जन्मदिन की शुरुआत यूनान सभ्यता को मानने वाले लोगों ने की थी।
प्रश्न: जन्मदिन मनाने से क्या फायदा है?
उत्तर: जन्मदिन मनाने से यह फायदा होता है कि आपको कई तरह के उपहार मिलते हैं।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने बर्थडे मनाने की परम्परा को विस्तार से जान लिया है। अब आपको यह पता चल चुका है कि बर्थडे मनाने का क्या कारण होता है और इसके पीछे का क्या इतिहास रहा है।