BOCW Full Form In Hindi? बीओसीडब्ल्यू क्या है? श्रमिक पंजीयन कार्ड रजिस्ट्रेशन

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हमारे देश में श्रमिकों की स्थिति कोई बहुत बेहतर नहीं रही। यद्यपि बीच बीच में केंद्र एवं राज्य सरकारों की ओर से कुछ अधिनियम लाए गए हैं एवं योजनाएं चलाई गई हैं, ताकि श्रमिकों की हित रक्षा हो सके। बीओसीडब्ल्यू एक ऐसी ही व्यवस्था है। विभिन्न राज्यों में बनाए गए वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड इसी का नतीजा है।

क्या आप बीओसीडब्ल्यू (BOCW) के बारे में जानते हैं? यदि नहीं तो भी कोई बात नहीं आज इस पोस्ट में हम आपको बीओसीडब्ल्यू की फुल फार्म क्या है? बीओसीडब्ल्यू क्या है? बीओसीडब्ल्यू में क्या व्यवस्था है? आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-

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बीओसीडब्ल्यू की फुल फार्म क्या है? (What is the full form of BOCW?)

दोस्तों, सबसे पहले बीओसीडब्ल्यू की फुल फार्म (full form of BOCW) जान लेते हैं। इसकी फुल फार्म है-बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स (building and other construction workers)। इसे हिंदी में भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक भी पुकारा जाता है।

आपको बता दें मित्रों कि यह शब्द केंद्र सरकार द्वारा बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स एक्ट (building and other construction workers act) -1996 लाए जाने के बाद से चर्चा में आया है।

BOCW full form in hindi? बीओसीडब्ल्यू क्या है? श्रमिक पंजीयन कार्ड रजिस्ट्रेशन

बीओसीडब्ल्यू क्या है? (What is BOCW?)

दोस्तों, अभी हमने आपको बीओसीडब्ल्यू का शाब्दिक अर्थ और यह शब्द कहां से आया इसकी जानकारी दी। आपको बता दें दोस्तों है कि बीओसीडल्न्यू केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया एक एक्ट यानी अधिनियम है। इसका पूरा नाम बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स (रेगुलेशन आफ एंप्लायमेंट एंड कंडीशंस आफ सर्विस) एक्ट है।

इसे हिंदी में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम-1996 भी पुकारा जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इस एक्ट के अंतर्गत ही भवन एवं निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों की रोजगार की शर्तें एवं सेवा की स्थितियों का निर्धारण किया गया है।

मूल रूप से यह एक्ट श्रमिकों के लिए सुरक्षित एवं स्वस्थ कार्य वातावरण प्रदान करने एवं उनके हितों की सुरक्षा के लिए लाया गया था। इस अधिनियम को संसद द्वारा सन् 1996 में पारित किया गया था तथा तत्कालीन राष्ट्रपति ने 19 अगस्त, 1996 को इस अधिनियम को मंजूरी दी। इस प्रकार केंद्र सरकार ने दो अधिनियम प्रभावी रूप से लागू किए-

भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम-1996 तथा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम-1996

बीओसीडब्ल्यू एक्ट में क्या व्यवस्था है? (What is the arrangement in BOCW act?)

साथियों, आपको जानकारी दे दें कि भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम के मुताबिक ऐसा कोई भी निर्माण कार्य, जिसमें 10 लाख रुपए से अधिक की लागत आती है, उसके कुल लागत की एक प्रतिशत रकम बीओसीडब्यू एक्ट के तहत जमा करनी आवश्यक है।

इसे उपकर अथवा सेस (cess) पुकारा जाता है। इस रकम को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए व्यय किया जाता है। मूल रूप से बीओसीडब्ल्यू एक्ट-1996 में श्रमिकों के रोजगार, सेवा शर्त, सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कल्याणकारी उपायों के लिए प्रावधान किया गया है।

बीओसीडब्ल्यू एक्ट की आवश्यकता क्यों पड़ी? (Why BOCW act was needed?)

साथियों, अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर बीओसीडब्ल्यू एक्ट की आवश्यकता क्यों पड़ी? यह तो आप जानते ही हैं कि श्रमिकों के कार्य में बेहद असुरक्षा रहती है। उनके कार्य के घंटे भी लंबे होते हैं। भवन एवं अन्य निर्माण कार्यों में लगे श्रमिक असंगठित श्रमिकों की श्रेणी में आते हैं। वे जोखिमपूर्ण स्थितियों में कार्य करते हैं।

उनका रोजगार अनियमित एवं अस्थाई होता है। पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में इनकी स्थिति बेहद चिंताजनक होती है। उन्हें कानूनी प्रावधानों (legal provisions) की भी अधिक जानकारी नहीं होती।

ऐसे में उनकी सुरक्षा, कल्याण, हित एवं अन्य सुविधाओं के लिए एक एक्ट की आवश्यकता महसूस की गई, जो बीओसीडब्ल्यू एक्ट के रूप में सामने आया।

बीओसीडब्ल्यू एक्ट के तहत विभिन्न राज्यों में कौन से बोर्ड गठित किए गए हैं? (Which boards are constituted in different states under BOCW act?)

वर्तमान में अलग अलग राज्यों में बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड (BOCW welfare boards) गठित हैं, जो श्रमिकों के कल्याण के लिए कार्य करते हैं। उनके द्वारा श्रमिकों को एक श्रमिक कार्ड (labour card) जारी किया जाता है, जिसका इस्तेमाल करके वे सरकार द्वारा चलाई जा रही श्रम कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओ का लाभ उठा सकते हैं। जैसे-

मातृत्व लाभ, चिकित्सा सहायता, एक्सीडेंटल कवर, पेंशन बच्चों की शिक्षा के लिए सहायता, मृतक आश्रितों को सहायता आदि।

बीओसीडब्ल्यू के तहत कौन कौन आता है? (Who comes under BOCW?)

दोस्तों, आइए अब आपको जानकारी देते हैं कि बीओसीडब्ल्यू यानी भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों के अंतर्गत कौन कौन आता है-

  • राजमिस्त्री [Raj Mistri]
  • ईंट पकाने वाले मजदूर [bricklayer]
  • प्लंबर [plumber]
  • वैल्डर [welder]
  • इलेक्ट्रीशियन [electrician]
  • सीवरेज मार्बल [sewerage marble]
  • टाइल लगाने वाले [tilers]
  • पेंटर [painter]
  • पीओपी लगाने वाले श्रमिक आदि। [POP workers etc.]

बीओसीडब्ल्यू एक्ट कहां लागू होता है? (Where BOCW act is implemented?)

दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि तत्कालीन केंद्र सरकार बीओसीडब्ल्यू एक्ट (BOCW act) आज से 28 वर्ष पूर्व सन् 1996 में लाई थी। यह बीओसीडब्ल्यू एक्ट उन तमाम प्रतिष्ठानों पर लागू है, जो फैक्ट्री एक्ट (factory act) यानी कारखाना अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत (registered) हैं। जहां निर्माण कार्य हो रहा है।

बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड में रजिस्ट्रेशन के लिए क्या पात्रता है? (What is the eligibility to get registered in BOCW?)

मित्रों, अब आपको जानकारी देते हैं कि बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड में रजिस्ट्रेशन के लिए क्या पात्रता आवश्यक है? इसका ब्योरा इस प्रकार से है-

  • आवेदक भारत का नागरिक हो।
  • आवेदक की उम्र न्यूनतम 18 वर्ष से लेकर अधिकतम 60 वर्ष तक हो।
  • आवेदक द्वारा निर्माण श्रमिक के रूप में कम से कम 90 दिन यानी तीन माह तक कार्य अवश्य किया गया हो।

बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड में पंजीकरण के लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं? (What documents are required to get registered in bocw?)

बीओसीडब्ल्यू (BOCW) वेलफेयर बोर्ड के बतौर रजिस्ट्रेशन (registration) को आपको कुछ दस्तावेजों (documents) की आवश्यकता पड़ेगी, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • * निर्माण श्रमिक का नियोजन प्रमाण पत्र/स्व घोषणा पत्र।
  • * आवेदक के आधार कार्ड की फोटो कापी।
  • * आवेदक की बैंक पासबुक।
  • * निर्माण श्रमिक के दो पासपोर्ट साइज के फोटोग्राफ।
  • * आवेदक का आयु प्रमाण पत्र (इनमें से कोई भी दस्तावेज)-
  1. वोटर आईडी।
  2. राशन कार्ड।
  3. ग्राम पंचायत अधिकारी/ग्राम प्रधान/पार्षद द्वारा जारी प्रमाण पत्र।
  4. वि़द्यालय से प्राप्त अभिलेख।
  5. जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रार से प्राप्त सर्टिफिकेट।
  6. किसी मेडिकल आफिसर का प्रमाण पत्र.।
  7. नोटरी द्वारा सत्यापित निर्माण श्रमिक का शपथ पत्र।

बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड के तहत श्रमिकों के लिए कौन सी योजनाएं चलाई जा रही हैं? (What schemes are being run for the welfare of the workers/labourers under BOCW?)

यह हमने आपको अभी बताया कि सरकार बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड के तहत जमा रकम को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों के हित के लिए व्यय करती है। विभिन्न राज्यों में गठित किए गए बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्ड अपने श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान करते हैं। ये इस प्रकार से हैं-

यूपी बीओसीडब्ल्यू (BOCW, UP):

यूपी बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड की स्थापना सन् 2009 मे हुई थी। वर्तमान में इसके अंतर्गत सक्रिय श्रमिक 113.64 लाख हैं। इनमें से आधार सत्यापित श्रमिकों की संख्या 89.86 लाख है। 2.92 लाख श्रमिकों ने रिन्यूअल (renewal) कराया है। इस बोर्ड द्वारा इन योजनाओं का संचालन किया जा रहा है-

  • मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना
  • कन्या विवाह अनुदान योजना।
  • शौचालय सहायता योजना।
  • संत रविदास शिक्षा सहायता योजना
  • मेधावी छात्र पुरस्कार योजना।
  • आवासीय विद्यालय योजना।
  • कौशल विकास, तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना।
  • आपदा राहत सहायता योजना।
  • महात्मा गांधी पेंशन योजना।
  • गंभीर बीमारी सहायता योजना।
  • मृत्यु, विकलांगता सहायता एवं अक्षमता पेंशन योजना।
  • अंत्येष्टि सहायता योजना।
  • पं दीनदयाल उपाध्याय चेतना योजना।

पंजाब बीओसीडब्ल्यू (BOCW punjab):

पंजाब बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड के तहत कुल 76 लाख, 25 हजार संस्थान रजिस्टर्ड (registered) हैं। इसके अतिरिक्त 223.80 लाख श्रमिकों को रजिस्ट्रेशन है। कुल 3912.41 लाख के करीब सेस कलेक्ट किया गया है। इस बोर्ड के अंतर्गत यह योजनाएं चलाई जा रही हैं-

  • स्टाइपेंड स्कीम।
  • शगुन योजना।
  • एग्सग्रेशिया स्कीम।
  • एलटीसी स्कीम।
  • आक्यूपेशनल डिजीज स्कीम।
  • फ्यूनरल राइट्स स्कीम।
  • दांत, चश्मा एवं हियरिंग डिवाइस योजना।
  • जनरल सर्जरी सहायता स्कीम।

मध्य प्रदेश बीओसीडब्ल्यू (BOCW MP):

इसके अंतर्गत 17,36,941 श्रमिक रजिस्टर्ड हैं। इसके अतिरिक्त अभी 89,427 श्रमिकों के आवेदन लंबित पड़े हैं। मध्य प्रदेश बीओसीडब्ल्यू के अंतर्गत यह योजनाएं चलाई जा रही हैं-

  • प्रसूति सहायता।
  • विवाह के लिए सहायता।
  • शिक्षा के लिए प्रोत्साहन राशि।
  • मेधावी छात्र/छात्रा नकद पुरस्कार।
  • चिकित्सा सहायता।
  • आनलाइन सेस पेमेंट।

राजस्थान बीओसीडब्ल्यू (BOCW, Rajasthan):

राजस्थान बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड ने भी अपने यहां रजिस्टर्ड कामगार/श्रमिकों के कल्याण एवं हित के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रहा है, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • शुभशक्ति योजना।
  • निर्माण श्रमिक जीवन एवं भविष्य सुरक्षा योजना।
  • निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना।
  • निर्माण श्रमिक सुलभ आवास योजना।
  • निर्माण श्रमिक औजार/टूलकिट सहायता योजना।
  • प्रसूति सहायता योजना।
  • सिलिकोसिस पीड़ित हिताधिकारियों हेतु सहायता योजना।
  • हिताधिकारी सामान्य अथवा दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने की दशा में सहायता योजना।
  • निर्माण श्रमिकों को विदेश में रोजगार हेतु वीजा पर होने वाले व्यय का पुनर्भरण योजना।
  • निर्माण श्रमिक अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगियों हेतु सहायता योजना।
  • निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चों द्वारा भारतीय/राजस्थान प्रशासनिक सेवा हेतु आयोजित प्रारंभिक परीक्षा हेतु तैयारी योजना।
  • निर्माण श्रमिकों के लिए व्यावसायिक ऋण पर ब्याज की पुनर्भरण योजना।
  • निर्माण श्रमिकों के पुत्र/पुत्री का आईआईटी/आईआईएम में प्रवेश मिलने पर ट्यूशन फीस पुनर्भरण योजना।

उत्तराखंड बीओसीडब्ल्यू (BOCW, uttarakhand):

उत्तराखंड बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड में कुल 4,58,174 श्रमिक रजिस्टर्ड हैं। इनमें आधार सत्यापित श्रमिक 3,63,293 हैं। कुल सक्रिय श्रमिकों की संख्या 2,54,644 है।

  • विवाहोपरांत पुत्री विवाह आर्थिक सहायता।
  • 60 वर्ष पेंशन योजना।
  • मकान की निर्माण/खरीद हेतु सहायता।

छततीसगढ़ बीओसीडब्ल्यू (BOCW, chattisgarh):

यहां बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड की स्थापना 2008 में हुई थी। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में 20,69,788 श्रमिक रजिस्ट्रर्ड हैं। य़़द्यपि अभी तक 5,011 श्रमिकों का कार्ड अपलोड (card upload) नहीं हुआ है। छत्तीसगढ़ बोर्ड द्वारा श्रमिकों के लिए यह योजनाएं चलाई जा रही हैं-

  • राजमाता कन्या विवाह योजना।
  • भगिनी प्रसूति सहायता योजना।
  • मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना।
  • मुख्यमंत्री चलित झूलाघर योजना।
  • नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना।
  • दुर्घटना में चिकित्सा सहायता योजना।
  • प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना।
  • मुख्यमंत्री बंधक निर्माण मजदूर पुनर्वास सहायता योजना।
  • मोबाइल रजिस्ट्रेशन वैन।
  • विश्वकर्मा दुर्घटना मृत्यु पर अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि भुगतान योजना।
  • मुख्यमंत्री साइकिल सहायता योजना।
  • मेधावी छात्र/छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना।
  • गंभीर बीमारी हेतु चिकित्सा योजना।
  • मुख्यमंत्री श्रमिक प्रतीक्षालय योजना।
  • मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर कौशल विकास एवं परिवार सशक्तिकरण योजना।
  • मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक स्वावलंबन पेंशन योजना।

हिमाचल प्रदेश बीओसीडब्ल्यू (BOCW, Himachal Pradesh):

हिमाचल पहाड़ी राज्यों में एक विकासपरक छोटा राज्य है। यहां भी बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड के जरिए श्रमिकों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। यह योजनाएं इस प्रकार से हैं-

  • शादी हेतु वित्तीय सहायता।
  • मातृत्व/पितृत्व प्रसुविधा।
  • शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता।
  • चिकित्सा सहायता।
  • अंतिम संस्कार सहायता।
  • मृत्यु सहायता लाभ।
  • पेंशन।
  • विकलांगता पेंशन।
  • बेटी जन्म उपहार योजना।
  • मानसिक रूप से मंद/अपंग बच्चों के लिए योजना।
  • विधवा पेंशन योजना।
  • हास्टल सुविधा योजना।
  • मुख्यमंत्री आवास योजना।

बीओसीडब्ल्यू बोर्ड में रजिस्ट्रेशन कैसे कराया जा सकता है?

बीओसीडब्ल्यू में रजिस्ट्रेशन जनसुविधा केंद्र के माध्यम से किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त यदि आप चाहें तो जिस राज्य में आप रह रहे हैं, वहां के बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड के पोर्टल के माध्यम से स्वयं आनलाइन करा सकते हैं। पहले जनसुविधा केंद्र के जरिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जान लेते हैं, जो कि इस प्रकार से है-

  • अपने तमाम आवश्यक दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड, जन्म तिथि प्रमाण पत्र, नियोक्ता सर्टिफिकेट एवं पासपोर्ट आकार के फोटो के साथ नजदीकी जनसेवा केंद्र पर जाएं।
  • यहां संचालक आपका फार्म आनलाइन भरकर आपके दस्तावेज स्कैन (documents scan) कर अपलोड (upload) कर देगा।
  • सारी जानकारी सबमिट (submit) हो जाने और दस्तावेज अपलोड हो जाने के बाद आपकी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया (registration process) पूरी हो जाएगी।
  • रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद एक रिसीट जनरेट (receipt generate) हो जाएगी।
  • अब इसे डाउनलोड (download) कर लें।
  • इसका प्रिंट (print) लेकर आप भविष्य के संदर्भ (future reference) के लिए एवं अपने आवेदन का स्टेटस (application status) जानने के लिए अपने पास सुरक्षित रख सकते है।

बीओसीडब्ल्यू में आनलाइन रजिस्ट्रेशन की क्या प्रक्रिया है? छत्तीसगढ़ के उदाहरण से समझें- (what is the process for online registration in BOCW? Know from the example of chattisgarh)

मित्रों, अब हम आपको बीओसीडब्ल्यू में आनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया (online registration process) के बारे में जानकारी देंगे। इसके लिए हमने छत्तीसगढ़ का उदाहरण लिया है। यहां आनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आपको यह स्टेप्स फालो (steps follow) करने होंगे –

  • सबसे पहले वेब ब्राउजर में https://cglabour.nic.in/BOCW/BOCHome.aspx यूआरएल (URL) टाइप करें। अब आपके सामने वेबसाइट (website) का होम पेज (home page) खुल जाएगा।
  • यहां आपको पंजीयन आवेदन फार्म (registration application form) का विकल्प दिखाई देगा। आपको इस पर क्लिक करना है। अब आपके सामने रजिस्ट्रेशन फार्म खुल जाएगा।
  • याद रखें कि फार्म भरने के लिए आपको केवल मंगल फांट (Mangal font) अथवा यूनिकोड (Unicode) का ही इस्तेमाल करना है। ऐसा न करने पर आपका फार्म निरस्त (cancel) हो सकता है। हिंदी फांट डाउनलोड (download) करने के लिए पंजीयन फार्म में लिंक दिया गया है।
  • आवेदन फार्म तीन हिस्सों में बंटा होगा। भाग-1 में आपको अपना व्यक्तिगत ब्योरा (personal details) भरना होगा। जैसे-नाम, पति/पिता का नाम, कार्य का स्वरूप, वर्तमान पता, स्थाई पता, बैंक खाते की जानकारी आदि।
  • -भाग-1 पूरा हो जाने के बाद सेव (save) हो जाएगा और आपका आवेदन क्रमांक शो होने लगेगा।
  • इस आवेदन क्रमांक को अपने पास कहीं लिखकर रख लें। क्योंकि यदि किसी कारणवश आप अन्य दो भागों को पूरा न भर सकें तो भविष्य में इस आवेदन क्रमांक का इस्तेमाल कर कभी भी फार्म को पूरा भर सकते हैं।
  • आवेदन फार्म के भाग-2 में आपको अपने कार्य का ब्योरा जैसे नियोजन का नाम, पता, स्थापना का विवरण, रजिस्ट्रेशन संख्या, नियोजन की अवधि, कितने दिनों का नियोजन रहा आदि के साथ ही अपने परिवार के सदस्यों की जानकारी दर्ज करनी होगी। उनके नाम, आयु, शिक्षा, वैवाहिक स्थिति, कार्यरत स्थिति आदि का उल्लेख करना होगा।
  • भाग-2 संपूर्ण हो जाने के पश्चात आवेदन पत्र का भाग-3 भरना होगा। इस भाग में आपको अपनी पासपोर्ट साइज की फोटो, आयु प्रमाण पत्र एवं पहचान पत्र की प्रतियां अपलोड करनी होंगी।
  • इतना करने के बाद सेव के आप्शन पर किलक कर दें।
  • अब स्क्रीन पर आपके द्वारा भरी गई सारी जानकारी शो होने लगेगी।
  • यदि कोई त्रुटि हो तो आप ठीक कर सकते हैं अन्यथा इसे फाइनल सेव (final save) कर लें।
  • अब आपके सामने आवके आवेदन क्रमांक के साथ ही आपके आवेदन पत्र का संक्षिप्त ब्योरा (short description) दिखेगा। आप इसे प्रिंट करके आप सुरक्षित कर लें।
  • इस प्रकार आपकी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया (registration process) पूरी हो जाएगी।

राजस्थान बीओसीडब्ल्यू में आनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें? (How to register online in Rajasthan BOCW?)

अब आपको राजस्थान बीओसीडब्ल्यू में आनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की जानकारी देंगे। इसके लिए आपको यह स्टेप्स फालो करने होंगे-

  • सबसे पहले https://sso.rajasthan.gov.in/ पर जाएं। अब आपके सामने तीन विकल्प होंगे-
  • यदि आपके भामाशाह आईडी है तो प्रथम विकल्प पर क्लिक करें। भामाशाह आईडी डालें और नेक्स्ट (next) पर क्लिक करें।
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  • यदि आपके पास भामाशाह आईडी एवं आधार कार्ड आईडी दोनों हैं तो दूसरे रेडियो बटन पर क्लिक करें। भामशाह आईडी एवं आधार कार्ड आईडी दोनों डालें और नेक्स्ट पर क्लिक कर दें।
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  • यदि आपके पास केवल आधार कार्ड आईडी है तो तीसरे रेडियो बटन पर क्लिक करें। अपनी आधार कार्ड आईडी (aadhar card id) दर्ज कर दें और नेक्स्ट के आप्शन पर क्लिक कर दें।
  • यदि आपके पास केवल उद्योग आधार नंबर (udyog aadhar number) है तो चौथे रेडियो बटन को क्लिक करें और उद्योग आधार नंबर दर्ज कर नेक्स्ट के आप्शन पर क्लिक कर दें।
  • यदि आपके पास इनमें से कोई आईडी नहीं है तो आप सोशल नेटवर्किंग साइट (social networking sites) फेसबुक/गूगल (Facebook/Google) के जरिए भी रजिस्टर हो सकते हैं।
  • एसएसओ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन एवं लागिन के बाद आपके सामने एसएसओ पोर्टल पर विभिन्न सरकारी विभागों के पोर्टल्स के आइकन आएंगे।
  • यहां आपको लेबर डिपार्टमेंट मैनेजमेंट सिस्टम (labour department management system) यानी एलडीएमएस (LDMS) आइकन पर क्लिक करना है।
  • इसके पश्चात सिस्टम पूछेगा कि क्या यूजर पहले से ही एलडीएमएस पर रजिस्टर्ड है?
  • यदि ‘हां’ तो yes के रेडियो बटन पर क्लिक करें। इसके बाद यूजर से उसका एसएसओ लागिन/पासवर्ड डालने को कहा जाएगा।
  • यदि ‘नहीं’ तो No रेडियो बटन पर क्लिक करें।
  • अब यूजर से अपनी प्रोफाइल अपडेट (profile update) करने को कहा जाएगा- जिला, हाउस नंबर/प्लाट नंबर, स्ट्रीट/लोकलिटी, गांव/कस्बा/शहर, पिनकोड
  • इतना करने के पश्चात यूजर एलडीएमएस पोर्टल पर स्क्रीन पर आ जाएगा।
  • यहां पर्सनल डिटेल्स (personal details) भरने के बाद मांगे गए दस्तावेज अपलोड (documents upload) कर दें।
  • इसके बाद सबमिट (submit) के आप्शन पर क्लिक कर दें।
  • बीओसीडब्ल्यू में आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा।

रजिस्ट्रेशन के बाद श्रमिकों को किस प्रकार लाभ प्राप्त होता है? (How a worker get benefitted after registration?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि रजिस्ट्रेशन (registration) के पश्चात श्रमिकों को बीओसीडब्ल्यू की ओर से एक श्रमिक कार्ड जारी किया जाता है। इस कार्ड पर श्रमिक की सारी डिटेल रहती है। इन दिनों विभिन्न प्रदेशों में श्रमिकों को स्मार्ट कार्ड (smart card) जारी किए जा रहे हैं। इन्हीं कार्ड को दिखाकर उन्हें कल्याण बोर्ड (welfare board) द्वारा चलाई जा रही योजनाओं (schemes) का लाभ प्रदान किया जाता है।

बीओसीडब्ल्यू की फुल फार्म क्या है?

बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स है।

बीओसीडब्ल्यू क्या है?

यह केंद्र सरकार द्वारा जारी एक एक्ट है। इसे बीओसीडब्ल्यू एक्ट पुकारा जाता है।

बीओसीडब्ल्यू एक्ट को कब मंजूरी मिली थी?

इस एक्ट को आज से 26 वर्ष पूर्व सन् 1996 में मंजूरी मिली थी।

बीओसीडब्ल्यू एक्ट लाने का क्या उद्देश्य था?

बीओसीडब्ल्यू एक्ट लाने का उद्देश्य श्रमिकों की कार्यदशा में सुधार, सुरक्षा आदि नियमों का निर्धारण तथा श्रमिक हितों की रक्षा करना था।

बीओसीडब्ल्यू एक्ट में क्या व्यवस्था है?

इसके तहत 10 लाख से अधिक लागत वाले किसी भी निर्माण कार्य की एक प्रतिशत राशि श्रमिक कल्याण के लिए बोर्ड द्वारा काटी जाती है। इसे उपकर अथवा सेस पुकारा जाता है।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बीओसीडब्ल्यू के बारे में हिंदी में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि आप इसी प्रकार की जानकारीप्रद पोस्ट हमसे चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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