बम साइक्लोन क्या है? यह शब्द सबसे पहले कब इस्तेमाल किया गया? इसके क्या क्या प्रभाव होते हैं? वर्तमान में इसने कहां तबाही मचाई है? (What is bomb cyclone? When this word was used first time? What are its effect? Where it has been proved disastrous?)
आपने कटरीना, निसर्ग, निशांत, अम्फान, ताउते, हंटर, हुदहुद जैसे तमाम तरह के तूफानों के नाम अवश्य सुने होंगे। इन तूफानों ने पिछले कुछ सालों में खूब कहर बरपाया है। लेकिन क्या आपने बम साइक्लोन का नाम सुना है? अब आप कहेंगे कि बम तो जंग, युद्ध में काम आते हैं, इनका साइक्लोन से क्या लेना देना? लेकिन साहब इन दिनों बम साइक्लोन (bomb cyclone) ने पृथ्वी के एक हिस्से में भारी तबाही मचाई हुई है। आज इस पोस्ट में हम आपको इसी बम साइक्लोन (bomb cyclone) के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-
साइक्लोन क्या है? (What is cyclone?)
मित्रों, इससे पूर्व कि हम आगे बढ़ें और बम साइक्लोन पर चर्चा करें आइए, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि साइक्लोन क्या होता है? (What is cyclone) दोस्तों, आप तूफान को तो समझते ही होंगे। जब वातावरण में तेज हवाओं के माध्यम से डिस्टर्बेंस/डिप्रेशन (disturbance/depression) होता है, तो वह तूफान कहलाता है। उसके साथ बारिश (rain), बर्फ (ice) या ओले (hailstorm) गिरते हैं।
धरती पर इन्हें आम तूफान माना जाता है, वहीं, जब तूफान समुद्र से उठते हैं तो वे साइक्लोन (cyclone) कहलाते हैं। इन्हें हिंदी में चक्रवात भी पुकारा जाता है। कई लोग इन्हें बवंडर कहकर भी पुकारते हैं। समुद्र में उठकर गोल गोल घूमने वाले इन बवंडर के केंद्रीय क्षेत्र को आंख यानी आई (eye) कहा जाता है।
बम साइक्लोन क्या है? (What is bomb cyclone?)
साइक्लोन (cyclone) के पश्चात बम साइक्लोन (bomb cyclone) की बात करते हैं। मित्रों, आपको बता दें कि बम साइक्लोन एक बेहद तेजी से बढ़ने वाला तूफान है। हवा का दबाव (air pressure) 24 घंटे के भीतर 20 मिलीबार अथवा इससे भी अधिक हो जाने के कारण यह तूफान आता है। ऐसा अमूमन तब होता है, जब गर्म हवा का द्रव्यमान ठंडे से टकराता है। आपको बता दें दोस्तों, कि इस दफा आर्कटिक से हवा मैक्सिको की खाड़ी से उष्णकटिबंधीय हवा में तब्दील हो गई। इससे बारिश एवं बर्फ लाने वाला विक्षोभ अथवा डिस्टर्बेंस बन गया है।
इसे बम साइक्लोन क्यों कहा जाता है? (Why it is called bomb cyclone?)
दोस्तों, आपको बता दें कि इस प्रकार के अधिकांश तूफान समुद्र के भीतर उठते हैं। किंतु वे जमीन पर बम की तरह बरस कर तबाही ला सकते हैं। इसीलिए इन्हें बम साइक्लोन पुकारा जाता है। आपको जानकारी दे दें कि इस समय भी यह तूफान अमेरिका में बड़ी झीलों की ओर बढ़ रहा है। जहां कभी बहुत ठंडी तो कभी बहुत गर्म हवा होती है, वहां इनकी अधिक आशंका मानी जाती है। मिड एटलांटिक एवं पूर्वाेत्तर तट से दूर के स्थान को इस प्रकार के तूफानों के लिए बेहतर माना जाता है। यहां गल्फ स्ट्रीम (gulf stream) का गर्म पानी रहता है।
बम साइक्लोन शब्द को सबसे पहले कब इस्तेमाल किया गया? (When the bomb cyclone word was used for the first time?)
मित्रों, आइए अब जान लेते हैं कि बम साइक्लोन शब्द को सबसे पहले कब इस्तेमाल किया गया? इसे बम जिनोसिस भी पुकारा जाता है। आपको जानकारी दे दें कि इस शब्द को सबसे पहले मौसम संबंधी एक शोध पत्र (research paper) में आज से 42 वर्ष पूर्व सन् 1980 में प्रयोग किया गया था। इस शोध पत्र में सबसे पहले तेजी से गहराने वाले तूफानों को परिभाषित किया गया था। ये वे तूफान थे, जो 24 घंटे में 24 मिलीबार स्टैंडर्ड को पूरा करते थे। आपको बता दें दोस्तों कि इस शोध पत्र के लेखक मौसम विज्ञानी फ्रे. सैंटर्स एवं जान् म्याकुल तथा स्वीडन के मौसम विज्ञान शोधकर्ता टोर बर्जरोन थे।
बम साइक्लोन के क्या क्या प्रभाव होते हैं? (What are the effects of bomb cyclone?)
साथियों, आइए अब आपको बताते हैं कि बम साइक्लोन के क्या क्या प्रभाव हो सकते हैं? ये इस प्रकार से हैं-
- बम साइक्लोन की वजह से बारिश के साथ ही जबरदस्त हिमपात भी होता है।
- पारा बहुत अधिक यानी शून्य से 53 डिग्री नीचे तक गिर सकता है।
- बम साइक्लोन की ठंड से कुछ ही मिनट में त्वचा पर शीतदंश हो सकता है।
- यदि कोई इन परिस्थितियों में लंबे समय तक रहता है तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
इन दिनों बम साइक्लोन चर्चा में क्यों है? (Why bomb cyclone is in the news these days?)
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि इन दिनों बम साइक्लोन अमेरिका (यूएस) में भारी तबाही मचा रहा है, जिस वजह से इन दिनों यह बेहद चर्चा में है। बताया जाता है कि इस तरह का मौसम अमेरिका में दशकों बाद देखा जा रहा है। क्रिसमस (Christmas) के अवसर पर खतरनाक तूफान के बीच खराब हालात के चलते अब तक दो दर्जन से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
वहीं, लाखों लोग बिजली संकट से जूझ रहे हैं, अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। International airports बंद होने से भी लाखों लोग फंसे हैं। जो लोग इसके शिकार हुए हैं, उन तक भी मेडिकल इमरजेंसी टीमें (medical emergency teams) नहीं पहुंच पा रही हैं। जिसकी वजह से भी अन्य लोगों की जान को खतरा लगातार बना हुआ है। अमेरिका की सरकार अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रही है कि किसी तरह स्थिति को नियंत्रण में रखा जाए, लेकिन वह लगातार बेकाबू बनी हुई है। अन्य देश भी अमेरिका की हालत देखकर चिंता में हैं।
क्या भारत में भी साइक्लोन आते हैं? (Is India also gets affected from cyclones?)
जी हां, दोस्तों। केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि भारत में भी साइक्लोन आते हैं और लाखों लोगों को प्रभावित करते हैं। आपको जानकारी दे दें कि सामान्य रूप से उष्णकटिबंधीय चक्रवात उत्तरी हिंद महासागर (hind mahasagar) क्षेत्र यानी बंगाल की खाड़ी (bay of Bengal)-अरब सागर में पूर्व मानसून (pre monsoon) अप्रैल से जून माह में विकसित होते हैं।
वहीं, मानसून के पश्चात (post monsoon) अक्तूबर से दिसंबर की अवधि के दौरान भी यह देखने को मिलते हैं। मित्रों, आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh), ओडिशा (Odisha), तमिलनाडु (Tamilnadu), पश्चिम बंगाल (West Bengal) एवं पांडिचेरी (pondicherry) को चक्रवात की दृष्टि से सर्वाधिक संवेदनशील माना जाता है।
क्या चक्रवात से पूर्व कोई चेतावनी जारी की जाती है? (Is there any warning issued before commencing of cyclone?)
साथियों, यह तो आप भी जानते हैं कि यह आधुनिक जमाना है। विज्ञान की सहायता से ऐसे ऐसे उपकरण विकसित कर लिए गए हैं, जिनके माध्यम से चक्रवात के बारे में पूर्व चेतावनी (pre warming) दी जानी संभव है। मित्रों, आपको यह भी बता दें कि चक्रवात के बारे में इसके प्रति संवेदनशील राज्यों में पूर्व चेतावनी भी जारी की जाती है, ताकि लोग पहले से ही सुरक्षित स्थानों का रूख कर लें। उपग्रहों एवं रडारों के जरिए किसी भी अपेक्षित तूफान से 48 घंटे पहले से एवं चक्रवात के संबंध में चेतावनी 24 घंटे पूर्व जारी कर दी जाती है।
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भारत में अब तक आया सबसे खतरनाक साइक्लोन कौन सा है? (Which has been the most dangerous cyclone till date in india?)
मित्रों, अब आपको यह जानने की उत्कंठा अवश्य हो रही होगी कि आखिर भारत में अब तक का सबसे शक्तिशाली या कह लीजिए कि खतरनाक साइक्लोन कौन सा है? तो आपको जानकारी दे दें कि भारत में आज से करीब आठ वर्ष पूर्व 2014 उत्तरी हिंद महासागर में बना साइक्लोन अब तक का सबसे खतरनाक साइक्लोन रहा है। हमारे देश के एजुकेशनल कोर्स में भी साइक्लोन के बारे में अलग से पढ़ाया जा रहा है, ताकि छात्र छात्राओं को इस प्राकृतिक आपदा (natural disaster) के बारे में आरंभ से ही जागरूक किया जा सके।
साइक्लोन के नाम कैसे रखे जाते हैं? (How cyclones are named?)
अब आपको जानकारी देते हैं कि तूफानों/साइक्लोन के नाम कैसे रखे जाते हैं? मित्रों, आपको बता दें कि इसकी जिम्मेदारी 13 देशों के पास है। यही 13 देश विश्व मौसम विभाग, संयुक्त राज्य आर्थिक एवं सामाजिक आयोग एशिया एवं प्रशांत पैनल आन ट्रापिकल साइक्लोन द्वारा नामकरण के लिए गठित किए गए पैनल में शामिल हैं। इन 13 देशों में भारत (India), पाकिस्तान (pakistan), मालदीव (Maldives), म्यांमार (Myanmar), बांग्लादेश (Bangladesh), ओमान (Oman), श्रीलंका (srilanka), थाईलैंड (Thailand), ईरान (Iran), कतर (Qatar), सउदी अरब (Saudi Arabia), यूएई (UAE) एवं यमन (yaman) शामिल हैं।
जिन देशों में चक्रवात के प्रभाव की आशंका आती है, उन्हीं देशों का समूह साइक्लोन का नाम रखता है। इसे जहां भारत में साइक्लोन पुकारा जाता है, वहीं चीन में टायकून एवं जापान में हरिकेन कहकर बुलाया जाता है। जिस देश में तूफान आता है, वह अगले तूफान का नाम निर्धारित कर देता है।
दुनिया का सबसे खतरनाक तूफान कौन सा है? (Which is the most dangerous cyclone of the world?)
मित्रों, आपको बता दें कि दुनिया का सबसे खतरनाक तूफान टोरनेडो (tornedo) को माना जाता है। समुद्र में किसी तरह टावर की तरह ऊंचे दिखने वाले इस तूफान को ‘जल स्तंभ’ भी कहा जाता है। यह तूफान बांग्लादेश में आज से करीब 33 वर्ष पूर्व सन् 1989 को आया था। इसमें लगभग 1300 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 12 हजार लोगों को बेघर होना पडा था। यह हालत वहां के माणिकगंज (manikganj) जिले की थी। दौलतपुर एवं सतुरिया में तो करीब 80 हजार लोगों को बेघर होना पड़ा था।
समुद्र के पास अथवा तटीय इलाकों के लोग हमेशा समुद्री तूफान के साए में जीते हैं। वे अपने अनुभवों के आधार पर अमूमन खतरे को भांपकर स्वयं भी इससे दूर रहने का उपक्रम करते हैं। इन दिनों में कश्ती सागर में नहीं उतारते। अपने खाने पीने का पहले से ही इंतजाम कर लेते हैं। इस वक्त अमेरिका के साथ ही जापान में भी बर्फ का जबरदस्त कहर देखने को मिल रहा है। लोग इस कहर को जलवायु परिवर्तन का परिणाम बताने से भी नहीं चूक रहे। उनके अनुसार यह तो केवल शुरुआत भर है। इसके वास्तविक नतीजे तो भविष्य के गर्भ में छिपे हैं, जो धीरे धीरे सामने आएंगे।
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साइक्लोन क्या है?
पृथ्वी पर वातावरण में एक तरह का डिस्टर्बेंस बनता है, जो तेज हवाओं के माध्यम से सामने आता है, उसे तूफान कहा जाता है।
साइक्लोन क्या होता है?
समुद्र से उठने वाले तूफान साइक्लोन कहलाते हैं।
बम साइक्लोन क्या है?
यह एक तेजी से आने वाला तूफान है, जो जमीन पर बम की तरह बरसकर तबाही ला सकता है।
बम साइक्लोन शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले कहां किया गया?
इस शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले सन् 1980 में एक शोध पत्र में किया गया।
साइक्लोन को हिंदी में क्या पुकारा जाता है?
साइक्लोन को हिंदी में चक्रवात पुकारा जाता है।
इस वक्त बम साइक्लोन का कहर कहां टूट रहा है?
इस वक्त बम साइक्लोन का कहर अमेरिका पर टूट रहा है।
भारत में चक्रवात की दृष्टि से संवेदनशील राज्य कौन से हैं?
भारत में चक्रवात की दृष्टि से आंध्र प्रदेश, पांडिचेरी, ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल बेहद संवेदनशील हैं।
चीन-जापान में चक्रवात को क्या पुकारा जाता हे?
वहां इसे क्रमशः टायकून एवं हरिकेन पुकारा जाता है।
क्या चक्रवात की पूर्व चेतावनी संभव है?
जी हां, उपग्रहों एवं रडारों से मिली जानकारी के आधार पर चक्रवात की पूर्व चेतावनी जारी की जाती है।
तूफान एवं चक्रवात की पूर्व चेतावनी कितने घंटे पहले जारी की जाती है?
तूफान की पूर्व चेतावनी 48 घंटे पूर्व तथा चक्रवात की चेतावनी 24 घंटे पहले जारी की जाती है।
पूर्व चेतावनी से क्या लाभ होता है?
इसके जरिए तटों के नजदीक रहने वाले लोगों को यहां से दूर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जाती है। लोगों की जान को बचाने का प्रयास होता है।
तूफानों का नामकरण कैसे होता है?
13 देशों का एक पैनल इन तूफानों का नामकरण करता है। ये वे देश होते हैं, जो इस आपदा से सर्वाधिक प्रभावित होते हैं।
क्या इन 13 देशों के पैनल में भारत का भी नाम शामिल है?
जी हां, इन 13 देशों के पैनल में भारत का नाम भी शामिल है।
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