|| बीपी कैसे चेक करें? | BP kaise check karte hain | बीपी चेक करते समय इन बातों का रखें ध्यान | नॉरमल बीपी कितना होता है? | मैनुअल रूप से बीपी चेक करना | डिजिटल मशीन से बीपी कैसे चेक करें? | How to check BP using digital machine in Hindi |
BP kaise check karte hain :- पहले के लोग सुखी व स्वस्थ रहा करते थे और उन्हें ज्यादा बीमारियाँ नहीं हुआ करती थी। उन्हें केवल मौसमी बीमारियाँ ही हुआ करती थी और उनका उपचार भी घर बैठे हो जाया करता था किन्तु समय के साथ साथ बहुत कुछ बदल चुका है। अब एक बीमारी ऐसी है जो लगभग हर बड़ी उम्र के लोगों को तो सता ही रही है लेकिन छोटी उम्र के लोगों में भी आम सी होती जा रही (Blood pressure kaise check kare) है। उस बीमारी का नाम है बीपी।
अब बीपी तो एक सामान्य सी चीज़ होती है जिसे हम ब्लड प्रेशर कहते हैं। इसे हिंदी में रक्तचाप कहा जाता है अर्थात जिस गति से आपका हृदय रक्त को पंप कर रहा है, उसे ही बीपी कहा जाता है। अब यदि इसमें सामान्य से ज्यादा या कम बीपी आ जाता है तो उसे हम हाई बीपी या लो बीपी कहते हैं। ऐसी स्थिति में रोगी को उपचार की आवश्यकता होती है अन्यथा उसकी तबियत बिगड़ सकती (How to check blood pressure at home in Hindi) है।
अब यदि आप अपने घर पर बीपी चेक करने का तरीका खोज रहे हैं और इसके बारे में जानना चाहते हैं तो आज हम आपके साथ उसी के बारे में ही बात करने वाले हैं। आज के इस लेख को पढ़ कर आपको यह जानने में सहायता मिलेगी कि किस तरह से घर पर ही आप अपना बीपी चेक कर सकते हैं और इसके क्या कुछ उपाय होते (BP check kaise kare) हैं।
बीपी कैसे चेक करें? (BP kaise check karte hain)
पहले के समय में केवल हाथ की नाड़ी को देखकर या उसका परिक्षण करके ही व्यक्ति का बीपी चेक कर लिया जाता था लेकिन आज के समय में इसके लिए कई तरह के यंत्र अर्थात मशीन आ चुकी हैं। यह मशीन ऑटोमेटेड से लेकर मैनुअल दोनों ही होती है जिसकी सहायता से बीपी को चेक किया जा सकता है। समय के साथ साथ इसमें और भी कई आधुनिक रूप देखने को मिल रहे हैं जिसकी सहायता से बीपी को चेक किया जाता (How to check blood pressure in Hindi) है।
अब यदि आपको घर पर बीपी को चेक करने के बारे में या उसके तरीके के बारे में जानना है तो उससे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि बीपी होता क्या है और उसकी रेंज कितनी तक होनी (BP kaise check karte hai in Hindi) चाहिए। इसके बारे में सही तरीके से जानकर ही तो आप बीपी को चेक कर सकते हैं। इसी के साथ ही हम आपको इस लेख के माध्यम से बीपी चेक करने के दोनों तरह के तरीकों के बारे में बतायेंगे और उसी के साथ ही आपको उस समय क्या कुछ सावधानी रखनी चाहिए, इसके बारे में भी जानकारी (How is blood pressure checked in Hindi) देंगे।
बीपी क्या होता है? (BP kya hota hai)
तो सबसे पहले बात करते हैं कि यह बीपी होता क्या है। तो बीपी का पूरा नाम ब्लड प्रेशर होता है जिसे हिंदी में रक्तचाप के नाम से जाना जाता है। अब जब तक हम जीवित हैं तब तक हमारा हृदय लगातार धड़कता रहता है अर्थात रक्त को पंप करता रहता है। यदि यह धड़कना बंद हो जाता है तो समझ जाइये कि हमारा जीवन खत्म हो (BP kya hai) गया।
तो बीपी वह होता है जिसमें हम यह जानते हैं कि हमारा हृदय किस गति के साथ काम कर रहा है अर्थात किस गति के साथ रक्त को पंप कर रहा है। यह सामान्य गति होनी चाहिए क्योंकि यदि यह जरुरत से ज्यादा या कम हो गयी तो इससे हमें कई तरह की गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। तो आइये जाने बीपी की सामान्य रेंज कितनी होनी चाहिए।
बीपी की सामान्य रेंज (BP ki range kitni honi chahiye)
अब आपने बीपी के बारे में तो जान लिया है लेकिन इसी के साथ ही आपको इसकी सामान्य रेंज के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। तो सामान्य बीपी की रेंज को दो भागों में बांटा जाता है जिन्हें सिस्टोलिक व डायास्टोलिक के नाम से जाना जाता है। इसमें सिस्टोलिक हाई ब्लड प्रेशर या अपर ब्लड प्रेशर के नाम से जाना जाता है जबकि डायास्टोलिक को लोअर ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर के नाम से जाना जाता (BP kya hona chahiye) है।
ऐसे में दोनों तरह के बीपी की रेंज अलग अलग होती है। तो सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर के अनुसार आपके बीपी की रेंज 120/80 mm Hg होनी चाहिए अर्थात आपका बीपी अधिकतम 120 के स्तर पर ही होना चाहिए। वहीं यदि हम डायास्टोलिक बीपी के अनुसार देखें तो उसकी रेंज 80/60 mm Hg होती है जिसमें आपका बीपी 80 से नीचे नहीं जाना (BP ki normal range kitni honi chahiye) चाहिए।
हालाँकि यह सुनने में आपको दुविधा भरा लगेगा। तो हम इसे सामान्य भाषा में कहें तो आपका बीपी 90 से कम नहीं होना चाहिए और 120 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। ऐसे में यदि आपके बीपी की रेंज न्यूनतम 90 और अधिकतम 120 आ रही है तो समझ जाइये कि आपके शरीर का बीपी एकदम ठीक (BP normal range) है।
बीपी चेक करने का तरीका (Blood pressure check karne ka tarika)
अब हम बात करेंगे अपने घर पर या किसी अन्य जगह पर बीपी को चेक करने के तरीके के बारे में। तो यह तो हमने आपको ऊपर ही बता दिया था कि जब कभी भी बीपी चेक करने की बात आती है तो उसके दो तरह के तरीके होते हैं। इसमें पहला तरीका है मैनुअल रूप से बीपी को चेक किया जाना जबकि दूसरे तरीके में आधुनिक तरीके से बीपी को चेक किया जाना जिसे हम डिजिटल या स्वचालित मशीन भी कह सकते (BP check karne ka sahi tarika) हैं।
तो आपको हम दोनों तरह से ही बीपी को चेक करने की तकनीक के बारे में बतायेंगे। हालाँकि इसमें से मैनुअल रूप से बीपी चेक करने का तरीका लगभग खत्म होता जा रहा है और यह मुख्य तौर पर छोटे से लेकर माध्यम वर्ग के अस्पतालों में ही देखने को मिलता है। जबकि डिजिटल रूप से बीपी को चेक करने की तकनीक घरों से लेकर बड़े अस्पतालो में अपनाई जाती है।
मैनुअल रूप से बीपी चेक करना (Can I check my own BP manually in Hindi)
मैनुअल रूप से बीपी को चेक करने के लिए जिस मशीन की सहायता ली जाती है उसे हम रक्त दाब मापी कहते हैं। इसे अंग्रेजी भाषा में sphygmomanometer कहा जाता है। इस मशीन की सहायता से आपने कई बार अपना बीपी चेक करवाया भी होगा क्योंकि सामान्य अस्पतालों से लेकर बड़े अस्पतालों में भी इसका उपयोग देखने को मिलता है।
हालाँकि इसे घर में उपयोग में नहीं लाया जा सकता है या इसको घर में उपयोग करने के लिए आपको इसके बारे में सही से जानकारी होनी आवश्यक होती (Manual BP kaise check karte hain) है। ऐसे में यदि आप इस रक्तदाबमापी मशीन की सहायता से बीपी को चेक करने का तरीका जानना चाहते हैं तो वह इस प्रकार है।
- इसके लिए सबसे पहले तो आपको अपने एक हाथ को ढीला छोड़ देना होता है और उस पर इस मशीन का कफ बाँध देना होता है।
- यह एक पट्टा होता है जिसे आपके हाथ के ऊपर बाँधा जाता है और उसे लपेट कर बंद कर दिया जाता है।
- फिर इस मशीन के गुब्बारे को हाथ की सहायता से फुलाया जाता है और एक सीमा तक ही इसे फुलाना होता है।
- फिर आपकी नब्ज अर्थात नाड़ी पर स्टेथोस्कोप लगाया जाता है जिससे नर्स या डॉक्टर आपकी धड़कन को सुन पाते हैं।
- उसके बाद हर 2 mm Hg के बाद इसे धीरे धीरे छोड़ा जाता है और उसके साथ ही धड़कन को भी सुना जाता है।
- अब एक समय के बाद उस स्टेथोस्कोप में अजीब से आवाज आने लग जाती है तो उस गुब्बारे को छोड़ दिया जाता है।
- वह आवाज जिस रीडिंग पर आती है, वही आपका बीपी होता है जिसे वह उस पर्ची पर लिख देता है।
तो यह बीपी को सामान्य तौर से या मैनुअल तरीके से चेक करने का तरीका होता है। इस पर दिखाए गए आंकड़े ज्यादातर सटीक व सही होते हैं क्योंकि इसमें मशीन की कोई खराबी नहीं होती है। यदि मशीन ख़राब होती है तो वह काम ही नहीं करती है और काम करती है तो एकदम सटीक आंकड़े देती है। यही कारण है कि अस्पतालों में ज्यादातर इसी मैनुअल बीपी मशीन का उपयोग किया जाता है।
डिजिटल मशीन से बीपी कैसे चेक करें? (How to check BP using digital machine in Hindi)
आज के समय में बाजार में बीपी को चेक करने के लिए कई तरह की मशीन आ चुकी है जिन्हें बस आपको अपनी कलाई पर बांधना होता है और उसके कुछ समय के बाद ही आपको अपना बीपी पता चल जाता है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो यह पूर्ण रूप से ऑटोमेटिक मशीन होती है जिसमे आपको कुछ करना ही नहीं होता है और सारा काम यह मशीन कर देती (How to check BP at home with digital machine in Hindi) है।
बस इस मशीन में दी गयी जानकारी के अनुसार आपको इसे अपने हाथ में जहाँ भी बांधना है, वहां इसे बाँध लीजिये। इसके बाद आपको कुछ देर शिथिल बैठे रहना है और फिर आपका जो भी बीपी है, वह उस मशीन की स्क्रीन में दिख रही numbering में आ जाएगा। यह कुछ उसी तरह ही होता है जिस तरह भार तोलने वाली मशीन होती है। आपको उस भार तोलने वाली मशीन पर बिना हिले डुले कुछ देर खड़े रहना होता है और वह स्क्रीन पर आपका कुल भार दिखा देती (How to check blood pressure using digital machine in Hindi) है।
ठीक उसी तरह से इस डिजिटल बीपी मशीन को अपने हाथ की कलाई पर या बाजू में बाँध लीजिये और स्थिर होकर बैठे रहिये। इसके बाद वह मशीन कुछ ही क्षण में आपको आपका सही बीपी दिखा देगी। हालाँकि इस मशीन में कई बार गड़बड़ी देखी जा सकती है और यह गलत रीडिंग दे सकती है। ऐसे में आपको मशीन को समय समय पर चेक करते रहना चाहिए और अच्छी गुणवत्ता वाली बीपी मशीन लेनी चाहिए।
बीपी चेक करते समय इन बातों का रखें ध्यान
अब यदि आप मैनुअल या डिजिटल किसी भी मशीन से अपना बीपी चेक करने जा रहे हैं तो उससे पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की जरुरत है। यदि आपने इनका ध्यान नहीं रखा तो आपका बीपी गलत शो हो सकता है और आप बेवजह ही चिंता में पड़ सकते हैं। वहीं डॉक्टर भी आपको यूँ ही बीपी की दवाई दे सकता है और आपको हमेशा के लिए अपना ग्राहक बना सकता है। ऐसे में आपको बीपी चेक करवाने से पहले इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- बीपी की मशीन की अच्छे से जांच कर लें कि वह सही से काम कर रही है या नहीं। कई बार मशीन में गड़बड़ी आ जाती है जिस कारण बीपी गलत दिखाई देता है।
- हड़बड़ी में बीपी चेक ना करवाएं और उससे पहले 2 से 5 मिनट के लिए आराम कर लें। यदि आप आतुर होकर बीपी चेक करवाएंगे तो अवश्य ही इसकी रीडिंग सामान्य से ज्यादा आएगी जो कि गलत होगी।
- जब आपका बीपी चेक किया जा रहा हो तब आपको हिलना डुलना नहीं चाहिए क्योंकि इससे मशीन में आ रही रीडिंग बदल सकती है।
- इसी के साथ ही आपको बीपी चेक करवाते समय बोलना नहीं चाहिए अर्थात बातचीत नहीं करनी चाहिए। आपको केवल स्थिर होकर बिना कुछ बोले बैठ जाना चाहिए या लेट जाना चाहिए।
- बीपी चेक करवाते समय यदि आपको खांसी, छींक या हिचकी आ जाती है तो भी बीपी की रीडिंग बदल जाती है। ऐसे में आपको फिर से अपना बीपी चेक करवाना चाहिए।
- खांसी, छींक जैसी अति उत्तेजित चीज होने पर उसी समय अपना बीपी चेक ना करवाएं क्योंकि उस समय आपके हृदय की धड़कन पहले से ही बढ़ी हुई होती है। ऐसे में इसके 5 से 10 मिनट बाद ही अपना बीपी चेक करवाएं।
तो बीपी चेक करवाते समय यह कुछ बातें थी, जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए ताकि बीपी मशीन आपके बारे में सही रीडिंग दे सके और आप उसी के अनुसार ही आगे का निर्णय ले सकें।
हाई या लो बीपी की रेंज (BP high low range in Hindi)
अब आपने ऊपर यह तो जान लिया है कि नॉर्मल या सामान्य बीपी की रेंज क्या होती है लेकिन अब यह तो जरुरी नहीं है कि आपका बीपी इसी रेंज में ही आये। वैसे भी यदि आप अपना बीपी चेक करवा रहे हैं तो इसका यही अर्थ हुआ कि आपका बीपी या तो बढ़ा हुआ है या फिर कम (BP high low level) है। ऐसे में यदि आप अपने घर पर बीपी चेक कर रहे हैं और वह कम या ज्यादा होता है तो उस स्थिति में आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसके बारे में पता होना चाहिए।
इसके लिए आपको बीपी की सामान्य रेंज के अलावा अन्य जो रेंज होती है, उसमे कौन सी स्थिति घटक होती है और कौन सी स्थिति सामान्य उपचार मांगती है, इसके बारे में भी हम आपको जानकारी दे देते हैं। आइये जाने बीपी की अलग अलग रेंज के बारे में।
- एलिवेटेड बीपी (Elevated BP): इसमें सिस्टोलिक बीपी की रेंज 120 से 129 mm Hg होती है तो वहीं डायास्टोलिक बीपी की रेंज 80 से कम होती है। इस स्थिति में ज्यादा चिंता करने की जरुरत नहीं है और इसे एक तरह से सामान्य बीपी की रेंज में ही माना जा सकता है। आपको बस थोड़ा बहुत आराम करने और ज्यादा चिंता ना करने की सलाह दी जाती है ताकि बीपी नियंत्रण में आ सके।
- हाई ब्लड प्रेशर स्टेज 1 (High BP Stage 1): इसे हम हाइपर टेंशन की स्टेज एक भी कह सकते हैं जिसमें सिस्टोलिक बीपी की रेंज 130 से 139 के बीच में होती है तो वहीं डायास्टोलिक बीपी की रेंज 80 से 89 के बीच में नापी जाती है। इसमें आपको डॉक्टर के द्वारा दी गयी बीपी की दवाइयों को लेना होता है या फिर रूटीन चेक अप करवा लेना होता है।
- हाई ब्लड प्रेशर स्टेज 2: (High BP Stage 2): यदि आपका सिस्टोलिक बीपी 140 या उससे ज्यादा चला जाता है और डायास्टोलिक बीपी 90 या उससे ज्यादा हो जाता है तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए या अपनी बीपी की दवाइयां लेनी चाहिए। हालाँकि यह जानलेवा नहीं है लेकिन यदि रोगी पहले से ही कमजोर है या गंभीर बीमारी से जूझ रहा है तो यह चिंता का विषय बन जाता है।
- हाइपरटेंसिव क्राइसिस (Hypertensive Crisis): इसे एक तरह से आपदा कहा जा सकता है क्योंकि इसमें रोगी की जान तक जा सकती है और उसके जीवन पर गंभीर संकट आ जाता है। इसमें सिस्टोलिक बीपी की रेंज 180 या उससे भी ज्यादा चली जाती है तो वहीं डायास्टोलिक बीपी की रेंज 120 या उससे भी ज्यादा हो जाती है। इस स्थिति में यदि तुरंत उपचार ना मिले तो रोगी की मृत्यु तक हो सकती है।
इस तरह से आपको एलिवेटेड या हाइपर टेंशन की स्टेज एक में तो ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन यदि हाइपर टेंशन की स्टेज दो हो गयी है या फिर हाइपरटेंसिव क्राइसिस हो गया है जिसमें आपका सिस्टोलिक बीपी 140 से ज्यादा हो जाता है या डायास्टोलिक बीपी 90 से ज्यादा हो जाता है तो यह चिंता का विषय है। इस स्थिति में आपको बिना कोई जोखिम उठाये तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
बीपी कैसे चेक करें – Related FAQs
प्रश्न: नॉरमल बीपी कितना होता है?
उत्तर: नॉर्मल बीपी 120/80 mm Hg होता है।
प्रश्न: घर पर बीपी टेस्ट कैसे करें?
उत्तर: घर पर बीपी टेस्ट करने की प्रक्रिया को हमने ऊपर के लेख के माध्यम से बताने का प्रयास किया है जो आपको पढ़ना चाहिए।
प्रश्न: बीपी कौन se हाथ में चेक करना चाहिए?
उत्तर: बीपी किसी भी हाथ में चेक कर सकते हैं लेकिन बाएं हाथ में चेक करना ज्यादा सही रहता है।
प्रश्न: बीपी क्या है?
उत्तर: बीपी वह होता है जिसमें हम यह जानते हैं कि हमारा हृदय किस गति के साथ काम कर रहा है अर्थात किस गति के साथ रक्त को पंप कर रहा है
तो इस तरह से आपने इस लेख के माध्यम से जान लिया है कि बीपी कैसे चेक किया जाता है। साथ ही आपने जाना कि बीपी क्या होता है बीपी की सामान्य रेंज क्या होती है और बीपी चेक करते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि आपके मन में कोई शंका है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।