बीपीओ क्या होता है? बीपीओ का क्या मतलब होता है? | BPO ka kya matlab hai

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BPO ka kya matlab hai :- बहुत समय से एक शब्द जो नौकरी में प्रमुख शब्द बना हुआ है वो है बीपीओ। बीपीओ में नौकरी करना या पाना बाकि नौकरियों की तुलना में काफी आसान होता है और कोई भी छात्र जो अपनी पढ़ाई कर रहा है या वह व्यक्ति जो अपनी नौकरी से हाथ धो बैठा है या नौकरी ढूंढने की कोशिश कर रहा है, वह कुछ समय तक या पार्ट टाइम के रूप में किसी ना किसी बीपीओ वाली कंपनी में नौकरी करने लग (BPO me job kaise paye) जाता है। जबकि कुछ लोग तो अपना भविष्य ही बीपीओ कंपनी में बनाते हैं।

ऐसे में हम अपने आसपास के कई लोगों को बीपीओ कंपनियों में नौकरी करते हुए देखते हैं या फिर उनसे इसके बारे में सुनते रहते होंगे। तो क्या कभी आपके मन में यह जानने का विचार नहीं आया कि आखिरकार यह बीपीओ होती क्या है और यह कैसे काम करती है। आज के इस लेख में हम आपके साथ इसी विषय पर ही चर्चा करने वाले हैं जहाँ आप बीपीओ का हिंदी में मतलब और इसकी कार्य प्रणाली के बारे में विस्तार से जानने वाले हैं। आइए जाने यह बीपीओ क्या होता है।

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बीपीओ का क्या मतलब है? (BPO ka kya matlab hai)

सबसे पहले बात करते है कि आखिरकार इस बीपीओ शब्द का क्या मतलब होता है या फिर इसे बीपीओ ही क्यों कहा जाता है। तो आज हम आपको बता दे कि यह एक अंग्रेजी भाषा का शब्द होता है जिसका अर्थ किसी कंपनी या बिज़नेस का काम करके देना होता (BPO ka matlab kya hota hai) है। कहने का मतलब यह हुआ कि बीपीओ हमेशा थर्ड पार्टी होती है और यह किसी अन्य कंपनी का काम करके दे रही होती है।

बीपीओ क्या होता है बीपीओ का क्या मतलब होता है BPO ka kya matlab hai

यहाँ पर अन्य कंपनियों के प्रोजेक्ट को लिया जाता है और उनका काम करके दिया जाता है। इस तरह से वह बीपीओ कंपनी अपना काम तो चलाती ही है और साथ के साथ उस कंपनी के बिज़नेस को भी आगे बढ़ाने में सहयोग करती है। अब भी यदि आप इसका संपूर्ण अर्थ नहीं समझ पाए तो हम आपको इसकी फुल फॉर्म सहित अन्य सब जानकारी देने वाले हैं। आइए जाने बीपीओ के बारे में विस्तार से।

बीपीओ की फुल फॉर्म क्या है? (BPO ka full form kya hota hai)

अब यदि हम बीपीओ की फुल फॉर्म की बात करे तो वह अंग्रेजी भाषा के ही शब्द होंगे। चूँकि बीपीओ एक अंग्रेजी भाषा का शब्द है तो इसकी फुल फॉर्म भी इसी में ही (BPO ka full form kya hai) होगी। तो बीपीओ की फुल फॉर्म होगी बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग। इन्हीं शब्दों को मिलाकर बीपीओ शब्द का निर्माण किया जाता है। आइए एक एक करके इसे समझे:

B- Business

P- Process

O- Outsourcing

तो इस तरह से बीपीओ का पूरा नाम Business Process Outsourcing कहा जाता है और इसे हर जगह शोर्ट फॉर्म में बीपीओ ही कह दिया जाता (BPO full form in Hindi) है। बहुत से लोगों को तो इसकी फुल फॉर्म नहीं पता होती है और फिर भी वे दिनभर इसी के बारे में ही बात करते हैं। तो अब यदि आगे से कोई आपसे पूछे कि बीपीओ की फुल फॉर्म क्या है तो आप उसे बेझिझक इसकी फुल फॉर्म बताकर अपने ज्ञान का परिचय दे।

बीपीओ का हिंदी में मतलब (BPO ka Hindi meaning)

अब आपने बीपीओ के अंग्रेजी नाम या उसकी फुल फॉर्म तो जान ली है लेकिन फिर भी आपको उसका हिंदी में मतलब भी जानना होगा। बहुत से लोग यह सोचकर झंझट में होंगे कि आखिरकार यह बीपीओ हिंदी में क्या कहलाता है या फिर इसे हम हिंदी में किस तरह से परिभाषित कर सकते हैं। तो बीपीओ को हिंदी में व्यापार प्रक्रिया प्रणाली कहा जा सकता है अर्थात किसी व्यापार का ऐसा काम जिसकी प्रक्रिया का संचालन किया जा रहा हो उसे बीपीओ कहा जाएगा।

बीपीओ की परिभाषा (BPO ki jankari Hindi me)

चूँकि अब तक आप बीपीओ के मतलब सहित उसकी फुल फॉर्म और हिंदी में मतलब को जान चुके हैं तो अब हम आपके साथ बीपीओ की परिभाषा के बारे में बात करने वाले हैं। अब यदि आप बीपीओ में नौकरी करने को इच्छुक है या उसके लिए आवेदन करने जा रहे हैं तो उससे पहले आपका बीपीओ की परिभाषा या काम के बारे में अच्छे से जानकारी लेना जरुरी हो जाता है।

तो बीपीओ की परिभाषा के रूप में आप यह जान ले कि इसके तहत किसी कंपनी का काम अन्य कंपनी को दिया जाता है और उसके लिए उसे भुगतान किया जाता है। यह काम सामान्य तौर पर किया जा सकने वाला कार्य होता है जिसके ग्राहक सेवा, एकाउंट्स, पब्लिक रिलेशन इत्यादि आते हैं। तो जो कंपनी इस काम को करने का ठेका लेती है उसे ही बीपीओ कंपनी कहा जाता है। बदले में वह बीपीओ कंपनी उस मुख्य कंपनी से काम करने का पैसा लेती है।

तो इस तरह से बीपीओ का मतलब वह कंपनी हुई जहाँ पर किसी और कंपनी के सामान्य काम को किया जा रहा है और उसके बदले में कुछ पैसों का भुगतान हो रहा है। यह एक तरह से कांटेक्ट बेस्ड काम होता है जिसके पूरा होने के बाद दोनों के बीच कोई समझौता नहीं रह जाता है। अब वह बीपीओ वाली कंपनी अपने यहाँ एक से अधिक कंपनियों का काम भी ले सकती हैं जो पूर्ण रूप से उसकी कार्य प्रणाली पर निर्भर करता है।

बीपीओ के प्रकार (BPO ke types)

अब आपको बीपीओ के प्रकार के बारे में भी जान लेना चाहिए ताकि आपको इसके बारे में अच्छे से जानकारी हो जाए। बीपीओ के प्रकार जानकर आपको यह जानने में बहुत मदद मिलेगी कि आखिरकार किस तरह के बीपीओ में काम करने पर आपको ज्यादा लाभ मिल सकता है और किस तरह के बीपीओ की टाइमिंग क्या होती है। इसलिए आगे से जब भी आप किसी बीपीओ कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन करे तो आपको पता चल सके कि उसके किस प्रकार में आपको आवेदन करना चाहिए।

ऑनशोर आउटसोर्सिंग

अब यदि कोई बीपीओ कंपनी को अपने ही देश की कंपनियों से काम मिल रहा है तो उसे ऑनशोर आउटसोर्सिंग का काम करने वाली बीपीओ कंपनी कहा जा सकता है। मान लीजिए कि अपने यहाँ कोई बीपीओ कंपनी काम करती है और वह टाटा, रिलायंस, पतंजलि जैसी कंपनियों के लिए काम करती है तो वह बीपीओ के प्रकारों में ऑनशोर वाले हिस्से में आएगी। इस तरह अपने ही देश में अपने ही देश की कंपनियों में काम करने वाली बीपीओ कंपनी ऑनशोर बीपीओ कंपनी कहलाएगी।

ऑफशोर आउटसोर्सिंग

अब यदि कोई बीपीओ कंपनी विदेश की कंपनियों से काम लेती है और उनका काम तय सीमा पर करके देती है तो उसे ऑफशोर आउटसोर्सिंग का एक हिस्सा कहा जा सकता है। इसमें वह कंपनी अपना काम, समय, कर्मचारी, छुट्टियाँ, वेतन इत्यादि सब विदेशी कंपनी के हिसाब से ही मैनेज करती है और उन्ही के बनाए शर्तों और नियमों पर चलती है। यह विदेशी कंपनी कोई भी हो सकती है फिर चाहे वह अमेरिका की हो या रूस की या जापान की।

नियरशोर आउटसोर्सिंग

इसमें वह कंपनियां आती है जो भारत के पड़ोसी देशो से जुड़ी हुई होती है। यह ऑफशोर में इसलिए नही आती है क्योंकि इनके देश की टाइमिंग भारत देश से बहुत ज्यादा भिन्नता नही रखती है। कहने का मतलब यह हुआ कि यदि भारत देश में शाम के 6 बजे हैं तो अमेरिका में रात के 2 बजे हुए हो सकते हैं लेकिन भारत के पड़ोसी देशो नेपाल, भूटान इत्यादि में 6 बजे के आसपास का ही समय होगा।

इसलिए जो बीपीओ कंपनियां अपने देश के आसपास के देशों की कंपनियों से काम लेती हैं, उन्हें नियरशोर बीपीओ कंपनियों में गिना जा सकता है। ये कंपनियां सामान्य तौर पर ऑनशोर का भी काम करती है और दोनों से ही आय करती है।

बीपीओ में क्या काम होता है? (BPO me kya kaam hota hai)

अब यदि आप बीपीओ का नाम सुनते होंगे तो आपको यही लगता होगा कि वहां तो केवल कालिंग का ही काम होता होगा। कहने का मतलब यह हुआ कि जहाँ पर लोगों से बातचीत करने और उनकी समस्या को सुलझाने या उन्हें सीधे फोन करने का काम किया जाता है बस वही बीपीओ होते हैं जबकि ऐसा (BPO me kya kaam hota h) नही है। हालाँकि बीपीओ में मुख्य तौर पर यही काम किया जाता है लेकिन वहां इसके अलावा भी कई तरह के काम होते हैं जिनका जानना आपके लिए जरुरी है।

तो हम बीपीओ में नौकरी करने या काम के आधार पर उसे दो तरह की श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं। इसमें पहली श्रेणी के तहत ग्राहकों से सीधे डील करना शामिल है जबकि दूसरी श्रेणी में बेकएंड से काम करना शामिल है। आइए दोनों के बारे में ही जान लेते हैं।

फ्रंट ऑफिस का काम

बीपीओ के फ्रंट ऑफिस के काम में वही काम आता है जो आपने सुन रखा होगा। इसमें आपको एक सिस्टम दिया जाएगा और कॉल रिसीव करने या दूसरों को कॉल करने के लिए फोन की सुविधा दी जाएगी। इसमें आपको अपनी इच्छा के अनुसार वहां बैठना होगा और ग्राहकों की कॉल के अनुसार उनकी समस्या का समाधान करना होगा। अब यह समस्या किसी भी तरह की हो सकती है जो आपके काम के अनुसार आपको मिलेगी।

कहने का मतलब यह हुआ कि यदि आप टेक्निकल बीपीओ में काम करते हैं तो लोग अपनी तकनीक से जुड़ी समस्या के लिए आपको कॉल करेंगे जैसे कि उनका मोबाइल हैक हो गया है या वह सही से चल नहीं रहा है या ऐसा ही कुछ। आप किसी कंपनी की पालिसी, बीमा, मार्केटिंग इत्यादि से जुड़े काम के लिए भी ग्राहकों के कॉल अटेंड कर सकते हैं या उन्हें फोन कर सकते हैं। तो ग्राहकों से जुड़ा सीधा काम और उनसे फोन पर बातचीत करना बीपीओ के फ्रंट ऑफिस के काम में आता है।

बैक ऑफिस का काम

यह बीपीओ का बैक ऑफिस का काम होता है जिसके बारे में ज्यादातर उन लोगों को नहीं पता होता है जिन्होंने कभी इसमें नौकरी ना की हो या ज्यादा जानने की कोशिश ही ना की हो। अब कोई कंपनी बीपीओ कंपनी को केवल कालिंग करने वाला काम ही नही देती हैं बल्कि उनके द्वारा कई अन्य तरह के काम भी दिए जाते हैं जिन्हें समय पर करके देना उस बीपीओ कंपनी का दायित्व होता है।

तो इस तरह के काम में अकाउंट मैनेज करना, डाटा एंट्री करना, बीमा करवाना, मार्केटिंग और प्रोमोशन करना, सेल्स बढ़ाना इत्यादि कई तरह के काम शामिल होते हैं जिसका ठेका उन्हें मिलता है। तो यदि आप इनमे से किसी भी काम में बेहतर हैं और अच्छा करके दिखा सकते हैं तो भी आप बीपीओ कंपनी में नौकरी करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

बीपीओ में नौकरी करने के लिए योग्यता (BPO job qualifications in Hindi)

अब यदि आप बीपीओ कंपनी में नौकरी करने को इच्छुक है और वहां इसके लिए आवेदन करने वाले हैं तो आपके अंदर क्या क्या योग्यताओं का होना जरुरी है, यह जान लेना भी जरुरी हो जाता है। तो यहाँ हम आपको बता दे कि बीपीओ अलग अलग तरह की होती है और यह उनके द्वारा लिए जा रहे काम और प्रकार पर निर्भर करती है। ऐसे में आप किस तरह की बीपीओ कंपनी से जुड़ने जा रहे हैं और वहां किस तरह का काम करने जा रहे हैं, यह आपकी योग्यता पर बहुत निर्भर करता है।

साथ ही किसी भी बीपीओ कंपनी में काम करने के लिए आपके अंदर कुछ स्किल्स का होना बहुत ही जरुरी हो जाता है जिनके बिना आप बीपीओ की नौकरी ना तो ले पाएंगे और मिल भी गयी तो उसमे ज्यादा दिनों तक काम नहीं कर पाएंगे। तो ऐसे में आपके अंदर इन इन स्किल्स का होना जरुरी हैं।

  • आप कम से कम दसवीं कक्षा तक पास होने जरुरी है। हालाँकि बहुत से बीपीओ बारहवीं पास या किसी डिग्री लिए हुए व्यक्ति को ही अपने यहाँ नौकरी पर रखते हैं किंतु कोई भी बीपीओ दसवीं से भी कम पढ़े हुए को अपने यहाँ नौकरी पर नहीं रखेगा।
  • आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी होनी चाहिए और आपको लोगों से सही से बात करना आना चाहिए। यह बीपीओ में काम करने के लिए मुख्य कौशल माना जाता है और यदि आपके अंदर इसका अभाव है तो आपको बीपीओ की नौकरी मिल ही नही पायेगी।
  • आपको हिंदी के साथ साथ अंग्रेजी भाषा का भी ज्ञान होना जरुरी है और ज्यादातर बीपीओ में दोनों ही भाषाओँ को माँगा जाता है। ऐसे में यदि आपका अंग्रेजी भाषा में हाथ तंग है तो आज से ही उस पर ध्यान देना शुरू कर दे।
  • आपको प्रॉब्लम सॉल्वर भी होना चाहिए। बीपीओ में काम करने के दौरान लोग अपनी तरह तरह की समस्याओं के लिए ही आपको कॉल किया करेंगे। ऐसे में यदि आप उनकी समस्या का समाधान ही सही से नही कर पाएंगे तो फिर कैसे काम चलेगा।
  • आपके अंदर संयम का होना भी बहुत जरुरी होता है। बीपीओ की नौकरी करते समय आपको ग्राहकों की कई बातो को सुनना पड़ सकता हैं और वे आपको भला बुरा भी कह सकते हैं, तो ऐसी स्थिति में आप किस तरह से अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखकर काम करते हैं, यह बहुत ही मायने रखता है।

तो बीपीओ में नौकरी करने के लिए यदि आपके अंदर ऊपर बताई गयी स्किल्स हैं तो आपकी जल्द से जल्द बीपीओ में नौकरी लग जाएगी और आप वहां अच्छे खासे वेतन पर काम करना शुरू कर देंगे।

बीपीओ में सैलरी कितनी मिलती है? (BPO salary in india in Hindi)

रही बात बीपीओ में नौकरी कर रहे लोगों की सैलरी की तो ना तो यह बहुत ज्यादा होती है और ना ही बहुत कम। आप अपने जीवनयापन के लिए अच्छी खासी सैलरी बीपीओ कंपनी से ले सकते हैं और समय के साथ साथ यह बढ़ती भी चली जाती है। सामान्य तौर पर बीपीओ कंपनी में मिलने वाली सैलरी उनके यहाँ के काम और प्रकार पर निर्भर करती है।

यदि कोई व्यक्ति पहली बार या फ्रेशर के तौर पर बीपीओ कंपनी को ज्वाइन कर रहा हैं तो उसे महीने का 20 से 30 हज़ार रूपया शुरूआती वेतन के रूप में मिल सकता है। वही यदि किसी व्यक्ति को बीपीओ कंपनी में काम करते हुए 5 साल से अधिक का समय हो चुका है तो उसका वेतन 50 से 70 हज़ार प्रति महीना भी हो सकता है।

बीपीओ में नौकरी करने के फायदे (BPO job benefits in Hindi)

बीपीओ में नौकरी करने के कई तरह के फायदे भी देखने को मिलते हैं जो आपको जान लेने चाहिए। इसका सबसे बड़ा फायदा तो यही हैं कि आपको इसके लिए अलग से पढ़ाई करने या कोई बड़ी डिग्री लेने की जरुरत नही (BPO me naukri karne ke fayde) होती है। आप चाहे तो अपनी दसवीं के बाद ही किसी बीपीओ कंपनी को ज्वाइन कर सकते हैं या फिर आगे की पढ़ाई करके और अच्छी वाली बीपीओ की नौकरी ले सकते हैं।

इसमें आपको काम करने के घंटे के हिसाब से भी पैसा मिल सकता है और आप अपनी टाइमिंग खुद भी सेट कर सकते हैं। कहने का मतलब यह हुआ कि यदि आप नाईट शिफ्ट करना चाहते हैं तो उसका विकल्प भी आपके पास होगा और यदि दिन में किसी और समय की शिफ्ट करना चाहते हैं तो उनके विकल्प भी आपके पास होंगे। आपके पास बीपीओ के साथ साथ अपनी पढ़ाई जारी रखने या कही और नौकरी करने का भी विकल्प होगा। आप एक साथ दो बीपीओ कंपनी में भी नौकरी कर सकते हैं और पैसा कमा सकते हैं।

तो इस तरह से बीपीओ कंपनी में काम करने के एक नहीं बल्कि कई फायदे आपको देखने को मिलेंगे। एक बार जब आप बीपीओ में काम करने लग जाएंगे तब आपको वहां मिलने वाली सुविधाओं का भी लाभ उठाने को मिलेगा। साथ ही उनके यहाँ जिन कंपनियों से काम आ रहा है आपके वहां भी अच्छे लिंक बन जाएंगे। अब यदि उन्हें आपका काम पसंद आता है तो वे आपको अपने यहाँ भी नौकरी पर रख सकते हैं।

बीपीओ का क्या मतलब है – Related FAQs

प्रश्न: BPO कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: BPO 3 प्रकार के होते हैं: ऑनशोर, ऑफशोर, नियरशोर।

प्रश्न: एक बीपीओ में काम करने वाले कर्मचारी को क्या कहते हैं?

उत्तर: एक बीपीओ में काम करने वाले कर्मचारी को ग्राहक सेवा अधिकारी कहते हैं।

प्रश्न: सरल शब्दों में बीपीओ क्या है?

उत्तर: सरल शब्दों में बीपीओ का मतलब होता है किसी और कंपनी के काम को करके देना।

प्रश्न: बीपीओ जॉब इंटरव्यू क्या है?

उत्तर: बीपीओ जॉब इंटरव्यू में आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स और धैर्य की परीक्षा ली जाती है।

प्रश्न: बीपीओ सेवा के क्या फायदे हैं?

उत्तर: बीपीओ सेवा के फायदे के रूप में आपको अपनी टाइमिंग चुनने की आजादी, बड़ी कंपनियों से लिंकिंग, पार्ट टाइम सैलरी इत्यादि मिलेंगे।

तो इस तरह आज के इस लेख के माध्यम से आपने जाना की बीपीओ क्या होता है और उसके तहत किस किस तरह का काम किया जाता है। तो अब यदि आप बीपीओ में नौकरी करने को तैयार हैं और इसके लिए आवेदन करने जा रहे हैं तो हमें नीचे कमेंट करके अवश्य बताइयेगा। इसी के साथ आपको आपके भविष्य के लिए बहुत सारी शुभकामनाएं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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