बजट क्या है? | अंतरिम बजट, कब और क्यों पेश किया जाता है? | Budget kya hai

Budget kya hai :- भारत सरकार के द्वारा हर वर्ष बजट पेश किया जाता है जिसमें देश की कुल आय और खर्चे का विस्तृत ब्यौरा होता है। इसी के साथ ही हर घर में भी अपना अपना बजट बनाया जाता है जो लोगों के द्वारा अपने घर की आर्थिक स्थिति को सही रखने के लिए बनाया जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि बजट केवल सरकार ही नहीं बल्कि हर किसी के द्वारा बनाया जाता है और यह उसी के अनुसार ही अलग अलग होता (What is budget in Hindi) है।

इसलिए बजट तो हर किसी के द्वारा बनाया जाता है लेकिन इसे सही रूप में समझना बहुत ही जरुरी हो जाता है। यहाँ हम आपके साथ बजट के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात करने वाले हैं। किसी भी परिवार का सही रूप से संचालन करने या देश को सही रूप में सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए सही बजट का बनाया जाना बहुत ही जरुरी हो जाता है। ऐसे में इस बजट को सही रूप में समझा जाना भी जरुरी होता (Budget kya hai in Hindi) है।

तो यह बजट क्या होता है, यह किस तरह से काम करता है, इसके क्या कुछ प्रकार होते हैं और इसमें क्या कुछ निहित होता है, इसके बारे में सही से समझना आपके लिए बहुत जरुरी हो जाता है। यहाँ हम आपके साथ बजट के हर पहलू के बारे में विस्तृत चर्चा करने वाले हैं ताकि आपको बजट की परिभाषा और अर्थ समझ में आ (Budget kya hai bataiye) सके।

बजट क्या है? (Budget kya hai)

यहाँ हम सबसे पहले तो आपके साथ बजट के बारे में चर्चा कर लेते हैं और आपको समझा देते हैं कि आखिरकार यह बजट होता क्या है। तो यह बजट कुछ और नहीं बल्कि अपने द्वारा की जा रही आय को खर्च करना होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि हम जो कुछ भी कमा रहे हैं, उसका निवेश किया जाना ही बजट का हिस्सा होता है। अब यह भी एक सीमित समय के लिए होता है। बजट को हमेशा एक निश्चित समय अवधि के लिए ही तैयार किया जाता है और उसके बाद नया बजट बनाना होता (Budget kya hota hai) है।

Budget kya hai

ऐसे में बजट के तीन प्रमुख अंग होते हैं जो कमाई, खर्च और समय हैं। इन तीनों को मिलाकर ही कोई बजट बनाया जाता है। ऐसे में पहले इन तीनों के बारे में समझ लेते हैं ताकि आपको बजट क्या होता है, इसके बारे में बेहतर तरीके से समझ में आ (Budget kya hai budget ke prakar) सके।

कमाई

बजट में सबसे पहले व्यक्ति के द्वारा अपनी कमाई को देखा जाता है। उसके द्वारा कितना धन कमाया जा रहा है और वह इसका सदुपयोग कैसे कर सकता है, उसके बारे में देखा जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि एक व्यक्ति के द्वारा एक समय अंतराल में कितनी कमाई की जा रही है, वह बजट का ही एक अंग होती है। अब वह चाहे कोई व्यक्ति विशेष हो या कंपनी या राज्य या भारत सरकार। सभी के द्वारा यह देखा जाएगा कि उस समय सीमा में उनके द्वारा कितनी कमाई की गयी है।

खर्च

आय के बाद बजट का दूसरा भाग होता है, उसे खर्च किया जाना। कहने का अर्थ यह हुआ कि आय के आधार पर पैसों को कहाँ कहाँ और किस रूप में किस तरह से और कितना खर्च किया जाएगा, यह सभी बजट में ही शामिल होता है। ऐसे में बजट के आधार पर कमाई को खर्च में बदलना शामिल होता है। इन्हीं खर्चों का संतुलन बिठाने के लिए ही बजट को बनाया जाता है।

समय

अब बजट का तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है उस आय और खर्चे को समय के अनुसार बांधना। कहने का अर्थ यह हुआ कि जब भी कोई बजट बनाया जाता है तो उसमें यह प्रमुख तौर पर ध्यान रखा जाता है कि उस बजट के अंतर्गत जो कमाई और खर्चे का ब्यौरा दिया गया है, उसे कितनी समय सीमा तक मान कर चलना है। आम तौर पर यह 1 महीने से लेकर एक वर्ष की अवधि के लिए होता है।

इस तरह से आपने बजट क्या होता है और यह कैसे निर्धारित किया जाता है, इसके बारे में जानकारी ले ली है। यहां हम एक बात पहले ही बता दें कि बजट केवल और केवल कमाई पर निर्भर नहीं करता है बल्कि यह दूसरों के द्वारा पैसा उधार लिए जाने और कर्ज पर भी निर्भर करता है। इसी के साथ ही यह केवल और केवल खर्चे पर ही निर्भर नहीं होता है बल्कि इसके तहत पैसा निवेश कहाँ किया जा रहा है या किन संसाधनों का उपयोग हो रहा है, उस पर भी निर्भर करता है। इसके बारे में हम आपको नीचे बताएँगे।

बजट की परिभाषा क्या है? (Budget ki paribhasha)

ऊपर आपने यह तो पढ़ लिया है कि बजट क्या है लेकिन आपको अभी तक बजट की परिभाषा समझ में नहीं आयी होगी। ऐसे में बजट की क्या कुछ परिभाषा होती है या यह सही मायनों में क्या होता है, इसके बारे में जानना और समझना भी जरुरी हो जाता है। ऐसे में अब हम आपके सामने बजट की परिभाषा को रखने जा रहे (Budget definition in Hindi) हैं।

तो बजट की परिभाषा के अनुसार एक ऐसा बजट जहाँ पर किसी निश्चित समय अवधि के लिए अपने द्वारा की जाने वाली कमाई के अनुसार खर्चों का ब्यौरा रखा जाए और उस समय अवधि में कितना पैसा कहाँ से आ रहा है और कहाँ जा रहा है, किस किस रूप में जा रहा है, कितना बच रहा है, कितनी कमाई हो रही है, इत्यादि की रणनीति बनाया जाना ही होता है। यही बजट की परिभाषा होती (Budget ki paribhasha likhiye) है।

बजट का अर्थ क्या है? (Budget ka arth)

बहुत से लोग बजट के नाम को लेकर आशंका में रहते हैं और उन्हें यह समझ ही नहीं आता है कि आखिरकार इस बजट शब्द का अर्थ क्या है। तो बजट को अंग्रेजी में Budget लिखते हैं जो फ्रेंच भाषा के Bowgette शब्द से बना है। यहाँ bowgette शब्द bouge से बना हुआ है जिसका अर्थ चमड़े का बैग होता (Budget meaning in Hindi) है।

अब आमतौर पर बजट को चमड़े के बैग में लाया जाता है और फिर उसे सभी के सामने रखने का काम किया जाता है। इसी कारण से यह शब्द bouge से bougette बना और फिर बजट का रूप ले लिया। आज के समय में इसे दुनियाभर में ही इसी बजट नाम से ही संबोधित किया जाता है।

बजट कैसे बनता है? (Budget kaise banate hain)

अब हम बात करेंगे बजट को बनाये जाने की। बजट के बारे में इतना सब कुछ जानने के बाद आपको यह भी जान लेना चाहिए कि आखिरकार इस बजट को किस तरह से बनाया जाता है या इसका क्या आधार है। तो बजट को बनाने के लिए ऊपर बताये गए तीनों अंगों को तो शामिल किया ही जाता है लेकिन इसी के साथ ही कुछ अन्य अंग भी होते हैं जिन्हें ध्यान में रखकर किसी बजट को अंतिम रूप दिया जाता (Budget kaise banta hai) है। आइये जाने किस तरह से बजट का निर्माण किया जाता है।

आय

बजट को बनाने के लिए जो चीज़ सबसे पहले देखी जाती है वह होती है आय। अब यह बजट चाहे कोई भी बना रहा हो, चाहे वह किसी के घर का बजट हो या फिर कंपनी या बिज़नेस का या फिर देश या दुनिया का। जिस किसी के लिए भी बजट बनाया जा रहा है, वहां से कुल कितनी आय हो रही है, उसका आंकलन किया जाता है। अब इसी आय के आधार पर ही आगे का काम किया जाता है और बजट बनाने की दिशा में आगे बढ़ा जाता है।

व्यय

आय के बाद जिसकी बारी आती है, वह है उस आय का व्यय करने की। अब किसी के द्वारा जो धन उपार्जन का काम किया जा रहा है, वह किसलिये किया जा रहा है? निश्चित तौर पर आपका उत्तर होगा अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए। ऐसे में उस धन का कहाँ कहाँ और किस रूप में व्यय किया जाना है और कितने समय में किया जाना है, यह बजट का अगला हिस्सा होता है जो उसको बनाने के काम आता है।

कर्ज

अब यह जरुरी नहीं है कि जो हम कमाई कर रहे हैं, केवल उसे ही बजट में शामिल किया जाए। आज के समय में बहुत लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अलग से कर्जा या पैसा उधार भी लेने लगे हैं। तो आप किसी समय अवधि में कहाँ से और कितना पैसा उधार पर या कर्ज के रूप में लेने वाले हैं, उस पर कितना ब्याज देना होगा, इत्यादि सब भी इस बजट का निर्माण करने में सहायक होते हैं।

संसाधन

बजट के अंतर्गत यह भी देखा जाता है कि आपके पास जो जो संसाधन हैं, उनका आप किस तरह से उपयोग करने वाले हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आपके पास कोई खाली घर पड़ा है तो आप उसे किसे किराये पर देंगे और वहां से कितनी कमाई होगी। आप कुछ और करते हैं तो उसका क्या काम होगा। एक तरह से आप अपने पास उपलब्ध संसाधनों का किस तरह से उपयोग करने वाले हैं, यह भी बजट बनाने के काम में आता है।

निवेश

अब बजट के आखिरी हिस्से के रूप में आपके द्वारा किया जाने वाला निवेश भी शामिल होता है। आपकी जितनी कमाई हो रही है और आपने उसे जितना भी खर्च कर दिया है और कर्ज व संसाधन को मिलाकर भी आपके हाथ में कितना पैसा बच जाता है और आप उन पैसों को कहाँ और किस रूप में निवेश करने जा रहे हैं, यह भी बजट में लिखा गया होता है। इन निवेश किये गए पैसों से आप धन को और ज्यादा करने का काम करते हैं।

इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही एक पूर्ण व सही बजट का निर्माण किया जाता है। हालाँकि इसमें स्थिति व समय के अनुसार कई अन्य चीज़ों का भी समावेश हो सकता है। इसी के साथ ही वह बजट किसके द्वारा बनाया जा रहा है और किस चीज़ के लिए बनाया जा रहा है, उसके आधार पर भी इसे बनाये जाने के बारे में भिन्नता देखने को मिलती है।

बजट के प्रकार (Budget ke prakar)

अब हम बात करते हैं बजट के प्रकारों के बारे में। हालाँकि इसके कोई निश्चित प्रकार नहीं हैं क्योंकि यह व्यक्ति, कंपनी या सरकार या अन्य किसी चीज़ के अनुसार अलग अलग हो जाता (Budget types in Hindi) है। फिर भी हम बजट के कुछ प्रमुख प्रकारों को ध्यान में रखकर इसके बारे में विस्तृत वर्णन करने वाले हैं। आइये जाने बजट के प्रकारों के बारे में विस्तार से।

आम बजट

यह भारत सरकार के द्वारा पेश किया जाने वाला सबसे मुख्य और आम बजट होता है। पहले के समय में इसे हर वित्तीय वर्ष में पेश किया जाता था लेकिन वर्तमान में इस आम बजट को वित्त बजट में ही जोड़ दिया गया है। हालाँकि आम बजट में देश के संसाधनों का किस तरह से उपयोग किया जाना है, उसका किन किन रूप में उपयोग होना है, देश की कमाई कैसे होगी और किस रूप में होगी, इत्यादि के बारे में बताया जाता था। इसी कारण इसे आम बजट कहा जाता है।

पूर्ण बजट

आम बजट के बाद पूर्ण बजट आता है। अब जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि यह एक वित्तीय वर्ष के लिए बनाया गया बजट होता है जो पूरे वर्ष के लिए लागू रहता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि इस बजट को अगले एक वर्ष की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखकर बनाया गया होता है। इसी पूर्ण बजट के आधार पर ही देश की दशा व दिशा तय होती है।

वित्त बजट

यह देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण बजट होता है क्योंकि बजट का अर्थ ही पैसों का प्रबंधन करने से होता है। ऐसे में वित्त बजट में ही आम बजट व पूर्ण बजट को शामिल किया गया है। इसमें वह सबकुछ होता है जो हमने आपको बजट के विभिन्न अंगों में बताया है और यह किस तरह से बनाया जाता है, उसमे जो कुछ भी लिखा गया है। इसके अंतर्गत देश की कमाई, खर्च, संसाधन, कर्ज, ब्याज, निवेश इत्यादि का विस्तृत ब्यौरा दिया गया होता है।

रक्षा बजट

देश के लिए रक्षा बजट भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। हमारा देश कई शत्रु देशों से घिरा हुआ है और तेजी से दौड़ती दुनिया में अपने देश की सीमाओं की रक्षा करना भी बहुत आवश्यक है। ऐसे में देश के लिए रक्षा बजट बनाया जाता है। इसके अंतर्गत सेना के आधुनिकीकरण, हथियारों की खरीद व बिक्री, सुरक्षा उपकरणों की देखरेख, प्रशिक्षण इत्यादि सम्मिलित होता है। तो यह सभी रक्षा बजट का ही अंग होते हैं जो हर वर्ष प्रस्तुत किया जाता है।

संतुलित बजट

संतुलित बजट अक्सर घर में बनाये जाते हैं। यह वह बजट होता है जिसमें आय व व्यय को समान रखा जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि किसी घर में एक निश्चित समय अवधि तक 10 लाख की कमाई है और वह 10 लाख रुपये उसी समय अवधि में खर्च भी कर देता है तो फिर उसे संतुलित बजट कहा जाता है। इसमें ना तो कुछ बचता है और ना ही कुछ घाटा होता है।

घाटे का बजट

घाटे का बजट वह बजट होता है जहाँ व्यय आय से बढ़ जाता है। अब ऊपर हमने आपको बताया कि यदि व्यक्ति की कमाई एक निश्चित समय अवधि में 10 लाख की है लेकिन यदि वह उस समय अवधि में कुल 12 लाख का खर्चा करने वाला है तो उसे घाटे का बजट कहा जाता है। अब इस एक्स्ट्रा 2 लाख को उसे या तो किसी से उधार लेना होगा या ब्याज पर पैसा उठाना होगा।

आधिक्य बजट

आधिक्य बजट घाटे के बजट से विपरीत होता है। इसमें व्यक्ति का कर्जा हट जाता है और निवेश का हिस्सा जुड़ जाता है। संतुलित बजट में केवल आय और व्यय थे जबकि घाटे के बजट में इनके साथ कर्जा भी जुड़ जाता है जबकि आधिक्य बजट में कर्जा की बजाये निवेश जुड़ जाता है। अब यह तब होता है जब व्यक्ति का खर्चा एक निश्चित समय अवधि के लिए उसकी कमाई से कम होता है। ऐसे में वह बची हुई राशि को निवेश करता है या अपने पास सुरक्षित रख लेता है।

वैसे तो आपको और भी कई तरह के बजट के प्रकार जानने को मिल जाएंगे और इसकी कोई सीमा नहीं है। वह इसलिए क्योंकि बजट किसके द्वारा बनाया जा रहा है, किस स्थिति में बनाया जा रहा है और क्यों बनाया जा रहा है, उस पर इसके प्रकार अलग अलग हो सकते हैं। फिर भी हमने आपके सामने बजट के मुख्य प्रकारों को रख दिया है।

बजट क्या है – Related FAQs 

प्रश्न: बजट क्या अर्थ है?

उत्तर: बजट कुछ और नहीं जो कमाई होती है उसको कैसे इस्तेमाल करना है उसका ब्यौरा लिखना होता है।

प्रश्न: बजट कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: बजट के कुछ मुख्य प्रकार हमने ऊपर के लेख में विस्तार से बताए हैं जो आप पढ़ सकते हो।

प्रश्न: बजट का महत्व क्या है?

उत्तर: बजट बनाने से व्यक्ति हो या देश अपनी आय और व्यय में संतुलन स्थापित कर पता है।

प्रश्न: बजट कैसे तैयार होता है?

उत्तर: बजट कैसे तैयार किया जाता है इसके बारे में समूची जानकारी हमने ऊपर लेख में दी है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने बजट के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर ली है। आपने जाना कि बजट क्या है बजट कैसे बनता है बजट के प्रकार क्या हैं और और बजट का अर्थ क्या है इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई शंका मन में आपके शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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