|| ब्याज का बिज़नेस कैसे शुरू करें? | Byaj ka business kaise kare | ब्याज का बिज़नेस करने के कानूनी नियम | Byaj ka business karne ke rules | Intrest business se paise kaise banege | Intrest business kya hot hai | Intrest business law rules in Hindi | Byaj ka business karne ke liye kya kare | Byaj ka business karne ke rules ||
Byaj ka business kaise kare :- भारत देश में बैंक के द्वारा कर्जा लेना या ब्याज पर पैसा देना तो पिछले कुछ दशकों में ही चलन में आया है लेकिन यहाँ सदियों से लोग खुद ही एक दूसरे को ब्याज पर पैसा दिया करते थे। अब जिनके पास अधिक पैसा होता है वे उन लोगों को कर्ज या ब्याज पर पैसा देते हैं जिन्हें इनकी आवश्यकता होती (Byaj ka business karne ke liye kya kare) है। इसके द्वारा उस व्यक्ति की सहायता हो जाती है और अधिक पैसे वाला भी ब्याज के जरिये पैसा कमा लेता है।
यदि आप सोच रहे हैं कि लोग अभी थोड़े बहुत पैसों के लिए या कुछ ज्यादा पैसों के लिए बैंक या बड़ी कंपनी के पास ही ब्याज पर राशि लेने जाते होंगे तो आप गलत हैं। दरअसल वहां पर 10 तरह के पचड़े होते हैं और बहुत सारी कागजी कार्यवाही करनी होती है और उसके बाद भी ब्याज पर पैसा मिले या ना मिले, यह जरुरी नहीं होता (Byaj ke business ke liye kya krna hoga) है। ऐसे में वे लोग किसी ऐसे व्यक्ति से पैसा लेना पसंद करते हैं जो उनके आसपास ही ब्याज का बिज़नेस कर रहा होता है।
ऐसे में शायद आपके मन में भी ब्याज का बिज़नेस करने का विचार आ रहा होगा और आप इसके जरिये दूसरों को उधार देना चाहते होंगे। यदि ऐसा है तो जरा रुकिए और इसके बारे में अच्छे से जान लीजिए। ब्याज पर पैसा देने के लिए आपको पहले इसके नियम व अन्य जानकारी होनी आवश्यक (Byaj ka business kaise hoga) है। उसके बाद ही यदि आप ब्याज पर पैसा देना शुरू करेंगे तो बेहतर रहेगा।
ब्याज का बिज़नेस कैसे करें? (Byaj ka business kaise kare)
आज के इस लेख में हम ब्याज का बिज़नेस कैसे शुरू किया जाए और उसके लिए क्या कुछ करना होता है इसके बारे में विस्तार से चर्चा करने वाले हैं। तो ब्याज का बिज़नेस शुरू करने से पहले आपके मन में प्रमुख रूप से यही विचार आ रहा होगा कि आखिरकार यह होता क्या है और इसके तहत किस तरह से काम किया जाता (Byaj ke business ke bare mein jankari) है। ब्याज में किन शर्तों पर और किन किन नियमों के आधार पर पैसा उधार पर दिया जाता है और उस पर लगने वाला ब्याज कितना तक का होता है इत्यादि।
ऐसी ही सभी शंकाओं का समाधान यहाँ मिलने वाला है क्योंकि यहाँ हम ब्याज का बिज़नेस करने के ऊपर समूची जानकारी आपके समक्ष रखने वाले हैं ताकि आपको इसके बारे में पूरी तरह से जानकारी हो (Byaj ka business kaise hota hai) जाए। साथ ही यह भी पता चल सके कि यदि आपको वाकई में ब्याज का बिज़नेस शुरू करना है तो अभी से ही क्या कुछ तैयारी करनी होगी।
ब्याज का बिज़नेस क्या होता है? (Byaj ka business kya hota hai)
सबसे पहले बात करते हैं ब्याज के बिज़नेस के बारे में और यह होता क्या है, इसके बारे में। तो एक तरह से जैसे हम बैंक से ऋण लेते हैं और उसे एक निश्चित अंतराल में किश्तों के रूप में या एक बारी में ही चुका देते हैं और साथ ही उस पर ब्याज भी देते हैं, ठीक उसी तरह से यह ब्याज का बिज़नेस भी बैंक के द्वारा ना होकर किसी व्यक्ति विशेष के माध्यम से किया जाता (Byaj ka business kya hai) है। ब्याज के बिज़नेस को बहुत लोग उधार का बिज़नेस भी समझ लेते हैं लेकिन दोनों के बीच अंतर होता है।
उधार के बिज़नेस में आप किसी से उसके लिए ब्याज नहीं ले रहे होते हैं और ना ही उसके लिए कोई नियम या शर्तें होती हैं। इसके तहत दिया जाने वाला पैसा पूर्ण रूप से विश्वास के तौर पर दिया जाता है और फिर उसे किसी भी समय वापस लौटा दिया जाता (Byaj ka kaam kya hai) है। वही ब्याज के बिज़नेस में कुछ शर्तें व नियमों का पालन करते हुए ही सामने वाले व्यक्ति को पैसा उधार पर या ब्याज पर दिया जाता है जिसे उसे उन नियमों का पालन करते हुए ही वापस लौटाना होता है।
इस तरह के बिज़नेस में व्यक्ति के द्वारा ब्याज का पैसा वापस नहीं लौटाए जाने पर कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ता है। यह एक ऐसा बिज़नेस होता है जिसके द्वारा अधिक पैसे वाला व्यक्ति कुछ ब्याज लगा कर जरुरतमंद व्यक्तियों को पैसा देकर उनकी सहायता करता है और साथ ही इसके जरिये अपना बिज़नेस चलाता (Intrest business kya hot hai) है। अब यह ब्याज का बिज़नेस होता कैसे है और इसके लिए किन नियमों का पालन करना होता है, वह हम नीचे जानेंगे।
ब्याज का बिज़नेस करने के कानूनी नियम (Byaj ka business karne ke rules)
ऊपर आपने कई बार पढ़ा कि यदि आपको ब्याज का बिज़नेस करना है तो उसके लिए आपको नियमों के तहत ही यह काम करना होता है अन्यथा आप ही संकट में पड़ सकते हैं। एक तरह से यह नियम ब्याज देने वाले और लेने वाले दोनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही बनाए गए हैं ताकि बाद में चल कर कोई समस्या उत्पन्न ना (Byaj ke business ke law rules) हो। ऐसे में कोई भी व्यक्ति जो ब्याज का बिज़नेस कर रहा है उसे मुख्य रूप से तीन नियमों का पालन करना होता है और इसके तहत ही वह ब्याज का काम कर सकता है।
ब्याज का बिज़नेस करने के तीनों नियम संविधान के अधिनियम 1872 में लिखे गए हैं और इसमें ब्याज का बिज़नेस करने के लिए तीन तरह की धाराओं का उल्लेख किया गया (Intrest business law rules in Hindi) है। जिस भी व्यक्ति को ब्याज का बिज़नेस करना होता है या ब्याज पर पैसा देना होता है, उसे इन तीन नियमों के तहत ही आगे की कार्यवाही करनी होती है। तो आइए जाने यह तीन नियम कौन कौन से हैं जो ब्याज के बिज़नेस को आगे बढ़ाने का काम करते हैं।
ब्याज का बिज़नेस करने का नियम 1
ब्याज पर पैसा देने का सबसे पहला नियम संविधान के अधिनियम 1872 की धारा 10 में लिखा गया है। इसके अनुसार यदि आप किसी व्यक्ति को ब्याज पर पैसा देने जा रहे हैं तो उससे पहले इसको लेकर एक एग्रीमेंट बनाया जाएगा और उस एग्रीमेंट पर इसके बारे में सब जानकारी विस्तार से दी हुई होगी। एक तरह से कहा जाए तो आपके द्वारा उस व्यक्ति को ब्याज पर कितना पैसा और किन शर्तों पर दिया गया है, यह बताया गया होगा।
यह एग्रीमेंट बनाया जाना आपके लिए भी अच्छा रहता है और जो व्यक्ति आपसे ब्याज पर पैसे ले रहा है, उसके लिए भी सही रहता है। इस एग्रीमेंट में जो जो चीजें प्रमुख रूप से लिखी हुई होनी चाहिए उसमे ब्याज की राशि, ब्याज देने का उद्देश्य, ब्याज का प्रतिशत व उसकी समय अवधि इत्यादि सम्मिलित है। साथ ही ब्याज ना दे पाने की स्थिति में उससे आप क्या कुछ ले सकते हैं या उसने क्या चीज़ गिरवी रखी है, इसका भी संपूर्ण ब्यौरा इसमें लिखा हुआ होता है।
ब्याज का बिज़नेस करने का नियम 2
ब्याज का बिज़नेस करने का दूसरा नियम संविधान के अधिनियम 1872 के तहत धारा 11 में लिखा गया है। इसके अनुसार आपको पैसा देते समय सामने वाले व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए और उसकी उम्र को देखना चाहिए। यदि वह व्यक्ति 18 वर्ष से कम की उम्र का है तो आप उसे ब्याज पर ऐसा नहीं दे सकते हैं और ना ही ऐसा करना कानून के अनुसार सही माना जाता है।
अब यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति को जो 18 वर्ष से कम की उम्र का है उसे ब्याज पर पैसा दे देते हैं तो फिर चाहे आपने एग्रीमेंट ही क्यों ना बनवाया हो, आप कानून के अनुसार उससे वापस पैसा नहीं ले सकते हैं और आपका ब्याज का पैसा शून्य हो जाता है। तो आपको किसी को भी ब्याज पर पैसे देने से पहले उसके पूरे कागजात अच्छे से जांच लेने चाहिए। इसी के साथ आपको यह भी देखना होगा कि वह व्यक्ति ब्याज का पैसा लेते समय किसी भी तरह से नशे की स्थिति में नहीं होना चाहिए और पूरे होशोहवास में होना चाहिए।
ब्याज का बिज़नेस करने का नियम 3
यह नियम संविधान के 1872 अधिनियम की धारा 23 के तहत वर्गीकृत किया गया है जिसमे आपको बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। हालाँकि यह नियम पहले वाले नियम से जुड़ा हुआ होता है और आपको उसमे इसका ध्यान रखना होता है। अब यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति को ब्याज पर पैसा दे देते हैं जो उनका गलत इस्तेमाल करता है या आपराधिक गतिविधियों में उपयोग में लाता है तो उसके साथ साथ आपको भी उस अपराध में भागीदार माना जाएगा।
इसलिए आप जब भी किसी व्यक्ति को ब्याज पर पैसा दे रहे होते हैं या ब्याज का बिज़नेस कर रहे होते हैं तो आपको उसे पैसे देते समय एग्रीमेंट पर अच्छे से जांच विमर्श कर लेना चाहिए और उस पर पैसे देने का उद्देश्य सही सही लिखा हुआ होना चाहिए। इसके बाद ही आप उस व्यक्ति को ब्याज पर पैसा देंगे तो उचित रहेगा।
ब्याज का बिज़नेस करने के लिए कितनी ब्याज दर होनी चाहिए? (Byaj ka business karne ke liye byaj dar)
अब आपको यह भी जानना होगा कि यदि आप किसी व्यक्ति को ब्याज पर पैसा दे रहे हैं तो उस पर कितने तक की ब्याज दर लगा सकते हैं और उसको लेकर क्या कुछ नियम बनाए गए हैं। तो यहाँ हम आपको बता दें कि ब्याज का बिज़नेस करने की सबसे बड़ी स्वतंत्रता ही यही होती है कि इसको लेकर कुछ भी नियम नहीं है और आप किसी को भी कितने भी प्रतिशत की ब्याज दर पर पैसा दे सकते (Byaj ka business karne ke liye intrest rate kya hota hai) हैं।
अब यह ब्याज दर चाहे 2 प्रतिशत हो या 200 प्रतिशत, यह पूर्ण रूप से आप पर और आपके द्वारा जिसको पैसा दिया जा रहा है, उसकी स्थिति पर निर्भर करता है किंतु आप जितने भी प्रतिशत की ब्याज दर लगा रहे हैं, उस पर सामने वाले की भी सहमती होनी अनिवार्य है और इस पर स्पष्ट रूप से एग्रीमेंट में लिखा हुआ होना भी जरुरी (intrest rate for intrest business in Hindi) है। तो आप जितना भी ब्याज लगाएं, उसके बारे में पूर्ण स्थिति एग्रीमेंट पर स्पष्ट होनी चाहिए।
ब्याज का बिज़नेस कौन कर सकता है? (Byaj kya business kaun kar sakta hai)
साथ के साथ आप यह भी जान लें कि यदि आप ब्याज का बिज़नेस करने जा रहे हैं तो उसके लिए क्या कुछ योग्यताएं होनी आवश्यक है या फिर ब्याज का बिज़नेस कौन कौन कर सकता है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि ब्याज का बिज़नेस करने के लिए आपके पास कम से कम गणित विषय की अच्छे से समझ होनी चाहिए और कानून की समझ (Byaj business eligibility in Hindi) भी। इसी के साथ आपका कम से कम 18 वर्ष की आयु का होना आवश्यक होता है और उसके बाद ही आप ब्याज का बिज़नेस शुरू कर सकते हैं।
यदि कोई व्यक्ति 18 वर्ष से कम की आयु का है तो वह ब्याज का बिज़नेस नहीं कर सकता (Byaj ka business krne ke liye age limit) है। इस तरह से यदि आपकी आयु 18 वर्ष से अधिक है, और आपको गणित व कानून की समझ है तो आप ब्याज का बिज़नेस कर सकते हैं और इसके ज़रिये पैसा कमा सकते हैं।
ब्याज के बिज़नेस से पैसे कैसे कमाएं? (Byaj ke business se paise kaise kamaye)
अवश्य ही आपका यह भी प्रश्न होगा कि ब्याज के बिज़नेस से आप किस तरह से पैसे कमा पाने में सक्षम होते हैं या फिर इसकी सहायता से पैसे कैसे कमाए जा सकते हैं। तो यह बहुत ही सरल होता है जिसे हम एक उदाहरण देकर आपको समझाने वाले हैं ताकि आपको आसानी से यह समझ में आ (Byaj ke business se paise kaise banege) जाए। तो मान लीजिए आप ब्याज का बिज़नेस करते हैं और आपके पास एक व्यक्ति जिसका नाम मोहित है, वह ब्याज पर पैसे लेने आता है।
अब उस व्यक्ति के घर में बेटी की शादी है और उसे उसके लिए एक लाख रुपयों की जरुरत है। इसके लिए वह आपसे आवेदन करता है और ब्याज पर एक लाख रुपए देने को कहता है। तो अब आप उससे पूछते हैं कि वह इन एक लाख रुपयों को कितने समय में वापस कर देगा तो वह उसे एक वर्ष कहता (Intrest business se paise kaise banege) है। अब आप उसे एक वर्ष की अवधि के लिए वह पैसा दे देते हैं और उसके लिए 10 प्रतिशत का ब्याज लगाते हैं। इसके अनुसार आपको वह व्यक्ति एक वर्ष के अंदर एक लाख 10 हज़ार रुपए वापस देगा।
यह सब बातें आपको एग्रीमेंट में लिखनी होती है जिसमे आपके द्वारा ब्याज पर दी जाने वाली राशि जो कि एक लाख रुपए है, ब्याज का उद्देश्य बेटी की शादी, ब्याज की अवधि एक वर्ष और ब्याज का प्रतिशत 10, यह सब होगा। साथ ही उस व्यक्ति से यह भी जानना होगा कि यदि वह निश्चित अवधि में यह पैसा चुका पाने में असक्षम होता है तो उस पर क्या कुछ कार्यवाही की जा सकती है। तो उक्त प्रक्रिया के तहत आपने मोहित को ब्याज पर पैसे देकर एक वर्ष के अंदर 10 हज़ार रुपए कमा लिए।
ब्याज का बिज़नेस कैसे करें – Related FAQs
प्रश्न: क्या ब्याज लेना पाप है?
उत्तर: नहीं, ब्याज लेना पाप नहीं होता है जब तक आप उसे सेवा भावना से ना ले रहे हो।
प्रश्न: ब्याज पर पैसा कौन देता है?
उत्तर: ब्याज पर पैसा वह हर व्यक्ति दे सकता है जो ब्याज का बिज़नेस कर रहा होता है।
प्रश्न: एक लाख में कितना ब्याज मिलता है?
उत्तर: एक लाख में 5 से 10 प्रतिशत तक का ब्याज मिलता है।
प्रश्न: 100000 का 1 साल में कितना ब्याज होगा?
उत्तर: 100000 का 1 साल में 10 हज़ार ब्याज होगा।
इस प्रक्रिया के तहत ब्याज का बिज़नेस किया जाता है और पैसा कमाया जाता है। आज के इस लेख में आपने ब्याज का बिज़नेस करने के ऊपर पूरी जानकारी ले ली है और जान लिया है कि यह बिज़नेस किस परिप्रेक्ष्य में और किन नियमों के तहत किया जाता है।