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आज के समय में हमारे पास आगे पढ़ाई करने के या अपना करियर बनाने के बहुत से विकल्प हैं। पहले यह (What is career counselling in Hindi) विकल्प सीमित थे लेकिन जिस प्रकार से तकनीक बढ़ी हैं व उसमे काम करने के नए नए क्षेत्रों का उदय हुआ हैं तो (Career counselor kya hota hai) वैसे वैसे ही लोगों को अपने करियर बनाने के लिए एक उचित करियर काउंसलर की आवश्यकता होने लगी हैं।
यदि आप भी करियर काउंसलिंग क्या होती हैं या इसके क्या फायदे हैं, साथ ही करियर काउंसलिंग में अपना करियर किस तरह से बनाया जा सकता (Career counselling ke bare mein bataen) हैं या इसे करने के लिए क्या करना पड़ता हैं, इत्यादि जैसे विषयों के बारे में जानना चाहते हैं तो आज हम आपको करियर काउंसलिंग के बारे में संपूर्ण जानकरी देंगे।
करियर काउंसलिंग क्या होती है? (Career counselling kya hota hai)
सबसे पहले बात करते हैं कि आखिरकार करियर काउंसलिंग होती क्या है या फिर यह किस तरह से हमारी सहायता करती हैं। दरअसल करियर काउंसलिंग में एक व्यक्ति को उसके करियर को चुनने में सहायता की जाती हैं। यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से बातचीत कर और उसकी रुचि व विशेषता को जानकर उसे उसका अक्रीर बनाने में सहयता करें तो उसे करियर काउंसलिंग (Career counselling kya hoti hai) कहा जाएगा।
अब यदि आप सोच रहे हैं कि यह राय तो हमारे घरवाले या मित्र इत्यादि देते ही रहते हैं तो क्या वह भी करियर काउंसलिंग हुई। यदि आप ऐसा सोच रहे हैं तो आप गलत हैं। दरअसल वे आपको केवल सलाह दे रहे हैं और आपकी सहायता कर रहे हैं लेकिन उन्हें (What is career counselling in Hindi) करियर काउंसलर नही कहा जा सकता हैं।
करियर काउंसलिंग में किसी एक्सपर्ट के द्वारा यह कार्य किया जाता हैं जिसनें इस विषय में डिग्री ली हुई हो। आइए उसके बारे में भी जाने।
करियर काउंसलर क्या होता है? (Career counselor kya hota hai)
अब जब आपने करियर काउंसलिंग के बारे में जान लिया हैं तो अवश्य ही आप करियर काउंसलर के बारे में भी जानना चाहते होंगे। तो कई जानो का सीधा सा उत्तर होगा कि जो व्यक्ति करियर काउंसलिंग करता है उसे करियर काउंसलर कहा जाएगा। यह उत्तर सही भी हैं लेकिन इससे इसका संपूर्ण अर्थ या औचित्य नही पता चलता। इसलिए हम आपको करियर काउंसलर का अर्थ विस्तार से बताएँगे।
दरअसल करियर काउंसलर एक वह व्यक्ति होता हैं जिसने मनुष्य के व्यवहार, बातों को समझने और उनकी मनोदशा का आंकलन करने में डिग्री ली हुई हो या कोई कोर्स किया हुआ हो। इसके आधार (Career counselor kya hai) पर वह सामने वाले व्यक्ति से विचार विमर्श कर उसे उसके बारे में सही राय दे सकता हैं। यह राय सामने वाले व्यक्ति के लिए हमेशा ही लाभदायक हो, यह प्रमाणित नही लेकिन वह अपनी ओर से उसकी सहायता करने की पूरी कोशिश करता हैं।
ऐसे में वह सामने व्यक्ति को बेहतर तरीके से समझने के लिए कुछ दिन का समय भी ले सकता हैं और उसे कुछ दिनों के अंतराल पर मिलने को कह सकता हैं। वह उसके दस्तावेज इत्यादि को भी जांच सकता हैं तथा उसके आधार पर उसको सलाह दे सकता हैं। हालाँकि सामने वाला व्यक्ति उसकी सलाह को मानने के लिए बाध्य नही होता हैं।
ऐसे में उस सलाह देने वाले व्यक्ति को करियर काउंसलर कहा जाता हैं। यह करियर काउंसलर उसे इस बारे में सलाह देने के लिए उससे कुछ मूल्य या फीस लेता है और इसी के जरिये अपना जीवनयापन करता हैं।
करियर काउंसलिंग का हिंदी में मतलब (Career counselling ka Hindi meaning)
यदि आप करियर काउंसलिंग का हिंदी में मतलब ढूँढ रहे हैं या करियर काउंसलिंग का हिंदी में अर्थ जानना चाहते हैं तो आज हम आपको बता दे कि करियर काउंसलिंग को हिंदी में जीवन यात्रा सलाह या जीवन यात्रा परामर्श कहा जा सकता हैं। एक तरह से करियर काउंसलिंग का हिंदी में मतलब जीवन में आगे क्या किया जाए और किस तरह से अपना करियर सेट किया जाए, इसके बारे में किसी से सलाह लेना होता है।
करियर काउंसलर का हिंदी में मतलब (Career counselling ka matlab)
अब यदि आप जो व्यक्ति करियर काउंसलिंग करता है अर्थात करियर काउंसलर का हिंदी में मतलब जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दे कि करियर काउंसलर को हिंदी में जीवन यात्रा मार्गदर्शक/ परामर्शदाता/ सलाहकार/ उपदेशक इत्यादि कहा जा सकता है। एक तरह से जो व्यक्ति हमें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए उचित परामर्श देता है, उसे करियर काउंसलर कहा जा सकता है।
करियर काउंसलिंग क्यों जरुरी है (Career counselling importance in Hindi)
अब आपका यह भी जानना जरुरी हैं कि आखिरकार करियर काउंसलिंग की जरुरत ही क्यों पड़ती हैं? दरअसल यदि आज के समय की बात की जाए तो करियर काउंसलिंग की आवश्यकता हर छात्र, विद्यार्थी, नौकरी पेशा, अनुभवी व सीनियर अधिकारी, सभी को पड़ती (What is career counselling for students in Hindi) हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे सामने करियर बनने के या उसे सेट करने के बहुत सारे विकल्प होते हैं या फिर होते ही नही हैं या फिर हम उलझन की स्थिति में होते हैं। ऐसे में करियर काउंसलिंग की आवश्यकता होती हैं।
जैसे कि बहुत से बच्चे अपनी बारहवीं की पढ़ाई समाप्त करने के बाद इस चिंता में रहते हैं कि अब आगे वे क्या क्या कर सकते हैं या फिर किसमे उनको आगे जाना चाहिए। ऐसे में यदि उन्हें उचित साह मिल जाए तो उन्हें अपना करियर बनाने में बहुत सहायता मिल सकती हैं।
इसे आप एक उदाहरण से समझिये। एक बच्चा जो अभी बारहवीं कक्षा में हैं, उसके घर में सभी लोग या ज्यादातर लोग सेना में अधिकारी हैं। उसने भी अपने पिता या दादा की तरह अपने शरीर पर ध्यान दिया हुआ हैं और वह प्रतिदिन व्यायाम भी करता हैं। उसे भी अपने पापा या दादा को देखकर गर्व होता हैं और वह सेना में अधिकारी बनने को लेकर आकर्षित भी हैं।
किंतु साथ ही उसके घर में या घर के आसपास किसी के भी कंप्यूटर या मोबाइल में कोई भी समस्या होती हैं वह तुरंत उस समस्या को समझ कर एक झटके में उसका हल कर देता हैं। यह उसकी एक खूबी हैं और सभी लोग अक्सर अपना लैपटॉप, कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट सही करवाने में या समझने में उसकी सहायता लेते हैं।
अब जब वह बिना करियर काउंसलिंग के सेना में चला जाएगा तो बेशक वह एक अधिकारी बन तो जाएगा। किंतु यदि वही छात्र अपना भविष्य इंजीनियरिंग (Career counselling benefits in Hindi) में बनाए और एक सॉफ्टवेर या इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी में जाए तो वह कहीं अधिक सफल हो सकता हैं। दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि वह केवल अपने डरा या पिता को देखकर सेना में अधिकारी बनने का इच्छुक हैं जबकि इंजीनियरिंग में उसकी रुचि पहले से हैं।
बस इसी कारण किसी व्यक्ति को अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए करियर काउंसलिंग की आवश्यकता होती हैं। वह इसलिए क्योंकि एक करियर काउंसलर ही किसी क्यक्ति से संपूर्ण रूप से बात करके और उसके बारे में सबकुछ जानकर और आच्छे से जांच परख कर और उनका आंकलन कर उसे उसके भविष्य के लिए सर्वोत्तम राय देता हैं।
करियर काउंसलिंग के फायदें (Career counselling ke fayde)
अब यदि करियर काउंसलिंग के बारे में इतना सब जान चुके हैं तो आपको इसके फायदों के बारे में भी पता होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे हम जान पाएंगे कि आख्रिकर करियर काउंसलिंग से हमें क्या फायदा होता हैं और हमें यह क्यों करवानी (Career counselling ke labh) चाहिए। आइये जाने करियर काउंसलिंग के लाभ के बारे में विस्तार से।
- करियर काउंसलिंग की सहायता से एक छात्र को बारहवीं के बाद आगे क्या पढ़ना चाहिए और क्या नही, इत्यादि के बारे में अच्छे से जानने को मिलता हैं।
- कई बार हमें यह लगता हैं हमारा इंटरेस्ट किसी और क्षेत्र में हैं या हम उस क्षेत्र में अच्छा कर सकते हैं जबकि होता इसका उल्टा हैं। फिर जब हम उस क्षेत्र में जाते हैं तो फिर हमें असलियत का पता चलता हैं। ऐसे में बेहतर यही हैं कि हम पहले ही करियर काउंसलिंग ले ले।
- कई बार यह देखने को मिलता हैं कि छात्र किसी डिग्री को करने में अपने 3 से 4 वर्ष व्यर्थ कर देते हैं और उसमे लगने वाला पैसा भी। फिर जब वे बाहर आते हैं तो ना तो उन्हें उस डिग्री का कुछ ज्ञान होता हैं और ना ही उसमे आगे क्या किया जाए, इसके बारें में। ऐसे में करियर काउंसलिंग लेने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।
- करियर काउंसलिंग के द्वारा हम अपना पैसा गलत क्षेत्र में लगाने से बच सकते हैं और उसे सही जगह लगाकर अपने करियर को सही कर सकते हैं।
- कभी कभार हमें कई करियर विकल्प के बारे में पता तक नही होता है। ऐसे में जब हमे इन्हें बाद में पता चलता हैं तो फिर बहुत पछतावा होता है। ऐसे में यदि हमें इनके बारे में पहले ही पता चल जाए तो बहुत सहायता हो जाती हैं।
- इसके अलावा हमें किसी किसी करियर के बारे में बेहतर तरीके से जानने के लिए भी करियर काउंसलिंग की आवश्यकता पड़ती हैं। जैसे कि उसमे करियर बने से क्या परिणाम होंगे, उसमे कितना समय व धन निवेश करना होगा इत्यादि।
- कई बार तो हमारे घरवाले या हम स्वयं अपनी प्रतिभा को पहचान नही पाते और गलत दिशा में सारा समय व्यर्थ करते हैं। ऐसे में हम किस चीज़ में बाकियों से बेहतर कर सकते हैं या किस चीज़ में अपना बेहतर करियर बना सकते हैं, यह भी करियर काउंसलिंग की सहायता से ही पता चलता हैं।
- यदि हम अपने करियर में लगातार असफल हो रहे हैं या सफलता हाथ नही लग रही हैं तो ऐसी स्थिति में करियर काउंसलिंग से बहुत सहायता हो जाती हैं।
- करियर काउंसलिंग की सहायता से हमारे अंदर आत्म विश्वास में बढ़ोत्तरी देखने को मिलती हैं। साथ ही हम अपनी प्रतिभा का सही आंकलन भी कर पाते हैं।
- करियर काउंसलिंग की सहायता से ना केवल हमारे आत्म विश्वास में बढ़ोत्तरी देखने को मिलती हैं बल्कि हम अपनी कमियों के बारे में भी बेहतर तरीके से पहचान पाते हैं। इसके द्वारा हम उन्हें सुधारने के उपाय कर सकते हैं।
इस प्रकार सही करियर काउंसलिंग से ना केवल हमारा करियर सेट हो जाता हैं बल्कि हम उन्नति की राह पर भी आगे बढ़ते हैं। यह हमारे सफल जीवन के लिए बहुत आवश्यक होता हैं अन्यथा हमारा आत्म विश्वास कभी भी कम हो सकता हैं।
करियर काउंसलर कैसे बने? (Career counselor kaise bane)
अब जब आपने करियर काउंसलिंग व करियर काउंसलर के बारे में सब कुछ जान लिया हैं तो आपको यह भी समझ में आ गया होगा कि आज के समय में करियर काउंसलिंग की कितनी आवश्यकता हैं। साथ ही आने समय में करियर काउंसलर की महत्ता कितनी बढ़ने वाली हैं। तो (Career counselling kaise karen) अब आपके मन में भी करियर काउंसलर बनने की इच्छा प्रकट हो रही होगी।
ऐसे में करियर काउंसलर बनने के लिए क्या किया जा सकता हैं और इसके लिए आपके अंदर क्या क्या योग्यताएं होनी चाहिए। आज हम इसके बारे में भी विस्तार से बात करेंगे। ताकि आप भी एक सफल करियर काउंसलर बन सके और लोगों का जीवन सुधारने में उनकी थोड़ी सहायता कर सके। आइए जाने करियर काउंसलर बनने के लिए क्या क्या करना पड़ता हैं।
करियर काउंसलर बनने के लिए योग्यताएं (Career counselor qualities)
यदि आप करियर काउंसलिंग में अपना भविष्य बनाने जा रहे हैं तो इसके लिए आपके अंदर पहले से कुछ योग्यताओं का होना आवश्यक हैं। इसी के आधार पर आप आगे करियर काउंसलिंग के क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकते हैं। आइए जाने करियर काउंसलर बनने के लिए आपने अंदर क्या क्या गुण होने चाहिए।
#1. आत्म विश्वास
दरअसल करियर काउंसलिंग में आपके पास अधिकतर वही लोग आएंगे जिनके अंदर आत्म विश्वास की कमी होगी या वे अपने करियर को लेकर उलझन की स्थिति में होंगे।
ऐसे में वे आपसे परामर्श मांगेंगे ताकि आप उनके अंदर आत्म विश्वास को फिर से जागृत कर सके। अब यदि आपके अंदर ही आत्म विश्वास की कमी हैं तो फिर आप कैसे ही दूसरों की इसमें सहायता कर पाएंगे। इसलिए पहले अपने आप पर विश्वास पक्का करें।
#2. दूसरों को समझने की शक्ति
करियर काउंसलिंग में आपको किसी मचिन से काम नही करना हैं और ना ही किसी चीज़ को बेचना हैं या किसी का कोई काम करना हैं। आपको इसमें बस किसी व्यक्ति को समझकर उसे एक सही सलाह देनी हैं।
अब यदि आप दूसरों को अच्छे से समझ ही नही पाएंगे तो फिर कैसे ही किसी की करियर काउंसलिंग कर पाएंगे। ऐसे में यदि आप दूसरों को समझने में अच्छे हैं तो अवश्य ही आपको इस क्षेत्र में जाना चाहिए।
#3. सुनने की क्षमता
करियर काउंसलिंग में हमें ना केवल दूसरों को सलाह देनी होती हैं बल्कि उनकी सभी समस्याओं, शंकाओं व प्रश्नों को ध्यान से सुनना होता हैं। उन्हें आचे से सुनकर ही हम उन्हें परामर्श दे पाएंगे। ऐसे में आप सुनते कम हैं और बोलते ज्यादा तो शायद ही आपको करियर काउंसलिंग के क्षेत्र में आगे जाना चाहिए।
#4. भावनाओं पर नियंत्रण
यदि आप छोटी छोटी बात पर भावुक हो जाते हैं या क्रोध करने लगते हैं या फिर अपनी भावनाओं को नियंत्रण में नही रख पाते हैं तो अवश्य ही यह करियर काउंसलिंग बनने की दिशा में बहुत बड़ा बाधक सिद्ध हो सकता हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि आपके सामने मुख्यतया हताश, निराश, दुखी लोग आएंगे और वे आपसे अपनी समस्या बताएँगे। ऐसी स्थिति में यदि आप अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नही रख पाएंगे तो कैसे ही काम चलेगा।
#5. प्रेम से बोलना
करियर काउंसलर का सबसे बड़ा गुण होता हैं सामने वाले के साथ प्यार से पेश आना। ऐसा इसलिए क्योंकि हम सभी एक करियर काउंसलर से सहानुभूति की आशा रखते हैं। तभी हम उसके सामने सहज होकर अपनी बात रख पाते हैं। ऐसे में वही करियर काउंसलर रूखा या चिढ़चिढ़ा व्यवहार करेगा तो कौन ही उसके पास वापस जाएगा।
करियर काउंसलर बनने के लिए क्या करें? (How to become career counsellor in India)
अब यदि आपके अंदर ऊपर बताये गए सभी गुण हैं तो आप करियर काउंसलर बनने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ स्पेशल करने की आवश्यकता नही हैं क्योंकि एक करियर काउंसलर में मुख्यतया इन्हीं गुणों का होना आवश्यक होता हैं। इसके अलावा उसे करियर से संबंधित हर विषय की विस्तार से जानकारी होनी चाहिए। आइए जाने करियर काउंसलर बनने के लिए आपको क्या क्या करना चाहिए।
बारहवीं करें पूरी
सबसे पहले तो आपको किसी भी स्ट्रीम से अपनी बारहवीं को पास करना होगा। यह मायने नही रखता हैं कि आपने बारहवीं किस विषय में की हैं फिर चाहे वह मेडिकल हो या नॉन मेडिकल या कॉमर्स या आर्ट या कुछ और। आपको बस किसी मान्यताप्राप्त विद्यालय से बारहवीं कक्षा को पास करना होगा और उसमे अच्छे प्रतिशत लाने होंगे ताकि आप आगे अच्छी पढ़ाई कर सके।
करियर काउंसलिंग का कोर्स करें? (Career counselor course in India)
अब बारहवीं खत्म होने के बाद आपकी करियर काउंसलर बनने के लिए मुख्य पढ़ाई शुरू होगी। इसे साइकोलॉजी के नाम से जाना जाएगा। साइकोलॉजी में किसी व्यक्ति को अन्य व्यक्ति के हावभाव को समझना और उनसे डील करना सिखाया जाता (Career counselling courses) हैं। इसलिए आइए जाने करियर काउंसलर बनने के लिए आप कौन कौनसे कोर्स कर सकते हैं।
- बीए इन साइकोलॉजी [BA in Psychology]
- बीए ऑनर्स इन साइकोलॉजी [BA Honors in Psychology]
- बीएससी इन साइकोलॉजी [BSc in Psychology]
- एमए इन साइकोलॉजी [MA in Psychology]
- एमएससी इन साइकोलॉजी
[MSc in Psychology]
इसमें आप अपनी बारहवीं कक्षा के बाद किसी भी ऐसे कॉलेज से करियर काउंसलिंग का कोर्स कर सकते हैं जो आपको साइकोलॉजी विषय पर पढ़ा सकता हो। इसमें भी आपके पास टीन विकल्प होंगे जो पहले तीन हैं। यह तीनो ही तीन तीन वर्ष के होंगे और इनकी फीस भी समान होगी। बस इने कुछ विषयों का अंतर होगा। ऐसे में आप अपनी रुचि के अनुसार इनमे से किसी भी कोर्स को कर सकते हैं और साइकोलॉजी की डिग्री ले सकते हैं।
अब यदि आप साइकोलॉजी में बीए या बीएससी का कोर्स कर लेंगे तो आपके पास ग्रेजुएशन की डिग्री आ जाएगी। इससे आप करियर काउंसलिंग में नौकरी कर सकते हैं। हालाँकि यदि आप इसमें मास्टरी हासिल करना चाहते हैं तो आपको करियर काउंसलिंग पोस्ट ग्रेजुएशन करनी होगी। इसके लिए अंतिम दो कोर्स एमए व एमएसी इन साइकोलॉजी किये जा सकते हैं। इनकी अवधि 2 वर्ष हैं और इसमें लगने वाली फीस भी समान ही हैं।
करियर काउंसलिंग में नौकरी (Career counselling jobs)
अब जब आपने करियर काउंसलिंग में अपनी पढ़ाई पूरी कर ली हैं तो आप इसम अपना भविष्य बनाने का सोच सकते हैं। इसके लिए आपके पास कई करीर के विकल्प हैं। दरअसल आजकल हर संस्थान अपने यहाँ करियर काउंसलर रखता हैं फिर चाहे वह किसी भी क्षेत्र से संबंधित हो। ऐसे में आपको इन संस्थानों में करियर काउंसलर की नौकरी मुख्य रूप से मिल सकती हैं।
- कॉलेज या यूनिवर्सिटी [college or university]
- आईटी कंपनियां [IT companies]
- सॉफ्टवेर कंपनियां [software companies]
- सरकारी नौकरी देने वाले कार्यालय [government recruitment office]
- शिक्षण संस्थान [Teaching institute]
- समाचार एजेंसी [News agency]
- समाज सेवा संस्थाएं इत्यादि।
[social service organizations and so on.]
इसलिए आप इनमे से कहीं भी अपना रिज्यूमे भेजकर नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसी के साथ कई बड़ी कंपनियों के द्वारा अपनी अलग से करियर काउंसलिंग की व्यवस्था भी की जाती हैं या फिर कुछ करियर कोउन्सेल्लिन कंपनियां ही आपको मिल जाएगी। कहने का अर्थ यह हुआ कि आज के समय में करियर काउंसलिंग को देखते हुए इसमें अलग से कंपनियां तक बन चुकी हैं।
साथ ही आप चाहे तो अपना खुद का करियर काउंसलिंग का बिज़नेस कर सकते हैं। इसमें आपको अपने शहर में किसी अच्छी सी जगह पर करियर काउंसलिंग का कार्यालय खोलना होगा। आप चाहे तो अपने घर में ही एक कमरे में करियर काउंसलिंग कर सकते हैं। यदि लोगों को आपके द्वारा करियर काउंसलिंग पसंद आई तो अवश्य ही वे इसे दूसरों को बताएँगे और आप बिज़नेस बढ़ता चला जाएगा।
करियर काउंसलर के कार्य (Career counselor work)
करियर काउंसलिंग के बारे में आप सब कुछ तो जान हुके हैं लेकिन फिर भी कुछ शेष रह गया हैं और वह यह हैं कि जब आप करियर काउंसलिंग की नौकरी करने लगेंगे तब करियर काउंसलर के तौर पर आपका काम क्या होगा। आइए उसके बारे में भी जाने।
दरअसल प्रतिदिन के तौर पर आपके पास लोग अपनी समस्या या करियर में उलझन को लेकर आएंगे। ऐसे में सबसे पहले तो आपको उन्हें एक अपॉइंटमेंट देनी होगी ताकि वे एक निश्चित समय में आपसे मिलने आ सके। ऐसा इसलिए क्योंकि आप एक साथ कई लोगों की करियर काउंसलिंग नही कर सकते हैं और ना ही करियर काउंसलिंग आप 2 या 5 मिनट में कर पाएंगे। इसमें सामने वाले व्यक्ति को समझने के लिए समय लगेगा।
अब आप उस व्यक्ति से बातचीत कर उसकी पूरी समस्या को जानेंगे और उसे क्या समस्या हैं इसका पता लगाएंगे। आप चाहे तो उसके करियर में सही से जानने के लिए उसका रिज्यूमे भी मांग सकते हैं और अन्य आवश्यक दस्तावेज भी। अब आप उसकी बातों और रिज्यूमे के आधार पर आंकलन कर उसका मूल्यांकन करेंगे।
साथ ही ज्यादातर करियर काउंसलिंग कंपनियों के अन्य नौकरी देने वाली कंपनियों के साथ संबंध होते हैं। यदि आपको लगता हैं कि जो व्यक्ति आपके पास आया हैं वह आपके द्वारा संबंधित किसी कंपनी में काम करने के लिए उपयुक्त हैं तो आप उस कंपनी में उसका रिज्यूमे भेज देंगे। इस तरह आप उसकी नौकरी दिलवाने में भी सहायता कर सकते हैं।
एक तरह से आप सामने वाले व्यक्ति की जितनी भी सहायता कर सकते हैं वह करेंगे। फिर चाहे उसकी नौकरी लगवानी हो, किसी कॉलेज में प्रवेश दिलवाना हो या उसे उचित मार्गदर्शन देना हो इत्यादि। इसके बदले में आप उससे फीस लेंगे जो आपकी कमाई होगी।
भारत में करियर काउंसलिंग के बेस्ट कॉलेज (Best career counselling colleges in India)
यदि आप भारत के अंदर करियर काउंसलिंग करने के लिए बेस्ट साइकोलॉजी के कॉलेज या यूनिवर्सिटी देख रहे हैं तो आइए उनके बारे में भी जान लेते हैं।
- दिल्ली यूनिवर्सिटी, नयी दिल्ली [Delhi University, New Delhi]
- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, बनारस [Banaras Hindu University, Banaras]
- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जलंधर [Lovely Professional University, Jalandhar]
- लेडी श्रीराम कॉलेज, नयी दिल्ली [Lady Shri Ram College, New Delhi]
- टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई [Tata Institute of Social Science, Mumbai]
- इन्द्रप्रस्थ कॉलेज, नयी दिल्ली [Indraprastha College, New Delhi]
- अन्नामलाई यूनिवर्सिटी, चिंदम्बरम [Annamalai University, Chidambaram]
- एमिटी यूनिवर्सिटी, नोयडा [Amity University, Noida]
करियर काउंसलर की सैलरी (Career counselor salary in India)
अब यदि आप करियर काउंसलर की सैलरी के बारे में जाना छह रहे हैं तो यह भी जान लीजिए। यदि आप किसी करियर काउंसलिंग की कंपनी या ऐसी किसी जगह पर अपनी नौकरी की शुरुआत करते हैं तो आपकी शुरूआती सैलरी 20 हज़ार से लेकर 40 हज़ार के बीच में होगी। हालाँकि यह आपके द्वारा ली गयी डिग्री, कॉलेज और उसमे मिले अंकों पर आधारित होगी।
इसी के साथ समय समय पर आपको अपने काम के लिए प्रमोशन भी मिलता रहेगा। यदि आप इस क्षेत्र में अच्छा काम करते हैं तो बहुत जल्दी आपकी सैलरी बढ़कर 60 से 70 हज़ार भी पहुँच सकती हैं। इसी के साथ यदि आप अपना खुद का करियर काउंसलिंग बिज़नेस सेंटर खोलते हैं तो उसमे होने वाली पूरी कमाई आपकी ही होगी। अब यह आप पर निर्भर करता हैं कि वह सेंटर कितनी जल्दी उन्नति करता हैं।
करियर काउंसलिंग क्या होता है – Related FAQs
प्रश्न: कैरियर काउंसलिंग का मतलब क्या होता है?
उत्तर: कैरियर काउंसलिंग का मतलब दूसरों को सुनकर और उन्हें अच्छे से समझ कर करियर के बारे में सर्वश्रेष्ठ परामर्श देना होता है।
प्रश्न: कैरियर काउंसलिंग कैसे करें?
उत्तर: कैरियर काउंसलिंग करने के लिए पहले आपको किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में बीए या बीएससी की डिग्री लेनी पड़ेगी।
प्रश्न: काउंसलर का कार्य क्या होता है?
उत्तर: काउंसलर का कार्य किसी व्यक्ति की समस्या को सुन कर उसका हल निकलना होता है।
प्रश्न: काउंसलर की सैलरी कितनी होती है?
उत्तर: काउंसलर की सैलरी 20 से 30 हज़ार के बीच में होती है।
प्रश्न: काउंसलर बनने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर: काउंसलर बनने के लिए साइकोलॉजी में बीए या बीएससी की डिग्री करनी चाहिए।
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