सीबीआई क्या है? | सीबीआई का मुख्यालय, डायरेक्टर व सीबीआई फुल फॉर्म | CBI kya hai

|| सीबीआई क्या है? | CBI kya hai | CBI ka matlab kya hai | CBI kiske under aati hai | CBI ke director kaun hai | सीबीआई की स्थापना कब की गयी थी? | सीबीआई में कितने अधिकारी हैं? | सीबीआई के डायरेक्टर कौन हैं? | सीबीआई किस मामले की जाँच करती है? ||

CBI kya hai :- हम अक्सर न्यूज़ में एक नाम बार बार सुनते हैं और वह है सीबीआई का नाम। हमें यह तो पता है कि यह कोई सरकारी एजेंसी है जिसके नाम से हर कोई डर जाता है लेकिन आखिरकार असलियत में यह है क्या। आज के समय में तो सीबीआई का नाम बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध हो चुका है क्योंकि इसके द्वारा जुर्म करने वाले या किसी तरह का भ्रष्टाचार करने वाले व्यक्तियों पर कार्यवाही की जा रही (CBI kya hai in Hindi) है।

यही कारण है कि हम अक्सर न्यूज़ में सीबीआई का नाम सुनते रहते हैं कि कहीं से सीबीआई ने उसे पकड़ा तो कहीं पर छापा मारा तो किसी महत्वपूर्ण केस को सीबीआई हैंडल कर रही है इत्यादि। ऐसे में अक्सर ही आपको यह सब पढ़ कर मन में आया होगा कि अब यह सीबीआई है कौन और वाकई में करती क्या है। तो आपके ऐसे ही कई अनसुलझे प्रश्नों का उत्तर देने के लिए यह लेख लिखा गया (CBI kya hoti hai) है।

इस लेख के माध्यम से आप यह जान पाने में सक्षम होंगे कि सीबीआई कौन होती है, इसके क्या काम होते हैं, यह किसके अधीन आती है और सीबीआई के दायरे में क्या कुछ आ सकता है इत्यादि। कहने का अर्थ यह हुआ कि इस लेख में आपको सीबीआई के बारे में सभी जरुरी जानकारी विस्तार से जानने को मिलेगी, आइये जाने सीबीआई क्या (CBI ka pura naam) है।

सीबीआई क्या है? (CBI kya hai)

हम सबसे पहले बात करते हैं कि यह सीबीआई कौन होती है या इसका क्या मतलब है। तो यहाँ सीबीआई का मतलब केन्द्रीय जांच एजेंसी से है जिसमे देश के उच्च अधिकारी किसी मामले की जांच करते हैं। अब हर राज्य में वहां की स्थानीय पुलिस होती है। उदाहरण के तौर पर राजस्थान की पुलिस अलग है तो गोवा की पुलिस अलग, इसी तरह उत्तराखंड की पुलिस अलग है तो त्रिपुरा की पुलिस (CBI ka matlab kya hai) अलग।

सीबीआई क्या है सीबीआई का मुख्यालय डायरेक्टर व सीबीआई फुल फॉर्म CBI kya hai

अब जो अपराधी होता है, वह जिस भी राज्य में अपराध करता है, उस राज्य की स्थानीय पुलिस उस अपराध की जांच करती है। अब यदि उस अपराध के तार दूसरे राज्य या राज्यों से भी जुड़े होते हैं तो उस राज्य की पुलिस दूसरे राज्य की पुलिस के सहयोग से उस अपराध को सुलझाने का काम करती है। अब यदि कोई मामला ज्यादा पेचीदा है तो उस राज्य की पुलिस के मुख्य जांच दल को उस मामले की कमान सौंप दी जाती है। आम तौर पर उस जांच दल को SIT अर्थात स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम कह दिया जाता (CBI ka matlab) है।

किन्तु कुछ मामले ऐसे होते हैं जो बहुत ही पेचीदा होते हैं या जिसमें अपराध करने वाला बहुत ही चालाक होता है या वह मामला बहुत बड़ा होता है, तो उस स्थिति में उसकी जांच भी उच्च अधिकारियों से करवायी जानी जरुरी होती है। तो उस स्थिति में सीबीआई को बुलाया जाता है जो किसी राज्य की पुलिस नहीं होती है बल्कि केंद्र की पुलिस होती है। अब एक तरह से इसे केंद्र की पुलिस तो कह दिया जाता है लेकिन इनका काम आम पुलिस वालो की तरह नहीं होता है बल्कि ये उच्च अधिकारी होते हैं जो उस मामले की जांच करते हैं।

सीबीआई किसी राज्य के अधीन नहीं होती है और ना ही यह किसी राज्य की सरकार के निर्देश पर काम करती है। यह पूर्ण रूप से केंद्र सरकार अर्थात भारत सरकार के अधीन रहकर कार्य करती है और उन्हीं के दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करती है। ऐसे में यह केंद्र सरकार के आदेश में सभी प्रकार की कार्यवाही करती है और मामले को सुलझाने का कार्य करती है।

सीबीआई की फुल फॉर्म क्या है? (CBI full form in Hindi)

अब आपको यह भी जान लेना चाहिए कि इस सीबीआई की फुल फॉर्म क्या होती है। अक्सर लोग इसकी शोर्ट फॉर्म अर्थात सीबीआई का ही ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में लोगों को सीबीआई का नाम तो रटा होता है लेकिन जब उनसे इसकी फुल फॉर्म पूछी जाए तो वह उन्हें नहीं पता होती (CBI ka full form kya hai) है। ऐसे में आज हम आपको बता दें कि सीबीआई की फुल फॉर्म सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (Central Bureau of Investigation) होती है।

अब यदि हम सीबीआई के हिंदी नाम की बात करें तो उसे हिंदी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो कहा जाता है। हालाँकि ना तो कोई इसका अंग्रेजी नाम इस्तेमाल में लाता है और ना ही हिंदी नाम। मुख्य तौर पर इसकी शोर्ट फॉर्म सीबीआई को ही इस्तेमाल में लाया जाता है। तभी आप हर जगह केवल सीबीआई के नाम को ही सुनते रहते हैं।

सीबीआई की स्थापना कब की गयी थी? (CBI ki sthapna kab hui)

अब यदि हम सीबीआई का इतिहास देखें और यह जानने का प्रयास करें कि किस सन में सीबीआई को स्थापित किया गया था तो वह बहुत पहले ही आ जाएगा। वर्ष 1963 में भारत सरकार के गृह मंत्रालय के द्वारा सीबीआई की स्थापना की गयी थी। वह इसलिए क्योंकि कई मामले ऐसे होते हैं जिसमे राज्य की पुलिस निश्प्ताभावी हो जाती है या जांच का दायरा बड़ा होता है और वह देश के कई राज्यों और कुछ मामलों में तो देश विदेशों में भी फैला होता है।

ऐसी स्थिति में राज्य की पुलिस के द्वारा उस मामले की जांच करना बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि ना तो उनके पास इतने संसाधन होते हैं और ना ही वे इन पेचीदा मामलों में एक्सपर्ट होते हैं। ऐसी स्थिति में इन मामलों के एक्सपर्ट की एक टीम बनाकर और उन्हें सभी संसाधन उपलब्ध करवा कर उक्त मामले की जांच करवायी जाती है। इसी कारण भारत सरकार ने वर्ष 1963 में सीबीआई की स्थापना की थी।

सीबीआई किसके अंतर्गत आती है? (CBI kiske under aati hai)

अभी तक का लेख पढ़ कर आपको यह तो समझ में आ ही गया होगा कि सीबीआई किस सरकार के अंतर्गत आती होगी। फिर भी हम इस बारे में और भी स्पष्ट कर दें कि सीबीआई पूर्ण रूप से भारत की केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है। तभी इसे केंद्र की पुलिस भी कह दिया जाता है। अब इस पर किसी भी राज्य की राज्य सरकार या वहां के मुख्यमंत्री का कोई दबाव काम नहीं आता है और ना ही वह सीबीआई के अधिकारियों को किसी तरह का निर्देश दे सकती है।

सीबीआई को निर्देश देने का कार्य मुख्य रूप से भारत सरकार का गृह मंत्रालय ही करता है और सीबीआईभी उसे ही रिपोर्ट करती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि भारत सरकार के अंतर्गत तो कई तरह के मंत्रालय आते हैं तो उसमे से सीबीआई को गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करना होता है। इसके अलावा सीबीआई को निर्देश देने का अधिकार भारतीय न्यायालय भी रखता है लेकिन वह उच्च या सर्वोच्च न्यायालय होना चाहिए।

सीबीआई में कितने अधिकारी हैं?

बहुत से लोगों का यह प्रश्न भी होता है कि सीबीआई में आखिरकार कितने अधिकारी काम करते हैं या सीबीआई में कितनी पोस्ट होती है। तो भारत सरकार के द्वारा सीबीआई के अंतर्गत लगभग 7 हज़ार के आसपास अधिकारी काम कर रहे होते हैं। वर्तमान समय में सीबीआई के उक्त पदों की संख्या 7274 है जिनमें से 6391 पद भरे हुए हैं जबकि 883 पद खाली है। इन्हें भारत सरकार कभी भी भर सकती है और साथ ही जो अधिकारी पद मुक्त हो जाते हैं, उनकी जगह भी नए अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है।

सीबीआई का बजट क्या है?

भारत सरकार के गृह मंत्रालय के द्वारा हर वर्ष सीबीआई का एक बजट निर्धारित किया जाता है ताकि सीबीआई की गतिविधियाँ सुचारू रूप से चलती रह सके। इसमें सीबीआई के तहत काम कर रहे अधिकारियों को वेतन देना, रिटायर हो चुके अधिकारियों को पेंशन देना, सीबीआई को काम करने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध करवाना इत्यादि शामिल होता है। तो वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र सरकार के द्वारा सीबीआई का बजट 911 करोड़ रुपये का रखा गया है जिसे हर वित्तीय वर्ष में संशोधित किया जाता है।

सीबीआई का मुख्यालय कहाँ है? (CBI ka mukhyalay kahan hai)

अब यदि हम सीबीआई के मुख्यालय या हेडक्वार्टर की बात करें तो यह देश की राजधानी नयी दिल्ली में स्थित है। देश की राजधानी नयी दिल्ली में ही सभी केंद्रीय एजेंसी के मुख्यालय स्थित है क्योंकि वहीं से ही देश की राजनीति व प्रशासन चलता (CBI ka mukhyalay kahan sthit hai) है। ऐसे में सीबीआई का मुख्यालय भी नयी दिल्ली में ही बनाया गया है और वहीं पर सीबीआई के सभी अधिकारी उच्च अधिकारियों व गृह मंत्रालय के अधिकारियों को रिपोर्ट करते हैं।

सीबीआई के डायरेक्टर कौन हैं? (CBI ke director kaun hai)

आपको साथ के साथ यह भी जान लेना चाहिए कि वर्तमान समय में सीबीआई के निदेशक या डायरेक्टर कौन हैं। तो अभी के समय में सीबीआई के निदेशक का नाम प्रवीण सूद है जिनकी नियुक्ति गृह मंत्रालय के द्वारा की जाती (CBI director name in Hindi) है। जब इनका कार्यकाल समाप्त हो जाता है तो या तो उनका कार्यकाल एक निश्चित अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है या फिर किसी अन्य वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी को सीबीआई डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया जाता है।

सीबीआई को कौन निर्देश दे सकता है?

सीबीआई को निर्देश देने के मामले में सर्वोच्च रूप से गृह मंत्रालय ही आता है क्योंकि यही सीबीआई को हैंडल करने का काम करता है या फिर यूँ कहें कि सीबीआई के अधिकारी मुख्य तौर पर गृह मंत्रालय तथा गृह मंत्री को ही रिपोर्ट करते हैं। इसके अलावा सीबीआई के निदेशक तथा सीबीआई के ही उच्च अधिकारी अपने से जूनियर सीबीआई अधिकारियों को निर्देश देने की शक्ति रखते हैं।

इन सभी के अलावा भारत की न्यायिक व्यवस्था सीबीआई को निर्देश जारी कर सकती है। इसमें भी सभी तरह की न्यायालय नहीं आती है बल्कि केवल उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय ही सीबीआई को किसी मामले की जांच करने या उस पर रिपोर्ट देने का निर्देश दे सकती है। अन्य किसी के भी द्वारा सीबीआई को निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है।

सीबीआई किस मामले की जाँच करती है? (CBI janch kya hai)

अब यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है जिसका जानना आपके लिए जरुरी है। तो यहाँ आप यह जान लें कि सीबीआई के द्वारा कोई भी मामला खुद से नहीं लिया जाता है बल्कि वह किसी के निर्देश पर ही कोई मामला अपने हाथ में ले सकती (CBI kya kam karti hai) है। कहने का अर्थ यह हुआ कि मान लीजिये कहीं पर कोई अपराध हुआ है तो वहां की स्थानीय पुलिस अपने आप ही उस मामले को अपने अधिकार में ले लेती है और उसकी जांच करना शुरू कर देती है लेकिन सीबीआई के साथ ऐसा नहीं (CBI kya kaam karti hai) है।

यदि सीबीआई के पास कोई मामला आता है, तो वह केवल और केवल तीन कारणों से आ सकता है, और वे कारण हैं:

  • यदि किसी राज्य में कोई अपराध होता है और उस राज्य की राज्य सरकार को लगता है कि इस मामले की सीबीआई से जांच करवायी जानी चाहिए ताकि उसकी गहनता के साथ जांच की जा सके तो वह भारत सरकार को उस मामले में सीबीआई लगाने की अनुशंसा करती है। अब यदि गृह मंत्रालय उस अनुशंसा को मान लेता है तो वह सीबीआई को उस मामले की जांच करने के लिए टीम बनाने को कहता है।
  • यदि कोई मामला बहुत बड़ा है और उस पर गहनता से जांच किये जाने की जरुरत है तो केंद्र सरकार अपनी इच्छा के तहत भी सीबीआई को उस मामले की जांच करने के लिए भेज सकती है लेकिन इसके लिए भी उसे आंशिक रूप से राज्य सरकार की अनुमति लेनी होती है।
  • इन दोनों के अलावा भारत के उच्च व उच्चतम न्यायालय किसी मामले की जांच के लिए राज्य सरकार व भारत सरकार को उसमे सीबीआई लगाने के लिए बाध्य कर सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि न्यायालय के द्वारा सीबीआई को किसी मामले की जांच अपने हाथ में लेने के सीधे निर्देश दिए जा सकते हैं।

तो इस तरह से आपने जाना कि सीबीआई कौन से मामले हैंडल करती है और उसे वह मामले देने का अधिकार किसका है। सीबीआई को किसी भी छोटे मोटे इन्वेस्टिगेशन में नहीं लगाया जाता है वह किसी बड़े मामले की जांच के लिए ही बुलाई जाती है।

सीबीआई में कैसे जाएं? (CBI me kaise jaye)

अब यदि आप सीबीआई के बारे में इतना सब पढ़ कर खुद भी सीबीआई में जाना चाहते हैं और उसके तहत सीबीआई अधिकारी बनना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कठिन परीक्षा से होकर गुजरना होता है। इसके लिए भारत सरकार का गृह मंत्रालय हर वर्ष सीबीआई में भर्ती करने के लिए या रिक्त पदों को भरने के लिए सीबीआई की परीक्षा को आयोजित करवाता है। इस परीक्षा में सामान्य ज्ञान से लेकर गणित, रीजनिंग, अंग्रेजी इत्यादि विषयों से बहुत ही कठिन प्रश्न पूछे जाते (How to join CBI in Hindi) हैं।

अब जो भी व्यक्ति सीबीआई में जाना चाहता है, उसे पहले तो अपनी ग्रेजुएशन पूरी करनी होती है और इसके बाद उसे सीबीआई का फॉर्म भरना होता है। इसके बाद तय समय पर उसकी सीबीआई की परीक्षा होती है। यदि वह इसमें पास कर जाता है तो इसके बाद सीबीआई के अधिकारियों के द्वारा उसका इंटरव्यू लिया जाता है। यदि वह इसमें भी पास कर जाता है तो उसे स्थानीय पुलिस से वेरिफिकेशन करवाना होता है और साथ ही अपना मेडिकल टेस्ट देना होता (How to be in CBI in Hindi) है।

यह सब हो जाने के बाद उसके डाक्यूमेंट्स को परखा जाता है और यह देखा जाता है कि उसमे कोई कमी तो नहीं है या उसने भारत सरकार को भ्रमित करने का प्रयास तो नहीं किया है। यह सब जांच करने के बाद ही उस व्यक्ति को सीबीआई में अधिकारी के पद पर नियुक्त किया जाता है। इसके बाद आप भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत सीबीआई में काम कर सकते हैं।

सीबीआई क्या है – Related FAQs 

प्रश्न: सीबीआई में कैसे जाते हैं?

उत्तर: सीबीआई में जाने के लिए एसएससी, यूपीएससी, सीजीएल जैसी परीक्षा देनी होती है।

प्रश्न: सीबीआई का काम क्या होता है?

उत्तर: इसके बारे में संपूर्ण जानकारी को हमने इस लेख के माध्यम से देने का प्रयास किया है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: सीबीआई के लिए कितनी पढ़ाई चाहिए?

उत्तर: सीबीआई के लिए ग्रेजुएशन पूरी करनी होती है।

प्रश्न: सीबीआई इंस्पेक्टर की सैलरी कितनी है?

उत्तर: सीबीआई इंस्पेक्टर की सैलरी 35000 से लेकर 1.5 लाख तक हो सकती है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने सीबीआई के बारे में संपूर्ण जानकारी हासिल कर ली है आपने जाना कि सीबीआई क्या है सीबीआई की स्थापना कब की गई थी सीबीआई किसके अन्तर्गत आती है सीबीआई का मुख्यालय कहां है सीबीआई में कितने अधिकारी हैं सीबीआई को निर्देश कौन देता है इत्यादि। साथ ही हमने आपको सीबीआई में कैसे जाएं इसके बारे में भी जानकारी दी है। आशा है कि जो जानकारी लेने आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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