Hello friends, दोस्तों ईमेल का use तो आप करतेहै होंगे । यदि आप जॉब करतेहै तो इसे आप अक्सर भेजते और रिसीव करते होंगे। और अगर आप professional वर्क नहीं करते फिर भी कभी कभार ईमेल सेंड करते ही होंगे । तो आपने ईमेल में cc और bcc को भी देखा होगा। यदि आप इसका use नहीं जानते तो आज मैं आपको बताने जा रहा हूँ की इसका क्या use होता है।
दोस्तों मैं भी जब कोई मेल भेजता था तो ऐसे ही सिम्पल भेज देता था। लेकिन cc और bcc देखकर दिमाग में आता था कि ये बला क्या है। लेकिन मेल भेजने में कोई दिक्कत न होने के कारण इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया । लेकिन रोज रोज इसे देखकर इसके बारे में जानना चाहा तो मुझे जो पता चला वो मैं आपके साथ शेयर करने जा रहा हूँ।
Email में CC और BCC क्या होता है ?
दोस्तों अगर आप ईमेल हर रोज भेजते और रिसीव करते है। तो आपको Cc और Bcc के बारे में जानना बहुत जरूरी है। क्योकि इसका use करके आप ईमेल अच्छी तरह भेज सकते है और अपना समय भी बचा सकते है।
CC क्या है ?
दोस्तों जीमेल, याहू, माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक और मोजिला थंडरबर्ड सहित अधिकांश सभी ईमेल सेवा आपको इस बात की सुविधा देती है की आप एक साथ कई लोगो को ईमेल भेज सके। इसके लिए आप to,cc,bcc किसी का भी use कर सकते है । इन सब को use करने में बहुत फर्क है ।
इसके लिए आपको Cc या Bcc के बारे में जानना जरूरी है। cc का पूरा नाम होता है कार्बन कॉपी जैसा की नाम से जी पता चल रहा है। कि जब एक ही मेल को कई लोगो को भेजना होता है । तब आपको बार बार मेल लिखना पड़ता है । ऐसे में आपका समय बर्बाद होता है। लेकिन इस फीचर का use करके आप एक ही मेल को कई लोगो को एक साथ बिना समय बर्बाद किये भेज सकते है।
दोस्तों ज्यादा तर इस फीचर का use कंपनिया अपने वर्कर या कस्टमर को मेल भेजने में करती है। क्योंकि ऐसे में उन्हें एक ही मेल कई लोगो को भेजना होता है। और बार बार लिखना या कॉपी पेस्ट करने में समय ज्यादा बर्बाद हो जाता है।
इसका एक फायदा ये है कि आप जितने लोगो को cc का use करके मेल सेंड करेंगे उन सभी को पता होगा की किसको किसको मेल सेंड किया गया है। और जितने भी लोगो को मेल सेंड किया है सबको एक दुसरे का ईमेल id भी दिखाई देगा । अगर आपको समझ नहीं आया तो ये उदाहरण देखे-
यदि आप चार लोगो के पास ईमेल सेंड कर रहे है। और आप चाहते है की इसकी कॉपी सभी के पास पहुचे और चारो को पता चले की किस किस का पास ईमेल भेजी गयी है तो आप चारो के ईमेल एड्रेस CC में डाल सकते है जिस से सभी को पता चल जायेगा। की किस किस के पास ईमेल भेजी गयी है और उनके ईमेल पे और उन सबके ईमेल एड्रेस भी एक दूसरे को दिख जायेगे ।
CC और TO में क्या अंतर है ?
अब शायद आप ये सोच रहे होंगे की ये काम तो आप to का use करके भी कर सकते है । लेकिन यदि आप to का use करके मेल सेंड करते है। तो किसी को ये नहीं पता चलेगा की किस किस को मेल सेंड किया गया है ।
Bcc क्या है ?
दोस्तों BCC का पूरा नाम Blind Carbon Copy है । जब हम कई लोगो के पास ईमेल भेजते है और आप चाहते है की उनको ईमेल लिस्ट का पता न चले यानि किस किस के पास ये मेल सेंड की है ये उन्हें आपस में पता न चले । तो इसके लिए आप BCC का उपयोग कर सकते है । CC में list को reply का भी पता चलता रहता है लेकिन BCC list में reply छुप जाता है।
CC और BCC कब करे ?
cc आप तब करे जब आप कई लोगो को एक ही मेल सेंड करना चाहते हो , और साथ में उन्हें ये भी बताना चाहते हो की ये मेल आपने किस किस को सेंड किया है ।
BCC तब करे जब आप चाहते है कि जिसकों आपने Email भेजा है । उसे ये ना पता चल सके कि ये ईमेल किसी और को भी गया है और लिस्ट छुपाने के लिए आपको To या CC फिल्ड का प्रयोग करने की जगह उनके ईमेल ऐड्रेस को BCC फिल्ड में डालना होगा जिस से किसी को पता नही चलेगा की किस किस को ईमेल कॉपी की गयी है ।
तो दोस्तों ये था एक छोटा सा article। आशा करता हूँ की आपको ये article अच्छा लगेगा । और आपको मेल सेंड करने में हेल्प करेगा । यदि आपको ये पोस्ट अच्छा लगे। तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करे।
Very nice & useful post
well explained..