सीडीओ कैसे बने? पॉवर, वेतन, पात्रता, कार्य, फुल फॉर्म | CDO Kaise Bane?

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भारत एक बहुत ही बड़ा देश हैं जिसकी सीमायें उत्तर से लेकर दक्षिण व पूर्व से लेकर पश्चिम तक कई क्षेत्रों तक फैली हुई हैं। इनमे भारत के कई राज्य व केंद्र शासित प्रदेश आते हैं। हर राज्य में कई जिले होते हैं (CDO kaise banta hai) और असंख्य गाँव व ब्लॉक आते हैं। अब हर राज्य की एक राज्य सरकार होती हैं तो उन सभी का संचालन भारत के केंद्र सरकार के द्वारा किया जाता हैं।

ऐसे में हर जिले का काम भी सुचारू रूप से चलाने के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति की जाती हैं जो वहां के विकास कार्य को देखता है (CDO kaise bante hai)। उसको सीडीओ कहके संबोधित किया जाता है।

ऐसे में यदि आप भी सीडीओ कैसे बने या सीडीओ बनने के लिए क्या करना पड़ता है जैसे प्रश्नों के उत्तर जानना चाहते हैं तो आज हम आपकी इसी शंका का (Chief development officer in Hindi) समाधान करेंगे।

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सीडीओ कैसे बने? (CDO kaise bane)

सीडीओ कैसे बने या सीडीओ बनने के लिए क्या करना पड़ता है इत्यादि प्रश्नों के उत्तर जानने से पहले आपका इसके बारे में संपूर्ण रूप से जानना आवश्यक है।

यदि आप सीडीओ के कद, योग्यता, लेवल, कार्य इत्यादि के बारे में विस्तार से जान गए तो आपको सीडीओ बनने में भी देर नही लगेगी। इसलिए आइए जाने पहले सीडीओ होता क्या है।

सीडीओ कैसे बने? पॉवर, वेतन, पात्रता, कार्य, फुल फॉर्म | CDO Kaise Bane?

सीडीओ क्या होता है? (CDO kya hota hai)

आप जहाँ भी रहते हो चाहे वह कोई शहर हो, कस्बा हो या नगर हो या गाँव हो या तहसील या जनपद या कुछ और। जहाँ भी आप रहते होंगे वह क्षेत्र एक जिले के अंतर्गत आता हो होगा।

इस जिले के नाम को आप अपने घर के पते के रूप में अपने राज्य के नाम से लिखते होंगे। उदाहरण के नाम पर घर का पता, जिले का नाम, राज्य का नाम। इस तरह से भारत का हर क्षेत्र किसी ना किसी जिले के अंतर्गत आता ही है।

अब भारत सरकार व राज्य सरकार (CDO kon hota hai) के द्वारा भारत के नागरिको के विकास करवाने के लिए कई तरह की योजनाओं का संचालन किया जाता है।

इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार हर जिले में एक कलेक्टर की नियुक्ति करती हैं जो उस जिले का सर्वोच्च अधिकारी होता है। उसके पास उस जिले का अधिकारी पड़ में सर्वोच्च पड़ होता है जो जिले से संबंधित कोई भी निर्णय ले सकता है।

ठीक उसी तरह राज्य सरकार के द्वारा योजनाओं के संचालन व विकास कार्यों के क्रियान्वयन के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति की जाती हैं। यह अधिकारी ही सीडीओ हो होता हैं जिसका कार्य जीमे में हो रहे विकास कार्यों को करवाना होता है तथा अपने से नीचे अधिकारियों को आदेश देना होता है।

सीडीओ का फुल फॉर्म (CDO ka full form in Hindi)

यदि बाद सीडीओ के फुल फॉर्म की की जाए तो वह होगी चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर (Chief Development Officer). हिंदी में सीडीओ का पूरा नाम मुख्य विकास अधिकारी होता है। अब आप इसकी फुल फॉर्म से ही समझ गए होंगे कि क्यों इनके ऊपर जिले के विकास का उत्तरदायित्व होता है।

दरअसल इनके नीचे कई अधिकारी नियुक्त किये जाते हैं। सीडीओ के नीचे काम करने वाले अधिकारी की पोस्ट को बीडीओ अर्थात ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारी या ब्लॉक विकास अधिकारी होता है।

उन सभी का अध्यक्ष सीडीओ को बनाया (CDO ka matlab kya hota hai) जाता है जिसका उत्तरदायित्व उस जिले के अंतर्गत आने वाले सभी गाँव व कस्बो इत्यादि का निर्माण कार्य करवाना होता है।

सीडीओ बनने के लिए क्या करें (CDO kaise bante hai)

अब जब आपने सीडीओ के बारे में जान लिया है तो सीडीओ कैसे बने, इसके बारे में भी जानना होगा। तो सीडीओ बनने के लिए आपको पहले से ही कुछ चीज़े जान लेना आवश्यक है।

तभी आप सीडीओ बनने के लिए आवेदन दे पाएंगे अन्यथा (CDO kaise bane in Hindi) आप सीडीओ बनने से चूक सकते हैं। आइए जाने सीडीओ बनने के लिए क्या क्या चीज़े आवश्यक होती हैं।

पहले करे ग्रेजुएशन

सीडीओ बनने के लिए आयोजित करवाई जाने वाली परीक्षा में बैठने के लिए आपका पहले बारहवीं कक्षा को पास करना अनिवार्य होता है। उसके बाद आपको किसी भी विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री लें होती है फिर चाहे वह किसी भी फील्ड में हो। साथ ही यह डिग्री आप जहाँ से भी लेंगे वह एक मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी हो।

इसलिए सबसे पहले अपनी बाहरवी कक्षा को अच्छे नंबर से पास करे। उसके बाद आप किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज से ग्रेजुएशन या स्नातक की डिग्री प्राप्त करे।

इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखे कि आप अपनी स्नातक में न्यूमतम 50 प्रतिशक अंक लेकर आये। ऐसा इसलिए क्योंकि सीडीओ की परीक्षा में बैठने के लिए आपका न्यूनतम 50 प्रतिशक अंक लाना आवश्यक है।

सीडीओ बनने के लिए आयु सीमा

अब जब आपने अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त कर ली हैं तो आपका सीडीओ बनने के लिए आयु सीमा का भी पता होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि कई लोगों की स्नातक जल्दी हो जाती हैं तो वे उसी समय इसके लिए आवेदन कर देते हैं या कुछ लीग इसके लिए बहुत देर से आवेदन करते हैं।

तो आप जान ले कि सीडीओ बनने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष है जबकि अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष। हालाँकि आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए अधिकतम आयु सीमा में 2 से 5 वर्ष की छूट दी गयी है।

सीडीओ की परीक्षा कौन आयोजित करवाता है

अब जब आप सीडीओ की परीक्षा की तैयारी करेंगे तो आपको यह भी जानना होगा कि इसकी परीक्षा को कौन आयोजित करवाता है अर्थात सीडीओ की परीक्षा को केंद्र सरकार करवाती है या राज्य सरकारे।

तो आप जान ले कि सीडीओ का पद राज्य सरकार के अंतर्गत आता है और उसकी परीक्षा भी वहां की राज्य सरकार के द्वारा ही आयोजित करवाई जाती है।

सीडीओ की तैयारी कैसे करे (CDO exam preparation)

सीडीओ बनने के लिए आपका सबसे पहले तो अंग्रेजी, हिंदी व अपने राज्य की राजभाषा का आना आवश्यक होता है। हालाँकि कुछ कुछ राज्यों में हिंदी इतनी आवश्यक नही हैं लेकिन भारत के अधिकांश राज्यों में हिंदी आना भी अनिवार्य है।

चाहे वहां की राजभाषा हिंदी हो या नही। वैसे अन्य राजभाषाओं में गुजरात की गुजराती, महाराष्ट्र की मराठी, ओड़िसा की ओडिसी, मणिपुर की मणिपुरी इत्यादि।

इस तरह पहले आप भाषा में अपनी पकड़ मजबूत करे। उसके अलावा आपको अपना सामान्य ज्ञान मजबूत करना होगा। यह सामान्य ज्ञान सबसे (Chief development officer syllabus) पहले तो अपने राज्य का मजबूत करे और उसके बाद देश का।

ऐसा इसलिए क्योंकि सीडीओ की परीक्षा जिस भी राज्य में आयोजित करवाई जाती है, उस परीक्षा में उस राज्य से संबंधित ही सामान्य ज्ञान व GK के प्रश्न पूछे जाते हैं।

इसी के साथ आपका पकड़ गणित व सांख्यिकी में भी मजबूत होनी चाहिए। अन्य विषयों में रीजनिंग, भूगोल, इतिहास इत्यादि आ सकते हैं। वैसे सीडीओ ककी परीक्षा का पैटर्न पूर्ण रूप से वहां की राज्य सरकार पर निर्भर करते हैं। इसलिए आप सबसे पहले अपने राज्य की वेबसाइट पर जाकर सीडीओ का परीक्षा पैटर्न देख लीजिए।

आप चाहे तो पुराने सीडीओ के परीक्षा पेपर भी निकलवा सकते हैं। इन्हें देखकर आपको अनुमान लग जाएगा कि आपके राज्य में सीडीओ की परीक्षा में किन किन विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं। इसी के साथ आप उन परीक्षा पेपर को हल कर अपनी तैयारी को और भी मजबूत कर सकते हैं।

सीडीओ की परीक्षा देना (CDO ka exam kaise hota hai)

अब बात करते हैं कि सीडीओ बनने के लिए उसकी परीक्षा देने की। अब आपको सीडीओ बनना है तो उसकी परीक्षा तो देनी ही होगी जो वहां की राज्य सरकार के द्वारा आयोजित करवाई जाती है।

इसलिए यदि आपने सीडीओ की तैयारी अच्छे से कर ली हैं और आपकी आयु भी 21 वर्ष से अधिक हैं तो आप सीडीओ की परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।

सबसे पहले तो सीडीओ की भर्ती निकालने की सूचना जब भी आये तो उसके लिए आवेदन कर दे। इसकी सूचना आपको अपने राज्य सरकार की वेबसाइट, विभिन्न लोकल समाचार पत्र, टीवी मीडिया व अन्य माध्यमों से मिल जाएंगे। इसलिए इस पर हमेशा नज़र बनाए रखें और जैसे ही इसके लिए भर्ती निकले तो तुरंत आवेदन कर दे।

अब जब आप आवेदन कर देंगे तो सीडीओ की परीक्षा लेने के लिए तारीख की घोषणा भी कुछ ही दिनों में कर दी जाएगी। इसमें आपको आपना केंद्र, समय व तिथि तथा अन्य जानकारी लिखी होगी।

दरअसल सीडीओ की परीक्षा दो चरण में आयोजित करवाई जाती हैं। हालाँकि कई राज्य सरकारों में इसके लिए केवल एक चरण हैं। फिर उसके बाद इंटरव्यू लिया जाता है।

#1. सीडीओ परीक्षा प्रथम चरण

कई राज्यों में सीडीओ की परीक्षा के लिए प्रथम चरण का आयोजन करवाया जाता है। ऐसा उन राज्यों में ज्यादा होता है जहाँ की जनसंख्या अधिक है। ऐसे में उन्हें छात्रों की छंटनी के लिए सीडीओ की प्राथमिक परीक्षा का आयोजन करवाना पड़ता है।

ऐसे में यदि आपके राज्य में भी ऐसी परीक्षा का आयोजन करवाया जाता हैं तो उसमे आपसे सामान्य ज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी, गणित इत्यादि पर प्रश्न पूछे जाएंगे। इनके अंक 100 से लेकर 150 तक के होंगे।

#2. सीडीओ की द्वितीय चरण की परीक्षा

कई राज्यों में यह परीक्षा सीधे आयोजित करवाई जाती हैं तो किसी किसी में यह प्राथमिक चरण में सफल हुए छात्रों के लिए आयोजित करवाई जाती हैं। इस परीक्षा में भी ऊपर दिए गए विषयों में से प्रश्न पूछे जाते हैं।

हालाँकि इस परीक्षा में पूछे गए प्रश्न राज्य के अनुसार अलग अलग विषयों से संबंधित हो सकते हैं। यह परीक्षा मुख्य रूप से 200 अंकों की होती है जिसे करने के लिए एक से 2 घंटे का समय लिया जाता है।

#3. सीडीओ के लिए इंटरव्यू

यह सीडीओ की परीक्षा में सेलेक्ट होने के लिए या सीडीओ बनने के लिए अंतिम चरण होता है। जो परीक्षार्थी सीडीओ की प्रथम व द्वितीय चरण की परीक्षा में सफल हो जाते हैं उनके लिए सीडीओ का इंटरव्यू लिया जाता है। इसके बाद इसमें चुने जाने पर उन्हें सीडीओ के पद पर बिठा दिया जाता हैं।

तो इस तरह से आप किसी भी राज्य में सीडीओ बन सकते हैं और एक मान्यता प्राप्त बड़ी अधिकारी पोस्ट को प्राप्त कर सकते हैं। तो यह थे कुछ मापदंड जिनका पालन आपको करना होगा और सीडीओ बनना होगा।

सीडीओ के कार्य (CDO ke karya)

अब जब आप सीडीओ बन जाएंगे तो आपको उसके कार्य के बारे में जानना भी आवश्यक होता है। यदि आपको कद्रो के कार्यों के बारे में ही नही पता होगा तो आप उसके लिए तैयारी ही क्यों करेंगे या फिर इतनी मेहनत क्यों करेंगे।

दरअसल सीडीओ का मतलब होता है मुख्य विकास अधिकारी (Chief development officer job description)। तो इसके कार्य को इसके नाम से ही जाना जा सकता हैं। हालाँकि कड़ी के कार्य में अन्य बहुत सी चीज़े भी आती हैं जिनका जानना आज आपके लिए आवश्यक हैं। आइए जाने सीडीओ को क्या क्या क्या करना होता है।

  • सीडीओ का मुख्य कार्य अपने जिले के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक कस्बे, गाँव, तहसील, शहर के निर्माण कार्य को देखना और उनका संचालन करना होता है।
  • भारत सरकार व राज्य सरकार के द्वारा बनाई गयी जन कल्याणकारी योजनाओं को आम नागरिकों तक पहुँचाना और उनका क्रियान्वयन सुनिश्नित करना।
  • यदि जिले के निर्माण कार्य में किसी तरह का भ्रष्टाचार हो रहा हैं तो संबंधित अधिकारी या व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही करना व उसे जेल में भिजवाना।
  • जिले के विकास में हो रही अनियमितताओं का ध्यान रखना और विकास कार्यों का पूर्ण रूप से संचालन करना।
  • ब्लॉक विकास अधिकारी को निर्देश देना व उनके कार्यों की समीक्षा करना।
  • गाँव के सचिव, सहायक इत्यादि को भी निर्देश देना।
  • जिले के कलेक्टर, विधायक, सांसद को अपने द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्यों की सूची देना।

तो एक तरह से किसी जिले के विकास का जिम्मा जिस अधिकारी के पास होता है वह सीडीओ ही होता है। राजनेता केवल घोषणा करेंगे और निर्देश देंगे लेकिन उसका क्रियान्वयन का कार्य सीडीओ अधिकारी का ही होगा।

सीडीओ की सैलरी (CDO salary in India)

अब सबसे अंतिम और मुख्य बात और वह है सीडीओ की सैलरी। आपके मन में शुरू से ही यह प्रश्न उठ रहा होगा कि आखिरकार एक सीडीओ की सैलरी कितनी होती हैं। दरअसल सीडीओ की सैलरी उसके जिले व राज्य पर निर्भर करती हैं। हर राज्य के अनुसार व उसकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए वहां के अधिकारियों की सैलरी भी अलग अलग होती हैं।

सामान्यतया एक सीडीओ की सैलरी 35 हज़ार से लेकर 70 हज़ार के बीच में होती हैं। इसके अलावा उसे एक सरकारी आवास व अन्य भत्ते भी मिलते हैं। जैस कि बिजली का बिल, पानी का बिल, इंटरनेट का पैसा, मोबाइल बिल का पैसा, पेट्रोल का पैसा इत्यादि। इस तरह से एक सीडीओ महीने ला लगभग 1 लेख के आसपास तो कमा ही लेता हैं।

सीडीओ की बने – Related FAQs

प्रश्न: सीडीओ कौन होता है?

उत्तर: सीडीओ किसी भी जिले का मुख्य विकास अधिकारी होता है जिसके ऊपर उस जिले के निर्माण का उत्तरदायित्व होता है।

प्रश्न: मुख्य विकास अधिकारी को हिंदी में क्या कहते हैं?

उत्तर: मुख्य विकास अधिकारी को हिंदी में मुख्य विकास अधिकारी ही कहा जाता है जबकि अंग्रेजी में इसका नाम चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर होता है।

प्रश्न: डेवलपमेंट ऑफिसर क्या होता है?

उत्तर: डेवलपमेंट ऑफिसर का अर्थ हुआ विकास अधिकारी जो दो तरह के होते हैं एक ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर व दूसरा चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर।

प्रश्न: सीडीओ का फुल फॉर्म क्या होता है?

उत्तर: सीडीओ का फुल फॉर्म चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर अर्थात मुख्य विकास अधिकारी होता है।

तो आज आपने जाना कि (Mukhya vikas adhikari kaise bane) सीडीओ कैसे बना जाता है, वह होता कौन है, उसके कार्य क्या क्या होते है, सीडीओ बनने के लिए क्या क्या करना पड़ता है, उसके ऊपर क्या क्या उत्तरदायित्व होते है इत्यादि।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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