|| सीमेंट डीलरशिप कैसे ले? | Cement dealership in Hindi | Cement ki dealership kaise milegi | Cement ki dealership kaise le | सीमेंट की डीलरशिप क्या होती है? | Cement dealership kya hoti hai | Cement dealership market research in Hindi ||
Cement dealership in Hindi :- भारत देश में जिस एक क्षेत्र में सबसे ज्यादा पैसा है या जो काम हमेशा चलता रहता है वह है कंस्ट्रक्शन का जिसे हम भवन निर्माण भी कह देते हैं। अब यह केवल भवन के निर्माण तक ही सीमित नही होता है बल्कि जो भी चीज़ फिर से बन रही है या उसमे कुछ बदलाव हो रहा है तो उसके लिए भी सभी सामान की जरुरत होती (Cement franchise in Hindi) है। अब जैसे ही हम किसी भवन के निर्माण की बात करते है तो उसकी मजबूती सबसे पहले नंबर पर आती है। वह मजबूती उसे मिलती है सीमेंट से।
किसी भी चीज़ का निर्माण हो रहा हो, उसमे सीमेंट तो लगेगी ही लगेगी। इतना ही नहीं हमारे देश में अब कई कंपनियां खुल चुकी है जो सीमेंट का बिज़नेस कर रही (Cement ki dealership kaise milegi) है। इनके द्वारा अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए लोगों को डीलरशिप दी जाती है। इसी डीलरशिप के जरिये ही वह व्यक्ति अन्य शहर मे उसकी सीमेंट को बेचने का काम करता है।
तो यदि आप भी किसी सीमेंट कंपनी की डीलरशिप लेने का विचार कर रहे हैं तो यह बहुत ही उत्तम विचार कहा (Cement ki franchise lene ke liye kya kare) जाएगा। आज का हमारा यह लेख इसी विषय के ऊपर ही है जहाँ आपको सीमेंट डीलरशिप कैसे ले, उसके बारे में जानकारी मिलेगी। आपको यह लेख अंत तक और गहनता से पढ़ना चाहिए ताकि आपको सीमेंट डीलरशिप लेने में कोई दिक्कत ना हो।
सीमेंट डीलरशिप कैसे ले? (Cement dealership in Hindi)
चूँकि आज का हमारा यह लेख इसी विषय पर है जिसमे आप जानेंगे कि किस तरह से आप सीमेंट कंपनी की डीलरशिप ले सकते हैं। इसलिए सबसे पहले हम इसी के ऊपर ही बात करेंगे ताकि आपको यह जानने में मदद मिले कि इस लेख में आपको क्या कुछ जानने को (Cement franchise kaise le) मिलेगा। तो सीमेंट की डीलरशिप लेने के लिए आपको कई चीज़ों की व्यवस्था करनी होगी और साथ ही यह भी देखना होगा कि आपको किस कंपनी की डीलरशिप लेनी चाहिए।
यहाँ हम आपको सीमेंट की डीलरशिप लेने के लिए आवश्यक जमीन, निवेश, पात्रता, स्टाफ, वाहन, संपर्क इत्यादि सभी विषयों के बारे में जानकारी (Cement dealership kaise le) देंगे। इससे आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि किस तरह से आप सीमेंट डीलरशिप लेकर काम करना शुरू कर सकते हैं।
सीमेंट की डीलरशिप क्या होती है? (Cement dealership kya hoti hai)
सीमेंट की डीलरशिप लेने से पहले आपको इसके बिज़नेस मॉडल के बारे में समझ लेना चाहिए। इसे पढ़ कर ही आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आखिरकार यह सीमेंट की डीलरशिप लेना होता क्या है। तो इसे हम एक उदाहरण से समझाते हैं। मान लीजिए एक सीमेंट कंपनी है जिसका नाम अंबुजा है। अब यह अंबुजा सीमेंट नागपुर शहर से शुरू हुई अर्थात इस कंपनी का मुख्यालय नागपुर (Cement franchise kya hoti hai) में हैं। साथ ही इस सीमेंट कंपनी ने देश के 4-5 अलग अलग जगहों पर अपनी फैक्ट्री लगायी जहाँ पर अंबुजा सीमेंट का निर्माण किया जाता है।
अब इस अंबुजा सीमेंट को कंपनी भारत के अलग अलग जगहों तक पहुंचा तो देगी लेकिन उसके लिए काम कौन करेगा। मान लीजिए एक अन्य शहर है हरियाणा का हिसार। वहां पर अलग अलग लोगों व दुकानदारों को अलग अलग समय पर अंबुजा सीमेंट की जरुरत पड़ेगी। तो क्या अंबुजा कंपनी बार बार अपनी फैक्ट्री से इतनी दूर किश्तों में अंबुजा सीमेंट को भेजेगी? तो यह स्वाभाविक बात नहीं होती है।
इसके लिए अंबुजा कंपनी के द्वारा हिसार शहर में अपना एक डीलर बनाया जाएगा। वही डीलर ही उस पूरे हिसार शहर में अंबुजा सीमेंट को बेचने के लिए जिम्मेदार होगा। अब उस डीलर के गोदाम में अंबुजा कंपनी एक बारी में ही बहुत सारा सीमेंट पहुंचा देगी। उस डीलर को उस सीमेंट को अपने शहर की जरुरत के हिसाब से बेचना होगा और अपना कमीशन कमाना होगा। तो इस तरह से यह काम सीमेंट की डीलरशिप देने का कहा जाता है।
अब जब आप सीमेंट की डीलरशिप लेने की दिशा में आगे बढ़ने जा रहे हैं तो उसमे सबसे पहली जो चीज़ आती है वह होती है किसी एक सीमेंट कंपनी का चुनाव करना। अब भारत जैसे देश में किसी एक कंपनी का सीमेंट तो बिकता नहीं होगा। अवश्य ही इसमें कई तरह की कंपनियां है जिनके द्वारा सीमेंट का निर्माण किया जा रहा है। तो आपको इनमे से किसी एक कंपनी का चुनाव करना होगा जिसके अंतर्गत आप डीलिंग का काम करेंगे।
सीमेंट की डीलरशिप लेने में यह कदम सबसे महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इसी से ही आपकी आगे की दिशा और दशा तय होगी। आपको उसी कंपनी का चुनाव करना चाहिए जो आपके लिए तो बेस्ट हो ही बल्कि आपके शहर में भी उसकी मांग हो। इसके बारे में हम आपको नीचे बतायेंगे ताकि आपको अच्छे से समझ में आ सके।
भारत में सीमेंट कंपनियों के नाम (Cement company in India in Hindi)
ऊपर हमने आपको बताया कि आपको सीमेंट की डीलरशिप लेने के लिए उसमे किसी एक कंपनी का चुनाव करना होगा। तो अवश्य ही इसे पढ़ कर आपके दिमाग में 2 से 3 सीमेंट कंपनियों के नाम आये होंगे जिनके विज्ञापन आपने टीवी इत्यादि में देखे होंगे। तो अब केवल इन्ही सीमेंट कंपनियों का ही भारत मे काम नहीं है बल्कि कई अन्य कंपनियां भी इसी क्षेत्र में है और उनके द्वारा अच्छा खासा बिज़नेस किया जा रहा है। तो यह सीमेंट कंपनियां हैं:
- अंबुजा सीमेंट
- Ramco सीमेंट
- ACC सीमेंट
- श्री सीमेंट
- JK लक्ष्मी सीमेंट
- अल्ट्राटेक सीमेंट
- प्रिज्म सीमेंट
- JSW सीमेंट
- बिनानी सीमेंट
- डालमिया सीमेंट
- बिडला सीमेंट
- Mycem सीमेंट
- ओरिएंट सीमेंट
- विजय सीमेंट
- डेक्कन सीमेंट
- स्टार सीमेंट
- इमामी सीमेंट
- मंगलम सीमेंट
- वद्राज सीमेंट
- सागर सीमेंट इत्यादि।
इनके अलावा भी कई कंपनियां है जो भारत देश में सीमेंट का व्यापार कर रही है। उनमे से कुछ तो एक राज्य में तो कुछ एक से अधिक राज्यों में प्रसिद्ध है। एक अनुमान के अनुसार भारत देश में सीमेंट की 50 से भी अधिक छोटी बड़ी कंपनियां कार्यरत है। अब यह आपको ही देखना होगा कि आप किस कंपनी की डीलरशिप चुनते हैं।
सीमेंट डीलरशिप लेने से पहले मार्केट रिसर्च है जरुरी (Cement dealership market research in Hindi)
अभी तक का लेख पढ़ कर आपको यह समझ में आ ही गया होगा कि आखिरकार क्यों आपको सीमेंट की डीलरशिप लेने से पहले मार्केट रिसर्च कर लेनी चाहिए। दरअसल इसके पीछे कुछ कारण है जिनका जानना आपके लिए जरुरी है। अब ऊपर हमने आपको सीमेंट का व्यापार करने वाली कई कंपनियों के नाम बताये और कुछ ऐसी भी कंपनियां है जिनके नाम हमने सूची में नही लिखे। तो इसका अर्थ यह नहीं कि उन कंपनियों की डीलरशिप नहीं ली जा सकती है।
दरअसल यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि यदि आपको सीमेंट कंपनी की डीलरशिप लेनी है तो उसके लिए आपको अपने शहर की स्थिति और लोगों की मांग को ध्यान में रखना चाहिए। अब किसी राज्य के किसी शहर में कोई सीमेंट ज्यादा मांग में रहती है तो कहीं किसी अन्य कंपनी की सीमेंट। इसलिए यदि आपको सीमेंट की डीलरशिप लेनी है तो उससे पहले यह छोटा सा काम कर लेंगे तो बहुत सही रहेगा।
सीमेंट की डीलरशिप लेने का बिज़नेस प्लान बनाना (Cement dealership business plan in Hindi)
अब जब आपने यह सोच लिया है कि आप किस कंपनी की डीलरशिप लेने जा रहे हैं और उसके तहत अपने शहर में उसका ऑफिस खोलना चाहते हैं तो अब बारी आती है उसके लिए एक बिज़नेस प्लान को बनाए जाने की। चाहे आपको सीमेंट की डीलरशिप लेनी हो या किसी अन्य कंपनी की, यदि आप उसमे बिना बिज़नेस प्लान के आगे बढ़ेंगे तो अवश्य ही आपका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।
इसलिए यह बहुत ही आवश्यक हो जाता है कि आप एक प्रॉपर प्लानिंग के तहत ही आगे बढ़े। इसके लिए बिज़नेस प्लान बनाने की जरुरत होती है जिसमे आप यह सब लिखेंगे कि आप कब और क्या करने वाले हैं, जमीन कहां अधिग्रहित होगी, काम कैसे होगा, पैसा कहां से आएगा इत्यादि। इन सभी को प्लान करके आगे बढ़ने पर आपका भी फायदा होगा।
सीमेंट की डीलरशिप लेने के लिए ऑफिस की व्यवस्था (Cement dealership office management in Hindi)
सीमेंट की डीलरशिप लेनी है तो उसके लिए आपको एक ऑफिस भी खोलना होगा। इसी ऑफिस में बैठ कर ही तो आप डीलिंग इत्यादि का काम कर रहे होंगे। इसी के साथ जिस भी सीमेंट की डीलरशिप आप लेंगे, उस कंपनी के द्वारा प्रोफेशनल डिग्री लिए हुए कुछ लोगों को आपके यहाँ काम करने के लिए भेजा जाएगा। यही लोग आपके शहर में सीमेंट की डीलिंग करने का काम करेंगे और आपको और कंपनी को लाभ पहुंचाएंगे।
इसके अलावा एकाउंट्स, फाइल मैनेजमेंट इत्यादि का काम करने के लिए भी लोगों को रखना होगा। तो इन सभी को एक ऑफिस चाहिए होगा जहाँ बैठ कर वे सीमेंट कंपनी का काम कर रहे होंगे। इसलिए आपको एक बड़े आकार का ऑफिस खोलना होगा जहाँ सीमेंट की डीलिंग से जुड़ा हुआ काम हो सके। इसका आकार 500 वर्ग फुट से लेकर 2 हज़ार वर्ग फुट तक का हो सकता है।
सीमेंट की डीलरशिप लेने के लिए गोदाम की व्यवस्था करना (Cement dealership land required in Hindi)
ऊपर आपने यह भी जाना कि यदि आपको सीमेंट की डीलरशिप लेनी है तो उसके लिए वह सीमेंट कंपनी उस एरिया के लिए आपको ही वह सारा माल भेजेगी। अब यह माल बड़े बड़े ट्रक में भर कर और वो भी बहुत सारा भेजा जाएगा। इसी माल को ही आप अपने शहर में बेच कर उसके जरिये कमीशन कमा पाएंगे। तो अब उस माल को रखने के लिए गोदाम की व्यवस्था भी तो आपको ही करनी होगी ना।
सामान्य तौर पर सीमेंट कंपनी के गोदाम का आकार न्यूनतम 1500 वर्ग फुट का होता है जो अधिकतम कितना भी हो सकता है। इसलिए यदि आपको सीमेंट की डीलरशिप लेनी है तो आपको कम से कम इतनी जगह के गोदाम की व्यवस्था तो करके रखनी होगी।
सीमेंट कंपनी के नियम व पात्रता मापदंड जाने (Cement dealership terms and conditions in Hindi)
आपने जिस भी सीमेंट कंपनी के साथ काम करने का निर्णय लिया है, आपको उसकी वेबसाइट पर जाकर डीलर्स बनाने से संबंधित नियम पढने (Cement franchise eligibility criteria in Hindi) होंगे। यह नियम हर सीमेंट कंपनी के लिए भिन्न भिन्न हो सकते हैं फिर भी इनके अंदर अधिकतर समानता ही देखने को मिलेगी। कहने का अर्थ यह हुआ कि इनके बीच मामूली अंतर होगा लेकिन फिर भी आपको इन्हें ध्यान से पढ़ लेना चाहिए ताकि आगे चल कर कोई दिक्कत ना होने पाए।
सीमेंट की डीलरशिप लेने के लिए निवेश (Cement dealership investment in Hindi)
यह सबसे जरुरी चीज़ होती है और हर व्यक्ति को भी इसी के बारे में ही प्रमुख तौर पर जानना होता है। तो यहाँ हम आपको बता दे कि सीमेंट की डीलरशिप लेने के लिए जो भी जमीन, ऑफिस या गोदाम का खर्चा आएगा, वह तो आपको अपने स्तर पर देखना होगा। वह इसलिए क्योंकि यह शहर दर शहर और वहां की जगह के अनुसार अलग अलग होता (Cement dealership cost) है। अब एक ही शहर में एक ही आकार की जमीन का भाव एक जगह अलग होता है और दूसरी जगह अलग।
हालाँकि जमीन और उस पर खड़े होने वाले भवन के खर्चे को छोड़ दिया जाए तो बारी आती है सीमेंट की डीलरशिप लेने के लिए लगने वाले अन्य खर्चे (Cement franchise cost) की। तो इसमें कई तरह की चीज़े आ जाती है जैसे कि सीमेंट डीलरशिप लेने के लिए सिक्योरिटी फीस, ब्रांड फीस, सामान का खर्चा, स्टाफ, वाहन इंटीरियर का खर्चा इत्यादि। तो इन सब कामो में आपका 30 से 70 लाख रुपए का खर्चा आ ही जाएगा।
सीमेंट की डीलरशिप लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज (Cement dealership documents required in Hindi)
सीमेंट की डीलरशिप लेने के लिए आपको अपनी ओर से सभी आवश्यक दस्तावेज भी उन्हें सौंपने होंगे। एक तरह से कहा जाए तो कोई भी सीमेंट कंपनी आपके बारे में बिना जांच पड़ताल किये हुए अपनी डीलरशिप नहीं (Cement franchise documents required in Hindi) देगी। इसके लिए वे आपके सभी तरह के दस्तावेज देखेंगी और उसके बाद ही आपको कंपनी का काम दिया जाएगा। तो आपको अपनी पहचान से जुड़े सभी तरह के दस्तावेज उन्हें दिखाने होंगे।
इसी के साथ आपको अपनी आर्थिक जानकारी भी उनके सामने रखनी होगी। उदाहरण के तौर पर आप महीने का या वर्ष का कितना तक कमा लेते हैं, आपका पहले का या अभी का क्या काम है, आप कितना तक टैक्स भरते है इत्यादि। इन सभी के अलावा, आप जहाँ पर सीमेंट की डीलरशिप लेने का सोच रहे हैं, उस जमीन के सभी तरह के कागजात भी उन्हें दिखाने होंगे। इसके बाद ही सीमेंट की डीलरशिप लेने की प्रक्रिया आगे बढ़ पायेगी।
सीमेंट की डीलरशिप लेने के लिए आवेदन करना (Cement dealership registration process in Hindi)
हर सीमेंट कंपनी की अपनी एक वेबसाइट होगी और उस वेबसाइट पर उनसे संपर्क करने की जानकारी दी गयी होगी। यहाँ पर आपको उस सीमेंट कंपनी का आधिकारिक पता, कार्यालय पता, फोन नंबर, हेल्पलाइन नंबर व ईमेल आईडी दी हुई होगी। किसी किसी कंपनी ने तो अपनी डीलरशिप देने के लिए अलग से होने वाले नंबर या ईमेल आईडी जारी की हुई (Cement dealership application details in Hindi) होगी। तो आपको उस पर फोन कर या मेल कर सीमेंट की डीलरशिप लेने के लिए आवेदन करना होगा।
वहीं आज के ज़माने को देखते हुए कई सीमेंट कंपनियों के द्वारा ऑनलाइन फॉर्म भी दिया हुआ होगा। यह ऑनलाइन फॉर्म सीमेंट की डीलरशिप लेने के लिए आवेदन फॉर्म ही होगा जिसे आपको ऑनलाइन ही भरना होगा। तो आप इस फॉर्म में पूछी गयी जानकारी को सावधानी से भर दे और फिर उसे सबमिट कर दे। उसके बाद आपका आवेदन उस सीमेंट कंपनी के अधिकारियों को मिल जाएगा और वे आगे की प्रक्रिया के बारे में आपको सूचित कर देंगे।
तो इस तरह से आप किसी भी सीमेंट कंपनी की डीलरशिप लेने का सोच रहे हैं तो उसके लिए आपको इसी आवेदन प्रक्रिया का पालन करना होगा। आपके द्वारा आवेदन कर देने के पश्चात यह पूर्ण रूप से उस सीमेंट कंपनी के अधिकारियों पर निर्भर करेगा कि आपके साथ बातचीत को आगे बढ़ाया जाना चाहिए या नही। यदि बात आगे बढ़ती है तो अवश्य ही आपको सीमेंट की डीलरशिप दे दी जाएगी।
सीमेंट की डीलरशिप लेने के बाद स्टाफ को रखना (Cement dealership staff required in Hindi)
अब जब आपको सीमेंट की डीलरशिप मिल जाती है तो आपको काम करने के लिए लोगों को रखना होगा। इसमें से जो प्रोफेशनल काम होगा अर्थात आपके शहर में डीलिंग से जुड़ा काम तो उसके लिए सीमेंट कंपनी प्रोफेशनल डिग्री लिए हुए लोगों को भेज देगी। किंतु इसके अलावा भी बहुत काम होता है जो सीमेंट की डीलरशिप लेने के बाद करना होगा। इनमे एकाउंट्स का काम, फाइल देखने का काम, प्रोफेशनल लोगों की सहायता करने वाले लोग, माल डिलीवर करने वाले, माल को लोड अनलोड करने वाले इत्यादि।
तो इन सब काम को करने के लिए आपको तरह तरह के लोगों को अपने यहाँ रखना होगा। इनमे से कोई ऑफिस में बैठेगा तो कोई गोदाम में तो कोई माल को डिलीवर करने का काम करेगा। स्टाफ को चुनते समय इस बात का ध्यान रखे कि यह एकदम ध्यान से किया जाए और कर्मठ लोगों को ही काम पर रखा जाए।
सीमेंट की डीलरशिप लेने के बाद वाहन की व्यवस्था (Cement dealership vehicle management in Hindi)
अब सीमेंट कंपनी तो अपनी फैक्ट्री से आपके गोदाम तक माल को पहुंचा देगी लेकिन उसके बाद उस माल को अपने शहर में मिले ऑर्डर के अनुसार जगह जगह तक पहुँचाना आपका ही काम होगा। तो उसके लिए आपको बड़े वाहनों की जरुरत पड़ेगी जिसकी सहायता से आप माल को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचा पाएंगे।
तो उसके लिए आपको वैन, ट्रक, टेम्पो इत्यादि कई वाहनों की व्यवस्था करनी होगी। इन्हीं वाहनों की सहायता से ही आप अपने यहाँ के अन्य छोटे डीलर्स, दुकानदारों, लोगों तक उस सीमेंट को पहुँचा पाएंगे।
सीमेंट की डीलरशिप लेने के बाद काम शुरू करना (Cement dealership ka kaam)
अंत में आपको सीमेंट की डीलिंग का काम अपने शहर में शुरू करना होगा। तो इसमें मुख्य तौर पर तो सीमेंट कंपनी और उसके द्वारा भेजे गए प्रोफेशनल लोग ही आपकी सहायता करेंगे लेकिन आपको भी अपनी ओर से परिश्रम करना होगा। यदि आप चाहते हैं कि आपकी ज्यादा से ज्यादा कमाई हो तो मेहनत भी उसी तरह ही करनी होगी। इसके लिए आप डिग्री धारक लोगों को उनके महीने का टारगेट दे और उसे समय पर पूरा करने को कहे।
साथ ही जो स्टाफ आपने रखा है, उस पर भी दिन का या महीने का टारगेट रखे और उसी के अनुसार उन्हें काम करने को कहे। एक तरह से आपको अपने अंतर्गत काम करने वाले स्टाफ को मैनेज करना होगा और उन्हें काम देते रहना होगा। इसी से ही आपका बिज़नेस तेज गति से आगे बढ़ेगा और आपकी उन्नति होगी।
सीमेंट की डीलरशिप कैसे ले – Related FAQs
प्रश्न: सीमेंट डीलरशिप में लाभ मार्जिन क्या है?
उत्तर: सीमेंट डीलरशिप में लाभ मार्जिन 5 से 15 प्रतिशत का होता है।
प्रश्न: सीमेंट की दुकान खोलने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर: सीमेंट की दुकान खोलने के लिए जो कुछ करना होता है, उसके बारे में हमने आपको इस लेख के माध्यम से बताया है।
प्रश्न: भारत का सबसे महंगा सीमेंट कौन सा है?
उत्तर: भारत का सबसे महंगा सीमेंट अल्ट्राटेक व अंबुजा सीमेंट है।
प्रश्न: सीमेंट में कितना मार्जिन है?
उत्तर: सीमेंट में 5 से 15 प्रतिशत तक का मार्जिन होता है।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि सीमेंट की डीलरशिप लेने के लिए किन किन चीज़ों की व्यवस्था करनी पड़ती है, किन किन बातों का ध्यान रखना पड़ता है और यदि वह मिल जाती है तो उसके बाद क्या कुछ करना होता है इत्यादि।