छठ पूजा क्या है? छठ क्यों मनाते हैं? छठ पूजा की शुभकामनाएं कैसे दें?

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हमारे देश भारत में नवरात्र शुरू होते ही त्योहारों का मौसम शुरू हो जाता है। इसके बाद एक के बाद त्योहार आते हैं। पहले दशहरा, फिर दिवाली, फिर भैयादूज, इसके बाद छठ आदि। छठ एक ऐसा त्योहार है, जिसकी हमारे देश में बहुत धूम रहती है। इसे मनाने के लिए लोग दूर दराज से मुसीबत झेलते हुए भी अपने गांव, शहरों की ओर लौटते हैं।

इस पर्व पर लोगों की सुविधाओं के लिए रेलवे की अेार से भी विशेष ट्रेनें चलाई जाती हैं। छठ पूजा क्या है? छठ क्यों मनाते हैं? जैसे सवालों के जवाब आज आपको हम इस पोस्ट में देंगे। इसके साथ ही हम आपको बताएंगे कि हिंदी में छठ पूजा की शुभकामनाएं कैसे दें। आइए, शुरू करते हैं-

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छठ पूजा क्या है? (What is chath Pooja?)

दोस्तों, सबसे पहले हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि छठ पूजा क्या है? (What is chath Pooja?) आपको जानकारी दे दें कि छठ का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। इसीलिए इसे छठ का पर्व कहा जाता है। यह व्रत मूलतः संतान के लिए रखा जाता है। छठ पूजा के रोज भगवान सूर्य एवं षष्ठी मैया का पूजन होता है।

इसलिए इसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इसके साथ ही भगवान शिव (lord shiva) यानी भोलेनाथ के पूजन का भी प्रावधान है। कहा जाता है कि इस व्रत के प्रताप से संतान सुख मिलता है। संतान सुखी रहती है एवं उसे दीर्घायु की प्राप्ति होती है।

छठ पूजा क्या है? छठ क्यों मनाते हैं? छठ पूजा की शुभकामनाएं कैसे दें?

छठ की क्या कथा है? (What is the story of chath?)

बहुत से लोग छठ का पौराणिक महत्व (importance) भी स्वीकारते हैं। हमारी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार षष्ठी यानी छठ मैया भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री एवं सूर्यदेव की बहन हैं। कहा जाता है कि ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना करने के लिए स्वयं को दो हिस्सों में विभक्त कर दिया। उनके दाहिने भाग में पुरूष एवं बांए हिस्से में प्रकृति का रूप विराजमान था। सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति (nature) देवी का एक अंश देवसेना (devsena) के नाम से भी पुकारा जाता है। प्रकृति का छठा अंश होने की वजह से इनका एक प्रचलित नाम षष्ठी भी है।

मित्रों, छठ से जुड़ी एक कथा भी कही जाती है। बताया जाता है कि राजा प्रियंवद की लंबे समय से कोई संतान नहीं थी। उन्हें पुत्र प्राप्ति के हेतु महर्षि कश्यप ने यज्ञ कराया। उन्होंने प्रियंवद की पत्नी मालिनी को आहुति के लिए बनी खाने को कहा। इसके बाद उन्हें पुत्र प्राप्त हुआ, लेकिन वह मृत था। प्रियंवद पुत्र लेकर श्मशान गए एवं वहां वे पुत्र वियोग में स्वयं भी प्राण त्यागने लगे, लेकिन तभी भगवान की मानस पुत्री देवसेना प्रकट हुईं। उन्होंने राजा से उनकी पूजा करने को कहा।

अन्य लोगों को भी इस पूजा के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया। बताया जाता है कि राजा प्रियंवद ने पुत्र इच्छा से देवी का व्रत किया। उन्होंने यह पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को की थी। उसी समय से षष्ठी को छठ पर्व का यह त्योहार मनाया जाता है।

छठ पूजा की क्या खासियत है? (What is the speciality of chath Pooja?)

छठ पर्व पर किए जाने वाले इस व्रत की खासियत यह है कि इसमें व्रती महिलाएं 36 घंटे तक निर्जल रहती हैं। मूलतः संतान की कामना एवं संतान के सुखी, स्वस्थ रहने की कामना से जुड़े इस व्रत के चार चरण होते हैं। इनका क्रम इस प्रकार से है-

1. पहला दिन : नहाय खाय

दोस्तों, आपको बता दें कि यह छठ पूजा (chath Pooja) का शुरूआती दिन होता है। इसे नहाय खाय के नाम से भी पुकारा जाता है। इन दिन व्रत करने से पहले केवल एक ही बार खाने का प्रावधान है। इसके पश्चात नदी में स्नान करना होता है।

2. दूसरा दिन : खरना

यह छठ पूजा का दूसरा दिन है। इसे खरना भी कहते हैं। इस दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक महिलाएं व्रत करती हैं। शाम को सूर्यास्त के पश्चात व्रत को खोलना होता है। इसके पश्चात भोजन तैयार किया जाता है। सूर्य को व्रत का भोग अर्पित किया जाता है।

3. तीसरा दिन : संध्या अर्घ्य

इस छठ व्रत का तीसरा दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस अवसर पर शाम के वक्त भगवान सूर्य को यानी डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। इसके लिए बांस की टोकरी में फल, ठेकुआ, चावल के लडडू इत्यादि रख अर्घ्य का सूप सजाया जाता है। इसके पश्चात व्रती महिलाएं परिवार समेत सूर्य को अर्घ्य देती है।

4. चौथा दिन : उषा अर्घ्य

दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं वे जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह अर्घ्य उगते हुए सूरज (rising sun) को दिया जाता है। इसलिए इसे उषा अर्घ्य पुकारा जाता है। यह अर्घ्य 36 घंटे के पश्चात दिया जाता है। इसके साथ ही छठ का व्रत संपन्न हो जाता है।

इस बार छठ पूजा कब है? (When chath Pooja will be celebrated this year?)

मित्रों, जानकारी दे दें कि इस वर्ष छठ पूजा/पर्व 28 अक्तूबर, 2024 से शुरू होगा, इसका समापन तीन दिन के पश्चात 31 अक्तूबर, 2024 को होगा। यह पर्व मनाने के लिए खास तौर पर बिहार (Bihar) एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश (East uttar pradesh) के लोग बहुत पहले से से ही अवकाश की योजना बनाने लग जाते हैं और समूहों में अपने पैतृक गांव, शहरों में पहुंचते हैं।

अच्छी बात यह है कि इस व्रत के सहारे स्थानीय बाजारों में भी रौनक रहती है। बेशक महंगाई पहले से कई गुना बढ़ी है, लेकिन त्योहार के वक्त उसका बहुत असर लोगों की खरीदारी पर देखने को नहीं मिल रहा है। वे दिल खोलकर पर्वों की खरीदारी कर रहे हैं।

यह व्रत सबसे अधिक कहां मनाया जाता है? (Where this festival is celebrated most?)

इस व्रत को सर्वाधिक बिहार (Bihar), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), झारखंड (Jharkhand) एवं पश्चिमी बंगाल (West Bengal) के साथ ही नेपाल (Nepal) में भी मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त जहां जहां भी बिहार एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग पहुंचे हैं, वहां वे इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। विभिन्न राज्यों की सरकारें इस पर्व को देखते हुए विशेष इंतजाम भी करती हैं।

जैसे भारत की राजधानी दिल्ली को ही ले लीजिए। वहां यमुना के घाटों को विशेष रूप से साफ कराया जाता है। अन्य सभी राज्यों में भी इसी प्रकार के इंतजाम किए जाते हैं। नदी, तालाबों के किनारे, छठ मैया के गीत सुनते हुए आतिशबाजी के बीच इस पर्व का धूमधाम के साथ समापन होता है।

कौन से छठ गीत बहुत प्रसिद्ध हुए हैं? (Which chath songs are very popular?)

मित्रों, यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि छठ व्रत के दौरान छठ गीत भी छाए रहते हैं। अब आपको बताते हैं कि वे कौन से गीत हैं, जो बेहद प्रसिद्ध हुए हैं। दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) बेहद प्रसिद्ध भोजपुरी गायिका (bhojpuri singer) हुई हैं, जिनके छठ गीत (chath songs) बेहद मशहूर (very famous) हैं।

इसके अलावा प्रमोद प्रेमी यादव (pramod premi yadav), महिमा महान (mahima mahan), पवन सिंह (Pawan Singh), खेसारी लाल (khesari lal), अनु दुबे (Anu Dubey) आदि प्रसिद्ध भोजपुरी सिंगर हैं। विशेषकर साधना सिन्हा की बात करें तो उनके हे छठी मैया…, मरबो जे सुगवा धनुख से… जैसे छठ गीत बहुत मशहूर हुए हैं। अब आपको शारदा सिन्हा के गाए कुछ अन्य गीतों से रूबरू कराते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-

‘सोना सटकुनिया हो दीनानाथ…’ गीत को शारदा सिन्हा ने छठ पर प्रातः अर्घ्य के लिए सूर्यदेव हेतु गाया है। इसमें उनसे प्रार्थना है कि जिस प्रकार अन्य दिन उगते हैं, उसी प्रकार छठ के प्रातः कालीन अर्घ्य के दिन आएंगे।

‘केलवा के पात पर उगे लन सूरजदेव…’ गीत में मशहूर गायिका शारदा सिन्हा ने खरना कर रहीं महिलाओं पर प्रकाश डाला है। यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि यह छठ व्रत का दूसरा दिन है।

‘बांझी केवड़वा धइले ठाढ़…’ गीत के माध्यम से शारदा सिन्हा ने स्त्रियों की संतान कामना को सुरों में पिरोया है। यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि इस व्रत पर निसंतान स्त्रियां संतान कामना एवं परिवार की सुख समृद्धि की कमना करती हैं।
इसी प्रकार से अन्य तमाम गायक, गायािकाओं के गाए छठ गीतों के इस रोज धूम रहती है। इनमें भोजपुरी गायक, गायािकाओं की संख्या अधिसंख्य है।

हिंदी में छठ की शुभकामनाएं कैसे दें? (How to convey chath wishes in hindi?)

अब बारी आती है शुभकामनाओं की। जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि छठ एक त्योहार है तो इस मौके पर भी लोग उसी प्रकार अपने मित्रों, परिजनों को शुभकामनाएं भेजते हैं, जिस प्रकार वे होली, दिवाली पर अपनी शुभकामनाओं से उनके मैसेज बाक्स को भर देते हैं। कुछ शुभकामना संदेश हम आपके लिए भी चुनकर लाए हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-

1. छठ मैया आपको सुख सौभाग्य प्रदान करें
छठ मैया आपके सभी कष्टों को हरें
आपके जीवन में न आए कोई अवरोध
छठ मैया आपके सभी सपनों को साकार करें।
(Happy Chath)

2. ठेकुआ, खीर अनानास
नींबू और कद्रू
खूब बढ़ेगा प्यार जब
घर घर बंटेंगे चावल के लड्डू।
(Happy Chath Pooja)

3. सदा दूर रहे गम की परछाईं
आप को न मिले कभी रुसवाई
आपका हर सपना पूरा हो
देते हैं ये अपने दिल से दुआएं।
(छठ की शुभकामनाएं)

4. हर किसी दिल में हो प्यार
हर किसी से मिले खुशी का उपहार
जिंदगी में रहे बहार ही बहार
आपको मुबारक हो छठ का त्योहार।
( छठ पर्व आपको शुभ हो)

5. आपके जीवन में भरें हर पल खुशियों के रंग
आप यूं ही करते रहें रहें धूम और हुड़दंग
जीवन में बरसते रहे अपनों का प्यार
बहुत शुभ हो आपको छठ का त्योहार।
(Happy Chath)

6. आया है खुशियों का त्योहार
सूर्यदेव से जगमग है संसार
धन, धान और संतान
सदा बनी रहे आपकी शान।
(Wish you a Happy chath)

7. छठ मैया आपको लंबी उम्र प्रदान करें
आपको धन धान्य एवं समृद्धि का वरदान दें।
(छठ आपको बहुत शुभ हो)

7. नदियों के घाटों पर रौनक
लगी, आई सूरज की लाली
छठ मैया आपको प्रदान करें
जिंदगी खुशियों वाली।
(छठ की अनंत शुभकामनाएं)

8. छठ का त्योहार है
जीवन में बहार है
आप पर भी बरसे खुशियों की बारिश
हमारी यही पुकार है।
(छर्व की अनेकों शुभकामनाएं)

9. खुशियों से जिंदगी गुलजार रहे
आप संग सदा अपनों का प्यार रहे
जीवन में न आए कोई मुश्किल, बाधा
साथ सदा छठ मैया का आशीर्वाद रहे।
(Very happy Chath to you.)

10. बरसे सदा खुशियों की बरखा
रहे हरेक दिन आपका हरसा
दूर रहें आपसे सदा बलाएं
आपको छठ की अनंत शुभकामनाएं।

छठ का पर्व कब मनाया जाता है?

छठ का पर्व कार्तिक मास की शुक्लपक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। इसीलिए इसे छठ पर्व पुकारा जाता है।

छठ पर्व पर व्रत का क्या उद्देश्य है?

छठ पर्व पर संतान की प्राप्ति एवं संतान की सुख समृद्धि के लिए विशेष रूप से व्रत किया जाता है।

इस वर्ष छठ का त्योहार कब से कब तक है?

इस वर्ष छठ का त्योहार 28 अक्तूबर, 2024 से शुरू होकर 31 अक्तूबर, 2024 तक चलेगा।

छठ कितने चरणों में मनाया जाता है?

छठ पर्व चार चरणों में मनाया जाता है। नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य एवं उषा अर्घ्य।

छठ व्रत की खासियत क्या है?

छठ व्रत की खासियत है कि यह व्रत 36 घंटे का निर्जला व्रत है।

छठ व्रत की कथा क्या है?

हमने आपको ऊपर पोस्ट में छठ व्रत की कथा बताई है। आप वहां से देख सकते हैं।

षष्ठी मैया को किसकी मानस पुत्री माना जाता है?

षष्ठी मैया को भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री माना जाता है।

छठ पर्व पर विशेष रूप से किसकी आराधना की जाती है?

छठ पर्व पर विशेष रूप से भगवान सूर्यदेव की आराधना की जाती है।

छठ पर किस भोजपुरी गायिका के गीत सर्वाधिक प्रसिद्ध हैं?

छठ पर्व पर भोजपुरी गायिका शारदा सिन्हा के गीत सर्वाधिक प्रसिद्ध हैं।

छठ पर्व देश में किन राज्यों में मनाया जाता है?

छठ पर्व हमारे देश में खास तौर पर बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है।

दोस्तों, हमने आपको छठ पूजा क्या है? इसे क्यों मनाते हैं? हिंदी में छठ की शुभकामनाएं कैसे दें? बिंदुओं पर विशेष जानकारी दी। यदि आप भी यह व्रत करते हैं तो ईश्वर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें। आपको यह पोस्ट कैसी लगी? नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट करके हमें बताना न भूलें। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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