चेक बाउंस होने पर बैंक द्वारा कितनी पेनल्टी लगती है? | (How much penalty is imposed by the banks in case of cheque bounce? | चेक क्या होता है? | What is a cheque? | सबसे सुरक्षित चेक कौन सा माना जाता है? | Which cheque is considered safest? | भारत में किस धारा के तहत चेक बाउंस को अपराध माना गया है? | Under which section in india cheque bounce is Crime? ||
इन दिनों बेशक डिजिटल लेन देन (digital transaction) को हर कोई प्राथमिकता दे रहा है। सरकार भी डिजिटल मुद्रा को प्राथमिकता दे रही है। इसके बावजूद कई लोग बड़ी राशि का भुगतान (payment) चेक (cheque) के माध्यम से ही करना पसंद करते हैं। कई बार यह भी होता है कि भुगतान करने के लिए आवश्यक राशि चेक जारी करने वाले के एकाउंट में नहीं होती और चेक बाउंस हो जाता है।
ऐसे में बैंक अपनी ओर से कुछ राशि बतौर फाइन/पेनल्टी (fine/penalty) आपके खाते से काट लेते हैं। चेक बाउंस होने पर बैंक कितनी पेनल्टी लगाते हैं? आज हम इस पोस्ट में आपको इसी संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। इस पोस्ट में आज आप जिन विषयों पर जानकारी प्राप्त करेंगे, उनमें शामिल हैं-चेक बाउंस क्या होता है? चेक बाउंस कब होता है? विभिन्न बैंकों में चेक बाउंस होने पर कितनी पेनल्टी है? आदि। आइए, शुरू करते हैं-
चेक क्या होता है? (What is a cheque?)
मित्रों, आज हम चेक बाउंस की बात कर रहे हैं तो पहले आपको यह समझाते हैं कि चेक क्या होता है? (What is a cheque?) साथियों, चेक मूल रूप से भुगतान यानी पेमेंट का एक उपकरण (tool/instrument) है, जिसे बैंक द्वारा एकाउंट होल्डर (account holder) को दिया जाता है। इसके जरिए ग्राहक किसी अन्य व्यक्ति को अपने एकाउंट से कैश यानी नगद न देकर भी भुगतान कर सकता है।
चेक बाउंस क्या होता है? (What is cheque bounce?)
साथियों, अब जान लेते हैं कि चेक बाउंस क्या होता है? (What is cheque bounce?)। चेक का अर्थ हम आपको बता ही चुके हैं दोस्तों। बाउंस (bounce) का अर्थ होता है लौटना (return)। जब चेक बिना भुगतान के लौट आता है तो उसे चेक बाउंस (cheque bounce) की संज्ञा दी जाती है। कई लोग इसे चेक डिसॉनर (cheque disowner) होना भी पुकारते हैं।
चेक बाउंस कब होता है? (When cheque bounce happens?)
चेक बाउंस का अर्थ तो हमने आपको बता दिया। अब आप सोच रहे होंगे कि चेक बाउंस कब होता है? वे कौन सी परिस्थितियां हैं, जिनमें चेक से भुगतान होने के बजाय वह बाउंस/रिजेक्ट (bounce/reject) हो जाता है। ऐसा इन स्थितियों में होता है-
- यदि चेक कटा-फटा हो।
- यदि चेक पर लिखा नंबर आपके एकाउंट नंबर से मेल न खाता हो।
- यदि भुगतानकर्ता के बैंक खाते में पर्याप्त पैसे न हों।
- यदि शब्दों एवं अंकों में लिखी राशि समान न हो।
- यदि चेक पर किए गए हस्ताक्षर एकाउंट में दिए गए हस्ताक्षर से मेल न खाते हों।
- यदि चेक पर दी गई डिटेल्स (details) में ओवरराइटिंग (overwriting) हो।
- यदि चेक जारी करने वाला का एकाउंट निष्क्रिय (inactive) हो।
- यदि चेक की टाइम लिमिट (time limit) समाप्त हो गई हो।
- यदि चेक जारी करने वाले की मौत (death) हो गई हो।
- यदि चेक जारी करने वाला पागल हो गया हो।
- यदि चेक के जाली (fake) होने का संदेह हो।
चेक बाउंस होने पर बैंकों द्वारा कितनी पेनल्टी लगाई जाती है? (How much penalty is imposed by the banks in case of cheque bounce?)
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि विभिन्न बैंकों द्वारा चेक बाउंस हो जाने की स्थिति में लगाई जाने वाली पेनल्टी (penalty) की राशि अलग-अलग है। यहां हम आपको कुछ प्रमुख बैंकों (main banks) द्वारा चेक बाउंस (cheque bounce) की स्थिति में लगाई जाने वाली पेनल्टी के संबंध में जानकारी दे रहे हैं-
1. एसबीआई (SBI):
इस बैंक का पूरा नाम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) यानी भारतीय स्टेट बैंक है। यह सार्वजनिक क्षेत्र (public sector) का एक बड़ा बैंक है। यदि आपके बैंक खाते में कम राशि की वजह से चेक रिटर्न हुआ है तो पर्सनल बैंकर (personal banker) एवं ट्रांजेक्शन बैंकिंग यूनिट के लिए 500 रुपए+ जीएसटी (GST) चार्ज रखा गया है। यदि मामला एसएमई (SME) ग्राहकों से जुड़ा है तो एक साल में पहले तीन चेक रिटर्न होने पर 500 रुपए+ जीएसटी (GST) भरना होगा।
वहीं, यदि एक साल में चौथा चेक रिटर्न हुआ तो इसके बाद से चार्ज बढ़ाकर 1000 रुपए +जीएसटी प्रति चेक वसूला जाएगा। दोस्तों, यह भी जान लीजिए कि यदि किसी तकनीकी खराबी (technical fault) की वजह से चेक रिटर्न हो रहा है तो बैंक प्रत्येक प्रकार के ग्राहक से 150 रुपए + जीएसटी वसूलेगा। लेकिन यदि इसमें कस्टमर की कोई गलती नहीं तो उससे किसी भी प्रकार का कोई चार्ज नहीं वसूला जाएगा।
2. पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank)
मित्रों, इस बैंक को शार्ट में पीएनबी (PNB) भी पुकारा जाता है। आपको पहले ही बता दें कि यदि किसी तकनीकी खराबी की वजह से चेक बाउंस हुआ है तो ग्राहक से किसी प्रकार का कोई चार्ज नहीं वसूला जाएगा। लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो उसे यह चार्ज देने होंगे-
* लोकल रिटर्निंग चार्जेज (local returning charges)
बैंक की ग्रामीण शाखाओं (rural branches) के व्यक्तिगत ग्राहकों, वरिष्ठ नागरिकों एवं पेंशनर ग्राहकों (pensioner customers) की बात हो तो उनके खाते से फंड की कमी (lack of funds) की वजह से चेक रिटर्न होने पर इनवार्ड रिटर्निंग चार्ज इस प्रकार होंगे-
- यदि चेक एक लाख रुपए तक का हो तो 200 रुपए प्रति चेक + जीएसटी।
- चेक यदि एक लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक का है तो 500 रुपए प्रति चेक + जीएसटी।
- एक करोड़ रुपए से अधिक के चेक के लिए एक माह के दौरान पहले चेक के लिए दो हजार रुपए। इसके पश्चात प्रत्येक चेक के लिए 2500 रुपए + जीएसटी।
- यदि चेक किसी भी अन्य वजह से रिटर्न हुआ है तो 100 रुपए प्रति चेक + जीएसटी।
* आउटवर्ड रिटर्निंग चार्ज (outward returning charges)-
- लोकल चेक की स्थिति में-
- एक लाख रुपए तक के चेक बाउंस होने पर 200 रुपए प्रति चेक + जीएसटी।
- एक लाख रुपए से लेकर 20 लाख रुपए तक का चेक वापस आने पर 250 रुपए प्रति चेक + जीएसटी।
- इससे अधिक राशि के चेक होने पर 500 रुपए + जीएसटी।
आउटस्टेशन रिटर्निंग चार्जेज (outstation returning charges)-
- एक लाख रुपए तक के चेक वापस होने पर 150 रुपए प्रति चेक+जीएसटी+आउट आफ पॉकेट (out of pocket) खर्च।
- एक लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक के चेक वापस होने पर 250 रुपए प्रति चेक + जीएसटी + आउट आफ पॉकेट खर्च।
- 10 लाख रुपए से अधिक के चेक वापस होने पर 500 रुपए प्रति चेक + जीएसटी + आउट आफ पॉकेट खर्च।
3. एक्सिस बैंक (Axis Bank)
अब एक्सिस बैंक की बात कर लेते हैं। लोकल क्लियरिंग (local clearing) के लिए होम शाखा (home branche) में जमा किए गए चेक की रिटर्न राशि-500 रुपए प्रति चेक वसूली जाएगी। आपको साफ कर दें दोस्तों कि यदि यहां भी ग्राहक की कोई गलती नहीं पाई जाती तो उससे कोई जुर्माना नहीं वसूला जाएगा।
4. बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda)
मित्रों, इस बैंक को शार्ट में बॉब यानी (BOB) भी पुकारा जाता है। आपको जानकारी दे दें कि विभिन्न वित्तीय कारणों (financial reasons) की वजह से चेक बाउंस होने पर शाखा एवं लोकेशन (branch and location) के साथ ही अलग-अलग अमाउंट पर अलग-अलग चार्ज लगता है। ऐसी तकनीकी वजहों (technical reasons) से चेक रिटर्न होने पर जहां, ग्राहक की कोई गलती नहीं बनती, ग्राहकों से कोई चार्ज (charge) नहीं वसूला जाएगा। अन्य स्थितियों में चार्ज इस प्रकार रहेगा-
- बैंक ग्राहक द्वारा एक लाख तक के चेक रिटर्न एवं अनपेड चेक (unpaid cheque) पर 125 रुपए।
- एक लाख से अधिक एवं एक करोड़ रुपए तक के चेक पर 250 रुपए प्रति चेक।
- यदि चेक एक करोड़ रुपए से अधिक का है तो ऐसे में ग्राहक से 500 रुपए प्रति चेक वसूले जाएंगे।
- किसी भी अन्य कारण से चेक बाउंस होने पर 250 रुपए।
5. आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
अब बात आईसीआईसीआई की। मित्रों, आपको बता दें कि कई कारपोरेट कंपनियों (corporate companies) के इस बैंक में खाते (accounts) हैं। आपको बता दें कि यदि किसी वित्तीय कारण से चेक रिटर्न होता है तो चेक रिटर्न आउटवार्ड (cheque return outward) की स्थिति में प्रति चेक 200 रुपए वसूले जाने का प्रावधान (provision) है। वहीं यदि मामला चेक रिटर्न इनवार्ड (cheque return inward) का है तो ऐसे में ग्राहक से 500 रुपए प्रति चेक वसूला जाएगा। यदि चेक गैर वित्तीय कारणों (सिग्नेचर वेरिफिकेशन (signature verification) के अलावा किसी अन्य वजह से) रिटर्न होता है तो ऐसे में इनवार्ड रिटर्न के मामले में 50 रुपए प्रति चेक चार्ज वसूला जाएगा
भारत में किस धारा के तहत चेक बाउंस को अपराध माना गया है? (Under which section in india cheque bounce is Crime?)
यह हम आपको बता चुके हैं कि भारत में किन स्थितियों में चेक बाउंस माना जाता है। दोस्तों, आपके लिए यह जानना भी आवश्यक है कि भारत में किस अधिनियम (act) की धारा के तहत चेक बाउंस को अपराध माना गया है। आपको बता दें कि भारत में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट (negotiable instruments act) -1881 में हुई तब्दीली के बाद सेक्शन (section)-138 के अंतर्गत चेक बाउंस को कानूनी अपराध (legal offence) का दर्जा दिया गया है.
चेक बाउंस के मामले में कितनी सजा का प्रावधान किया गया है? (How much punishment is given in case of cheque bounce?)
मित्रों, अब बात करते हैं कि चेक बाउंस के मामले में दोषी को कितनी सजा मिलती है? जान लीजिए साथियों, कि यदि किसी पर चेक बाउंस का अपराध साबित होता है तो उसे नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के तहत दो वर्ष तक की जेल अथवा चेक में भरी राशि के दुगुने तक जुर्माना या दोनों सजा एक साथ तजवीज की जा सकती है। अब आप सोचेंगे कि चेक बाउंस के मामले में मुकदमा कब होता है? तो जान लीजिए कि चेक बाउंस में मुकदमा उस स्थिति में हो सकता है, यदि चेक बाउंस होने की वजह खाते में अपर्याप्त बैलेंस (insufficient balance) रही हो।
सबसे सुरक्षित चेक कौन सा माना जाता है? (Which cheque is considered safest?)
क्या आपने कभी सोचा है कि सबसे सुरक्षित चेक (safest cheque) कौन सा होता है? तो दोस्तों, आपको बता दें कि एकाउंटपेई चेक (account payee cheque) को सबसे सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि इस चेक को किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित (transfer) नहीं किया जा सकता। कितनी राशि तक का चेक ग्राहकों द्वारा जारी किया जा सकता है, इसकी सीमा को बैंकों की बिजनेस (business) एवं अलग-अलग शाखाओं द्वारा निर्धारित किया जाता है। आम तौर पर चेक न्यूनतम (minimum) 25 हजार एवं अधिकतम (maximum) 10 लाख तक का जारी किया जा सकता है।
चेक क्या होता है?
चेक पैसा भुगतान का एक इंस्ट्रूमेंट है।
चेक बाउंस का क्या अर्थ है?
चेक बाउंस का अर्थ चेक को बैंक द्वारा बगैर भुगतान लौटा देने से है।
चेक बाउंस किन स्थितियों में होता है?
इन स्थितियों के बारे में हमने आपको विस्तार से ब्योरा ऊपर पोस्ट में दिया है। आप वहां से देख सकते हैं।
क्या हमारे देश भारत मे चेक बाउंस अपराध है?
जी हां, हमारे देश भारत मे चेक बाउंस को अपराध की संज्ञा दी गई है।
किस अधिनियम की किस धारा के अंतर्गत चेक बाउंस अपराध है?
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट -1881 की धारा 138 के अंतर्गत चेक बाउंस अपराध है।
बैंकों द्वारा चेक बाउंस होने पर कितनी पेनल्टी लगाई जाती है?
चेक बाउंस की स्थिति में पेनल्टी की राशि अलग-अलग बैंकों में अलग -अलग है। इसका ब्योरा हमने आपको पोस्ट में दिया है।
चेक बाउंस के अपराध में दोषी को कितनी सजा मिलती है?
चेक बाउंस के अपराध में दोषी को दो वर्ष तक की जेल अथवा चेक में भरी राशि के दुगुने तक जुर्माना या दोनों सजा एक साथ तजवीज की जा सकती है।
चेक बाउंस के मामले में मुकदमा कब होता है?
यदि चेक जारी करने वाले के बैंक खाते में भुगतान के लिए अपर्याप्त राशि हो तो ऐसी स्थिति में उसे पर मुकदमा संभव है।
कौन सा चेक सबसे अधिक सुरक्षित माना जाता है?
एकाउंट पेई चेक सबसे सुरक्षित माना जाता है।
मित्रों, हमने इस पोस्ट (post) में आपको बताया कि चेक बाउंस होने पर बैंकों द्वारा कितना पेनल्टी है। उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट ने आपकी जानकारी को समृद्ध किया होगा। अन्य लोगों को भी वित्तीय रूप से जागरुक करने के मकसद से इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें। यदि आपका कोई सवाल अथवा सुझाव है तो नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) के माध्यम से हम तक पहुंचा दें। धन्यवाद।