Civil engineer kaise bane, वैसे तो इंजीनियरिंग करने की बहुत सी फील्ड होती हैं जिसमे कंप्यूटर इंजिनियर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं। लेकिन यदि आप ध्यान से सोचेंगे तो आपको एक अन्य इंजीनियरिंग फील्ड से सबसे लाभदायक लगेगी (Civil engineer kaise banta hai)। उस फील्ड का नाम है सिविल इंजीनियरिंग। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सिविल इंजीनियरिंग (Civil engineering kaise hoti hai) करके आप सरकारी नौकरी भी कर सकते हैं और प्राइवेट भी।
ऐसे में यदि आप सिविल इंजीनियरिंग कैसे करे और इसके लिए क्या क्या करना पड़ता हैं इत्यादि के बारे में जानना चाह रहे हैं तो आज हम आपको सिविल इंजिनियर कैसे बने, के बारे में ही विस्तार से बताएँगे।
आज के इस लेख (Civil engineering in Hindi) में आपको सिविल इंजिनियर बनने के ऊपर हर एक जानकारी विस्तार से मिलेगी। आइए जाने सिविल इंजिनियर कैसे बने।
सिविल इंजिनियर कैसे बने? (Civil engineer kaise bane)
यदि आप सिविल इंजीनियरिंग में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं तो आपका पहले यह जानना आवश्यक हैं कि आखिरकार एक सिविल इंजिनियर होता क्या है, उसके काम क्या क्या होते है और उसे क्या क्या करना पड़ता है।
यह सब जानकर आप सिविल इंजिनियर के बारे में विस्तार से जान पाएंगे कि इसमें आगे चलकर आपको क्या क्या करना पड़ेगा और सिविल इंजीनियरिंग के लिए क्या क्या तैयारी करनी पड़ेगी। आइए जाने।
सिविल इंजिनियर क्या है (Civil engineer kya hota hai)
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि आखिरकार एक सिविल इंजिनियर होता क्या है या उसका काम क्या होता है। दरअसल आपने कई बार किसी बिल्डिंग के बनते समय या बड़े बड़े पुल या सरकारी आवास बनते समय पीले रंग की टोपी पहने व्यक्तियों को घूमते हुए और दूसरों कजो आदेश देते हए देखा होगा। वही पिली टोपी वाले सिविल इंजिनियर होते हैं।
दरअसल अपने देश में जो भी बड़े निर्माण कार्य होते हैं या (Civil engineer ka matlab) कोई बड़ा प्रोजेक्ट होता है तो उसमे सिविल इंजिनियर की ही आवश्यकता पड़ती हैं।
अब एक घर का निर्माण करवाना तो छोटा सा कार्य होता हैं जिसे ठेकेदार या आर्किटेक्ट की सहायता से करवा दिया जाता हैं। लेकिन यदि बात बड़े आवास, पुल, सड़को इत्यादि की होतो वह उनके बस की बात नही होती है।
ऐसे में यह निर्माण कार्य एक सिविल इंजिनियर की ही देखरेख में होता है। एक सिविल इंजिनियर ही इस पूरे निर्माण कार्य का रोडमैप बनाता है और सभी को आदेश देता है। देश में किसी भी बड़े निर्माण का उत्तरदायित्व इन्ही सिविल इंजिनियर के कन्धों पर होता है। इसलिए इनका देश व राज्य के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान होता है।
सिविल इंजिनियर के काम (Civil engineer kya kaam karte hain)
अभी तक आपने जाना कि एक सिविल इंजिनियर क्या होता है या उसका किस क्षेत्र में योगदान होता है। अब हम जानेंगे कि (Civil engineer kya karte hain) एक सिविल इंजिनियर क्या क्या काम कर सकता हैं ताकि आपको इनके बारे में और अच्छे से पता चल सके और आप सिविल इंजिनियर के काम के बारे में जानकर इसमें अपना करियर बना सके। इसलिए सिविल इंजिनियर के काम में यह चीज़े मुख्य रूप से आती हैं:
- किसी आवास या बिल्डिंग का निर्माण कार्य
- सड़कों का निर्माण
- पुल का निर्माण
- एअरपोर्ट पर सामान की लोडिंग व अनलोडिंग
- समुद्र के रास्ते व्यापार
- रोड मैनेजमेंट
- ट्रैफिक मैनेजमेंट
- सीवरेज का मैनेजमेंट
- पानी की सप्लाई का मैनेजमेंट
- रेलवे पटरियों का निर्माण
- भारतीय सेना में दुर्गम इलाको में निर्माण कार्य
इस तरह यदि कही निर्माण की बात होगी या एक सिस्टम बनाने की बात होगी जिसे हम नेटवर्क कहेंगे तो उसमे सिविल इंजिनियर की (Civil engineer ka kam) आवश्यकता होगी। तो अब आप सही से जान गए होंगे कि एक सिविल इंजिनियर क्या क्या काम कर सकता है और उसका कितना महत्व होता है।
सिविल इंजिनियर बनने के लिए क्या करें (How to become civil engineer in Hindi)
अब जब आपने सिविल इंजिनियर के बारे में जान लिया हैं और वह क्या क्या काम करता है या कर सकता हैं इत्यादि विषय में अच्छे से पारंगत हो गए हैं तो आप यह निर्णय ले सकते हैं कि आप अपना भविष्य इसमें बनाना चाहते हैं या नही। यदि अब (Civil engineer banne ke liye kya karen) आप अपना भविष्य सिविल इंजीनियरिंग करके सिविल इंजिनियर बनकर बनाना चाहते हैं तो आइए जाने इसके लिए आपको आगे क्या क्या करना पड़ेगा।
#1. दसवीं के बाद ले नॉन मेडिकल
आप चाहे जिस भी इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाना चाहते हो फिर चाहे वह सिविल इंजीनियरिंग हो या किसी अन्य क्षेत्र की इंजीनियरिंग, इसके लिए आपको दसवीं पास करने के बाद नॉन मेडिकल अनिवार्य रूप से लेनी होगी। इसलिए सबसे पहले तो जैसे ही आप दसवीं कक्षा को पास करे तो उसके बाद अपनी स्ट्रीम के तौर पर नॉन मेडिकल विषय का चुनाव करें।
नॉन मेडिकल में आपको मुख्यतया फिजिक्स, केमिस्ट्री व गणित पढ़ाई जाएगी। एक तरह से इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए आपको अपनी 11वीं व 12वीं कक्षा में इन तीनो विषयों को पढ़ना अनिवार्य होता हैं। वैसे भी फिजिक्स का तो सिविन इंजीनियरिंग में बहुत काम होता हैं।
#2. बारहवीं में लाये 60 प्रतिशत से ज्यादा नंबर
दसवीं के बाद आपने नॉन मेडिकल ले ली तो यह मत सोचिये कि अब आगे मेहनत करने की आवश्यकता नही। यदि आप एक सफल सिविल इंजिनियर बनना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपनी बारहवीं में बहुत मेहनत करनी होगी।
ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत से (Civil engineer banne ke liye kya kare) बड़े और बेस्ट इंजीनियरिंग कॉलेज बारहवीं में आपके अच्छे परसेंटेज मांगते हैं।
इसलिए आपका न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक तो आना ही चाहिए। यदि आपके इतने अंक नही आये तो भी आपको किसी ना किसी सिविल इंजीनियरिंग के कॉलेज में एडमिशन मिल तो जाएगा लेकिन वह ज्यादा काम का नही होगा। इसलिए आप बारहवीं में जमकर मेहनत करें और कम से कम 60 प्रतिशक अंक लेकर आये।
#3. कम्पटीशन की तैयारी करें
यदि आप चाहते हैं कि बारहवीं के बाद आपका अच्छे और बेस्ट सिविल इंजीनियरिंग के कॉलेज में एडमिशन हो जाए तो आपको इसके लिए पहले से ही तैयारी करनी होगी। सिविल इंजीनियरिंग के लिए भारत सरकार व राज्य सरकार के द्वारा कई तरह की परीक्षाएं ली जाती हैं। साथ ही विभिन्न प्राइवेट कॉलेज के द्वारा भी इसमें अपनी ओर से प्रवेश परीक्षा आयोजित करवाई जाती हैं।
ऐसे में यदि आप सिविल इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट कॉलेज पाना चाहते हैं तो अपनी तैयारी पहले से ही मजबूत रखें। इसके लिए तैयारी करने का सबसे बड़ा हब राजस्थान राज्य का कोटा शहर हैं जहाँ हर वर्ष लाखों की संख्या में लोग सिविल इंजीनियरिंग या अन्य इंजीनियरिंग कई तैयारी करने आते हैं। आप चाहे तो दिल्ली, मुंबई, बेंगलोर के बड़े कोचिंग इंस्टिट्यूट से जुड़कर भी सिविल इंजिनियर बनने की तैयारी कर सकते हैं।
#4. सिविल इंजीनियरिंग की परीक्षा के लिए आवेदन करें (Civil engineering competitive exams)
आपको यह पता होना चाहिए कि भारत देश में सिविल इंजीनियरिंग या अन्य किसी भी इंजीनियरिंग को करने के लिए सबसे बड़े व टॉप कॉलेज आईआईटी संस्थान हैं जो केंद्र सरकार के अंतर्गत आते हैं।
इसके बाद के संस्थान एनआईटी और ये भी केंद्र सरकार के अंतर्गत आते हैं। इसके बाद राज्य सरकार के सरकारी कॉलेज व फिर अन्य प्राइवेट कॉलेज आते हैं।
ऐसे में केंद्र सरकार के द्वारा हर वर्ष इन इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए आईआईटी की परीक्षा ली जाती हैं। इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जैसे ही आईआईटी की प्रवेश परीक्षा का फॉर्म निकले जिसे JEE कहा जाएगा, उसके लिए आवेदन कर दे।
यह आवेदन आप ऑनलाइन माध्यम से ही कर सकते हैं। इसके अलावा आप अन्य कॉलेज व राज्य सरकार की परीक्षा के लिए भी आवेदन कर सकते हैं जैसे कि बिट्स पिलानी।
#5. सिविल इंजीनियरिंग की परीक्षा दे (Civil engineering exam)
अब जब आप आईआईटी का फॉर्म भर देंगे तो उसके कुछ समय के बाद आपकी सिविल इंजीनियरिंग की परीक्षा आयोजित करवाई जाएगी। इसके लिए आपका एक प्रवेश पत्र इंटरनेट पर आ जाएगा जिसकी प्रति आपको निकलवानी होगी। इसमें आपकी परीक्षा का क्रमांक, परीक्षा की तिथि, समय, स्थान व अन्य सभी महत्वपूर्ण जानकारी अंकित होगी।
आपको सिविल इंजीनियरिंग की परीक्षा देने के लिए इसी प्रवेश पत्र को लेकर उक्त स्थान पर नियत समय व तिथि को पहुँच जाना होगा। हो सके तो परीक्षा से 2 घंटे पहले पहुँच जाए ताकि बाद में किसी तरह की कोई समस्या ना हो। साथ ही इस प्रवेश पत्र पर लिखी सभी जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ें ताकि बाद में किस्सी बात का पछतावा ना हो।
#6. सिविल इंजीनियरिंग का फॉर्म भरें (Civil engineering form)
अब जब आप अपना आईआईटी का एग्जाम दे देंगे या फिर जो भी एग्जाम आपने दिया हैं उसको सफलतापूर्वक पास कर लेंगे तो उसके बाद एक कटऑफ निकाली जाएगी। एक तरह से यह कटऑफ वह होती हैं जो परीक्षा को पास करने के लिए न्यूनतम अंक होते हैं।
कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि यह कटऑफ 420 नंबर हैं तो जो भी परीक्षार्थी जिनके नंबर 420 से एक नंबर भी कम हैं वह सब इस परीक्षा में फैल हो जाएंगे जबकि 420 या उससे अधिक अंक लाने वाला पास माने जाएंगे।
लेकिन आप कटऑफ पास करके भी इतना खुश मत होइए क्योंकि यदि आपको अपने मनचाहे कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रवेश चाहिए तो फिर आपको अधिक नंबर लाने होंगे। अब जब आप पास हो जाएंगे तो आपके पास एक फॉर्म आएगा। इस फॉर्म में आपको अपनी संपूर्ण जानकारी भरनी होगी और साथ ही कॉलेज व इंजीनियरिंग फील्ड का चुनाव करना होगा।
अब आप इसे ध्यानपूर्वक भरिये या फिर किसी सीनियर या जानकर व्यक्ति के मार्गदर्शन में भरे क्योंकि यही आपको सिविल इंजीनियरिंग के सही कॉलेज में प्रवेश दिलाने के लिए महत्वपूर्ण होगा। आपको आईआईटी की मेरिट में मिले नंबर के आधार पर ही कॉलेज व सिविल इंजीनियरिंग की सीट का आवंटन होगा।
#7. सिविल इंजीनियरिंग पढ़ें (Civil engineering kaise kare)
अब जब आपका सिविल इंजीनियरिंग चयन प्रक्रिया के तहत अपने मनचाहे आईआईटी या अन्य किसी कॉलेज में प्रवेश हो जाता हैं तो आपको उसमे सिविल इंजीनियरिंग में प्रवेश मिल जाएगा। आपका यह भी जानना आवश्यक हैं कि यह सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स कुल 4 वर्ष का होता हैं और आपको चार वर्ष तक सिविल इंजीनियरिंग कॉलेज में रहकर डिग्री करनी होती हैं।
इसमें आपको चार वर्ष तक सिविल इंजीनियरिंग के विभिन्न विषय को पढ़ना होता हैं जो कि सेमेस्टर के अनुसार विभाजित होते हैं। सेमेस्टर अर्थात 6 महीने की अवधि। इस तरह आपके 4 वर्ष में कुल 8 सेमेस्टर होंगे और उनमे लगने वाले सब्जेक्ट भी अलग अलग होंगे। इसमें आपको प्रत्येक विषय को सफलतापूर्वक पास करना होगा अन्यथा आपकी बैकलॉग लग जाएगी और आपको डिग्री नही मिलेगी।
#8. सिविल इंजीनियरिंग में ट्रेनिंग करें (Civil engineering training)
सिविल इंजीनियरिंग में आपको केवल 4 वर्ष की पढ़ाई ही नही करनी होती बल्कि इसमें आपको 2 महीने से लेकर 6 महीने की ट्रेनिंग भी करनी होती हैं। यह ट्रेनिंग आपकी कॉलेज में नही होती बल्कि अन्य किसी स्थान पर होती हैं।
साथ ही इस ट्रेनिंग का समय 4 वर्ष में से अलग नही होता हैं बल्कि उसी में होता हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आपकी ट्रेनिंग 3 महीने की हैं तो आपको सिविल इंजीनियरिंग करने में 4 वर्ष 3 माह का समय नही बल्कि 4 वर्ष का ही समय लगेगा।
ऐसा इसलिए क्योंकि यह ट्रेनिंग सिविल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के अंत में या चौथे वर्ष की शुरुआत में करवाई जाती हैं। इसमें आपको किसी अन्य संस्थान या अपने कॉलेज के द्वारा सुझाये गए स्थान पर जाकर सिविल इंजीनियरिंग की ट्रेनिंग करनी होती हैं।
यदि आप वह ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पास कर लेते हैं तो आपको एक सर्टिफिकेट मिलता हैं। यह सर्टिफिकेट आपको अपने कॉलेज में आकर दिखाना होता हैं।
#9. सिविल इंजीनियरिंग में प्रोजेक्ट करना (Civil engineering projects)
यदि आपको अपने कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री चाहिए तो अंत में आपको एक एक प्रोजेक्ट करके सबमिट करना होता हैं। इस प्रोजेक्ट का चुनाव आप अपने अनुसार कर सकते हैं।
इसी के साथ आपको यह प्रोजेक्ट अकेले नही करना होता हैं बल्कि आप अपने 3 से 4 सहपाठियों के साथ इस प्रोजेक्ट को कर सकते हैं। एक तरह से कॉलेज की ओर से आपको यह विकल्प दिया जाएगा कि आप अपना प्रोजेक्ट अकेले करना चाहते हैं या किसी टीम के साथ।
इस प्रकार अंत में आपको उस प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन अपने टीचर के सामने देना होता हैं व उसके बारे में सब समझाना होता हैं। वह टीचर उस प्रोजेक्ट की सफलता के आधार पर आपको नंबर देता हैं। इस प्रकार आपकी सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री पूर्ण हो जाती हैं और आपको आपके कॉलेज की ओर से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री मिल जाती हैं।
#10. सिविल इंजीनियरिंग की नौकरी ले (Civil engineer jobs)
अब जब आपने सिविल इंजीनियरिंग बनने के लिए इतनी मेहनत की हैं तो वह किसलिये? एक अच्छी नौकरी पाने के लिए ही ना। तो अब सिविल इंजिनियर बनने की दिशा में अंतिम चरण उसी का हैं अन्यथा केवल सिविल इंजिनियर बनकर और बिना नौकरी लिए कॉलेज से निकल जाने का क्या अर्थ हुआ। ऐसे में तो वह डिग्री एक कागज के टुकड़े के अलावा कुछ नही होगी।
तो आप पास सिविल इंजीनियरिंग में नौकरी पाने के एक नही बल्कि कई अवसर हैं। सबसे लहले तो यह जान ले कि यदि आपका कॉलेज आईआईटी या अन्य बड़ा सिविल इंजीनियरिंग कॉलेज हैं तो आपकी सिविल इंजीनियरिंग के चौथे वर्ष में कई कंपनियां आपके कैंपस में आपका इंटरव्यू लेने आएगी। आपको अन्य छात्रों के साथ उनके इंटरव्यू में बैठना होगा और उनकी चयन प्रक्रिया के अनुसार अलग अलग राउंड का पालन करना होगा।
इसके बाद आपका जब किसी कंपनी में सिलेक्शन हो जाएगा तब आपको उसमे सिविल इंजीनियरिंग के पद पर नियुक्त कर लिया जाएगा। इसमें आपको एक निश्चित सैलरी व अन्य चीजों के बारे में बता दिया जाएगा।
हालाँकि यह सब कंपनी प्राइवेट सेक्टर की ही कंपनियां (Civil engineer kaise ban sakte hain) होगी और यदि आपको सरकारी नौकरी करनी हैं तो आपको उसके लिए सरकारी परीक्षा को देना होगा।
सिविल इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश कैसे ले
यदि किसी कारणवश आपका आईआईटी में प्रवेश नही हो पाता या आप IIT JEE को पास नही कर पाते हैं या फिर आपका सिविल इंजीनियरिंग की स्ट्रीम में चयन नही हो पाता हैं या फिर कोई और समस्या आ जाती हैं तो ऐसी स्थिति में आपके पास पांच विकल्प होते हैं:
- आप चाहे तो आईआईटी में ना जाकर उसके नीचे वाले कॉलेज जैसे कि एनआईटी या अन्य मान्यता प्राप्त सरकारी कॉलेज में प्रवेश ले सकते हैं।
- आप चाहे तो निजी कॉलेज में प्रवेश ले सकते हैं और उनकी चयन प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं। जैसे कि निजी सिविल इंजीनियरिंग कॉलेज बिट्स पिलानी कई आईआईटी से ऊपर आता हैं और उसके ऊपर कुछ ही आईआईटी संस्थान आते हैं।
- आप चाहे तो अपने राज्य सरकार के द्वारा आयोजित सिविल इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में बैठ सकते हैं और अपने राज्य के सरकारी सिविल इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश ले सकते हैं।
- इसके अलावा आप एक वर्ष का ड्राप ले सकते हैं ओर्फिरसे एक वर्ष के लिए जमकर आईआईटी की तैयारी कर सकते हैं।
- आप सिविल इंजीनियरिंग के अलावा किसी अन्य इंजीनियरिंग में प्रवेश ले सकते हैं।
भारत में सिविल इंजीनियरिंग के बेस्ट आईआईटी कॉलेज (Best IIT colleges in India for civil engineering)
यह बात आप ध्यान रखे कि यदि आप सिविल इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो उसमे भारत के सर्वश्रेष्ठ कॉलेज आईआईटी होंगे। आईआईटी की फुल फॉर्म इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (Indian Institute of Technology) होगा। तो वही आईआईटी का हिंदी नाम भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान होगा। आइए जाने भारत के सर्वश्रेष्ठ आईआईटी संस्थानों के नाम।
- आईआईटी कानपुर [IIT Kanpur]
- आईआईटी रुड़की [IIT Roorkee]
- आईआईटी दिल्ली [IIT Delhi]
- आईआईटी मुंबई [IIT Mumbai]
- आईआईटी खड़गपुर [IIT Kharagpur]
- आईआईटी मद्रास [IIT Madras]
- आईआईटी गुवाहाटी [IIT Guwahati]
- आईआईटी जोधपुर [IIT Jodhpur]
- आईआईटी भुवनेश्वर [IIT Bhubaneswar]
- आईआईटी हैदराबाद [IIT Hyderabad]
- आईआईटी गांधीनगर [IIT Gandhinagar]
- आईआईटी रोपड़ तथा अन्य आईआईटी।
[IIT Ropar and other IITs.]
भारत में सिविल इंजीनियरिंग के बेस्ट एनआईटी कॉलेज (Best NIT colleges in India for civil engineering)
अब आईआईटी के बाद सिविल इंजीनियरिंग में जिन कॉलेज का नाम आता हैं वे हैं एनआईटी। एनआईटी की फुल फॉर्म नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (National Institute of Technology) होगा। एनआईटी को हिंदी में राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान कहा जाएगा। आइए जाने भारत के सर्वश्रेष्ठ एनआईटी संस्थानों के नाम:
- एनआईटी तिरुचिरापल्ली [NIT Tiruchirappalli]
- एनआईटी कर्नाटक [NIT Karnataka]
- एनआईटी रोउरकेला [NIT Rourkela]
- एनआईटी वारंगल [NIT Warangal]
- एनआईटी कालिकट [NIT Calicut]
- एनआईटी दुर्गापुर [NIT Durgapur]
- एनआईटी नागपुर [NIT Nagpur]
- एनआईटी जयपुर [NIT Jaipur]
- एनआईटी प्रयागराज तथा अन्य एनआईटी
[NIT Prayagraj and other NITs]
सिविल इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट प्राइवेट कॉलेज (Best private colleges in India for civil engineering)
अब जब आपने भारत के कुछ बेस्ट सरकारी सिविल इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम जान लिए हैं तो आपका सिविल इंजीनियरिंग के कुछ बेस्ट प्राइवेट कॉलेज के नाम जानना भी उतना ही आवश्यक हैं। आइए जाने भारत के कुछ बेस्ट प्राइवेट कॉलेज सिविल इंजीनियरिंग के लिए:
- बिट्स पिलानी [BITS Pilani]
- थापर यूनिवर्सिटी [Thapar University]
- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी [Lovely Professional University]
- एमिटी यूनिवर्सिटी [Amity University]
- चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी [Chandigarh University]
- मणिपाल यूनिवर्सिटी [Manipal University]
- शारदा यूनिवर्सिटी [Sharda University]
- वीआईटी वेल्लोर [VIT Vellore]
- निरमा यूनिवर्सिटी इत्यादि।
[Nirma University etc.]
सिविल इंजीनियरिंग में नौकरी (Civil engineering jobs in India)
सिविल इंजीनियरिंग में नौकरी करने के एक नही बल्कि अनेक अवसर हैं। आप चाहे तो किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर सकते हैं तो भारतीय सरकार के पास भी आपके लिए विभिन्न क्षेत्रों में अपार नौकरियां हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में सरकार के द्वारा जहाँ भी निर्माण कार्य करवाया जा रहा हैं वहां उन्हें प्रमुख रूप से सिविल इंजीनियरिंग किये हुए सिविल इंजिनियर की ही आवश्यकता होती हैं। ऐसे में आप सिविल इंजीनियरिंग करके इन क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं:-
- भारतीय सेना [Indian Army]
- भारतीय रेलवे [Indian Railways]
- सरकारी नौकरी [Government Job]
- PSUs
- मल्टीनेशनल कंपनियां [multinational companies]
- कंस्ट्रक्शन कंपनियां [construction companies]
- भारतीय राजमार्ग या NHAI [Indian Highways or NHAI]
- अन्य प्राइवेट कंपनियां इत्यादि।
[Other private companies etc.]
सिविल इंजीनियरिंग की सैलरी (Civil engineer ki salary)
अब सबसे अंतिम व प्रमुख बात और वो हैं सिविल इंजीनियरिंग की सैलरी की। तो आज आप यह जान ले कि एक सिविल इंजीनियरिंग कितना भी कमा सकता हैं और इसका कोई भी निर्धारित पैमाना नही हैं। यह उसके कॉलेज, चार वर्ष की पढ़ाई, उसके अनुभव, गुणवत्ता इत्यादि कई कारको पर निर्भर करता हैं।
यदि आप किसी बड़े सिविल इंजीनियरिंग के कॉलेज से निकले हैं तो आपकी सालाना सैलरी 15 लाख से लेकर 50 लाख तक हो सकती हैं तो वही सामान्य इंजीनियरिंग कॉलेज से निकले छात्रों की सैलरी 3 लाख से लेकर 20 लाख तक हो सकती हैं। बाद में यह सैलरी आपके अनुभव व काम करने की गुणवत्ता पर निर्भर करेगी।
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प्रश्न: सिविल इंजीनियर की सैलरी कितनी होती है?
उत्तर: सिविल इंजीनियर की सैलरी उसको मिली नौकरी व उसके अनुभव के आधार पर तय होती है जो कि 3 लाख से एलकार 30 लाख तक हो सकती है।
प्रश्न: सिविल इंजीनियर का काम क्या होता है?
उत्तर: सिविल इंजीनियर का काम सड़कों, पुलों, ब्रिज, बिल्डिंग, आवास इत्यादि का निर्माण करवाना होता है।
प्रश्न: सिविल इंजीनियरिंग कोर्स कितने वर्ष का होता है?
उत्तर: सिविल इंजीनियरिंग कोर्स चार वर्ष का होता है।
प्रश्न: सिविल इंजीनियरिंग के बाद क्या कर सकते हैं?
उत्तर: सिविल इंजीनियरिंग के बाद उसमे M.Tech अर्थात मास्टरी कर सकते है।
तो आज आपने जाना कि एक सिविल इंजिनियर कौन होता है, उसके क्या क्या काम होते है, सिविल इंजीनियरिंग बनने कजे लिए क्या पढ़ना पड़ता हैं, उसकी तैयारी कैसे की जा सकती हैं, उसके लिए कौनसी प्रवेश परीक्षा देनी होती हैं तथा आगे चलकर उसमे क्या करना पड़ता हैं इत्यादि।