कोचिंग सेंटर कैसे खोले? | लागत, मुनाफा व रजिस्ट्रेशन कैसे करे? (Coaching Center Kaise Khole)

Coaching Center Kaise Khole, क्या आप अपने शहर में कोचिंग सेंटर खोलने की योजना बना रहे हैं और इसके बारे में जानना चाहते हैं? दरअसल जिस तेजी से आज के समय में कोचिंग सेंटर के बिज़नेस में तेजी देखी जा रही हैं उतनी तेजी किसी अन्य व्यापार या काम में नही देखी जा रही हैं। जिस शहर में पहले एक या दो कोचिंग सेंटर हुआ करते थे वहां आज के (Coaching center business plan in Hindi) समय में 20 से 30 कोचिंग सेंटर खुल चुके हैं। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि पढ़ने के लिए कई तरह के विषय और क्षेत्र खुल चुके हैं और उसमे छात्र रुचि भी लेने लगे हैं।

तो यदि आप भी इस लेख पर इसलिए आये हैं कि आप जान सके कि आखिरकार किस तरीके से आप भी अपने शहर में एक बढ़िया सा कोचिंग सेंटर खोलकर पैसे कमा सके (Coaching class kaise shuru karen) और छात्रों को शिक्षित कर सके तो आज हम आपको उसी के बारें में ही संपूर्ण ज्ञान देंगे। इस लेख को पढ़कर आप यह अच्छे से जान पाएंगे कि आखिरकार किस तकनीक या स्ट्रेटेजी को अपना कर आप भी अपने शहर में एक बहुत बढ़िया और सफल कोचिंग सेंटर खोल सकते हैं।

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कोचिंग सेंटर कैसे खोले (Coaching Center Kaise Khole)

अब यदि आप अपने शहर में कोचिंग सेंटर खोलने का विचार कर रहे हैं तो इससे पहले आप यह जान ले कि यह कोई सरल काम नही होता हैं और ना ही इसे जल्दबाजी में किया जा सकता हैं। दरअसल इसका उद्देश्य अपने यहाँ पढ़ने आने वाले छात्रों को बाकि जगह से उच्च शिक्षा देना और सही तरीके से पढ़ाना होता हैं। यदि आप इसी में ही असफल रहेंगे तो फिर आपका कोचिंग सेंटर कुछ भी करके नही चल पाएगा।

कोचिंग सेंटर कैसे खोले लागत मुनाफा व रजिस्ट्रेशन कैसे करे Coaching Center Kaise Khole

इसलिए यदि आप कोचिंग सेंटर खोलेंगे तो आपको चरण दर चरण हर एक चीज़ का बारीकी से ध्यान रखना होगा ताकि आगे चलकर किसी भी तरह की समस्या ना हो और ना ही आपको विपरीत परिणाम भुगतने पड़े। ऐसे में इस लेख को अंत तक पढ़े ताकि कोई भी जानकारी अधूरी ना रह जाए और आपको किसी तरह का नुकसान ना उठाना पड़े। तो आइए जाने कोचिंग सेंटर खोलने से पहले आपको किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और क्या क्या करना चाहिए।

कोचिंग सेंटर का प्रकार चुने (Coaching center types in Hindi)

अब यदि आप कोचिंग सेंटर खोलने जा रहे हैं तो आपको यह भी देखना होगा कि आप किस चीज़ के लिए कोचिंग सेंटर खोलने जा रहे हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपके कोचिंग सेंटर में किस किस तरह के विषय पढ़ाये जाएंगे और किस चीज़ की तैयारी करवाई जाएगी, यह बहुत मायने रखता हैं। सभी तरह के कोचिंग सेंटर अलग अलग होते हैं और उसी के अनुसार ही वहां छात्र पढ़ने आते हैं या अपना पंजीकरण करवाते हैं।

ऐसे में आपको यह पहले से ही देखना होगा कि आपको कौन सा कोचिंग सेंटर खोलना चाहिए और उसमे क्या क्या विषय पढ़ाये जाने चाहिए। कुछ उदाहरण हम आपको अभी देंगे ताकि आप जान सके कि आप अपने कोचिंग सेंटर में किस किस विषय या चीज़ की तैयारी कर सकते हैं और छात्र ज्यादातर किस चेत्र के कोचिंग सेंटर से जुड़ने में रुचि रखते हैं।

  • आप 11 वीं व 12 वीं कक्षा के विषयों और स्ट्रीम के आधार पर कोचिंग सेंटर खोल सकते हैं। उदाहरण के तौर पर आपके कोचिंग सेंटर में नॉन मेडिकल या मेडिकल या कॉमर्स से संबंधित विषयों को पढ़ाया जा सकता हैं जैसे कि फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित, बायोलॉजी इत्यादि।
  • आपके यहाँ बारहवीं कक्षा को पास करने के बाद इंजीनियरिंग कॉलेज या IIT में प्रवेश दिलवाने के लिए तैयारी करवाई जा सकती हैं। इसमें भी आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स ही पढ़ें होंगे लेकिन उन्हें पढ़ाने का स्तर अलग होगा।
  • आप अपने यहाँ मेडिकल के क्षेत्र की पढाई करवाने वाला कोचिंग सेंटर खोल सकते हैं। बहुत से छात्र जो अपनी बारहवीं मेडिकल से करते हैं वे उसके बाद एक से दो साल का ड्राप लेते ही हैं ताकि उनका देश के सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश हो सके।
  • आप सरकारी परीक्षा की तैयारी करवाने वाला कोचिंग सेंटर खोल सकते हैं। आज के समय में इस तरह के कोचिंग सेंटर की बहुत ज्यादा मांग हैं जैसे कि आईएस, एसएससी या बैंकिंग की तैयारी करवाना या किसी अन्य सरकारी परीक्षा की तैयारी करवाना और उससे जुड़े विषय पढ़ाना।
  • आप पोस्ट ग्रेजुएशन वाले विषय पढ़ा सकते हैं। जैसे कि जिन छात्रों को अपनी स्नातक के बाद MBA करनी होती हैं और आईआईएम में प्रवेश लेना होता हैं तो वे कोचिंग सेंटर से जुड़कर ही पढाई करना पसंद करते हैं।

कोचिंग सेंटर का नाम रखना (Coaching center name)

अब चाहे आप छोटी से छोटी दुकान खोलने जा रहे ओ या अपना कोई और बिज़नेस, आपको अपने द्वारा शुरू की गयी हर चीज़ का एक नाम रखना होगा और वही नाम उसकी पहचना होगी। ऐसे में यदि आप पूरा का पूरा कोचिंग सेंटर खोलने जा रहे हैं और आप उसको एक अच्छा सा नाम ही नही देंगे तो फिर कैसे ही काम चलेगा। ऐसे में यह बहुत आवश्यक हो जाता हैं कि आप भी अपने कोचिंग सेंटर को एक अच्छा सा नाम दे ताकि उसकी एक अलग पहचान बन सके।

कोचिंग सेंटर का नाम रखते समय इस बात का ध्यान रखे कि वह नाम शिक्षा, ज्ञान, बुद्धि, विषय या आपके द्वारा पढ़ाये जा रहे विषय से संबंधित हो। उसके लिए नाम कोई बहुत बड़ा या छोटा भी ना रखे और यह सुनने में और बोलने में भी अच्छा लगे। नाम यदि अच्छा हुआ तो सभी के मन में आपके कोचिंग सेंटर का पहला प्रभाव अच्छा पड़ेगा और वे इसकी ओर आकर्षित होंगे।

कोचिंग सेंटर के लिए जगह (Coaching center ke liye location)

अब जब आप कोचिंग सेंटर खोलेंगे तो वह सेंटर आप किस जगह खोल सकते हैं या उसके लिए कौन सी जगह सबसे सही रहेगी, इसके बारे में भी विचार किया जाना आवश्यक होता हैं। यदि आप किसी ऐसी जगह पर कोचिंग सेंटर खोलेंगे जहाँ पर छात्रों का प्रतिदिन आना जाना लगा रहता हो या फिर जहाँ पर अन्य क्षेत्रों से संबंधित कोचिंग सेंटर, स्कूल या कॉलेज हैं तो यह आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता हैं।

इसलिए आपको अपना कोचिंग सेंटर खोलने से पहले जगह के बारे में अच्छे से रिसर्च कर लेनी चाहिए। साथ ही यह जगह कितनी बड़ी होगी और उसमे किस तरह से कक्षा बनाई जाएँगी और उसमे क्या क्या होगा, यह सोचना भी आवश्यक हो जाता हैं। इन सब बातों को सोचकर ही आप आगे बढ़ेंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा।

कोचिंग सेंटर का इंटीरियर व क्लासरूम

अब यदि आप कोचिंग सेंटर के लिए जगह का चुनाव कर चुके हैं तो उसके बाद आती है सबसे महत्वपूर्ण बात जो है कोचिंग सेंटर की कक्षाएं कैसी होंगी और उनमे क्या क्या लगा होगा। इस बात का ध्यान रखे कि यदि आपके कोचिंग सेंटर की कक्षा ही सही नही होगी या उनमे बहुत शोर होगा या सही से हवा का आनाजाना नही होगा या गर्मी अधिक होगी या सीटिंग अरेंजमेंट ठीक नही होगा तो फिर आपको ही आगे चलकर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं।

ऐसे में सबसे पहले तो आप यह देखे कि आपके कोचिंग सेंटर में एक क्लासरूम में एक बारी में कितने बच्चे बैठकर पढ़ेंगे और उनकी सीटिंग अरेंजमेंट कैसी हैं। क्या उनके लिए सही तरीके से बैठने की और कॉपी पुस्तक रखने की व्यवस्था है भी या नही। वहां की लाइटिंग कैसी हैं और हवा आने के लिए कैसी व्यवस्था है। इसके अलावा वहां पर शिक्षक किस तरीके से और किस तरह के बोर्ड पर पढ़ाएंगे इत्यादि।

इन सब बातो का प्रमुखता से और पहले से ही ध्यान रखेंगे तो बेहतर होगा। इसी के साथ यदि कोचिंग सेंटर बड़ा हैं तो वहां छात्रों के आराम करने या प्रतीक्षा करने के लिए भी एक कमरा बना लेंगे तो बेहतर रहेगा। इसी के साथ वहां शुरुआत में एक ऑफिस भी होना आवश्यक हैं ताकि वहां छात्र अपनी परेशानियाँ बता सके, फीस जमा करवा सके या पंजीकरण करवा सके इत्यादि।

कोचिंग सेंटर के लिए शिक्षक का चुनाव करना

अपने कोचिंग सेंटर की जगह व इंटीरियर सही करने के बाद और क्लास्स्रोम को सजाने के बाद बारी आती है वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों की। इसमें इस बात का ध्यान रखे कि आपके कोचिंग सेंटर में जो भी छात्र पंजीकरण करवाएंगे या उन्हें को बात शुरूआती तौर पर वहां खिंचेगी या आपके यहाँ पढ़ने को आकर्षित करेगी तो वे वहां के शिक्षक ही होंगे। किसी भी कोचिंग सेंटर से छात्र तभी जुड़ता हैं जब वहां पढ़ाने वाला शिक्षक प्रसिद्ध हो और उसके पढ़ाने का स्टाइल लोगों को पसंद आता हो।

तो आपके यहाँ जिस भी चीज़ को पढ़ाने के लिए कोचिंग सेंटर खोला जा रहा हैं आप उसमे इस बात का मुख्यतया ध्यान रखे कि उसके लिए आप ऐसे शिक्षकों का चयन करें और उन्हें अपने यहाँ पढ़ाने के लिए मनाये जो बच्चों को सबसे बेहतर तरीके से समझा सके। ऐसे शिक्षकों का चुनाव करने से आपको भी बहुत लाभ होगा और बच्चों को भी और देखते ही देखते आपके कोचिंग सेंटर की ख्याति बढ़ती चली जाएगी।

कोचिंग सेंटर की फीस (Coaching center ki fees)

अब जब सब चीज़ हो गयी हैं और शिक्षक की भर्ती भी हो चुकी हैं तो अब आपको अपने कोचिंग सेंटर पर लगने वाली फीस के बारे में स्थिति साफ करनी चाहिए। अब आपके यहाँ कोई एक तरह का कोर्स तो करवाया नही जाएगा और ना ही किसी एक तरह के भाषा वाले माध्यम को करवाया जाएगा। साथ ही कोई छात्र किसी विषय को पढ़ने आएगा तो कोई पूरा कोर्स करना चाहेगा। ऐसे में सभी की आवश्यकताएं अलग अलग होगी और आपको भी उसी के अनुसार ही अपनी फीस का निर्धारण करना चाहिए।

इसके लिए आपको सभी तरह की चीजों का ध्यान रखना होगा जैसे कि एक कक्षा में कितने बच्चे बैठेंगे और उनकी फीस के अनुसार शिक्षक को कितना वेतन मिलेगा, वहां लाइट पंखे का क्या खर्चा होगा, नोट्स में कितना पैसा लगेगा और फिर इन सभी को काटने के बाद फीस में आपका कितना लाभ बनेगा। तो इस तरह से इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए आपको फीस निर्धारित करनी होगी और उसे एक बोर्ड पर छपवा कर चिपकाना होगा ताकि किसी के भी मन में किसी तरह की शंका शेष ना रह जाए।

कोचिंग सेंटर का टाईमटेबल बनाना (Coaching center ka timetable banana)

अब आपको अपने कोचिंग सेंटर के लिए एक निर्धारित टाईमटेबल व शैड्यूल बनाने की भी जरुरत है। जब तक आप यह सही से सेट नही कर लेते हैं तब तक आपके कोचिंग सेंटर में खिचड़ी ही पकती रहेगी। इसलिए यह बहुत जरुरी हो जाता हैं कि आप सभी तरह के कोर्स, विषय व कक्षाओं के लिए एक प्रॉपर टाइम टेबल बना ले और ध्यान रखे कि यह किसी अन्य विषय या कक्षा से क्लैश ना कर रही हो।

कोचिंग सेंटर का टाईमटेबल बनाते समय आपको कई बातो को ध्यान में रखना होगा जैसे कि आप यह कैसे के पाएंगे और इसे बनाते समय किसी टीचर या कक्षा को आपस में क्लैश ना होना पड़े। इसलिए बहुत ही ध्यान से और बारीकी से आपको यह टाईमटेबल सेट करना होगा तभी आप एक सही और सफल कोचिंग सेंटर चला पाएंगे।

कोचिंग सेंटर बिज़नेस में निवेश करना (Coaching center business investment)

आप जब कोचिंग सेंटर खोलने पर काम कर रहे होंगे तो आपको हर समय कहीं ना कहीं पैसो की आवश्यकता पड़ती रहेगी। फिर चाहे आपके पैसे किसी शिक्षक को रखने में लगे या उसके प्रमोशन में या बच्चों को आकर्षित करने में या क्लासरूम को डिजाईन करने में या किसी अन्य चीज़ में लेकिन आपके पैसे तो लगेंगे ही लगेंगे। अब यह पैसे कितने लगने वाले हैं या पूर्ण रूप से इस बात पर निर्भर करता हैं कि आप किस तरह का और कितना बड़ा कोचिंग सेंटर खोलने जा रहे हैं।

सामान्य रूप से यदि जगह की खरीद का खर्चा हटा दिया जाए तो इसमें आपको 5 से 10 लाख रुपए का शुरूआती निवेश करना पड़ सकता हैं। हालाँकि आपको अपने कोचिंग सेंटर को चलाने के लिए शुरूआती तौर पर ही पैसे खर्च करने की आवश्यकता होगी। इसके बाद का सारा काम आप छात्रों के द्वारा मिल रही फीस से कर सकते हैं और लाभ भी कमा सकते हैं।

कोचिंग सेंटर का लाइसेंस लेना (Coaching center ka registration kaise kare)

अब यदि आप एक छोटा सा कोचिंग सेंटर खोलने जा रहे हो या बहुत बड़ा। यदि आप उसको खोलने से पहले उसका रजिस्ट्रेशन करवा कर उसका लाइसेंस ले लेंगे तो यह आपके लिए बहुत ही लाभदायक रहने वाला हैं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जिन कोचिंग सेंटर का लाइसेंस नही बना होता हैं उन पर छात्र आने से झिझकते हैं और जल्दी से वह कोचिंग सेंटर ज्वाइन नही करते हैं।

इसलिए आप इस बात का ध्यान रखे कि आप कोचिंग सेंटर खोलने से पहले उसका सरकारी वेबसाइट या कार्यालय में जाकर पंजीकरण करवा ले ताकि आपको जल्द से जल्द उसका लाइसेंस मिल सके। लाइसेंस मिलने के बाद आप आसानी से अपना कोचिंग सेंटर खोल पाएंगे।

कोचिंग सेंटर का प्रचार करना (Coaching center ka promotion karna)

अब जब आप अपना कोचिंग सेंटर खोलने जा रहे हैं तो उसका सही तरीके से प्रचार किया जाना भी परम आवश्यक हो जाता हैं और इसके लिए चाहिए होती हैं एक सही प्रचार नीति। यदि आप बिना किसी नीति के प्रचार करने लग जाएंगे तो इससे आगे चलकर आपको ही नुकसान उठाना पड़ेगा। इस बात का ध्यान रखे कि आपके शहर में या आसपास के लोगों के बीच आपके कोचिंग सेंटर की शुरूआती छवि अच्छी बने और वे इससे प्रभावित हो।

यदि आप ऐसा कर पाने में सक्षम होते हैं अवश्य ही आपका कोचिंग सेंटर चलने लगेगा। इसके लिए आप शुरूआती कुछ छात्रों को या पहले 100 छात्रों को छूट या ऑफर दे सकते हैं। जो छात्र निर्धन है और उनके पास पढ़ने के कम पैसे हैं तो आप उनके लिए भी एक अलग व्यवस्था कर सकते हैं। इसके साथ ही जहाँ छात्र ज्यादा संख्या में आते जाते हो वहां पर आप अपने कोचिंग सेंटर से संबंधित पम्फलेट, पोस्टर या स्टीकर बाँट सकते हैं या चिपका सकते हैं।

तो एक तरह से अपने कोचिंग सेंटर का प्रचार करने के एक नही बल्कि कई माध्यम हैं और आप इसके लिए कई तरह के तरीके अपना सकते हैं। इस बात का पूरा ध्यान रखे कि आप प्रचार करने के साथ साथ यह भी बताये कि आप अपने यहाँ किन किन विषय या कोर्स को कितने समय में और कितने पैसो में करवा रहे हैं। साथ ही अपने कोचिंग सेंटर की संपर्क जानकारी भी लिखे ताकि किसी को यदि आपसे संपर्क करना हुआ हो तो वह आसानी से आपसे संपर्क कर सके।

कोचिंग सेंटर खोलने के फायदे (Coaching center kholne ke fayde)

अब सबसे अंतिम और मुख्य बात जो हैं कोचिंग सेंटर खोलने के बाद होने वाली कमाई पर। तो यहाँ आप यह जान ले कि एक व्यक्ति कोचिंग सेंटर से महीने का 50 हजार भी कमा सकता हैं और 5 लाख भी। यह पूर्ण रूप से इस बात पर निर्भर करता हैं कि उसके द्वारा चलाया जा रहा कोचिंग सेंटर कितना प्रसिद्ध हो चुका हैं या छात्रों के बीच उसकी क्या छवि हैं। यह वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों की गुणवत्ता (Coaching center benefits in Hindi) तथा छात्रों के परिणाम पर भी निर्भर करता हैं।

तो आप इस बात की चिंता छोड़ दे कि आपके द्वारा कोचिंग सेंटर खोलने जाने पर आपकी कितनी कमाई हो सकती हैं। आप बस इस बात का ध्यान रखे कि आप अपने यहाँ अच्छे से कोचिंग करवाए और बेहतर शिक्षकों को रखें ताकि उनकी सहायता से बच्चों का परिणाम शत प्रतिशत आ सके। यदि आप ऐसा कर पाने में सक्षम होते हैं तो फिर देखते ही देखते आपके कोचिंग सेंटर की ख्याति बढ़ती चली जाएगी और आपकी कमाई आसमान छूने लगेगी।

कोचिंग सेंटर कैसे खोले – Related FAQs

प्रश्न: कोचिंग सेंटर की मार्केटिंग कैसे करें?

उत्तर: कोचिंग सेंटर की मार्केटिंग करने के लिए अपने शहर या आसपास की जगह पर उससे जुड़े पोस्टर बांटे और स्टीकर चिपकाये।

प्रश्न: कोचिंग संस्थान खोलने के लिए कितना निवेश चाहिए?

उत्तर: कोचिंग संस्थान खोलने के लिए 5 से 10 लाख का निवेश चाहिए।

प्रश्न: ट्यूशन के लिए छात्रों को कैसे आकर्षित करें?

उत्तर: ट्यूशन के लिए छात्रों को आकर्षित करने के लिए आपको सही शिक्षक रखने होंगे और एक सही मार्केटिंग स्ट्रेटेजी अपनानी होगी।

प्रश्न: मैं भारत में कोचिंग संस्थान कैसे शुरू कर सकता हूं?

उत्तर: यदि आपको भारत देश में कोचिंग संस्थान खोलना हैं तो उसके लिए पहले सरकारी विभाग में पंजीकरण करवाए और उसके बाद अपना कोचिंग संस्थान खोले।

तो इस तरह से आज आपने जाना कि किस तरीके से आप अपना खुद का कोचिंग सेंटर खोल सकते हैं और उसके लिए आपको क्या कुछ करना पड़ेगा। अंत में इस बात का अवश्य ध्यान रखे कि कोचिंग सेंटर का काम सीधे तौर पर छात्रों के भविष्य से जुड़ा हुआ होता हैं। इसलिए इसे केवल कमाई का जरिया ही ना माने बल्कि समाज सेवा का कार्य भी माने। यदि आपके मन में ऐसे भाव होंगे तो आपका भी कोचिंग सेंटर अच्छा चलेगा और छात्र भी आपका सम्मान करेंगे।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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