सीसीआई क्या है? भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के उद्देश्य, कार्य, अध्यक्ष | गूगल पर सीसीआई की कार्रवाई

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भारतीय बाजार में बहुत सी कंपनियां वस्तुओं एवं सेवाओं का कारोबार कर रही हैं। आपने पाया होगा कि बार ये कंपनियां लाभ उठाने के लिए उपभोक्ता हितों को नजरअंदाज कर देती हैं। ऐसे में उनके हितों की रक्षा का जिम्मा सीसीआई (CCI) उठाता है। वह उपभोक्ता हितों को ताक पर रखने वाली कंपनियों के खिलाफ कदम उठाता है। उन पर नियमानुसार कार्रवाई करता है।

यह सीसीआई क्या है? यह क्या करता है? गूगल के खिलाफ किस कार्रवाई से हाल ही में चर्चा में रहा है? जैसे आपके अनेक सवालों का जवाब आज हम आपको इस पोस्ट में देने का प्रयास करेंगे। आपको बस इस पोस्ट को शुरू से अंत तक ध्यान से पढ़ते जाना है। आइए, शुरू करते हैं-

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सीसीआई क्या है? (What is CCI?)

सबसे पहले यह समझ लेते हैं कि सीसीआई (CCI) क्या है? दोस्तों, सीसीआई (CCI) की फुल फॉर्म कंपीटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (competition commission of India) है। इसे हिंदी में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग भी पुकारा जाता है। हमारे देश की संसद (parliament) द्वारा आज से करीब 19 वर्ष पूर्व 13 जनवरी, 2003 को प्रतिस्पर्धा अधिनिमय 2002 (competition act-2002) को लागू किया गया था। इसके बाद इसी साल यानी 2003 में ही 14 अक्तूबर को केंद्र सरकार (Central government) ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की स्थापना की। आपको बता दें कि इस आयोग में एक अध्यक्ष एवं छह सदस्य होते हैं। फिलहाल यह आयोग पूरी तरह कार्यशील (working) है।

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सीसीआई की स्थापना का क्या उद्देश्य है? (What is the objective of establishing CCI?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि इस आयोग की स्थापना का उद्देश्य भारत के आर्थिक विकास (economic development) के दृष्टिगत बाजार (market) में स्वच्छ प्रतिस्पर्धा (healthy competition) को बढ़ावा देना है, ताकि उपभोक्ता (customers) की वस्तुओं एवं सेवाओं (products and services) तक प्रतिस्पर्धी कीमतों (competitive price) पर पहुंच सुगम हो सके। इसके अतिरिक्त इसके निम्नलिखित उद्देश्य हैं-

  • उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा।
  • बाजार में कंपीटीशन यानी प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन देना एवं उसे कायम रखना।
  • प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली पद्धतियों पर रोक लगाना।
  • भारतीय बाजार में अन्य प्रतिभागियों द्वारा किए जाने वाले व्यापार की आजादी को सुनिश्चित करना।

प्रतिस्पर्धा आयोग के पास क्या क्या शक्तियां हैं? (What powers do competition commission have?)

दोस्तों, आइए अब जान लेते हैं कि प्रतिस्पर्धा आयोग के पास कौन सी शक्तियां हैं, जिनसे उपभोक्ता हितों की रक्षा होती है। ये इस प्रकार से हैं-

  • मामले की जांच के दौरान प्रतिस्पर्धा आयोग एक पार्टी को प्रतिस्पर्धा विरोधी समझौते अथवा स्थिति के दुरुपयोग से रोककर अंतरिम राहत (interim relief) प्रदान कर सकता है।
  • प्रतिस्पर्धा आयोग उद्यम के सकल कारोबार (gross business) का अधिकतम 10 फीसदी एवं कार्टेल के मामले में कार्टेल से प्राप्त लाभ की तीन गुना राशि बतौर जुर्माना (penalty) वसूल सकता है।
  • यदि कोई उद्यम शक्तिशाली स्थिति (powerful position) का लाभ उठा रहा है तो प्रतिस्पर्धा आयोग केंद्र सरकार को इसके विभाजन (devide) की संस्तुति (recommendation) कर सकता है।
  • प्रतिस्पर्धा आयोग जांच के पश्चात दोषी पाए जा जाने पर संबंधित उद्यम को प्रतिस्पर्धा विरोधी समझौते अथवा प्रमुख स्थिति के दुरुपयोग से दूर रहने एवं इसमें दोबारा प्रवेश न करने को कहा सकता है।

हाल ही में सीसीआई चर्चा में क्यों रहा है? (Why CCI has been in news recently?)

दोस्तों, यदि आप खबरों पर नजर रखते हैं तो आपने हाल ही में बहुत बार सीसीआई (CCI) का नाम सुना होगा। इसने गूगल (Google) पर 1337.76 करोड़ रुपए का जुर्माना ठोका है। गूगल पर एंड्राइड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम (Android mobile device ecosystem) के बाजार में मजबूत स्थिति (strong position) का गलत फायदा उठाने का आरोप लगाते हुए जुर्माना लगाया गया है। प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा कंपनी को अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने एवं बंद करने का भी निर्देश दिया गया है।

दोस्तों, आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। सीसीआई उस पर पहले भी ऐसी कार्रवाई कर चुका है। इसके साथ ही अन्य कई कंपनियों के खिलाफ उसने समय समय पर कार्रवाई की है। मसलन, 21 जून, 2012 को एक कड़ा कदम उठाते हुए सीसीआई ने 11 सीमेंट कंपनियों पर 6 हजार करोड़ का जुर्माना लगाया था। ये कंपनियां व्यापार संघ बनाकर कीमत निर्धारण (price fixation) की दोषी पाई गई थीं। इससे सीमेंट उपभोक्ताओं (cement consumers) का हित सीधे सीधे प्रभावित हो रहा था।

अभी तक सीसीआई में कितने मामले दर्ज किए गए हैं? (How many cases have been registered in CCI till now?)

आइए दोस्तों, अब आपको जानकारी देते हैं कि सीसीआई में कितने मामले दर्ज किए गए हैं। साथियों, 31 मार्च, 2023 तक दर्ज किए गए आंकड़ों के अनुसार सीसीआई में कुल 1182 मामले दर्ज किए गए थे। सीसीआई का निस्तारण प्रतिशत बहुत अच्छा करीब 89 प्रतिशत रहा है। इनमें से 1057 निस्तारित किए जा चुके थे।

केवल 124 निस्तारण के लिए बाकी रह गए थे। ये सभी मामले एंटीट्रस्ट (antitrust) के थे। यदि कांबिनेशन (combination) मामलों की बात करें तो आयोग के पास कुल 916 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से 908 का निस्तारण किया जा चुका था। इन केसों का निस्तारण प्रतिशत 99 प्रतिशत रहा।

आवश्यकता पड़ने पर सीसीआई से संपर्क कैसे करें? (How contact to CCI in case of any need?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि वर्तमान में सीसीआई के अध्यक्ष यानी चेयरमैन (chairman) अशोक कुमार गुप्ता हैं। यदि आप सीसीआई से संपर्क करना चाहते हैं तो कोई और आपके पास इसका कोई पता नहीं तो चिंता न करें, हम आपको इस संबंध में सारी डिटेल्स देंगे।

आपको बता दें कि आप सीसीआई तक यदि फोन के जरिए पहुंचना चाहते हैं तो आप 011-24664100 पर कॉल (call) कर सकते हैं। यदि आप फैक्स (fax) करना चाहते हैं तो इसके लिए 011-20815022 नंबर का इस्तेमाल कर सकता है। यदि आप सीसीआई के दफ़्तर जाना चाहते हैं तो उसका पता है-

सीसीआई
9 फ्लोर, ऑफिस ब्लॉक-1
किदवई नगर ईस्ट
नई दिल्ली-110023

उपभोक्ताओं के साथ किस किस प्रकार की ठगी की जाती है? (What type of frauds are done with consumers?)

मित्रों, जान लीजिए कि सीसीआई तो केवल बाजार में प्रतिस्पर्धा पर अनुचित प्रैक्टिस (unfair practices) पर रोक लगाता है, लेकिन यदि बात उपभोक्ताओं की करें तो उनसे कई प्रकार की ठगी की जाती हैं। ठग नए नए तरीके ईजाद करते हैं। जैसे-हाल ही में एक ग्राहक ने एक ई-कामर्स कंपनी से लैपटाप आर्डर किया तो उसे पत्थर भेज दिया गया। कुछ समय पूर्व एक उपभोक्ता ने मोबाइल फोन आर्डर किया तो उसे साबुन भेज दिया गया। उपभोक्ताओं को कई बार उत्पाद के बारे में झूठे दावे (fake claims) करके ठगा जाता है तो कई बार उन्हें बेचे गए उत्पादों पर से प्राइस टैग (price tag) हटा दिया जाता है।

कई बार ऐसा भी होता है कि एक प्राइस टैग के ऊपर दूसरा प्राइस टैग चिपका दिया जाता है। यह अलग बात है कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उपभोक्ता संरक्षण आयोग कार्य कर रहा है। यहां से उपभोक्ताओं से जुड़े मामलों में उपभोक्ताओं को खास तौर पर राहत मिलने की संभावना रहती है।

खराब उत्पाद बेचे जाने, उपभोक्ता सेवाओं में कमी पाए जाने जैसे कई मामलों में उत्पादकों, उत्पाद विक्रेताओं को सजा, जुर्माना का फैसला सुनाया गया है। यह अलग बात है कई जगह कोरम पूरा न होने की वजह से आयोग के पास मुकदमों का ढेर रहता है और मामलों की जल्द सुनवाई में दिक्कत आती है।

उपभोक्ताओं के क्या क्या अधिकार हैं? (What are the rights of consumers?)

मित्रों, यह आप जान ही गए हैं कि सीसीआई उपभोक्ता हितों को संरक्षित करने का प्रमुख उद्देश्य रखता है। ऐसे में यह जानना भी प्रासंगिक होगा कि एक उपभोक्ता के क्या क्या अधिकार होते हैं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के जरिए इन अधिकारों को विस्तार से समझाया गया है। एक नजर में देखें तो ये अधिकार इस प्रकार से हैं-

  • सुरक्षा का अधिकार (right of safety)
  • चयन का अधिकार (right is selection)
  • सूचित किए जाने का अधिकार (right to get information)
  • सुनवाई का अधिकार (right of hearing)
  • प्रतितोष पाने का अधिकार (right to get claim)
  • उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार (right to get consumer education)

भारत में उपभोक्ता कितने जागरूक हैं? (How aware are the consumers in india?)

दोस्तों, हम उपभोक्ता हितों की बात कर रहे हैं तो यह जानना भी समीचीन होगा कि हमारे देश में उपभोक्ता कितने जागरूक हैं? यदि पश्चिमी देशों (western countries) के मुकाबले तुलना (compare) करें तो यह साफ माना जा सकता है कि अभी तक हमारे यहां के उपभोक्ता बहुत जागरूक नहीं हैं। यही वजह है कि हमारे यहां केंद्र एवं राज्य सरकारों (Central and State governments) की ओर से समय समय पर उपभोक्ता जागरूकता अभियान (consumer awareness campaign) चलाए जाते हैं। एक अभियान ‘जागो ग्राहक जागो’ भी है, जो बेहद लोकप्रिय (popular) रहा है।

आपको जानकारी दे दें दोस्तों कि उपभोक्ताओं को जागरूक करने के उद्देश्य से ही भारत में 24 दिसंबर को उपभोक्ता दिवस (consumer day) मनाया जाता है। यही वह दिन था, जब उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 (consumer protection act-1986) को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकार किया गया था। इसके अलावा उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के नजरिए से हर साल 15 मार्च को उपभोक्ता अधिकार दिवस (consumer rights day) मनाया जाता है।

दोस्तों, सरकारों के अलावा विभिन्न गैर सरकारी संगठन (NGO) भी उपभोक्ताओं को जागरूक करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। वे बताते हैं कि उपभोक्ता अपने हितों के लिए कैसे लड़ाई कर सकते हैं? कहां शिकायत कर सकते हैं? कैसे शिकायत कर सकते हैं? आदि।

सीसीआई की फुल फार्म क्या है?

सीसीआई की फुल फार्म कंपीटीशन कमीशन ऑफ इंडिया है।

सीसीआई को हिंदी में क्या कहते हैं?

इसे हिंदी में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग कहते हैं।

सीसीआई का प्रमुख उद्देश्य क्या है?

इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता हितों की रक्षा करना है।

सीसीआई की स्थापना कब हुई?

सीसीआई की स्थापना आज से 19 साल पहले अक्तूबर, 2003 में हुई।

हाल ही में सीसीआई चर्चा में क्यों रहा है?

हाल ही में गूगल कंपनी पर बड़ा भारी जुर्माना लगाए जाने की वजह से यह बेहद चर्चा में रहा है।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में सीसीआई (CCI) के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट से आपके ज्ञान में बढ़ोत्तरी हुई होगी। यदि आप इसी प्रकार की जानकारीपरक पोस्ट हमसे चाहते हैं तो उसके लिए नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके अपनी बात हम तक पहुंचा सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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