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इंटरनेट ने जहां जिंदगी को आसान कर दिया है, आप तमाम सुविधाओं का लाभ घर बैठे उठा सकते हैं। वहीं, इसने कुछ मुश्किलें भी खड़ी की हैं। खास तौर पर उनके बैंक खाते आनलाइन ठगों के निशाने पर हैं। ऐसे केस बड़ी संख्या में सामने आ चुके हैं, जिनमें आनलाइन ठगों ने बैंक ग्राहकों का खाता साफ कर दिया।
हालांकि बैंकों की ओर से तमाम एडवाइजरी जारी कर ग्राहकों को आनलाइन ठगी से सुरक्षित रहने को कहा जाता है, लेकिन फिर भी वे नहीं चेतते। यदि आपके साथ भी आनलाइन ठगी हो गई है तो चुप मत बैठिए, अपनी किस्मत को मत कोसिए। इसकी शिकायत कीजिए। आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि आप आनलाइन ठगी की शिकायत कैसे कर सकते हैं। आइए, शुरू करते हैं-
आनलाइन ठगी कैसे होती है?
मित्रों, इससे पूर्व कि हम आपको आनलाइन ठगी की शिकायत कहां करें, इस संबंध में जानकारी दें, आपको बताते हैं कि लोग आनलाइन ठगी क्या एवं कैसे होती है। दरअसल, वे आपके बैंक एकाउंट (bank account) की डिटेल, पिन (PIN) एवं सीवीवी (CVV) हासिल कर आपके खाते में सेंध मार लेते हैं। आपके पैसे चुरा लेते हैं। इसे ही आनलाइन ठगी कहा जाता है।
यही वजह है कि अक्सर कहा जाता है कि अपने बैंक खाते की डिटेल्स, एटीएम पिन, क्रेडिट-डेबिट कार्ड पिन एवं पासवर्ड आदि किसी से भी शेयर नहीं करनी चाहिए। लेकिन यदि इसके बावजूद आप आनलाइन फ्राड के शिकार हो जाएं तो आपको सबसे पहले उसकी शिकायत करनी चाहिए।
आप आनलाइन ठगी की शिकायत कहां कर सकते है?
दोस्तों, आपको बता दें कि आप आनलाइन ठगी की शिकायत साइबर क्राइम पोर्टल (cyber crime portal) पर कर सकते हैं। इसका एड्रेस (address) https://cybercrime.gov.in/ है।
इसके अतिरिक्त जनता के हितों की सुरक्षा करने के लिए एवं उनको आनलाइन ठगी से बचाने के लिए गृह मंत्रालय (home ministry) ने हेल्पलाइन नंबर (helpline number) 155260 जारी किया है। इस हेल्प लाइन नंबर पर आप अपने साथ हुई साइबर धोखाधड़ी की शिकायत कर सकते हैं।
हेल्पलाइन नंबर पर आनलाइन ठगी की शिकायत प्रक्रिया क्या है?
मित्रों, अब हम आपको बताते हैं कि गृह मंत्रालय की ओर से लोगों को आनलाइन ठगी से बचाने के लिए हेल्पलाइन पर शिकायत की प्रक्रिया क्या है-
- 1. इसके लिए सबसे पहले आपको हेल्पलाइन नंबर पर काॅल करना होगा।
- 2. इसके पश्चात आपसे आपका नाम (name), मोबाइल नंबर (mobile number) एवं घटना (incident) की टाइमिंग पूछी जाएगी।
- 3. इसके पश्चात आपसे घटना की जानकारी संक्षेप में ली जाएगी।
- 4. अब आपकी इस शिकायत को संबंधित पोर्टल एवं उस बैंक, ई-कामर्स के डैशबोर्ड पर भेज दिया जाएगा।
- 5. पीड़ित के बैंक से भी संबंधित जानकारी साझा की जाएगी।
साइबर क्राइम पोर्टल पर आनलाइन ठगी शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया क्या है?
मित्रों, अब आपको बताते हैं कि आप साइबर क्राइम पोर्टल पर अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत कैसे दर्ज करा सकते हैं। इसकी एक आसान सी प्रक्रिया है, जो कि इस प्रकार से है-
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साइबर क्राइम रिपोर्ट वेबसाइट पर जाएं –
सबसे पहले https://cybercrime.gov.in/ पर जाएं। आप चाहें तो यहां क्लिक करके डायरेक्ट भी जा सकते हैं ।
फाइल ए कंप्लेंट ऑप्शन पर क्लिक करें –
यहां आपको ‘file a complaint’ के option पर click करना होगा।
नियम एवं शर्तें पढ़ें –
इसके पश्चात आपके सामने अगला पेज (next page) खुल जाएगा। आपको यहां नियम व शर्तें स्वीकारनी होंगी।
यूजरनेम/मोबाइल नंबर भरे-
पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने से पहले आपको एक अकाउंट क्रिएट करना होगा । जिसके लिए आपको अपना एक यूजर नेम बनाना होगा और मोबाइल नंबर नीचे दिए गए बॉक्स में भरना होगा । मोबाइल नंबर भरने के पश्चात गेट ओटीपी बटन पर क्लिक करें । जिसके पश्चात आपके मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड आ जाएगा । जिससे आप यहां पर दिए गए बॉक्स में भरकर सबमिट बटन पर क्लिक करें ।
इंसीडेंट डिटेल्स भरे –
ओटीपी वेरिफिकेशन करने के पश्चात आप अपने अकाउंट में लॉगइन हो जाएंगे । जिसके पश्चात आपको हार के साथ घटित हुई घटना का विवरण भरना होगा । इसके लिए आपको यहां पर शिकायत की कैटेगरी sub-category घटना कहां घटित हुई आदि जानकारी भरना होगा ।
सपोर्टिंग एविडेंस डीटेल्स भरे –
कंप्लेंट की जानकारी भरने के साथ ही यदि आपके पास कोई एविडेंस है तो आपको यहां अपने एविडेंस की एक कॉफी अपलोड करना होगा। साथ ही आपको घटना के बारे में लिखना होगा।
अपना एड्रेस भरें –
नेक्स्ट स्टेप में आपको अपना रेजिडेंस ऐड्रेस भरने की आवश्यकता है, एड्रेस भरने के पश्चात सेव एंड नेक्स्ट बटन पर क्लिक करें ।
शिकायत करने वाले का विवरण भरें –
अगले स्टेट में आपको यह करना है कि शिकायत करने वाला एवं जिसके साथ दुर्घटना घटित हुई है उस से क्या संबंध है ।
शिकायत सबमिट करें –
सारी डिटेल्स भरने के पश्चात आप एक बार अपने सभी भरी गई जानकारी को चेक कर लें । जिसके पश्चात आप नीचे दिए गए एग्री कॉलम पट्टी करें और नीचे दिए गए कंफर्म एंड सबमिट बटन पर क्लिक करके अपनी शिकायत दर्ज कराएं ।
एप्लीकेशन नंबर नोट करें –
शिकायत दर्ज करने के पश्चात आपको एक एप्लीकेशन नंबर प्रदान किया जाएगा । ऑफिस एप्लीकेशन नंबर को किसी सुरक्षित दरगाह लिखकर रख ले । इस एप्लीकेशन नंबर के माध्यम से आप कभी भी अपनी शिकायत की स्थिति एवं की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।
लोगाें को आनलाइन ठगी से बचाने के लिए दिल्ली पुलिस एवं गृह मंत्रालय की पहल
मित्रों, आपको बता दें कि लोगों को आनलाइन ठगी से बचाने के लिए गृह मंत्रालय एवं दिल्ली पुलिस (Delhi police) की साइबर सेल (cyber cell) ने साथ मिलकर पहल की है। उसने साइबर क्राइम को-आर्डिनेशन (cyber crime co-ordination) का एक ऐसा पोर्टल तैयार किया है, जिस पर साइबर क्राइम मसलन आनलाइन ठगी के शिकार हुए लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं एवं उसका समाधान पा सकते हैं।
आपको बता दें कि यह एक इंटरकनेक्टेड प्लेटफाॅर्म (interconnected platform) है, जिसका नाम सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्राॅड रिपोर्टिंग सिस्टम (citizen financial cyber fraud reporting system) रखा गया है। इस सिस्टम से तकरीबन 55 बैंक, ई वालेट, पेमेंट गेटवेज (payment gateways) एवं ई कामर्स साइट्स जुड़ी हैं।
आठ राज्यों में 24 घंटे सातों दिन यह सुविधा उपलब्ध
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, असम, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु एवं छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में सातों दिन, 24 घंटे यह सेवा उपलब्ध है। किंतु अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में यह सेवा केवल सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक उपलब्ध है। यानी इन राज्यों में कुल आठ घंटे लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
हरियाणा के हांसी में पुलिस ने मोबाइल नंबर जारी किया –
आनलाइन ठगी से लोगों को बचाने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर भी प्रयास हो रहे हैं। इसी क्रम में हरियाणा राज्य के हांसी जिले में पुलिस ने आनलाइन ठगी के शिकार लोगों की शिकायत के लिए मोबाइल नंबर 9254477701 जारी किया है।
इस नंबर पर कोई भी शिकायतकर्ता अपनी शिकायत संबंधित दस्तावेजों के साथ व्हाट्सअप (WhatsApp) कर सकता है। पुलिस शिकायत मिलते ही कार्रवाई करेगी। साथ ही पैसा कटने पर रिकवरी का भी प्रयास करेगी।
आनलाइन फ्राड होने पर शिकायत के लिए इन दस्तावेजों की आवश्यकता
अब आपको बता दें कि पुलिस के पास आनलाइन फ्राड होने पर शिकायत के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता है। ये इस प्रकार से हैं-
- शिकायतकर्ता के बैंक एकाउंट की काॅपी। [Copy of the complainant’s bank account.]
- शिकायतकर्ता का पहचान पत्र। [Identity card of the complainant.]
- ट्रांजेक्शन का स्क्रीन शाॅट। [Screen shot of the transaction.]
- पैसे कटने का एसएमएस। [Money Deduction SMS.]
- आनलाइन फ्राॅड करने वाले का मोबाइल नंबर। [Mobile number of the online fraudster.]
आनलाइन ठगी से कैसे बचें?
दोस्तों, आनलाइन ठगी की बात करें तो इससे बचने के लिए यह मंत्र अपना लें कि सतर्कता ही बचाव है। इसके अलावा आनलाइन ठगी से बचने के लिए आपको निम्न सावधानी बरतनी होगी-
- इंटरनेट सतर्कता के साथ इस्तेमाल करें। कभी किसी संदेहात्मक लिंक पर क्लिक न करें।
- अपने बैंक खाते की डिटेल (bank account details), क्रेडिट/डेबिट कार्ड पिन, एटीएम (ATM) पिन, पासवर्ड, अपना ओटीपी आदि किसी के साथ साझा न करें।
- अपने फोन पर लाॅक (lock) लगाकर रखें। खास तौर पर उस फोन पर, जिसका नंबर आपके बैंक के साथ जुड़ा है।
- कभी किसी आनलाइन वाउचर (online voucher) अथवा गिफ्ट (gift) के लालच में न फंसें।
- बैंक के कस्टमर केयर (customer care) से बात करने के लिए उसकी आधिकारिक वेबसाइट (official website) का इस्तेमाल करें।
- गूगल सर्च (Google search) के दौरान कभी भी अपना मोबाइल नंबर न डालें। ठग इस नंबर का प्रयोग अपने उद्देश्य में कर सकते हैं।
आनलाइन ठगी के प्रकार [types of online fraud] –
इन दिनों आनलाइन ठगी इस कदर हो रही है कि लोग धीरे-धीरे इसके बारे में जानने समझने लगे हैं, लेकिन ठग हैं कि लोगों को ठगने के नए नए तरीके लेकर हाजिर होते हैं। अब आपको बताते हैं कि लोगों से किस किस प्रकार की ठगी हो रही है-
- -वर्क फ्राॅम होम (work from home) का झांसा देकर।
- -आनलाइन काम करने पर कमीशन (commission) का लालच देकर।
- -निवेश (investment) पर मोटा रिटर्न (heavy return) दिलाने के सपने दिखाकर।
- -आनलाइन शाॅपिंग (online shopping) पर वस्तु की कीमत से अधिक के रिटर्न (return) का झांसा देकर।
- -बैंक मैनेजर बनकर खाता अपडेट करने का बहाना करके।
- -लिंक पर क्लिक कर उपहार मिलने का झांसा देकर।
- -लाॅटरी निकलने की लालच देकर।
- -हाईटेक घरेलू उपकरणों को मसलन वाशिंग मशीन आदि को कम दामों में बेचने का झांसा देकर।
- -सि कार्ड (sim card) अथवा एकाउंट बंद होने का डर दिखाकर।
बगैर ओटीपी आए बैंक से पैसे साफ करने वाले गिरोह की मोडस आपरेंडी चैंकाने वाली
दिल्ली पुलिस ने विभिन्न राज्यों में छापेमारी कर हाल ही में एक ऐसे आनलाइन गिरोह का पर्दाफाश किया था, जिसमें वे ओटीपी भेजे बगैर ही लोगों के बैंक से पैसे साफ कर रहे थे। खास बात यह भी कि ये उन अपराधियों में शामिल थे, जिन्हें कोरोना काल में संक्रमण की आशंका में पैरोल पर छोड़ा गया था। पुलिस को इन्होंने अपनी मोडस आपरेंडी (Modus operandi) बताई तो वह चकित रह गई।
ये साइबर ठग जोड़-तोड़ के जरिये कुछ प्राइवेट बैंकों (private banks) से ग्राहकों की गोपनीय डिटेल हासिल करते थे। इसके बाद उनके मोबाइल नंबरों पर बल्क में मैसेज करते। जैसे कोई ऐसे में अनजाने में अपना बैंक ब्योरा फीड करता तो वे इस डिटेल से क्रेडिट कार्ड की डिटेल हासिल करते थे। बाद में इसके माध्यम से यह गिरोह पहले गिफ्ट वाउचर खरीदता था।
उसके बाद इनसे कीमती मोबाइल एवं अन्य सामान। फिर वे इस सामान को बेचते थे। इससे मिली रकम वे अपने बैंक खातों में जमा करते थे। बाद में एटीएम में जाकर कैश (cash) निकालते थे। कुछ ठग तो एजुकेशन वेबसाइट्स (education website) बनवाते थे। फिर इनके जरिये आम लोगों की खास डिटेल का इस्तेमाल उन्हें ठगने में करते थे।
शिक्षित लोग आनलाइन ठगी के सबसे ज्यादा शिकार हो रहे –
आपको बेशक यह सुनकर आश्चर्य लगे, लेकिन सच है। शिक्षित लोग आनलाइन ठगी के सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि बैंकिंग सेवाओं (banking services) का आनलाइन इस्तेमाल शिक्षित लोग ही अधिक करते हैं। आनलाइन ठगी के शिकारों में 80 फीसदी ऐसे लोग हैं।
इनमें इंजीनियर, डाॅक्टर, सरकारी कर्मचारी, रिटायर कर्मी, वकील नेता एवं यहां तक कि पुलिस अफसर एवं पुलिस कर्मी तक शामिल हैं। एनसीआरबी (NCRB) यानी नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (national crime records bureau) के आंकड़ों पर भरोसा करें तो उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक आनलाइन ठगी के मामले सामने आ रहे हैं।
इनमें भी प्रदेश के आठ जोन (zone) में उतर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ (lucknow) सबसे ऊपर है। इसके पश्चात क्राइम जिले के नाम से पहचान रखने वाले मेरठ (Meerut) का नाम शुमार है।
लाॅकडाउन में बढ़ा आनलाइन ठगी के आंकड़ों का ग्राफ
कोरोना महामारी की वजह से हर कोई त्रस्त रहा। देश भर में लगे लाॅकडाउन (lockdown) ने हजारों लोगों से उनकी नौकरी, कामधंधे छीन लिए। लोग बड़ी संख्या में बेरोजगार हुए। इसी बीच आनलाइन ठगी के आंकड़ों में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली। साइबर क्राइम सेल के जागरूकता अभियान का असर भी नाकाफी साबित हो रहा है।
सबसे अधिक मामले सोशल मीडिया, आनलाइन लेन देन एवं एटीएम क्लोनिंग से जुड़े
आनलाइन ठग सोशल मीडिया से लोगाें तक पहुंच उन्हें अपना आसान शिकार बना रहे हैं। फेसबुक (Facebook) को ही लें। किसी की प्रोफाइल को क्लोन (clone) कर उसके परिचितों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज पैसे मांगने का चलन पुराना हो चुका है। इसके अलावा किसी का एटीएम हासिल कर उसे क्लोन करने का चलन जोर पकड़ रहा है।
आनलाइन ट्रांजेक्शन (online transaction) के जरिये ठगी का शिकार बना देने का चलन भी अब पुराना हो रहा है। संबंधित बैंक भी अपने ग्राहकों को इस तरह की ठगी से दूर रहने की एडवाइजरी (advisory) जारी करते रहते हैं। उनके तरीकों से भी आगाह करते हैं। इसके बावजूद लोग आनलाइन ठगों के जाल में बड़ी संख्या में फंस रहे हैं।
पाॅश इलाकों से आनलाइन ठगी की शिकायतें अधिक आती हैं
मित्रों, साइबर क्राइम विश्लेषण (cyber crime analysis) में यह भी एक रोचक तथ्य सामने आया है कि आनलाइन ठगी की शिकायतें पाॅश इलाकों में स्थित काॅलोनियों से अधिक आती हैं। लखनऊ का ही उदाहरण लें। यहां कमिश्नरेट एवं लखनऊ ग्रामीण इलाकों में दर्ज केस अपनी कहानी खुद कहते हैं।
कमिश्नरेट के तीन जोन मध्य, पूर्वी एवं उत्तरी में स्थित पाॅश काॅलोनियों की बात करें। यहां मध्य जोन में ऐसी 313 शिकायतें आईं, जबकि पूर्वी जोन में आनलाइन ठगी के 408 मामले दर्ज किए गए। उत्तरी जोन में ऐसे 457 केस दर्ज हुए। इसके ठीक उलट दक्षिण एवं पश्चिमी जोन में केवल 93 एवं 199 मामले दर्ज किए गए।
ग्रामीण इलाके के पांच थानों में तो केवल 34 मुकदमे दर्ज हुए। इससे स्पष्ट है कि ग्रामीण इलाकों में अभी इस तरह के केस कम आ रहे हैं, जबकि साइबर ठगों के द्वारा उन्हें अपना शिकार आसानी से बना सकने की आशंका रहती हैं।
लोगों को आनलाइन ठगी से बचाने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से क्या हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है?
लोगों को आनलाइन ठगी से बचाने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया गया है।
24 घंटे यह सेवा कितने राज्यों में उपलब्ध है?
यह सेवा 24 घंटे केवल आठ राज्यों में उपलब्ध है। इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, असम, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ शामिल हैं।
अन्य राज्यों में यह सेवा कब कब उपलब्ध है?
अन्य राज्यों में सुबह 10 बजे से लेकर शाम छह बजे तक यह सेवा उपलब्ध रहेगी। यानी इन आठ घंटों में लोग हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत कर सकेंगे। केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भी यही समय निर्धारित किया गया है।
लोगों को आनलाइन ठगी से बचाने के लिए हेल्पलाइन की शुरूआत गृह मंत्रालय ने किसके सहयोग से की है?
हेल्पलाइन की शुरूआत गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के साथ मिलकर की है।
हेल्पलाइन के अलावा लोग कहां शिकायत कर सकते हैं?
हेल्पलाइन के अलावा लोग दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत कर सकते हैं।
दोस्तों, उम्मीद है आनलाइन ठगी की शिकायत कैसे करें? साइबर सेल में कंप्लेंट कैसे करें? आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। किसी भी तरह के साइबर क्राइम के शिकार होने की स्थिति में आप इस पोस्ट में दिए गए उपाय अपना सकते हैं। आप इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि अन्य लोग भी जागरूक हो सकें एवं गृह मंत्रालय की इस सुविधा का लाभ उठा सकें। ।।धन्यवाद।।
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