मौद्रिक नीति समिति क्या है? | मौद्रिक नीति समिति का गठन, संरचना व उद्देश्य

|| मौद्रिक नीति समिति क्या है? | What is Monetary Policy Committee in Hindi | How was the Monetary Policy Committee formed | मौद्रिक नीति समिति की संरचना | Structure of the Monetary Policy Committee in Hindi | मौद्रिक नीति समिति का उपयोग क्या है | Composition of Monetary Policy Committee in Hindi ||

What is Monetary Policy Committee in Hindi :- हमारे भारत देश में बेंचमार्क की ब्याज की दरों को तय करने के लिए मौद्रिक नीति समिति का उपयोग किया जाता है। एक साल में कम से कम चार बार मौद्रिक नीति समिति की बैठकें आयोजित की जाती (What is the use of monetary policy committee) हैं और हर एक बैठक के बाद यह समिति अपने नए नियम को प्रस्तुत करती है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति अपनी अलग अलग राय को साझा करता है।

यह समिति 6 लोगों के समूह से मिल कर बनी होती है। इस समूह में भारतीय रिजर्व बैंक के तीन अधिकारी और भारत सरकार द्वारा नामित तीन बाहरी सदस्य शामिल होते हैं। इन सदस्यों को बिल्कुल गोपनीय ही रखा जाता (Monetary Policy Committee Procedure) है। इन सदस्यों को दर निर्णय लेने के सात दिन पहले से और निर्णय होने के बाद में इन्हें एक नियम का पालन करना आवश्यक होता है, जिसे “साइलेंट पीरियड” नियम कहा जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर मौद्रिक नीति समिति के अध्यक्ष होते हैं।

इस समिति का हाल ही मे लिया गया जनादेश 31 मार्च 2026 तक 6% की ऊपरी सहनशीलता और 2% की कम सहनशीलता के साथ 4% वार्षिक मुद्रास्फीति बनाए रखना (How was the Monetary Policy Committee formed) है। मौद्रिक नीति समिति का गठन भारत की केंद्र सरकार द्वारा किया गया है औरइस समिति का नेतृत्व आरबीआई के गवर्नर के द्बारा किया जाता है।

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मौद्रिक नीति समिति का गठन कैसे किया गया? (How was the Monetary Policy Committee formed in Hindi)

सबसे पहले मौद्रिक नीति समिति के गठन के लिए उर्जित पटेल समिति ने पांच सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति का विचार प्रस्तावित किया था। जिसके बाद भारत सरकार ने इसी पांच से हटा कर सात सदस्यीय समिति के गठन का प्रस्ताव रखा। एमपीसी को नीति के निर्माण में रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति विभाग (एमपीडी) द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। 27 जून 2016 को मौद्रिक नीति समिति अस्तित्व में आई। वित्तीय बाजार संचालन विभाग (एफएमओडी) मुख्य रूप से दिन-प्रतिदिन के तरलता प्रबंधन कार्यों के माध्यम से मौद्रिक नीति का संचालन करता है।

मौद्रिक नीति समिति क्या है?

मौद्रिक नीति समिति का उपयोग क्या है (What is the use of monetary policy committee in Hindi)

मौद्रिक नीति समिति के भारत में कई तरह के उपयोग हैं जो कि निम्न प्रकार से हैं।

  • मौद्रिक नीति समिति, भारत देश के मौद्रिक अथॉरिटी के द्वारा भारत देश की अर्थव्यवस्था में धन की आपूर्ति करने की एक विनियमित प्रक्रिया है।
  • मौद्रिक नीति के द्वारा भारत सरकार विदेशी मुद्रा के साथ अपने एक्सचेंज दरों को बनाए रखने व देश की मूल्य स्थिरता को बनाए रखने के लिए मुद्रास्फीति दरों या ब्याज दरों को अद्जेस्ट करती है।
  • हमारे भारत देश का केन्द्रीय बैंकिंग अथॉरिटी भारतीय रिजर्व बैंक है, यह देश की केंद्र सरकार के देवेलोप्मेंट्स एजेंडे के साथ मिलकर मौद्रिक नीति समिति को नियंत्रित करता है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक के 1934 अधिनियम के तहत भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति बनाने के लिए औथोरिज़ेद है।
  • मौद्रिक नीति समिति को ज्यादातर भारत की राजकोषीय नीतियों से अलग देखा जाता है जो कि सरकार के द्वारा किये गये खर्चों और उधारी के मामलों से संबंधित होता है और मौद्रिक नीति समिति संकुचनकारी या विस्तारवादी होती है।
  • जब देश मे धन की वृद्धि कम और धीमी गति से होती है तो उसे संकुचन नीति कहा जाता है व यही वृद्धि अगर तेज गति से हो तो इसे विस्तारवादी नीति कहा जाता है।

मौद्रिक नीति समिति की संरचना (Structure of the Monetary Policy Committee in Hindi)

  • भारत की केंद्र सरकार के द्वारा मौद्रिक नीति समिति (MPC) का निर्माण भारतीय रिजर्व बैंक के अधिनियम 1934 की धारा 45ZB के अनुसार किया गया था। 3 अक्टूबर 2016 को मुंबई में मौद्रिक नीति समिति की पहली एमपीसी बैठक आयोजित की गई थी।
  • यह समिति देश के लिए आवश्यक नीतिगज ब्याज दरों को निर्धारित करके इन्फ्लेशन लक्ष्य को प्राप्त करती है।
  • एक साल में कम से कम चार बार मौद्रिक नीति समिति की बैठक होना बहुत आवश्यक होता है।
  • मौद्रिक नीति समिति में चार कोमर सदस्यों की बैठक होती है।
  • मौद्रिक नीति समिति के हर एक सदस्य का अपना एक अलग मत होता है और हर मत के बराबर होने पर, राज्यपाल के पास निर्णायक मत होता है।

मौद्रिक नीति समिति के उपकरण (Instruments of Monetary Policy in Hindi)

मौद्रिक नीति को लागू करने के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों साधनों का उपयोग किया जाता है।

  • रेपो रेट
  • रिवर्स रेपो रेट
  • चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ)
  • सीमांत स्थायी सुविधा (MSF)
  • कॉरिडोर
  • बैंक दर
  • नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर)
  • वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर)
  • ओपन मार्केट ऑपरेशंस (ओएमओ)
  • बाजार स्थिरीकरण योजना (एमएसएस)

मौद्रिक नीति समिति का संघटन (Composition of Monetary Policy Committee in Hindi)

वर्तमान में मौद्रिक नीति समिति का संघटन निम्न लोगों से मिल कर बना हुआ है।

  • अध्यक्ष – शक्तिकांत दास (भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर)
  • माइकल देब्रत पात्रा (मौद्रिक नीति के प्रभारी बैंक के डिप्टी गवर्नर)
  • राजीव रंजन (मौद्रिक नीति के प्रभारी बैंक के कार्यकारी निदेशक)
  • आशिमा गोयल वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य हैं। सुश्री गोयल मुंबई में इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च में प्रोफेसर हैं और येल विश्वविद्यालय में विजिटिंग फेलो थीं।
  • शशांक भिडे नई दिल्ली स्थित थिंक-टैंक नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च में एक वरिष्ठ सलाहकार हैं, जिनके काम में कृषि, गरीबी विश्लेषण और मैक्रोइकॉनॉमिक्स में शोध शामिल है।
  • जयंत वर्मा भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद में वित्त और लेखा प्रोफेसर हैं। वह पूर्व में देश के पूंजी बाजार नियामक के बोर्ड में थे।

ऊपर दर्शाए गये व्यक्तियों में 4 से 6 तक संदर्भित सदस्यों की नियुक्ति की तिथि से चार वर्ष की अवधि तक ही पद पर रहेंगे जबकि अन्य तीन सदस्य आधिकारिक हैं। इसमें केंद्र सरकार का कोई भी नामित व्यक्ति पुनर्नियुक्ति के योग्य नहीं होता है।

मौद्रिक नीति के उद्देश्य (Objectives of Monetary Policy in Hindi)

हामरे भारत देश में रुपए की उचित मूल्य स्थिरता को बनाए रखने , देश के युवाओं को उच्च रोजगार प्राप्त करवाने और देश को तेज आर्थिक विकास दर प्रदान करने के लिए देश में मौद्रिक नीति लागू की गई थी। मौद्रिक नीति के प्रमुख चार उद्देश्यों का उल्लेख निम्न प्रकार से है।

  • देश के व्यापार चक्र को स्थिर बनाए रखने के लिए।
  • देश के रुपए को उचित मूल्य स्थिरता प्रदान करने के लिए।
  • तेजी से आर्थिक विकास प्रदान करने के लिए।
  • विनिमय दर स्थिरता के लिए।

मौद्रिक नीति समिति की प्रक्रिया (Monetary Policy Committee Procedure in Hindi)

  • मौद्रिक नीति मतदान/निर्णय बैठकों का कार्यक्रम पूरे एक वित्तीय वर्ष के लिए घोषित किया जाता है।
  • सदस्यों को इस समिति की बैठक के लिए सामन्यता कम से कम पन्द्रह दिनों का नोटिस दिया जाता है। अगर आपातकालीन बैठक बुलाने की स्थिति सामने आती है तो तो इस समिति के प्रत्येक सदस्य को बैठक में आने के लिए कम से कम 24 घंटे का नोटिस दिया जाता है।
  • समिति द्वारा ही मौद्रिक नीति बैठकों की अवधि को तय किया जाता है। एमपीसी की बैठक संपन्न होने के बाद नीति संबंधी संकल्प सार्वजनिक रूप से जारी किये जाते हैं और यह काम वित्तीय बाजारों के कामकाज और समय को ध्यान में रखते हुए किया जाता है।
  • मौद्रिक नीति को तैयार करने में एमपीसी की सहायता, रिज़र्व बैंक का मौद्रिक नीति विभाग करता है। 
  • मौद्रिक नीति समिति की हर बैठक के खत्म होने के बाद उस समिति द्वारा अपनाए गए संकल्प को बैंक द्वारा सभी को बताया जाता है। इस संकल्प में नीतिगत रेपो दर पर मौद्रिक नीति समिति का निर्णय शामिल होता है।
  • मौद्रिक नीति समिति की हर बैठक के 14वें दिन, एमपीसी की कार्यवाहियों के कार्यवृत्त प्रकाशित किए जाते हैं।

मौद्रिक नीति समिति क्या है – Related FAQs

प्रश्न: मौद्रिक नीति समिति का क्या मतलब है?

उत्तर: मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक नीतिगत रेपो दर निर्धारित करती है। मौद्रिक नीति समिति को एक वर्ष में कम से कम चार बार मिलना आवश्यक है। मौद्रिक नीति समिति की बैठक के लिए कोरम चार सदस्यों का होता है।

प्रश्न: मौद्रिक नीति समिति का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: मौद्रिक नीति समिति (MPC) केंद्र सरकार द्वारा गठित एक समिति है और जिसका नेतृत्व भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर करते हैं। विशेष लक्ष्य स्तर के भीतर मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए बेंचमार्क नीति ब्याज दर (रेपो दर) तय करने के मिशन के साथ मौद्रिक नीति समिति का गठन किया गया था।

प्रश्न: आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति क्या है?

उत्तर: मौद्रिक नीति समिति भारत में बेंचमार्क ब्याज दर तय करने के लिए जिम्मेदार है। मौद्रिक नीति समिति की बैठकें वर्ष में कम से कम चार बार आयोजित की जाती हैं (विशेष रूप से, कम से कम एक तिमाही में एक बार) और यह ऐसी प्रत्येक बैठक के बाद अपने निर्णय प्रकाशित करती है।

प्रश्न: एमपीसी का गठन क्यों किया गया?

उत्तर: मौद्रिक नीति समिति रेपो दर, रिवर्स रेपो दर, तरलता आदि में सुधार के लिए एक पहल है। आरबीआई मौद्रिक नीति समिति निम्नलिखित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए नीतिगत ब्याज दर निर्धारित करती है। उचित मूल्य स्थिरता प्रदान करें।

प्रश्न: मौद्रिक नीति के पांच उद्देश्य क्या हैं?

उत्तर: मौद्रिक नीति के लक्ष्य इसके उद्देश्यों को संदर्भित करते हैं जैसे उचित मूल्य स्थिरता, उच्च रोजगार और आर्थिक विकास की तेज दर। मौद्रिक नीति के लक्ष्य ऐसे चरों को संदर्भित करते हैं जैसे बैंक ऋण की आपूर्ति, ब्याज दर और धन की आपूर्ति।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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