|| Computer engineer kaise bane, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने, 12वीं के बाद कंप्यूटर इंजीनियर कैसे बने? कंप्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा, कंप्यूटर इंजीनियर की सैलरी, कंप्यूटर इंजीनियर क्या होता है, कंप्यूटर इंजीनियर कोर्स, कंप्यूटर इंजीनियरिंग की फीस कितनी है, कंप्यूटर इंजीनियरिंग जॉब्स ||
क्या क्या आप कंप्यूटर इंजिनियर बनने के बारे में सोच रहे हैं? दरअसल आजकल कंप्यूटर इंजिनियर का बोलबाला हैं और वही हर क्षेत्र में मांग (Computer engineer kaise bante hain) में भी हैं। जिस प्रकार आजकल तकनीक हर क्षेत्र में आ चुकी हैं और हम चारों ओर से तकनीक से ही घिरे हुए हैं तो उसको संभालने या बनाने के लिए इंजिनियर का ही इस्तेमाल किया जाता है। अब वह इंजिनियर कंप्यूटर इंजिनियर (Computer engineer kaise ban sakte hain) ही कहलाता है।
तो यदि आपके मन में भी कंप्यूटर इंजिनियर बनने का ख्याल आ रहा हैं और आप भी कंप्यूटर इंजीनियरिंग का कोर्स या डिग्री करना चाहते हैं तो आज हम आपके साथ इसी विषय पर (Computer engineer kaise banta hai) बात करने वाले हैं। आज के इस लेख में आपको कंप्यूटर इंजिनियर कैसे बने और उसके लिए क्या क्या किया जाए (Computer engineering kaise kare), जैसे सभी विषयों के ऊपर विस्तार से जानकारी मिलेगी। इसके बाद आप जान पाएंगे कि आखिरकार आप भी कैसे एक सफल कंप्यूटर इंजिनियर बन सकते हैं।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग क्या है? (Computer engineering kya hai)
कंप्यूटर इंजिनियर बनने से पहले आपका यह जानना आवश्यक हैं कि आखिरकार कंप्यूटर इंजीनियरिंग किसे कहा जाता है या फिर इसे कोई छात्र कैसे करता है। कंप्यूटर इंजीनियरिंग का मतलब यह नही होता कि किसी व्यक्ति को कंप्यूटर ठीक करने के बारे में पढ़ाया जाता हो। बहुत से लोग कंप्यूटर इंजीनियरिंग को यह समझ लेते हैं जबकि उसे हार्डवेयर इंजीनियरिंग कहा जाता है।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग में कंप्यूटर में कोडिंग में काम आने वाली विभिन्न तरह की भाषाओँ को सिखाया जाता है जिन्हें कंप्यूटर की भाषा कहा जाता है। जिस प्राकर हम आपस में एक दूसरे से बात करते हैं तो उसके लिए किसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। अब यह भाषाएँ दुनिया में कितनी हैं। उसी प्रकार कंप्यूटर भी हमसे या आपस में या मशीन से बात करने के लिए अपनी भाषा का इस्तेमाल करता है। एक तरह से कंप्यूटर की अपनी अलग भाषाएँ होती हैं जिसका वह इस्तेमाल करता हैं।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग में इन्हीं भाषाओँ को सिखाया जाता है। इसके साथ ही कंप्यूटर के अलावा अन्य चीज़े और कुछ एक्स्ट्रा विषयों का भी इसमें समावेश किया जाता है। तो कंप्यूटर इंजीनियरिंग में किसी भी छात्र को कंप्यूटर की भाषाओँ का ज्ञान दिया जाता है।
कंप्यूटर इंजिनियर कौन होता है? (Computer engineer kon hota hai)
अब जब आपने कंप्यूटर इंजीनियरिंग के बारे में विस्तार से जान लिया हैं तो साथ के साथ आप यह भी जान ले कि कंप्यूटर इंजिनियर किसे कहा जाता है। समाज में यह भ्रान्ति हैं कि जो लोग कंप्यूटर इंजिनियर की पढ़ाई कर रहे होते हैं उन्हें कंप्यूटर भी ठीक करना आता होगा जो कि सरासर गलत हैं। कंप्यूटर इंजिनियर वह व्यक्ति होता हैं जो कंप्यूटर की भाषा को समझता हैं और उसमे कोडिंग कर सकता हैं।
साथ ही कंप्यूटर इंजिनियर को कोडिंग करनी आये यह आवश्यक नही। वह उस कोडिंग को टेस्ट करने वाला भी बन सकता हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपको हिंदी भाषा आती होगी लेकिन यह आवश्यक नही कि आप उस भाषा में कुछ नयी चीज़ लिखे लेकिन आप वह चेज़ अवश्य चेक कर सकते हैं और उसमे गलतियाँ निकाल सकते हैं जो हिंदी भाषा में हैं। ठीक उसी प्रकार इंजीनियरिंग में टेस्टिंग करने वाले का काम होता हैं। तो एक तरह से कंप्यूटर इंजिनियर वह व्यक्ति होता हैं जो कोडिंग करना या पढ़ना जनता हो और उसे समझ सकता हो।
कंप्यूटर इंजिनियर के प्रकार (Computer engineer types in Hindi)
अब जब आपने यह जान लिया हैं कि कंप्यूटर इंजिनियर क्या होते हैं तो आप कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने का सोच रहे होंगे लेकिन उससे पहले आपका यह भी जानना आवश्यक हैं कि कंप्यूटर इंजिनियर किस किस तरह के होते हैं। वैसे तो कंप्यूटर इंजिनियर को उनकी कोडिंग करने वाली भाषा के आधार पर कई तरह का माना जाता हैं अर्थात किसी कंप्यूटर इंजिनियर को किसी कंप्यूटर की भाषा का ज्ञान होता हैं तो किसी और को किसी अन्य भाषा का।
फिर भी यदि हम भाषा को छोड़ दे तो कंप्यूटर इंजिनियर के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं जो उनके काम करने के क्षेत्र पर निर्धारित होते हैं। आइए इन तीनो के बारे में ही विस्तार से जान ले ताकि आपके मन में कोई शंका शेष ना रह जाए।
फ्रंट एंड डेवलपर (Front End Developer)
हम इंटरनेट पर या कंप्यूटर में या अपने मोबाइल में या यूँ कहे कि जो भी चीज़ हम डिजिटल दुनिया में देखते हैं, फिर चाहे वह कोई ऐप हो या वेबसाइट या सॉफ्टवेर या कोई और चीज़, वह सब हमें दिखाने का काम कौन करता हैं? इसका उत्तर हैं फ्रंट एंड डेवलपर। फ्रंट एंड डेवलपर कंप्यूटर इंजिनियर वह इंजिनियर होता हैं जो इस तरह की कोडिंग करता हैं जिससे हम लोग जो देख रहे हैं या जो कर रहे हैं, वह हमे सही रूप में दिख सके। तभी इसे फ्रंट एंड अर्थात सामने से आकर काम करने वाला इंजिनियर माना जाता है।
बेक एंड डेवलपर (Back End Developer)
कंप्यूटर इंजिनियर की दुनिया में इन इंजिनियर का पद सबसे बड़ा और अहम पद माना जाता है। बेक एंड इंजिनियर वह इंजिनियर होता है जो पर्दे के पीछे रहकर कंप्यूटर इंजिनियर का मुख्य काम करता है। आपने ऊपर यह तो जान लिया हैं कि हमें सामने से जो दिखता है वह फ्रंट एंड इंजिनियर ने कर लिया लेकिन पीछे जो भी खेल हो रहा है, पूरा सिस्टम कैसे काम कर रहा है, उस सिस्टम को कैसे बनाया गया है, उसमे किस तरह की गतिविधियाँ हो रही है, इन सभी की कोडिंग बेक एंड डेवलपर कंप्यूटर इंजिनियर के द्वारा ही की जाती हैं।
टेस्टर (Tester)
अब कंप्यूटर इंजिनियर में तीसरा सबसे मुख्य रोल होता है टेस्टर का। इन्हें कोडिंग खुद नही करनी होती हैं बल्कि जो खुद कोडिंग कर रहे हैं, उनकी कोडिंग को टेस्ट करना होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि फ्रंट एंड व बेक एंड डेवलपर कोई भगवान तो हैं नही जो उनसे गलतियाँ नही होगी। जब वे कोडिंग कर रहे होंगे तो उनसे कई तरह की गलतियाँ होंगी। अब कोई भी कंपनी यह नही चाहेगी कि वह अपनी ख़राब वेबसाइट या ऐप को सीधे दर्शकों तक पहुंचा दे।
वह इसके लिए तरह तरह की टेस्टिंग करेंगी। जिस प्रकार कोई भी कंपनी अपना उत्पाद फिर चाहे वह साबुन हो या पेस्ट, उसको बाजार में उतारने से पहले कई दिनों तक उसका टेस्ट करती हैं और फिर ही उसे बाजार में लांच करती हैं। ठीक उसी तरह टेस्टर सॉफ्टवेर कंपनी के लिए लैब का काम ही करते हैं। वे उस वेबसाइट या ऐप के कोड को पूरी तरह से जांचते हैं और उनमे कमियों को निकाल कर बताते हैं। फिर उन्हें दूर करके ही इसे दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया जाता हैं।
कंप्यूटर इंजिनियर कैसे बने (Computer engineer kaise bane)
अब जब आप कंप्यूटर इंजिनियर की परिभाषा, उसके प्रकार और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के बारे में इतना सब जान चुके हैं तो अवश्य ही आपके मन में कंप्यूटर इंजिनियर बनने का विचार (Computer engineer kaise karen) आ रहा होगा लेकिन कैसे? बहुत से लोग इस बात को लेकर भ्रम में रहते हैं कि आखिर किस पारकर में कंप्यूटर इंजिनियर बनने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
तो आज हम इसके बारे में भी आपको विस्तार से बताने वाले हैं। इसमें आपको शुरू से ही सब कुछ बताया जाएगा (Computer engineer kaise bane in Hindi) कि किस प्रकार आप कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं। आइए जाने कंप्यूटर इंजिनियर कैसे बना जाए।
#1. दसवीं के बाद ले नॉन मेडिकल
अब यदि आप कंप्यूटर इंजिनियर बनना चाहते हैं तो उसके लिए आपको बीटेक करनी होगी। और यदि आप बीटेक करना चाहते हैं तो उसके लिए आपके पास 11 वीं व 12 वीं कक्षा में नॉन मेडिकल स्ट्रीम का होना अत्यंत आवश्यक हैं। यदि आपने किसी अन्य स्ट्रीम से अपनी बारहवीं की हैं तो आप बीटेक नही कर पाएंगे। इसलिए दसवीं के बाद जब आपके सामने 3-4 स्ट्रीम में से कोई एक स्ट्रीम चुनने का विकल्प आये तो आप आँख बंद करके नॉन मेडिकल का ही चुनाव करे।
नॉन मेडिकल में आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री व गणित विषय की पढ़ाई करवाई जाएगी। इसके अलावा आपको अंग्रेजी, शारीरिक शिक्षा या कंप्यूटर की पढ़ाई करवाई जाएगी। बहुत जगह कंप्यूटर का विषय विकल्प में दिया जाता हैं अर्थात इसको चुनना या नही चुनना आपके अधिकार क्षेत्र में होता हैं। तो यदि आप आगे चलकर कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं तो आप कंप्यूटर विषय का चुनाव अवश्य करे। यह जरुरी नही लेकिन आपके काम जरुर आएगा।
#2. बारहवीं में लाये 50 प्रतिशत से अधिक अंक
वैसे तो आप केवल बारहवीं में पास होकर भी कंप्यूटर इंजीनियरिंग के कॉलेज में प्रवेश ले सकते हैं लेकिन वह कॉलेज इतने अच्छे नही होंगे। कहने का मतलब यह हुआ कि यदि आप चाहते हैं कि आपका प्रवेश एक उत्तम इंजीनियरिंग कॉलेज में हो तो आपको अपनी बारहवीं कक्षा में कम से कम 50 प्रतिशत अंक लाने होंगे। कुछ कुछ कॉलेज तो इसके लिए 70 प्रतिशत से भी अधिक अंकों की मांग करते हैं।
इसलिए यदि आप कंप्यूटर इंजिनियर बनने को लेकर सीरियस रहेंगे तो आपको अभी से ही उसकी तैयारी को मजबूत बनाकर रखना होगा। आप यदि बारहवीं में अच्छे नंबर लेकर आएंगे तो अवश्य ही आगे चलकर बहुत लाभ मिलेगा।
#3. IIT JEE व अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज की तैयारी करे
भारत देश में जिस परीक्षा के द्वारा कंप्यूटर इंजीनियरिंग के बेस्ट कॉलेज में प्रवेश मिलता हैं वह हैं IIT JEE की परीक्षा और इस परीक्षा को पास करके आपको कंप्यूटर इंजिनियर के टॉप कॉलेज IIT में प्रवेश मिलेगा। इसके बाद नंबर आता हैं NIT के कॉलेज का। हालाँकि कुछ प्राइवेट कॉलेज भी बहुत अच्छे हैं जिनकी सूची हम आपको नीचे देंगे।
तो यदि आप चाहते हैं कि आप इस परीक्षा में पास हो जाए और आपका सिलेक्शन भी इन कॉलेज में कंप्यूटर इंजीनियरिंग पढ़ने के लिए हो जाए तो आपको इसके लिए दसवीं के बाद से ही तैयारी शुरू कर देनी होगी। बहुत छात्र बारहवीं की परीक्षा के बाद एक वर्ष का गैप लेकर इसकी पढ़ाई करते हैं लेकिन यदि आप दसवीं के बाद से ही इसकी तैयारी शुरू कर देंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा।
#4. कंप्यूटर इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा दे
हर वर्ष भारत सरकार के द्वारा देश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज की सीट्स पर छात्रों को प्रवेश देने के लिए IIT JEE की परीक्षा ली जाती हैं। इसमें आये अंकों के आधार पर ही छात्रों को देश के IIT व NIT के कॉलेज में विभिन्न इंजीनियरिंग की ब्रांच में प्रवेश दिया जाता हैं। तो आप भी इसका फॉर्म भरे और प्रवेश परीक्षा दे। इसके साथ ही आप अपने राज्य के बेस्ट इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए भी परीक्षा दे सकते हैं।
इसके लिए पहले आपको फॉर्म भरना होगा और फिर नियत समय पर परीक्षा में बैठना होगा। उसके कुछ समय बाद सभी छात्रों के लिए एक मेरिट लिस्ट निकाली जाएगी। उसमे आई कट ऑफ के अनुसार ही आपको कौन सा इंजीनियरिंग कॉलेज मिल सकता हैं या मिल भी सकता है या नही, यह निर्धारित होगा। इसके बाद आपको एक और फॉर्म भरना होगा जिसमें आपको अपने अंकों के अनुसार कॉलेज व उसकी स्ट्रीम का चुनाव करना होगा। इसी के आधार पर आपको कंप्यूटर इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश मिल पाएगा।
यदि किसी कारणवश आपका इन कॉलेज में प्रवेश नही होता हैं या आप IIT JEE की परीक्षा में पास नही होते हैं तो निराश मत होइए। आप चाहे तो एक वर्ष का गैप लेकर और पढ़ाई कर सकते हैं या फिर आप किसी अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज में कंप्यूटर इंजिनियर बन सकते हैं। यह पूर्ण रूप से आप पर ही निर्भर करेगा कि आप किस कॉलेज से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं।
#5. कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करे
फिर जब आपका कंप्यूटर इंजीनियरिंग के कॉलेज में प्रवेश हो जाएगा तो आपको 4 वर्ष तक इसी की पढ़ाई करनी होगी। इसमें स्कूल की भांति एक वर्ष तक का पाठ्यक्रम नही होगा बल्कि इसे सेमेस्टर में बांटा गया होगा। यह सेमेस्टर एक वर्ष में दो होंगे अर्थात 4 वर्ष में कुल 8 सेमेस्टर होंगे। हर सेमेस्टर में अलग अलग विषयों पर आपको पढ़ाया जाएगा और उसे आपको पास करना होगा।
इसमें प्रथम वर्ष में तो आपको एक तरह से बाकि इंजीनियरिंग के विषय भी पढाये जाएंगे लेकिन द्वितीय वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष तक आपको केवल कंप्यूटर इंजीनियरिंग से संबंधित विषय ही पढाये जाएंगे। इसके साथ ही आपको कई तरह की कोडिंग भाषाएँ भी सिखाई जाएँगी। इन्हें पढ़कर ही आप आगे किसी कंपनी में नौकरी कर पाएंगे।
#6. कंप्यूटर इंजीनियरिंग में इंटर्नशिप करना
जब आप कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे होंगे तो आपको तीसरे वर्ष के अंत में या चौथे वर्ष की शुरुआत में इंटर्नशिप पर भेजा जाएगा। यह इंटर्नशिप आपकी किसी कंपनी में या किसी इंस्टिट्यूट में या अपने ही कॉलेज में होगी। इसमें आपको कंप्यूटर इंजिनियर के रूप में कैसे काम किया जाता हैं, यह सब सिखाया जाएगा।
कुछ जगह यह इंटर्नशिप 6 माह की होती हैं तो कुछ जगह 1 से 3 माह की। यह पूर्ण रूप से आपके कॉलेज पर ही निर्भर करेगा कि वह आपकी इंटर्नशिप कैसे करवाता है। इसलिए अपने कॉलेज के अनुसार ही इंटर्नशिप करे और उसका सर्टिफिकेट ले। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर ही आपको आगे की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
#7. कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री ले
अब जब आप चौथे वर्ष में होंगे तो आपको एक प्रोजेक्ट करने को दिया जाएगा। यह प्रोजेक्ट आपको अपनी पढ़ाई के अनुसार ही करना होगा। आप चाहे तो इसे अकेले कर सकते हैं या फिर अपने क्लास के कुछ दोस्तों के साथ मिलकर कर सकते हैं। यही प्रोजेक्ट ही आपको डिग्री दिलवाएगा अन्यथा आप डिग्री लेने से चूक जाएंगे।
तो यदि आप चाहते हैं कि आपको सफलतापूर्वक कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री मिल जाए तो आप पढ़ाई के साथ साथ अपने प्रोजेक्ट पर भी पूरा ध्यान लगाए। अंत में आपको आपसे प्रोजेक्ट सबमिट करने को कहा जाएगा और उस पर एक प्रेजेंटेशन करवाई जाएगी। इसी के आधार पर आपको अंक देकर इंजीनियरिंग की डिग्री दे दी जाएगी। अब आप इस इंजीनियरिंग की डिग्री के साथ सॉफ्टवेर कंपनियों में कंप्यूटर इंजिनियर के पद पर कार्य करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
भारत में कंप्यूटर इंजीनियरिंग के बेस्ट आईआईटी कॉलेज (Best IIT colleges in India for Computer engineering)
यह बात आप ध्यान रखे कि यदि आप कंप्यूटर इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो उसमे भारत के सर्वश्रेष्ठ कॉलेज आईआईटी होंगे। आईआईटी की फुल फॉर्म इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (Indian Institute of Technology) होगी। तो वही आईआईटी का हिंदी नाम भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान होगा। आइए जाने भारत के सर्वश्रेष्ठ आईआईटी संस्थानों के नाम।
- आईआईटी कानपुर [IIT Kanpur]
- आईआईटी रुड़की [IIT Roorkee]
- आईआईटी दिल्ली [IIT Delhi]
- आईआईटी मुंबई [IIT Mumbai]
- आईआईटी खड़गपुर [IIT Kharagpur]
- आईआईटी मद्रास [IIT Madras]
- आईआईटी गुवाहाटी [IIT Guwahati]
- आईआईटी जोधपुर [IIT Jodhpur]
- आईआईटी भुवनेश्वर [IIT Bhubaneswar]
- आईआईटी हैदराबाद [IIT Hyderabad]
- आईआईटी गांधीनगर [IIT Gandhinagar]
- आईआईटी रोपड़ तथा अन्य आईआईटी। [IIT Ropar and other IITs.]
भारत में कंप्यूटर इंजीनियरिंग के बेस्ट एनआईटी कॉलेज (Best NIT colleges in India for Computer engineering)
अब आईआईटी के बाद कंप्यूटर इंजीनियरिंग में जिन कॉलेज का नाम आता हैं वे हैं एनआईटी। एनआईटी की फुल फॉर्म नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (National Institute of Technology) होगा। एनआईटी को हिंदी में राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान कहा जाएगा। आइए जाने भारत के सर्वश्रेष्ठ एनआईटी संस्थानों के नाम:
- एनआईटी तिरुचिरापल्ली [NIT Tiruchirappalli]
- एनआईटी कर्नाटक [NIT Karnataka]
- एनआईटी रोउरकेला [NIT Rourkela]
- एनआईटी वारंगल [NIT Warangal]
- एनआईटी कालिकट [NIT Calicut]
- एनआईटी दुर्गापुर [NIT Durgapur]
- एनआईटी नागपुर [NIT Nagpur]
- एनआईटी जयपुर [NIT Jaipur]
- एनआईटी प्रयागराज तथा अन्य एनआईटी [NIT Prayagraj and other NITs]
कंप्यूटर इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट प्राइवेट कॉलेज (Best private colleges in India for Computer engineering)
अब जब आपने भारत के कुछ बेस्ट सरकारी कंप्यूटर इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम जान लिए हैं तो आपका कंप्यूटर इंजीनियरिंग के कुछ बेस्ट प्राइवेट कॉलेज के नाम जानना भी उतना ही आवश्यक हैं। आइए जाने भारत के कुछ बेस्ट प्राइवेट कॉलेज कंप्यूटर इंजीनियरिंग के लिए:
- बिट्स पिलानी [BITS Pilani]
- थापर यूनिवर्सिटी [Thapar University]
- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी [Lovely Professional University]
- एमिटी यूनिवर्सिटी [Amity University]
- चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी [Chandigarh University]
- मणिपाल यूनिवर्सिटी [Manipal University]
- शारदा यूनिवर्सिटी [Sharda University]
- वीआईटी वेल्लोर [VIT Vellore]
- निरमा यूनिवर्सिटी इत्यादि। [Nirma University etc.]
कंप्यूटर इंजीनियरिंग की नौकरी (Computer engineer ki naukri)
अब जब आप कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री ले लेंगे तो अगला काम होगा कंप्यूटर इंजिनियर के रूप में नौकरी करना। तो अब आपको नौकरी कब लगती हैं, कैसी लगती हैं, कितने में लगती हैं, लगती भी हैं या नही, यह सब कुछ आपके द्वारा पढ़े गए कॉलेज और आपके ज्ञान पर ही आधारित होगा। अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में तो बहुत बड़ी बड़ी कंपनियां कैंपस में ही प्लेसमेंट लेने आ जाती हैं।
ऐसे में जब आप अपनी इंजीनियरिंग कॉलेज के चौथे वर्ष में होंगे तब आपके कैंपस में कई बड़ी सॉफ्टवेर कंपनियां नौकरी देने के लिए आएँगी। आप उनकी कैंपस प्लेसमेंट की ड्राइव में बैठ सकते हैं और इंटरव्यू आदि दे सकते हैं। यदि आपका उसमे चयन हो जाता हैं तो आपकी उस कंपनी में एक निश्चित सैलरी के रूप में नौकरी लग जाएगी।
इसके अलावा यदि आपके कॉलेज में कंपनियां नही आती हैं या फिर किसी कारणवश आपका उन कंपनियों में चयन नही हो पाता हैं तो आप अलग से भी किसी सॉफ्टवेर कंपनी में चयन करवाने के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन कई तरह के साधन उपलब्ध हैं जहाँ पर आप कई तरह की सॉफ्टवेर कंपनियों में नौकरी पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। आजकल हर तरह की कंपनी में अपने यहाँ कंप्यूटर इंजिनियर की मांग रहती हैं।
कंप्यूटर इंजिनियर की सैलरी (Computer engineer ki salary)
अब यदि आप कंप्यूटर इंजिनियर की सैलरी की बात करेंगे या जानना चाहेंगे तो आपको दुःख भी होगा और सुख भी। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यह पूर्ण रूप से कंप्यूटर इंजिनियर बनने वाले व्यक्ति के कॉलेज, उसके काम और अनुभव के आधार पर ही निर्भर होगा। कहने को तो एक कंप्यूटर इंजिनियर एक महीने का 10 हज़ार भी लेता हैं तो वही आपको ऐसे कंप्यूटर इंजिनियर भी मिल जाएंगे तो जो एक महीने का 10 लाख भी लेते होंगे। तो कंप्यूटर इंजिनियर की सैलरी में कोई एक राय नही कही जा सकती हैं।
किंतु यदि हम एक सामान्य इंजीनियरिंग कॉलेज से निकले कंप्यूटर इंजिनियर की बाते करें तो उसकी शुरूआती सैलरी 15 हज़ार से लेकर 35 हज़ार रुपए प्रति महीना होगी। वही एक अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज से निकले कंप्यूटर इंजिनियर की सैलरी 30 हज़ार से लेकर 70 हज़ार रुपए प्रति महीना होगी। IIT या टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़कर निकले कंप्यूटर इंजिनियर की शुरूआती सैलरी प्रति महीना 50 हज़ार से लेकर 1.5 लाख रुपए तक हो सकती हैं। आगे चलकर यह सैलरी उनके काम पर निर्भर करेगी।
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कंप्यूटर इंजिनियर कैसे बने – Related FAQs
प्रश्न: कंप्यूटर इंजीनियर की कितनी सैलरी है?
उत्तर: कंप्यूटर इंजीनियर की सैलरी 10 हज़ार रुपए प्रति माह से लेकर 10 लाख रुपए प्रति माह तक हो सकती है।
प्रश्न: कंप्यूटर इंजीनियर बनने के लिए कौन सी स्ट्रीम लेनी चाहिए?
उत्तर: कंप्यूटर इंजीनियर बनने के लिए नॉन मेडिकल स्ट्रीम लेनी चाहिए।
प्रश्न: मैं 12वीं के बाद कंप्यूटर इंजीनियर कैसे बन सकता हूं?
उत्तर: आप 12वीं के बाद कंप्यूटर इंजीनियर बनने के लिए बीटेक करें और चार वर्ष तक पढ़ाई करके कंप्यूटर इंजिनियर बने।
प्रश्न: कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में क्या क्या सिखाया जाता है?
उत्तर: कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में कंप्यूटर के विषय, कोडिंग की भाषाएँ इत्यादि विषय सिखाये जाते हैं।