संविधान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? | Constitution day in Hindi

Constitution day in Hindi :-भारत देश में कई तरह के त्यौहार व पर्व मनाये जाते हैं जो हिन्दू धर्म सहित अन्य धर्मों से जुड़े हुए हैं। इन्हीं में कुछ विशेष दिन भी होते हैं जो किसी धर्म से जुड़े ना होकर देश से जुड़े होते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि इन दिनों में किसी एक धर्म के लोग उत्सव नहीं मनाते हैं बल्कि यह दिन पूरे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है। वह इसलिए क्योंकि इतिहास में इस दिन देश से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटना घटित हुई थी जिसका प्रभाव हम पर पड़ा (Constitution of India in Hindi) था।

ऐसे में एक दिन है संविधान दिवस जिसे पूरे देश में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। जिस प्रकार हम अपने देश में स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, वीर सावरकर जयंती, भगत सिंह जयंती, महिला दिवस इत्यादि महत्वपूर्ण दिन आयोजित करते हैं, ठीक उसी तरह इस दिवस को भी संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसमें से कुछ दिवस तो व्यक्ति विशेष होते हैं लेकिन कुछ दिवस ऐसे हैं जो व्यक्ति से संबंधित ना होकर पूरे देश से जुड़े होते (Constitution day history in Hindi) हैं।

तो आप सभी ने संविधान दिवस के बारे में तो सुना होगा लेकिन इसका तात्पर्य क्या है!! आखिरकार संविधान दिवस के दिन ऐसा क्या हुआ था जिस कारण हम आज तक उसे सेलिब्रेट करते आ रहे हैं। आज के इस लेख के माध्यम से आपको संविधान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है और इस दिन क्या घटना घटित हुई थी, उसके बारे में संपूर्ण जानकारी मिलने वाली (Constitution day ka matlab) है।

संविधान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? (Constitution day in Hindi)

देश में कई तरह के महत्वपूर्ण दिन हैं जिसमें से तीन महत्वपूर्ण दिन ऐसे हैं जिनका जुड़ाव किसी व्यक्ति विशेष या धर्म से ना होकर पूरे देश से है। यह तीन दिन हैं स्वतंत्रता दिवस जिस दिन हमारे देश को 600 वर्षों की मुगलों और 200 वर्षों की अंग्रेजों के चंगुल से स्वतंत्रता मिली थी। इसके बाद दूसरा दिवस है गणतंत्र दिवस जिस दिन हमारे देश का अपना संविधान लागू किया गया था और हमारे देश पर किसी अन्य देश का संविधान समाप्त कर दिया गया (Samvidhan divas kya hai) था।

Constitution day in Hindi

तो वहीं तीसरा दिन आता है संविधान दिवस जिसे हाल के ही कुछ वर्षों में देश की सरकार अर्थात भाजपा सरकार ने शुरू किया है। यह स्वर्गीय डॉक्टर भीमराव आंबेडकर जी को श्रंद्धाजलि देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। तो संविधान दिवस के दिन हमारे देश के वर्तमान संविधान को अपना लिया गया था अर्थात इसे अंगीकार किया गया था। अब बहुत से लोग इसे गणतंत्र दिवस के रूप में ही मान लेते हैं लेकिन यह गणतंत्र दिवस से भिन्न है जिसके बारे में हम आपको नीचे (Samvidhan divas kyu manaya jata hai) बतायेंगे।

इसी के साथ ही संविधान दिवस को कब बनाया जाता है और किस तरह से यह गणतंत्र दिवस से भिन्न है, वह भी आपको इस लेख में जानने को मिलेगा। तो आइये जाने संविधान दिवस के बारे में शुरू से लेकर अंत तक हरेक जानकारी विस्तार से।

संविधान दिवस कब मनाया जाता है? (Constitution day kab manaya jata hai)

सबसे पहले तो हम यह देख लेते हैं कि संविधान दिवस को किस दिन आयोजित किया जाता है। तो संविधान दिवस को पूरे देशभर में 26 नवंबर के दिन आयोजित किया जाता है। इसकी शुरुआत भारतीय सामाजिक न्याय मंत्रालय के द्वारा वर्ष 2015 में की गयी थी। तब देश की सरकार ने 26 नवंबर के दिन को हरेक वर्ष संविधान दिवस के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया (What is the date of constitution day in Hindi) था।

इस दिन संपूर्ण देश के सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, सभाओं इत्यादि में संविधान से संबंधित चर्चाएँ, भाषण, डिबेट इत्यादि आयोजित करवाए जाते हैं। इससे देश के आम नागरिकों में संविधान के प्रति जागरूकता लाने और उन्हें देश की मुख्य धारा के साथ जोड़ने का सार्थक प्रयास किया जाता है। इस कारण संविधान दिवस का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता (Constitution day kab manate hain) है।

संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why do we celebrate constitution day in Hindi)

अब बात करते हैं कि आखिरकार केंद्र सरकार ने क्यों 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी और इस दिन इतिहास में क्या घटना घटित हुई थी। तो यहाँ हम आपको बता दें कि हमारे देश ने लगभग 800 वर्षों की गुलामी सही थी। जिसमें से 600 वर्षों तक अरब से आये मुसलमानों ने हम पर बर्बर अत्याचार किये थे तो उसके बाद 200 वर्षों तक अंग्रेजों ने देश की धन-संपदा को लूटने का प्रयास किया था। उसके बाद आखिर में 15 अगस्त 1947 को देश को स्वतंत्रता मिल गयी थी।

अब देश को एक सरकार तो मिल गयी थी लेकिन देश को चलाने के लिए एक कानून अर्थात नियम की आवश्यकता थी। उसके लिए देश किस तरह से चलेगा, उसे लिखे जाने की आवश्यकता थी जिसे हम देश का संविधान कहते (Samvidhan divas kyu manaya jata hai) हैं। इसके लिए कई सदस्यों की टीम बनायी गयी थी जिसमें कई राजनेता व अधिकारी शामिल थे जो देश का संविधान लिख रहे थे या फिर यूँ कहें कि दूसरे देश के संविधानों से कॉपी पेस्ट कर रहे थे।

इस टीम का प्रमुख डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को बनाया गया था। संविधान को लिखने का कार्य लगभग 2 से 3 वर्षों तक चला था और उसे संसद के पटल पर रखा गया था। फिर इसमें कई महीनों तक चर्चा हुई थी और कई तरह के कांट छांट करके अंतिम रूप दिया गया था। तो 26 नवंबर का दिन वह दिन था जब इस संविधान को भारतीय संसद के द्वारा अपना लिया गया था। इसलिए इस दिन का महत्व बहुत बढ़ जाता है क्योंकि यह हमारे संविधान को अपनाने का दिन था।

संविधान दिवस व गणतंत्र दिवस में अंतर (Constitution day or republic day in Hindi)

बहुत से लोग संविधान दिवस और गणतंत्र दिवस के बीच में झंझट में पड़ जाते हैं और उन्हें लगता है कि दोनों एक ही तो है। तो यहाँ हम आपको यह पहले ही बता दें कि देश में किसी कानून को बनाने और उसे लागू करने में समय लगता है और यह एक लंबी चलने वाली प्रक्रिया है। यहाँ तो हम फिर भी संविधान की बात कर रहे हैं जो एक तरह से देश को चलाने वाला पूरा का पूरा मसौदा था। इसी में ही सभी तरह के नियम, अधिनियम, कानून इत्यादि सम्मिलित किये गए (Difference between constitution day and republic day in Hindi) थे।

तो 26 नवंबर 1949 का दिन तो वह दिन था जब इस संविधान को भारतीय संसद के द्वारा अपना लिया गया था लेकिन 26 जनवरी 1950 अर्थात ठीक दो महीने के बाद का दिन वह दिन था जब इस संविधान को पूरे देश में लागू किया गया था। तो संविधान दिवस और गणतंत्र दिवस के बीच में यही अंतर है कि संविधान दिवस के दिन संविधान को अपनाया गया था जबकि गणतंत्र दिवस के दिन इसे देशभर में लागू किया गया था।

संविधान दिवस को और क्या कहते हैं?

आप यह मत समझें कि वर्ष 2015 से पहले देश में 26 नवंबर की तिथि का कोई महत्व नहीं था। दरअसल उससे पहले भी इस महत्वपूर्ण दिन को किसी अन्य नाम से बनाया जाता था। 2015 से पहले 26 नवंबर को पूरे देशभर में राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था। इस तरह से आज के समय में संविधान दिवस को हम राष्ट्रीय कानून दिवस भी कह सकते हैं। इतना ही नहीं संविधान दिवस को हम भारतीय संविधान दिवस के नाम से भी बुला सकते हैं।

संविधान दिवस का महत्व (Why is constitution day important in Hindi)

अब हम बात करते हैं संविधान दिवस के महत्व के बारे में और क्यों इसे एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में घोषित किया गया था, उसके बारे में। तो हमारे देश का संविधान बहुत ही बड़ा है और उसमें कई तरह के नियम व धाराएँ जोड़ी गयी है। ऐसे में देश के संविधान को सुचारू रूप से चलाये रखने और उसके बारे में देश के लोगों को जागृत करने के लिए संविधान दिवस को एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में घोषित किया गया है।

इसी के साथ ही भारत देश के संविधान के जनक के रूप में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के प्रयासों को देश के नागरिकों के सामने रखने और उनकी दी गयी शिक्षा सभी को देने के लिए भी यह दिन बहुत ही अहम हो जाता (Samvidhan divas ka mahatva) है। इस दिन भीमराव जी के संदेशों को सरकार व अन्य प्रभावशाली लोगों के द्वारा आम नागरिकों के बीच रखने का प्रयास किया जाता है।

इसी के साथ ही संविधान दिवस के दिन देशभर के सभी विद्यालयों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं ताकि देश के सभी बच्चों को संविधान के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी हो और वे उसी के अनुसार ही आगे बढ़ें। इसी के साथ ही इस दिन संसद का विशेष सत्र भी बुलाने का प्रावधान है ताकि संविधान के प्रति अपनी श्रद्धा दिखायी जा सके।

संविधान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है – Related FAQs 

प्रश्न: संविधान दिवस का मतलब क्या है?

उत्तर: संविधान दिवस के दिन हमारे देश के वर्तमान संविधान को अपना लिया गया था अर्थात इसे अंगीकार किया गया था।

प्रश्न: संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: यह स्वर्गीय डॉक्टर भीमराव आंबेडकर जी को श्रंद्धाजलि देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।

प्रश्न: 26 नवंबर संविधान दिवस क्या है?

उत्तर: 26 नवंबर का दिन वह दिन था जब संविधान को भारतीय संसद के द्वारा अपना लिया गया था।

प्रश्न: संविधान को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

उत्तर: संविधान को अंग्रेज़ी भाषा में Constitution कहा जाता है।

प्रश्न: संविधान दिवस को सबसे पहले क्या कहा जाता था?

उत्तर: संविधान दिवस को पहले कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने संविधान दिवस के बारे में जानकारी हासिल कर ली है। आपने जाना कि संविधान दिवस को कब और क्यों बनाया जाता है संविधान दिवस और गणतंत्र दिवस में क्या अंतर है और संविधान दिवस का महत्व क्या है इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई प्रश्न आपके मन में शेष रह गया है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं। 

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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