|| सीआरएम क्या है? | CRM kya hai | सीआरएम सॉफ्टवेयर के प्रकार (Types of CRM software systems in Hindi | सीआरएम की फुल फॉर्म क्या है? (CRM full form in Hindi | सीआरएम क्यों जरुरी है? (CRM importance in business in Hindi ||
CRM full form in Hindi :- आपने देखा होगा कि आपके मोबाइल पर कॉल करके या मेसेज भेज कर या व्हाट्सऐप करके या ईमेल करके या अन्य किसी माध्यम से तरह तरह की कंपनियां आपसे संपर्क करती है और आपको जानकारी देती है। अब यह कंपनियां वह होती है जिनकी सेवाओं का आप इस्तेमाल कर रहे होते हैं या जिनसे आपने कभी उनका कोई उत्पाद ख़रीदा हो या वहां पर अपना पंजीकरण करवाया हुआ (CRM ka full form in Hindi) हो। साथ ही ऐसी कंपनियों के द्वारा भी आपसे संपर्क किया जाता है जिन्हें आपका डाटा कहीं से मिल गया हो।
एक कंपनी के लिए उसके ग्राहक बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं और वह उनके साथ अच्छे सम्बन्ध स्थापित करने के लिए हर तरह का प्रयास करती है। इसी को ही हम सीआरएम का नाम देते हैं जिसकी फुल फॉर्म कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट होती (CRM ki jankari) है। अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें होता क्या है या फिर कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट का सही मायनो में क्या अर्थ होता है और इसे कैसे किया जाता है इत्यादि।
तो आपके ऐसे ही कुछ प्रश्नों का उत्तर देने तो हम यह लेख लिख रहे हैं। इस लेख के माध्यम से आपको सीआरएम या कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट के बारे में हरेक जानकारी विस्तार से मिलने वाली है। साथ ही क्या आप जानते हैं कि यह केवल एक नाम नहीं बल्कि एक सॉफ्टवेयर होता है जिसे हम सीआरएम सॉफ्टवेयर के नाम से भी जानते (CRM ka pura naam) हैं। ऐसे में आज हम आपके साथ इस सीआरएम सॉफ्टवेयर के बारे में हरेक जानकारी साँझा करने वाले हैं ताकि आपको सीआरएम के बारे में पूरी जानकारी हो जाए।
सीआरएम क्या है? (CRM kya hai)
सबसे पहले हम बात करते हैं कि यह सीआरएम होता क्या है और इससे हमारा क्या कुछ आशय है। तो जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि हर कंपनी के लिए उसका ग्राहक सर्वोपरि होता है। वह कंपनी अपने अभी के ग्राहक को खुश करने के लिए या नए ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने के लिए भरसक प्रयास करती है और इसके लिए तरह तरह की योजनाओं का निर्माण करती है। तो इसी को ही हम सीआरएम के नाम से जानते (CRM kya hota hai) हैं।
सीआरएम के तहत कोई भी कंपनी अपने ग्राहक की मन की बात को जानने, उसके द्वारा क्या कुछ गतिविधि की जा रही है इसका पता लगाने, उसके तरह तरह के डाटा को एकत्रित कर अपना प्रोडक्ट या सर्विस बेहतर बनाने, उसके द्वारा अपने प्रोडक्ट्स या सर्विस का रिव्यु जानने इत्यादि का कार्य किया जाता है। उदाहरण के तौर पर आप जब भी किसी कैब का इस्तेमाल करते हैं या बस में यात्रा करते हैं तो उसके बाद कंपनी के द्वारा आपको मेसेज भेज कर अपनी सर्विस का रिव्यु करने को कहा जाता (CRM ke bare me jankari) है।
इसी तरह जब भी आप किसी वेबसाइट से ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो प्रोडक्ट के पहुँच जाने के बाद उस प्रोडक्ट का रिव्यु भी आपसे माँगा जाता है या ऐसा ही कुछ अन्य कार्य किया जाता है। तो यह सभी सीआरएम का ही एक भाग होता है। इसी के साथ ही उस कंपनी के कर्मचारी भी आपसे तरह तरह से संपर्क साधते हैं और आपको जानकारी देते हैं या आपसे जानकारी मांगते हैं इत्यादि। तो यह सभी भी इसी सीआरएम का ही एक हिस्सा होता है जो सीआरएम सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाता है।
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सीआरएम सॉफ्टवेयर क्या होता है? (CRM software kya hai)
अभी तक आपने यह जान लिया कि यह सीआरएम क्या होता है लेकिन यह सीआरएम की तकनीक जिस पर काम करती है वह एक सॉफ्टवेयर होता है जिसे हम सीआरएम सॉफ्टवेयर के नाम से भी जानते हैं। तो यह सीआरएम सॉफ्टवेयर क्या होता है और यह किस तरह से कार्य करता है, इसके बारे में भी समय रहते जानकारी ले ली जाए तो बेहतर रहता है। तो यहाँ हम आपके सामने इसी सीआरएम सॉफ्टवेयर के बारे में जानकारी रखने जा रहे हैं।
तो यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो कई तरह के भागो में बंटा हुआ होता है और यह उसी के अनुसार ही कार्य करता है या इसका कार्य क्षेत्र उसी दायरे तक में ही सीमित होता (CRM software kya hota hai) है। इसमें किसी कंपनी के ग्राहकों या उसके बनाये जा सकने वाले ग्राहकों का डाटा इकट्ठा किया जाता है जिसका वह कंपनी इस्तेमाल कर सकती है। एक तरह से कहा जाए तो इसमें उस कंपनी के काम के सभी ग्राहकों की तरह तरह की जानकारी एकत्रित होती है जिसका वह कंपनी समय समय पर उपयोग कर रही होती है।
सामान्य तौर पर इस सीआरएम सॉफ्टवेयर में उस कंपनी के ग्राहकों के नाम, उनकी मेल आईडी, फोन नंबर, संपर्क करने के अन्य माध्यम, घर का पता, उसकी पसंद, पेशा, रिलेशनशिप स्टेटस इत्यादि जानकारी होती है और इसी के आधार पर ही वह कंपनी काम करती है। तो किसी भी कंपनी के लिए इस सीआरएम सॉफ्टवेयर की महत्ता बहुत ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि यह उसके निर्णय को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। साथ ही यह किसी कंपनी की योजनाओं के निर्माण में भी जरुरी भूमिका निभाता है।
सीआरएम की फुल फॉर्म क्या है? (CRM full form in Hindi)
अब हम बात करने जा रहे हैं सीआरएम की फुल फॉर्म के बारे में जिससे आपको सीआरएम का अर्थ बेहतर शब्दों में समझ में आ जायेगा। तो यहाँ हम आपको बता दें कि सीआरएम की फुल फॉर्म कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट होती है और आपको यह ऊपर ही पढ़ कर पता चल गयी (CRM ki full form kya hai) होगी। फिर भी हम इसके अर्थ को बेहतर शब्दों में आपको समझाने का प्रयास करेंगे ताकि आप इसे अच्छे से समझ सके और इसके अर्थ का महत्व समझ सके।
ऊपर आपने जाने कि सीआरएम शब्द की फुल फॉर्म कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट होती है लेकिन आख़िरकार इसका मतलब क्या है या फिर इससे हमारा क्या कुछ तात्पर्य है!! तो यहाँ हम एक एक करके इन तीनो शब्दों का ही महत्व आपको समझाने वाले हैं। इससे आपको सीआरएम शब्द के बारे में बेहतर तरीके से जानने में मदद मिलेगी।
कस्टमर अर्थात ग्राहक
अब इसमें सबसे पहला शब्द होता है कस्टमर का जिसे हम हिंदी में ग्राहक के नाम से जानते हैं। अब इस सीआरएम वाले लेख में ग्राहक की बात तो शुरुआत से ही हो रही है क्योंकि किसी भी कंपनी के लिए उसके मौजूदा और संभावित ग्राहक बहुत ही मायने रखते हैं। तो इसी कारण इस सीआरएम में पहला शब्द ग्राहक को ध्यान में रख कर ही लिखा गया है।
रिलेशनशिप अर्थात संबंध
अब जब ग्राहक की बात हो गयी है तो कंपनी उसकी बात क्यों कर रही है? इसके बारे में जानना चाहते हैं तो इसका सीधा सा अर्थ होता है एक कंपनी अपने ग्राहक के साथ संबंध बनाना चाहती है और तभी तो वह उस कंपनी से जुड़ा रह सकता है। ऐसे तो दुनिया में करोड़ो लोग रह रहे हैं लेकिन वह उस कंपनी से जुड़ा हुआ है, यह केवल उससे संबंध स्थापित करके ही हो सकता है। इसी कारण सीआरएम में दूसरा शब्द रिलेशनशिप अर्थात संबंध रखा गया है।
मैनेजमेंट अर्थात प्रबंधन
अब सीआरएम में ग्राहक की बात हो गयी और उसके साथ कंपनी के संबंध की बात भी हो गयी लेकिन इसमें तीसरा शब्द पहले दोनों शब्दों को बनाये रखने के लिए बहुत जरुरी होता है और वह होता है मैनेजमेंट अर्थात प्रबंधन का। अब आप अपने असली जीवन में कई तरह के रिश्तों को लेकर चलते हैं लेकिन आप उन्हें बनाये रखने के लिए कई तरह के कार्य करते हैं ताकि वे रिश्ते हमेशा मधुर बने रहे। तो बस उसी तरह का कार्य उस कंपनी को अपने ग्राहक के रिश्तों के साथ करना होता है जिसे हम मैनेजमेंट या प्रबंधन का नाम दे देते हैं।
सीआरएम सॉफ्टवेयर के प्रकार (Types of CRM software systems in Hindi)
अभी तक आपने सीआरएम सॉफ्टवेयर के बारे में बहुत कुछ जानकारी ले ली है लेकिन अब हम बात करने जा रहे हैं सीआरएम सॉफ्टवेयर के प्रकारों के बारे में अर्थात वह कितने भागो में बंटा हुआ होता है और उसके क्या कुछ कार्य होते (Types of CRM system in Hindi) हैं। तो मुख्य तौर पर हम सीआरएम सॉफ्टवेयर को तीन भागो में बाँट सकते हैं और इसी के आधार पर ही हर कंपनी कार्य कर रही होती है। तो यह तीन भाग कौन कौन से हैं और उनके तहत किस तरह से कार्य किया जाता है, आइये उसके बारे में जानकारी ले लेते हैं।
ऑपरेशनल सीआरएम (Operational CRM meaning in Hindi)
सबसे पहला सीआरएम का जो प्रकार आता है वह होता है ऑपरेशनल सीआरएम जिसे हम परिचालन सीआरएम भी कह सकते हैं। इस तरह के सीआरएम का अर्थ होता है जिसमे हम कंपनी से किसी भी तरह से संपर्क करते हैं और कंपनी हमें उसका उत्तर किस तरह से देती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप यदि किसी कंपनी के कस्टमर सर्विस पर फोन करते हैं या उनके ग्राहक सेवा अधिकारी से बात करते हैं तो उसमे इसी सीआरएम सॉफ्टवेयर का ही इस्तेमाल किया जा रहा होता (Operational CRM system in Hindi) है।
साथ ही इसमें कंपनी के द्वारा जो भी उत्पाद या सेवाएं बेचे जा रहे हैं या दी जा रही है, उससे संबंधित बिक्री को बढ़ाना या उसके तहत मार्केटिंग किया जाना भी इसी तरह के सीआरएम सॉफ्टवेयर के अंतर्गत ही आता है। तो इस तरह से यह भी बहुत महत्वपूर्ण कार्य हो जाता है क्योंकि इसके तहत कोई भी कंपनी अपने ग्राहकों से संपर्क साध रही होती है या ग्राहक कंपनी से संपर्क कर रहे होते हैं।
एनालिटिकल सीआरएम (Analytical CRM definition in Hindi)
इस तरह का सीआरएम सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर होता है जिसके तहत कोई भी कंपनी अपने ग्राहक के डाटा को एकत्रित करती है और उसके आधार पर अपनी योजनाओं का निर्माण कार्य करती है। यहाँ हम आपको यह समझाना चाह रहे हैं कि आप अपने दैनिक जीवन में कोई भी गतिविधि कर रहे हो फिर चाहे वह कंपनी से जुडी हुई हो या अन्य किसी माध्यम से, आपकी कंपनी को किसी भी तरह से आपकी जो भी जानकारी मिल रही होती है वह उसे अपने इसी सीआरएम सॉफ्टवेयर में सेव कर लेती (Analytical CRM software in Hindi) है।
अब इसी के आधार पर ही वह अपने निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाती है या उसके अनुसार अपने निर्णय बदलती है। आपकी क्या कुछ पसंद है और क्या आप नापसंद कर रहे हैं, आप कंपनी के प्रति किस तरह का रवैया अपना रहे हैं, इत्यादि सब कुछ इसी सीआरएम सॉफ्टवेयर में ही एकत्रित किया जाता है। इसी के आधार पर ही कंपनी अपने आप में परिवर्तन लेकर आती है और ग्राहकों को बेस्ट सुविधाएँ प्रदान करती है।
Collaborative सीआरएम (Collaborative CRM meaning in Hindi)
अब जो भी कंपनी अपने ग्राहकों के साथ संपर्क कर रही है, उस कंपनी में अवश्य ही कर्मचारी भी अलग अलग टीम में काम कर रहे होंगे। कोई उसकी कंटेंट टीम में होंगे तो कोई मार्केटिंग टीम में तो कोई सेल्स की टीम में तो कोई अन्य टीम में। अब यदि कंपनी उन टीम के साथ अपने ग्राहकों की पसंद या नापसंद का डाटा शेयर नहीं करेगी तो किस तरह से ही काम चल (Collaborative CRM software in Hindi) पायेगा।
इसलिए कंपनी के द्वारा अपने ग्राहकों का जो भी डाटा मिलता है, उनका अध्ययन कर और सही रूप में अपने यहाँ काम कर रही विभिन्न टीम के साथ अलग अलग रूप में साँझा किया जाता है ताकि वे उसी के अनुसार ही अपना निर्णय ले सके और आगे काम कर सके। तो इस तरह से कंपनी के द्वारा अपने कर्मचारियों के साथ सीआरएम सॉफ्टवेयर के माध्यम से ग्राहकों का डाटा शेयर करने को इसमें रखा जाता है।
सीआरएम क्यों जरुरी है? (CRM importance in business in Hindi)
अब आपको यह भी जान लेना चाहिए कि किसी भी कंपनी के लिए सीआरएम या सीआरएम सॉफ्टवेयर क्यों इतना जरुरी होता है और यह उसकी कार्य प्रणाली में किस तरह की महत्ता रखता है। तो किसी भी कंपनी का आधार उसके ग्राहक ही होते हैं। यदि किसी कंपनी से उसके ग्राहक खुश हैं तो वे अपने आप ही नए लोगों को उसके ग्राहक के रूप में जोड़ते चले जाते हैं और यदि किसी कंपनी से उसके ग्राहक खुश नहीं है तो जो लोग उसके ग्राहक बनने का सोच रहे हैं, वे भी उससे दूर होते चले जाते (CRM importance in marketing in Hindi) हैं।
ऐसे में किसी भी कंपनी के लिए फिर चाहे वह नयी कंपनी हो या पुरानी, उसके लिए अपने मौजूदा ग्राहकों से बेहतर संबंध बनाया जाना बहुत ही जरुरी हो जाता (CRM software importance in Hindi) है। इसी कारण हर तरह की कंपनी में सीआरएम को बहुत ही ज्यादा महत्ता दी जाती है जिसे हम कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट के नाम से भी जानते हैं। यहाँ तक कि देश व दुनिया की बड़ी बड़ी कंपनियां भी इसी कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट तकनीक के तहत ही अपने निर्णय लेती है और आगे के कार्य करती है।
सीआरएम की फुल फॉर्म क्या है – Related FAQs
प्रश्न: CRM कितने प्रकार की होती है?
उतर: CRM तीन तरह की होती है जिसमें ऑपरेशनल, एनालिटिकल और Collaborative शामिल है।
प्रश्न: सीआरएम का उदाहरण क्या है?
उतर: सीआरएम का उदाहरण प्रोडक्ट रिव्यू है जो कंपनी आपसे अलग अलग तरीकों से मांगती है।
प्रश्न: सीआरएम के क्या लाभ है?
उतर: सीआरएम से कंपनी और ग्राहक दोनो को ही बहुत लाभ होता है और इससे दोनों के बीच अच्छा सम्बन्ध स्थापित होता है।
प्रश्न: रिलेशनशिप मैनेजमेंट क्यों महत्वपूर्ण है?
उतर: इससे कंपनी को अपने ग्राहकों की पसंद नापसंद की सब जानकारी हो जाती है।
तो इस तरह से आपने सीआरएम के बारे में इस लेख के माध्यम से जानकारी जुटा ली है कि सीआरएम क्या है और इसकी फुल फॉर्म क्या है। सीआरएम सॉफ्टवेयर क्या है और इसके क्या कुछ प्रकार हैं। साथ ही आपने जाना कि सीआरएम क्यों इतना जरूरी है। आशा है कि आपको हमारे द्वारा दी हुई जानकारी पसंद आई होगी।