|| सीएस कैसे बने? परीक्षा, भर्ती प्रक्रिया, योग्यता, सैलरी, कंपनी सेक्रेटरी क्या होता है, सीएस क्या है, सीएस सैलरी, Cs कितने साल का कोर्स है, CS course Eligibility, CS course fees, सीएस कोर्स 12 वीं के बाद विवरण, कंपनी सेक्रेटरी एडमिशन ||
जो छात्र अपनी दसवीं के बाद कॉमर्स विषय का चुनाव करते हैं उनके सामने आगे चलाकर तीन मुख्य विकल्प होते हैं, एक हैं बीकॉम करना जो ज्यादातर सभी करते भी हैं, फिर दो अन्य विकल्प के रूप में होते हैं CA और CS करना। सीए का मतलब (CS course details in Hindi) हुआ चार्टेड अकाउंटेंट बनना जो हर कॉमर्स लेने वालो का सपना होता हैं लेकिन बहुत से लोगों को कॉमर्स में ही एक अन्य बड़ी फील्ड के बारे में पता नही होता हैं जो होती हैं (Company secretary kaise bane) सीएस अर्थात कंपनी सेक्रेटरी।
जिन छात्रों को इसके बारे में पता होता हैं वे इसके लिए तैयारी भी करते हैं और आगे चलकर बहुत पैसा भी कमाते हैं। एक कंपनी में सीएस का पद बहुत बड़ा पद माना जाता (CS kaise karte hain) हैं और उसके ऊपर एक तरह से उस कंपनी को चलाने का ही उत्तरदायित्व होता हैं। तो यदि आप (Company secretary kya hota hai) भी सीएस कैसे की जाए या फिर इसे करने के लिए क्या क्या किया जाए, इसके बारे में जानना चाहते हैं तो आज हम आपको उसी के बारे में विस्तार से बताएँगे।
सीएस कैसे बने? CS kaise bane?
तो अब यदि आप सीएस बनने का सोच रहे हैं तो आपको इसके लिए पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। कहने का अर्थ यह हुआ की सीएस का मतलब क्या होता हैं, इसके काम क्या क्या होते हैं, किसी कंपनी में इसकी भूमिका क्या होती हैं, इसके लिए आपको क्या क्या तैयारी करनी होती हैं, क्या करके आप एक सफल सीएस बन सकते हैं और आपके अंदर उसके लिए क्या क्या योग्यताएं होनी चाहिए इत्यादि।
तो आज के इस लेख में हम आपको सीएस बनने के ऊपर शुरू से लेकर अंत तक सारी जानकारी देंगे ताकि आपके लिए कोई भी जानकारी अधूरी ना रह जाए। आइए जाने सीएस बनने के लिए आपको क्या कुछ करना पड़ेगा।
सीएस की फुल फॉर्म (CS ki full form)
सीएस बनने से पहले यदि उसकी फुल फॉर्म ही ना पता हो तो फिर सीएस बनने का क्या ही अर्थ। तो आज आप जान ले कि सीएस का पूरा नाम कंपनी सेक्रेटरी (Company Secretary) होता हैं। अब यहाँ आप सेक्रेटरी शब्द सुनकर यह मत सोचिये कि यह किसी के आगे पीछे चलने वाली नौकरी हो गयी जैसा कि आप फिल्मो में सीरीज में देखते होंगे। फिल्मो में तो सेक्रेटरी को तो अलग सा ही दिखाया जाता हैं जिसे केवल अपने बॉस के आगे पीछे भागना और कुछ फालतू के नाटक करते हुए दिखाया जाता हैं।
किसी भी कंपनी में सेक्रेटरी की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं। यदि आप भारत सरकार को भी ले लेंगे तो उसमे भी हर मंत्रालय में सेक्रेटरी होते हैं जो उस मंत्रालय के सबसे बड़े अधिकारी माने जाते हैं। तो इसी तरह किसी कंपनी में सेक्रेटरी की भूमिका भी बहुत अहम होती हैं। तो सीएस की फुल फॉर्म कंपनी सेक्रेटरी अर्थात उस कंपनी के लिए सेक्रेटरी हो गयी।
सीएस बनने के लिए योग्यता (CS ke liye kya karna padega)
अब यदि आप सीएस बनने के इच्छुक हैं तो आपको उसके लिए योग्य भी होना पड़ेगा अर्थात आपको यह भी जानना चाहिए कि आपके अंदर सीएस बनने के लिए पहले से क्या क्या योग्यताएं होनी चाहिए। तो आइए जाने सीएस बनने की योग्यताओं के बारे में।
- सबसे पहले तो आपका गणित में अच्छा होना आवश्यक हैं क्योंकि आपके ऊपर किसी कंपनी के सभी हिसाब किताब की जिम्मेदारी होगी। तो ऐसे में यदि आप वही सही से नही संभाल पाएंगे तो कंपनी को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता हैं। तो यदि आपका गणित विषय में अच्छी रुचि हैं तभी आप आगे अपना भविष्य सीएस के रूप में बनाने का सोचे।
- अब आपकी भाषा में भी अच्छी पकड़ होनी चाहिए। मुख्यतया आपको अंग्रेजी भाषा में अच्छी समझ होनी चाहिए। आगे चलकर एक सीएस के तौर पर आपको अपनी कंपनी को जगह जगह प्रेजेंट करना होगा तो इसके लिए अंग्रेजी भाषा का अच्छे से ज्ञान होना आवश्यक हैं।
- यदि आप अपने स्कूल में वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेते हैं और इसमें सफल भी होते हैं तो यह सीएस बनने की दिशा में एक अच्छा कदम होगा। यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक सीएस को अपने कंपनी के लिए कानूनी मुद्दों को भी देखना होता हैं। तो ऐसे में आपको कानून की कितनी अच्छी समझ हैं या फिर आप दूसरों के सामने अपने आप को किस तरह से रख सकते हैं यह भी बहुत मायने रखता हैं।
- आपको एक अच्छा टीम मैनेजर भी होना पड़ेगा क्योंकि यदि आप सीएस बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं तो आपके अंदर एक तरह से कंपनी के सभी कर्मचारी काम करेंगे। ऐसे में उन्हें सही दिशा निर्देश देना और सभी का हिसाब किताब रखना आपके लिए बहुत मायने रखेगा।
- एक सीएस के रूप में आपके अंदर संयम का होना भी बहुत जरुरी हैं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हमेशा परिस्थितियां आपके अनुरूप काम नही करेंगी। बहुत बार यह आपके विपरीत भी होंगी। तो उन स्थितियों में आप अपना संयम कैसे बनाए रखते हैं यह बहुत मायने रखता हैं।
सीएस बनने के लिए क्या करें (CS banne ke liye kya kare)
अब जब आप यह जान चुके हैं कि एक सीएस में क्या क्या गुण होने चाहिए और उसके लिए उसे क्या करना पड़ सकता हैं तो अब हम बात करेंगे कि आखिरकार किस तरीके से आप एक सफल सीएस बन सकते हैं। यहाँ हम आपको चरण दर चरण सीएस बनने का हर एक स्टेप बताएँगे। आइए जाने सीएस बनने के लिए आपको क्या कुछ करना पड़ेगा।
#1. दसवीं के बाद ले कॉमर्स
अब जब आप अपनी दसवीं कक्षा को पास कर लेंगे तो उसके बाद 11 वीं कक्षा में प्रवेश लेने के लिए आपके सारे कई सारे करियर विकल्प होंगे जिनमे से आपको एक करियर विकल्प चुनना होगा। तो इसके लिए आपको कॉमर्स विषय का चुनाव करना होगा। यदि आपने अपनी 11 वीं और बारहवीं कक्षा किसी अन्य स्ट्रीम से की तो आप आगे चलकर सीएस नही बन पाएंगे।
तो यदि आप चाहते हैं कि आप आगे चलकर एक सफल सीएस बने तो इसके लिए दसवीं कक्षा के पास कॉमर्स स्ट्रीम का ही चुनाव करें। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सीएस में आपको उन्हीं विषयों को पढ़ाया जाएगा जो आपके कॉमर्स में आएंगे।
नोट: हालाँकि नए नियमों के अनुसार आप दसवीं के बाद किसी भी स्ट्रीम को लेकर सीएस बन सकते हैं बस आपके पास फाइन आर्ट्स नही होनी चाहिए। कहने का अर्थ यह हुआ कि फाइन आर्ट्स वाले छात्रों को छोड़कर हर स्ट्रीम वाला आगे चलकर सीएस के लिए पंजीकरण करवा सकता हैं।
#2. बारहवीं में लाये न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक
आप चाहे कुछ भी बनना चाहते हो लेकिन यदि आप बड़ा पद पाना चाहते हैं या किसी अच्छे कॉलेज में प्रवेश पाना चाहते हैं तो आपको अपनी बारहवीं कक्षा में अच्छे प्रतिशत लाने पर फोकस करना होगा। यदि आपके बारहवीं में अच्छे प्रतिशत नही आते हैं तो आप बहुत सारे अवसरों को पाने से चूक सकते हैं।
तो यदि आप चाहते हैं कि आप आगे चलकर एक सफल सीएस बने तो इसके लिए आपको अपनी बारहवीं कक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक लाने होंगे। तो इस बात को अपने दिमाग में उतार ले कि कैसे भी करके आपको अपनी बारहवीं कक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक अंक लाने ही होंगे।
#3. ICSI फाउंडेशन कोर्स के लिए आवेदन (ICSI course registration)
अब जब आप अपनी बारहवीं कक्षा को 50 प्रतिशत अंक लाकर पास कर लेते हैं तो अगला चरण हैं ICSI में फाउंडेशन कोर्स करने के लिए आवेदन करना। अब आप सोच रहे होंगे कि यह ICSI क्या हैं तो इसका पूरा नाम इंस्टिट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (Institute of Company Secretaries of India) है। यह एक तरह से भारत में कंपनी सेक्रेटरी करने वाले लोगों की संस्था हैं।
भारत में जो भी सीएस बनना चाहता हैं उसे इस संस्था के तहत ही अपना पंजीकरण करवाना होता हैं। इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आप भी कंपनी सेक्रेटरी बने तो आपको अपनी बारहवीं कक्षा के बाद ICSI में रजिस्ट्रेशन करना होगा। अब आप सोच रहे होंगे कि इसके बाद क्या होगा तो हम आपको बता दे कि इसके बाद आपको चरण दर चरण तीन तरह की प्रोग्राम से गुजरना होगा। आइए इसके बारे में भी जाने।
सीएस बनने के लिए कोर्स (CS course details in Hindi)
अब जब आप बारहवीं को पास कर लेते हैं तो उसके बाद आपको ICSI की वेबसाइट पर जाकर उनके द्वारा करवाए जा रहे कोर्स के लिए आवेदन करना होगा। यह कोर्स तीन भागों में विभाजित होगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप तीन भागों में इस कोर्स या प्रोग्राम को (CS course details after 12th in Hindi) कर सकते हैं। इन तीन प्रोग्राम के नाम हैं फाउंडेशन, एग्जीक्यूटिव व प्रोफेशनल प्रोग्राम।
हालाँकि यह तीनो प्रोग्राम का चुनाव आप अपनी बारहवीं की परीक्षा के बाद कर सकते हैं लेकिन यदि आप बारहवीं कक्षा के बाद कोई डिग्री लेना चाहते हैं तो आप ग्रेजुएशन कर सकते हैं। अब ग्रेजुएशन करने के बाद आप सीएस बनना चाहते हैं तो आपको यह तीनो प्रोग्राम नही करने होंगे बल्कि अंतिम दो प्रोग्राम ही करने होंगे। कहने का अर्थ यह हुआ कि जिन छात्रों ने बीकॉम या अन्य कोई डिग्री की हुई हैं और अब वे सीएस बनने के इच्छुक हैं तो उन्हें बस एग्जीक्यूटिव व प्रोफेशनल प्रोग्राम ही करना होगा, ना कि फाउंडेशन प्रोग्राम।
#1. सीएस फाउंडेशन प्रोग्राम व उसका सिलेबस (CS foundation course)
इस कोर्स को केवल बारहवीं के बाद ही किया जा सकता हैं। इसे फाउंडेशन प्रोग्राम के नाम से भी जाना जाता हैं। किसी भी स्ट्रीम का छात्र बस वो फाइन आर्ट्स का नही होना चाहिए, वह इसके लिए आवेदन कर सकता हैं। इसमें कुल 4 विषय आपको पढाएं जाएंगे और अंत में उन्हीं के पेपर आपसे लिए जाएंगे। यह 4 विषय होंगे:
- BUSINESS ENVIRONMENT AND LAW
- BUSINESS MANAGEMENT, ETHICS & ENTREPRENEURSHIP
- BUSINESS ECONOMICS
- FUNDAMENTALS OF ACCOUNTING AND AUDITING
#2. सीएस एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम व उसका सिलेबस (CS executive course)
इस कोर्स को दो तरह से किया जा सकता हैं। पहला तो यदि आपने दसवीं के बाद फाउंडेशन कोर्स लिया हो और उसके सभी चार विषयों को पास कर लिया हो। दूसरा यदि आपने अपनी ग्रेजुएशन पूरी कर ली हैं तो आप सीधे इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह हैं कि आप चाहे किसी भी फील्ड से ग्रेजुएशन करें लेकिन यदि आपने फाइन आर्ट्स से ग्रेजुएशन की हैं तो आप सीएस के एग्जीक्यूटिव कोर्स को नही कर सकते हैं।
तो सीएस के इस प्रोग्राम में परीक्षा को दो भागों में विभाजित किया गया होता हैं जिसमें प्रत्येक भाग में 4 पेपर होते हैं। इस तरह से इसमें कुल 8 विषय हो जाते हैं जिन्हें आपको पास करना होता हैं। इसमें प्रथम भाग में आपके यह चार पेपर होंगे:
- JURISPRUDENCE, INTERPRETATION & GENERAL LAWS
- COMPANY LAW
- SETTING UP OF BUSINESS ENTITIES AND CLOSURE
- TAX LAWS
फिर दूसरे चरण में आपके इन विषयों पर पेपर होंगे:
- CORPORATE & MANAGEMENT ACCOUNTING
- SECURITIES LAWS & CAPITAL MARKETS
- ECONOMIC, BUSINESS, AND COMMERCIAL LAWS
- FINANCIAL AND STRATEGIC MANAGEMENT
#3. सीएस प्रोफेशनल प्रोग्राम व उसका सिलेबस (CS professional course)
यह सीएस बनने की दिशा में आखिरी प्रोग्राम होता हैं जिसे करने के बाद आपको सीएस की डिग्री या उपाधि मिल जाएगी। इसमें आपके तीन भागों में पेपर लिए जाएंगे जिन्हें प्रत्येक भाग में तीन तीन विषय होंगे। तो इस तरह से इस प्रोग्राम में आपके कुल 9 विषय हो जाएंगे। इसमें प्रथम चरण में आपके यह तीन विषय आएंगे:
- GOVERNANCE, RISK MANAGEMENT, COMPLIANCES AND ETHICS
- ADVANCED TAX LAWS
- DRAFTING, PLEADINGS AND APPEARANCES
फिर दूसरे चरण में यह तीन विषय आएंगे:
- SECRETARIAL AUDIT
- CORPORATE RESTRUCTURING
- RESOLUTION OF CORPORATE DISPUTES
अंतिम और तीसरे चरण में आपके यह तीन विषय आएंगे:
- CORPORATE FUNDING & LISTINGS IN STOCK EXCHANGES
- MULTIDISCIPLINARY CASE STUDIES
- ELECTIVES 1 OUT OF BELOW 8 SUBJECTS
इसमें भी आपका जो अंतिम विषय होगा जिसका नाम हैं “ELECTIVES 1 OUT OF BELOW 8 SUBJECTS”, इसमें आपको आठ विकल्प दिए जाएंगे, जिनमें से आपको कोई एक चुनना होगा, उनके नाम हैं:
- BANKING LAW AND PRACTICE
- INSURANCE LAW AND PRACTICE
- INTELLECTUAL PROPERTY RIGHTS– LAWS AND PRACTICES
- FORENSIC AUDIT
- DIRECT TAX LAW & PRACTICE
- LABOUR LAWS & PRACTICE
- VALUATIONS & BUSINESS MODELLING
- INSOLVENCY – LAW, AND PRACTICE
यह आखिरी पेपर जिसमें आपको आठ में से एक विषय चुनना होगा, इसकी विशेषता यह भी हैं कि इसमें आपको किताब खोलकर पेपर देना होगा अर्थात इसमें आप अपने साथ एग्जाम हॉल में बुक लेकर जा सकते हैं और उसे खोलकर पेपर दे सकते हैं।
तो अभी तक आप जान चुके हैं कि सीएस बनने के लिए आपको किन किन चरणों से गुजरना होगा और किन विषयों को पास करना होगा। तो अब बारी हैं कि आप इसके लिए कब तक आवेदन कर सकते हैं। यदि आप आवेदन करने से चूक गए तो फिर आपको अगली बारी के लिए प्रतीक्षा करनी होगी। तो आइए उसके बारे में भी जान लेते हैं।
सीएस के लिए एडमिशन व आवेदन तिथि (CS admission last date)
अब जब आप अपनी बारहवीं कक्षा को पास करेंगे या ग्रेजुएशन ख़त्म कर लेंगे तो आपको सीएस के या तो फाउंडेशन कोर्स या फिर एग्जीक्यूटिव कोर्स के लिए आवेदन करना होगा। तो अब आप यह जान ले कि इसके लिए ICSI वर्ष में दो बार परीक्षा आयोजित करवाता हैं, एक बार जून में तो दूसरी बार दिसंबर में अर्थात छह माह के अंतराल में।
तो यदि आप सीएस के फाउंडेशन कोर्स या एग्जीक्यूटिव कोर्स के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आपको वर्ष में दो बार इसके लिए आवेदन करने का या सीएस कोर्स में प्रवेश लेने का अवसर प्राप्त होगा। किंतु इसके लिए आपको भारत सरकार द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि को भी ध्यान में रखकर चलना चाहिए क्योंकि यदि आप इससे चूक गए तो आपको छह माह की प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।
फाउंडेशन कोर्स के लिए आवेदन
31 मार्च से पहले आवेदन करना होगा और परीक्षा उसी वर्ष दिसंबर के महीने में आयोजित करवाई जाएगी। 30 सितंबर से पहले आवेदन करना होगा और परीक्षा अगले वर्ष जून के महीने में आयोजित करवाई जाएगी।
एग्जीक्यूटिव कोर्स के लिए आवेदन
यदि आप आठों पेपर अर्थात दोनों चरण के पेपर एक साथ देना चाहते हैं तो इसके लिए 28 फरवरी से पहले आवेदन करना होगा और आपकी परीक्षा उसी वर्ष दिसंबर के महीने में आयोजित करवाई जाएगी। ठीक इसी तरह दोनों चरणों के पेपर एक साथ देने के लिए यदि आप 31 अगस्त से पहले आवेदन करते हैं तो आपकी परीक्षा अगले वर्ष जून माह में आयोजित करवाई जायेगी।
अब यदि आप दोनों चरणों को अलग अलग देना चाहते हैं तो आपको 31 मई से पहले आवेदन करना होगा और फिर आपके पहले चरण की परीक्षा उसी वर्ष दिसंबर के महीने में करवाई जाएगी। ठीक उसी तरह यदि आप 30 नवंबर से पहले आवेदन करते हैं तो अगले वर्ष के जून महीने में आपकी प्रथम चरण की परीक्षा आयोजित करवाई जाएगी।
सीएस कोर्स फीस (CS course fees)
अब जब आप आवेदन करेंगे तो आपसे शुल्क के तौर पर फीस भी ली जाएगी। बिना इसको भरे आप सीएस की परीक्षा में नही बैठ पाएंगे। तो आइए जाने हर प्रोग्राम की परीक्षा के लिए आपको कितनी फीस देनी होगी।
फाउंडेशन प्रोग्राम की फीस
अब यदि आप फाउंडेशन प्रोग्राम के लिए आवेदन करेंगे तो उसके लिए आपको कुल 1200 रुपए चुकाने होंगे और आपके चार विषयों के पेपर इसमें हो जाएंगे।
एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम की फीस
एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम के पेपर देने के लिए भी आपको 1200 रुपए ही चुकाने होंगे लेकिन वह केवल एक चरण के लिए होंगे। अब जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि यह प्रोग्राम दो चरणों में विभाजित हैं तो दोनों चरण के पेपर देने के लिए आपको कुल 2400 रुपए चुकाने होंगे।
प्रोफेशनल प्रोग्राम की फीस
प्रोफेशनल प्रोग्राम की एग्जाम फीस के तौर पर भी आपको 1200 रुपए ही चुकाने होंगे लेकिन एक चरण के पेपर के लिए। तो इस हिसाब से इसमें कुल 3 चरण हो गए तो फीस हो गयी 3600 रुपए।
सीएस एग्जाम की लेट फीस (CS exam late fees)
अब यदि आप दी गयी आवेदन तिथि से चूक जाते हैं तो आपसे लेट फीस के साथ आवेदन भरने को कहा जाएगा। यदि आप दिसंबर महीने में परीक्षा के लिए आवेदन कर रहे हैं तो आप ज्यादा से ज्यादा 9 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं और इसके लिए आपको 250 रूपए लेट फीस के रूप में चुकाने होंगे। वही यदि आप जून की परीक्षा के लिए आवेदन कर रहे हैं तो आप 250 रुपए का ही शुल्क देकर 25 सितंबर तक आवेदन कर सकते हैं।
सीएस एग्जाम की भाषा (CS exam language)
अब आप यह भी जानना चाहते होंगे कि आप सीएस की जो परीक्षा देंगे वह किस भाषा में आयोजित होगी। तो आज आप यह जान ले कि आप सीएस की परीक्षा को हिंदी व अंग्रेजी दोनों तरह की भाषाओँ में दे अकते हैं। बस इसमें आपका एक विषय अंग्रेजी में होगा जिसका नाम हैं Business Communication subject of Foundation Program.
इस विषय को छोड़कर आपके पास विकल्प होगा कि आप सीएस की परीक्षा को हिंदी में देना चाहे या अंग्रेजी भाषा में। तो आप चिंतामुक्त होकर किसी भी भाषा में सीएस की तैयारी शुरू कर सकते हैं।
सीएस परीक्षा में पास होने के लिए मार्क्स (CS exam passing marks)
अब आप सोच रहे होंगे कि सीएस की परीक्षा में पास होने के लिए आपको कुल कितने प्रतिशत मार्क्स या अंक लाने होंगे ताकि आप आगे बढ़ सके। तो आज आप उसके बारे में भी जान ले ताकि कोई भी जानकारी अधूरी ना रह जाए। तो आप सीएस का कोई भी प्रोग्राम का कोई भी चरण का की भी विषय कोई भी परीक्षा दे, आपको हर विषय में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक तो लाने ही होंगे।
इसी के साथ आपको हर भाग में कुल विषयों के अंक मिलाकर 50 प्रतिशत से अधिक अंक लाने होंगे। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आप किसी प्रोग्राम के किसी विषय में 40 प्रतिशत से अधिक अंक नही लाते हैं तो आप उस प्रोग्राम में फेल समझे जाएंगे। ठीक इसी तरह यदि आप एक प्रोग्राम से दूसरे प्रोग्राम में जाना चाहते हैं तो उसके लिए आपके पास उस प्रोग्राम में कुल 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए तभी आप आगे बढ़ सकते हैं।
सीएस की ट्रेनिंग (CS training)
अब आप यह मत सोचिये कि आप केवल पढ़कर ही सीएस बन जाएंगे। आपको साथ के साथ इसकी ट्रेनिंग भी करनी होगी तभी आपको सीएस की डिग्री मिल पाएंगी। इसके लिए भी निर्धारित ट्रेनिंग मोड्यूल व उनकी अवधि निर्धारित की गयी हैं। आइए उसके बारे में भी जान ले।
- कंप्यूटर ट्रेनिंग – 70 घंटे
- Student Induction Programme – 7 दिन
- Executive Development Programme – 8 दिन
- Long Terms Internship with specified entities – 15 महीने (एग्जीक्यूटिव एग्जाम को पास करने के बाद)
- Professional Development Programme – 25 घंटे
- Training with specialised agency – 15 दिन
- Management Skills Orientation Programme – 15 दिन
सीएस के कार्य (CS ka kam)
तो हमें विश्वास हैं कि अभी तक आप सीएस बनने के ऊपर सब जानकारी ले चुके होंगे लेकिन अब आपको यह भी जानना चाहिए कि आखिरकार इतना सब करने के बाद सीएस करता क्या हैं या फिर उसके काम क्या क्या होते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आपको यही नही पता होगा कि सीएस का आखिर में काम क्या होता हैं तो फिर इतना सब पढ़कर क्या ही लाभ। ऐसे में आइए जाने सीएस के काम।
- कंपनी का पूरा प्रबंधन सीएस का ही काम होता हैं। कंपनी की संपूर्ण व्यवस्था बनाना और सभी को उसके बारे में अवगत करवाना।
- कंपनी की नीतियों अर्थात पालिसी को बनाना भी एक सीएस का ही काम होता हैं।
- कंपनी की मीटिंग करवाना और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के साथ संपर्क में रहना और उन्हें काम का हिसाब देना।
- कंपनी के सीए से सब काम का हिसाब किताब लेना और उसकी रिपोर्ट तैयार करना।
- कंपनी को कानूनी रूप से सब मदद करना और उसे हर तरह की क्लीयरेंस दिलवाने में मदद करना।
- कंपनी और सरकार के बीच में संपर्क बनाए रखना और हर तरह के नियमों का पालन करवाना।
- कंपनी के सभी तरह के इवेंट्स को देखना और उसमे लगने वाले खर्चे का हिसाब रखना।
- कंपनी को प्रॉफिट में बनाए रखना और सभी की सैलरी सुनिश्चित करना।
सीएस की सैलरी (CS ki salary kitni hoti hai)
अब सबसे अंतिम और महत्वपूर्ण बात जो हैं कि एक सीएस कितना कमा लेता होगा। तो यदि आप यह जानना चाह रहे हैं कि एक सीएस कितना कमा लेता हैं तो यह अनुमान लगाना गलत होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि सीएस की सैलरी पूर्ण रूप से उसके द्वारा पढ़े गए कोर्स, उसमे आये अंक, उसको मिली नौकरी, उसके काम और उसके अनुभव पर निर्भर करती हैं।
वैसे सामान्य तौर पर एक सीएस शुरूआती तौर पर 50 हज़ार से लेकर एक लाख रुपए महीने के कमा लेता हैं किंतु समय के साथ साथ यह कमाई बहुत अधिक बढ़ जाती हैं। एक अनुभवी सीएस महीने के 10 से 20 लाख रुपये तक ले लेता हैं। इसलिए यह पूर्ण रूप से सीएस पर निर्भर करता हैं कि वह कितनी जल्दी उन्नति करता हैं और कंपनी को किस तरह से संभालता हैं।
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सीएस कैसे बने? – Related FAQs
प्रश्न: CS कितने साल का कोर्स है?
उत्तर: CS 3 साल का कोर्स है।
प्रश्न: CS बनने के लिए क्या करना पड़ता है?
उत्तर: CS बनने के लिए बारहवीं कक्षा के बाद ICSI के तहत सीएस फाउंडेशन कोर्स के लिए आवेदन करना पड़ता है।
प्रश्न: सीएस की फीस कितनी है?
उत्तर: सीएस की फीस 7200 रुपए है।
प्रश्न: CS का क्या काम होता है?
उत्तर: CS का काम किसी भी कंपनी को संभालना और उसकी नीतियाँ बनाना होता है।