|| डार्क वेब क्या होता है? | Dark web kya hota hai | इंटरनेट के प्रकार | Internet types in Hindi | डार्क वेब में क्या होता है? | Dark web me kya kya hota hai | क्या डार्क वेब गैर कानूनी है? | डार्क वेब के नुकसान ||
Dark web kya hota hai :- जब से इस दुनिया में इंटरनेट आया है तब से मानव जीवन का रहन सहन पूरी तरह से बदल चुका है। यहाँ तक कि हमारी दिनचर्या में भी बहुत बदलाव देखने को मिला है और हम जिस तरह से काम पहले करते थे, वह आज के समय में बदल चुका (Dark web meaning in Hindi) है। अब दुनिया का लगभग हर काम इंटरनेट पर हो सकता है, दुनिया की हर जानकारी इसी इंटरनेट पर है और यहाँ पर ऐसा कुछ नही होगा, जिसे किया जाना असंभव हो या किया ना जा सकता हो।
तो आप इंटरनेट को एक अलग दुनिया का दर्जा भी दे सकते हैं जहाँ पर विश्व और मानव जीवन से जुड़ी हर गतिविधि को अंजाम दिया जा सकता है। अब यदि आप सोच रहे हैं कि आपके सामने जो इंटरनेट है या आप उसमे जो कुछ देख सकते हैं केवल वही इंटरनेट का पूर्ण स्वरुप है तो आप गलत (Dark web kya hai) है। दरअसल आप और हम जो इंटरनेट एक्सेस करते हैं या जिस पर हमारी पहुँच है वह इंटरनेट का केवल 4 से 5 प्रतिशत ही हिस्सा है। शेष 95 प्रतिशत हिस्से तक तो हमारी पहुँच ही नहीं है।
इंटरनेट के इसी बाकि 95 प्रतिशत हिस्से को ही डार्क वेब के नाम से जाना जाता है जिसके बारे में आप इस लेख के माध्यम से जानने आये हैं। तो आज के इस लेख में हम आपके साथ डार्क वेब के बारे में ही चर्चा करने वाले (Dark web ki jankari) हैं। यहाँ पर आपको डार्क वेब के बारे में शुरू से लेकर अंत तक सभी महत्वपूर्ण जानकारी मिलने वाली हैं। साथ ही आप इसका इस्तेमाल करने वाले हैं तो होशियार हो जाए क्योंकि इससे कई तरह के खतरे भी साथ में आते हैं। तो पहले यह लेख पूरा और ध्यान से पढ़े और उसके बाद ही डार्क वेब का इस्तेमाल करने का सोचे।
डार्क वेब क्या होता है? (Dark web kya hota hai)
जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया की हम और आप जिस इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं वह इंटरनेट का केवल 5 प्रतिशत ही हिस्सा होता है और बाकि का बचा हुआ हिस्सा अर्थात अधिकांश भाग डार्क वेब के अंतर्गत आता (What is dark web in Hindi) है। तो अब आपका प्रश्न होगा कि आखिरकार इस 95 प्रतिशत हिस्से में ऐसा क्या आता है और क्यों इसे डार्क वेब के नाम से जाना जाता है। क्या यह गैर कानूनी है या फिर इसका कोई अन्य अर्थ है।
तो यहाँ हम आपको डार्क वेब की परिभाषा के बारे में स्पष्ट करते हुए यह बता दे की यह इंटरनेट का ऐसा हिस्सा होता है जिस पर किसी भी देश की सरकार, एजेंसी, संस्था, संगठन, गूगल, कंपनी इत्यादि किसी का भी कोई नियंत्रण नहीं होता है और ना ही इस पर जल्दी से किसी को ढूंढा जा सकता (Dark web mein kya hota hai) है। दुनियाभर में जो भी गैर कानूनी कार्य किये जाते हैं जैसे कि जालसाजी, धोखाधड़ी, अपराध, हत्या, हथियारों की खरीद, ड्रग्स नशे का कारोबार इत्यादि सभी इसी डार्क वेब के माध्यम से किये जाते हैं।
तो यह डार्क वेब एक ऐसा इंटरनेट होता है जिसे हम सामान्य तौर पर एक्सेस नहीं कर सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए किसी ना किसी ब्राउज़र का इस्तेमाल करते होंगे जैसे कि गूगल क्रोम, मोजिल्ला इत्यादि तो आप डार्क वेब को इन किसी भी आधिकारिक ब्राउज़र से एक्सेस नहीं कर सकते हैं। ना ही इसे सामान्य रूप से एक्सेस किया जा सकता है।
तो डार्क वेब इंटरनेट का एक ऐसा गुप्त हिस्सा होता है जिसे सामान्य रूप से किसी ब्राउज़र से एक्सेस नहीं किया जा सकता है और यह आम तौर से खुलने वाली या आपके इंटरनेट कनेक्शन से खुलने वाली चीज़ नहीं होती है। यह एक गुप्त इंटरनेट होता है जिस तक पहुँच किसी स्पेशल तकनीक के माध्यम से ही की जा सकती है और इसके लिए बहुत प्रयास करने पड़ते हैं। इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए हमें इंटरनेट के तीनो भागो के बारे में समझना चाहिए।
इंटरनेट के प्रकार (Internet types in Hindi)
इंटरनेट को उसके इस्तेमाल, एक्सेस, गतिविधि इत्यादि के तौर पर तीन भागो में बांटा गया है जिसमे एक डार्क वेब भी होता है। तो इसके अन्य दो भाग सामान्य तौर पर हम सभी के द्वारा इस्तेमाल किये जाते हैं जबकि डार्क वेब एक अलग ही हिस्सा (Internet ke prakar in Hindi) होता है। इसे समझने के लिए आइए इंटरनेट के तीनो प्रकारों के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
सर्फेस वेब
इंटरनेट का यह वो हिस्सा होता है जो सभी लोगों के लिए आम तौर पर खुला होता है। इंटरनेट पर मौजूद तमाम तरह की जानकारी, सूचनाएँ, प्रश्न उत्तर, वेबसाइट के ब्लॉग, कंटेंट, विडियो, फोटो इत्यादि जिसे सार्वजनिक तौर पर पब्लिश किया गया है वह सभी इस सर्फेस का ही हिस्सा होता (Surface web meaning in Hindi) है। उदाहरण के तौर पर आपने इंटरनेट पर डार्क वेब के बारे में सर्च किया और अब आप हमारी वेबसाइट पर उसका आर्टिकल पढ़ रहे हैं तो यह सर्फेस वेब का ही एक हिस्सा होता है।
इसी तरह इंटरनेट पर जो भी जानकारी आम जनता के लिए उपलब्ध है और जिसे हर कोई देख सकता है, पढ़ सकता है, उस तक पहुँच बना सकता है इत्यादि वह सभी इंटरनेट के इस हिस्से में आती है। आम तौर पर सभी के द्वारा सर्फेस वेब का ही इस्तेमाल मुख्य तौर पर किया जाता है।
डीप वेब
डीप वेब को समझाने के लिए हम एक उदाहरण का सहारा लेंगे ताकि आपको यह अच्छे से समझ में आ सके। तो आपके सोशल मीडिया पर कई तरह के अकाउंट होंगे जैसे कि फेसबुक, ट्विटर इत्यादि। अब आप फेसबुक पर किसी से चैट करते हैं तो उस चैट को केवल आप ही देख सकते हैं और यह लोगों को इंटरनेट पर सर्च करने पर नहीं (Deep web meaning in Hindi) मिलेगी। इसी तरह आपकी ईमेल आईडी पर जो मेल आता है वह आपको सामान्य तौर पर इंटरनेट पर सर्च करने पर नहीं मिलेगा। उस ईमेल तक पहुँच आप केवल अपनी ईमेल आईडी पर लॉग इन करने के पश्चात ही बना सकते हैं।
तो इंटरनेट पर मौजूद कोई ऐसी जानकारी जिस तक पहुँच बनाने के लिए आपको क्रेडेंशियल की जरुरत पड़े अर्थात यूजर नाम, पासवर्ड तथा अन्य जानकारी या अनुमति की आवश्यकता हो तो उसे डीप वेब के रूप में जाना जाता है। सामान्य तौर पर डीप वेब पर व्यक्ति विशेष, संस्था, समूह, कंपनी इत्यादि की पहुँच होती है और आम जनता उस तक नहीं पहुँच सकती है।
डार्क वेब
ऊपर इंटरनेट के आपने जो दो प्रकार पढ़े वह कुल इंटरनेट का केवल 4 से 5 प्रतिशत तक का ही हिस्सा माना जाता है जबकि शेष 95 प्रतिशत हिस्सा इसी डार्क वेब में आता है। इस तक पहुँच आप सामान्य तौर पर नहीं बना सकते हैं और ना ही इसे किसी भी माध्यम से आपके द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले ब्राउज़र और इंटरनेट सर्वर से खोला जा सकता है। यह इंटरनेट का छिपा हुआ या गुप्त हिस्सा होता है जहाँ तक पहुँच केवल वही व्यक्ति बना सकते हैं जो डार्क वेब की समझ रखते हैं।
कहने का अर्थ यह हुआ कि आप किसी भी जानकारी इत्यादि के लिए गूगल पर सर्च करते हैं तो जो भी लिंक्स, वेबसाइट या अन्य जानकारी आएगी वह पूर्ण रूप से सर्फेस वेब की जानकारी ही होगी। इसके अलावा यदि आपको किसी चीज़ में लॉग इन करने के बाद जो जानकारी मिलेगी वह पूर्ण रूप से डीप वेब का हिस्सा होगी। और जहाँ तक आपकी सामान्य तौर पर या इन दोनों तरीके से पहुँच नहीं होगी वो डार्क वेब का हिस्सा होगा।
डार्क वेब में क्या होता है? (Dark web me kya kya hota hai)
आपको यह भी जान लेना चाहिए कि इस डार्क वेब में आखिरकार होता क्या है जो इसे इतना गुप्त रखा गया है। दरअसल यह अपने कार्यों और यहाँ होने वाली अवैध गतिविधियों के कारण ही इतना बदनाम है लेकिन इस पर नियंत्रण किया जाना किसी के भी बस की बात नहीं (Dark web explained in Hindi) है। किसी भी देश की सरकार इस पर नियंत्रण लगा पाने में असमर्थ है। वह इसलिए क्योंकि सरकारें ज्यादा से ज्यादा किसी चीज़ पर बैन लगा सकती है और डार्क वेब को बैन से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि यह तो पहले से ही प्रतिबंधित है। तभी तो इसे सामान्य तौर पर खोला नही जा सकता है।
एक तरह से कहा जाए तो दुनियाभर की सभी बैन की गयी चीजें आपको इसी डार्क वेब पर मिल जाएगी। अब आप खुद ही सोचिये विभिन्न सरकारों और अन्य संस्थाओं जैसे कि गूगल, सोशल मीडिया इत्यादि कितनी ही कंपनियों के द्वारा कितनी चीज़ों को प्रतिदिन बैन किया जाता है, तो वह सब आपको इसी डार्क वेब पर आसानी से मिल जाएगा और आप उन तक अपनी पहुँच बना पाएंगे।
इनके अलावा जिन चीज़ों पर हमेशा के लिए बैन रहता है या जो हमेशा ही अपराध की श्रेणी में रहती है, वह भी इसी डार्क वेब के माध्यम से खोजी जा सकती है। तो मुख्य तौर पर डार्क वेब पर यह सब चीज़े देखने को मिल सकती है या होती है।
- हथियारों की बिक्री होना
- हत्या करवाना
- किसी की हत्या की सुपारी देना
- चाइल्ड पोर्नोग्राफी का कंटेंट
- ड्रग्स व नशे का कारोबार
- हैकिंग करना
- ख़ुफ़िया जानकारी साँझा करना
- ब्लैकमेल करना
- प्रतिबंधित वेबसाइट का एक्सेस
- प्रतिबंधित मूवीज, सीरीज इत्यादि का कंटेंट
- सरकार विरोधी सब जानकारी
- लीक दस्तावेज जो बैन किये जा चुके है
- डीप वेब की सभी फोटोज, वीडियोस, कंटेंट तक पहुँच
- सर्फेस वेब की ऐसी फोटोज, वीडियोस, कंटेंट इत्यादि तक पहुँच जो डिलीट किये जा चुके हैं इत्यादि।
क्या डार्क वेब गैर कानूनी है? (Dark web is legal or illegal in Hindi)
अब आप यह सोच रहे होंगे कि डार्क वेब का इस्तेमाल करना गैर कानूनी होगा या फिर इसको इस्तेमाल करने पर आपको सरकार के द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है तो ऐसा नहीं (Is it illegal to access dark web from India in Hindi) है। डार्क वेब का इस्तेमाल करना बिल्कुल भी गैर कानूनी या अवैध नहीं है लेकिन यहाँ होने वाली गतिविधियाँ अवश्य ही गैर कानूनी है। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आप डार्क वेब का इस्तेमाल कर किसी ऐसी गतिविधि को अंजाम नहीं देते हैं जो कानूनन अपराध या गंभीर अपराध हो तो आपके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं होगी।
हालाँकि यदि आप ऊपर बताई गयी किसी गतिविधि में लिप्त पाए जाते हैं और सरकार आपको ट्रेस करने में सफल रहती है तो अवश्य ही आपके ऊपर कानूनन कार्यवाही की जा सकती (Dark web legal in India in Hindi) है। तो स्पष्ट शब्दों में कहा जाये तो डार्क वेब का इस्तेमाल करना तब तक गैर कानूनी नहीं माना जाएगा जब तक आप इसके जरिये किसी गैर कानूनी गतिविधि में लिप्त ना पाए जाए या फिर पकड़े ना जाए।
डार्क वेब का इस्तेमाल कैसे करे? (Dark web ka use kaise kare)
तो क्या आप डार्क वेब का इस्तेमाल करने को इच्छुक है? इसका इस्तेमाल करने से पहले हम आपको पहले ही यह चेतावनी दे देना चाहते हैं कि यह आपके लिए अत्यंत ही खतरनाक सिद्ध हो सकता है और आप बहुत ही बड़ी मुसीबत में फंस सकते (Dark web uses in Hindi) हैं। इसलिए डार्क वेब का इस्तेमाल पूर्णतया अपने रिश्क पर ही करे और इसके इस्तेमाल से होने वाले संभाविक खतरों के बारे में जानकर ही आगे बढ़े।
तो डार्क वेब का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले तो आपको एक नया ब्राउज़र अपने कंप्यूटर या मोबाइल में इनस्टॉल करना होगा जिसका नाम टोर (Tor) ब्राउज़र है। वह इसलिए क्योंकि यह तो हमने आपको ऊपर ही बता दिया कि सामान्य ब्राउज़र से आप डार्क वेब को एक्सेस नहीं कर सकते हैं और इसके लिए आपको Tor ब्राउज़र ही चाहिए होगा। तो अब जब आप यह ब्राउज़र अपने सिस्टम में इनस्टॉल कर ले तो उसके बाद आपको अपना VPN एड्रेस बदलने की जरुरत है।
यह VPN एड्रेस आपके इंटरनेट को इस्तेमाल करने वाला एड्रेस होता है जिसके जरिये आपका इंटरनेट चलता है। तो जब तक आप अपना VPN एड्रेस नहीं बदलेंगे तब तक आपका डार्क वेब नहीं चल पाएगा। तो इसके लिए भी आपको ऑनलाइन की तरह के टूल और ऐप्स मिल जाएँगी जो VPN एड्रेस को बदलने का काम करती है। अब जब आप VPN एड्रेस भी बदल लेंगे तो बस आपको टोर ब्राउज़र ओपन करना होगा और उस पर आप जो भी एक्सेस करना चाहते हैं वह सर्च करके खोलना होगा।
तो इस तरह से आप इंटरनेट के एक छिपे हुए हिस्से को जिसे हम सभी डार्क वेब के नाम से जानते हैं उसे एक्सेस कर (Dark web use kaise kare) पाएंगे। फिर भी हम आपको एक बार फिर से यह चेतावनी दे देना चाहते हैं कि एक बार आपने इसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया तो समझ जाइये की यह आपको पक्का ही किसी ना किसी मुसीबत में डालकर छोड़ेगा।
डार्क वेब के नुकसान (Dark web disadvantage in Hindi)
ऊपर आपने यह तो जान लिया कि किस तरह से आप डार्क वेब का इस्तेमाल कर सकते हैं और प्रतिबंधित वेबसाइट तक अपनी पहुंचन बना सकते हैं तो इसके साथ ही आपका यह जानना भी अति आवश्यक हो जाता है कि यदि आप इसका इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपको क्या कुछ नुकसान या खतरे झेलने पड़ सकते (Dark web ke nuksan) हैं। तो इन खतरों को ध्यान पूर्वक पढ़े और उसके बाद ही डार्क वेब का इस्तेमाल करने का निर्णय ले।
- डार्क वेब का इस्तेमाल करने पर सबसे पहला खतरा तो यह है कि यदि आप इसमें प्रोफेशनल नहीं है और आप इसमें गैर कानूनी गतिविधि करते हैं तो सरकार या साइबर सेल आपको आसानी से ट्रेस कर लेगी और आप पर कानूनी कार्यवाही शुरू हो जाएगी। इसलिए इसका इस्तेमाल करने से पहले या किसी गैर कानूनी गतिविधि को अंजाम देने से पहले इसके बारे में पूरी रिसर्च करे और तभी आगे बढ़े।
- डार्क वेब पर आपको केवल पुलिस, सरकार या कानून से ही खतरा नहीं होता है बल्कि यहाँ मौजूद हैकर भी आपके लिए एक बहुत बड़ा खतरा है। डार्क वेब बना ही इनके लिए है और यहाँ मौजूद हैकर उन लोगों का बहुत फायदा उठाते हैं जो इसका इस्तेमाल शुरू कर ही रहे होते हैं या इसके बारे में जान रहे होते हैं। उनके द्वारा आपके लैपटॉप या मोबाइल की निजी जानकारी चुरा कर आपको ब्लैकमेल किया जा सकता है, आपके बैंक खाते की जानकारी लेकर वहां से पैसे उडाये जा सकते हैं इत्यादि।
- एक बार आपने डार्क वेब में किसी वेबसाइट पर या किसी गलत वेबसाइट पर अपनी जानकारी डाल दी तो वह ऐसे ऐसे लोगों तक पहुँच जाएगी जिसके बारे में आपने सोचा तक नहीं होगा। फिर वे लोग आपके साथ क्या कुछ कर सकते हैं इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है।
- डार्क वेब का इस्तेमाल करने पर यदि आपके साथ कोई भी धोखाधड़ी, जालसाजी या ऐसा कुछ होता है तो आप उसकी रिपोर्ट ही नहीं कर सकते हैं क्योंकि पहला तो यह सरकार की नज़र में अवैध हो गयी और दूसरा सरकार के पास भी इतनी शक्तियां नहीं होगी कि वह यह मामला सुलझा सके।
- डार्क वेब एक ऐसा जाल है कि जो इसमें धंस जाता है तो वह धंस ही जाता है। यह मुख्य तौर पर अपराधी, ख़ुफ़िया तंत्र, प्रोफेशनल व्यक्ति इत्यादि के लिए डिजाईन किया गया है, ना कि आम जनता के लिए।
तो आप पहले ही यह देख ले कि क्या आप डार्क वेब का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है और यहाँ मौजूद खतरों को उठाने को भी तैयार है। यदि आप यह सब रिस्क ले सकते हैं तो बेशक डार्क वेब का इस्तेमाल करे।
तो इस तरह से आपने इस लेख के माध्यम से डार्क वेब के बारे में संपूर्ण जानकारी ले ली है। आप यह भलीभांति जान चुके है कि इंटरनेट की दुनिया में डार्क वेब कितनी खतरनाक चीज़ है और यही कारण है कि इसको सामान्य तरीके से एक्सेस नहीं किया जा सकता है। तो इसके बारे में जानकारी लेने तक तो बेहतर है लेकिन यदि आप इसका इस्तेमाल करने का सोच रहे हैं तो यह आपके और आपके परिवार के लिए अत्यधिक खतरनाक सिद्ध हो सकता है। तो अंत में एक बार हम आपसे फिर से यह विनती करेंगे कि आप भूल कर भी इस डार्क वेब का इस्तेमाल ना करे।
डार्क वेब क्या होता है – Related FAQs
प्रश्न: डार्क वेब से क्या होता है?
उत्तर: डार्क वेब से दुनियाभर के सभी गैर कानूनी कार्य होते हैं जिन पर किसी भी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है।
प्रश्न: डार्क वेब कहां है?
उत्तर: डार्क वेब इंटरनेट होता है जो कही नही होता है।
प्रश्न: क्या डार्क वेब अवैध है?
उत्तर: नहीं, डार्क वेब अवैध नहीं है लेकिन यहाँ पर सामान्य तौर पर सभी तरह की अवैध गतिविधियाँ ही की जाती है।
प्रश्न: डार्क वेब कितना बड़ा है?
उत्तर: डार्क वेब इंटरनेट की दुनिया का लगभग 95 प्रतिशत तक का हिस्सा होता है।