दरोगा कैसे बने? योग्यता, सैलरी, कार्य | Daroga Kaise Bane?

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जब हम पुरानी फिल्मे देखते हैं तो उसमे दरोगा शब्द का इस्तेमाल बहुत बार किया जाता है। खासकर जब हम लुटेरे अंग्रेज़ शासन काल या रक्तरंजित मुगल शासन काल की फिल्मे देखते हैं तो उसमे सिपाही के अध्यक्ष को या किसी क्षेत्र के आध्यक्ष (Daroga kaise banta hai) को दरोगा कहकर संबोधित किया जाता है। ऐसे में आपके मन में भी दरोगा बनने की इच्छा होती होगी और आप इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते होंगे।

दरअसल बहुत से लोग इस बात को लेकर आशंका में आहते हैं कि पुलिस में दरोगा की पोस्ट क्या होती हैं या दरोगा बनने के लिए क्या किया जाए या (दरोगा banne ke liye kya kare) क्या हम सीधे दरोगा बन सकते हैं या नही इत्यादि। यदि आप भी दरोगा बनना चाहते हैं और इसके लिए सीरियस हैं तो आज हम आपको दरोगा बनने के ऊपर पूरी जानकारी देने वाले हैं। आइए जाने (दरोगा banne ke liye kya karna chahie) दरोगा बनने के लिया क्या किया जाए।

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दरोगा कैसे बने? (Daroga kaise bane)

यदि आप सच में दरोगा बनने को लेकर सीरियस हैं और इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको दरोगा के बारे में जानना आवश्यक (Daroga kaise bane in Hindi) हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब तक आपको दरोगा के बारे में ही सही से नही पता होगा या फिर उसके काम क्या होते हैं इत्यादि नही पता होगा तो फिर आप दरोगा बनने के लिए आगे कैसे बढ़ पाएंगे।

ऐसे में दरोगा के बारे में शुरू से लेकर अंत तक सब जानकारी होना बहुत ही जरुरी ह जाता है। इसलिए दरोगा बनने से पहले उसके बारे में जान (Daroga kaise bante hain) लेना जरुरी हैं। आइए जाने दरोगा के क्या क्या काम होते हैं व उसकी पोस्ट क्या होती है।

दरोगा कैसे बने? योग्यता, सैलरी, कार्य |  Daroga Kaise Bane?

दरोगा क्या होता है (Daroga kya hota hai)

भारत देश की सीमाओं की रक्षा व बाहरी शत्रुओं से रक्षा करने के लिए सेना होती है और सीमा पर जगह जगह सेना की चौकी स्थापित की जाती है। ठीक उसी तरह भारत के अंदरूनी मामले सुलझाने, अपराध पर नियंत्रण रखने व कानून का पालन करवाने के लिए पुलिस होती है।

यह पुलिस जहाँ अपना काम करती है उसे थाना कहा जाता है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि जिस प्रकार सेना के काम करने के लिए एक चौकी का निर्माण किया जाता (Daroga kon hota hai) है ठीक वैसे ही पुलिस को अपना काम करने के लिए एक थाना दिया जाता है। अब उस थाने में उस जगह की पुलिस प्रतिदिन आती है, अपने दैनिक काम करती है और ड्यूटी ख़त्म होने पर चली जाती है।

इसी तरह भारत के हर जिले, शहर, नगर, जनपद, गाँव हर जगह थाने बनाये जाते हैं। यह थाने वहां की जनसंख्या व क्षेत्रफल के अनुपात पर निर्भर करते हैं। जैसे कि कोई शहर बड़ा हैं तो वहां 5 से 10 थाने हो सकते हैं तो कोई शहर छोटा होगा जहाँ 2 से 3 थाने ही होंगे तो गाँव इत्यादि में तो एक या दो थाने ही देखने को मिलेंगे।

ऐसे में उस थाने में कई रैंक के पुलिस अधिकारी काम करते हैं जिनमे कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर, दरोगा इत्यादि आते हैं। अब उस थाने का जो दरोगा होता हैं वह उस थाने का इंचार्ज या यूँ कहे कि मालिक होता हैं। दरोगा को एक थाने का नेतृत्व दिया जाता हैं और वह थाना एक दरोगा के अंतर्गत ही आता हैं।

दरोगा का मतलब (Daroga ka matlab)

आजकल यह शब्द प्रचालन में नही हैं क्यिंकि इस शब्द का इस्तेमाल पुराने समय में किया जाता था। यह मुख्य रूप से अंग्रेज़ शासन काल में इस्तेमाल होने वाला शब्द था। उस समय पुलिस की किसी चौकी के इंचार्ज को दरोगा कह दिया जाता था जबकि आज के समय में उसे थानेदार कहकर संबोधित किया जाता है। तो आज यदि आप दरोगा को किसी शब्द से संबोधित करना चाहेंगे तो उसे थानेदार कहेंगे।

इसी के साथ दरोगा को अन्य नाम से भी जाना जाता है। जैसे कि अंग्रेजी में इसका नाम इंस्पेक्टर भी हो सकता हैं या फिर इसे चौकी इंचार्ज भी कह दिया जाता है। तो यदि आप दरोगा बनेंगे तो आपको चौकी का इंचार्ज दिया जाएगा।

दरोगा के कार्य (Daroga ka kya kam hota hai)

अब बात करते हैं कि दरोगा के काम क्या क्या होते हैं। अब तक आप यह तो जान ही गए होंगे कि एक दरोगा के ऊपर ही संपूर्ण थाने का उत्तरदायित्व होता (Daroga ka kam) हैं और वहां होने वाली हर घटना का जिम्मा उसी के ऊपर आता हैं। ऐसे में एक दरोगा के काम को विस्तार से जानने के लिए आइये नीचे लिखे बिंदुओं को पढ़ें।

  • दरोगा को अपने अंतर्गत आने वाले थाने का संपूर्ण संचालन करना होता हैं। उस थाने में हो रही गतिविधि के लिए वह ही उत्तरदायी होता हैं।
  • हर थाने को एक क्षेत्र दिया जाता हैं अर्थात जहाँ भी वह थाना होगा तो वहां उसके चारों ओर एक निश्चित क्षेत्रफल वहां की सरकार के द्वारा पूर्व निर्धारित किया हुआ होता हैं। ऐसे में अपने थाने के अंतर्गत आने वाले हर अपराध को देखना उसी दरोगा का कार्य होता हैं।
  • उस थाने में जो भी अन्य अधिकारी या पुलिस के लोग कार्य करते हैं, उनमे काम का वितरण करना, उन्हें आदेश देना या उन्हें कब क्या करना हैं इत्यादि के बारे में बताना दरोगा का ही कार्य होता है।
  • यदि उस थाने के क्षेत्रफल में कोई अपराध हुआ हैं तो उसकी जांच पड़ताल करना व केस को सुलझाना दरोगा का ही काम होता हैं।
  • उस थाने में जो भी केस पहले से हैं, उन्हें भी सुलझाने व प्रगति करने का कार्य भी दरोगा का ही होता है।
  • अपने क्षेत्र में पेट्रोलिंग कर अपराध नियंत्रण का कार्य भी दरोगा का ही होता है।
  • उस थाने से संबंधित केस पर न्यायिक प्रक्रिया में भाग लेना व न्यायाधीश के समक्ष प्रमाण रखना भी दरोगा का कार्य होता है।
  • थाने की बिल्डिंग में कोई समस्या है या वहां मरम्मत की आवश्यकता है या कुछ और कार्य करवाना है तो यह भी दरोगा को ही देखना होता है।
  • अपने अधिकार क्षेत्र में गलत गतिविधियों को रोकना व अपराधियों को गिरफ्तार करने का कार्य भी दरोगा का ही होगा।
  • किसी दूसरे थाने में या शहर में कोई घटना होती है और वहां के अधिकारी के द्वारा संपर्क किया जाता हैं या कोई जानकारी मांगी जाती हैं तो वह जानकारी उपलब्ध करवाना भी दरोगा का ही कार्य होता है।
  • अपने से उच्च अधिकारियों अर्थात DSP इत्यादि को रिपोर्ट करना व उन्हें सब काम के बारे में अवगत करने का उत्तरदायित्व भी दरोगा का ही होता है।
  • अपने क्षेत्रफल में किसी बड़े अधिकारी, मान्यता प्राप्त व्यक्ति, राजनीति के लोगों या अन्य गणमान्य लोगों को सुरक्षा देना, उनके सुरक्षाकर्मियों के साथ सहयोग करना व उनके कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने का उत्तरदायित्व भी दरोगा का ही होगा।

कुल मिलाकर एक दरोगा के ऊपर अपने थाने व उस थाने के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रफल की संपूर्ण जिम्मेदारी होगी। उसे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले संपूर्ण एरिया में भारतीय कानून का पालन करवाना होगा व अपराध पर नियंत्रण कर दोषियों पर कठोर कार्यवाही करनी होगी।

दरोगा कैसे बनते है? (Daroga kaise bante hain)

अब जब आपने दरोगा के बारे में सब कुछ जान लिया हैं और वह क्या क्या कार्य करता हैं, इत्यादि के बारे मे भी विस्तार से जान गए हैं तो आपके मन में भी दरोगा बनने के सपने आ रहे होंगे। ऐसे में दरोगा बनने के लिए क्या किया जाए या फिर इसके लिए आपको क्या क्या तैयारी करनी होगी, यह भी जानना होगा। तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

दरअसल सबसे पहले तो आपका यह जानना आवश्यक हैं कि आप किसी भी तरीके से सीधे दरोगा नही बन सकते हैं फिर चाहे आप भारत के (Daroga banne ke liye kya karen) किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में क्यों ना रहते हो।

यदि आपको किसी भी वेबसाइट पर या अन्य किसी व्यक्ति के द्वारा सीधे दरोगा बनने के बारे में बताया गया है तो वह आपको बस भ्रमित कर रहा हैं। भारत के किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में सीधे दरोगा बनने की अभी तक कोई भी सुविधा उपलब्ध नही है।

दरोगा बनने के लिए आवश्यक मापदंड

तो अब आपकी यह शंका दूर हो गयी हैं कि सीधे कभी भी दरोगा नही बना जा सकता हैं तो चलिए जानते हैं दरोगा बनने के लिए आपको क्या करना पड़ेगा। इसके लिए आपको पहले कुछ मापदंड पूरे करने होंगे।

किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री

सबसे पहले तो आपको अपनी दसवीं व बारहवीं एक मान्यता प्राप्त विद्यालय से पूरी करनी होगी। हालाँकि इसमें नंबर को लेकर कोई मापदंड नही हैं और आपको बस यह कक्षाएं पास करनी हैं।

इसके बाद आपको किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से एक डिग्री प्राप्त करनी हैं। यह डिग्री आप किसी भी क्षेत्र में प्राप्त कर सकते हैं फिर चाहे वह बीएससी की हो या इंजीनियरिंग की या कुछ और।

शारीरिक रूप से फिट

यदि आप किसी भी तरह की सेना में जाना चाहे फिर चाहे वह पुलिस हो या सीमा सुरक्षा बल या कुछ और, हर किसी में आपका शारीरिक टेस्ट या फिजिकल टेस्ट अनिवार्य रूप से लिया जाएगा। इसलिए अपने आप को फिजिकली एकदम फिट रखें। इसके लिए आप रोजाना कई किलोमीटर की दौड़ लगाए क्योंकि दरोगा बनने के लिए आपको कई बार अपराधी को पकड़ने में भागना पड़ेगा।

इसके साथ ही अन्य व्यायाम करे या जिम जाए और एक अच्छी बॉडी बनाए। आप दुबले पतले होंगे तो आपको पहले ही रिजेक्ट कर दिया जाएगा। वही आप एक दम हष्ट पुष्ट वाले शरीर के होंगे तो आपकी पर्सनालिटी अलग ही बनेंगी। इसलिए अभी से अपने शरीर पर ध्यान देना शुरू कर दीजिए।

मेडिकल रूप से भी फिट

यदि आपको मेडिकल रूप से कोई समस्या हैं जैसे कि आपको साँस की बीमारी हैं या वह जल्दी फूल जाती है, चक्कर आ जाते हैं या कुछ और तो भी आपको दरोगा के लिए नही चुना जाएगा। इसलिए अपने आप को मेडिकल रूप से एकदम फिट रखें। इसके लिए आप सही भोजन करने का नियम बनाए।

अपने भोजन में पोषक तत्वों से भरपूर चीज़े रखें जैसे कि हरी सब्जियां, दही, दूध, देसी घी, फल इत्यादि प्रोटीन कैल्शियम से भरपूर भोजन। साथ ही बाहर का भोजन या तला हुआ भोजन करने से बचे। इसके साथ ही प्रतिदिन 1 घंटा योग करने का नियम बनाए।

दरोगा की भर्ती कैसे होती है (Daroga kaise bane in Hindi)

तो आपने ऊपर दिए गए सभी काम सफलतापूर्वक कर लिए हैं तो अब जान लेते हैं कि दरोगा की भर्ती कैसे होती हैं। जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि दरोगा की भर्ती सीधे नही होती तो इसके लिए आपको पुलिस में पहले किसी और पोस्ट पर नियुक्त होना पड़ेगा और फिर आपके काम को देखकर एक समय के बाद प्रमोशन के द्वारा आपको दरोगा बना दिया जाएगा।

अब इसमें भी आप दो तरीके से दरोगा बन सकते हैं। एक की प्रक्रिया थोड़ी लंबी हैं जिसमें आपको कई सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ेगी तो एक में आपको ज्यादा मेहनत करनी होगी और फिर आप कुछ वर्षों में ही आप दरोगा बन जाएंगे। आइए दोनों के बारे में जाने।

SI से दरोगा कैसे बने?

इसके लिए राज्य सरकारों के द्वारा SI के पेपर करवाए जाते हैं। यह परीक्षा हर राज्य के स्तर पर अलग-अलग आयोजित करवाई जाती हैं। इनमे हर राज्य के लिए वहां के निवासियों का स्थायी आरक्षण होता हैं व बाहर के राज्यों के निवासियों के लिए कुछ सीट्स होती हैं।

ऐसे में आप अपने राज्य के एसआई का पेपर दे सकते हैं। इसमें आपकी एक लिखित परीक्षा ली जाएगी जिसमें आपसे गणित, अंग्रेजी, राज्य की स्थानीय भाषा, रीजनिंग, सामान्य ज्ञान, कानून इत्यादि से प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके साथ ही इसमें पास होने के लिए आपका फिजिकल व मेडिकल टेस्ट भी होगा। अंत में आपका इंटरव्यू लिया जाएगा जिसे पास करने के बाद आपको SI की पोस्ट पर चुन लिया जाएगा।

अब आप किसी थाने में SI के पद पर नियुक्त कर दिए जाएंगे। अगले कुछ वर्षों में आपको वहां के दरोगा के नीचे रहकर कार्य करना होगा। इसमें आपको कंधे पर दो स्टार मिलेंगे व उसके नीचे लाल व नीले रंग की पट्टी होगी। अब आपके उच्च अधिकारियों द्वारा आपके काम को देखकर और दरोगा के खाली पड़े पद को देखकर आपकी संबंधित थाने में दरोगा के पद पर नियुक्ति कर दी जाएगी।

तो यह थी एक प्रक्रिया जिसमें आपको सबसे पहले एक डिग्री लेनी होगी और फिर राज्य सरकार द्वारा आयोजित SI की परीक्षा पास करनी होगी। उसके बाद आपको कुछ वर्ष तक SI के पद पर ही कार्यरत रहना पड़ेगा और फिर कुछ वर्षों बाद आपको दरोगा बना दिया जाएगा।

कांस्टेबल से दरोगा कैसे बने?

यह थोड़ी लंबी प्रक्रिया हैं लेकिन इसमें SI की तरह ज्यादा पढ़ना नही पढ़ता। साथ ही इसमें ना तो आपको डिग्री करनी होती हैं और ना ही किसी भारी भरकम परीक्षा को पास करना होता हैं। इसके लिए बस आप अपनी बारहवीं कक्षा को पास करे और पुलिस की कांस्टेबल भर्ती की परीक्षा में बैठ जाए। इसमें आपका फिजिकल व मेडिकल टेस्ट लिया जाएगा व कुछ सामान्य प्रश्न पूछे जाएंगे।

इसके पश्चात आपको किसी थाने में कांस्टेबल के पद पर नियुक्त कर दिया जाएगा। उसके बाद साल दर साल आपके काम करने के आधार पर उच्च अधिकारियों के द्वारा आपका प्रमोशन किया जाएगा। इसमें आप कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल बनेंगे फिर कुछ वर्षों में आपको असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (एएसआई) और फिर सब इंस्पेक्टर (एसआई) बना दिया जाएगा।

एसआई बनने के बाद तो दरोगा बनना बहुत सरल होता हैं। बस इसके लिए आपको अपने दरोगा के अंतर्गत आकर सही से काम करना होता हैं और उनकी नज़र में दरोगा के पद के लिए एक बेहतर व्यक्ति बनकर दिखाना होता हैं। इसके बाद आपको आपके काम के आधार पर एक दिन दरोगा बना दिया जाएगा।

हालाँकि कांस्टेबल से दरोगा बनने की प्रक्रिया बहुत लंबी होती हैं और कई कई को तो इसमें 15 से 20 साल भी लग जाते हैं। कुछ कुछ तो इस पद के पास तक पहुँच जाते हैं लेकिन इतने में ही उनकी रिटायर होने की उम्र हो जाती हैं। इसलिए यदि आप दरोगा बनने के इच्छुक हैं तो SI का पेपर क्लियर करें।

दरोगा का रैंक क्या होता है (Daroga ki power kya hoti hai)

अब जब आप दरोगा बन जाएंगे तब आपको इसके रैंक के बारे में भी जानना होगा। दरअसल एक दरोगा के कंधे पर तीन स्टार होते हैं जिससे उसकी अहमियत (Daroga ki post) पता चलती हैं। साथ ही उन तीन स्टार के नीचे लाल व नीले रंग की पट्टी होती हैं। वह उस थाने का इंचार्ज कहलाता हैं तथा कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, एएसआई, एसआई इत्यादि उसके नीचे आते हैं।

यदि बात दरोगा के ऊपर आने वाले अधिकारियों की की जाए तो उन्हें आईपीएस कहा जाता हैं जिनमे एएसपी, डीएसपी, एसपी, डीआईजी, आईजीपी, डीजीपी इत्यादि आते हैं। यह सभी अधिकारी दरोगा के ऊपर आते हैं लेकिन एक दरोगा को अपने एएसपी को रिपोर्ट करना होता है।

दरोगा का वेतन (Daroga ki salary)

अब सबसे महत्वपूर्ण बात जो हैं दरोगा को मिलने वाले वेतन की है। दरअसल पुलिस में हर किसी को उसके पद या रैंक के अनुसार ही वेतन मिलता है। जैसे जैसे पद बड़ा होता जाता है वैसे वैसे ही उसका वेतन भी बढ़ता जाता है। एक SI के तौर पर वह 45 से 60 हज़ार का वेतन सरकार से लेता (Daroga ki salary kitni hoti hai) है लेकिन दरोगा बनते ही उसका वेतन 60 से 75 हज़ार के बीच हो जाता है।

यह वेतन हर राज्य सरकार व केंद्र शासित प्रदेशों में भिन्न भिन्न होता है। हालाँकि केंद्र सरकार के द्वारा राज्य सरकार की तुलना में अपने दरोगा को ज्यादा वेतन दिया जाता है।

दरोगा कैसे बनें – Related FAQs

प्रश्न: दरोगा बनने के लिए क्या करना पड़ता है?

उत्तर: दरोगा बनने के लिए सीधी भर्ती नही होती हैं और इसके लिए आपको पहले पुलिस में एसआई बनना पड़ता है।

प्रश्न: एस एच ओ के कितने स्टार होते हैं?

उत्तर: एस एच ओ के तीन स्टार होते है।

प्रश्न: दरोगा और इंस्पेक्टर में क्या अंतर है?

उत्तर: दरोगा या इंस्पेक्टर एक ही होते हैं या फिर कभी कभी बड़े थाने में इंस्पेक्टर को दरोगा के नीचे लगाया जाता है।

प्रश्न: SI बनने के लिए कितनी पढ़ाई चाहिए?

उत्तर: SI बनने के लिए आपके पास किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।

प्रश्न: दरोगा की सैलरी कितनी होती है?

उत्तर: दरोगा की सैलरी 50 हज़ार से लेकर एक लाख तक हो सकती है।

प्रश्न: एक थाने में कितने दरोगा होते हैं?

उत्तर:एक थाने में दरोगा की संख्या उस थाने के आकर पर निर्भर करती है। किसी थाने में एक दरोगा होता है तो किसी में 4 से 5 भी।

प्रश्न: एसएचओ किसे कहते हैं?

उत्तर: एसएचओ एक थाने के इंचार्ज को कहते है जो उस थाने का प्रमुख होता है।

तो आज आपने जाना कि एक दरोगा का क्या काम होता है, दरोगा का मतलब क्या होता है, दरोगा करता क्या है, दरोगा कैसे बना जाता है, दरोगा बनने के लिए क्या करना पड़ता है, इत्यादि। तो अभी भी आपके मन में दरोगा बनने को लेकर कोई शंका रह गयी हैं तो नीचे कमेंट करके हमें बताएं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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