|| सैलरी में DA या महंगाई भत्ता क्या है? | Dearness allowance in Hindi | DA kise kahate hain | DA की फुल फॉर्म क्या है? (DA full form in salary in Hindi | DA किसे मिलता है? | DA की गणना कैसे की जाती है? (Dearness allowance calculation in Hindi | क्या DA पर इनकम टैक्स लगता है? ||
Dearness allowance in Hindi :- सरकारी नौकरी किसे अच्छी नहीं लगती है। आखिरकार सरकारी नौकरी में जीवन भर की नौकरी की सुरक्षा होती है और साथ ही पैसा भी अच्छा खासा मिल जाता है। अब भारत सरकार सहित राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों और अधिकारियों पर कितना पैसा लुटाती है लेकिन जिसको खाने की आदत पड़ जाये, उसे हम क्या ही कह सकते (DA kise kahate hain) हैं। एक ओर जहाँ देश के करोड़ों लोग जो निजी नौकरी कर रहे होते हैं, उन्हें केवल अपना वेतन ही मिलता है तो वहीं सरकारी कर्मचारी व अधिकारी वेतन के साथ साथ महंगाई भत्ता भी लेकर जाते (DA salary in India in Hindi) हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि यह महंगाई भत्ता क्या होता है और यह आपको क्यों नहीं मिलता है। तो यह केवल सरकार के अंतर्गत काम कर रहे लोगों को ही मिलता है जिसे अंग्रेजी में DA कहते हैं। उनके लिए यह DA बहुत ही महत्व रखने वाला होता है और यह थोड़ा बहुत ना होकर बहुत ज्यादा होता है। ऐसे में आज हम आपके साथ इसी DA या महंगाई भत्ता के बारे में ही बात करने वाले हैं और आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले (DA kya hai in Hindi) हैं।
सैलरी में DA या महंगाई भत्ता क्या है? (Dearness allowance in Hindi)
आज का यह लेख DA के ऊपर ही लिखा गया है। अब यदि आप सरकारी कर्मचारी हैं तो आपको इसके बारे में पहले से ही पता होगा और आप हर महीने इसका लाभ भी उठा रहे होंगे। वहीं जो लोग निजी क्षेत्र में नौकरी कर रहे हैं, वे दिल थाम कर इस लेख को पढ़ें क्योंकि आपको यह पढ़कर झटका लग सकता है। वहीं जो लोग सरकारी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, वे शायद इस लेख को पढ़कर और जोर शोर से तैयारी करने लग (DA kya hota hai) जाएं।
तो आज हम आपको इस DA के बारे में जानकारी देते हुए बता दें कि यह DA कुछ और नहीं बल्कि देश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को भारत सरकार के द्वारा महंगाई से बचाए रखने के लिए उनके मूल वेतन के अलावा अलग से दिया गया पैसा होता है। इसे आप बेहतर तरीके से समझने के लिए ऐसे देखें, यदि आप निजी क्षेत्र के कर्मचारी हैं तो आपकी कंपनी हर महीने की सैलरी स्लिप आपको देती (DA ka matlab kya hota hai) होगी।
तो उस सैलरी स्लिप में आपका मूल वेतन अर्थात बेसिक सैलरी लिखी होती है। इसी के साथ ही घर का किराया, स्पेशल allowance इत्यादि करके भी लिखा होता है। अब इन सभी को आपकी बेसिक सैलरी में मिलाकर ही आपको समूचा वेतन दिया जाता है। तो वहीं सरकारी कर्मचारी को यह सब तो मिलता ही है लेकिन इसी के साथ ही उन्हें महंगाई भत्ता भी दिया जाता है जो बढ़ती हुई महंगाई पर खुद को आर्थिक रूप से सक्षम बनाये रखने के लिए दिया जाता (Dearness allowance kya hota hai) है।
जहाँ एक ओर निजी क्षेत्र के कर्मचारी की सैलरी उसके प्रोमोशन होने तक वैसी की वैसी बनी रहती है और जब उसका प्रोमोशन हो जाता है तब जाकर उसकी सैलरी में बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है। तो वहीं महंगाई भत्ता के जरिये सरकारी कर्मचारी का वेतन कभी भी बढ़कर आ सकता है। हालाँकि इस महंगाई भत्ता को कम भी किया जा सकता है लेकिन यह कभी होता नहीं है क्योंकि महंगाई है कि कम होने का नाम ही नहीं (What is dearness allowance with example in Hindi) लेती।
DA की फुल फॉर्म क्या है? (DA full form in salary in Hindi)
आपने DA का हिंदी में अर्थ तो जान लिया जिसे हम महंगाई भत्ता के नाम से जानते हैं। किन्तु DA एक अंग्रेजी शब्द है और यह किसी शब्द की शोर्ट फॉर्म है। ऐसे में इसकी कुछ तो फुल फॉर्म (DA full form in Hindi) होगी। तो यहाँ हम आपको DA की फुल फॉर्म भी बता देते हैं। DA की फुल फॉर्म Dearness Allowance होती है। शायद आपने इसके बारे में सुना ना हो क्योंकि ज्यादातर जगहों पर इसे महंगाई भत्ता या फिर DA ही कह दिया जाता है।
DA किसे मिलता है?
यह तो हमने आपको ऊपर ही बता दिया कि यह DA किन्हें मिलता है अर्थात भारत सरकार किस किस तरह के कर्मचारी को महंगाई भत्ता प्रदान करती है। किन्तु आप यह मत सोचें कि यह केवल भारत सरकार में काम कर रहे कर्मचारियों और अधिकारियों को ही मिलता होगा। बल्कि इसे हर राज्य की सरकार भी अपने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रदान करती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि जो भी व्यक्ति सरकरी नौकरी कर रहा है, फिर चाहे वह केंद्र सरकार का कर्मचारी हो या राज्य सरकार का, उसे अपनी सरकार के द्वारा DA प्रदान किया ही जाता है।
इतना ही नहीं, जो लोग पहले सरकारी कर्मचारी थे और अब रिटायर हो चुके हैं और उनके द्वारा मासिक तौर पर पेंशन ली जा रही है तो उन्हें भी अपनी सरकार के द्वारा महंगाई भत्ता दिया जाता है। तो इस तरह से हरेक सरकारी कर्मचारी व अधिकारी और साथ ही पेंशन ले रहे सभी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी महंगाई भत्ता या DA को लेने के भागीदार होते हैं।
DA की गणना कब होती है?
इसके लिए कोई निश्चित अवधि नहीं होती है और यह महंगाई के अनुसार तय किया जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि इसे वार्षिक या मासिक तौर पर नहीं निर्धारित किया जाता है। सामान्य तौर पर DA को भारत सरकार ही कैलकुलेट करती है क्योंकि उसके पास ही देशभर के सभी तरह के आंकड़े होते हैं और वही देखती है कि देश में महंगाई कितनी बढ़ चुकी है। उसी के आधार पर ही वह यह निर्णय लेती है कि DA को कितना तक बढ़ाया जा सकता है।
सामान्य तौर पर भारत सरकार वर्ष में दो बार DA की गणना कर सकती है या उसमे बदलाव करती है। यह महीने जनवरी और जुलाई के होते हैं जब भारत सरकार के द्वारा DA को देखा और परखा जाता है और जरुरत के अनुसार उसे बढ़ाया या घटाया जाता है। हालाँकि इसे हमेशा बढ़ाया ही जाता है या यथावत रखा जाता है।
वर्तमान में DA कितना है? (DA present rate in Hindi)
अब यदि आप सोच रहे हैं कि यह DA या महंगाई भत्ता सैलरी का कुछ प्रतिशत ही होगा तो आप गलत हैं। यह तो सही है कि DA को शून्य से शुरू किया जाता है और फिर समय के साथ साथ उसमे बढ़ोत्तरी की जाती रहती है। ऐसे में वर्तमान समय में सरकरी कर्मचारियों और अधिकारियों का DA उनकी बेसिक सैलरी का 42 प्रतिशत तक पहुँच चुका (Dearness allowance present rate in Hindi) है।
कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी महीने का 40 हज़ार का वेतन ले रहा है तो उसका DA 16,800 रुपये बनता है। इस तरह से उसे उस महीने के 56,800 रुपये सैलरी के रूप में मिलेंगे। यह महंगाई भत्ता कभी कम नहीं होता है और किसी विशेष परिस्थिति में ही इसे कम किया जाता है लेकिन ऐसा कभी हुआ नहीं है। चूँकि महंगाई समय के साथ बढ़ती है तो DA को भी बढ़ाया जाता रहता (How much percentage of dearness allowance in Hindi) है।
DA की गणना कैसे की जाती है? (Dearness allowance calculation in Hindi)
अब सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न और वो यह है कि आखिरकार इस DA की गणना कैसे की जाती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि आज के समय में DA 42 प्रतिशत है लेकिन यदि आने वाले महीनो में बढ़ाया जाता है तो वह कितना प्रतिशत बढ़ाया जाएगा और उसकी गणना का क्या आधार होगा। तो यहाँ हम आपको बता दें कि इसके लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (All-India Consumer Price Index) को आधार बनाया जाता है।
DA का फॉर्मूला इसी के आधार पर ही तय किया जाता है और फिर DA को कैलकुलेट किया जाता (How to calculate DA in salary in Hindi) है। तो DA को कैलकुलेट करने के दो फॉर्मूला होते हैं जिसमें से एक फॉर्मूला तो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए हो गया तो दूसरा सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए। आइये दोनों के बारे में ही जान लेते हैं।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए DA की गणना
महंगाई भत्ता का प्रतिशत = {[पिछले 12 महीनों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का औसत (आधार वर्ष 2001 = 100) – 115.76] / 115.76} x 100
सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए DA की गणना
महंगाई भत्ता का प्रतिशत = {[पिछले 3 महीनों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का औसत (आधार वर्ष 2001 = 100) – 126.33] / 126.33} x 100
तो यह एक जटिल फॉर्मूला होता है जिसमें कई चीज़ों को आधार बनाया गया होता है। हालाँकि इसमें उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुख्य काम करता है और उसी के आधार पर ही DA को कैलकुलेट किया जाता है या उसकी गणना की जाती है। ऐसे में यह कितना प्रतिशत हो गया है और पिछले बारह महीनो में कैसा रहा है, उसके आधार पर ही DA बढ़ेगा या कम होगा, इसकी गणना की जाती है।
DA कितना तक हो सकता है? (DA kitna milta hai)
अब आप सोच रहे होंगे कि यदि यह DA हमेशा बढ़ता रहता है तो क्या यह सैलरी से ऊपर भी चला जाता है। यदि ऐसा होगा तो एक दिन DA ही सैलरी से ज्यादा हो जाएगा जिसका कोई औचित्य नहीं है। ऐसे में इसको लेकर भी एक नियम है और वह नियम यह है कि DA 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होता है। तो आप यह मत सोचिये कि DA 50 प्रतिशत के बाद बढ़ता नहीं है बल्कि यह बेसिक सैलरी में मिलकर फिर से शून्य से शुरू होता है। अब आप यह पढ़कर उलझन में पड़ गए तो आइये सरल भाषा में समझा देते हैं।
अब मान लीजिये कि किसी सरकारी कर्मचारी का मासिक वेतन 50 हज़ार रुपये है और DA बढ़कर 50 प्रतिशत पहुँच जाता है। तो इसके अनुसार उसे वेतन के अलावा 25 हज़ार रुपये अलग से DA के रूप में मिलेगा। किन्तु जैसे ही DA 50 प्रतिशत के आंकडे को छूता है तो भारत सरकार DA की राशि को मूल वेतन में जोड़ देती है और DA की गणना फिर से शून्य से की जाती है। सीधे शब्दों में कहें तो DA के 50 प्रतिशत के आंकड़े को छूने पर सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जाती है और DA को शून्य मान लिया जाता है और फिर से उसकी गणना की जाती है।
क्या DA पर इनकम टैक्स लगता है?
अब केंद्र सरकार अपने अधीन काम कर रहे कर्मचारियों और अधिकारियों को इतना सब दे रही है तो इसका अर्थ यह नहीं है कि वह उन्हें सब कुछ ही दे दे। ऐसे में जिस भी कर्मचारी या अधिकारी को DA का लाभ मिल रहा है, उसके द्वारा प्राप्त की गयी वह राशि भी आय कर या इनकम टैक्स के दायरे में आती है। ऐसे में जब वार्षिक तौर पर उसका इनकम टैक्स कैलकुलेट किया जाता है तो उसमे उसके मूल वेतन के साथ साथ उसका संपूर्ण DA भी शामिल होता है। तो हां, महंगाई भत्ता या DA पर आय कर लिया जाता है।
DA क्यों दिया जाता है?
अब आपका अगला प्रश्न होगा कि आखिरकार क्यों ही भारत सरकार अपने कर्मचारियों को सैलरी के साथ साथ यह अलग से खर्चा अर्थात DA प्रदान करती है। तो इसको लेकर भी एक कारण है। दरअसल समय के साथ साथ महंगाई बढ़ती चली जाती है। ऐसे में सब्जियों, फल, अनाज इत्यादि सभी के दाम बढ़ते जाते हैं। अब यदि कर्मचारी का वेतन उतना ही रहेगा तो इसका अर्थ हुआ कि एक तरह से उसका वेतन कम हो रहा है क्योंकि मुद्रा का मूल्य कम होता जा रहा है।
अब जो चीज़ पहले 10 रुपये में आ जाती थी और अब वह 15 रुपये में आ रही है तो निश्चित तौर पर मुद्रा का अवमूल्यन हुआ है। ऐसी स्थिति में यदि उस कर्मचारी को उतना ही वेतन मिलता है तो एक तरह से उसका वेतन कम हो गया है। इसी को काउंटर करने के लिए और अपने अधीन काम कर रहे लोगों को बढ़ती महंगाई से बचाने के लिए ही DA दिया जाता है। साथ ही यह कितना प्रतिशत बढ़ना चाहिए और कितना नहीं, इसका आंकलन किया जाता है।
क्या DA को रोका जा सकता है?
नहीं, DA को रोका तो नहीं जा सकता है लेकिन हां इसके बढ़ने पर रोक अवश्य लगायी जा सकती है। इसे हम DA फ्रीज करना कह सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि केंद्र सरकार कुछ समय के लिए सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के DA के बढ़ने पर रोक लगा सकती है। इसका यह अर्थ नहीं है कि उन्हें DA मिलेगा नहीं क्योंकि वह तो उन्हें पहले की तरह ही मिलता रहता है लेकिन अब वह उस समयकाल के लिए बढ़ता नहीं है। ऐसा केंद्र सरकार ने कोरोनाकाल के समय में किया था।
सैलरी में DA या महंगाई भत्ता क्या है – Related FAQs
प्रश्न: सैलरी में महंगाई भत्ता क्या है?
उत्तर: सैलरी में महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों को भारत सरकार के द्वारा महंगाई से बचाए रखने के लिए उनके मूल वेतन के अलावा अलग से दिया गया पैसा होता है।
प्रश्न: डीए 50% होने पर क्या होगा?
उत्तर: इसके बारे में पूरी जानकारी को आप ऊपर का लेख पढ़ कर प्राप्त कर सकते हो।
प्रश्न: DA का अर्थ क्या होता है?
उत्तर: DA की फुल फॉर्म Dearness Allowance होती है जिसे हिंदी में महंगाई भत्ता कहा जाता है।
प्रश्न: DA साल में कितनी बार बढ़ता है?
उत्तर: भारत सरकार वर्ष में दो बार DA की गणना कर सकती है या उसमे बदलाव करती है। यह महीने जनवरी और जुलाई के होते हैं।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि सैलरी में DA या महंगाई भत्ता क्या होता है। साथ ही आपने जाना कि DA किसे मिलता है DA की गणना कब और कैसे होती है DA कितना तक हो सकता है DA क्यों दिया जाता है इत्यादि। आशा है कि DA के बारे में संपूर्ण जानकारी आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई शंका आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।