|| जीएसटी में डेबिट नोट और क्रेडिट नोट क्या होते हैं? | Debit note and credit note in Hindi | क्रेडिट नोट और डेबिट नोट क्या है उदाहरण सहित? | What is debit note and credit note in Hindi | Debit note kya hai | Debit note example in GST in Hindi ||
Debit note and credit note in Hindi :- जो भी व्यक्ति व्यापार कर रहा होता है, उसके लिए हर वर्ष या हर महीने के अनुसार अपने द्वारा खरीदी गयी चीज़ और बेची गयी चीज़ को जीएसटी के रूप में दर्ज करवाना और उसके तहत बनने वाले टैक्स को भरना जरुरी होता है। अब हर वस्तु पर अलग अलग जीएसटी लगाया जाता है और साथ ही यह खरीदी गयी वस्तु के मूल्य या बेची गयी वस्तु के मूल्य पर भी निर्भर करता है। ऐसे में भारत सरकार लगभग हर वस्तु के क्रय विक्रय पर जीएसटी लेती है और यह हर व्यापारी व सप्लायर को भरना भी होता (What is debit note and credit note in Hindi) है।
अब जीएसटी में कई तरह की टर्म होती है जो कुछ लोगों को तो पता होती है जबकि बाकियों को इसके बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं होती है। अब इसी में दो मुख्य टर्म है जिन्हें हम डेबिट नोट व क्रेडिट नोट के नाम से जानते हैं। ज्यादातर व्यापारियों को इसके बारे में पता होगा क्योंकि जब कभी भी भुगतान किये गए जीएसटी में जिस रकम को दर्ज किया गया है, वह अंतिम रूप में दुकान के बही खाते से मेल नहीं खाती तो उसमें डेबिट नोट या क्रेडिट नोट टर्म का उपयोग किया जाता (What is debit note or credit note in GST in Hindi) है।
ऐसे में यह डेबिट नोट व क्रेडिट नोट का क्या कुछ मतलब होता है और किस तरह से यह जीएसटी को प्रभावित करती है, इसके बारे में जानना जरुरी हो जाता है। यही कारण है कि आज के इस लेख में आपको डेबिट नोट व क्रेडिट नोट के बारे में शुरू से लेकर अंत तक संपूर्ण जानकारी और वो भी उदाहरण सहित जानने को मिलेगी। आइये जाने डेबिट नोट व क्रेडिट नोट क्या होता है और इसका जीएसटी से क्या कुछ संबंध (Debit note or credit note kya hota hai) है।
जीएसटी में डेबिट नोट और क्रेडिट नोट क्या होते हैं? (Debit note and credit note in Hindi)
हर व्यापारी के द्वारा जीएसटी तो भरा ही जाता है और इसी के साथ ही वह हर महीने में खुद के द्वारा की गयी वस्तुओं के क्रय विक्रय की जानकारी भारत सरकार के साथ सांझा करता है ताकि उस पर जीएसटी लगाये जाने की प्रक्रिया को सुचारू रूप से जारी रखा जा सके और उसमें किसी तरह का व्यवधान ना आने पाए। अब इसके लिए वह अपने द्वारा खरीदी गयी व बेची गयी हरेक आइटम, उसकी संख्या या भार और उसके मूल्य का संपूर्ण ब्यौरा अपने पास रखता (What is debit note and credit note with example in Hindi) है।
अब वह इस संपूर्ण ब्यौरे को जीएसटी के पोर्टल पर या ऑफलाइन माध्यम से दर्ज करवा देता है और भारत सरकार उस वस्तु पर लगने वाली जीएसटी के दर के अनुसार उस पर शुल्क लागू करती है। किन्तु बहुत बार यह देखने में आता है कि जब उस महीने की अंतिम जीएसटी फाइल देखी जाती है और दुकान का बही खाता देखा जाता है तो वह दर्ज की गयी रकम वास्तविक रकम से कम या ज्यादा हो जाती है जो स्वाभाविक तौर पर कई कारणों के कारण हो सकता है।
उस स्थिति में व्यापारी या सप्लायर के द्वारा इसी डेबिट नोट व क्रेडिट नोट का सहारा लिया जाता है और पैदा हुई समस्या को दूर किया जाता है। एक तरह से इस डेबिट नोट व क्रेडिट नोट के जरिये वह भारत सरकार को यह सूचित करता है कि किस जगह त्रुटी हुई है या व्यापार में क्रय विक्रय की गयी वस्तुओं या उनके मूल्य में क्या परिवर्तन हुआ है, जिस कारण दर्ज की गयी रकम को सही किया जा सके और उसी के अनुसार ही जीएसटी ली जा सके। तो आइये जाने डेबिट नोट व क्रेडिट नोट किस स्थिति में जारी किया जाता है और उसका एक व्यापारी, सप्लायर व भारत सरकार पर क्या प्रभाव देखने को मिलता (What is debit note and credit note in gst with example in Hindi) है।
जीएसटी में डेबिट नोट क्या होता है? (Debit note meaning in Hindi)
अब व्यापारी को सप्लायर से सामान खरीदना होता है या फिर होलसेल वाला व्यापारी दूसरे व्यापारियों को सामान की डिलीवरी करता है और बदले में पैसा लेता है। इस तरह से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को सामान बेच दिया जाता है और उस सामान के बदले में पैसा लिया जाता है। अब उस व्यापारी के द्वारा जो भी सामान का विक्रय किया जा रहा है और उसके बदले में जो भी राशि प्राप्त हो रही है, उसका संपूर्ण विवरण वह भारत सरकार के जीएसटी पोर्टल पर दे देता है ताकि उस पर जीएसटी लगाया जा (What is mean of debit note in Hindi) सके।
अब कई बार यह देखने में आता है कि बाद में उस सामान की निश्चित कीमत से कम राशि का ही भुगतान किया गया है जबकि ज्यादा राशि का भुगतान किया जाना था। कहने का अर्थ यह हुआ कि जो व्यक्ति सामान बेच रहा है, उसे अपने सामान की कम कीमत मिली है या किसी अन्य कारण से वह डील कम पैसे में हुई है लेकिन वह भारत सरकार को ज्यादा पैसा बता चुका है। वहीं दूसरी ओर, जिस व्यापारी ने उस सामान को ख़रीदा है, वह भी सप्लायर को पैसा दे चुका होता (Debit note kya hai) है।
ऐसी स्थिति में डेबिट नोट को जारी किया जाता है ताकि बही खाते को सही रखा जा सके और भारत सरकार को जो जानकारी दी गयी है, उसे ठीक किया जा सके। यह बहुत बार देखने में आता है कि दो लोगों के बीच जो समझौता हुआ है, उसमे कुछ परिवर्तन हो जाता है या किसी अन्य कारणवश डेबिट नोट को जारी करने की नौबत आ जाती (What is debit note in Hindi) है। तो इसके कारण और उदाहरण हम आपको बताने जा रहे हैं।
डेबिट नोट जारी करने के कारण (Debit note reasons in Hindi)
डेबिट नोट को जारी किये जाने के दो कारण हो सकते हैं और यह दो कारण खरीददार व विक्रेता के लिए भिन्न भिन्न होते हैं। आइये दोनों ही कारणों के बारे में जान लेते (Reasons of debit note in Hindi) हैं।
- सामान को बेचने वाला व्यक्ति उस सामान के वास्तविक मूल्य से कम चार्ज ले लेता है तो वह खरीददार को बचा हुआ पैसा देने के लिए डेबिट नोट को जारी करता है। उदाहरण के रूप में राम ने श्याम को 10 हज़ार का सामान बेचा लेकिन उसने केवल 9 हज़ार रुपये ही जीएसटी में दिखाए तो बाकि का एक हज़ार श्याम से लेने के लिए वह उसे डेबिट नोट जारी करेगा।
- वहीं उलट स्थिति में यह देखने में आता है कि कई बार श्याम राम से सामान खरीद तो लेता है, लेकिन अब उसे उतने सामान की जरुरत नहीं है या कुछ सामान ख़राब आया है या अन्य किसी कारण से वह कुछ सामान को वापस कर देता है और बदले में उसे उस सामान का मूल्य वापस चाहिए होता है। तो उस स्थिति में श्याम के द्वारा राम को डेबिट नोट जारी किया जाता है
डेबिट नोट के उदाहरण (Debit note example in GST in Hindi)
ऊपर आपने डेबिट नोट को जारी किये जाने के दो कारण पढ़े लेकिन अभी भी आपके मन में इसको लेकर आशंका हो रही होगी और आपको यह अच्छे से समझ नहीं आया होगा। तो अब हम आपको डेबिट नोट जारी किये जाने के दो उदाहरण विस्तार से समझाते हैं ताकि आपको इसका अर्थ समझ में आ सके।
तो मान लीजिये कि राम ने श्याम को कुल 10 हज़ार का माल बेचा लेकिन बिल 9 हज़ार का बना दिया और उसी रकम को उसने भारत सरकार के जीएसटी पोर्टल पर दिखा दिया। अब भारत सरकार तो राम से 9 हज़ार के माल की बिक्री के अनुसार उससे उस पर जीएसटी ले लेगी। बाद में राम को बही खाते में रकम मेल खाती हुई नहीं दिखती है और उसे अपनी गलती का अहसास होता है। तो वह श्याम को एक हज़ार रुपये का डेबिट नोट जारी करता है और वह डेबिट नोट भारत सरकार को भी दिखाता है ताकि हुई भूल को सुधारा जा (Debit note example in Hindi) सके।
दूसरी स्थिति में, यह देखने में आता है कि बहुत से खरीददार मिले माल को कुछ मात्रा में या पूरी मात्रा में वापस कर देते हैं और यह कई कारणों से हो सकता है। अब राम ने तो भारत सरकार को 10 हज़ार की डील दिखा दी थी और श्याम ने भी दिखा दिया था लेकिन अब जब श्याम ने राम को 3 हज़ार का माल वापस भेज दिया है तो श्याम राम को 3 हज़ार का डेबिट नोट जारी करता है और उसे वह रकम वापस देने को कहता है। इसी के साथ ही वह उस परिवर्तित हुई डील को 3 हज़ार के डेबिट नोट के जरिये भारत सरकार को दिखाता है ताकि उस पर ही जीएसटी लिया जा (Example of debit note in Hindi) सके।
जीएसटी में क्रेडिट नोट क्या है? (Credit note in GST in Hindi)
अब जब आपने डेबिट नोट के बारे में इतनी जानकारी ले ली है तो निश्चित तौर पर आपको क्रेडिट नोट के बारे में भी जानकारी ले लेनी चाहिए। क्रेडिट नोट कुछ और नहीं बल्कि डेबिट नोट जारी किये जाने की स्थिति में उलटी दिशा से क्रेडिट नोट जारी किये जाने का एक नियम है। अर्थात पहले वाली स्थिति में सप्लायर या व्यापारी जो डेबिट नोट जारी करते हैं तो उसके सामने वाला उस व्यक्ति को उतने का ही क्रेडिट नोट जारी करता है। फिर भी हम आपको क्रेडिट नोट के बारे में विस्तार से जानकारी दे देते हैं ताकि आपके मन की सभी शंकाओं पर विराम लग (Credit note kya hai) सके।
तो क्रेडिट नोट तब जारी किया जाता है जब किसी सप्लायर के द्वारा अपने द्वारा बेची गयी वस्तु के वास्तविक मूल्य से ज्यादा मूल्य को बिल या इनवॉइस में जोड़ दिया जाता है और वह भारत सरकार को ज्यादा मूल्य की बिक्री दिखा देता है। एक तरह से इसमें भी वही सब स्थितियां व कारण अप्लाई होते हैं जो डेबिट नोट की दिशा में लागू हो रहे थे, बस इसे सामने वाला व्यक्ति डेबिट नोट के बदले में जारी करता (Credit note kya hoti hai) है।
कहने का अर्थ यह हुआ कि सप्लायर या व्यापारी के द्वारा जितने भी रुपयों का डेबिट नोट जारी किया जा रहा है तो वह जिस किसी को भी वह डेबिट नोट जारी कर रहा है, वह व्यक्ति बदले में उतने रुपयों का ही क्रेडिट नोट जारी करता है। अब व्यापार में मूल्य में जो भी परिवर्तन हुआ है तो उसका प्रभाव खरीददार व विक्रेता दोनों पर ही पड़ता है और दोनों ही भारत सरकार को क्रय विक्रय पर जीएसटी देते हैं। तो दोनों को ही कुछ ना कुछ दिखाना होता है ताकि उसी के अनुसार ही टैक्स में परिवर्तन कर सही जीएसटी जोड़ा जा सके। ऐसी स्थिति में ही क्रेडिट नोट को जारी किया जाता (What is credit note in Hindi) है।
क्रेडिट नोट जारी करने के कारण (Credit note reason in GST in Hindi)
क्रेडिट नोट को जारी करने के भी वही कारण होते हैं जो डेबिट नोट को जारी किये जाने की स्थिति में होते हैं लेकिन बस आपको इसे दूसरे पक्ष की ओर से देखना होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि अब आपको सामने वाले का पक्ष देखना (Reasons of credit note in Hindi) होगा। आइये समझ लेते हैं।
- जब किसी सप्लायर के द्वारा दुकानदार को माल बेचा जाता है और वह माल 10 हज़ार का है लेकिन वह गलती से इनवॉइस या बिल में उसका मूल्य 11 हज़ार लिख देता है तो उस स्थिति में उसे क्रेडिट नोट को जारी करना होता है और बाकि का एक हज़ार रूपया उसे लौटाना होता है।
- दूसरी स्थिति में यदि व्यापारी को जितना माल चाहिए था या जितने का उसने भुगतान किया था, उससे उसे कम माल मिलता है तो वह ज्यादा माल मांगता है या अपने द्वारा भेजा गया पैसा वापस मांगता है तो उस समय भी वह क्रेडिट नोट को जारी करता है।
क्रेडिट नोट के उदाहरण (Credit note example in GST in Hindi)
अब हम क्रेडिट नोट को जारी किये जाने के उदाहरण भी समझ लेते हैं ताकि आपको इसके बारे में भी अच्छे से समझ में आ जाए। अब सबसे पहले सप्लायर वाला उदाहरण ले लेते हैं। जब कोई सप्लायर अपना माल बेचता है और वह सामने वाले से उसके अनुपात में ज्यादा राशि ले लेता है या बिल में ज्यादा राशि अंकित कर देता है तो वह एक तरह से भारत सरकार को ज्यादा राशि पर जीएसटी दे देता है जबकि उसे कम पर वह देना चाहिए (Example of credit note in Hindi) था।
ऐसी स्थिति में वह क्रेडिट नोट जारी करता है और जितनी ज्यादा राशि ली गयी है, उसे उसमे दर्ज करता है। इस क्रेडिट नोट के माध्यम से वह भारत सरकार को बताता है कि उससे ज्यादा जीएसटी ले लिया गया है और अब भारत सरकार उसे बचा हुआ जीएसटी क्रेडिट कर दे अर्थात उसे वापस दे दे। तो यह तो क्रेडिट नोट की एक स्थिति हो गयी, इसकी दूसरी स्थिति को भी उदाहरण सहित समझ लेते (Credit note example in Hindi) हैं।
तो क्रेडिट नोट जारी करने की दूसरी स्थिति में वह व्यापारी जो माल खरीद रहा है, उसे जारी करना होता है। अब यदि उसे भेजी गयी रकम से कम मात्रा या संख्या में माल मिलता है तो उस स्थिति में वह अपना बचा हुआ पैसा वापस माँग लेता है। इसी के साथ ही उसे भारत सरकार को भी यह बताना होता है कि उसने कम पैसों का माल ख़रीदा है और ऐसे में उससे कम जीएसटी लिया जाए। तो वह उतने ही पैसों का एक क्रेडिट नोट जारी कर देता है और भारत सरकार को दिखाता है।
जीएसटी में डेबिट नोट और क्रेडिट नोट क्या होते हैं – Related FAQs
प्रश्न: क्रेडिट नोट और डेबिट नोट क्या है उदाहरण सहित?
उत्तर: क्रेडिट नोट और डेबिट नोट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आपको ऊपर के लेख में मिलेगी।
प्रश्न: क्रेडिट नोट वाउचर क्या है?
उत्तर: क्रेडिट नोट के बारे में संपूर्ण जानकारी आपको ऊपर के लेख से मिल जायेगी।
प्रश्न: क्रेडिट नोट को हिंदी में क्या कहते हैं?
उत्तर: क्रेडिट नोट को हिंदी में साख पत्र कहते हैं।
प्रश्न: डेबिट नोट से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: डेबिट के बारे में संपूर्ण जानकारी को हमने ऊपर के लेख के माध्यम से बताने का प्रयास किया है जो आपको पढ़ना चाहिए।
प्रश्न: क्रेडिट नोट कौन जारी करता है?
उत्तर: क्रेडिट नोट को विक्रेता या व्यापारी लिखता है।
प्रश्न: डेबिट नोट कौन लिखता है?
उत्तर: डेबिट नोट को ग्राहक या क्रेता लिखता है।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने क्रेडिट नोट और डेबिट नोट के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली है। आपने जाना कि जीएसटी में क्रेडिट नोट और डेबिट नोट क्या होता है डेबिट नोट और क्रेडिट नोट जारी होने के कारण और उदाहरण क्या है। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह जानकारी आपको मिल गई होगी। यदि कोई शंका या प्रश्न आपके मन में डेबिट नोट और क्रेडिट नोट को लेकर शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।